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राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया 30 मई से

* मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से स्थानान्तरण के लिए 04 जून तक आवेदन करने का अवसर

लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने बताया कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत सहायक अध्यापक / प्रवक्ता का वार्षिक स्थानान्तरण नीति के अन्तर्गत ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया 30 मई से प्रारंभ होगी। कार्यरत सहायक अध्यापक/प्रवक्ता को मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से स्थानान्तरण के लिए 04 जून, 2025 तक आवेदन करने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने बताया कि शिक्षकों का आवेदन पत्र ऑनलाइन ही सबमिट होगा, किसी अन्य माध्यम से आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा। इच्छुक शिक्षकों को ऑनलाइन स्थानान्तरण प्रक्रिया में प्रतिभाग करने के लिए अन्य अवसर प्रदान नहीं किया जायेगा। प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात स्थानान्तरण आदेश मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से निर्गत किया जायेगा। विस्तृत जानकारी https://ehrms.upsdc.gov.in पर प्राप्त की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि शिक्षकों की सुविधा हेतु तथा हेल्पलाइन नम्बर- 9368636558 तथा 8317054632 पर कॉल या इसी नम्बर पर व्हाट्सएप (कार्यदिवस में समय 10:00 बजे से 5:00 बजे तक) उपलब्ध रहेगा, जिस पर वे अपनी समस्या के निराकरण हेतु संपर्क कर सकते हैं।

यमुना एक्सप्रेसवे पर बनने वाले फिल्म इंस्टीट्यूट में यूपी के युवाओं को प्राथमिकता

इंटरनेशनल फिल्म सिटी में स्थानीय युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण और रोजगार का विशेष अवसर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेसवे के पास विकसित की जा रही इंटरनेशनल फिल्म सिटी में एक अत्याधुनिक फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना की जाएगी। यह संस्थान खासतौर पर यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र और आसपास के युवाओं के लिए सुनहरे अवसर लेकर आएगा। यहां अभिनय, स्क्रिप्ट राइटिंग, एडिटिंग, कैमरा ऑपरेशन, वीएफएक्स, लाइटिंग, फैशन, मीडिया और मास कम्युनिकेशन जैसे विविध कोर्सेज में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस संस्थान की विशेषता यह होगी कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद युवाओं को फिल्म सिटी में ही रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर नौकरियों का सृजन होगा।

230 एकड़ में बन रही है फिल्म सिटी:

यह इंटरनेशनल फिल्म सिटी यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सेक्टर-21 में 230 एकड़ क्षेत्र में पहले चरण के तहत विकसित की जा रही है, जिसकी अनुमानित लागत 1,510 करोड़ रुपये है। इस परियोजना को बॉलीवुड के चर्चित निर्माता बोनी कपूर और भूटानी ग्रुप के कंसोर्सियम "बेव्यू भूटानी फिल्म सिटी प्रा. लि." द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। निर्माण के पहले चरण में आगामी तीन वर्षों के भीतर विभिन्न स्टूडियो और फिल्म इंस्टीट्यूट का विकास किया जाएगा।

कंपनी के जीएम राजीव अरोड़ा के अनुसार, यह संस्थान देश का सबसे आधुनिक और अनोखा फिल्म इंस्टीट्यूट होगा। पहले चरण में इसका निर्माण 3 लाख वर्गफुट क्षेत्र में किया जाएगा, जिसमें स्मार्ट क्लासरूम, एडिटिंग सुइट्स, वीआर लैब्स और अत्याधुनिक स्टूडियो शामिल होंगे। छात्रों को रियल प्रोजेक्ट्स पर काम करने का व्यावहारिक अनुभव भी दिया जाएगा।

स्थानीय प्रतिभाओं को प्राथमिकता:

राजीव अरोड़ा ने कहा कि संस्थान में प्रशिक्षण और नौकरी के लिए स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, विशेष रूप से यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास के क्षेत्र के युवाओं को। मुंबई जैसे शहरों से स्टाफ लाने की बजाय स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार देना अधिक व्यावहारिक और किफायती होगा।

संस्थान में एक्टिंग, स्क्रिप्ट और स्टोरी राइटिंग, कैमरा ऑपरेशन, लाइटमैन, स्पॉट ब्वॉय, फैशन डिजाइनिंग और फिल्म म्यूजिक जैसे अनेक कोर्स कराए जाएंगे। साथ ही, इंडस्ट्री विशेषज्ञों के साथ कार्यशालाएं, गेस्ट लेक्चर्स और इंटर्नशिप के अवसर भी दिए जाएंगे।

* फिल्म प्रीमियर और संसाधन केंद्र:

फिल्म सिटी में फिल्म प्रीमियर आयोजित करने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे प्रोडक्शन हाउस को मुंबई या अन्य शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही, स्क्रिप्ट्स, फिल्म्स और अकादमिक संसाधनों से युक्त एक अत्याधुनिक लाइब्रेरी और रिसोर्स सेंटर भी स्थापित किया जाएगा।

फिल्म इंस्टीट्यूट के कैंपस में हॉस्टल, कैफेटेरिया, हेल्थ सेंटर और मनोरंजन क्षेत्र जैसी सुविधाएं होंगी। साथ ही, फिल्म फेस्टिवल्स, प्रदर्शनियों और रचनात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन कर छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने और नेटवर्किंग का अवसर प्रदान किया जाएगा।

यह फिल्म इंस्टीट्यूट न केवल उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार का केंद्र बनेगा, बल्कि राज्य को फिल्म निर्माण और मनोरंजन उद्योग के एक नए ग्लोबल हब के रूप में स्थापित करेगा।

मदेयगंज में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी की मुठभेड़ में गिरफ्तारी, अवैध तमंचा बरामद

 राजधानी के थाना मदेयगंज क्षेत्र में आज सुबह पुलिस और एक दुष्कर्म के आरोपी के बीच मुठभेड़ हो गई। यह कार्रवाई थाना मदेयगंज पुलिस द्वारा पोक्सो एक्ट के तहत वांछित आरोपी की गिरफ्तारी के लिए रघुवंशी ढाल के पास चेकिंग के दौरान की गई। इसी दौरान एक युवक बाइक से भागने लगा, जिसे पुलिस ने संदिग्ध मानते हुए रोकने का प्रयास किया।

घायल अभियुक्त को अस्पताल में कराया भर्ती 

पुलिस टीम के पीछा करने पर आरोपी ने उन पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने आत्मरक्षा में फायर किया, जिससे आरोपी घायल हो गया। घायल अभियुक्त को तत्काल इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

आरोपी सीतापुर का रहने वाला

गिरफ्तार आरोपी की पहचान कमल किशोर उर्फ भद्दर, निवासी कमियापुर, थाना मानपुर, जनपद सीतापुर (फिलहाल नया पक्का पुल, मदेयगंज) के रूप में हुई है। मौके से एक अवैध तमंचा, एक जिंदा, एक खाली व एक मिस फायर कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद हुई है।

पांच वर्षीय बच्ची के साथ किया था दुष्कर्म 

डीसीपी मध्य आशीष श्रीवास्तव के अनुसार, मंगलवार को पक्का पुल इलाके में एक पांच वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल मुकदमा दर्ज कर तीन टीमों को आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया था। पुलिस ने 24 घंटे के भीतर मुठभेड़ के बाद अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया। टीम को सराहनीय कार्य के लिए 25,000 इनाम देने की घोषणा की गई है।

मानसून से पहले परियोजनाओं को हर हाल में पूरा किया जाए : जयवीर सिंह

* पर्यटन मंत्री ने भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा बनाने तथा मौजूदा कार्यक्रमों को धरातल पर उतारने के कार्य की समीक्षा की

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने मंगलवार को पर्यटन निदेशालय में अधिकारियों के साथ बैठक की। कार्य समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश में पर्यटन विकास की रूपरेखा तथा आगामी परियोजनाओं की प्रगति पर विस्तार से बातें हुई। उक्त मीटिंग में मंत्री ने पर्यटन योजना, प्रचार के अंतर्गत सोशल मीडिया के कार्य और संस्कृति विभाग के बारे में आवश्यक निर्देश दिये।

श्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बरसात शुरू होने से पहले सभी जारी विकास कार्यों की रफ्तार तेज हो। उन्होंने कहा कि समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि आमजन को बरसात के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। बैठक में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक स्थलों को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करें। श्री सिंह ने राज्य के पर्यटन विकास की संभावनाओं और आगामी योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। साथ ही, अधिकारियों से कहा कि वे योजनाओं को धरातल पर उतारने में तेजी लाएं। राज्य को एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठाएं।

विभागीय बैठक में प्रदेश के प्रमुख और अल्पज्ञात पर्यटन स्थलों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रचार-प्रसार के संदर्भ में भी विमर्श हुआ। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से राज्य के गंतव्यों का प्रचार करने के लिए नई सोच और रणनीतियों को अपनाया जाना चाहिए, जिससे हमारे राज्य का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वृहद प्रचार हो सके।

पर्यटन मंत्री ने बैठक में राज्य के बौद्ध स्थलों, कार्यों और धरोहरों के प्रचार-प्रसार को लेकर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि बौद्ध स्थलों के विकास और प्रचार से न केवल राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान मिल रही है।’

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। विकास कार्यों को तय समय सीमा के भीतर गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी विकास कार्यों की नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में पर्यटन को सशक्त आधार मिले और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को विश्वस्तरीय अनुभव प्राप्त हो’।

उपभोक्ता हित सर्वोपरि: अध्यक्ष रेरा

भू-संपदा अभिकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण एवं प्रमाणन कार्यक्रम शुरू

पारदर्शी और प्रशिक्षित रियल एस्टेट सेक्टर की दिशा में बड़ा कदम

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर की पारदर्शिता, स्थायित्व और उपभोक्ता हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (उ.प्र. रेरा) ने एक विशेष प्रशिक्षण एवं प्रमाणन कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम राज्य के भू-संपदा अभिकर्ताओं की भूमिका को सुदृढ़ बनाने और उन्हें रेरा अधिनियम व नियमावली की गहन जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है।

उ.प्र. रेरा के अध्यक्ष संजय आर. भूसरेड्डी ने जानकारी दी कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का लक्ष्य अभिकर्ताओं को रियल एस्टेट नियमन से जुड़े सभी पहलुओं की व्यावहारिक जानकारी देना है। इससे न केवल उनके कार्यों में पारदर्शिता आएगी, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित होगी। प्रशिक्षण पूर्ण करने के पश्चात् प्रत्येक प्रतिभागी को मूल्यांकन परीक्षा में सफलता के आधार पर प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। यह प्रमाण पत्र किसी भी अभिकर्ता को पार्टनरशिप-फर्म, एलएलपी या कंपनी में कार्य करने के लिए मान्य होगा, साथ ही वह स्वयं का अलग रजिस्ट्रेशन भी करा सकेगा।

श्री भूसरेड्डी ने बताया कि प्रत्येक एजेंट के लिए प्रशिक्षण अनिवार्य है, चाहे वह पहले से रजिस्टर्ड हो या नया आवेदन कर रहा हो। रजिस्ट्रेशन के लिए प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। एजेंसी से जुड़ी पूरी टीम विशेष रूप से विज्ञापन, सेल्स, मार्केटिंग, व वित्तीय लेन-देन में संलग्न कर्मियों को भी प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा।

प्रशिक्षण शुल्क विवरण:

प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को ₹6,000/- का शुल्क ऑनलाइन जमा करना होगा। जिन्होंने पूर्व में ₹5,000/- जमा किए थे, उन्हें अतिरिक्त ₹1,000/- का भुगतान पोर्टल के माध्यम से करना होगा। प्रशिक्षण के लिए लखनऊ स्थित इंडिया लिटरेसी बोर्ड परिसर में बैचवाइज कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। निर्धारित बैच में भाग न लेने पर शुल्क जब्त कर लिया जाएगा और पुनः ₹6,000/- भुगतान के बाद ही दोबारा प्रशिक्षण संभव होगा।

अध्यक्ष रेरा ने यह भी स्पष्ट किया कि प्राप्त प्रमाण पत्र न केवल उस संस्था विशेष के लिए वैध होगा, बल्कि प्रतिभागी द्वारा संस्था बदलने या स्वयं की नई एजेंसी शुरू करने पर भी यह प्रमाण पत्र मान्य रहेगा। यह पहल प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर को अधिक जिम्मेदार, प्रशिक्षित और उपभोक्ता हितों के अनुरूप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

स्टांप तथा पंजीयन मंत्री द्वारा तीसरे बड़े मंगल पर कराया गया भंडारा

- डिप्टी सीएम बृजेश पाठक सहित कई मंत्री हुए शामिल, मुख्यमंत्री के सलाहकार भी रहे उपस्थित

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के स्टांप तथा पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल द्वारा आज हजरतगंज दक्षिणमुखी हनुमान जी के मंदिर में ज्येष्ठ माह के तीसरे बड़े मंगल के पावन अवसर पर भंडारा आयोजित कर प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की मंगलकामना की।

श्री जायसवाल ने कहा कि हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित बड़े मंगल का दिन उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से राजधानी लखनऊ में विशिष्ट धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। बड़ा मंगल उत्तर भारतीय लोक आस्था का एक महत्वपूर्ण पर्व है। लखनऊ की धरती पर यह पर्व सामाजिक समरसता, सहयोग और श्रद्धा का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने कहा कि हनुमान जी समाज को शक्ति, भक्ति और सेवा का संदेश देते हैं। एक-दूसरे की मदद करेंगे, तभी सच्चे अर्थों में धर्म की विजय होगी और मानवता का कल्याण होगा।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, पर्यटन मंत्रीजयवीर सिंह, कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा मंत्री कपिल देव अग्रवाल, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र “दयालु” राज्यसभा सांसद पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा तथा मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी सहित कई अन्य गणमान्य लोगों ने प्रसाद वितरण में भागीदारी की।

हर पात्र दिव्यांगजन को मिलेगा सहारा: यूपी में निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल वितरण के निर्देश

* योगी सरकार का लक्ष्य- दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन देना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने भारत सरकार की सहायता प्राप्त दिव्यांगजन सशक्तिकरण (एडिप) योजना के तहत सभी जनपदों में पात्र दिव्यांगजनों को निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल और सहायक उपकरण समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से वितरित करने के निर्देश दिए हैं।

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने कृत्रिम अंग और सहायक उपकरणों हेतु ₹37.40 करोड़, तथा मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल वितरण के लिए ₹2 करोड़ का बजट निर्धारित किया है।

प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने विधानसभा स्थित कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में इस दिशा में की जा रही प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि योजनाओं का समन्वित क्रियान्वयन एलिम्को के सहयोग से किया जाए ताकि बजट का अधिकतम लाभ ज़रूरतमंदों को मिल सके।

मंत्री ने बताया कि हाल ही में राज्य के प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में 100 दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल वितरित की गई है। सरकार की योजना है कि इस पहल को और विस्तार दिया जाए, जिससे हर जरूरतमंद व्यक्ति को उसकी पात्रता के अनुसार लाभ मिल सके।

बैठक में प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा, एमडी प्रवीण कुमार, एलिम्को के जीएम विवेक द्विवेदी, सहायक प्रबंधक पंकज द्विवेदी, अन्य विभागीय अधिकारी तथा भारत सरकार के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उपस्थित रहे।

लखनऊ: महिला दरोगा ने की आत्महत्या, कारणों का नहीं चला पता

ब्रेकिंग --

लखनऊ। इंदिरानगर स्थित ए ब्लॉक में एक महिला दरोगा ने आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार, वह विकास भवन के पास एक मकान में किराए पर रह रही थीं।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और पंचनामा की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। आत्महत्या के कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हुआ है। मामले की जांच जारी है।

उत्तर प्रदेश में जल संरक्षण की नई इबारत, 566 विकासखंड सुरक्षित श्रेणी में पहुंचे

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में भूजल संरक्षण और जल प्रबंधन के क्षेत्र में किए गए ठोस प्रयास अब परिणाम देने लगे हैं। राज्य सरकार की नई जल नीति, तकनीकी नवाचार और जनभागीदारी आधारित योजनाओं के चलते प्रदेश के 826 में से 566 विकासखंडों में भूजल स्तर में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है।

लखनऊ, बलरामपुर, गोंडा, बहराइच, बाराबंकी, रायबरेली सहित 29 जिलों में जल स्तर में व्यापक सकारात्मक परिवर्तन देखा गया है। यह बदलाव पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल के रूप में उभर रहा है।

2017 के मुकाबले बेहतर हुआ भूजल परिदृश्य

वर्ष 2017 में 82 विकासखंड ‘अतिदोहित’ (Over-exploited) श्रेणी में थे, जबकि अब यह संख्या घटकर 50 रह गई है। साथ ही, कई ‘सेमी-क्रिटिकल’ श्रेणी वाले ब्लॉक्स अब ‘सुरक्षित’ श्रेणी में आ चुके हैं। यह सुधार तीन स्तंभों- नीतिगत प्रतिबद्धता, तकनीकी निगरानी, और सामुदायिक भागीदारी- के सफल समन्वय का परिणाम है।

तकनीकी निगरानी से बनी जल नीति और भी प्रभावी

राज्य सरकार ने भूजल की सटीक और समयबद्ध निगरानी के लिए पिछले एक वर्ष में 500 पीजोमीटर और 690 डिजिटल वॉटर लेवल रिकॉर्डर (DWLR) स्थापित किए हैं। इन उपकरणों से जल स्तर का रियल टाइम डेटा उपलब्ध हो रहा है, जिससे जल प्रबंधन से जुड़े निर्णय अधिक वैज्ञानिक और पारदर्शी बन सके हैं।

भूगर्भ जल विभाग की दीर्घकालिक योजना

‘नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग’ के अंतर्गत भूगर्भ जल विभाग ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए स्थायी भूजल प्रबंधन की विस्तृत रणनीति बनाई है। भूजल सूचना प्रणाली को लगातार उन्नत किया जा रहा है, ताकि जल के दोहन, उपयोग और पुनर्भरण की प्रक्रियाएं वैज्ञानिक ढंग से संचालित की जा सकें।

भूजल स्तर में सुधार वाले हैं यह 29 जिले :

आगरा, अलीगढ़, औरैया, बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी, बरेली, बिजनौर, एटा, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गोंडा, हापुड़, जालौन, झांसी, कानपुर देहात, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, लखनऊ, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर , रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती।

लखनऊ के नया हनुमान मंदिर में शुरू हुआ फेस रिकग्निशन सिस्टम, सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन में तकनीक का बड़ा कदम

लखनऊ। राजधानी के अलीगंज क्षेत्र स्थित नया हनुमान मंदिर में बढ़ती भीड़ और सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने एक अभिनव पहल की है। मंदिर परिसर में उन्नत फेस रिकग्निशन सिस्टम का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य आगंतुकों की निगरानी को अधिक सुव्यवस्थित बनाना और संभावित सुरक्षा खतरों से समय रहते निपटना है।

इस नई एआई-सक्षम तकनीक से भीड़ नियंत्रण और आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उल्लेखनीय मदद मिलेगी। यह पहल धार्मिक स्थलों पर तकनीक के प्रभावी उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति मानी जा रही है।

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि परीक्षण चरण के दौरान इस तकनीक ने 6,500 से अधिक यूनिक विजिटर्स को रिकॉर्ड किया और 96 प्रतिशत की सटीकता दर के साथ रियल-टाइम में चेहरा पहचानने में सफलता हासिल की।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत मंदिर के वीआईपी गेट और अन्य प्रमुख प्रवेश व निकास द्वारों पर हाई-रेजोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं। यह सिस्टम संभावित भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की पूर्व पहचान कर त्वरित समाधान दे सकता है और चोरी या अन्य संदिग्ध गतिविधियों की स्थिति में तेजी से पहचान कर सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया समय को घटा सकता है। इससे पहले हनुमान सेतु मंदिर में भी इस तकनीक का परीक्षण किया गया था, जहां यह 93% सटीकता के साथ सफल रहा।

* भविष्य में राज्यभर के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर विस्तार की योजना

पर्यटन मंत्री ने बताया कि विभाग अब इस तकनीक को अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी, प्रयागराज के बड़े हनुमान जी मंदिर और अलोपी देवी मंदिर, वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और बटुक भैरव मंदिर, मथुरा के कुसुम सरोवर, वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर और प्रेम मंदिर सहित अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भी लागू करने की योजना बना रहा है।