झारखंड: माकपा 1 से 15 सितंबर तक करेगी प्रखंडों में प्रदर्शन, सरकार से की ये मांगें
रांची: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने झारखंड में 1 से 15 सितंबर तक राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। यह निर्णय आज संपन्न हुई माकपा की दो दिवसीय राज्य कमेटी की बैठक में लिया गया। पार्टी ने सरकार से कई महत्वपूर्ण मांगें की हैं, जिनमें विस्थापन आयोग का गठन, लैंड बैंक को रद्द करना, और पेसा कानून को लागू करना शामिल है।
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रिम्स-2 और सूर्या हांसदा के एनकाउंटर पर भाजपा की आलोचना
बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी पोलित ब्यूरो सदस्य तपन सेन ने भाजपा और उसके सहयोगियों पर विधानसभा सत्र बाधित करने के लिए निशाना साधा। उन्होंने रिम्स-2 के मुद्दे और सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले पर भाजपा की कार्रवाई को 'राजनीतिक नौटंकी' करार दिया।
सेन ने कहा, "एनकाउंटर पर भाजपा को बोलने का हक नहीं है, क्योंकि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट तो उत्तर प्रदेश की योगी सरकार है।" उन्होंने कहा कि पार्टी सूर्या हांसदा के एनकाउंटर को उचित नहीं मानती और सरकार द्वारा सीआईडी जांच का आदेश सही है, लेकिन भाजपा द्वारा उनका महिमामंडन करना अवसरवादी राजनीति है। माकपा ने सरकार से अपील की है कि अगर ग्रामीणों को रिम्स-2 के निर्माण से आपत्ति है, तो इसे किसी और जगह बनाया जाना चाहिए।
माकपा की प्रमुख मांगें
माकपा राज्य कमेटी ने सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:
विस्थापन आयोग का गठन तुरंत किया जाए।
लैंड बैंक को रद्द करने की अधिसूचना जल्द से जल्द जारी की जाए।
जमीन के डिजिटल रिकॉर्ड में सुधार किया जाए।
पेसा (PESA) कानून की नियमावली को लागू किया जाए।
शिक्षा विभाग में 2742 अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्त किया जाए।
इसके अलावा, बैठक में संथाल परगना के पाकुड़ और दुमका जिलों में कोयला परिवहन से होने वाले प्रदूषण, खेती को हो रहे नुकसान और बढ़ती दुर्घटनाओं पर भी चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता सुरजीत सिन्हा ने की।
Aug 27 2025, 10:53