ऑपरेशन सिंदूर’ ही क्यों रखा गया मिशन का नाम? पहलगाम नरसंहार से है खास कनेक्शन
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पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारत ने पाकिस्तान के 9 ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है। इस बार भारतीय वायुसेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक क्रूर आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी। ऐसे में सलवाल उठ रहे हैं कि इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन सिंदूर ही क्यों रखा गया है?
क्यों रखा गया इस ऑपरेशन का नाम सिंदूर?
ऑपरेशन के नाम सिंदूर रखने के पीछे आधिकारिक रूप से कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है। हालांकि, भारतीय सैन्य परंपरा में ऑपरेशनों के नाम सांस्कृतिक या प्रतीकात्मक महत्व रखते हैं। हिंदू परंपरा में सिंदूर विवाहित महिलाओं के सुहाग का प्रतीक है, और यह नाम उन पत्नियों के सम्मान में चुना गया, जिन्होंने पहलगाम हमले में अपने पतियों को खो दिया। यह ऑपरेशन न केवल आतंकियों को सबक सिखाने का प्रयास था, बल्कि उन परिवारों के प्रति भारत की संवेदना और संकल्प को भी दर्शाता था। बता दें कि इस हमले में आतंकियों ने विशेष रूप से विवाहित पुरुषों को निशाना बनाया था।
पहलगाम की पीड़ित महिलाओं को न्याय
डिफेंस एक्सपर्ट की मानें तो पहलगाम में आतंकियों ने कई ऐसे लोगों को मारा जिनकी चंद दिनों पहले शादी हुई थी। भारत ने इन महिलाओं की आंखों में आंसू देखे थे, तभी कसम खाई थी कि एक-एक आंसू का हिसाब लिया जाएगा। इनमें गुरुग्राम की हिमांशी नरवाल भी थीं, जिनकी 16 अप्रैल को शादी हुई थी। वह पति लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के साथ हनीमून मनाने गई थीं, लेकिन आतंकियों ने विनय को मार डाला।
इसी तरह जयपुर की प्रियंका शर्मा को आतंकियों को दर्द दिया। प्रियंका अपने पति रोहित के साथ पहलगाम में हनीमून मनाने गई थीं। हमले के दौरान रोहित को गोली लगी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रियंका घायल हुईं और उन्हें श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
शिमला की रहने वाली अंजलि ठाकुर अपने पति विवेक ठाकुर के साथ गई थीं। इनकी भी इसी साल 12 अप्रैल को शादी हुई थी। विवेक और अंजलि पहलगाम में ट्रेकिंग के लिए गए थे, लेकिन आतंकियों ने उन्हें भी नहीं बख्शा। अंजलि किसी तरह बच गईं। अंजलि ने बाद में कहा, हमारी जिंदगी शुरू होने से पहले ही खत्म हो गई। उनकी बातों ने सबको हिला दिया था।
पुणे की रहने वाली स्नेहा पाटिल अपने पति अमित पाटिल के साथ हनीमून पर गई थीं। 10 अप्रैल को ही इनकी शादी हुई थी। अमित और स्नेहा पहलगाम में छुट्टियां मना रहे थे, तभी आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी। स्नेहा ने अस्पताल में कहा, आतंकियों ने हमारा सब कुछ छीन लिया।
धर्म पूछकर 26 पर्यटकों को मारी थी गोली
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम की बायसरन घाटी में आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर पर्यटकों की हत्या कर दी थी। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली युवक की मौत हो गई थी। हमले के दौरान आतंकियों ने धर्म पूछकर सिर्फ पुरुषों को मारा था। इस हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था। भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सिंधु जल संधि के निलंबन से लेकर पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने तक कई पाबंदियां लगाईं।
May 07 2025, 09:57