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बंद होगा कुम्हारी टोल प्लाजा : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से पूर्व MLA विकास उपाध्याय ने की मुलाकात

रायपुर- छत्तीसगढ़ के कुम्हारी टोल प्लाजा से हो रही अवैध वसूली का मामला अब एक गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है. कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने इस टोल प्लाजा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. उन्होंने पहले 10 भाजपा सांसदों और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को इस मामले को लेकर पत्र भी लिखा था. इसके बाद विकास उपाध्याय ने टोल प्लाजा के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन भी किया.

रविवार को नागपुर में पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से कुम्हारी टोल प्लाजा को लेकर मुलाकात की. इस दौरान विकास उपाध्याय ने मंत्री को टोल प्लाजा का टेंडर समाप्त होने के बावजूद वहां जारी अवैध वसूली के बारे में विस्तार से बताया और आवेदन सौंपा. बातचीत के बाद केंद्रीय मंत्री ने टोल प्लाजा को जल्द बंद कराने के लिए कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने बताया कि नागपुर में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के निज निवास में कुम्हारी टोल प्लाजा बंद कराए जाने की मांग को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा हुई. नियम कंडिका का हवाला देते हुए बताया कि 60 किलोमीटर के दायरे में दो टोल प्लाजा का संचालन नहीं होना चाहिए लेकिन छत्तीसगढ़ में इन नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. कुम्हारी टोल प्लाजा के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में अन्य भी ऐसे टोल प्लाजा है, जो 60 किलोमीटर के दायरे के अंतर्गत आते हैं और किस प्रकार इन अवैध टोल प्लाजा का संचालन हो रहा है.

बंद होगा कुम्हारी टोल प्लाजा

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय की बात को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आश्वासन दिया कि बहुत जल्द कुम्हारी टोल प्लाजा को बंद कर देंगे. उन्होंने छत्तीसगढ़ के अन्य टोल प्लाजा की भी जानकारी मंगा कर उस पर भी निर्णय लेंने की बात कही. पूर्व में मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा सदन ने कहा था कि 60 किलोमीटर के दायरे में दो तो प्लाजा का संचालन नहीं होगा लेकिन छत्तीसगढ़ में इन नियमो का पालन नहीं हो रहा है.

सत्ता पक्ष के सांसदों से मांगी गई थी मदद

उपाध्याय ने बताया कि विगत कई वर्षों से लगातार कुम्हारी टोल प्लाजा को बंद करने की मांग को लेकर आंदोलन किए जा रहे हैं. इस आंदोलनों में सहभागिता के लिए सत्ता पक्ष के सांसदों से भी सहयोग की मांग की गई थी. विकास उपाध्याय और कांग्रेस के नेताओं द्वारा लगातार कुम्हारी टोल प्लाजा को लेकर चरण बद्ध आंदोलन भी किए जा रहे हैं, NHAI के दफ्तर का घेराव, छत्तीसगढ़ के बीजेपी सांसदों को समर्थन हेतु पत्र, जनता के द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाकर टोल प्लाजा बंद कराए जाने समर्थन, टोल प्लाजा में प्रदर्शन के साथ अलग-अलग तरीके से आंदोलन लगातार किए जा रहे हैं.

दिल्ली और नागपुर में प्रदर्शन की चेतवानी

उपाध्याय ने कहा कि अगर शीघ्रातिशीघ्र कुम्हारी टोल प्लाजा को बंद करने का निर्णय नहीं लिया गया, और अन्य 60 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 2 प्लाजा का संचालन बंद नहीं किया जाता है तो दिल्ली स्थित जंतर मंतर में धरना दिया जाएगा. साथ ही परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के संसदीय क्षेत्र नागपुर में उनके निवास में प्रदर्शन किया जाएगा.

रायपुर में काउंसिलिंग किया गया स्थगित, 2 जून से 5 जून तक चलनी थी काउंसिलिंग

रायपुर- छत्तीसगढ में युक्तियुक्तकरण कई जगहों पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। विरोध के स्वर के बावजूद कई जगहों पर काउंसिलिंग की प्रक्रिया चल रही है, तो कई जगहों पर काउसिलिंग को स्थगित भी किया जा रहा है। सारंगढ़ बिलाईगढ़ में काउसिलिंग की तारीख जहां बदल दी गयीहै। वहीं रायपुर में काउंसिलिंग को स्थगित किया गया है।

रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से इस संदर्भ में आदेश जारी किया गया है। डीईओ रायपुर ने पहले 2 जून से 5 जून तक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के लिए काउंसिलिंग का आदेश जारी किया गया था। लेकिन अब उसे स्थगित कर दिया गया है। काउंसिलिंग के संदर्भ में आदेश अब नये सिरे से जारी होगा।

6 जिलों में अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग हुई पूरी, 1500 से अधिक को मिली नई पोस्टिंग

रायपुर- राज्य शासन के दिशा-निर्देशानुसार राज्य के 6 जिलों के अतिशेष 1498 सहायक शिक्षकों, प्रधान पाठकों और व्याख्याताओं की काउंसलिंग की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। अब तक 1500 से अधिक शिक्षकों को नवीन पदस्थापना जारी कर दी गई है। इसे देखते हुए माना जा सकता है कि शासन युक्तियुक्तकरण करने में सफल रही। कोरबा, सुकमा, महासमुंद, गरियाबंद, बलौदाबाजार और सूरजपुर में काउंसलिंग पूरी हो चुकी है। अतिशेष शिक्षकों की वरिष्ठता के आधार पर काउंसलिंग की गई। अतिशेष शिक्षकों की मुंगेली, राजनांदगांव, बालोद और दुर्ग जिले में काउंसलिंग प्रक्रिया जारी है। काउंसलिंग प्रक्रिया में शिक्षकों द्वारा रिक्त स्थानों में से अपने पसंद के विद्यालयों का चयन किया गया।

राज्य के कुल 10,463 स्कूलों में से सिर्फ 166 स्कूलों का समायोजन होगा। इन 166 स्कूलों में से ग्रामीण इलाके के 133 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें छात्रों की संख्या 10 से कम है और एक किलोमीटर के अंदर दूसरा स्कूल संचालित है। इसी तरह शहरी क्षेत्र में 33 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें दर्ज संख्या 30 से कम है और 500 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल संचालित है। इस कारण 166 स्कूलों को बेहतर शिक्षा के उद्देश्य से समायोजित किया जा रहा है। इससे किसी भी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। शेष 10,297 स्कूल पूरी तरह से चालू रहेंगे। उनमें केवल प्रशासनिक और शैक्षणिक स्तर पर आवश्यक समायोजन किया जा रहा है। स्कूल भवनों का उपयोग पहले की तरह ही जारी रहेगा और जहाँ आवश्यकता होगी, वहाँ शिक्षक भी उपलब्ध रहेंगे।

दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण यानी तर्कसंगत समायोजन कर रही है। इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत ज्यादा है, वहां संसाधनों और शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो। उन स्कूलों को, जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीकी अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जाए, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर उपलब्ध हो सके। इससे बच्चों को ज्यादा योग्य और विषय के हिसाब से विशेषज्ञ शिक्षक मिलेंगे। स्कूलों में लाइब्रेरी, लैब, कंप्यूटर आदि की सुविधाएं सुलभ होंगी। शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में अब पर्याप्त शिक्षक मिलेंगे। जिन स्कूलों में पहले गिनती के ही छात्र होते थे, वे अब पास के अच्छे स्कूलों में जाकर बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इस बदलाव से शिक्षा का स्तर सुधरेगा।

सरकार की मंशा साफ है — हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। यही वजह है कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि शिक्षकों की तैनाती सिर्फ संख्या के हिसाब से नहीं, बल्कि जरूरत के हिसाब से हो। छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग का मानना है कि यह कदम सिर्फ एक प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में एक ठोस बदलाव है, जिससे आने वाली पीढ़ी को मजबूत नींव मिलेगी।

8 साल से अधूरे पड़े स्काईवॉक का काम हफ्तेभर में होगा शुरू

रायपुर- राजधानी रायपुर में शास्त्री चौक से जयस्तंभ चौक व अंबेडकर अस्पताल चौक के बीच 8 साल से अधूरे स्काईवॉक (फुट ओवरब्रिज) का निर्माण कार्य अब हफ्तेभर में शुरू हो जाएगा. स्काईवॉक के अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए रायपुर की एजेंसी पीएसएए कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को ठेका मिला है. कंपनी के साथ अनुबंध हो चुका है. कार्यदिश भी जारी कर दिया गया है. अधूरे स्काईवॉक पर 37.75 करोड़ रुपए खर्च होंगे.

लोक निर्माण विभाग के मुताबिक स्काईवॉक के उपयोगी हिस्से का निर्माण सबसे पहले किया जाएगा. इनमें शास्त्री चौक पर रोटरी का निर्माण भी शामिल हैं. ठेकेदार को अनुबंधित समय-सीमा में स्काईवॉक का निर्माण कार्य पूरा करना होगा. ठेकेदार को प्राप्त पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के सीमा अंतर्गत पूर्व अनुमोदित ड्राइंग डिजाइन के अनुरूप ही स्काईवॉक निर्माण कार्य को पूरा करने कहा गया है. निविदा में शामिल सभी नॉन एसओआर आयटमों का दर विश्लेषण और विभागीय नियमावली के अनुसार सक्षम स्तर से अनुमोदन सुनिश्चित किया जा रहा है. अनुबंधित कार्य का संपादन, पर्यवेक्षण विभागीय मापदंड अनुसार किया जाएगा और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

बताया गया है कि स्काईवॉक का निर्माण कार्य किसी अन्य को सबलेट अनुमोदन सुनिश्चित किया जा रहा है. अनुबंधित कार्य का संपादन, पर्यवेक्षण विभागीय मापदंड अनुसार किया जाएगा और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. 50 करोड़ रुपए हो चुके खर्च स्काईवॉक के स्ट्रक्चर का लगभग 60 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और इस पर अभी तक लगभग 50 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. अभी 40 प्रतिशत निर्माण कार्य बाकी है, जिसे पूरा करने का निर्णय लिया गया है।

दुधारू पशु प्रदाय योजना की शुरुआत : वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा- पशु के मांस और हड्डियों की तस्करी करने वालों पर की जाएगी सख्त कार्रवाई

रायपुर- छत्तीसगढ़ में जानवरों के मांस और हड्डियों की अवैध तस्करी के मामलों पर सरकार सख्त रुख अपनाने जा रही है. वन मंत्री केदार कश्यप ने इस तरह की गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों और गिरोहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि पशु के तस्करी की जानकारी मिलने पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

वन मंत्री केदार कश्यप ने पशु के मांस-हड्डी की तस्करी को लेकर कहा कि जो भी इस तरह की अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि हाल ही में वे बिलासपुर दौरे पर थे, जहां उन्हें कुछ लोगों ने कछुए की तस्करी की जानकारी दी. इस पर उन्होंने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना की शुरुआत

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना की शुरुआत कर दी गई है। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के छह जिलों में चलाई जा रही है. इसकी शुरुआत कोंडागांव जिले से की गई, जहां लोगों को दुधारू गायें वितरित की गई.


इस संबंध में मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि पिछले वर्ष 16 दिसंबर को केंद्रीय सहकारिता मंत्री के समक्ष एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया था. उसी एमओयू के तहत प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने की संकल्पना को आगे बढ़ाया जा रहा है.


बस्तर संभाग के कांकेर और कोंडागांव जिलों में योजना की शुरुआत के साथ पूरे प्रदेश में लोगों को जागरूक किया जाएगा. मंत्री कश्यप ने कहा कि गुजरात और अन्य राज्यों में इस योजना से लोगों की आय और आत्मनिर्भरता में वृद्धि हुई है. इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी इसे लागू किया जा रहा है.

ट्रांसफार्मर में डीओ चढ़ाने का काम कर रहा था ठेका श्रमिक, 33 केवी की सप्लाई अचानक हो गई चालू, गंभीर रूप से घायल

गरियाबंद- जिले के फिंगेश्वर नगर में ट्रांसफार्मर पर डीओ (ड्रॉपआउट फ्यूज) चढ़ाने के दौरान एक ठेका श्रमिक गंभीर रूप से झुलस गया. 28 वर्षीय वेद राम साहू सेंदर करंट की चपेट में आ गए. हादसा इतना भयावह था कि करंट लगते ही युवक के दोनों पैरों में घुटनों के नीचे से चिंगारी और धुआं उठने लगा. आनन-फानन में घायल को फिंगेश्वर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उसे रायपुर कालड़ा बर्न हॉस्पिटल मे रेफर किया गया है. इलाज के दरमियान युवक की हालत गंभीर बनी हुई है.

दोनों पैर बुरी तरह झुलसे, सिर में भी गंभीर चोट

घटना स्थल पर मची अफरा-तफरी के बाद करंट से झुलसे युवक को साथी अस्पताल लेकर पहुंचे. फिंगेश्वर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर विपिन लहरे ने बताया कि घायल वेद राम साहू के दोनों पैर बुरी तरह झुलस गए हैं और सिर में भी गंभीर चोट का खतरा है. प्राथमिक उपचार के बाद उसे तत्काल रायपुर रेफर किया गया है. 

ठेकेदार-इंजीनियर की सेटिंग, लापरवाही की इंतहा

हादसे के वक्त ट्रांसफार्मर में 33 केवी की सप्लाई अचानक चालू हो गई थी. हैरानी की बात यह है कि यह कार्य बिना किसी विधिवत परमिट या तकनीकी जानकारी के किया जा रहा था. न तो वेद राम विभागीय कर्मचारी थे और न ही प्रशिक्षित, बावजूद इसके उन्हें ट्रांसफार्मर पर चढ़ाया गया.

ऑपरेटर ने बिना परमिशन के बंद की फीडर सप्लाई

घटना के समय मौजूद ऑपरेटर नवीन मगर ने स्वीकार किया कि फीडर बंद करने का कोई लिखित आदेश कनिष्ठ यंत्री से नहीं लिया गया था. ट्रांसफार्मर पर महासमुंद और फिंगेश्वर – दोनों फीडर की लाइनें थीं, और उस दौरान महासमुंद की सप्लाई चालू हो गई, जिससे हादसा हुआ.

‘मुझे कोई जानकारी नहीं’ : कनिष्ठ यंत्री ओमेश चंद्राकर

कनिष्ठ यंत्री ओमेश चंद्राकर ने दावा किया कि उन्हें न तो कोई जानकारी दी गई और न ही किसी ने शटडाउन के लिए परमिशन ली. इस बयान ने विभागीय लापरवाही की पोल खोल दी है.

एई बोले – ठेका कर्मी और ऑपरेटर दोनों दोषी

राजिम के सहायक अभियंता सिवेन्द्र साहू का कहना है कि फीडर सटडाउन की अनुमति लिखित रूप से दी जाती है. इस घटना में ठेका कर्मी ने बिना अनुमति के ऑपरेटर को शटडाउन के लिए कहा और ऑपरेटर ने भी बिना उच्चाधिकारी की अनुमति के सप्लाई बंद कर दी. दोनों पर कार्रवाई की जाएगी.

लाइनमेन को नोटिस जारी

इस गंभीर मामले में घटना के वक्त ड्यूटी से नदारद लाइनमेन रविशंकर बंसोड के खिलाफ एक्शन लेते हुए नोटिस जारी किया है. विभाग ने मामले की जांच बैठा दी है और दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है.

चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज के केन्द्रीय महाधिवेशन में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज का अतीत गौरवशाली रहा है। समाज में छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे प्रतापी शासक हुए, वहीं सरदार वल्लभभाई पटेल जैसी महान विभूतियाँ हुईं, जिन्होंने देशी रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज न केवल परिश्रम और स्वाभिमान का प्रतीक है, बल्कि यह समाज छत्तीसगढ़ के विकास का आधार स्तंभ भी है। छत्तीसगढ़ को नई दिशा और विकसित राज्य बनाने में इस समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री श्री साय आज दुर्ग जिले के ग्राम कोलिहापुरी में आयोजित चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज के केन्द्रीय महाधिवेशन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा तथा विधायक अजय चन्द्राकर, गजेन्द्र यादव एवं ललित चन्द्राकर विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज के अधिकांश लोग मूल रूप से किसान हैं और व्यापक स्तर पर कृषि कार्य से जुड़े हैं। प्रदेश सरकार किसान भाइयों के चेहरों पर हमेशा खुशी देखना चाहती है। सरकार लगातार किसान भाइयों की बेहतरी के लिए कार्य कर रही है। इस समय ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में 29 मई से 12 जून 2025 तक चल रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिकों को किसानों से सीधे जोड़ना और नई कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं तथा सफल कृषि मॉडलों की जानकारी देना है। कृषि वैज्ञानिकों के 100 समूह छत्तीसगढ़ के विभिन्न इलाकों में किसानों से संवाद कर रहे हैं। ये वैज्ञानिक किसानों को ऑर्गेनिक खेती, खाद और ‘सॉयल हेल्थ कार्ड’ के सही उपयोग के बारे में जागरूक कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ का हर किसान तकनीकी रूप से सक्षम हो और उनकी आय में वृद्धि हो।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में खेती-किसानी तभी मजबूत होगी जब किसान भाइयों को उनकी उपज की सही कीमत मिलेगी। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधानसभा चुनाव के समय गारंटी दी थी कि प्रदेश में सरकार बनने पर किसानों को दो साल का बकाया बोनस दिया जाएगा। इसे पूरा करते हुए हमने किसानों के खातों में सरकार बनते ही राशि अंतरित की। मोदी जी की गारंटी के अनुरूप छत्तीसगढ़ में किसानों से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी की जा रही है। बीते खरीफ सीजन में राज्य में 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी का नया रिकॉर्ड बना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी उपज की पूरी कीमत मिल रही है। धान खरीदी के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं, जिससे प्रदेश में खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ रहा है। प्रदेश में सिंचाई के संसाधनों को बढ़ावा देने के साथ-साथ पशुपालन और मत्स्य पालन को भी प्राथमिकता दी जा रही है। दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए गरीब परिवारों को दो-दो दुधारू पशु दिए जाएंगे, जिनकी देखभाल की जिम्मेदारी राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को सौंपी गई है। किसानों को दूध बेचने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए दुग्ध एकत्र करने के लिए भी व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले में मिलेट्स (कोदो, कुटकी और रागी) की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोसेसिंग संयंत्र की स्थापना की जा रही है। यह अनाज पहले गरीबों का भोजन माना जाता था, लेकिन अब यह पोषणयुक्त होने के कारण उच्च वर्ग में भी लोकप्रिय हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने नई औद्योगिक नीति बनाई है, जिसमें प्रदेश की जरूरत के हिसाब से उद्योग की स्थापना के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। हमारी सरकार का संकल्प है – सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। इसी भावना से हम समाज के हर वर्ग के लिए योजनाएँ बना रहे हैं और उन्हें कार्यरूप में परिणत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में किसानों, महिलाओं, बुजुर्गों और समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएँ लागू की गई हैं। महतारी वंदना योजना के तहत 70 लाख से अधिक महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इससे महिलाएँ आत्मनिर्भर बन रही हैं और सिलाई, कढ़ाई, सब्ज़ी उत्पादन जैसे कार्यों से अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं। मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना को एक बार फिर शुरू किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रामलला दर्शन योजना के तहत अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालु लाभान्वित हो चुके हैं। उन्होंने अवगत कराया कि सुशासन तिहार में छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों का दौरा किया। योजनाओं की जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग की और जनता जनार्दन से फीडबैक लिया। तीन चरणों में संपन्न सुशासन तिहार में 40 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनका निराकरण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार प्रशासनिक पारदर्शिता और डिजिटल व्यवस्था की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रही है। अब जमीन की रजिस्ट्री के तुरंत बाद नामांतरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे आम जनता को राहत मिली है। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अधिकांश कार्य ऑनलाइन किए जा रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा केवल नौकरी पाने का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन और समाज को बेहतर बनाने का जरिया है। प्रदेश में आईआईटी, आईआईआईटी, लॉ यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज जैसे प्रमुख संस्थान स्थापित किए गए हैं। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और उन्हें समाज के लिए उपयोगी नागरिक बनाने का कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कुर्मी समाज की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज उन्नत कृषक और व्यापारी समाज है, जो छत्तीसगढ़ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह समाज न केवल खेती और व्यापार में अग्रणी है, बल्कि शिक्षित और संगठित भी है। उन्होंने आग्रह किया कि विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने में सभी सामाजिक संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोई समाज मजबूत होता है तो उससे पूरा राष्ट्र मजबूत होता है। शिक्षा, सेवा और जागरूकता से ही समाज और राष्ट्र का सशक्त निर्माण संभव है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि समाज को जोड़कर सही मार्ग दिखाने वालों का समाज में हमेशा सम्मान होता है। आज समाज की नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम को विधायक अजय चन्द्राकर, ललित चन्द्राकर और बीज विकास निगम के अध्यक्ष चन्द्रहास चन्द्राकर ने भी संबोधित किया। चन्द्रनाहू क्षत्रीय कुर्मी समाज के प्रदेश अध्यक्ष विनोद चन्द्राकर ने स्वागत उद्बोधन में केन्द्रीय महाधिवेशन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर चन्द्रनाहू क्षत्रीय कुर्मी समाज के पदाधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

भाठागांव में देह व्यापार का भंडाफोड़, दलाल समेत 4 महिलाएं गिरफ्तार

रायपुर- राजधानी रायपुर से देह व्यापार के गोरखधंधे का मामला सामने आया है। काम दिलाने के बहाने गरीब और मजबूर लड़कियों को फंसाकर देह व्यापार में धकेला जा रहा था। पुरानी बस्ती थाना पुलिस ने भाठागांव स्थित एक मकान में छापा मारकर इस सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस छापेमारी कार्रवाई के दौरान मुख्य आरोपिया महिला को गिरफ्तार किया गया है, जो दलाली का काम करते हुए इस अवैध धंधे को चला रही थी। पुलिस ने मौके से आपत्तिजनक सामग्री और नकदी बरामद किया है।

यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह के दिशा-निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पश्चिम दौलत राम पोर्ते, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर लखन पटले तथा नगर पुलिस अधीक्षक राजेश देवांगन के नेतृत्व में की गई।

पुलिस को 31 मई को मुखबिर से सूचना मिली थी कि इटालिया हाउस में अनैतिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं। इस पर तत्काल टीम गठित कर रेड डाली गई। पांईटर की मदद से ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, जिसमें आरोपिया रूषा खरे पति धनउ खरे (38 वर्ष), निवासी अंबेडकर नगर, पेंड्रावन, थाना सरसीवा, जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ को गिरफ्तार किया गया।

वहीं मौके से तीन अन्य महिलाएं भी मिलीं, जिनमें धनेश्वरी मरकाम (सरगुजा), बिंदिया सिधार (जांजगीर-चांपा) और सीताबाई बरेठ (रायगढ़) शामिल हैं। पूछताछ में इन महिलाओं ने बताया कि रूषा खरे ने उन्हें काम और अच्छी आमदनी का लालच देकर रायपुर बुलाया और बाद में देह व्यापार के लिए मजबूर किया।

रेड के दौरान पुलिस ने आरोपिया के कब्जे से 1500 रुपये नगद, नए व उपयोग किए गए कुल 14 कंडोम जब्त किए। इस पूरे मामले में अआरोपियों के खिलाफ धारा 4, 5, 7 अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने रूषा खरे को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है।

कार्रवाई में नगर पुलिस अधीक्षक राजेश देवांगन, निरीक्षक योगेश कश्यप, उपनिरीक्षक शिशुपाल चंद्रवंशी, महिला प्रधान आरक्षक योगिता मिश्रा, महिला आरक्षक कावेरी चक्रवर्ती, आरक्षक नरेश क्षत्रिय, भुनेश्वर ठाकुर, अनिल चंद्राकर, सुनील शुक्ला, जितेंद्र साहू व कमलेश मांडवी की अहम भूमिका रही।

सरकारी स्कूल के बच्चों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने दान किए रोटरी कौशल प्रशिक्षण केंद्र को कंप्यूटर

रायपुर- सरकारी स्कूल के छात्रों को निःशुल्क कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान करने के लिए रोटरी क्लब ऑफ रायपुर द्वारा संचालित रोटरी कौशल कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र को 3 कम्प्यूटर दान किए गए. यह कदम रोटेरियन स्मिता रांका सराफ की सलाह पर रोटरी रॉयल के इंटरैक्ट क्लब ने उठाया है.

इस अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों के लिए इंटरैक्टर्स ने मनोरंजक शिक्षण गतिविधियाँ आयोजित की थी. इस अवसर पर उपस्थित विद्यार्थियों को स्टेशनरी प्रदान की गई. कार्यक्रम के दौरान क्लब अध्यक्ष आन्या दम्मानी, सचिव पलक अग्रवाल और पूरी इंटरैक्ट टीम को उनके प्रयास के लिए बधाई दी. कार्यक्रम का संचालन मोक इंटरैक्टर पाखी भंसाली ने किया.

कार्यक्रम के दौरान आरटीएन पीडीजी रंजीत सिंह सैनी, अध्यक्ष एनसी मोरयानी शेखर राव अमीन, कार्यक्रम समन्वयक प्रदीप गोविंद शित्तोत, प्रोजेक्ट सह अध्यक्ष नवीन आहूजा, आरसी रॉयल रायपुर सदस्य ऋषि दम्मानी और विक्रांत सराफ मौजूद थे.

GST विभाग की छापेमार कार्रवाई के खिलाफ सड़क पर उतरा व्यापारी संघ, अधिकारियों पर अवैध वसूली का लगाया आरोप

अंबिकापुर-  शहर में रविवार को जीएसटी विभाग की लगातार छापामार कार्रवाई के खिलाफ व्यापारी संघ सड़क पर उतर गया. व्यापारी संघ के आह्वान पर अंबिकापुर में नगर बंद का व्यापक असर देखा गया. कई दुकानों के शटर बंद रहे और व्यापारिक गतिविधियां ठप रही. 

व्यापारियों का आरोप है कि जीएसटी विभाग के अधिकारी लगातार अवैध वसूली कर रहे हैं और बेवजह छोटे व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है. इसी के विरोध में व्यापारियों ने शहर में रैली निकालकर विरोध जताया. रैली के दौरान व्यापारी “जीएसटी अधिकारी होश में आओ, होश में आओ” जैसे नारों के साथ सड़कों पर उतरे.

व्यापारी संघ का कहना है कि पिछले एक वर्ष में अंबिकापुर में जीएसटी चोरी की शिकायतों पर विभाग ने दर्जनों छापामार कार्रवाइयां की हैं, जिनमें से कई पूरी तरह जायज नहीं कही जा सकती. हमें विभाग की कार्रवाई से आपत्ति नहीं है, लेकिन यह जरूरी है कि हर कार्रवाई निष्पक्ष और उचित हो. जिन व्यापारियों की सालाना आर्थिक क्षमता 50 लाख रुपये भी नहीं है, उन्हें 1 करोड़ रुपये तक का टैक्स थमा दिया जा रहा है. यह न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि ऐसे में व्यापारी मानसिक रूप से टूट जाते हैं. कोई भी व्यक्ति इस दबाव में आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर हो सकता है और उसके परिवार को भूखे मरने की नौबत आ सकती है.


कहा कि हम व्यापारी चोर नहीं हैं. हम टैक्स देने में सक्षम हैं और भुगतान भी कर रहे हैं. हमारा सरकार से बस इतना ही अनुरोध है कि वह सख्ती की बजाय संवेदनशीलता से स्थिति को समझे. ऐसी जबरदस्ती वाली कार्रवाइयां न की जाएं, जो हमें अपने ही किसी व्यापारी साथी को खोने के कगार पर ला दें.

तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन 

अंबिकापुर के व्यापारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम से तहसीलदार उमेश सिंह बाज को ज्ञापन सौंपा है. मांग की गई है कि जीएसटी विभाग के छापामार कार्रवाई पर रोक लगाएं और व्यापारियों को बेवजह परेशान नहीं किया जाए.