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भाषा विश्वविद्यालय में नैक पीयर टीम का त्रिदिवसीय मूल्यांकन निरीक्षण

- निरीक्षण के दूसरे दिन टीम ने विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रयोगशालाओं एवं वर्कशॉप्स का किया व्यापक निरीक्षण

लखनऊ। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) की पीयर टीम द्वारा ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय का त्रिदिवसीय निरीक्षण जारी है। इसका उद्देश्य विश्वविद्यालय की समग्र शैक्षणिक गुणवत्ता, संसाधनों, अनुसंधान, नवाचार और छात्र सहभागिता का मूल्यांकन करना है।

निरीक्षण के दूसरे दिन टीम ने विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रयोगशालाओं एवं वर्कशॉप्स का व्यापक निरीक्षण किया। इसमें जिम्नेजियम, मैकेनिकल वर्कशॉप, मीडिया लैब, इंग्लिश लैब, मैकेनिकल इंजीनियरिंग लैब, उर्दू लैंग्वेज लैब, नेटवर्किंग लैब, पायथन लैब, एआई लैब, मूट कोर्ट, हाईब्रिड लेक्चर हॉल, सोलर पैनल इंस्टॉलेशन, लीगल एड क्लीनिक, अटल हॉल, अवधी शोधपीठ, आईकेएस सेल, आर्ट गैलरी, डिस्पेंसरी, बैंक और फार्मेसी शामिल थे।

टीम ने साफ-सफाई, प्रयोगशालाओं की संरचना, उपकरणों की उपलब्धता एवं कार्यशीलता, सुरक्षा मानकों (जैसे फायर एक्सटिंग्विशर, वेंटिलेशन, फर्स्ट एड), तकनीकी स्टाफ की उपस्थिति, आईसीटी संसाधनों का प्रयोग, छात्र सहभागिता, प्रैक्टिकल रिकॉर्ड, और इनोवेटिव प्रैक्टिस की भी बारीकी से समीक्षा की।

दोपहर के सत्र में, नैक टीम विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों का दौरा कर वहां की स्थितियों का मूल्यांकन किया और स्थानीय निवासियों से बातचीत कर विश्वविद्यालय की सामाजिक पहल का जायज़ा लिया।

तीसरे सत्र में, टीम ने विश्वविद्यालय के एलुमिनाई (पूर्व छात्र) से संवाद कर उनके अनुभवों और सुझावों को जाना। इसके साथ ही छात्र प्रतिनिधियों के साथ भी विचार-विमर्श किया गया, जिसमें विद्यार्थियों की शिक्षा, सुविधा और सहभागिता पर चर्चा हुई।

दिन के अंतिम सत्र में, टीम ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक विभागों — जैसे वित्त विभाग, फार्मेसी, स्कॉलरशिप, पीएचडी सेक्शन, आईक्यूएसी, परीक्षा विभाग, समर्थ सेक्शन और रजिस्ट्रार कार्यालय की कार्यप्रणाली की समीक्षा की। इसके अतिरिक्त, कार्यपरिषद के सदस्यों के साथ हाइब्रिड मोड में बैठक भी की गई।

कारागार महानिदेशक ने किया कार्यभार ग्रहण

लखनऊ। कारागार मुख्यालय, लखनऊ में मंगलवार को नव नियुक्त महानिदेशक कारागार पीसी मीना ने पदभार ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठक की, जिसमें प्रशासनिक कार्यप्रणाली, सुधारात्मक नीतियाँ एवं कारागार प्रबंधन को लेकर विभागीय प्राथमिकताओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

मिर्जापुर, बाराबंकी और झांसी जिलों में स्थापित होंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

- मंत्री दिनेश प्रताप सिंह बोले -केन्द्रों का उद्देश्य किसानों की उत्पादकता और आय में वृद्धि करना

लखनऊ। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास 19, गौतमपल्ली, लखनऊ पर आयोजित प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि भारत सरकार द्वारा प्रदेश के तीन जनपदों मिर्जापुर, बाराबंकी और झांसी में नये सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना स्वीकृत की गई है। इन केन्द्रों द्वारा ड्रैगन फ्रूट, खजूर, सिट्रस फ्रूट (नींबू, लेमन, किन्नो, मौसमी आदि) और फूल-सब्जी के क्षेत्र में किसानों को गुणवत्तायुक्त पौध उत्पादन के साथ ही नवीन प्रजातियों एवं विधाओं का प्रशिक्षण एवं उन्नत तकनीकों का प्रदर्शन उपलब्ध कराया जायेगा।

श्री सिंह ने बताया कि जनपद बाराबंकी के ग्राम सोनीकपुर, विकासखण्ड त्रिवेदीगंज, तहसील हैदरगढ़ में इण्डो-डच सहयोग से सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल एंड फ्लावर की स्थापना की जाएगी। इस केन्द्र के लिए पहली बार नीदरलैण्ड/डच सरकार को सहयोगी पार्टनर बनाया गया है, जिसके विशेषज्ञ पूर्व में स्थल का भ्रमण कर चुके हैं।

इसी प्रकार जनपद मिर्जापुर के ग्राम देवरी कला, तहसील मरिहन स्थित राजकीय प्रक्षेत्र पर ड्रैगन फ्रूट एवं खजूर के लिए सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। इस केन्द्र के लिए तकनीकी सहयोग भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बैंगलुरु और कृषि विश्वविद्यालय, कोटा (राजस्थान) द्वारा प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार जनपद झांसी में बरुआसागर स्थित औद्यानिक एवं प्रशिक्षण केन्द्र पर सिट्रस वर्गीय फलों हेतु सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। इस केन्द्र को इण्डो-इजराइल परियोजना के अंतर्गत इजराइली विशेषज्ञों का तकनीकी सहयोग प्राप्त होगा।

मंत्री ने बताया कि सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस का उद्देश्य किसानों को उस फसल से संबंधित पौध उत्पादन से लेकर विपणन तक की नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण देना और आधुनिक विधियों का प्रदर्शन करना है, ताकि किसान इन तकनीकों को अपनाकर परंपरागत खेती में सुधार कर सकें तथा उत्पादकता और आय में वृद्धि कर सकें। उन्होंने बताया कि देश में उत्तर प्रदेश इण्डो-इजराइल तकनीक सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस में दूसरे स्थान पर है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में चार सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस जिसमें फल और सब्जी हेतु बस्ती, सब्जी हेतु कन्नौज, फल और सब्जी हेतु सहारनपुर तथा अलंकृत पौध हेतु आलमबाग, लखनऊ संचालित हैं। इसके अतिरिक्त छह सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फल हेतु कौशाम्बी, सब्जी हेतु चन्दौली, शहद हेतु सहारनपुर और रायबरेली तथा एरोपोनिक्स आलू उत्पादन हेतु हापुड़ और कुशीनगर निर्माणाधीन हैं।

लखनऊ में बड़ा मंगल पर ट्रैफिक अलर्ट, जानिए कौन-कौन से रास्ते बंद रहेंगे

यूपी की राजधानी में ज्येष्ठ मास का पहला बड़ा मंगल पर्व आज पूरे श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शहर के प्रमुख हनुमान मंदिरों पर भोर से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के भी कड़े इंतजाम किये गए है । शहर भर में सड़कों के किनारे किनारे सुबह -सुबह भंडारे का कार्यक्रम शुरू हो गया है। पर्व को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस द्वारा बीती रात 12 बजे से शहर के कई हिस्सों में यातायात डायवर्जन लागू कर दिया गया है, जो दिनभर प्रभावी रहेगा। भारी वाहनों, रोडवेज व सिटी बसों समेत सामान्य यातायात को वैकल्पिक मार्गों से होकर गुजरने की सलाह दी गई है।

प्रमुख डायवर्जन इस प्रकार से

-सीतापुर रोड की ओर से आने वाले भारी वाहन व बसें कपूरथला या IT चौराहा की ओर नहीं जा सकेंगी। इन्हें मड़ियांव, टेढ़ी पुलिया, विकासनगर, वायरलेस, बादशाहनगर, सिकंदरबाग होते हुए भेजा जा रहा है।

-हजरतगंज/कैसरबाग की ओर से आने वाला यातायात कपूरथला नहीं जा सकेगा। इन्हें डालीगंज पुल, शाहमीना, पक्का पुल होकर डायवर्ट किया गया है।

-कुर्सी रोड से आने वाला ट्रैफिक नीरा नर्सिंग होम नहीं जा सकेगा, बल्कि हीवेट पॉलीटेक्निक, वायरलेस, बादशाहनगर होते हुए भेजा जा रहा है।

-IT चौराहा से अलीगंज की ओर जाने वाली रोडवेज व सिटी बसें अब अयोध्या रोड, सेन्ट्रल बैंक, वायरलेस, विष्णुपुरी होकर जाएंगी।

सहारा टावर से आने वाला यातायात अब कपूरथला नहीं जा सकेगा

-सहारा टावर से आने वाला यातायात अब कपूरथला नहीं जा सकेगा, बल्कि साई मंदिर तिराहा, निरालानगर ओवरब्रिज से डायवर्ट होगा।

-निरालानगर की ओर से आने वाले ऑटो, विक्रम, दोपहिया व चारपहिया वाहन अब सीधे कपूरथला नहीं जा सकेंगे।

-छन्नीलाल चौराहा से कपूरथला की ओर भी सामान्य यातायात बंद कर दिया गया है।

-साईं मंदिर अलीगंज तिराहे से कपूरथला की ओर आने वाला यातायात भी प्रतिबंधित है।

हनुमान सेतु की तरफ सामान्य यातायात प्रतिबंधित

-अल्कापुरी तिराहा से कपूरथला की ओर यातायात को चौराहा नंबर 8 से होकर डायवर्ट किया गया है।

-शालीमार कटिंग से हनुमान सेतु की तरफ सामान्य यातायात प्रतिबंधित है।

-IT चौराहा से हनुमान सेतु मंदिर की ओर यातायात नहीं जा सकेगा, उसे निशातगंज होते हुए भेजा जाएगा।

-12-14. क्लार्क अवध, मोतीमहल, और सिकंदरबाग से हनुमंतधाम की ओर जाने वाला सामान्य यातायात भी डायवर्ट किया गया है।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध

मंदिरों के आसपास भारी पुलिस बल तैनात है।

CCTV व ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है।

नगर निगम द्वारा साफ-सफाई व जल व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए गए हैं।

आपात सेवाएं रहेंगी मुक्त

हालांकि, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, स्कूली वाहन, शव वाहन जैसे आपातकालीन वाहनों को ट्रैफिक पुलिस द्वारा जरूरत पड़ने पर प्रतिबंधित मार्गों पर अनुमति दी जाएगी।

ट्रैफिक कंट्रोल रूम से संपर्क हेतु नंबर:9454405155

अगर सवर्ण न होते न भारत होता न भारत का संविधान : सुरज प्रसाद चौबे प्रदेश अध्यक्ष सवर्ण आर्मी


लखनऊ । देश जब गुलाम था उस समय समय की मांग थी कि देश के आजादी के लिए लड़ा जाय उस समय अम्बेडकर जी अपने जाती के लिए लड़ रहे थे यह बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है जब देश में विषम परिस्थितियों हो उस समय जाती के बारे में सोचे मुझे प्राउड होता है कि देश के आजादी की पहली गोली मंगल पांडेय ने चलाई थी किसी ने पूछा कि सवर्ण आर्मी जातिवाद करती हमे अपने जाती पर गर्व है हमे अपने महापुरुषों पर गर्व है हमे इसलिए गर्व नहीं है कि हम उच्च जाति के है,अपने पूर्वजों पर इसलिए गर्व नहीं है कि वह हमारी जाती के है हमे अपने जाती पर गर्व इसलिए है कि हमेशा दूसरों को लेकर साथ चली ,बहन बेटियों के सम्मान के लिए धर्म की रक्षा के लिए जान अपनी गर्दनों को कटवाई ,आज जो इस देश में जो लोग अपनी जनसंख्या गिना रहे हैं जो लोग रिजर्वेशन की बात कर रहे।

सवर्ण को विदेशी बता रहे हैं उनको बताना चाहते है कि अगर सवर्ण न होते न भारत होता न भारत का संविधान होता। इतिहास वीरों का लिखा जाता है कायरो का नहीं एक बात आप को बता दें मां सीता को ले कर जन रावण जा रहा था तो रावण त्रिलोक विजेता था रावण के सामने जटायु का कोई मतलब नहीं था लेकिन जटायु ने युद्ध का संकल्प लिया ,जटायु के शहीद हो गए शहीद होने के बाद इतिहास में दर्ज हुआ इतिहास में दर्ज होने का कारण उनका रावण से युद्ध करने का संकल्प रहा ,आप भी संकल्प ले अपने समाज के लिए ,सभी जातीय भेद भाव के विरुद्ध,जातीय जनगणना के विरुद्ध ,संगठित हो कर आवाज उठाए संकल्प ही आप को विजय प्राप्त कराएगा ।

यह बाते सवर्ण आर्मी प्रदेश अध्यक्ष सुरज प्रसाद चौबे ने भरौली घोरावल में सवर्ण समाज के लोगों से कहा,प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सवर्ण आर्मी प्रमुख सर्वेश पांडेय सवर्ण की आवाज बनकर देश ही नहीं विदेश में पहचान बनाई है जिनका जन्म दिन तीन जून को सवर्ण , सवर्ण एकता दिवस के रूप में कई सालों से मन रहा है इस बात भी स्वर्ण आर्मी पूरे देश में तीन जून को उत्सव की तरह पूरे प्रदेश में सवर्ण एकता दिवस मनाया जा रहा है सोनभद्र में मां कुंडवासिनी देवी के धाम कुंडरी में मनाया जा रहा है,जिला अध्यक्ष पी के शुक्ला,जिला उपाध्यक्ष राहुल तिवारी , सुरेन्द्र नाथ तिवारी ,शशांक चौबे , जितेन्द्र कुमार पाठक लकी सिंह,,मनोज सिंह मुख्य उपस्थित रहे।

जानकीपुरम में बड़े भाई ने छोटे भाई को उतारा मौत के घाट

लखनऊ। यूपी की राजधानी के जानकीपुरम थाना क्षेत्र में सोमवार को एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई, जहां आपसी विवाद के चलते एक युवक ने अपने ही छोटे भाई की गला कसकर हत्या कर दी। वारदात के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस ने नामजद आरोपी बड़े भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है ।वहीं मौत से परिवार में कोहराम मच गया है। बताया जा रहा है कि दोनों सुबह-सुबह शराब पी रखी थी।

पिटाई करने के बाद दबा दिया गला

पुलिस के अनुसार, घटना की सूचना मृतक की मां निर्मला मिश्रा ने थाने पर दी। उन्होंने बताया कि उनका बड़ा बेटा अमित मिश्रा उर्फ बाला और छोटा बेटा रवि मिश्रा उर्फ अनुज मिश्रा (उम्र करीब 20 वर्ष) एक ही घर में रहते थे। सोमवार सुबह दोनों ने शराब पी रखी थी, जिसके बाद आपसी कहासुनी शुरू हो गई। विवाद इतना बढ़ा कि गुस्से में आकर बड़े भाई अमित ने छोटे भाई रवि के साथ मारपीट की और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।

पुलिस ने बड़े भाई को लिया हिरासत में

पुलिस उपायुक्त उत्तरी गोपाल कृष्ण चौधरी ने बताया कि सूचना मिलते ही जानकीपुरम पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, मृतक के बड़े भाई और आरोपी अमित मिश्रा को मौके से ही हिरासत में ले लिया गया।इस मामले में थाना जानकीपुरम में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। पुलिस अधिकारी के अनुसार, प्रारंभिक जांच में हत्या की वजह पारिवारिक तनाव और शराब का नशा प्रतीत हो रहा है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है और आगे की विधिक कार्रवाई जारी है।

इनकम टैक्स दफ्तर में मारपीट का मामला : करोड़ के घोटाले, ट्रांसफर-साजिश और अफसरों की भिड़ंत से इनकम टैक्स विभाग में उठा भूचाल

लखनऊ । राजधानी के इनकम टैक्स विभाग में इन दिनों एक बेहद गंभीर और विवादित प्रकरण सुर्खियों में है, जिसमें विभाग के दो वरिष्ठ आईआरएस अधिकारियों के बीच टकराव ने भ्रष्टाचार, सत्ता के दुरुपयोग और आंतरिक राजनीति के कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला आठ करोड़ रुपये के कथित घोटाले और एक अफसर के आधी रात को किए गए तबादले से जुड़ा है, जिसे लेकर साजिश और प्रतिशोध के आरोप-प्रत्यारोप की लहर दौड़ गई है।

विवाद का जड़ माना जा रहा नए ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण 

इस विवाद की जड़ लखनऊ के विभूतिखंड में बने इनकम टैक्स विभाग के नए ट्रेनिंग सेंटर और हॉस्टल भवन से जुड़ी है, जिसकी निर्माण लागत करीब आठ करोड़ रुपये बताई जाती है। ज्वाइंट कमिश्नर योगेंद्र कुमार मिश्रा का आरोप है कि इस भवन के निर्माण में गंभीर भ्रष्टाचार हुआ है। निर्माण कार्य, इंटीरियर, वायरिंग, जिम उपकरण जैसे तमाम हिस्सों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जबकि कागजों में उच्च गुणवत्ता का दावा किया गया था।

योगेंद्र मिश्रा ने भवन निर्माण में पकड़ी थी भारी अनियमितता 

योगेंद्र मिश्रा के अनुसार, उनके प्रमोशन के बाद लखनऊ पोस्टिंग मिली थी और उन्हें ट्रेनिंग विंग में जिम्मेदारी दी गई थी। इसी दौरान उन्हें सीपीडब्ल्यूडी से भवन की हैंडओवर प्रक्रिया पूरी करने का जिम्मा सौंपा गया। उन्होंने विभागीय स्तर पर जांच कमेटी गठित कर निर्माण की गुणवत्ता की जांच शुरू की। इसी दौरान उन्हें भवन निर्माण में भारी अनियमितताओं की जानकारी मिली। मिश्रा का दावा है कि यह घोटाला पहले के एक अधिकारी जयनाथ वर्मा के कार्यकाल में हुआ था, जो वर्तमान में लखनऊ मुख्यालय में तैनात हैं।

आरोप, जांच आगे बढ़ाया तो रातोंरात कर दिया गया उनका ट्रांसफर 

मिश्रा के मुताबिक, जब उन्होंने इस मामले में कड़ाई से जांच आगे बढ़ाई तो उन पर दबाव बनाया जाने लगा। हालात इतने बिगड़े कि अचानक रातोंरात उनका ट्रांसफर कर दिया गया। मिश्रा का दावा है कि यह तबादला एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था, ताकि भ्रष्टाचार की परतें उजागर न हो सकें। उन्होंने इस तबादले को लेकर आरटीआई दायर कर जवाब मांगा है।इस मामले ने उस वक्त और तूल पकड़ा जब योगेंद्र मिश्रा और डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग के बीच आयकर कार्यालय में तीखा विवाद हो गया। यह विवाद उस समय हुआ जब मिश्रा कमिश्नर ऋचा रस्तोगी के चैंबर में पहुंचे, जहां पहले से ही गौरव गर्ग और कमिश्नर शौर्य शाश्वत शुक्ल मौजूद थे। बातचीत के दौरान बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों अफसरों के बीच हाथापाई हो गई, जिसमें गर्ग को चोट लगने की बात सामने आई।

गौरव का आरोप है कि योगेंद्र ने उनका गला दबाने की कोशिश 

इस घटना के बाद दोनों पक्षों से शिकायतें दर्ज कराई गईं। गौरव गर्ग ने योगेंद्र मिश्रा पर जानलेवा हमले का आरोप लगाया और दावा किया कि मिश्रा ने ऑफिस में घुसकर उन पर हमला किया, गला दबाने की कोशिश की, कांच का गिलास फेंका और निजी अंगों पर भी वार किया। उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला किसी क्रिकेट मैच में मिश्रा को न खिलाने से जुड़ी रंजिश का नतीजा है।दूसरी ओर, योगेंद्र मिश्रा की पत्नी नेहा द्विवेदी ने पुलिस आयुक्त अमरेंद्र कुमार सेंगर से मुलाकात की और एफआईआर की मांग की। नेहा का दावा है कि उनके पति ने कोई हमला नहीं किया, बल्कि खुद को बचाने के लिए धक्का दिया था, जिससे अंगूठी लगने से गर्ग को चोट लगी। उन्होंने आरोप लगाया कि गर्ग और उनकी पत्नी आईपीएस अधिकारी रवीना त्यागी ने जानबूझकर इस पूरे मामले का नरेटिव अपने पक्ष में मोड़ा।

योगेद्र की पत्नी नेहा ने पुलिस कमिश्नर से लगाई न्याय की गुहार 

शिकायती पत्र में नेहा ने लिखा है कि उन्हें और उनके परिवार को रवीना त्यागी की पोजीशन और पॉवर का डर दिखाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। आरोप है कि गौरव गर्ग ने मिश्रा को धमकी दी थी कि उनकी पत्नी पुलिस अफसर हैं और वह उन्हें किसी झूठे मुकदमे में फंसा सकती हैं, यहां तक कि एनकाउंटर कराने की धमकी तक दी गई।मामला अब मुख्यमंत्री और डीजीपी तक पहुंच गया है। मिश्रा ने पत्र लिखकर आईपीएस रवीना त्यागी का लखनऊ से तबादला करने की मांग की है और उन पर साजिश रचने का आरोप लगाया है। विभाग में आंतरिक जांच की मांग भी की गई है।

पूरे विवाद ने न सिर्फ आयकर विभाग की साख पर सवाल खड़े किए

इस पूरे विवाद ने न सिर्फ आयकर विभाग की साख पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी व्यक्तिगत रंजिश, पद व कुर्सी के दुरुपयोग और अंतर्कलह में कैसे उलझे हुए हैं। जहां एक पक्ष इसे भ्रष्टाचार को उजागर करने की सजा बता रहा है, वहीं दूसरा पक्ष इसे पेशेवर ईर्ष्या और बदले की भावना से जुड़ी हिंसा बता रहा है।अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच कर पाते हैं या नहीं। 

आयकर विभाग ने नहीं दी घटना से जुटी फुटेज 

दो आईआरएस अफसरों के बीच इनकम टैक्स दफ्तार में हुई मारपीट के मामले में शनिवार को पुलिस आयकर दफ्तर पहुंची। फोरेसिंक की टीम ने आयकर आयुक्त के कमरे में घटना का नाट्य रुपातंरण किया। हजरतगंज पुलिस ने पहुंचकर साक्ष्य जुटाएं। घटना के तीसरे दिन भी पुलिस को सीसीटीवी के फुटेज नहीं दिये गए। वहीं पुलिस की तरफ से घटना के चश्मदीद अधिकारियो को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा है। बयान होने पर पुलिस फिर आगे की कार्रवाई करेगी। साक्ष्य संकलन के लिए आयकर आयुक्त प्रशासन ऋचा स्तोगी के कमरे को पहले ही सील कर दिया गया है।

ससुराल जा रहे युवक की सड़क हादसे में मौत

लखनऊ । राजधानी के मलिहाबाद थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क हादसे में ससुराल जा रहे युवक की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, लखनऊ के मवैया निवासी मोहम्मद रफीक (30 वर्ष) पुत्र रशीद अहमद बाइक से अपनी ससुराल संडीला जा रहे थे। इसी दौरान रहीमाबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत जिन्दौर गांव के पास एक डंपर वाहन, जो पीछे जनरेटर बांधकर ले जा रहा था, उसकी कड़ी अचानक टूट गई। इससे पीछे चल रहे रफीक की बाइक जनरेटर से टकरा गई और वह गंभीर रूप से घायल हो गए।

रफीक की मौत से पूरे मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई

स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को तत्काल सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।इस हादसे की खबर मिलते ही रफीक के परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक के परिवार में पत्नी शिबा, बेटी फैईजा और बेटा अब्दुल्ला हैं। तीनों का रो-रो कर बुरा हाल है। रफीक की मौत से पूरे मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है और डंपर चालक की तलाश की जा रही है।परिजनों की मांग है कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई हो और मृतक के परिवार को मुआवजा दिया जाए।

वीरता, अनुभव और ईमानदारी का सम्मान: राजीव कृष्ण यूपी के कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को राज्य का नया कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है। उन्होंने 60,244 पदों की पुलिस भर्ती परीक्षा को पारदर्शी तरीके से सम्पन्न कर सराहना पाई। इटावा में दस्यु गिरोहों के सफाए, एटीएस गठन, और कम्युनिटी पुलिसिंग जैसी कई महत्वपूर्ण पहल में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है। IIT रुड़की से इंजीनियरिंग करने वाले राजीव कृष्ण को दो बार राष्ट्रपति वीरता पदक मिल चुका है। सेवानिवृत्ति में अभी 4 वर्ष शेष हैं, जिससे वे लंबे समय तक पुलिस प्रमुख रह सकते हैं।

वे 11 वरिष्ठ अधिकारियों को पीछे छोड़ते हुए इस पद पर चयनित हुए

उत्तर प्रदेश पुलिस को उसका नया मुखिया मिल गया है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को राज्य का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया गया है। 1989 बैच के अधिकारी राजीव कृष्ण को यह जिम्मेदारी उस समय सौंपी गई है जब प्रदेश सरकार को एक अनुभवी, निष्पक्ष और सशक्त नेतृत्व की जरूरत थी। वे 11 वरिष्ठ अधिकारियों को पीछे छोड़ते हुए इस पद पर चयनित हुए हैं।

इन्होंने पुलिस भर्ती परीक्षा को सफल तरीके से कराया

राजीव कृष्ण को हाल ही में सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों की सीधी भर्ती परीक्षा को निष्पक्ष और विवादरहित ढंग से सम्पन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से भर्ती बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। पेपर लीक जैसे गंभीर प्रकरण के बाद उनके नेतृत्व में दोबारा कराई गई परीक्षा पूरी तरह पारदर्शी रही, जिससे उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता का लोहा मनवाया। यह अभियान देश का अब तक का सबसे बड़ा पुलिस भर्ती अभियान माना जा रहा है। इसी सफलता के बाद राज्य सरकार ने उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस का शीर्ष पद सौंपा।

गौतमबुद्धनगर के मूल निवासी हैं राजीव कृष्ण

गौतमबुद्धनगर के मूल निवासी राजीव कृष्ण ने IIT रुड़की से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की थी। वे देश के सबसे युवा आईपीएस अधिकारियों में शामिल रहे हैं। अपने तीन दशकों से अधिक के सेवाकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं और हर पद पर अपनी कार्यकुशलता का प्रमाण दिया। राजीव कृष्णा एसएसपी, लखनऊ, डीआईजी, लखनऊ रेंज, एसएसपी, नोएडा, आईजी, लखनऊ ज़ोन, एडीजी, आगरा ज़ोन, आईजी ऑपरेशन्स, बीएसएफ (भारत-पाक सीमा की बाड़बंदी परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका) इन पदो पर रह चुके हैं।

दस्यु उन्मूलन अभियान के दौरान कई गिरोहों का किया सफाया

इटावा में दस्यु उन्मूलन अभियान के दौरान उन्होंने अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की और डकैतों के कई गिरोहों का सफाया किया। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश एटीएस के गठन में भी उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई थी।साल 2010 में लखनऊ में एसएसपी रहते हुए उन्होंने कम्युनिटी पुलिसिंग को नई दिशा दी। उनकी पहल पर वरिष्ठ नागरिक सहायता प्रकोष्ठ की स्थापना हुई, जिसने राजधानी के बुजुर्गों को सुरक्षा और सहायता का भरोसा दिलाया। यह प्रकोष्ठ आज भी सक्रिय है।

आईपीएस प्रशांत कुमार का नहीं हुआ सेवा विस्तार

शनिवार को पूरे दिन प्रशांत कुमार का सेवा विस्तार होने की अटकलें लगती रहीं। देर शाम तक प्रशांत कुमार द्वारा डीजीपी पद का कार्यभार नहीं छोड़ने पर इन अटकलों को बल मिलता गया, हालांकि रात करीब आठ बजे राजीव कृष्णा को डीजीपी बनाने की घोषणा कर दी गई। देर शाम प्रशांत कुमार, राजीव कृष्णा और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर उन्हें पुलिस विभाग की कॉफी टेबिल बुक भेंट की

सबसे लंबे समय तक रह सकते हैं डीजीपी

राजीव कृष्ण को दो बार राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक, उत्कृष्ट सेवा पदक, और सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। वे सादगी, ईमानदारी और संवेदनशील नेतृत्व के लिए पहचाने जाते हैं।सेवानिवृत्ति में अभी उनके चार वर्ष और एक माह शेष हैं, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि वे लंबे समय तक प्रदेश पुलिस को स्थायी और स्थिर नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर केजीएमयू का जागरूकता अभियान: युवाओं को किया तंबाकू उद्योग की रणनीतियों से सतर्क

लखनऊ। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा घोषित विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के दंत विज्ञान संकाय के पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग ने एक सशक्त और बहुआयामी जनजागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य युवाओं और स्वास्थ्य पेशेवरों को तंबाकू उद्योग की लुभावनी एवं भ्रामक रणनीतियों से सतर्क कर उन्हें इसके विरोध के लिए प्रेरित करना रहा।

प्रोफेसर डॉ. विनय कुमार गुप्ता के नेतृत्व में विभाग ने विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। उन्होंने भारतीय रेलवे परिवहन प्रबंधन संस्थान (IRITM) में 150 से अधिक प्रतिभागियों को संबोधित किया और तंबाकू उद्योग द्वारा युवाओं को प्रभावित करने की चालों पर प्रकाश डाला। साथ ही IRITM में निःशुल्क मौखिक कैंसर जांच शिविर भी लगाया गया।

डॉ. गुप्ता ने ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से आम जनता को तंबाकू सेवन के खतरों और युवाओं में इसकी बढ़ती प्रवृत्ति पर जागरूक किया।

सह-प्राध्यापिका डॉ. निशिता कंकाणे ने नर्सिंग व डेंटल छात्रों को तंबाकू निषेध में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति सजग किया। उन्होंने बताया कि ये छात्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में परिवर्तन के वाहक हैं।

परास्नातक छात्रों ने स्कूलों में जाकर बच्चों को तंबाकू उद्योग की चालों से अवगत कराया। बच्चों ने भी अभियान में भाग लेकर तंबाकू के दुष्प्रभावों पर अपने विचार साझा किए।

डेंटल और नर्सिंग छात्रों ने मेडिकल व डेंटल ओपीडी में स्ट्रीट प्ले प्रस्तुत किए और “नो स्पिटिंग” अभियान के अंतर्गत जगह-जगह स्टिकर लगाए, जिससे स्वच्छता और स्वास्थ्य का संदेश आमजन तक पहुँचा।

सरोजिनी नगर व बंथरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को स्वयं मौखिक जांच (Self Oral Examination) की विधि सिखाई गई, जिससे वे प्रारंभिक अवस्था में ही मौखिक कैंसर जैसे खतरों को पहचान सकें।

अभियान के समापन पर सैकड़ों नागरिकों और स्वास्थ्यकर्मियों ने तंबाकू-मुक्त जीवन जीने की शपथ ली, जिससे इस वर्ष के थीम “झूठी चमक के पीछे की सच्चाई: तंबाकू और निकोटिन उत्पादों के उद्योग की रणनीतियों को उजागर करना” को सार्थकता मिली।

केजीएमयू का पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग जनस्वास्थ्य व तंबाकू नियंत्रण के लिए निरंतर प्रयासरत है, और यह अभियान उसकी प्रतिबद्धता का जीवंत उदाहरण बना।