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कोरोना ने बढ़ा दी टेंशन, हफ्तेभर में तेजी से बढ़े वायरस, जानें राज्य में कितने मामले?

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साल 2020 से 2022 तक देश के साथ ही पूरी दुनिया में कोहराम मचाने वाला घातक कोरोना वायरस से होने वाला संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है। दुनियाभर में एक बार फिर से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। इस नई लहर का प्रकोप एशियाई देशों में सबसे ज्यादा है। कोरोना की ये लहर अब भारत में भी दस्तक दे चुकी है। भारत में विशेषकर मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, केरल और तमिलनाडु में कोविड संक्रमण के मामले तेजी से सामने आए हैं

केरल में मई महीने में अब तक कोरोना के 273 नए मामले

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने दक्षिण-पूर्व एशिया में मामलों में वृद्धि के बाद दक्षिणी राज्य के सभी जिलों से कोविड-19 निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया है। जॉर्ज ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों को संक्रमण में किसी भी वृद्धि पर बारीकी से नज़र रखनी चाहिए और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिएय़ उन्होंने यहां जिला चिकित्सा और निगरानी अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी की. मंत्री ने कहा कि मई में केरल में कोविड-19 के 273 मामले सामने आए। सबसे ज्‍यादा मामले कोट्टायम में 82 थे, उसके बाद तिरुवनंतपुरम में 73, एर्नाकुलम में 49, पठानमथिट्टा में 30 और त्रिशूर में 26 मामले थे। जॉर्ज ने समय रहते रिपोर्ट करने के महत्व पर ज़ोर दिया और कहा कि वायरस को नियंत्रित करने के लिए स्व-देखभाल महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि खांसी, गले में खराश या सांस लेने में समस्या जैसे लक्षणों वाले लोगों को मास्क पहनना चाहिए।

दिल्‍ली में कोरोना के 23 नए मामले

दिल्‍ली में कोरोना संक्रमण के 23 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद अस्पतालों से बिस्तरों, ऑक्सीजन, जरूरी दवाइयों, वैक्सीन, वेंटिलेटर, बाय-पैप, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। कोविड ड्यूटी में लगे स्टाफ को आवश्यकतानुसार रिफ्रेशर प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आईएलआई और एसएआरआई मामलों की रोजाना आईएचआईपी पोर्टल पर रिपोर्टिंग करनी होगी।

हरियाणा में कोविड के चार नए मामले

हरियाणा में चार नए कोविड मामले सामने आने के बाद, प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग सार्वजनिक सुरक्षा और तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हरियाणा में वर्तमान में चार सक्रिय कोविड-19 मामले हैं – दो गुरुग्राम में और दो फरीदाबाद में – जिनका कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास नहीं है। इसमें कहा गया है कि मामले – दो पुरुष और दो महिला मरीज – हल्के हैं और वर्तमान में नियमित चिकित्सा देखरेख में घर पर ही क्वारंटीन हैं। बयान में कहा गया है कि सभी चार व्यक्तियों को पहले कोविड-19 के खिलाफ टीका लगाया गया था, जिससे लक्षणों को कम रखने में मदद मिली।

गुजरात में कोरोना के 15 नए मामले

गुजरात में लंबे अंतराल के बाद कोरोना वायरस के 15 नए मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने लोगों से घबराने की अपील नहीं की है, क्योंकि मौजूदा वैरिएंट कम गंभीर है।उन्होंने बताया कि सभी मरीजों का इलाज घर पर ही किया जा रहा है। अतिरिक्त निदेशक (सार्वजनिक स्वास्थ्य) डॉ. नीलम पटेल ने बताया कि गुजरात में वर्तमान में कोविड-19 के जेएन.1 वैरिएंट के 15 सक्रिय मामले हैं। उन्होंने बताया कि यह वैरिएंट ओमिक्रॉन परिवार से आता है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में खोजा गया था। पटेल ने गांधीनगर में कहा, ‘गुजरात में सक्रिय मामलों में से 13 अहमदाबाद शहर में हैं और एक-एक राजकोट शहर और अहमदाबाद ग्रामीण में है। ये मामले ओमिक्रॉन जेएन.1 वैरिएंट के हैं, जो कम गंभीर है। यह गुजरात या भारत के लिए इस समय बहुत चिंता का विषय नहीं है।’ उन्होंने कहा कि हाल के हफ्तों में चीन, थाईलैंड और सिंगापुर जैसे देशों में हजारों मामले सामने आए हैं और यह स्वाभाविक है कि संक्रमण भारत में फैल गया है, क्योंकि लोग एक जगह से दूसरी जगह यात्रा करते हैं। पटेल ने बताया कि गुजरात में कोविड के एक मरीज ने सिंगापुर की यात्रा की थी।

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक जनमत तैयार कर रहा भारत, 4 और सर्वदलीय टीम विदेश रवाना

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ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के सीमापार से फैलाए जा रहे आतंकवाद पर भारत के पक्ष को वैश्विक स्तर पर रखने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के कई देशों में भेजा रहा है। पाकिस्तान के झूठ को दुनिया के सामने उजागर करने के लिए भारत ने 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं। इनमें से तीन ग्रुप पहले ही अलग-अलग देशों में जाकर आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को बेनकाब कर रहे हैं, तो वहीं बाकी के 4 ग्रुप आज से रवाना हो गए। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका रवाना हो चुका है।

कौन ग्रुप कहां जा रहा है?

ग्रुप 1: बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित 8 सदस्यीय टीम सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत और अल्जीरिया का दौरा करेगी।

ग्रुप 2: वरिष्ठ बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद की अगुवाई में 8 सदस्यीय टीम यूके, फ्रांस, इटली, जर्मनी और यूरोपीय यूनियन का दौरा कर रही है।

ग्रुप 5: कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, ब्राज़ील, गुयाना, पनामा और कोलंबिया में भारत की आवाज़ बुलंद करेगा।

ग्रुप 7: सुप्रिया सुले के नेतृत्व में 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मिस्र, इथियोपिया, कतर और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा करेगा।

भारत पिछले कई वर्षों से पीड़ित- थरूर

अमेरिका समेत पांच साझेदार देशों के लिए रवाना होने वाले एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेता के रूप में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद पर भारत के रुख को साझा करेगा और दुनिया को बताएगा कि भारत पिछले कई वर्षों से किस तरह से पीड़ित है। मीडिया से बात करते हुए शशि थरूर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में 9/11 स्मारक का दौरा करेगा। गुयाना में प्रतिनिधिमंडल स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेगा और अधिकारियों से मुलाकात करेगा। उन्होंने कहा, 'हम वहां लोगों को अपने अनुभव के बारे में बताने जा रहे हैं, हमने जो किया, वह क्यों किया और भविष्य में भारत का रवैया क्या होगा। हम लोगों से मिलेंगे और पिछले कई सालों से जो झेल रहे हैं, उसे साझा करेंगे।

पाकिस्तान आतंकवादी शिविर चला रहा-ओवैसी

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, मैं ग्रुप 1 का हिस्सा हूं जिसका नेतृत्व बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा कर रहे हैं। सबसे पहले हम बहरीन जाएंगे। फिर हम कुवैत जाएंगे, फिर सऊदी अरब और अंत में अल्जीरिया जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा, पहलगाम की दर्दनाक घटना, हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान आतंकवादी शिविर चला रहा है और उनका समर्थन कर रहा है। ये आतंकवादी भारत में आते हैं और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैंय़ हम इन चारों देशों से इन चीजों के बारे में बात करेंगे।

पाकिस्तान पर फिर सख्त एक्शन, भारत ने उच्चायोग में काम कर रहे पाक अधिकारी को देश छोड़ने का आदेश दिया

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भारत सरकार ने पाकिस्तान हाई कमीशन के एक अधिकारी को 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया है। भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत वहां के एक अधिकारी को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर दिया है और उससे 24 घंटे में देश छोड़ने के लिए कहा है। भारत ने यह कार्रवाई पाकिस्तानी अधिकारी के अपने कार्यक्षेत्र के इतर अन्य तरह की संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के कारण की है।

भारतीय सेना की जासूसीका आरोप

विदेश मंत्रालय के अनुसार यह कर्मचारी पंजाब में भारतीय सेना की जासूसी से जुड़ी एक्टिविटी को अंजाम दे रहा था। लिहाजा उसे 24 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाक अधिकारी को भारत में अपने आधिकारिक दर्जे के विपरीत गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया है। इस मामले में पाकिस्‍तानी हाई-कमीशन के चार्ज डी’अफेयर्स साद अहमद वर्रैच को डिमार्श जारी कर चेतावनी दी गई कि कोई भी पाकिस्तानी राजनयिक अपनी विशेषाधिकारों का दुरुपयोग न करे।

पहले भी दानिश को दिया देश छोड़ने का आदेश

भारत सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब दोनों देशों के बीच तनातनी चरम पर है। भारत सरकार ने इससे पहले पाकिस्तानी दूतावास में कार्यरत अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश को जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के कारण 13 मई को देश छोड़ने का आदेश दिया था। दानिश का कनेक्शन पाकिस्तानी जासूस ट्रेवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा के साथ था। ज्योति पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुई थी।

साल 2023 में ज्योति मल्होत्रा की मुलाकात दानिश से हुई थी, जब वह पहली बार एक डेलिगेशन के साथ पाकिस्तान गई थी। भारत वापस आने के बाद भी ज्योति दानिश के संपर्क में थी। दानिश की सिफारिश के बाद उसने पाकिस्तान की दूसरी बार यात्रा की।

चीन बढ़ा रहा भारत की टेंशनः पाकिस्‍तान-तालिबान के साथ मिलकर चली नई चाल, काबुल तक होगा CPEC का विस्‍तार

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चीन ये तो अच्छी तरह जानता है कि भारत का मुकाबला करने के लिए उसे साथियों की जरूरत है। यही कारण है कि चीन ने भारत को टेंशन देने वाली बड़ी चाल चली है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़े होने के बाद चीन एक और साजिश कर रहा है। चीन, पाकिस्तान और तालिबान के बीच सुलह समझौता करवाने में जुटा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ खड़ी तालिबान सरकार को चीन साधने में लगा हुआ है। बुधवार को चीन-पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है, भारत की टेंशन बढ़ाने वाला है।

बुधवार को इशाक डार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की। इस दौरान बीजिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल के तहत बन रहे चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को अफगानिस्तान तक विस्तारित करने पर सहमति व्यक्त की गई। 

बैठक के बाद इशाक डार ने कहा, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए एक साथ खड़े हैं। उन्होंने तीनों नेताओं की एक साथ तस्वीर भी साझा की। इशाक डार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए एकजुट हैं। बैठक में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को बढ़ावा देने और सीपीईसी को अफगानिस्तान तक ले जाने का फैसला हुआ। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्षेत्र में स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्धता जताई गई है।

पाकिस्‍तान-तालिबान का तनाव कम करने की कोशिश

पाकिस्तान के विदेश मंत्री तीन दिवसीय बीजिंग यात्रा पर हैं, जो भारत द्वारा पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी स्थलों को निशाना बनाकर शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली उच्चस्तरीय वार्ता है। इस बैठक में सीपीईसी को लेकर चर्चा भले हुई है, लेकिन असल में इसे चीन की अपने पक्के दोस्त पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच तनाव कम कराने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या चाहता है चीन?

-चीन की कोशिश है कि फिर से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पुराने रिश्ते बहाल हो. दोनों ही देश आपसी भाईचारे के साथ रहे. पिछले कुछ सालों से तालिबान और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे है.

-चीन की कोशिश अपना व्यापार अफगानिस्तान तक बढ़ाने की है. इसी कड़ी में चीन ने अफगानिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट को विस्तार करने का फैसला किया है. यह प्रोजेक्ट अभी पाकिस्तान में है.

-चीन की कोशिश भारत को अफगानिस्तान में रोकने की है. 10 मई को काबुल में जो बैठक हुई थी, उसमें चीन और पाकिस्तान ने तालिबान से कहा था कि भारत को सिर्फ कूटनीतिक दायरे तक सीमित किया जाए

नई दिल्ली-काबुल के सुधरते रिश्तों पर चीन का बुरी नजर

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने की कोशिश ऐसे समय में हो रही है, जब नई दिल्ली और काबुल के रिश्ते हाल के दिनों में तेजी से गहरे हुए हैं। बीती 15 मई को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से बात की थी, जिसमें दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की थी। यह अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन की वापसी के बाद पहली मंत्री स्तरीय बातचीत थी। ऐसे में सवाल है कि क्या चीन की कोशिश के बाद तालिबान पाकिस्तान को लेकर नरम रुख अपनाएंगे।

अब खुलेगी पाकिस्तान की पोलःएशियाई देशों के लिए पहला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल रवाना

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ऑपरेशन सिंदूर का मकसद और पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने लाने के लिए देश के 59 सांसदों को 33 देश भेजा जा रहा है। 59 सांसद 7 सर्वदलीय टीमों (डेलिगेशन) में बंटे हैं। आज दो डेलिगेशन रवाना होंगे, जिनमें कुल 17 सांसद हैं। जेडीयू सांसद संजय झा की अगुआई वाला पहला डेलिगेशन विदेश रवाना हो गया है। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व वाला दूसरा डेलिगेशन रात 9 बजे पाकिस्तन की पोल खोलने निकलेगा।

इन देशों का करेंगे दौरा

जदयू सांसद संजय कुमार झा की अगुवाई वाला सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, मलयेशिया और सिंगापुर की यात्रा करेंगे। इन देशों की यात्रा पर रवाना होने से पहले संजय कुमार झा ने कहा कि हमारा प्रतिनिधिमंडल इन देशों में जाकर दुनिया को यह बताना चाहता है कि पाकिस्तान आतंकवाद के सहारे जिंदा है और भारत इसके खिलाफ मजबूती से लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत की विदेश नीति और वैश्विक कूटनीति का अहम हिस्सा है।

पाक का आतंकवाद कोई अलग समूह नहीं, उसकी राज्य नीति- संजय झा

यात्रा पर रवाना होने से पहले संजय झा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात संसदीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के अलग-अलग देशों में भेजे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का आतंकवाद कोई अलग समूह नहीं, बल्कि उसकी राज्य नीति है और हमारा काम है कि हम ये सच्चाई पूरी दुनिया को बताएं। जदयू सांसद ने कहा कि अब पाकिस्तान के न्यूक्लियर ब्लफ से डरने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि हम ये स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि अब बहुत हो गया, भारत अब आतंकवाद सहन नहीं करेगा।

पहले डेलिगेशन में कौन-कौन से नेता हैं शामिल?

संजय कुमार झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं, जिनमें भाजपा सांसद प्रदन बरूआ, बृज लाल, डॉ. हेमांग जोशी और अपराजिता सारंगी, तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी, सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास और पूर्व राजदूत मोहन कुमार हैं।

सोनिया और राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड केस में की 142 करोड़ की अवैध कमाई, ईडी ने कोर्ट को और क्या-क्या बताया

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ-साथ कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है ।ईडी ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष मामले का संज्ञान लेने के संबंध में प्रारंभिक दलीलें पेश कीं।नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई नई दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट केस में चल रही है।

कोर्ट में ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और प्रस्तावित आरोपियों की ओर से अभिषेक सिंघवी दलील रखने पहुंचे। कोर्ट ने कहा कि आज ईडी अपनी दलील रख लें। ईडी ने आगे दावा किया कि गांधी परिवार ने न केवल अपराध से प्राप्त धन को अर्जित करके धन शोधन किया, बल्कि उस पेसे को अपने पास भी रखा। ईडी ने बताया कि नेशनल हेराल्ड के संबंध में सोनिया गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य के खिलाफ प्रथम दृष्टया धन शोधन का मामला सामने आया है। इस बीच, न्यायाधीश ने संघीय एजेंसी को शिकायतकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी को एक प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया। ईडी ने 2021 में अपनी जांच शुरू करने के बाद हाल ही में अपना आरोपपत्र दाखिल किया।

142 करोड़ का फायदा लेने का आरोप

एएसजी राजू ने अदालत में कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ अन्य पर केस बनता है। ईडी ने अदालत में कहा, संपत्तियों की कुर्की नवंबर 2023 में की गई थी, तब तक आरोपी अपराध की कमाई का फायदा ले रहे थे। इस दौरान उन्होंने 142 करोड़ का फायदा लिया। ईडी ने कहा, जब आरोपियों ने अपराध की आय अर्जित की है तो उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग की, लेकिन उस आय को अपने पास रखे रहना भी मनी लॉन्ड्रिंग माना जाता है। यह न केवल प्रत्यक्ष है, बल्कि अप्रत्यक्ष भी है, जो अपराध की आय का अधिग्रहण है।

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

नेशनल हेराल्ड केस एक अखबार से जुड़ा मामला है। साल 1938 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस अखबार की शुरुआत की थी। अखबार का नाम नेशनल हेराल्ड था। इसका मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) के पास था। AJL दो और अखबार छापती थी। ये अखबार हिंदी में 'नवजीवन' और उर्दू में 'कौमी आवाज' थे। कंपनी घाटे में चली गई और 2008 में इसे बंद करना पड़ा। कंपनी पर 90 करोड़ का कर्ज था। इसी के बाद विवाद शुरू हुआ।

दरअसल, 1956 में AJL को गैर-व्यावसायिक कंपनी बनाया गया था। इसे कंपनी एक्ट की धारा 25 से टैक्स में छूट मिली थी। लेकिन कंपनी को नुकसान होने लगा। धीरे-धीरे कंपनी पर कर्ज बढ़ता गया। आखिरकार वित्तीय संकट के चलते इसे बंद करना पड़ा।

कैसे सामने आया विवाद?

साल 2010 में यंग इंडियन नाम से एक और कंपनी की स्थापना की गई । जिसमें 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी (38-38 फीसदी) के पास और बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था।इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपना 90 करोड़ का लोन नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ द एसोसिएट जर्नल ने सारा शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया।

इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये द एसोसिएट जर्नल को दिए। इसी को लेकर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन प्राइवेट ने केवल 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है।

मुर्शिदाबाद हिंसा पर आई हाईकोर्ट समिति रिपोर्ट, सच सामने आने के बाद बीजेपी हमलावर

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बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी। मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुआ था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस हिंसा की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले महीने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में के दौरान हुए हमले हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए थे।हिंसा के समय राज्य की पुलिस मूकदर्शक बनी रही। जांच समिति के मुताबिक हिंसा में तृणमूल नेता शामिल रहे। विधायक के सामने ही घरों में आग लगाई गई। अब भाजपा ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर तथ्य खोज समिति की रिपोर्ट को लेकर टीएमसी सरकार और सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा है।

बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने बुधवार को कहा कि तथ्य-खोजी एसआईटी की रिपोर्ट से हिंदुओं के प्रति सरकार की क्रूरता का पता चला है। हिंसा के दौरान पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने उन पर टीएमसी नेताओं की कार्रवाई की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मुर्शिदाबाद हिंसा पर एसआईटी की रिपोर्ट ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि हिंदुओं को निशाना बनाकर हिंसा की गई थी और इसमें टीएमसी नेता शामिल थे और पुलिस का रवैया हिंसा को रोकने के बजाय टीएमसी नेताओं की कार्रवाई की अनदेखी करने वाला प्रतीत होता है।

सेक्युलरिज्म का नकाब उतर गया- सुधांशु त्रिवेदी

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल हिंसा के मुद्दे पर न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार की हिंदुओं के प्रति निर्ममता साफ दिखाई दे रही है। इससे सो कॉल्ड सेक्युलरिज्म का नक़ाब ओढ़े लोगों का नकाब उतर गया है। उन्होंने कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट की रिपोर्ट आने के बाद तृणमूल कांग्रेस की हिंदू विरोधी निर्ममता अपने पूरे विद्रवता के रूप में सामने है

मुर्शिदाबाद हिंसा को पहलगाम की तरह बताया

सुधांशु त्रिवेदी ने मुर्शिदाबाद हिंसा को पहलगाम की तरह बताया। उन्होंने कहा, मुर्शिदाबाद से पहलगाम तक हिंदुओं को निशाना बनाकर उनके खिलाफ हिंसा का सिलसिला साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। मुर्शिदाबाद हिंसा में जिस तरह से तथ्य सामने आ रहे हैं, उससे ममता बनर्जी सरकार की हिंदुओं के प्रति क्रूरता और कट्टरपंथियों के प्रति असीम लगाव का पता चलता है।

रिपोर्ट में क्या कहा गया?

बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर कलकत्ता हाई कोर्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य हमला 11 अप्रैल को हुआ था। उस समय स्थानीय पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय और अनुपस्थित थी। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि धुलियान शहर में हमलों को भड़काने में एक स्थानीय पार्षद ने अहम भूमिका निभाई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि हिंसा के दौरान बेतबोना गांव में 113 घर बुरी तरह प्रभावित हुए। इसमें कहा गया कि अधिकांश लोगों ने मालदा में शरण ली थी, लेकिन बेतबोना गांव में पुलिस प्रशासन ने सभी को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। रिपोर्ट में आगे कहा गया है, एक आदमी गांव में वापस आया और उसने देखा कि किन घरों पर हमला नहीं हुआ है और फिर बदमाशों ने आकर उन घरों में आग लगा दी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बदमाशों ने पानी का कनेक्शन काट दिया ताकि आग को पानी से न बुझाया जा सके। इसमें कहा गया है, बदमाशों ने घर के सभी कपड़ों को मिट्टी के तेल से जला दिया और घर की महिला के पास तन ढकने के लिए कपड़े नहीं थे। रिपोर्ट में हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास की हत्या का जिक्र करते हुए कहा गया है, उन्होंने घर का मुख्य दरवाजा तोड़ दिया और उसके बेटे और उसके पति को ले गए और उनकी पीठ पर कुल्हाड़ी से वार किया। एक आदमी तब तक वहां इंतजार कर रहा था जब तक वे मर नहीं गए।

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर बड़ा एक्शन, एनकाउंटर में 26 ढेर, 1 करोड़ के इनामी वसवा राजू के मारे जाने की खबर

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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर बड़ी कार्रवाई की खबर है। नारायणपुर जिले में डीआरजी के जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। इस मुठभड़े में 28 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है। कई नक्सलियों के शव और भारी संख्या में हथियार बरामद होने की खबर है। मुठभेड़ में एक जवान के बलिदान होने और एक जवान घायल होने की भी खबर है।

नारायणपुर जिले के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के माड़ डिवीजन में नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पर जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) नारायणपुर, डीआरजी दंतेवाड़ा, डीआरजी बीजापुर और डीआरजी कोंडागांव के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना किया गया।

बढ़ सकती है मारे गए नक्सलियों की संख्या

माड़ के इलाके में सुबह से फायरिंग हो रही है। बताया जा रहा है कि डीआरजी के जवानों ने नक्सली लीडर रुपेश और विकल्प भी समेत कई बड़े नक्सली लीडर्स को घेर लिया है। दोनों तरफ से गोलीबारी जारी है। 28 से ज्यादा नक्ललियों के मारे जाने खबर सामने आ रही है, मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ भी सकती है।

1 करोड़ के इनामी नक्सली लीडर के मारे जाने की खबर

मिली जानकारी के मुताबिक मुठभेड़ में नक्सल संगठन के जनरल सेक्रेटरी वसवा राजू के मारे जाने की भी खबर सामने आ रही है। वसवा राजू काफी उम्रदराज नक्सली लीडर है। ये दंडकारण्य में नक्सल संगठन की बुनियाद रखने वालों में से एक है। पिछले कई सालों से माड़ में पनाह लिया हुआ था। इस पर इंटरस्टेट 1 करोड़ का इनाम है।

50 घंटों से सर्च ऑपरेशन जारी

सरकार की तरफ से इन इलाकों को नक्सल मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है। ऐसे में यहां पर लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था। सेना की तरफ से बड़ी कार्रवाई जारी है। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि 50 घंटों से सर्च ऑपरेशन चल रहा था। जिसमें मुठभेड़ हुई और 26 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। कुछ बडे़ कैडर की भी इसमें शामिल होने की संभावना है। अभी सर्च अभियान जारी है। जिसके बाद स्पष्ट जानकारी सामने आ सकेगी। मुठभेड़ में एक जवान घायल हुआ है, लेकिन वह खतरे से बाहर है। हमारे एक जवान ने मुठभेड़ के दौरान अपनी जान गंवा दी।

केन्द्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तमिलनाडु, फंड रोकने के आरोप में स्टालिन सरकार ने दायर कराई अर्जी

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार और तमिलनाडु की एम के स्टालिन सरकार आमने-सामने हैं। इस बीच तमिलनाडु ने एनईपी 2020 और पीएम श्री स्कूल योजना को लागू न करने को लेकर समग्र शिक्षा योजना (एसएसएस) के तहत धनराशि रोके रखने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया है।

अनुदान का भुगतान करने का निर्देश देने की अपील

तमिलनाडु सरकार की ओर से केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में 2 हजार 299 करोड़ 30 लाख 24 हजार 769 रुपये की रिकवरी की अपील की गई है। साथ ही मूल राशि पर 6% प्रति वर्ष की दर से ब्याज का भुगतान की मांग की गयी है। सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु सरकार ने गुहार लगाई है कि प्रतिवादी को अपने निर्देशों का पालन और निष्पादन जारी रखने का निर्देश दिया जाना चाहिए। वादी को राज्य अनुदान की सहायता का भुगतान करने के वैधानिक दायित्व का निर्वहन करना चाहिए। केंद्र सरकार को योजना व्यय का 60% हिस्सा शैक्षणिक वर्ष के प्रारंभ से पहले भुगतान करना होगा।

एनईपी लागू करने के लिए बलपूर्वक बाध्य करने का आरोप

तमिलनाडु ने कहा कि केंद्र सरकार बच्चों की शिक्षा के लिए दिए जाने वाले फंड को रोककर राज्य को तीन भाषा फॉर्मूला अपनाने के लिए बलपूर्वक बाध्य नहीं कर सकती। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार पर संघवाद का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा है कि समग्र शिक्षा योजना और पीएम श्री स्कूल योजनाओं को आपस में नहीं जोड़ा जा सकता ऐसा करना संघवाद का उल्लंघन है।

भारत की लेखिका बानू मुश्ताक़ को मिला साल 2025 का बुकर सम्मान, कन्नड़ साहित्य के लिए बड़ी उपलब्धि

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भारतीय लेखिका, वकील और एक्टिविस्ट बानू मुश्ताक ने अपनी किताब 'हार्ट लैंप' के लिए इंटरनेशनल बुकर प्राइज जीता है। बानू मुश्ताक को उनकी कन्नड़ कहानी संग्रह हार्ट लैंप के लिए साल 2025 का प्रतिष्ठित बुकर प्राइज मिला है। मंगलवार को लंदन के टेट मॉडर्न में आयोजित एक समारोह में उनको यह पुरस्कार सौंपा गया। यह पहली बार है जब किसी कन्नड़ रचना को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है। बानू मुश्ताक और उनकी अनुवादक दीपा भास्थी ने 50,000 पाउंड (लगभग57 लाख रुपये) का यह पुरस्कार आपस में बांटा। इस जीत को कन्नड़ साहित्य और भारतीय क्षेत्रीय साहित्य के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

12 कहानियों का संग्रह

12 लघु कहानियों का विजेता संग्रह दक्षिण भारत के पितृसत्तात्मक समुदायों में रोजमर्रा की महिलाओं के लचीलेपन, प्रतिरोध, बुद्धि और बहनचारे का वर्णन करता है, जिसे मौखिक कहानी कहने की समृद्ध परंपरा के माध्यम से जीवंत रूप दिया गया है। छह विश्वव्यापी शीर्षकों में से शॉर्टलिस्ट किए गए, मुश्ताक के काम ने परिवार और सामुदायिक तनावों को चित्रित करने की अपनी मजाकिया, विशद, बोलचाल, मार्मिक और तीखी शैली के लिए पुरस्कार पैनल को आकर्षित किया। मुश्ताक ने कहा कि यह पुस्तक इस विश्वास से पैदा हुई है कि कोई भी कहानी कभी छोटी नहीं होती मानवीय अनुभव के ताने-बाने में हर धागा पूरे का वजन रखता है।

कौन हैं बानू मुश्ताक?

76 वर्षीय बानू मुश्ताक कर्नाटक के हासन जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने छह दशकों तक लेखन, पत्रकारिता और सामाजिक कार्यों में योगदान दिया है। उनकी कहानियां दक्षिण भारत की मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों के रोजमर्रा के जीवन, उनकी चुनौतियों और संघर्षों को बयां करती हैं। 1970 के दशक में उन्होंने कन्नड़ साहित्य के बंडाया आंदोलन से जुड़कर लेखन शुरू किया, जो जाति, वर्ग और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाता था। उनकी पहली कहानी 1974 में प्रजामाता पत्रिका में छपी थी। इसके बाद उन्होंने छह कहानी संग्रह, एक उपन्यास, निबंध और कविताएं लिखीं। उनकी प्रमुख रचनाओं में हेज्जे मूडिदा हादी (1990), बेंकी माले (1999), एडेया हनाते (2004), सफीरा (2006) और हसेना और अन्य कहानियां (2015) शामिल हैं।