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नशा के खिलाफ खिलाड़ियों को किया गया जागरूक दिलाई गई शपथ

औरंगाबाद- जिला खेल पदाधिकारी के निर्देशन में इंडोर स्टेडियम में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों को नशा के खिलाफ शपथ दिलाई गई।

जिला खेल पदाधिकारी कुमार पप्पू राज ने बताया कि समाज को नशा से दूर रहना चाहिए. नशा मनुष्य को अंदर से खोखला कर देता है. खिलाड़ियों को खुद भी नशा से दूर रहना चाहिए और समाज में नशा के खिलाफ जागरूकता फैलाना चाहिए.

इस दौरान कुश्ती,फुटबाल और कबड्डी संघ के अध्यक्ष कान्हा सिंह, इंडोर स्टेडियम कोच अजय कुमार, राजीव कुमार रंजन, अजय कुमार फुटबाल कोच, आर के क्लासेस के राजेश कुमार सिंह, आदित्य राज, फुटबॉल खिलाड़ी तेजस्वी प्रकाश और अन्य खिलाडी मौजूद रहे।

बिहार चुनाव 2025: जदयू पुराने विधायकों का टिकट काट सकती है, नई रणनीति पर काम शुरू

औरंगाबाद: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने अपने विधायकों और संभावित उम्मीदवारों की कड़ी समीक्षा शुरू कर दी है। पार्टी ने इस बार 'सही उम्मीदवारों' को ही टिकट देने के लिए एक खास रणनीति बनाई है, जिसमें वर्तमान विधायकों के प्रदर्शन और जमीनी प्रभाव का गहन विश्लेषण किया जाएगा।

क्यों बनी यह रणनीति?

पार्टी सूत्रों के अनुसार, 2020 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के गलत चयन के कारण जदयू को उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिले थे। पिछले चुनाव में जदयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल 43 पर ही जीत मिली। बाद में कुछ विधायकों के पार्टी में शामिल होने से यह संख्या 45 हो गई। 2015 के मुकाबले पार्टी को 28 सीटों और डेढ़ प्रतिशत वोटों का नुकसान हुआ था। इन गलतियों को न दोहराने के लिए, पार्टी अब एक-एक विधायक के रिपोर्ट कार्ड की जांच कर रही है।

क्या होगा आगे?

प्रदर्शन का मूल्यांकन: वर्तमान विधायकों के कार्यों, उनकी जमीनी पकड़ और पिछले चुनाव में उनके प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी।

संभावित उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग: पार्टी कई सीटों पर नए चेहरों को भी मौका देने पर विचार कर रही है।

उद्देश्य: इस बार केवल उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट दिया जाएगा, जिनकी जीत की संभावना अधिक हो।

जदयू की यह रणनीति साफ दर्शाती है कि पार्टी इस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती और जीत की संभावनाओं को अधिकतम करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

आंदोलनकारियों के भय से विधायक ने नहीं किया पुलिया का उद्घाटन

हसपुरा / औरंगाबाद

प्रखंड में इन दिनों चल रहे महाआंदोलन रोड नहीं तो वोट नहीं,( चुनाव बहिष्कार ) का शिकार गोह विधायक भीम सिंह यादव को भी होना पड़ा। युवा आंदोलनकारियों का गुस्सा देख उन्हें अपना कार्यक्रम बदल कर बैरंग वापस लौटना पड़ा।

बुधवार को उन्हें अमझरशरीफ में एक पुलिया का उद्घाटन करने जाना था। लेकिन कार्यक्रम स्थल से पहले हीं सैंकड़ों आंदोलनकारी युवा काले झंडे लेकर विरोध में नारे लगाते हुए बरैलीचक मोड़ पर खड़े हो गये। स्थिति को बिगड़ता देख विधायक ने अपने कुछ समर्थकों को वहां भेजा।

विधायक के समर्थक आंदोलनकारियों से उलझ गये और धमकी देने लगे। इससे युवाओं का गुस्सा और बढ़ता चला गया। आलम यह हुआ कि आखिरकार विधायक भीम सिंह यादव को पुलिया का उद्घाटन किये बगैर वापस लौटना पड़ा।

- क्या है विरोध का मामला

आंदोलन का कारण है हसपुरा-देवकुंड रोड का बेहद हीं जर्जर होना। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुधीर सिंह ने कहा कि यह सड़क हसपुरा और देवकुंड के दर्जनों गांवों के लिए जीवनरेखा की तरह है। बाबा दूधेश्वर नाथ की नगरी देवकुंड और पाक सैय्यदना का मजार अमझर शरीफ जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं,जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसके बावजूद कई दशकों से सड़क की हालत ऐसी है कि पैदल चलना भी मुश्किल है। एंबुलेंस वाले इस रोड में आने से इन्कार कर देते हैं। लोग इस रोड पर सफर से बचने के लिए दुगनी दूरी तय कर पीरु रघुनाथपुर वाले रोड से जाते-आते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की सहनशक्ति अब जवाब दे चुकी है और दर्जन भर गांवों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। साथ ही,यह भी तय किया है कि उन गांवों में किसी भी नेता को घुसने नहीं देंगे। दर्जन भर गांवों में चुनाव बहिष्कार के बैनर-पोस्टर ग्रामीणों ने लगा रखा है।

नारेबाजी करते रहे आंदोलनकारी

हसपुरा और अमझरशरीफ के बीच बरैलीचक मोड़ पर आंदोलनकारी बुधवार को दिन भर रोड नहीं तो वोट नहीं और नालायक नेता मुर्दाबाद के नारे लगाते रहें। साथ हीं वे विरोध के रूप में काले झंडे भी लहरा रहे थें। इससे पहले आंदोलन के समर्थन में युवाओं ने रविवार को हसपुरा बाजार में रैली निकाली थी। आंदोलनकारियों ने चुनाव बहिष्कार के समर्थन में आगामी 22 सितम्बर दिन सोमवार को सम्पूर्ण हसपुरा बंद का भी आह्वान किया है।

आंदोलन में विकास कुमार, शाहबाज मिन्हाज,किशोर कुमार, बिजेंत मौर्या,राहुल कुमार, दिलशाद अंसारी,आदिल अंसारी,अंकित पटेल,अफजल, इश्तेयाक,नैयर,आसिफ,शहीद, भोलू,जावेद,अभय कुमार,रितेश सहित अन्य सैंकड़ों की संख्या में युवा शामिल थें।

- धमकी का हो सकता है साइड इफेक्ट

आम मतदाताओं को विधायक के समर्थकों द्वारा जेल भेजवाने और झूठे मुकदमें में फंसाने की धमकी आरजेडी के लिए भारी पड़ सकता है। अब तक इस आंदोलन के निशाने पर सभी नेता और राजनीतिक दल रहे हैं। परंतु,बुधवार को विधायक के समर्थकों ने युवाओं के साथ जिस धमकी भरे लहजे में बातचीत की,उससे लोगों में आरजेडी के लिए नाराजगी बढ़ गई है। इसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में आरजेडी को भुगतना पड़ सकता है।

अधिक मूल्य पर खाद बेचने वाले दुकान को किया गया सील,लाइसेंस किया गया निरस्त..

मीडिया दर्शन ,औरंगाबाद जिले में किसानों को यूरिया खाद के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है, वहीं खाद दुकानदारों द्वारा अधिक मूल्य पर खाद बेचने की शिकायत आ रही है. आज देव के बालूगंज में स्थित विष्णु खाद भंडार पर आज एक बड़ी कार्रवाई की गई। गुप्त सूचना के आधार पर जिला प्रशासन की एक टीम ने इस प्रतिष्ठान पर छापा मारा, जहां उन्हें कई अनियमितताएं मिलीं।

छापेमारी के दौरान यह पाया गया कि दुकानदार निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर किसानों को उर्वरक बेच रहा था। इसके अलावा, प्रतिष्ठान में मौजूद उर्वरक के स्टॉक और रजिस्टर में दर्ज स्टॉक की मात्रा में भी भारी अंतर पाया गया।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के प्रावधानों के तहत की गई है। इन गंभीर उल्लंघनों के मद्देनजर, विष्णु खाद भंडार का उर्वरक वितरण लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है

और प्रतिष्ठान को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। इस कार्रवाई को किसानों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उर्वरकों की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में भी ऐसी शिकायतें मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

औरंगाबाद में यूरिया के लिए आपस में भिड़े किसान, कृषि विभाग पर उठे सवाल

औरंगाबाद - मंगलवार को औरंगाबाद मुख्यालय स्थित बिस्कोमान केंद्र पर यूरिया लेने पहुंचे किसान आपस में ही भिड़ गए, जिसका एक वीडियो भी सामने आया है। किसानों का आरोप है कि महीनों से खाद के लिए चक्कर लगाने के बाद जब आज यूरिया मिलने की जानकारी मिली, तो पहले खाद लेने की होड़ में उनके बीच मारपीट हो गई।

कृषि पदाधिकारी बोले - जल्द दूर होगी यूरिया की कमी

इस घटना पर, जिला कृषि पदाधिकारी संदीप राज ने बताया कि जिले में उर्वरक की कमी को जल्द ही दूर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बिस्कोमान केंद्र पर 1,000 बोरी यूरिया भेजी गई थी, लेकिन किसानों की जल्दबाजी के कारण यह घटना हुई। उन्होंने यह भी कहा कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में 10,912 बैग यूरिया भेजा गया है और आज भी यूरिया की रैक आने की उम्मीद है, जिसे प्रखंडों में वितरित किया जाएगा।

सरकारी आंकड़े और जमीनी हकीकत में अंतर

हालांकि, कृषि विभाग के दावों के बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और ही है। किसानों का कहना है कि जिन दुकानों पर यूरिया भेजा गया है, वहां ताला लगा हुआ है या दुकानदार स्टॉक खत्म होने की बात कहकर उन्हें लौटा रहे हैं। किसानों की शिकायत है कि कई जगहों पर यूरिया प्रति बैग 500 रुपये तक में बेचा जा रहा है, और दुकानदार जान-पहचान वालों को ही खाद दे रहे हैं।

शिकायतों पर भी नहीं हो रही कार्रवाई

यूरिया की कालाबाजारी और अनियमित बिक्री की लगातार शिकायतें मिल रही हैं, लेकिन कृषि विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही। कुटुंबा प्रखंड में एक मुखिया द्वारा ट्रक पर 900 बैग यूरिया लाकर बेचे जाने का मामला सामने आया है। नियमों के अनुसार, खाद की बिक्री पॉश मशीन के जरिए होनी चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। सवाल यह है कि जब लाइसेंसी दुकानदारों को खाद नहीं मिल पा रहा, तो मुखिया को इतनी बड़ी मात्रा में यूरिया कैसे उपलब्ध हुआ? इस पर कृषि विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे किसानों में नाराजगी है।

जितिया पर्व पर सोन नदी में डूबे दोनों युवतियों के परिजनों को डीएम ने दिया चार चार लाख का मुआवजा

औरंगाबाद, संतान की लम्बी उम्र के लिए मनाये जाने वाली जीउतिया पर्व के अवसर पर सोन नदी में स्नान के दौरान दो युवतियों की डूबने से मौत हो गई थी। मौत के बाद गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया था। यह घटना नबीनगर अंचल अंतर्गत एनटीपीसी थाना क्षेत्र के केरका पंचायत के ग्राम धुंधुआ में घटी थी।

गाँव में कुल 5 बच्चे डूब गए थे, जिनमें से 3 को स्थानीय ग्रामीणों की तत्परता एवं साहसिक प्रयास से सुरक्षित बचा लिया गया था। लेकिन इस दौरान 2 युवतियों संगीता कुमारी एवं मुनी कुमारी, उम्र लगभग 18 वर्ष डूबने से असामयिक मृत्यु हो गई थी।

घटना की सूचना मिलते ही औरंगाबाद जिला पदाधिकारी, श्रीकांत शास्त्री के निर्देश पर अंचलाधिकारी, नबीनगर के द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई। आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार सरकार के प्रावधानों के अंतर्गत मृतक बच्चियों के आश्रित परिवार को चार-चार लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान चेक घटना के 24 घंटे के भीतर प्रदान किया गया। जिला प्रशासन इस हृदयविदारक घटना से शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता है तथा हर संभव सहयोग एवं सहायता प्रदान करने का आश्वासन देता है।

संजीव सिंह को मिल रहा भारी जन समर्थन

रविवार को नबीनगर विधानसभा क्षेत्र से संभावित विधायक प्रत्याशी जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता संजीव कुमार सिंह ने जनता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए केरका पंचायत के नारायणपुर, बसंतपुर , केरका, खदहा, रामनगर, कालीबीघा, कुशवाहा नगर, धुँधुआ, नेयामतपुर, रामबाग, मंगाबार, कजराईं, झिकटिया, कर्मा, जगजीवन बीघा, सलेया, पिरौंटा, एघारा, खैरा, खपिया, उरदाना समेत कई गाँवों का दौरा किया। इस दौरान संजीव सिंह को भारी जन समर्थन मिलता हुआ दिखाई दिया। लोगों ने "नीतीश कुमार जिंदाबाद", "एनडीए जिंदाबाद" के साथ-साथ "सबको देखा बार-बार, अबकी बार संजीव कुमार" के जोरदार नारे लगाए। गाँव के लोग संजीव सिंह को अपने बीच पाकर काफी उत्साहित थे। नारायणपुर से शुरू हुआ यह दौरा केरका पहुँचते ही रोड शो में परिवर्तित हो गया और लोगों का हुजूम संजीव सिंह के समर्थन में उनके साथ-साथ चलने लगा। कहीं पर ढोल-बाजा तो कहीं पर पुष्प-वर्षा कर संजीव का भव्य स्वागत हुआ। संजीव जिस गाँव में जा रहे थे, उस गाँव के लोग बड़ी संख्या में उन्हें फूल-माला पहना कर गर्मजोशी के साथ उनका अभिनंदन कर रहे थे। "नबीनगर का विधायक कैसा हो, संजीव भैया जैसा हो" के नारे लगाकर लोग अपने मन में छिपे भावनाओं को प्रकट कर रहे थे। ग्रामीण महिलाओं ने तिलक लगाकर संजीव सिंह को 'विजय श्री' का आशीर्वाद दिया। संजीव हाथ जोड़कर लोगों से आशीर्वाद प्राप्त कर रहे थे। संजीव को मिल रहे भारी जन समर्थन ने नबीनगर की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है।

औरंगाबाद की 54 महिला सामाजिक अंकेक्षण कार्यकर्ता तीन साल से बकाया मानदेय के लिए परेशान

औरंगाबाद: बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के लिए काम करने वाली 54 महिला सामाजिक अंकेक्षण कार्यकर्ता पिछले तीन साल से अपने बकाया मानदेय के लिए भटक रही हैं। इन महिलाओं का कहना है कि उन्होंने 2018-19 में जीविका के माध्यम से सामाजिक अंकेक्षण कार्यकर्ता के रूप में काम करना शुरू किया था, लेकिन अब उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है।

क्या है मामला?

इन महिलाओं को लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद चुना गया था और उन्हें हर दिन ₹600 के हिसाब से 24 दिनों के लिए काम देने का वादा किया गया था। इस वादे की वजह से उन्होंने अपने पुराने काम (जैसे कि सीएम, लेखापाल, आदि) छोड़ दिए थे, जिनमें उन्हें कम वेतन मिलता था।

महिलाओं का कहना है कि वे अभी भी मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, नल जल योजना और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए घर-घर जाकर सत्यापन और सामाजिक अंकेक्षण का काम कर रही हैं। इसके बावजूद, उन्हें पिछले तीन साल से उनका मानदेय नहीं मिला है।

बकाया भुगतान और अन्य मांगें

बकाया भुगतान की मांग को लेकर सामाजिक अंकेक्षण कार्यकर्ता संघ, औरंगाबाद की अध्यक्ष कलावती देवी और अन्य सदस्यों ने मुख्यमंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री और जीविका के अधिकारियों को पत्र लिखा है।

इन महिलाओं की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:

बकाया मानदेय का तुरंत भुगतान

दैनिक पारिश्रमिक के बजाय मासिक मानदेय

महंगाई को देखते हुए मासिक मानदेय ₹30,000 से ₹40,000 करना

यात्रा भत्ता और अन्य खर्चों के लिए प्रतिमाह ₹6,000 का भत्ता

सभी कार्यकर्ताओं का जीवन बीमा

विभागीय पहचान पत्र और नियुक्ति पत्र

काम में पारदर्शिता के लिए मोबाइल या टैबलेट उपलब्ध कराना

काम के दौरान निधन होने पर परिवार को मुआवजा

जीविका द्वारा प्रतिदिन ₹40 की कटौती बंद करना

संविदा कर्मी का दर्जा और सभी सुविधाएं देना

नियमित रूप से काम देना

औरंगाबाद - गोह प्रखंड प्रमुख की अध्यक्षता में बीडीसी की बैठक आयोजित

गोह (औरंगाबाद) गोह प्रखंड कार्यालय स्थित सभाकक्ष में शुक्रवार को प्रखंड प्रमुख खुशबू कुमारी के नेतृत्व में बीडीसी की बैठक की गई। इस मौके पर उपस्थित मुखिया, पंचायत समिति सदस्य एवं विभागीय अधिकारीयों से क्रियान्वित योजनाओं की जानकारी ली गई।

गोह पंसस गणेश गुप्ता ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि उपहारा रोड स्थित

ग्राम तुलसी बिगहा में एक प्राथमिक विद्यालय की जरूरत है। वहीं बाजार बर्मा वार्ड नंबर एक में वर्ष 2019-20 का मृत्यु प्रमाण पत्र का रिकॉर्ड लिस्ट उपलब्ध कराया जाए। मुखिया लोगों ने बताया कि पंचायत सरकार भवन में लेखापाल की पद रिक्त हैं इन्हें जल्द पूर्ण किया जाए।

वहीं प्रखंड प्रमुख ने कहा कि गोह डाक-बंगला स्थित बस स्टैंड होने के बाद भी बस मालिकों के द्वारा अपने वाहन को गोह चौक पर खड़ा किया जाता है। जिससे यातायात बाधित हो जाती है। वहीं स्वास्थ्य प्रबंधक राज प्रकाश सिंह ने बताया कि तेयाप पंचायत के हमीदनगर गांव में उपस्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन करना है। लेकिन सरकारी भवन नहीं रहने के कारण संचालित नहीं हो रहा है।

तत्काल उपस्वास्थ्य केंद्र के लिए सरकारी भवन में एक कमरे की व्यवस्था की जाए।वहीं इस बैठक में शामिल बीडीओ डॉ राजेश कुमार दिनकर ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र से लेकर सरकार के विभिन्न क्रियान्विति योजनाओं की जानकारी पंचायत प्रतिनिधियों से ली और क्षेत्र में अधूरे कार्य को जल्द पूर्ण करने का आदेश दिया है। इस मौके पर बाल विकास परियोजना अधिकारी ओनम, सीओ संजय कुमार, बीईओ अशोक कुमार सिंह, जीविका प्रबंधक राज कपूर रमन,पंसस सत्यपाल उर्फ भोला यादव, दधपी मुखिया उर्मिला देवी सहित कई पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहे।

बैठक के खिलाफ 13 पंचायत समिति सदस्यों ने प्रमुख व बीडीओ पर लगाया गंभीर आरोप

वहीं शुक्रवार को गोह प्रमुख खुशबू कुमारी एवं बीडीओ डॉ राजेश कुमार दिनकर के खिलाफ 13 पंचायत समिति सदस्यों ने बीडीसी की बैठक का विरोध किया है।पंसस ने कहा कि प्रखंड प्रमुख के द्वारा मद योजनाओं में 15 वीं वित, षष्ठम वित एवं पंचम वित योजनाओं में कार्य पूर्ण करने के बाद प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि रंजीत कुमार के द्वारा पंसस से पांच पर्सेंट कमीशन की मांग किया जाता है। पंचायत समिति की बैठक में 15वीं वित्त योजना की सूची के माध्यम से ईपीडीपी पर लोड किया जाता है और बीपीआरओ के उपर दबाव बनाकर राशि को बढ़ाकर फौरमेट तैयार करने के लिए आदेश जेई को दिया जाता है। वहीं बाकी पंसस को नजर अंदाज कर दिया जाता है। योजनाओं की राशि पंसस को बराबर का शेयर नहीं मिलता है। प्रखंड प्रमुख खुशबू कुमारी मनमाने ढंग से काम करती है। उनके समर्थक सदस्यों को डोंगल के माध्यम से राशि आवंटित की जाती है। जब इसकी शिकायत बीडीओ के पास करते हैं तो उन्होंने प्रमुख के पास जाने के लिए कहते हैं।पंसस का शिकायत सुनने के लिए प्रखंड में कोई अधिकारी तैयार नहीं है। गोह बीडीओ डॉ राजेश कुमार दिनकर भी पंचायत समिति योजनाओं की राशि मनमानी रुप से कार्यालय की मरम्मती के नाम पर दुरुपयोग कर रहे हैं। इस तरह मनमाने ढंग से काम करने वाले अधिकारियों के खिलाफ पंचायत समिति सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए बीडीसी बैठक का विरोध किया। इस संदर्भ में प्रखंड प्रमुख खुशबू कुमारी ने कहा कि मेरे खिलाफ पहले भी अविश्वास प्रस्ताव इनके द्वारा लाया गया था।ये लोग बराबर हमारे उपर दबाव बनाते रहते हैं।वे लोग जो भी आरोप लगा रहे हैं,सब बेबुनियाद झूठा है।जिस तरह से पंचायत समिति सदस्यों का डोंगल मेरे पास आता है, वैसे ही उन्हें पेमेंट कर दिया जाता है। इस बैठक के विरोध में उपस्थित पंसस महेश कुमार रामकुमार पासवान रामराज पासवान, रमाकांत शर्मा, बेला कुमारी, मनीष कुमार गीता देवी, पूनम कुमारी, रामाशीष यादव, मनोज कुमार, नगीना कुमारी सहित कई लोग मौजूद थे।

औरंगाबाद में डिबेट शो के दौरान भिड़े भाजपा के पूर्व सांसद और कांग्रेस विधायक

औरंगाबाद (बिहार): औरंगाबाद शहर में गुरुवार शाम एक दैनिक अखबार द्वारा आयोजित डिबेट शो के दौरान भाजपा के पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह और कांग्रेस विधायक आनंद शंकर सिंह के समर्थक आपस में भिड़ गए। यह तीखी बहस पूर्व सांसद द्वारा दिए गए एक बयान पर शुरू हुई थी।

पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह ने डिबेट शो में कहा था कि पिछली सरकार ने कोई काम नहीं किया और उनकी सरकार पिछली सरकारों के "पाप की गठरी" ढो रही है। इस पर कांग्रेस विधायक आनंद शंकर सिंह ने आपत्ति जताते हुए कहा कि उनके पिता भी कांग्रेस से दो बार विधायक रहे हैं, तो क्या इसका मतलब है कि उन्होंने भी कोई काम नहीं किया?

विधायक आनंद शंकर सिंह ने जब सुशील सिंह के पिता के बारे में बात की तो पूर्व सांसद भड़क गए और तल्ख लहजे में बोले, "बाप-दादा पर मत आइए, कुछ भी हो जाएगा।"

इसके बाद दोनों नेताओं के समर्थक आक्रोशित हो गए और मंच के नीचे आपस में भिड़ गए। उनके बीच जमकर धक्का-मुक्की और खींचतान हुई। दोनों पक्षों के समर्थक अपने नेता के समर्थन में नारेबाजी करने लगे, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया और मारपीट की नौबत आ गई। हालांकि, जदयू के जिलाध्यक्ष और रफीगंज के पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह ने बीच-बचाव कर दोनों नेताओं और उनके समर्थकों को शांत कराया, जिससे एक बड़ी हिंसक घटना टल गई।