भाजपा का हेमंत सरकार पर बड़ा आरोप: 'अबुआ सरकार में सबसे ज्यादा लूटे-पीटे जा रहे गरीब आदिवासी'
रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सरकार पर तीखा निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस 'अबुआ सरकार' का नारा दिया गया, उसी में सबसे अधिक गरीब आदिवासी लूटे और पीटे जा रहे हैं। श्री मरांडी ने यह बात दो प्रमुख मुद्दों- सामाजिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा की कथित हत्या और नगड़ी के रैयतों की जमीन छीने जाने के विरोध में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कही।
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श्री मरांडी ने घोषणा की कि इन दोनों मुद्दों को लेकर भाजपा आगामी 11 सितंबर को राज्य के सभी 216 प्रखंडों में जोरदार प्रदर्शन करेगी। इस दौरान प्रखंड विकास अधिकारी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।
सूर्या हांसदा मामले में सीबीआई जांच की मांग
बाबूलाल मरांडी ने सूर्या हांसदा की मौत को पुलिस द्वारा बताया गया 'एनकाउंटर' नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या बताया। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा एक सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता थे, जिन्होंने बोरियो विधानसभा क्षेत्र से चार बार चुनाव लड़ा था। वे 250 से अधिक गरीब आदिवासी बच्चों के भोजन और आवास की व्यवस्था करते थे। श्री मरांडी के अनुसार, सूर्या हांसदा अवैध कोयला और पत्थर खनन के खिलाफ आवाज उठाते थे, जिससे वे अवैध कारोबार करने वालों और उनके संरक्षकों की आंखों की किरकिरी बन गए थे।
मरांडी ने आरोप लगाया कि अवैध खनन माफियाओं ने सूर्या हांसदा को रास्ते से हटाने के लिए उन्हें देवघर ले जाकर थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया और फिर गोली मारकर हत्या कर दी। उन्होंने दावा किया कि तथाकथित एनकाउंटर स्थल पर खून के छींटे तक नहीं मिले, जो पुलिस के दावे को झूठा साबित करता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यदि निर्दोष है तो इस मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा करे।
नगड़ी भूमि विवाद पर सरकार को घेरा
नगड़ी के भूमि विवाद पर बोलते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 1955-56 में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन किसानों के विरोध के बाद रसीदें भी काटी जाने लगी थीं। उन्होंने कहा कि 2012 में इस जमीन को फिर से आईआईएम और आईआईटी के लिए अधिग्रहित करने की कोशिश हुई, जिसका भी विरोध हुआ।
श्री मरांडी ने आरोप लगाया कि अब हेमंत सरकार रिम्स 2 के नाम पर नगड़ी के रैयतों की जमीन छीनने पर अड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि 24 तारीख को रैयतों ने अपनी ताकत दिखाते हुए कंटीले बाड़ों को हटाकर खेत जोते हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ तथाकथित आदिवासी सरकार है और दूसरी ओर आदिवासियों की ही जमीन छीनी जा रही है।
Sep 07 2025, 19:55