राजेपुर: प्राइवेट हॉस्पिटल "डॉ. सुनीता" पर गंभीर आरोप, आशा कार्यकर्ताओं से मरीज लाने का दबाव व कमीशन का खेल
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राजेपुर फर्रुखाबाद
राजेपुर कस्बे में संचालित एक प्राइवेट अस्पताल "डॉ. सुनीता" पर आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से मरीजों को लाने के लिए दबाव बनाने व कमीशन देने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, अस्पताल के कुछ कर्मचारी सामने स्थित सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर बैठकर प्रचार सामग्री के माध्यम से लोगों को निजी अस्पताल की ओर आकर्षित करने की कोशिश करते हैं।स्थानीय स्तर पर मिली जानकारी के मुताबिक, अस्पताल प्रबंधन द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को प्रति मरीज कमीशन देने की बात कही जाती है और उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे गर्भवती महिलाओं, बीमार मरीजों और अन्य ज़रूरतमंदों को सरकारी अस्पताल न भेजकर सीधे इस निजी अस्पताल तक लाएं।
हालांकि अभी तक किसी भी संबंधित अधिकारी या विभाग द्वारा इस विषय में आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन यदि यह आरोप सही साबित होते हैं तो यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की व्यवस्था व सरकारी योजनाओं के खिलाफ एक सीधा हमला माना जाएगा।ग्रामवासियों और कुछ आशा बहनों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कई बार प्राइवेट अस्पताल के प्रतिनिधि सरकारी अस्पताल के पास मौजूद रहकर गर्भवती महिलाओं को बहला-फुसलाकर अपनी ओर मोड़ने की कोशिश करते हैं।
स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर उठे सवाल
इस घटनाक्रम से स्वास्थ्य विभाग की निगरानी व्यवस्था और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं। यदि सरकारी अस्पताल के ठीक सामने इस प्रकार का ‘कमीशन आधारित रेफरल सिस्टम’ चल रहा है, तो यह न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, बल्कि ज़रूरतमंद मरीजों के साथ भी अन्याय है।
ग्रामीणों की मांग: हो निष्पक्ष जांच
ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि गरीबों को गुमराह कर निजी अस्पतालों में रेफर करने का काम निंदनीय है और इससे सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की साख पर सवाल खड़े होते हैं।
Jul 04 2025, 15:45