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साई कॉलेज के इंडक्शन प्रोग्राम में विद्यार्थियों को प्रदान किये गये एडऑन कोर्स सर्टिफिकेट

अम्बिकापुर- जिन्दगी में सफलता के लिये नियमबद्धता जरूरी है जो अनुशासन और शिक्षा से ही मिलती है। यह बातें बुधवार को श्री साई बाबा आदर्श महाविद्यालय में स्नातकोत्तर पूर्वाद्ध के विद्यार्थियों के लिये आयोजित इंडक्शन कार्यक्रम के दौरान पूर्व डीआईजी पुलिस जयंत थोरात ने कही। उन्होंने कहा कि स्नातकोत्तर के विद्यार्थी निश्चित ही अपना लक्ष्य निर्धारित कर चुके होंगे जिसे प्राप्त करना है। स्नातकोत्तर के दो वर्ष आपके जीवन में निर्णायक होने वाले हैं।

इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती और श्री साई नाथ की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत बैच लगाकर और पुष्पगुच्छ प्रदान कर किया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा में बेहतरीन अवसर इंतजार कर रहा है। उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में दक्षता हासिल करने के लिए प्राध्यापक उनके साथ सहयोगी हैं। शिक्षा, विज्ञान, तकनीकी, वाणिज्य, प्रबंध, अर्थ, अनुसंधान, सामाजिक सरोकार की प्रत्येक विधा में कॅरिअर बनाने के राह महाविद्यालय से गुजरने वाली है, जिसके आप सहगामी बन चुके हैं। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि आपके लिए महाविद्यालय में एडऑन कोर्स संचालित है जो स्किल डेवलपमेंट के साथ रोजगारोन्मुख है। उन्होंने विद्यार्थियों को विश्वास दिलाया कि आपकी शिक्षा पूरी होने के साथ ही दक्षता भी हासिल होगी।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के समन्वयक डॉ. आर.एन. शर्मा ने कहा कि साई कॉलेज की शैक्षिक विरासत और परम्परा में आप शामिल हो चुके हैं। सभी विद्यार्थियों को शिक्षा और अनुसंधान में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करना है।

इस अवसर पर अतिथियों ने महाविद्यालय में आयोजित एडऑन कोर्स के सर्टिफिकेट विद्यार्थियों को प्रदान किया। सभी विद्यार्थियों को महाविद्यालयीन प्रतिज्ञा की शपथ प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने दिलायी।कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक देवेन्द्र दास सोनवानी और पल्लवी द्विवेदी ने किया।

इस अवसर पर आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. शैलेष देवांगन, लाइफ साईंस फेेकेल्टी के अधिष्ठाता अरविन्द तिवारी, कम्प्यूटर एंड आईटी फेकेल्टी के अधिष्ठाता डॉ. विवेक कुमार गुप्ता, वाणिज्य एवं प्रबंध फेकेल्टी के अधिष्ठाता राकेश कुमार सेन, शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता डॉ. दिनेश शाक्य तथा सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

बेहतर शैक्षिक परिवेश उपलब्ध कराना हमारा दायित्व : कुलपति प्रो. प्रेमप्रकाश सिंह

अम्बिकापुर- विश्वविद्यालय का काम अध्ययन-अध्ययापन के दौरान आयी कठिनाई, समस्याओं को निवारण करना है। शिक्षा के लिए बेहतर परिवेश उपलब्ध कराना हमारा दायित्व है। यह बातें गुरूवार को संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के तत्वावधान में राजमोहिनी देवी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला के दौरान कुलपति प्रो. पे्रमप्रकाश सिंह ने कही। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक शैक्षिक परिसर को जीरो ड्रग्स परिसर होना है। उन्होंने कहा कि शिक्षक तनावमुक्त रहेगा तभी विद्यार्थियों के लिए अच्छी प्रस्तुति होगी। प्राध्यापक को घर-परिवार और महाविद्यालय तीनों के बीच साम्य स्थापित रखना है, इसलिये अवकाश की भी महत्ता जीवन में है। डॉ. सिंह ने कहा कि योग दिवस हमे तनावमुक्त और स्वस्थ रहने का ही संदेश देता है। उन्होंने महाविद्यालयों का आह्वान करते हुए कहा कि शिक्षकों को संवेदनशील होना होगा और ब्रेन स्ट्रामिंग सत्र आयोजित करें। वर्ष में दो बार एलुमिनी मीट (बैठक ) आयोजित करायें। उन्होंने शोध की गुणवत्ता को प्रेरित करते हुए कहा कि रिसर्च मेथडलॉजी पर विशेष ध्यान दें। प्रयोगशाला के अनुसंधान समाज में जायें। उन्होंने कक्षाओं में विद्यार्थियों की घटती संख्या पर नाराजगी जाहिर की। डॉ. सिंह ने कहा कि विद्यार्थी केन्द्रित कक्षाओं पर बल दिया जाना चाहिए। इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विषय विशेषज्ञों को स्वागत पुष्प गुच्छ प्रदान कर किया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि विद्यार्थियों का कक्षा में होना आवश्यक है। कक्षा में विद्यार्थी रहेगा तो परीक्षा परिणाम भी अच्छा होगा। उन्होंने गत दिनों परीक्षा परिणाम को लेकर हुई शिकायत आंदोलनों को भी जवाब दिया। डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि विषय विशेषज्ञों से मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं की रेंडमली जांच करायी गयी। परीक्षार्थी जब तक अच्छे से परीक्षा में भागीदारी नहीं करेंगा, प्रश्नों का जवाब सही नहीं देगा तो नम्बर नहीं मिलेंगे। सहानुभूति के अंक परीक्षक से नहीं मिलेंगे। उन्होंने अपूर्ण परीक्षा परिणाम (विथहेल्ड) की स्थितियों से अवगत कराया। डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि महाविद्यालयों से पोर्टल पर प्रायोगिक परीक्षा के अंक समय से आने चाहिए। उन्होंने एनईपी के कुछ परीक्षा परिणाम जारी होने बाकी हैं जो शीघ्र ही प्रकाशित हो जायेंगे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विषय विशेषज्ञ लखनपुर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.के श्रीवास्तव ने कहा कि एनईपी एम्बेसडर को भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जानकारी होनी चाहिए। डिजीटली शिक्षा का प्रभाव बढ़ा है। शोध और अनुसंधान के लिए रिसर्च मेथडलॉजी को जानना आवश्यक है। रिसर्च डिजायनिंग, विषय, आंकड़ों का एकत्रीकरण जानना जरूरी है। उन्होंने प्राचार्य से आह्वान किया कि अपने महाविद्यालय में रिसर्च मेथडलॉजी पर सेमिनार करायें।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए विषय विशेषज्ञ राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्याय के डॉ. राजकमल मिश्रा ने कहा कि एनईपी अब विद्यार्थी केन्द्रित अध्ययन-अध्यापन चाहता है। मल्टीडिसप्लीनरी का तात्पर्य है कि विद्यार्थी अपने फेकेल्टी के अलावा दूसरे फेकेल्टी के विषयों का भी अध्ययन करे। उन्होंने डीएससी और जीईसी के बारे में अवगत कराया और उनके प्रश्न पत्रों के तरीके के बारे में बताया। इस दौरान प्राचार्य ने अपनी जिज्ञासाओं का निवारण किया।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए विषय विशेषज्ञ राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के डॉ. एस.एन. पांडेय कहा कि मूक और स्वयं से प्राप्त किये गये क्रेडिट को जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि अब प्राध्यापक की तरह विद्यार्थी के पास पाठ्य सामग्री के संसाधन अधिक हैं। पीयर टिचिंग, स्टूडेेंट को वर्क दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब महाविद्यालय की सफलता विद्यार्थियों की सफलता पर है। उन्होंने व्हीईसी और जीई के बारे में अवगत कराया। राष्ट्रीय सेवा योजना के लिय स्वच्छता अपनाने और परिसर को साफ रखने का आह्वान किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विषय विशेषज्ञ श्री साई बाबा आदर्श महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने एनईपी के उद्देश्य से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि शिक्षक का ज्ञान विद्यार्थी के नोटबूक पर सीधे नहीं पहुंचे बल्कि मन मस्तिष्क से हो कर गुजरे। डॉ. श्रीवास्तव ने एडऑन कोर्स और अगले सेमेस्टर में इन्टर्नशिप के बारे में बताया। उन्होंने तनाव रहित जीवन के लिए टिप्स दिये। जीवन में गति रहेगी तो तनाव से दूर रहेंगे। कार्यक्रम का संचालन फार्मेसी विभाग के अध्यक्ष आनन्द कुमार ने किया।

कार्यशाला के दौरान सहायक कुलसचिव प्रवीण अग्रवाल, सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य, एनईपी समन्यवक के साथ डॉ. आर.एन शर्मा, डॉ. रितेश वर्मा, डॉ.सुषमा भगत, डॉ.आरती तिवारी, डॉ.स्नेहलता श्रीवास्तव, डॉ.एनके देवांगन आदि उपस्थित रहे।

साई कॉलेज के इंडक्शन कार्यक्रम में नवप्रवेशियों को दिये टिप्स, महाविद्यालयीन प्रतिज्ञा की विद्यार्थियों ने ली शपथ

अम्बिकापुर- अनुशासन, लगन और परिश्रम से प्रत्येक सफलता हासिल होती है, इसमे शिक्षा का सबसे बड़ा योगदान है। यह बातें मंगलवार को श्री साई बाबा आदर्श महाविद्यालय में स्नातक नवप्रवेशी विद्यार्थियों के लिए आयोजित इंडक्शन कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि पूर्व डीजीपी पुलिस जयंत थोरात ने कही। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि आप ज्ञानार्जन में पूरी क्षमता लगायें, अभिभावक और गुरू आपके साथ हैं। उन्होंने आधुनिक संसाधन और डिजीटल दुनिया का उपयोग सावधानी से करने की सलाह दी।

इससे पहले शासी निकाय के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले तथा अतिथियों ने मां सरस्वती और श्री साई नाथ की तस्वीरों पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए शासी निकाय के सचिव अजय कुमार इंगोले ने कहा कि अभिभावक और श्रेष्ठ शिक्षकों की टीम नयी पीढ़ी की बुनियाद को मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि यह परिसर आपको जिन्दगी के नये आयाम देगा।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्राचार्य डॉ.राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने से विद्यार्थियों के लिए अवसर बढ़े हैं। उन्होंने पाठ्य परिवेश, परिधान और सम्बंधित तथ्यों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विभाग के लिए क्लब, सोसायटी बनी हुई है जिसमें छात्र-छात्राओं को रूचि के अनुसार मंच मिलेगा। महाविद्यालय से प्रकाशित सृजन दर्पण, सृजन वार्षिक पत्रिका और रिसर्च जोन प्रति दिखा कर सभी से शैक्षिक सहभागिता का आह्वान किया। डॉ. श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए महाविद्यालय की उपलब्धियां साझा किया। उन्होंने बताया कि प्रथम वर्ष में विद्यार्थी सर्टिफिकेट, द्वितीय वर्ष में डिप्लोमा, तृतीय वर्ष में स्नातक और चतुर्थ वर्ष में आनर्स के साथ उपाधि प्राप्त करेगा। इस दौरान उन्होंने ये तो सच है कि भगवान है गीत प्रस्तुत कर सभी को आध्यात्मिक भाव से रसासिक्त कर दिया।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के समन्यवक डॉ. आर.एन. शर्मा ने नये पाठ्यक्रम, कोर्स और उसकी उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अब विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक विषय चुनने का अवसर है। प्रत्येक विद्यार्थी दूसरे संकाय का चयनित विषय पढ़ सकता है।

इस अवसर पर शैलेष देवांगन की दो पुस्तक बेसिक इलेट्रिकल स्किल, प्रैक्टिकल फिजीक्स प्रथम सेमेस्टर का लोकार्पण हुआ। विद्यार्थियों ने महाविद्यालय की प्रतिज्ञा का शपथ लिया।

कार्यक्रम के बाद सभी विद्यार्थी अपनी कक्षाओं में पहुंचे जहां विभागाध्यक्षों के साथ प्राध्यापकों ने उनका स्वागत किया।

आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. शैलेष देवांगन, लाइफ साईंस फेेकेल्टी के अधिष्ठाता अरविन्द तिवारी, कम्प्यूटर एंड आईटी फेकेल्टी के अधिष्ठाता डॉ. विवेक कुमार गुप्ता, वाणिज्य एवं प्रबंध फेकेल्टी केअधिष्ठाता राकेश कुमार सेन, शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता डॉ. दिनेश शाक्य ने विद्यार्थियों को सम्बोधित किया।

कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक देवेन्द्र दास सोनवानी और पल्लवी द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम के दौरान स्नातक प्रथम वर्ष के सभी विद्यार्थी, उनके अभिभावक और प्राध्यापक उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री से मिले मुख्यमंत्री साय, 1 नवंबर को ‘अमृत रजत महोत्सव’ में प्रधानमंत्री मोदी को दिया न्यौता

नई दिल्ली-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1 नवंबर 2025 को रायपुर में आयोजित अमृत रजत महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने हेतु आमंत्रित किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार की भावी योजनाओं, विकास की प्राथमिकताओं और जनकल्याण से जुड़े प्रमुख विषयों की जानकारी भी दी।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में राज्य गठन की 25वीं वर्षगांठ अमृत रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाई जा रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह आयोजन छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक होगा और प्रधानमंत्री की गरिमामयी उपस्थिति से इसकी महत्ता और भी बढ़ जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ तेज़ी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने ‘अंजोर विज़न दस्तावेज़ तैयार किया है, जो विकसित भारत के लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ के समावेशी और सतत विकास की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। यह विज़न दस्तावेज़ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, नवाचार और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सुधार और नवाचार-आधारित पहलों पर केंद्रित है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार के “जन विश्वास अधिनियम 2023” से प्रेरणा लेते हुए राज्य में “जन विश्वास विधेयक 2025” पारित किया है, जिससे न्याय प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ी है और आम नागरिकों की पहुंच अधिक सुलभ एवं सहज बनी है।

राजधानी नवा रायपुर के सुनियोजित और तीव्र विकास हेतु गठित छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (SCRDA) की जानकारी भी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से साझा की। उन्होंने बताया कि इस प्राधिकरण के माध्यम से राजधानी क्षेत्र को एक आधुनिक, स्मार्ट एवं तेज़ी से विकसित शहरी केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री को राज्य में औद्योगिक निवेश और रोज़गार सृजन के क्षेत्र में हो रही उल्लेखनीय प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में लागू की गई नई औद्योगिक नीति 2024-30 के परिणामस्वरूप राज्य में निवेशकों की रुचि निरंतर बढ़ रही है। नीति के तहत सिंगल विंडो सिस्टम को लागू किया गया है, जिससे उद्योगों की स्थापना सरल, त्वरित और पारदर्शी बनी है। 1000 से अधिक व्यक्तियों को रोज़गार प्रदान करने वाले उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि नवंबर 2024 से जुलाई 2025 के बीच अब तक 84 कंपनियों से कुल 6.65 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नवा रायपुर में देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट की नींव रखी जा चुकी है, और एआई डेटा सेंटर का निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो गया है। इसी प्रकार, टेक्सटाइल, फार्मा, रेडीमेड गारमेंट और आईटी सेवाओं को प्राथमिकता देते हुए छत्तीसगढ़ को तकनीकी और औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।

राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के माध्यम से ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है। आदिवासी क्षेत्रों में डिजिटल संसाधनों और प्रशिक्षित शिक्षकों के सहयोग से शिक्षा को तकनीक से जोड़ने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी जानकारी दी कि राज्य सरकार मेडिसिटी और एडु सिटी जैसी दो नई महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं पर तेज़ी से कार्य कर रही है। रायपुर में विकसित की जा रही मेडिसिटी एक आधुनिक और उत्कृष्ट स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ को मेडिकल हब के रूप में पहचान प्राप्त होगी और व्यापक स्तर पर रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रही पुनर्वास और विश्वास बहाली की योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की संवेदनशील और दूरदर्शी नीतियों के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर सामान्य जीवन की ओर लौटे हैं। इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का तीव्र विस्तार किया जा रहा है, जिससे आम नागरिकों में शासन के प्रति विश्वास सुदृढ़ हुआ है और वे विकास की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

5 अफसरों की गिरफ्तारी पर बोले डिप्टी सीएम, विष्णु के सुशासन में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के लिए कोई स्थान नहीं

रायपुर- उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज नवा रायपुर स्थित निवास कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि, विष्णु साय के सुशासन सरकार में भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बीजापुर सड़क मामले में पांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। वहीं उन्होंने दुर्ग में दो नन की गिरफ्तारी मामले में किसी प्रकार की राजनीति नहीं करने की बात कही है।

श्री साव ने कहा कि, बीजापुर सड़क मामले में जांच कमेटी गठित की गई थी, और जांच रिपोर्ट के तुरंत बाद आरोपित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में लगातार पुलिस जांच चल रही थी। किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार और गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई एक उदाहरण है।

गौरतलब है कि, बीजापुर पुलिस ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के पांच अधिकारियों की गिरफ्तारी की है। इसमें लोक निर्माण विभाग के 1 ईई, 1 एसडीओ और 1 सब इंजीनियर और 2 पूर्व ईई शामिल हैं।

उप मुख्यमंत्री श्री साव दुर्ग के दो नन की गिरफ्तारी के मामले में बताया कि, मुख्यमंत्री जी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि, ये आदिवासी समाज की बेटियों का संवेदनशील मामला है। और इस मामले की जांच की जा रही है, जांच के बाद जो तथ्य समाने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इस पर किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। श्री साव ने कहा कि, ऐसे गंभीर मामले पर राजनीति करना शर्मनाक है, ये आदिवासी समाज की बेटियों का गंभीर मामला है।

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई, 5अफसरों को किया गया गिरफ्तार

बीजापुर-  पत्रकार मुकेश चंद्राकर की सनसनीखेज हत्या मामले में पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है। बुधवार को जांच कर रही टीम ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार कर तहलका मचा दिया। पकड़े गए अधिकारियों में दो रिटायर्ड कार्यपालन अभियंता (EE), एक वर्तमान EE, एक SDO और एक सब-इंजीनियर शामिल हैं। सभी को दो दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है और पूछताछ जारी है।

हत्या के पीछे ठेकेदार और विभागीय गठजोड़ का शक

मुकेश चंद्राकर एक स्वतंत्र पत्रकार थे, जो बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार का लगातार खुलासा कर रहे थे। उन्होंने सोशल मीडिया और अपने वीडियो पोर्टल पर घटिया सड़क निर्माण कार्य को उजागर किया था। बताया जाता है कि इन रिपोर्टों से नाराज होकर ठेकेदार सुरेश चंद्राकर — जो खुद मुकेश का रिश्तेदार भी था — ने उनकी हत्या की साजिश रची।

रिमांड पर :

1. सुरेश चंद्राकर

अग्रिम जमानत पर :

1. बी. एल ध्रुव – तत्कालीन कार्यपालन अभियंता

2. आर.के. सिन्हा – SDO

3. जी.एस. कोडोपी – उप अभियंता

आज गिरफ्तार :-

1. डी.आर. साहू (सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता)

2. वी.के. चौहान (सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता)

3. एच.एन. पात्र – तत्कालीन कार्यपालन अभियंता

4. प्रमोद सिंह कंवर – SDO बीजापुर

5. संतोष दास – उप अभियंता, जगदलपुर

सेप्टिक टैंक से मिली थी लाश, हैदराबाद से पकड़ा गया मास्टरमाइंड

1 जनवरी 2025 को मुकेश चंद्राकर अपने घर से निकले और फिर वापस नहीं लौटे। 3 जनवरी को उनकी लाश एक बंद पड़े सेप्टिक टैंक से बरामद हुई। इस जघन्य हत्याकांड के मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया था।

अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई: विभागीय मिलीभगत सामने

बीजापुर एएसपी चंद्रकांत गोवर्ना ने पुष्टि की कि हत्या मामले में PWD से जुड़े पांच अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है। इनमें दो सेवानिवृत्त EE भी शामिल हैं। इससे पहले राज्य के डिप्टी सीएम और लोक निर्माण मंत्री अरुण साव के निर्देश पर कुछ अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। एफआईआर में तत्कालीन EE बीएल ध्रुव, SDO आरके सिन्हा और उप अभियंता जीएस कोडोपी के नाम प्रमुख रूप से सामने आए थे।

जमीनी सच्चाई दिखाना बना जानलेवा

मुकेश चंद्राकर बीजापुर में नक्सल क्षेत्रों की चुनौतियों के बीच सच्चाई की रिपोर्टिंग कर रहे थे। वह अक्सर खुद जोखिम उठाकर जमीनी हालात जनता के सामने लाते थे। सोशल मीडिया और वीडियो पोर्टल के माध्यम से वे घटिया सड़क निर्माण जैसे मामलों पर आवाज उठा रहे थे, जिससे वे ठेकेदारों और भ्रष्ट अफसरों के निशाने पर आ गए थे।

साय कैबिनेट की बैठक खत्म, लिये गये ये बड़े फैसले, पढ़िये सभी फैसले

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज महानदी भवन में कैबिनेट की अहम बैठक हुई. इस बैठक में कई फैसले लिए गए. छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ (CSCS) को नवा रायपुर (अटल नगर) के सेक्टर-3, ग्राम परसदा में क्रिकेट अकादमी की स्थापना के लिए 7.96 एकड़ भूमि आबंटित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई.

बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय –

1) कैबिनेट द्वारा भारत सरकार के खान मंत्रालय के नवीन दिशा-निर्देश और प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY)-2024 के संशोधित गाईडलाईन्स के अनुसार छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 में आवश्यक संशोधन किये जाने का निर्णय लिया गया है।

इससे न्यास के पास उपलब्ध राशि का न्यूनतम 70 प्रतिशत राशि का व्यय उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र जैसे पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, महिला एवं बाल कल्याण, वृद्ध एवं निःशक्तजन के कल्याण के साथ ही कौशल विकास एवं रोजगार, स्वच्छता, आवास, पशुपालन के समग्र विकास पर किया जाएगा।

2) मंत्रिपरिषद द्वारा साधारण रेत के उत्खनन और परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण तथा रेत के उत्खनन एवं नियमन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) नियम 2019 एवं छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत उत्खनन एवं व्यवसाय (अनुसूचित क्षेत्र हेतु) नियम 2023 को निरसित करते हुए नवीन नियम ‘‘छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) नियम-2025‘‘ का अनुमोदन किया गया।

इससे रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे, जिससे आम जनता को उचित दरों पर रेत उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही रेत उत्खनन में पर्यावरण और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। प्रस्तावित नियमों में रेत खदान आवंटन की कार्यवाही इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के माध्यम से की जाएगी। इससे राजस्व में भी वृद्धि होगी।

3) कृषि भूमि के बाजार मूल्य दरों के निर्धारण के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य कर पंजीयन विभाग से प्राप्त प्रस्ताव का कैबिनेट द्वारा अनुमोदन किया गया, जिसके तहत ग्रामीण कृषि भूमि के बाजार मूल्य की गणना के लिए 500 वर्गमीटर तक के भू-खण्ड की दर को समाप्त करते हुए सम्पूर्ण रकबा की गणना हेक्टेयर दर से की जाएगी। भारतमाला परियोजना और बिलासपुर के अरपा भैंसाझार में जिस तरह की अनियमितताएँ सामने आई थीं, उनसे बचने के लिए यह व्यवस्था मददगार होगी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र की परिवर्तित भूमि का मूल्यांकन सिंचित भूमि के ढाई गुना करने के प्रावधान को विलोपित करने के साथ ही शहरी सीमा से लगे ग्रामों की भूमियों और निवेश क्षेत्र की भूमियों के लिए वर्गमीटर में दरों का निर्धारण किया जाएगा।

4) बैठक में छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ (cscs) को नवा रायपुर (अटल नगर) के सेक्टर-3, ग्राम परसदा में क्रिकेट अकादमी की स्थापना के लिए 7.96 एकड़ भूमि आबंटित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।

नवा रायपुर में अत्याधुनिक क्रिकेट अकादमी की स्थापना से राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ियों को उनके कौशल और प्रतिभा को निखारने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेगी।

छत्तीसगढ़ राज्य में क्रिकेट के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राज्य के कई युवा खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता अर्जित की है। क्रिकेट अकादमी की स्थापना से राज्य के खिलाड़ियों को क्रिकेट के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा वहीं छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिलेगी।

मोक्षित कॉर्पोरेशन के ठिकानों पर ED की दबिश

दुर्ग- छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) टीम ने मोक्षित कॉर्पोरेशन के कई ठिकानों पर व्यापक छापेमारी की. यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) में हुए 650 करोड़ रुपये से अधिक के कथित घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है, जिसने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है.

सूत्रों के मुताबिक, ईडी की टीम ने दुर्ग में मोक्षित कॉर्पोरेशन के तीन आवासीय परिसरों और कार्यालयों पर एक साथ छापा मारा. इस कार्रवाई में दो दर्जन से अधिक अधिकारियों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान भी भारी संख्या में मौजूद थे. सुरक्षा के लिहाज से परिसर को चारों ओर से घेर लिया गया और किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई.

आज की कार्रवाई में ईडी की टीम एक दर्जन गाड़ियों में सवार होकर पहुंची और तुरंत कार्यालय व आवासीय परिसरों में दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी. छापेमारी की खबर फैलते ही इलाके में लोगों की भीड़ जमा हो गई. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कार्रवाई में क्या बरामद हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि जांच पूरी होने के बाद एजेंसियां आधिकारिक बयान जारी करेंगी.

जानकारी के अनुसार, मोक्षित कॉर्पोरेशन का नाम इस घोटाले से जुड़ने के बाद जांच एजेंसियों ने गहन पड़ताल शुरू की है. यह घोटाला सीजीएमएससी से संबंधित है, जिसमें पहले भी कई बार कार्रवाई हो चुकी है. करीब छह महीने पहले ईओडब्ल्यू और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इस मामले में संयुक्त छापेमारी की थी. इसके अलावा, 27 जनवरी 2025 को भी मोक्षित कॉर्पोरेशन और शांतिलाल व शशांक चोपड़ा के गंजपारा स्थित घर और कार्यालय पर ईओडब्ल्यू-एसीबी की टीम ने दस्तावेजों की जांच की थी.

जवानों ने अविस्मरणीय जोश और जज्बे का दिया था परिचय, शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर मनाया गया कारगिल विजय दिवस

अम्बिकापुर- युद्ध हथियारों के साथ ही तकनीकी और साहस से लड़ा जाता है। कारगिल युद्ध में हमारे जवानों ने अविस्मरणीय जोश और जज्बे का परिचय दिया था। यह बातें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कला एवं समाज कार्य विभाग के अध्यक्ष डॉ. आर.एन. शर्मा ने कही।

आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. शर्मा ने कहा कि भारतीय जवान युद्ध के मोर्चे पर हमेशा सफल रहे हैं। तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने पाकिस्तान की धमकियों पर सीधा जवाब दिया था, युद्ध पाक ने शुरू किया है और उसे ही अपनी सेना हटाना होगा। पाकिस्तान को आखिरी अंजाम तक सबक सिखायेेंगे। इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती और श्रीसाई नाथ की तस्वीरों पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ. अजय कुमार तिवारी ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा साजिश करता है। कारगिल युद्ध भी उसकी साजिशों का परिणाम है। ठंड के दिनों में दोनों ओर की सेना अपनी चौकियों को खाली कर लौट आती है। उस समय पाकिस्तानी सेना के प्रमुख परवेज मुशर्रफ घुसपैठ कर चौकियों पर कब्जा जमा लेते हैं। ठंड खत्म होने के बाद चौकियों पर कब्जे की जानकारी स्थानीय चरवाहे से मिलती है। पाकिस्तान घुसपैठ के इस कारनामें को मुजाहिद्दीनों की हरकत बताता था जबकि नार्दन लाइट इन्फ्रें ट्री युद्ध लड़ रही थी। डॉ. तिवारी ने बताया कि आपरेशन सफेद सागर चलाकर सेना ने अपने शौर्य का परिचय दिया तो आर्मी ने द्रास, बटालिक, तोलोलिंग पर जमीनी कारवाई करते हुए सफलता हासिल की। इस लड़ाई में बोफोर्स तोप ने सटीक निशाने पर हमला किया जिससे पाकिस्तान पस्त हो गया। पाकिस्तान और उसकी सेना इस हरकत से दुनिया में शर्मसार हो गयी। प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी लाहौर बस यात्रा कर मित्रता का संदेश दे रहे थे और मुशर्रफ साजिशें कर रहे थे

कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकरी देवेन्द्र दास सोनवानी ने किया। इस अवसर पर लाइफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के अध्यक्ष विवेक कुमार गुप्ता तथा सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

केटीयू में "समावेशी विकास एवं युवाओं की भागीदारी" के विषय एक दिवसीय शैक्षणिक कार्यशाला हुआ आयोजन

रायपुर-  कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर में समावेशी विकास एवं युवाओं की भागीदारी विषय में एक दिवसीय शैक्षणिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। सहभागी विकास एवं सुशासन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध गैर सरकारी संगठन समर्थन, रायपुर का शैक्षणिक कार्यशाला में तकनीकी सहयोग रहा।

रायपुर के संभागायुक्त एवं कुलपति महादेव कावरे ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास पथ में युवाओं को मुख्यधारा में लाने पर संचार क्रांति ने निर्णायक भूमिका निभाई है। दूरस्थ क्षेत्रों में समाचार पत्रों के व्यापक प्रसार से युवाओं में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ी। आज सोशल मीडिया के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास के संदेश जन-जन तक पहुंच रहे हैं। मैं स्वयं बीजापुर के एक छोटे से गांव में पला, बढ़ा और पढ़ाई की। राज्य गठन के बाद प्रदेश में सभी क्षेत्रों में समावेशी विकास की गति बढ़ी। इसका परिणाम है कि बस्तर के युवाओं में शिक्षा और समावेशी विकास में भागीदारी से मुख्य धारा में शांति का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है।

कुलपति महादेव कावरे ने उद्घाटन सत्र में प्रतिभागियों से कहा कि बस्तर हो या जशपुर-सरगुजा के दूरस्थ कई गांव जहां इंटरनेट की रफ्तार थोड़ी धीमी थी, वहां रेडियो एवं समुदायिक रेडियो ने विकास के संचार को गति और दिशा दी। इस कड़ी में यह उल्लेखनीय पहलू है कि मन की बात के माध्यम से जन-मन का स्वाभाविक जुड़ाव हमारे दूरदृष्ट्रा प्रधानमंत्री से हुए। हमारे मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में विजन 2047 की मूल अवधारणा में युवाओं—विशेषकर लड़कियों, आदिवासियों और ग्रामीण आबादी—की क्षमता को राज्य के विकास और शासन में प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में उपयोग करने का अवसर दिया है। छत्तीसगढ़ शासन की विविध जन कल्याणकारी योजनाओं में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से वे समाज की प्रगति में निर्णायक भूमिका अदा कर रही है। माननीय राज्यपाल जी के निर्देश में नीतियां एवं विकास परियोजनाओं को द्रुतगति से क्रियान्वयन किया जा रहा है।

शिक्षा, आजीविका, शासन और समावेश पर केंद्रित कार्यशाला में समापन वक्तव्य डॉ. राजेश टंडन संस्थापक अध्यक्ष प्रिया एवं चेयरमैन, युनेस्को कम्युनिटी रिसर्च ने दिया। कार्यशाला में समर्थन की अध्यक्षा बनश्री बेनर्जी, कार्यकारी निदेशक डॉ. योगेश कुमार कार्यक्रम निदेशक देविदास किसन निमजे, समन्वयक मनीष झा ने संबोधित किया।

वक्ताओं ने प्रतिभागियों को जानकारी दी कि आजीविका के मोर्चे पर, डीडीयू-जीकेवाई और आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना जैसे कार्यक्रम सकारात्मक परिणाम दिखाते पीएम स्वनिधि योजना ने अनौपचारिक उद्यमिता को प्रोत्साहित करते हुए 1.4 लाख से अधिक ऋण स्वीकृत किए। कार्यशाला विभिन्न हितधारकों विचार-विमर्श और सहयोगात्मक सोच के माध्यम से - डिजिटल, लैंगिक और जनजातीय विभाजन को पाटने के लिए नवीन मॉडलों की पहचान, स्थानीय शासन, योजना और विकास में युवाओं की आवाज़ को एकीकृत माडल, छत्तीसगढ़ के लिए एक दूरदर्शी युवा मुख्यधारा रणनीति और युवाओं को लाभार्थी के रूप में लक्षित करने के बजाय उन्हें राज्य के विकसित होते परिदृश्य में परिवर्तनकर्ता और विकास रोल मॉडल के रूप में स्थापित करनें के विविध पहलूओं पर चर्चा हुई।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एवं समाज शास्त्री अमिताभ कुंडू, केटीयू के कुलसचिव सुनील कुमार शर्मा, प्रदान के मनोज कुमार, साथी के भूपेश तिवारी, दोस्त से डॉ. सत्यजीत साहू, प्योर से डॉ. सुनील शर्मा, आनंद शुक्ला ने संबंधोधित किया। विभागाध्यक्ष पंकज नयन पांडेय, शैलेन्द्र खंडेलवाल, डॉ. राजेन्द्र मोहंती, डॉ. नृपेन्द्र शर्मा सहित अतिथि शिक्षक एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यशाला के नोडल अधिकारी एवं प्रभारी प्राध्यापक डॉ. आशुतोष मंडावी रहे।

कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के प्रमुख स्वयंसेवी संगठन प्रदान, साथी, एफईएस, सृजन केन्द्र, पथ, शिखर युवा मंच, वाटर एड, पथ प्रदर्शक, चिराग, सेवा भास्कर, सहयोगी, जन सहयोग, सजग, आरोहण, जन साहस के कार्यकर्ता सम्मिलित हुए।