रांची में तेजी से बढ़े डॉग बाइट के मामले, नगर निगम की उदासीनता पर सवाल
रांची: झारखंड की राजधानी रांची में पिछले कुछ सालों में डॉग बाइट (कुत्तों के काटने) की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। महज दो साल में एंटी-रेबीज इंजेक्शन लेने वालों की संख्या में 59 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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बढ़ते आंकड़े और नगर निगम की निष्क्रियता
रांची सदर अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, जहां अगस्त 2023 में 4,715 लोगों ने एंटी-रेबीज इंजेक्शन लिया था, वहीं इस साल अगस्त में यह आंकड़ा बढ़कर 7,503 तक पहुंच गया है। जून में भी 6,815 लोगों ने यह इंजेक्शन लिया था, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
इन आंकड़ों के बावजूद, रांची नगर निगम आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। हालांकि, 'होप एंड एनिमल ट्रस्ट' नामक संस्था 2007 से शहर में स्ट्रीट डॉग की नसबंदी और वैक्सीनेशन का काम कर रही है। संस्था ने अब तक 1.33 लाख से अधिक कुत्तों की नसबंदी की है और रोजाना 18-20 कुत्तों की नसबंदी की जाती है।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश
इस बीच, आवारा कुत्तों के आतंक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा आदेश दिया है। सोमवार को जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने दिल्ली-एनसीआर के आवासीय इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, कोर्ट ने ऐसे किसी भी संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है जो इस कार्य को रोकने की कोशिश करेगा।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश रांची जैसे शहरों के लिए एक महत्वपूर्ण नजीर हो सकता है, जहां डॉग बाइट की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और लोगों को सुरक्षा की चिंता सता रही है।
Aug 12 2025, 14:10