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फुसरो की स्वाती ने JPSC में 127वीं रैंक हासिल कर बेरमो-बोकारो का मान बढ़ाया


फुसरो, बोकारो: जब कुछ कर दिखाने का जुनून और अडिग इरादे हों, तो रास्ते खुद ही बन जाते हैं। इस बात को सच कर दिखाया है फुसरो नगर परिषद क्षेत्र के करगली गेट रेलवे कॉलोनी की निवासी कुमारी स्वाती ने, जिन्होंने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) परीक्षा में 127वीं रैंक हासिल कर पूरे बेरमो और बोकारो जिले को गौरवान्वित किया है।

स्वाती के पिता अजय कुमार कुंवर, मध्य विद्यालय करगली बाजार में शिक्षक हैं। एक शिक्षक की बेटी होने के नाते स्वाती के जीवन में शिक्षा की अहमियत शुरू से ही रही। JPSC की तैयारी के दौरान, वह वर्तमान में AG Office, रांची में ऑडिटर के पद पर कार्यरत थीं और वहीं रहते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी।

स्वाती बताती हैं कि नौकरी के साथ पढ़ाई करना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने समय का बेहतर प्रबंधन किया। ऑफिस से लौटने के बाद वह रोजाना 5-6 घंटे पढ़ाई करती थीं और छुट्टियों का पूरा समय तैयारी में लगाती थीं। उन्होंने दृढ़ निश्चय कर लिया था कि उन्हें कुछ बड़ा करना है।

JPSC परीक्षा में 127वीं रैंक हासिल करने के बाद अब स्वाती का चयन झारखंड शिक्षा सेवा में हुआ है। वह अब एक शिक्षा अधिकारी के रूप में काम करेंगी और बच्चों को बेहतर भविष्य देने के मिशन से जुड़ेंगी। उनकी यह सफलता उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।

झारखंड पुलिस बहाली में बड़ा बदलाव: नई संयुक्त भर्ती नियमावली 2025 को मंजूरी, अधिकतम उम्र सीमा में छूट

रांची: झारखंड सरकार ने पुलिस बहाली प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में संयुक्त भर्ती नियमावली 2025 को मंजूरी मिल गई है। अब राज्य में पुलिस, कक्षपाल, सिपाही (गृह रक्षा वाहिनी) और उत्पाद सिपाही की बहाली इसी नई नियमावली के तहत की जाएगी। इसके साथ ही, पहले जारी किए गए सभी पुलिस भर्ती विज्ञापनों को रद्द कर दिया गया है।

नई नियमावली के मुख्य बिंदु:

अधिकतम उम्र सीमा में छूट: नई नियमावली के अनुसार, आगामी भर्ती प्रक्रिया में सभी वर्गों के उम्मीदवारों को अधिकतम उम्र सीमा में छूट प्रदान की जाएगी।

आवेदन शुल्क में छूट: पूर्व में आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को नए आवेदन में शुल्क से छूट मिलेगी।

प्रभावी तिथि: इस उम्र सीमा की छूट का प्रभाव 1 अगस्त 2019 से माना जाएगा।

कैबिनेट की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने स्पष्ट किया कि जिन नियुक्तियों की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, उन पर इस नई नियमावली का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और वे भर्तियां पूर्ववत जारी रहेंगी। यह बदलाव केवल भविष्य की नई भर्तियों के लिए लागू होगा।

गुरुवार की इस कैबिनेट बैठक में कुल 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025, राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन, 4339 उर्दू सहायक आचार्य पदों का सृजन और अटल क्लीनिक का नाम बदलकर मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लीनिक करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय भी शामिल हैं।

JPSC सिविल सेवा परीक्षा 2023 का फाइनल रिजल्ट जारी, आशीष अक्षत ने किया टॉप

रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने बहुप्रतीक्षित सिविल सेवा परीक्षा 2023 का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया है। इस परीक्षा के माध्यम से कुल 342 पदों पर नियुक्तियां होनी थीं, और आयोग ने सभी 342 उम्मीदवारों को अंतिम रूप से सफल घोषित कर दिया है। उम्मीदवार अपना परिणाम JPSC की आधिकारिक वेबसाइट jpsc.gov.in पर जाकर रोल नंबर और नाम के साथ पूरी चयन सूची में देख सकते हैं।

फाइनल मेरिट लिस्ट मुख्य परीक्षा (मेन्स) और इंटरव्यू में प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार की गई है। JPSC मेन्स परीक्षा में कुल 864 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था, जिनमें से अब अंतिम चयन किया गया है।

टॉपर्स की सूची में शामिल नाम:

इस परीक्षा में आशीष अक्षत ने टॉप किया है। उनके बाद अभय कुमार दूसरे, रवि रंजन कुमार तीसरे, गौतम गौरव चौथे और श्वेता पांचवें स्थान पर हैं। शीर्ष 10 में शामिल अन्य सफल उम्मीदवारों में राहुल कुमार विश्वकर्मा, रोबिन कुमार, संदीप प्रकाश, स्वाति केशरी और राजीव रंजन के नाम भी शामिल हैं।

झारखंड में PDS डीलरों को मिलेंगी 4G ई-पॉस मशीनें, पारदर्शिता बढ़ाने और परेशानी दूर करने का लक्ष्य


रांची: झारखंड सरकार जन वितरण प्रणाली (PDS) में पारदर्शिता लाने और इसका लाभ पात्र परिवारों तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए एक बड़ा कदम उठा रही है। राज्य सरकार 25,280 PDS डीलरों को आधार-आधारित बायोमीट्रिक फोर-जी ई-पॉस मशीनें उपलब्ध कराएगी। झारखंड राज्य खाद्य निगम (JSFC) निदेशालय ने ₹178 करोड़ की लागत से इन फोर-जी ई-पॉस मशीनों की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

यह निर्णय टू-जी ई-पॉस मशीनों से हो रही परेशानियों को दूर करने के उद्देश्य से लिया गया है। इस पहल के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में सरकार ने ₹100 करोड़ के व्यय का प्रस्ताव रखा है।

खरीद प्रक्रिया हुई शुरू:

JSFC ने इस संबंध में जेम पोर्टल (GeM portal) के माध्यम से इच्छुक कंपनियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। प्री-बिड (Pre-Bid) मीटिंग 28 जुलाई को बुलाई गई है, जबकि निविदा (tender) डालने की अंतिम तिथि 13 अगस्त निर्धारित की गई है। तकनीकी बिड 14 अगस्त को खोली जाएगी।

डीलरों की पुरानी मांग हुई पूरी:

PDS डीलर लगातार सरकार से फोर-जी ई-पॉस मशीनों की मांग कर रहे थे। उनका तर्क था कि मौजूदा टू-जी ई-पॉस मशीनें पुरानी (आउटडेटेड) हो चुकी हैं, और नेटवर्क व सर्वर की समस्याओं के कारण लाभार्थियों को अनाज वितरण में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक-एक लाभार्थी को अनाज देने की प्रक्रिया में काफी समय लग जाता था, और ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की समस्या के कारण कई बार लाभार्थियों को बिना अनाज के ही वापस लौटना पड़ता था।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने भी छह जिलों में स्मार्ट PDS योजना शुरू की है, जिसमें फोर-जी ई-पॉस मशीनें लगाने की बात कही गई है। सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।

झारखंड कैबिनेट का बड़ा फैसला: शहीद अर्द्धसैनिक बलों के आश्रितों को मिलेगी सरकारी नौकरी

रांची: झारखंड सरकार ने गुरुवार, 24 जुलाई को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए उग्रवादी घटनाओं में या देश की सीमा पर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए शहीद होने वाले राज्य के अर्द्धसैनिक बल के कर्मियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में कुल 21 प्रस्तावों पर मुहर लगी, जिसमें यह संवेदनशील फैसला भी शामिल है।

यह निर्णय उन परिवारों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, जिन्होंने देश सेवा में अपने प्रियजनों को खोया है। सरकार का यह कदम शहीदों के प्रति सम्मान और उनके परिवारों के प्रति समर्थन को दर्शाता है, जिससे उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सकेगा।

रांची-जमशेदपुर के बीच जल्द दौड़ेगी फ्लैश चार्जिंग लग्जरी बसें: यात्रियों को मिलेंगी विमान जैसी सुविधाएं

झा. डेस्क

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने झारखंड के लिए एक बड़ी सौगात की घोषणा की है। जल्द ही रांची और जमशेदपुर के बीच अत्याधुनिक फ्लैश चार्जिंग इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू होने जा रही है। यह सेवा यात्रियों को न केवल पर्यावरण-अनुकूल परिवहन का विकल्प देगी, बल्कि सफर के दौरान फ्लाइट जैसी प्रीमियम सुविधाएं भी प्रदान करेगी।

यह परियोजना भारत में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। फ्लैश चार्जिंग तकनीक बसों को बहुत कम समय में, संभवतः कुछ ही मिनटों में पूरी तरह से चार्ज करने में सक्षम बनाती है, जिससे यात्रा का समय प्रभावित नहीं होगा और बसों का संचालन अधिक कुशल बनेगा। गडकरी ने जोर देकर कहा कि इस पहल का उद्देश्य यात्रियों को अत्यधिक आरामदायक और लक्जरी यात्रा का अनुभव देना है, जो वर्तमान में लंबी दूरी की बसों में शायद ही उपलब्ध होता है।

इन बसों में आधुनिक इंटीरियर, आरामदायक सीटें, व्यक्तिगत मनोरंजन प्रणालियां, वाई-फाई कनेक्टिविटी और अन्य उच्च-स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि रांची और जमशेदपुर के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को थकान महसूस न हो और वे अपने गंतव्य तक तरोताजा पहुंचें।

यह कदम प्रदूषण कम करने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाने की दिशा में सरकार के प्रयासों का भी हिस्सा है। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से वायु प्रदूषण में कमी आएगी और कार्बन फुटप्रिंट भी घटेगा। इसके अतिरिक्त, यह सेवा दोनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगी, जिससे व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

सरकार का लक्ष्य है कि भविष्य में ऐसी फ्लैश चार्जिंग इलेक्ट्रिक बस सेवाएं देश के अन्य प्रमुख मार्गों पर भी शुरू की जाएं, जिससे लोगों को सुरक्षित, आरामदायक और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन विकल्प मिल सकें। यह रांची और जमशेदपुर के लोगों के लिए निश्चित रूप से एक रोमांचक और स्वागत योग्य खबर है।

राज्य सरकार का ऐतिहासिक फैसला: असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मजदूरी में ₹52 तक की बढ़ोतरी

रांची, - झारखंड सरकार ने असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लगभग 94 लाख श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य घोषणा की है। राज्य सरकार ने इन श्रमिकों की दैनिक मजदूरी में ₹52 तक की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। यह कदम राज्य के लाखों गरीब और वंचित परिवारों के लिए आर्थिक राहत प्रदान करेगा और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक होगा।

यह बढ़ोतरी विभिन्न श्रेणियों के श्रमिकों पर लागू होगी। अब अकुशल श्रमिकों को प्रतिदिन पुरानी मजदूरी के दर के बजाय नई मजदूरी मिलेंगे, जबकि अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिकों की मजदूरी में भी इसी अनुपात में वृद्धि होगी। 

"यह बढ़ोतरी न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के तहत की गई है, और इसके साथ ही, अकुशल श्रमिकों की दैनिक मजदूरी अगर ₹300 होगी तो यह बढ़कर ₹352 हो जाएगी।" इस फैसले से खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों को सीधा लाभ मिलेगा, जो अक्सर कम मजदूरी पर काम करने को मजबूर होते हैं।

राज्य सरकार का यह फैसला श्रमिकों के कल्याण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। लंबे समय से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों द्वारा अपनी मजदूरी बढ़ाने की मांग की जा रही थी, जिसे अब पूरा किया गया है। यह बढ़ोतरी बढ़ती महंगाई के दौर में श्रमिकों को अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी और उन्हें एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करेगी। सरकार का मानना है कि यह कदम न केवल श्रमिकों की क्रय शक्ति को बढ़ाएगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान करेगा, क्योंकि बढ़े हुए वेतन से बाजार में उपभोग बढ़ेगा।

इस निर्णय का विभिन्न श्रमिक संगठनों और यूनियनों ने भी स्वागत किया है। उन्होंने इसे श्रमिकों के संघर्ष की जीत बताया है और सरकार से इस फैसले को जल्द से जल्द लागू करने का आग्रह किया है ताकि लाखों श्रमिक इसका तत्काल लाभ उठा सकें।

रांची के सदर अस्पताल ने आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में देश में पहला स्थान हासिल किया


रांची: रांची का सदर अस्पताल एक बार फिर अपनी उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में है। जानकारी के अनुसार, आयुष्मान भारत – मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के सफल क्रियान्वयन में सदर अस्पताल पूरे देश में पहले स्थान पर रहा है। इस अस्पताल ने आयुष्मान भारत योजना का सर्वाधिक लाभ मरीजों को दिलाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जिससे अस्पताल को राजस्व भी प्राप्त हुआ है।

आयुष्मान के तहत मिलने वाले हेल्थ इंश्योरेंस कवर के अंतर्गत, सदर अस्पताल ने अब तक 2,02,859 मरीजों का उपचार किया है। अस्पताल ने कुल ₹115 करोड़ से अधिक की राशि का क्लेम (प्री-ऑथ) दर्ज करके आय अर्जित की है। इसका सीधा अर्थ यह है कि यदि मरीजों के अंतिम दावों का भी इसी अनुपात में निपटारा होता है, तो मरीजों ने अपनी जेब से ₹115 करोड़ से अधिक की राशि बचाई है।

वित्तीय वर्ष 2024-2025 के दौरान, सदर अस्पताल ने महज तीन महीनों में ₹12 करोड़ का क्लेम दर्ज किया है। इससे पहले, वित्तीय वर्ष 2023-2024 में भी रांची सदर अस्पताल ने अकेले 51,968 मरीजों का इलाज करके एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की थी और इस दौरान ₹32 करोड़ की कमाई अर्जित की थी।

अपनी इन्हीं उल्लेखनीय उपलब्धियों के कारण, सदर अस्पताल ने 2019 में देश भर के मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया था। यह गौरतलब है कि 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रांची से ही विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत की शुरुआत की थी।

आयुष्मान फंड से अस्पतालों का कायाकल्प

आयुष्मान के क्लेम से प्राप्त इन पैसों का उपयोग न केवल सदर अस्पताल बल्कि इससे निचले क्रम के अस्पतालों के कायाकल्प में भी हो रहा है। इन फंड्स का इस्तेमाल विशेषज्ञ चिकित्सकों से उपचार में परामर्श लेने, ओटी में सर्जरी की सुविधा प्रदान करने, आधारभूत संरचना को विकसित करने, तथा उपकरणों और दवाइयों की खरीद पर किया जा रहा है।

टीम वर्क से मिल रहा सबको लाभ

आयुष्मान का ऐसा मॉडल तैयार किया गया है जिससे योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों के स्वीपर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टर तक को प्रोत्साहन राशि (इंसेंटिव) प्राप्त हो रही है। आय का यह लाभ पूरी टीम को मिल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप सभी कर्मचारियों की इसमें रुचि बनी हुई है। इसी का नतीजा है कि आयुष्मान के सबसे ज्यादा केस (प्री-ऑथ) और भुगतान रांची सदर अस्पताल में सफलतापूर्वक संसाधित हो रहे हैं।

रांची: पूर्व सांसद कड़िया मुंडा की तबीयत बिगड़ी, मेडिका अस्पताल में भर्ती; हालत स्थिर

रांची: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद कड़िया मुंडा की मंगलवार को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें रांची के मेडिका मणिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है और डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

पिछले कई दिनों से कड़िया मुंडा को सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही थी। डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है और कुछ अन्य जरूरी टेस्ट भी किए गए हैं। डॉ. विजय मिश्रा की देखरेख में एक मेडिकल टीम लगातार उनकी हालत पर नजर रख रही है।

मेडिका अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्व सांसद की स्थिति अब स्थिर है, जिसके बाद उन्हें आईसीयू से कमरे में शिफ्ट कर दिया गया है। इससे पहले, उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें खूंटी से रांची के मेडिका अस्पताल तक लाने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। खूंटी और रांची पुलिस के संयुक्त प्रयास से एंबुलेंस को लगभग 30 मिनट में खूंटी से मेडिका तक पहुंचाया गया। ट्रैफिक पुलिस को भी इस संबंध में विशेष निर्देश दिए गए थे।

गौरतलब है कि पूर्व सांसद पद्म विभूषण कड़िया मुंडा की तबीयत दो साल पहले भी निमोनिया के कारण खराब हुई थी। इसके बाद जनवरी 2025 में भी उनका ब्लड शुगर लेवल गिरने और बेचैनी महसूस होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय भी मेडिका अस्पताल में इलाज के बाद वे ठीक होकर घर लौट गए थे।

झारखंड: चांडिल में भीषण सड़क हादसा, एक की मौत, तीन घायल

चांडिल, झारखंड: सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र में एनएच-32 पर मंगलवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दुर्घटना सुबह करीब पांच बजे पितकी गांव के पास हुई, जब बाबाधाम जा रही एक कार और एक ट्रक में जोरदार टक्कर हो गई।

हादसा इतना भीषण था कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। कार चालक संजय मिहिर (38) की मौके पर ही मौत हो गई। वह ओडिशा के बरगड़ जिले के बरबली थाना क्षेत्र के निवासी थे। कार में सवार उनके तीन दोस्त – संजीव साहू (38), रोहित मिहिर (45), और राजीव महाकुड (44) – गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में रोहित मिहिर की हालत गंभीर बताई जा रही है। ये सभी दोस्त बाबाधाम जा रहे थे।

दुर्घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीण और नीमडीह व चांडिल थाना पुलिस मौके पर पहुंची। ग्रामीणों की मदद से घायलों को तुरंत चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया। इसके बाद, मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।