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*अस्पतालों में भेजे जाएंगे 22 वेंटिलेटर, एल -2 अस्पताल में लगे थे 26 वेंटिलेटर,चार रिजर्व रखेगा स्वास्थ्य विभाग*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। चार सालों से आइसोलेट वेंटिलेटर अब एक बार फिर बंद कमरे से बाहर निकलेंगे। कोविड की आहट देख स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुट गया है। भदोही के एल-2 अस्पताल में रखे गए 26 वेंटिलेटर में 22 को अलग-अलग अस्पतालों में भेजवाया जा रहा है। वहीं, चार वेंटिलेंटर को इमरजेंसी केस के लिए रिजर्व रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि सभी वेंटिलेटर सही हाल में हैं। देश में कोविड की दस्तक के बीच स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। आक्सीजन प्लांटों को जहां चेक किया जा रहा है, वहीं, अन्य उपकरणों की उपयोगिता को भी परखा जा रहा है।‌ कोविड काल के दौरान जिले के भदोही एमबीएस परिसर स्थित 100 बेड एमसीएच विंग को एल-2 अस्पताल बनाया गया था। जहां 26 वेंटिलेटर लगाए गए थे। कोविड खत्म होने के बाद विभाग ने उपकरणों को सहेज कर रख लिया।

अब एमसीएच विंग का संचालन हेरिटेज ग्रुप को सौंप दिया गया है। ऐसे में विभागीय स्तर से अन्य अस्पतालों पर सुविधाओं की तैयारियां शुरू हैं। 26 वेंटिलेटर में से चार को जहां इमरजेंसी के लिए रिजर्व रखा जाएगा। वहीं, अन्य को अलग-अलग अस्पतालों में भेजवाया जाएगा। इसमें सबसे अधिक 10 बेड औराई सीएचसी, भदोही सीएचसी पर सात और डीघ पर पांच और जिला अस्पताल, एमबीएस भदोही में दो-दो बेड लगाए जाएंगे। औराई व भदोही सीएचसी पर वेंटिलेटर बेड लगा दिए गए हैं। अन्य जगहों पर तैयारी चल रही है। अच्छी बात यह है कि जिले में अब तक कोविड के एक भी मरीज नहीं मिले हैं। कोविड के अभी एक भी केस नहीं मिले हैं, लेकिन विभागीय तैयारीयां पुख्ता है। तीन सीएचसी, जिला अस्पताल और एमबीएस में वेंटिलेटर लगाए जा रहे हैं। 26 बेड है। इसमें से 22 लगाए जाएंगे,चार बेड इमरजेंसी के लिए रखा गया है।

डॉ एसके चक सीएमओ भदोही

*गंगा दशहरा पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब: सीतामढ़ी घाटों पर हज़ारों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, पुलिस रही मुस्तैद*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। गंगा दशहरा के पावन पर्व पर बृहस्पतिवार को पूरे जिले में श्रद्धा और आस्था का अभूतपूर्व नज़ारा देखने को मिला। खासकर पौराणिक धार्मिक स्थल सीतामढ़ी महर्षि वाल्मीकि गंगा घाट पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही लोग स्नान के लिए घाटों की ओर रवाना होने लगे और देखते ही देखते घाटों पर हर ओर “हर हर गंगे” के जयकारे गूंजने लगे।

गंगा दशहरा को गंगा अवतरण का दिन माना जाता है। मान्यता है कि राजा भगीरथ के तप से प्रसन्न होकर माता गंगा उनके पूर्वजों को मुक्ति दिलाने स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। इसी पुण्य स्मृति में हर वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को यह पर्व मनाया जाता है। बृहस्पतिवार को हजारों श्रद्धालु सीतामढ़ी घाट पहुंचे और गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। महिलाएं, पुरुष, वृद्ध और बच्चे – सभी पर श्रद्धा का रंग चढ़ा हुआ था। घाटों पर शंखनाद, घंटा-घड़ियाल की गूंज और मंदिरों में होने वाली विशेष पूजन-अर्चन से वातावरण भक्तिमय बना रहा।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए कोइरौना थाना प्रभारी छोटक यादव खुद मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने अपनी टीम के साथ पूरे घाट क्षेत्र में लगातार चक्रमण किया। पुलिस बल द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे ताकि कोई भी अनहोनी न हो। नगर पंचायत, स्वास्थ्य विभाग व ग्राम पंचायत की ओर से भी सफाई और पेयजल की बेहतर व्यवस्था की गई थी। अस्थाई शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा शिविर और जल वितरण केंद्र श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाट के पास लगाए गए थे।

*पर्यावरण संरक्षण जीवन के लिए बहुत जरूरी"- डॉक्टर ज्योत्सना*

नितेश श्रीवास्तव 

भदोही। केशव प्रसाद मिश्र राजकीय महिला महाविद्यालय औराई भदोही में बृहस्पतिवार को वनस्पति विज्ञान विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण जागरूकता शपथ एवं पर्यावरण संरक्षण विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया ।

इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन करते हुए वनस्पति विज्ञान विभाग प्रभारी डॉक्टर ज्योत्सना जायसवाल ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस हर वर्ष 5 जून को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1972 में घोषित किया गया था और पहली बार 1974 में मनाया गया। वनस्पति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अनुज कुमार सिंह ने कहा कि हम सब जानते हैं कि आज पर्यावरण संकट में है वनों की कटाई, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग और प्राकृतिक संसाधनों का दोहन ये सभी हमारे पर्यावरण को अधिक मात्रा में नुकसान पहुँचा रहे हैं। इसका परिणाम बढ़ता तापमान, असमय वर्षा, सूखा, बाढ़ और जैव विविधता का विनाश है। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार की तरफ से महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर पीएन डोंगरे को अशोक का वृक्ष भेंट किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर पी एन डोंगरे ने उपस्थित सभी छात्राओं को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाते हुए कहा कि हमें समझना होगा कि प्रकृति सिर्फ हमारे लिए नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी है। हमें इसे बचाकर रखना है। पेड़ लगाना, पानी बचाना, प्लास्टिक का कम उपयोग करना और स्वच्छता बनाए रखना ये छोटे-छोटे कदम हमारे जीवन में बड़े बदलाव ला सकते हैं अतः हम सभी का कर्तव्य है कि हम पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें साथ ही आज के दिन हम यह संकल्प भी लें कि हम प्रकृति की रक्षा करेंगे, पेड़ लगाएंगे, जल और ऊर्जा की बचत करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ योगेंद्र लाल वर्मा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक गण प्रोफेसर विनोद कुमार मिश्र प्रोफेसर रमोद कुमार मौर्य डॉक्टर सुचिता वर्मा डॉक्टर ज्योत्सना जायसवाल डॉक्टर प्रज्ञा वर्मा डॉक्टर जयकुमार डॉक्टर अनुज कुमार सिंह डॉक्टर श्वेता त्रिपाठी डॉक्टर योगेंद्र लाल वर्मा सहित सभी कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

बारिश में डूबेंगे 7 निकायों के 27 मोहल्ले


नितेश श्रीवास्तव,भदोही। इस साल मानसून सीजन में जिले की सात निकायों के 27 मोहल्ले बारिश के पानी में डूबेंगे। निकाय प्रशासन द्वारा नालियों की सफाई के दावों के बावजूद कई ऐसे मोहल्ले हैं। जहां अब तक नाली का निर्माण नहीं हो सका है। वहीं, जहां नाली है भी वहां पर तकनीकी कारणों से हर साल घंटे डेढ घंटे की बारिश में ही डेढ़ से दो फुट तक पानी लग जाता है। निकायों में अब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं तलाशा गया है। इससे इस साल भी ये मोहल्ले में बारिश के पानी में डूबेंगे। इससे 35 से 40 हजार की आबादी प्रभावित होगी।

जिले में भदोही और गोपीगंज नगर पालिका के अलावा ज्ञानपुर, सुरियावां, खमरिया, नईबाजार और घोसिया नगर पंचायत हैं। इन नगर पंचायतों में ढाई से तीन लाख की अबादी रहती है। सुरियावां नगर पंचायत में नेहरू, गल्ला मंडी और आंबेडकरनगर की दलित बस्ती, नयागंज, सुभाषनगर मलेपुर वार्ड नंबर दो हर साल इस दंश को झेलता है। गल्ला मंडी नगर का मुख्य केन्द्र है। यहां बाजार नगर का निचला हिस्सा है। इससे पूरे नगर का पानी आता है। इसी तरह सुभाष नगर में तो पक्की सड़क और नाली का इंतजाम हो सका है। इसी तरह भदोही में स्टेशन रोड, अहमदगंज, गजिया, पीरखापुर, तकिया कल्लनशाह मेन रोड पर एक घंटा तक बारिश होती है तो एक से डेढ़ से फीट तक पानी लग जाता है। स्टेशन रोड पर अब तक नाली नहीं बनी है। वहीं अन्य मोहल्लों में नालियां अंडरग्राउंड नहीं है। जिससे वे जाम हो जाती हैं और बारिश में खूब पानी लगता है।

ज्ञानपुर में दुर्गागंज तिराहा, शीतला पाल तिराहा और पुरानी बाजार जैसी जगहों पर नाली नीचे होने से बारिश के दिनों में खूब जलभराव होता है। घोसिया के सिन्हा रोड पर नाली क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इससे बारिश होते ही नाली ओवरफ्लो होता है और पूरी सड़क डूब जाती है। गोपीगंज के वार्ड नंबर तीन बाबा बड़े शिव मार्ग, वार्ड 22 गणेश मंदिर मार्ग, स्टेशन रोड, सोनखरी मार्ग, वार्ड 12 जैसी जगहों पर अब तक पुरानी नालियां ही हैं, जो जाम हो चुकी है या क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

जिससे बारिश होते ही यहां पानी लग जाता है। इन सभी निकायों में करीब 35 से 40 हजार की आबादी जलभराव से प्रभावित होती है।

शहर ठीक मुख्य सीवर लाइन अगर ठीक रहेगी तो दिक्कत नहीं होगी। इसको देखते हुए हम युद्ध स्तर पर रातभर मुख्य सीवर लाइन की सफाई करा रहे हैं। इसके अलावा स्टेशन रोड के जलभराव समस्या के दृष्टिगत मुल्ला तालाब में बारिश का पानी बहाने के लिए गत वर्ष सीवर डाला गया है। जिसका लाभ लोगों को मिलेगा।

*छह महीने बाद फायर हाइड्रेंट का कार्य शुरू,30 जून समय सीमा

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल में छह माह बाद फायर हाईड्रेंट सिस्टम का काम शुरू हो गया है। 1़ 20 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना की अंतिम तिथि 30 जून है, लेकिन अभी भी 50 फीसदी काम बाकी है। एक महीने के भीतर इसे पूरा करना कठिन चुनौती है।बताया जा रहा है कि कार्यदायी संस्था की लापरवाही से बीते छह माह से यह काम अधूरा था। इस परियोजना के तहत पूरे अस्पताल में अग्नि सुरक्षा के उपकरण लगाए जाने हैं। छह माह पूर्व पाइप लाइन बिछाई जा चुकी थी। अब इमरजेंसी वार्ड के सामने गड्ढा खोदा गया है। जिसमें एक लाख लीटर पानी स्टोर होगा।‌

जिला अस्पताल में अग्नि सुरक्षा के बचाव को लेकर करीब एक करोड़ 20 लाख की लागत से 2024 में काम शुरू हुआ था। पहले चरण में कार्यदायी संस्था ने पूरे अस्पताल में पाइप लाइन बिछाई। इसके बाद अचानक काम बंद कर कार्यदायी संस्था फरार हो गई। जिसका असर रहा कि अस्पताल में फायर हाईड्रेंट का काम रूक गया। अब तक केवल 50 फीसदी कार्य पूरा हो सका है। अब एक बार फिर से काम शुरू तो कर दिया गया है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती 30 दिनों में काम को पूरा किया जाना है। कार्यदायी संस्था ने फिलहाल अस्पताल परिसर में इमरजेंसी के सामने गड्ढा खोद दिया है। जिसमें एक लाख लीटर क्षमता के पानी टैंक का निर्माण होगा। पाइप में सेंसर लगे होंगे, जो हल्का सा भी धुंआ उठने पर अलर्ट कर देंगे। आगे कार्यदायी संस्था को सभी पाइप का कनेक्शन और स्वीच बोर्ड लगाया जाना है।

फायर हाइड्रेंट सिस्टम का कार्य महीनों से बंद पड़ा था। इसे अब फिर से शुरू किया गया है। तय समय सीमा के अंदर विभाग को कार्य पूर्ण करना है। 30 जून आखिरी समयसीमा है।

डॉ. अजय तिवारी, सीएमएस,

जिला अस्पताल।

मॉनसून सत्र में कालीन नगरी में रोपे जाएंगे 12.59 लाख पौधे

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। कालीन नगरी में मॉनसून सत्र में पौधरोपण का लक्ष्य शासन स्तर से वन विभाग समेत जिले के 25 विभागों को मिल गया है। इस बार मॉनसून सत्र में 12 लाख 59 हजार 760 पौधरोपण किया जाएगा। ग्राम पंचायत विभाग सबसे अधिक 5.85 लाख और वन विभाग तीन लाख पौध रोपण करेगा। इसके लिए जगह चिह्नित कर लिया गया है। बीते साल करीब 12 लाख पौधे जिले के विभिन्न स्थानों पर रोपित किया गया था। पांच साल में यहा करीब 40 से 42 लाख पौधरोपण किया जा चुका है। 

वन विभाग को छोड़ दें तो अन्य विभागों द्वारा रोपित पौधे देखरेख के अभाव में सूख जाते हैं। वन विभाग अपने पौधों की निगरानी निरंतर करता रहता है। सूखे पौधों के स्थान पर दूसरा समय समय पर रोपित किया जाता है। जिले में वन क्षेत्र शून्य है, लेकिन वानावरण का ग्राफ 0.3 फीसदी बढ़ा है। क्योंकि पौधरोपण के कारण हरियाली का ग्राफ बढ़ा है। मॉनसून सत्र में पौधरोपण की तैयारी में वन विभाग जुटा है। वन विभाग की नौ और उद्यान विभाग की एक नर्सरी में 24 लाख 22 हजार 41 पौधे तैयार किये जा रहे हैं। वन विभाग ने 23 लाख 22 हजार 41 पौधे तैयार किए हैं। वहीं एक लाख पौधा उद्यान विभाग तैयार कर रहा है।

ये विभाग इतना करेंगे पौधरोपण

ग्राम पंचायत विभाग 585000, वन विभाग तीन लाख, कृषि विभाग 1.60 लाख, उद्यान विभाग 66 हजार, पर्यावरण विभाग 45000, राजस्व विभाग 45 हजार, रेशम विभाग 19 हजार, नगर विकास विभाग 15 हजार, उच्च शिक्षा विभाग 10 हजार, सिंचाई विभाग नहर 9000, लोक निर्माण, उद्योग और विकास प्राधिकरण बीडा सात हजार, पुलिस विभाग 6300, माध्यमिक शिक्षा विभाग 6000, बेसिक शिक्षा विभाग 5000, स्वास्थ्य विभाग 5000, पशुपालन 4000, जल निगम 4000, सहकारिता विभाग 2380, ऊर्जा विभाग 2380, श्रम विभाग 1900, परिवहन विभाग 1800 पौधरोपण किया जाएगा।

शासन स्तर से माॅनसून सत्र में पौधरोपण का लक्ष्य मिला है। इसकी तैयारी शुरू है, विभाग के नर्सरी में पौधे तैयार किये जा रहे हैं। इस बार 12.59 लाख पौधे रोपित किए जाएंगे। - नीरज आर्य, डीएफओ, भदोही।

जेष्ठमास के चौथे मंगलवार पर हनुमान मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु:चकवा, बरगदानंद और हरिहरनाथ मंदिर में सुबह से लगी भक्तों की कतार

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। जेष्ठ मास के चौथे मंगलवार को जिले के प्रमुख हनुमान मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। चकवा हनुमान मंदिर, बरगदानंद महावीर मंदिर जंगीगंज और हरिहरनाथ मंदिर में सुबह से ही भक्तों का आना-जाना लगातार जारी रहा। श्रद्धालुओं ने हनुमान जी का दर्शन-पूजन किया। उन्होंने परिवार की सलामती और देश की समृद्धि की कामना की। जेष्ठ मास का चौथे मंगलवार विशेष महत्व रखता है। इस दिन की गई पूजा को विशेष माना जाता है। महावीर मंदिर जंगगंज के पुजारी राहुल पंडित के अनुसार हनुमान जी कलयुग के जागृत देवता हैं। उनकी आराधना से मनुष्य के जीवन के संकट दूर होते हैं। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

हर मंगलवार को हनुमान मंदिरों में पूजा-अर्चना होती है। जेष्ठ मास के बड़े मंगलवार पर श्रद्धालुओं की संख्या में विशेष वृद्धि देखी जाती है। आज भी बड़ी संख्या में भक्तों ने विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना की।

अस्पतालों में सतर्कता नहीं, मरीज छोड़िए चिकित्सक भी नहीं लगा रहे मास्क

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। कोविड महामारी की दस्तक के बीच अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर अलर्ट कर दिया गया है। पड़ोसी जनपद वाराणसी में भी कोविड केस मिले हैं। जिससे कोविड को लेकर खतरा और बढ़ गया है। हालांकि जिले में अब तक कोई ऐसा केस नहीं मिला है, लेकिन इसको लेकर जिले के बड़े अस्पतालों में सतर्कता नहीं बरती जा रही है। मरीज को तो छोड़िए चिकित्सक भी बिना मास्क के अस्पताल पहुंच रहे हैं। दिल्ली, करेला, महाराष्ट्र में तेजी से कोविड मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

जिले के पड़ोसी जनपद वाराणसी में कोविड के मरीज मिल चुके हैं। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय ज्ञानपुर, महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय सहित मुख्यालय स्थित सौ शय्या अस्पताल का मंगलवार को Street buzz News की टीम ने पड़ताल की।

यहां एक भी डॉक्टर स्वास्थ्यकर्मी, मरीज, तीमारदार मास्क लगाए नजर नहीं आए। टीम ने जिला अस्तपाल के ओपीडी भवन, इमरजेंसी, नेत्र विभाग, पर्ची काउंटर, दवा वितरण काउंटर पर एक भी मरीज, स्वास्थ्य कर्मी मास्क में नहीं दिखे।

इमरजेंसी डॉक्टर के मुंह पर मास्क रहा, लेकिन लगा नहीं रहा। इसी तरह सौ शय्या अस्पताल में एक भी स्वास्थ्यर्मी मास्क में नहीं दिखे। मात्र एक मरीज मास्क में नजर आयी। यहीं हाल एमबीएस का रहा। ओपीडी से दवा काउंटर हो या कोई और कहीं भी मास्क का प्रयोग होता नहीं देखा गया। कोविड एक संक्रामक बीमारी है।

ऐसे में इसके फैलने की संभावना तेजी से रहती है। वाराणसी से हर दिन 100 से अधिक स्वास्थ्यकर्मी जिले में आते हैं, लेकिन जिले में अब भी ऐहतियात के तौर पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। मरीज रमेश गौतम, सुरेश यादव, लालता प्रसाद दूबे 100 बेड में दिखाने आये थे। मास्क के बारे में पूछने पर बताया कि कोविड कहां है। चिकित्सक ही मास्क नहीं लगाए हैं तो हम लोग क्यों लगाए?

जनपद में कोविड को लेकर तैयारी पूर्ण है। आक्सीजन प्लांट की स्थिति सही है। लोगों को स्वत जागरूक रहना चाहिए। चिकित्सकों को आदेश जारी कर माॅक्स लगाने की हिदायत दी जाएगी। इससे मरीजों में भी जागरूकता आएगी।

डॉ एसके चक सीएमओ भदोही

सुरीयावां में फल व्यापारी के गोदाम में लगी आग:एसी-फ्रीजर समेत आम और केले का स्टॉक जला, 20 लाख का नुकसान

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। भदोही के सुरियावां में बाईपास रोड स्थित पेट्रोल पंप के पास देर रात एक बड़ी घटना सामने आई। यहां थोक फल व्यापारी भोलेनाथ जायसवाल के गोदाम में आग लग गई। इस हादसे में 12 लाख रुपए का एसी - फ्रीजर और बड़ी मात्रा में रखा फलों का स्टाॅक जलकर राख हो गया। जानकारी के अनुसार, व्यापारी ने शाम को ही चार ट्रक दशहरी आम मंगवाया था। गोदाम में पहले से एक ट्रक केला भी रखा हुआ था। घटना उस समय हुई जब व्यापारी गोदाम बंद करके खाना खाने घर गए थे। आग पहले पास में स्थित सुनील जायसवाल के कबाड़ के गोदाम में लगी। वहां रखी दप्ती और गत्ते में आग लगने के बाद देखते ही देखते फल व्यापारी के गोदाम तक पहुंच गई।

आग इतनी भयंकर थी कि कोई पास तक नहीं जा सका। फायर ब्रिगेड को तुरंत सूचना दी गई, लेकिन वह दो घंटे बाद पहुंची। तब तक सारा सामान जल चुका था। स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची। आग लगने के कारणों में शार्ट सर्किट या गोदाम के पीछे कचरा जलाने की बात सामने आ रही है। लेकिन वास्तविक कारण की पुष्टि नहीं हो पाई है।

*पांच में से चार वाॅटर कूलर खराब, नहीं मिलता ठंडा पानी*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। भीषण गर्मी में नगर में ठंडे पानी का संकट बढ़ गया है। करीब 12 लाख की लागत से नगर पंचायत की ओर से लगाए गए पांच वॉटर कूलर में से चार खराब हो गए हैं। छह माह पूर्व तकनीकी खराबी से बंद मशीनों को दुरूस्त नहीं किया गया। इससे शीतल पेयजल से हलक तर करने के लिए लोगों को दुकानों का रुख करना पड़ता है। जहां उन्हें एक लीटर पानी पर 20 रुपये खर्च करना पड़ता है। सुरियावां नगर में 13 वार्ड है। यहां की आबादी करीब 30 हजार है। लोगों को सड़क, पेयजल, बिजली सहित विभिन्न सुविधाओं को उपलब्ध कराना नगर प्रशासन की जिम्मेदारी है। यहां की आबादी शीतल पेयजल संकट से जूझ रही है। गल्ला मंडी, नेता नगर, अटल चौराहा, बाइपास चौराहा, पुरानी बाजार में करीब 12 लाख रुपये खर्च करके आरो वॉटर कूलर मशीन लगाई गई थी। नेता नगर का आरो संचालित है। वहीं, बाईपास का आरो हाइवे 731 की जद में चला गया है। गल्ला मंडी और इंदिरा नगर में लगा वॉटर कूलर बंद है। पुरानी बाजार का आरो बूंद-बूंद पानी दे रहा है। सुरियावां एक व्यापारिक केंद्र है। जहां जौनपुर के सीमावर्ती गांव के लोग खरीदारी करने के लिए आते हैं। यहां देर रात तक चहल-पहल बनी रहती है। लोगों को ठंडे पानी से हलक तर करने के लिए दुकानों का चक्कर लगाना पड़ता है। जहां पानी खरीद कर प्यास बुझाते हैं।

खराब आरो वाटर कूलर को जल्द ठीक कराया जाएगा। जहां कूलिंग की समस्या है, उसकी मरम्मत कराई जाएगी। गल्ला मंडी,चौक पर भीड़ अधिक होती है। यहां पर न‌ई मशीनें लगाई जाएंगी। हर व्यक्ति तक सुविधाओं का लाभ पहुंचेगा।

सुजीत कुमार ईओ सुरियावां