ज्ञानपुर के चकवा महावीर मंदिर उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब
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नितेश श्रीवास्तव,भदोही। सावन के पहले मंगलवार को जिले के महावीर मंदिरों पर आस्था उमड़ पड़ी। सुबह से ही मंदिरों पर हनुमान जी के दर्शन पूजन को श्रद्धालुओं की कतार लगी रही।
श्रद्धालुओं ने हलुआ, पूड़ी, चना से लेकर अन्य सामग्री चढ़ाकर दर्शन पूजन किया। ज्ञानपुर नगर से सटे ऐतिहासिक चकवा महावीर मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। ज्ञानपुर के चकवा में स्थित महावीर मंदिर की महिमा निराली है। हनुमान जी को समर्पित यह मंदिर पांडव कालीन मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने ज्यादातर समय यहीं पर गुजारा।
मंदिर की देखरेख और नियमित महावीर हनुमान जी की पूजा करने वाले पुजारी बाबा रामदास बताते हैं कि चकवा में विशालकाय वट वृक्ष से महावीर निकले हैं। बताया कि द्वापर युग में जब पांडव अज्ञातवास पर थे तो लाक्षागृह में आग लगने से पूर्व सभी लोग सुरंग के रास्ते निकलकर यहीं पर आए थे। उन्होंने ने ही यहां पर महावीर की स्थापना की थी। उस समय यहां घना जंगल हुआ करता था। समय के साथ जब पांडवों का अज्ञातवास समाप्त हुआ और वे यहां से लौट गए। जिसके बाद हनुमान जी की मूर्ति के ऊपर विशाल वट वृक्ष ऊग गए।
कई साल पहले जब इधर से एक व्यापारी गुजर रहा था तो उसने अपने बैल को बरगद के पेड़ से बांधने के लिए उसके जड़ की खोदाई करने लगा। जहां उससे खून निकलने लगा। खुदाई करने पर वहां महावीर की प्रतिमा निकली। व्यापारी ने वहीं पर हनुमान जी का छोटा सा मंदिर बनाया। 1980 में तत्कालीन अधिकारयों के प्रयास से मंदिर का जीर्णोंद्धार हुआ। मंदिर पर हर मंगलवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है।
सावन के आखिरी सोमवार को यहां बुढ़वा मंगल का मेला लगता है। मान्यता है कि हनुमान जी के दर्शन मात्र से भक्तों के सारे पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं। हनुमान जी को हलुवा-पूड़ी काफी प्रिय है। शनिवार को हनुमान जयंती पर विविध कार्यक्रम होंगे।
Jul 15 2025, 15:56