*मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चे की आंखों को हो रहा है नुकसान*
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कोविड काल के बाद बच्चों में लगी मोबाइल की लत,प्यार से छुड़वाए अभिभावक
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय की ओपीडी में इन दिनों आंख के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसमें बच्चों की संख्या अधिक है। जिन्हें मोबाइल देखने की लत लगी है। अस्पताल में हर दिन 100 के करीब आंख के मरीज पहुंच रहे हैं। जिसमें 15 से 20 बच्चे हैं। चिकित्सकों का कहना है बच्चे मोबाइल ज्यादा देख रहे हैं। इससे इनकी आंखों भी प्रभावित हो रही है। यह मोबाइल एडिक्शन नाम एक बीमारी होती है। जिसे लेकर अभिभावकों को सजग रहना चाहिए। जिसा अस्पताल में रोजाना 800 से 900 की ओपीडी होती है। जिसमें से 100 के करीब आंख के मरीजों की ओपीडी इनदिनों हो रही है। इनमें 15 से 20 बच्चे रहते हैं। जिन्हें जांच पड़ताल कर चिकित्सक दवा देते हैं। अत्यधिक मोबाइल प्रयोग करना चाहिए। जिला अस्पताल में रोजाना 800 से 900 की ओपीडी होती है। जिसमें से 100 के करीब आंख के मरीजों की ओपीडी इनदिनों हो रही है। इनमें 15 से 20 बच्चे रहते हैं। जिन्हें जांच पड़ताल कर चिकित्सक दवा देते हैं। अत्यधिक मोबाइल का प्रयोग करना बच्चों के लिए नुकसानदेह साबित होता सकता है। इससे इनकी आंख प्रभावित होती है। जल्द ही इनमें चश्मा लगने की नौबत आती है। ज्यादा देर तक मोबाइल देखने से आंख से धुंधला दिखता है। जलन होती है, ज्यादा समय तक मोबाइल देखने वाले बच्चे अन्य की अपेक्षा सुस्त रहते हैं, क्योंकि वह हमेशा मोबाइल में व्यस्त रहते हैं। कई बच्चे मोबाइल में कार्टून देखकर दूध पीते हैं। भोजन करते हैं। वहीं पांच साल से अधिक वाले बच्चे गेम खेलने में व्यस्त रहते हैं। कोविड काल के बाद से बच्चों में मोबाइल देखने की लत लगी है। नेत्र सर्जन डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि ओपीडी में बच्चे भी आ रहे हैं। जिन्हें जांच पड़ताल कर दवाई दी जाती है। मोबाइल ज्यादा देर तक देखने से आंख में जलन होती है। साथ ही चश्मा का नंबर आता है। यह मोबाइल एडिक्शन नाम एक बीमारी होती है।
May 19 2025, 19:00