सोनम वांगचुक को जोधपुर जेल में किया गया शिफ्ट, जानें NSA के तहत गिरफ्तारी क्यों हुई गिरफ्तारी?
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लेह में हुई हिंसा के तीन दिन बाद प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया है। वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है। उन पर हिंसा भड़काने के आरोप लगाए गए हैं। लद्दाख हिंसा मामले में एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को लेह से गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन्हें राजस्थान के जोधपुर शिफ्ट कर दिया है।
सोनम वांगचुक को लद्दाख पुलिस ने शुक्रवार की दोपहर लेह से गिरफ्तार किया था। लद्दाख पुलिस प्रमुख एस.डी. सिंह जामवाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने गुरुवार दोपहर करीब ढाई बजे सोनम वांगचुक को हिरासत में लिया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया। इस दौरान जोधपुर पुलिस कमिश्नर भी उनके साथ मौजूद रहे। एयरफोर्स स्टेशन से विशेष सुरक्षा घेराबंदी के बीच उन्हें सीधे जेल पहुंचाया गया।
सोनम वांगचुक को लेह से जोधपुर जेल क्यों लाया गया?
यह सवाल अब उठ रहा है कि पुलिस ने सोनम वांगचुक को लद्दाख या आसपास की किसी जेल में रखने की बजाय करीब 1500 किलोमीटर दूर जोधपुर क्यों भेजा? सूत्रों के अनुसार इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। दरअसल, जोधपुर सेंट्रल जेल हाई सिक्योरिटी जेल है, जहां सुरक्षा व्यवस्था अत्याधुनिक है। वांगचुक को लद्दाख से दूर रखने का उद्देश्य क्षेत्र में आगे किसी संभावित अशांति या विरोध प्रदर्शन को रोकना है। इसके साथ ही जोधपुर जेल में सुरक्षा और निगरानी का स्तर काफी मजबूत है, जिससे किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
वांगचुक पर युवाओं को उकसाने का आरोप
सोनम वांगचुक पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लद्दाख में प्रदर्शन कर रहे युवाओं को उकसाने का आरोप लगाया था। लेह पुलिस के मुताबिक 24 सितंबर को प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने सोनम वांगचुक के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की थीं, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई
हिंसक प्रदर्शन में चार की मौत
लद्दाख में छठवीं अनुसूची और राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच सोनम वांगचुक चर्चा में आ गए हैं। सोनम वांगचुक ने 10 सितंबर को लेह शहर में अनशन शुरू किया था। उनकी मांग थी कि लद्दाख क्षेत्र को छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, राज्य का दर्जा दिया जाए और क्षेत्र के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। हालांकि 24 सितंबर को उनका अनशन उस समय खत्म हुआ जब शहर में हिंसा फैल गई। भीड़ ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया। सीआरपीएफ के एक वाहन को आग लगा दी गई। भाजपा कार्यालय और लेह की प्रमुख संस्था के कार्यालय में भी आग लगी। डीजीपी के वाहन को प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। स्थिति बेकाबू होने पर सुरक्षा बलों ने फायरिंग की। इसमें चार प्रदर्शनकारी मारे गए और करीब 70 लोग घायल हुए। कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए लेह शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया। गुरुवार शाम को कारगिल में भी कर्फ्यू लगाया गया। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।
सोनम वांगचुक के एनजीओ पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप
इस बीच वांगचुक के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लग रहे हैं। सोनम वांगचुक पर आरोप है कि उनके एनजीओ हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख ने अपने एफसीआरए अकाउंट में स्थानीय दान प्राप्त किया, जो विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) 2010 के सेक्शन 17 का स्पष्ट उल्लंघन है। इसके अलावा, एचआईएएल ने एफसीआरए रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने से पहले ही विदेशी फंड प्राप्त कर लिया था, जो इसी कानून के सेक्शन 11 का उल्लंघन है।
Sep 27 2025, 10:54