*सावन के पहले सोमवार को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ , मंदिरों में गूंजा हर-हर महादेव*
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रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। 14 जुलाई 2025 को सावन महीने का पहला सोमवार है। यह दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए बेहद शुभ है। मान्यता है कि सावन सोमवार पर शिव पूजन करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा जीवन में सदैव सुख-समृद्धि वास करती हैं।
सावन माह के पहले सोमवार के दिन 14 जुलाई को धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र रबन रहा है। इस दौरान आयुष्मान और सौभाग्य योग रहेगा। इस दिन गजानन संकष्टी चतुर्थी भी है। इस समय भगवान शिव का पूजन भक्तों को शुभता देने वाला होगा। सावन सोमवार का व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आत्मसंयम और आध्यात्मिक साधना की प्रक्रिया भी है। यह व्रत नारी के लिए अखंड सौभाग्य, पति की दीर्घायु और दाम्पत्य सुख के लिए किया जाता है, वहीं पुरुषों के लिए यह शक्ति, शांति और आत्मिक उन्नति का माध्यम बनता है। यह व्रत विशेष रूप से कुंवारी कन्याओं में अत्यंत लोकप्रिय है, जो योग्य वर की प्राप्ति के लिए श्रद्धा से यह व्रत करती हैं। मान्यता है कि स्वयं पार्वती जी ने भी शिव को पति रूप में प्राप्त करने हेतु कठोर तप किया था, जो इस व्रत का मूल प्रेरणास्त्रोत है। सावन सोमवार व्रत श्रद्धा, संयम और साधना का संगम है। इसमें केवल बाह्य आडंबर नहीं, अपितु अंतर की शुद्धि और आत्मा की उन्नति की कामना समाहित है। शिव तत्व को पाने के लिए यह श्रेष्ठ मार्ग है…जहां आस्था से आरंभ होता है और आत्मिक शांति पर समाप्त।
सावन मास का पहला सोमवार आज है। भोर से ही मंदिरों पर दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लग गई। शिव को जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं भोर से ही मंदिर पहुंचने लगे। जिले के प्रमुख शिवालयों पर सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। मंदिर परिसर के अंदर और बाहर महिला, पुरुष पुलिसकर्मी सादे वर्दी में तैनात हैं। जिले के प्रमुख शिवालय ज्ञानपुर स्थित सिद्धपीठ बाबा हरिहर नाथ, गोपीगंज नगर के बाबा बड़े शिव मंदिर, ग्रामीण अंचल में विराजमान तिलेश्वर नाथ महादेव और गंगा के तटपर स्थित बाबा सेमराध नाथ हैं। यहां सावन में बड़ी संख्या में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के अलावा कांवड़ियों का जत्था पहुंच गया है। भोर से ही मंदिर के कपाट दर्शन पूजन के लिए खोल दिए गए।
Jul 15 2025, 15:29