कार्य के दौरान संविदा बिजली कर्मचारी की मौत: विभागीय साथियों ने कैंडल मार्च कर दी श्रद्धांजलि
रायपुर- छत्तीसगढ़ की बिजली व्यवस्था में अहम योगदान देने वाले संविदा कर्मचारियों की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है. अंबिकापुर क्षेत्र के मैनपाट वितरण केंद्र में कार्यरत संविदा बिजली कर्मचारी सुनील कुमार टोप्पो की ड्यूटी के दौरान हुई दुर्घटना में मौत हो गई.
21 मई 2025 को 33 केवी लाइन में काम करते समय वह पोल से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था. उन्हें तत्काल रायपुर के डीकेएस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान 27 मई की रात 10 बजे उनका निधन हो गया.
लगातार हो रही दुर्घटनाओं से बिजली कर्मचारियों में आक्रोश
विद्युत विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के लिए यह कोई पहला मामला नहीं है. अब तक 30 संविदा कर्मचारी कार्यस्थल पर बिजली संबंधी हादसों में जान गंवा चुके हैं, जबकि 95 से अधिक कर्मचारी दुर्घटनाओं के चलते अपंग हो चुके हैं. इस घटना ने विभागीय लापरवाही और सुरक्षा उपायों की पोल खोलकर रख दी है.
कैंडल मार्च निकालकर दी गई श्रद्धांजलि
29 मई 2025 को, छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले रायपुर स्थित विद्युत सेवा भवन, डंगनिया मुख्यालय में शोकसभा और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरिचरण साहू, महामंत्री कमलेश भारद्वाज, समस्त रीजन अध्यक्ष, महासंघ व अन्य संगठनों के पदाधिकारी एवं संविदा कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे. सभी ने कैंडल मार्च निकालकर स्व. सुनील कुमार टोप्पो को नम आंखों से अंतिम विदाई दी.
50 लाख मुआवजा और अनुकंपा नियुक्ति की मांग
श्रद्धांजलि सभा के बाद सभी संविदा कर्मियों ने छत्तीसगढ़ पॉवर कंपनी के अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपा. इसमें दो प्रमुख मांगें की गईं:
- परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा
 - परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति
 साथ ही यह भी कहा गया कि यह मौत पहली नहीं है, बल्कि लंबे समय से संविदा कर्मचारियों की उपेक्षा और असुरक्षा का परिणाम है. इसलिए कंपनी प्रबंधन से द्विपक्षीय वार्ता की मांग भी ज्ञापन में रखी गई.
संविदा कर्मचारियों की तीन प्रमुख मांगें
- नियमितीकरण: संविदा कर्मचारियों को पूर्व की तरह कंपनी के नियमों के अनुसार जल्द से जल्द नियमित किया जाए.
 - अनुकंपा नियुक्ति: कार्य के दौरान या सामान्य मृत्यु की स्थिति में परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति मिले.
 - सुरक्षा व्यवस्था: फील्ड में कार्य करने वाले सभी नियमित, संविदा या बाह्य स्त्रोत कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपकरणों और निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि विद्युत दुर्घटनाओं को शून्य किया जा सके.
 

						











बालोद- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में राजस्व विभाग की लापरवाही पर सख्त चेतावनी दी थी, इसके बावजूद बालोद जिले में एक गंभीर मामला सामने आया है। गुंडरदेही तहसील के रजिस्ट्री कार्यालय में आज उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक किसान ने भूमि दस्तावेजों में त्रुटि सुधार की प्रक्रिया में लापरवाही से तंग आकर जहरीले पदार्थ का सेवन करने की कोशिश की।




May 29 2025, 21:20
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