वोटबैंक की राजनीति के लिए एसआईआर का विरोध कर रहे हैं कांग्रेस, झामुमो और राजद

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री बाबूलाल मरांडी जी ने कहा कि झारखंड सरकार ने जिस प्रकार से एसआईआर का विरोध किया है तो यह वोट बैंक की राजनीति है। झारखंड प्रदेश में जिस प्रकार से जो डेमोग्राफी बदली है या बदल रही है, बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को वोट बैंक बनाए रखना इनका मकसद है। इसका एक उदाहरण राज्य सरकार ने कल स्पष्ट रूप से बता दिया है कि वह इन्हें केवल झारखंड में बसाना ही नहीं चाहती है बल्कि साथ में उन्हें मतदाता भी बनाना चाहती है ताकि झारखंड की चुनाव कांग्रेस पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल अपने पक्ष में करा सके। आप सब ने कल झारखंड की विधानसभा की कार्यवाही को देखा और आज सवेरे अखबारों में प्रमुखता से छपी इन मुद्दों से जुड़े समाचार को भी देखा होगा। श्री मरांडी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड की अलार्मिंग सिचुएशन है। इससे तो पूरा राज्य, देश प्रभावित होगा ही लेकिन इससे सीधा और तत्काल कोई प्रभावित होगा तो वह आदिवासी समाज होगा। संथाल परगना और झारखंड में दर्जनों आदिवासी महिला है जिससे इन रोहिंग्या, बांग्लादेशी मुसलमानों ने ना केवल शादी किया बल्कि मुखिया, जिला परिषद भी बने हैं। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में इसी तरह से आदिवासी महिलाओं से शादी करके रोहिंग्या, बांग्लादेशी मुसलमान सांसद, विधायक भी बनेंगे। यह दृश्य साफ दिख रहा है।
1951 में जब पहला जनगणना हुआ था तब झारखंड में आदिवासियों की संख्या 35.38 प्रतिशत थी। जबकि मुस्लिम की आबादी 8.9% थी। 2011 के जनगणना में आदिवासियों की संख्या 35.38 प्रतिशत से घटकर 26.20% हो गई। वहीं मुसलमानों की जनसंख्या 8.9% से बढ़कर 14.53% हो गई। आदिवासियों की जनसंख्या में गिरावट आई जबकि मुसलमानों की आबादी में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। यही जब ओवरऑल बात किया जाए तो 1951 में सनातनियों की आबादी 87.79% थी। 2011 में सनातनियों की संख्या घटकर 81.17% हो गई।
श्री मरांडी ने कहा कि यह नेचुरल तरीके से नहीं बढ़ सकती है। यह कृत्रिम तरीके से बढ़ी और बढ़ाई गई है। बांग्लादेश से लगातार घुसपैठ होना इसका प्रमुख कारण है। कांग्रेस, झामुमो, राजद जैसे दल इसके पक्षधर हैं। ऐसे घुसपैठियों का वोटर कार्ड, राशनकार्ड बनाना, जन्म प्रमाण पत्र बनाना, उनकी जमीन उपलब्ध कराना, उनको बसाना इनकी मंशा है। ताकि वोट में इसका फायदा उठाया जा सके। कल के विधानसभा में उनकी मंशा साफ दिखी।
अभी मतदाता सूची ज्वलंत मुद्दा है इस संबंध में एक और उदाहरण देते हुए श्री मरांडी ने कहा कि 2014 से 2019 के बीच देश के अंदर में मतदाताओं में 9.3% की वृद्धि दर्ज हुई। जबकि झारखंड में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं 2019 से 2024 के बीच देश में मत प्रतिशत में 10.1% वृद्धि हुई जबकि झारखंड में यह वृद्धि 16.7% दर्ज की गई। यह गौर करने वाली बात है। 2019 से 2024 के बीच यहां किसकी सरकार रही या बताने की जरूरत नहीं है। 2019 से 2024 के बीच राष्ट्रीय ग्रोथ से भी झारखंड में मत प्रतिशत की वृद्धि अधिक दर्ज होना, आईने की तरह सब कुछ साफ कर रहा है। यह काफी चिंता का विषय है कि इस रफ्तार से आखिर यहां पर आबादी कैसे बढ़ी, यह भी एक गहन जांच का विषय है। चूंकि 2014 से 2019 में झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार थी इसलिए यहां पर अवैध घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं थी इसलिए अधिक वृद्धि दर्ज नहीं हुई। आज वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ऐसे लोगों को इन दलों के द्वारा वोटर बनाकर बसाया जा रहा है, इसलिए इन लोगों के पेट में दर्द हो रहा है और ये दल हंगामा कर रहे हैं।
श्री मरांडी ने कुछ रिजर्व विधानसभा क्षेत्रों का आंकड़ा भी इस संदर्भ में पेश किया जो काफी चौंकाने वाले हैं। श्री मरांडी ने कहा कि सिमडेगा विधानसभा में 2019 में 2.21 लाख मतदाता थे जो 2024 में बढ़कर 2.44 लाख हो गए। इसमें ओवरऑल 10.2% की वृद्धि दर्ज हुई। यहां पर 2019 में 9308 मुस्लिम मतदाता थे जो 2024 में बढ़कर 16605 हो गए। यहां मुस्लिम मतदाताओं में 78.4% की वृद्धि दर्ज हुई है, जबकि नन मुस्लिम में 7.2% की ही वृद्धि दर्ज हुई है। यह चिंता का विषय है नहीं। यह संताल परगना का मामला नहीं है। एक प्लानिंग के तहत सब कुछ अंजाम दिया जा रहा है। इसी प्रकार कोल्हान के जगन्नाथपुर विधानसभा में 2019 में 1.71 लाख वोट थे 2024 में 1.98 लाख वोट हुए। ओवरऑल कुल वृद्धि 15.7% की थी। जबकि मुस्लिम वोटरों में यह वृद्धि 52 फ़ीसदी है वहीं गैर मुस्लिम मतों में 13% की ही वृद्धि हुई। एक कुछ चंद उदाहरण है जो दर्शाते हैं कि पूरे राज्य की डेमोग्राफी एक सुनियोजित तरीके से बदली जा रही है। इनका नाम मतदाता सूची में दर्ज कराया जा रहा है। यह केवल झारखंड नहीं बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है।
श्री मरांडी ने कहा कि आपने पूर्व में भी देखा कि चाकुलिया, घाटशिला जैसे क्षेत्रों में जहां एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है वहां एक-एक गांव में किस प्रकार सैकडों की संख्या में जन्म प्रमाण पत्र बनाया गया। इसी प्रकार जिन इलाकों में मुस्लिम आबादी नहीं है वहां भी कैसे मईयां योजना का लाभ लिया गया, आप सभी ने देखा। जब जांच हुई तब कोई मुर्शिदाबाद तो कोई मालदा का पाया गया। इसी प्रकार चतरा के प्रतापपुर में कुछ पंचायत में इतने जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए जितनी वहां की शायद जनसंख्या भी नहीं है।
श्री मरांडी ने कहा कि जब झारखंड सहित पूरे देश में डेमोग्राफी बदल रही है। चुनाव आयोग जब इन फर्जी और विदेशी मतदाताओं को हटाने और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की बात करता है तो उसे रोकने और इन फर्जी मतदाताओं को बचाने के लिए वोटबैंक की राजनीति के लिए विधान सभा में विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं, एसआईआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी इसका विरोध करेगी।
श्री मरांडी ने कहा कि हम चुनाव आयोग से मांग करेंगे कि इस प्रकार जो मतदाताओं की वृद्धि हुई है। अब एक-एक वास्तविक मतदाताओं को सत्यापित किया जाए। जो यहां के नागरिक हैं वही सूची में रहें। फर्जी मतदाताओं को तत्काल सूची से हटाया जाए। झारखंड में अभी तो चुनाव नहीं है, क्यों नहीं साल भर का ही वक्त लगे लेकिन एक एक मतदाता सत्यापित कराना भाजपा सुनिश्चित करेगी। तब ही डेमोग्राफी ठीक होगी, नहीं तो यह लोकतंत्र पर एक बड़ा खतरा साबित होगा।
इस दौरान प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी श्री योगेंद्र प्रताप सिंह जी और प्रदेश प्रवक्ता श्री रामाकांत महतो जी भी मौजूद थे।
Aug 29 2025, 12:14