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सुशासन तिहार : रायपुर नगर निगम में 7 मई से समाधान शिविर, जानें कहां-कब होगा आयोजन

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार “सुशासन तिहार 2025” के तहत नगर पालिक निगम रायपुर व्यापक जनसंपर्क अभियान चला रहा है. प्रथम चरण के अंतर्गत 8 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक सभी 10 जोनों में आमजन की मांगों एवं शिकायतों से संबंधित ऑनलाइन व ऑफलाइन आवेदन प्राप्त किए गए. इसके बाद द्वितीय चरण में प्राप्त शिकायतों और मांगों का गुणवत्तापूर्ण समाधान तेजी से किया जा रहा है. अब सुशासन तिहार 2025 के तृतीय चरण में रायपुर नगर निगम की ओर से 7 मई से सभी 10 जोनों में सार्वजनिक स्थलों पर जोनवार समाधान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है.

समाधान शिविरों में अधिकारी आवेदकों को उनके आवेदन पर की गई कार्यवाही की जानकारी देंगे और शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी देंगे, ताकि पात्र हितग्राही योजनाओं का लाभ सुगमता से प्राप्त कर सकें.

जानिए जोनवार कहां-कब लगेगा समाधान शिविर

  • जोन 1: 10 मई – दही हांडी मैदान, गुढ़ियारी
  • जोन 2: 7 मई – शहीद स्मारक भवन, जीई रोड
  • जोन 3: 13 मई – बीटीआई ग्राउंड, शंकर नगर
  • जोन 4: 15 मई – सरदार बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम
  • जोन 5: 19 मई – डीडी नगर सामुदायिक भवन, सेक्टर-2
  • जोन 6: 20 मई – शहीद संजय यादव उच्चतर माध्यमिक शाला, टिकरापारा
  • जोन 7: 23 मई – पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, जीई रोड
  • जोन 8: 27 मई – सामुदायिक भवन, भारत माता स्कूल के सामने, टाटीबंध
  • जोन 9: 28 मई – इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कम्युनिटी हॉल, जोरा

जोन 10: 30 मई – सामुदायिक भवन, गुरुद्वारा, देवपुरी.

शालेय शिक्षक संघ ने शिक्षा सचिव और DPI संचालक से की मुलाकात, युक्तियुक्तकरण और पदोन्नति को लेकर की चर्चा, सुझाव के साथ रखी मांगे…

रायपुर- शालेय शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज मंत्रालय और संचालनालय में शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी और नव नियुक्त DPI संचालक ऋतुराज रघुवंशी से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने किया. मुलाकात का उद्देश्य प्रदेश में चल रहे युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया और रायपुर संभाग की लंबित पदोन्नति के मुद्दों पर चर्चा करना था.

युक्तियुक्तकरण में विसंगतियों पर जताई आपत्ति

संगठन ने युक्तियुक्तकरण से संबंधित वर्तमान दिशा-निर्देशों और मापदंडों में पाई जा रही विसंगतियों और व्यावहारिक समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष रखा. संगठन ने सुझाव दिया कि शिक्षकविहीन और एकल शिक्षक विद्यालयों में प्राथमिकता से पदस्थापन हो, जबकि पुराने सेटअप के साथ छेड़छाड़ न की जाए, जिससे शिक्षा व्यवस्था और बच्चों के गुणवत्ता युक्त शिक्षाधिकार पर असर न पड़े.

पदोन्नति को प्राथमिकता देने की मांग

प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने रायपुर संभाग की लंबित पदोन्नतियों का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया और अधिकारियों से आग्रह किया कि युक्तियुक्तकरण से पहले पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण की जाए. उनका कहना था कि यदि पदोन्नतियां पहले कर दी जाएं, तो कई स्थानों पर युक्तियुक्तकरण की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी. उन्होंने बताया कि अधिकारीगणों ने संगठन की बातों को गंभीरता से सुना और सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जिससे उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इन पर अमल होगा.

प्राथमिक शिक्षा पर विशेष जोर

प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा ने कहा कि मौजूदा मापदंडों से प्रदेश के कई स्कूलों में अव्यवस्था फैल रही है और इससे प्राथमिक शिक्षा प्रणाली प्रभावित हो रही है. उन्होंने चेताया कि 2008 के सेटअप से हटकर यदि शिक्षकों की संख्या कम की जाती है, तो इससे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन होगा.

मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन

शालेय शिक्षक संघ ने आज की मुलाकात के दौरान माननीय मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन और सुझाव पत्र भी सौंपा है, जिसमें युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को शिक्षकों और छात्रों दोनों के हित में सुधारने की मांग की गई है.

प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे ये पदाधिकारी

प्रांतीय मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि इस प्रतिनिधिमंडल में प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे, प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी, प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. सांत्वना ठाकुर समेत अन्य पदाधिकारी शामिल थे.

सेवानिवृत्त अधीक्षिका को प्रमोशन से रखा गया वंचित, हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग के अफसरों पर जताई सख्त नाराजगी, कहा-

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग की सेवानिवृत्त अधीक्षिका मंगला शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए विभाग के अधिकारियों पर सख्त नाराजगी जताई है और कड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता को प्रमोशन नहीं देना था इसलिए विभागीय अधिकारियों ने जानबुझकर अड़ंगा लगाया. कोर्ट ने विभाग को 90 दिनों के भीतर समीक्षा डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) आयोजित कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है.

क्या है मामला

मंगला शर्मा ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में बताया कि उन्होंने 15 फरवरी 1972 को प्रोबेशन ऑफिसर (क्लास-III) के रूप में नौकरी शुरू की थी और 19 अक्टूबर 1981 को अधीक्षक (राजपत्रित सहायक निदेशक कैडर) के पद पर पदोन्नत हुईं थीं. 31 मार्च 2017 को वे सेवानिवृत्त हो गईं. लेकिन उनके करियर के महत्वपूर्ण पड़ाव यानी उप निदेशक पद की पदोन्नति से उन्हें जानबूझकर वंचित किया गया.

22 नवंबर 2007 को हुई डीपीसी में उन्हें एसीआर (वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि) उपलब्ध नहीं होने का हवाला देकर पदोन्नति के योग्य नहीं माना गया. जबकि अधिवक्ता संदीप दुबे ने कोर्ट को बताया कि 3 जून, 3 मार्च, 8 मई और 4 जून 2007 को संबंधित अधिकारी द्वारा याचिकाकर्ता की एसीआर संयुक्त संचालक को भेज दी गई थी. इसके बावजूद उन्हें पदोन्नति नहीं दी गई और जूनियर अधिकारियों को आगे बढ़ा दिया गया.

हाईकोर्ट ने 28 अगस्त 2017 को अपने आदेश में विभाग को निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता के पदोन्नति मामले पर विचार कर निर्णय लें. इस आदेश की अवहेलना पर मंगला शर्मा ने अवमानना याचिका दायर की, जिस पर 14 मई 2018 को फिर से कोर्ट ने आदेश दिया कि पूर्व के निर्देशों का अक्षरश: पालन किया जाए. लेकिन विभाग ने 4 जून 2018 को उनका आवेदन खारिज कर दिया.

न्यायमूर्ति एनके चंद्रवंशी की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद कहा कि मंगला शर्मा को 2007 की डीपीसी में अवैध रूप से उप निदेशक के पद पर पदोन्नति से वंचित किया गया है. यह स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण कृत्य है. अदालत ने सचिव, समाज कल्याण विभाग द्वारा पारित 4 जून 2018 के आदेश को निरस्त करते हुए समीक्षा डीपीसी आयोजित करने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने कहा- समीक्षा डीपीसी आयाेजित कर लें निर्णय

कोर्ट से सचिव समाज कल्याण विभाग को नोटिस जारी कर निर्देशित किया है कि वे 22.11.2007 को हुए डीपीसी की तर्ज पर समीक्षा डीपीसी बुलाएं, ताकि याचिकाकर्ता के सहायक निदेशक/उप निदेशक, पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के पद पर पदोन्नति के मामले पर विचार किया जा सके. कोर्ट ने कहा है कि जिस तिथि से उसके कनिष्ठों को उक्त पद पर पदोन्नत किया गया था, तथा उसके पश्चात, याचिकाकर्ता को दिए जाने वाले वेतन और अन्य सेवानिवृत्ति देय राशि के संबंध में परिणाम का पालन किया जाएगा. कोर्ट ने 90 दिनों की अवधि के भीतर पूरी कार्रवाई करने कहा है.

सुशासन तिहार: CM साय ने PM आवास योजना को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा- लेन-देन की शिकायत मिलने पर कलेक्टर होंगे सस्पेंड…

कोरबा- छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार के तीसरे चरण की आज शुरुआत हो चुकी है. इसके तहत सभी जिलों में समाधान शिविर का आयोजन कर लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है. इस दौरान सीएम साय समाधान शिविरों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं. सीएम साय पहले सक्ती के करिगांव में पहुंचे थे. वहां सौगातों का पिटारा खोलने के बाद सीएम साय कोरबा के मदनपुर पहुंचे, जहां उन्होंने लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान किया. इसी बीच उन्होंने PM आवास योजना को लेकर बड़ा बयान दिया है.

सीएम विष्णुदेव साय ने कोरबा के मदनपुर में आयोजित समाधान शिविर में पीएम आवास योजना में किसी प्रकार के लेन-देन (रिश्वतखोरी) होने पर जिले के कलेक्टर पर गाज गिरने की बात कही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में किसी प्रकार की लेन-देन की शिकायत मिलने पर अब सीधे कलेक्टर को सस्पेंड किया जाएगा. हालांकि उन्होंने इस मामले में अब तक उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं मिलने की भी बात कही.

वहीं जल जीवन मिशन को लेकर भी सीएम साय ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बिना जलस्त्रोत जानें कई जगहों पर पानी की टंकी लगा दी. हमारी सरकार इनका सुधार कर रही है. इसके बाद हर घर पानी पहुंचेगा.

बता दें कि सीएम साय ने कोरबा के मदनपुर में लोगों से मुलाकात कर लगभग सभी आवेदनों का निराकरण किया. इससे पहले आज सीएम साय ने सक्ती जिले के करिगांव में सौगातों का पिटारा खोला. यहां मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नया पंचायत भवन के निर्माण से लेकर मंदिर के सौंदर्यीकरण की घोषणाएं की. और अब वे जांजगीर पहुंच चुके हैं.

छत्तीसगढ़ शराब घोटालाः सुप्रीम कोर्ट की ईडी पर तल्ख टिप्पणी, कहा- बिना सबूत के आरोप लगाने का आपने नया पैटर्न बनाया

नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले केस में बंद आरोपी अरविंद सिंह की जमानत याचिका सोमवार (5 मई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि बिना सबूत के आरोप लगाने का ED ने आजकल नया पैटर्न बनाया है। दरअसल सुनवाई के दौरान ED के वकील ने एसवी राजू ने आरोपी के खिलाफ सबूत पेश करने का समय मांगा था। इस दौरान जस्टिस अभय एस ओका ने ED की जांच पर सवाल खड़े किया।

सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस ओका ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच पर सवाल उठाए, जिसमें आरोपी पर 40 करोड़ रुपये कमाने का आरोप है, लेकिन कंपनी से संबंध साबित नहीं हुआ। जस्टिस ओका ने कहा कि ईडी बिना सबूत के आरोप लगाता है, यह एक पैटर्न है। ईडी के वकील एसवी राजू ने सबूत पेश करने के लिए समय मांगा।

बचा दें कि यह कथित घोटाला 2019-2022 के बीच हुआ था, जिसमें 2,161 करोड़ रुपये की हानि का अनुमान है। ईडी ने आरोपी अरविंद सिंह पर 40 करोड़ रुपये कमाने का आरोप लगाया है। ईडी के वकील एसवी राजू ने सबूत पेश करने के लिए समय मांगा। इसके बाद शीर्ष न्यायालय ने मामला अगली सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया।

अनगिनत मामलों में हम यही देख रहे-जस्टिस

सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दर्ज किए गए अनगिनत मामलों में यही देख रहे हैं कि आप बिना किसी सबूत के सिर्फ आरोप लगाते हैं। यह एक पैटर्न सा हो गया है। बता दे कि पिछली सरकार के दौरान ED की जांच में यह सामने आया था कि प्रदेश के आबकारी विभाग में 2000 करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान सरकार को हुआ है। वही ED ने इसमें तत्कालीन आईएएस अनिल टुटेजा , आबकारी विभाग के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी कारोबारी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह समेत नेताओं और मंत्रियों के सिंडिकेट का खुलासा किया था।

क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?

यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच राज्य के सरकारी शराब दुकानों से अवैध तरीके से शराब बेचने का था, जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान होने का आरोप है। इस घोटाले में लगभग दो हजार करोड़ रुपए के नुकसान का खुलासा हुआ है। ED की जांच में यह सामने आया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शासनकाल में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी ए.पी. त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के गठजोड़ ने यह घोटाला किया। ED ने इस मामले में 28 दिसंबर 2024 को कवासी लखमा और उनके परिवार के सदस्यों के घरों पर छापे मारे थे और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए थे, जिनमें अपराध से अर्जित आय के सबूत मिले थे।

तेंदूपत्ता बोनस घोटाला : EOW-ACB की बड़ी लापरवाही, DFO को दंतेवाड़ा की जगह रायपुर में किया पेश, कोर्ट ने लगाई फटकार, जानिए पूरा मामला…

रायपुर- तेंदूपत्ता बोनस घोटाले मामले में EOW-ACB की बड़ी लापरवाही सामने आई है. निलंबित डीएफओ अशोक पटेल को गिरफ्तार कर दंतेवाड़ा के विशेष कोर्ट में पेश करना था, लेकिन EOW ने उसे रायपुर कोर्ट में पेश कर दो बार रिमांड पर ले लिया. इस पर रायपुर के विशेष कोर्ट ने EOW-ACB को कड़ी फटकार लगाई है. इसके बाद डीएफओ को दंतेवाडा विशेष कोर्ट में पेश कर अशोक पटेल को 9 मई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया.

जानिए क्या है तेंदूपत्ता बोनस घोटाला

आरोप है कि वर्ष 2021-22 में वन विभाग ने तेंदूपत्ता बोनस वितरण के दौरान लगभग 7 करोड़ रुपये की आर्थिक अनियमितता की. यह राशि तेंदूपत्ता संग्राहकों को अप्रैल-मई 2022 में वितरित की जानी थी, लेकिन राशि के आहरण के बावजूद आदिवासी संग्राहकों को भुगतान नहीं किया गया. जब इस मामले की जानकारी पूर्व विधायक मनीष कुंजाम को हुई तो उन्होंने जनवरी 2025 में कलेक्टर सुकमा और सीसीएफ को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की.

शिकायत के बाद कलेक्टर और वन विभाग ने अलग-अलग जांच समितियां गठित की. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्राहकों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें तत्कालीन डीएफओ सुकमा अशोक पटेल की भूमिका सामने आई. प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया. इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (EOW/ACB) ने अशोक कुमार पटेल और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज किया. 8 अप्रैल 2025 को एफआईआर दर्ज होने के बाद 10 अप्रैल को छापेमार कार्रवाई की गई.

पिछले दिनों छापेमारी में ACB-EOW को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक खातों की जानकारी और निवेश से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए. चौंकाने वाली बात यह रही कि डीएफओ ऑफिस के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक के घर से 26 लाख 63 हजार 700 रुपए कैश मिले थे.

छत्तीसगढ़ में एक और घोटाला : आदिम जाति सहकारी समिति में 23 करोड़ की गड़बड़ी, कलेक्टर बोले – CEO सहित 7 लोगों के खिलाफ होगी FIR

सरगुजा- आदिम जाति सहकारी समिति जमडी में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी सामने आई है. जांच में 23 करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. इस मामले में सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के CEO सहित 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने बलरामपुर एसपी को पत्र लिखा है.

यह मामला शंकरगढ़ और कुसमी सहकारी बैंक का है. वर्ष 2012 से 2022 के बीच के ऑडिट रिपोर्ट में करोड़ों की गड़बड़ी का खुलासा हुआ. प्रशासन ने मामले की जांच के लिए टीम गठित की थी. जांच टीम की रिपोर्ट में सिफ चार बैंक से ही 23 करोड़ रुपए के घोटाले का पता चला. इसमें निजी व्यावसायिक संस्थानों के खातों का भी उपयोग हुआ. बगैर वाउचर दस्तावेज के करोड़ों रुपए निकाले गए.

इस मामले में सरगुजा कलेक्टर और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के प्राधिकृत अधिकारी विलास भोस्कर ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के CEO सहित 7 लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने एसपी को पत्र लिखा है. कलेक्टर भोस्कर ने कहा, आगे भी मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

सोशल मीडिया पर छाया साय सरकार का ‘सुशासन तिहार’, देशभर में नंबर 1 पर ट्रेंड कर रहा #CGkasushanTihar

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सुशासन तिहार के तीसरे चरण के पहले दिन सक्ती जिले के ग्राम करिगांव में पीपल के पेड़ के नीचे चैपाल लगाई। यह उनका आकस्मिक दौरा था। उनके सुशासन तिहार का यह अभियान सोशल मीडिया के एक्स के साथ देश भर में पहले स्थान पर ट्रेंड कर रहा है। एक्स हेण्डल पर 2704 पोस्ट के साथ पहले नम्बर पर ट्रेंड कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार का तीसरा चरण आज से शुरू हो गया है, जो 31 मई तक चलेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज पहले दिन सक्ती जिले के ग्राम करिगांव में पीपल के पेड़ के नीचे चैपाल लगाकर ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। उनके गांव में अचानक पंहुचने पर महिलाओं ने तिलक लगाकर उनका आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पीपल पेड़ के नीचे चौपाल लगाया और खाट पर बैठकर ग्रामीणों से योजनाओं का फीडबैक लिया। इस दौरान उन्होंने पीएम आवास की लाभार्थी सोनाई बाई के घर पहुंचकर योजना के तहत निर्मित आवास का निरीक्षण किया। ग्राम करिगांव में आकस्मिक भ्रमण के बाद वे कोरबा जिले के मदनपुर समाधान शिविर में पहुंचे

लचर स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली पोल : निमोनिया पीड़ित मासूम को 4 घंटे बाद मिला ऑक्सीजन, अस्पताल में मरीजों को नहीं किया जा रहा भर्ती, BMO ने कहा-

पिथौरा- स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिथौरा में स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है. निमोनिया से पीड़ित तीन वर्षीय मासूम हिमांशु मुखर्जी को अस्पताल लाने के बाद चार घंटे तक ऑक्सीजन नहीं मिल सकी. परिजनों द्वारा लगातार गुहार लगाने के बावजूद मशीनें खराब मिलीं और सिलेंडर काम नहीं कर रहे थे.

जानकारी के अनुसार, हिमांशु को सुबह 6 बजे सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे. स्टाफ से बार-बार गुजारिश के बावजूद कोई मदद नहीं मिल पाई. अस्पताल में मौजूद तीन ऑक्सीजन मशीनें खराब निकलीं और सिलेंडरों से गैस नहीं निकल रही थी. स्थिति गंभीर होने पर परिजनों ने मुख्यमंत्री चिकित्सा अधिकारी से फोन पर शिकायत की. साथ ही विधायक डॉ. संपत अग्रवाल को भी सूचना दी गई. विधायक प्रतिनिधि अनुप अग्रवाल और रविंदर आजमानी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. तब जाकर एक चालू मशीन से ऑक्सीजन लगाया गया. करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद मासूम को ऑक्सीजन दिया जा सका, जिसके करीब आधे घंटे बाद उसकी हालत में सुधार आया.

बता दें कि कोविड काल में लाखों रुपये खर्च कर ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था, लेकिन आज वह शोपीस बना हुआ है. समाज सेवकों द्वारा दान की गई मशीनें अस्पताल के कोनों में धूल खा रही हैं.

बच्चे के पिता ललित मुखर्जी ने बताया कि अस्पताल में न समय पर इलाज मिला, न मशीनें काम कर रही थीं. यदि समय रहते ऑक्सीजन मिल जाती, तो हालात इतने बिगड़ते नहीं. वहीं विधायक ने इस गंभीर लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है.

खंड चिकित्सा अधिकारी बयान

खंड चिकित्सा अधिकारी भरत भूषण कोसरिया ने कहा, ऑक्सीजन की सभी मशीनें चालू हैं, लो वोल्टेज की वजह से मशीन काम नहीं कर रही होगी. ड्यूटी में तैनात डॉक्टर और स्टाफ को नोटिस दी जाएगी, लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने मरीजों को भर्ती नहीं किये जाने को लेकर कहा कि 50 बिस्तरों वाले अस्पताल में बच्चों को भर्ती नहीं किया जा सकता, वहां के सभी बाथरूम में पानी की सप्लाई और रिसाव की समस्या है. क्षेत्र के विधायक को अवगत करा दिया है और महासमुंद कलेक्टर को भी सूचित कर दिया गया है. खंड चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मैं खुद चाहता हूं कि बच्चों को 50 बिस्तरों वाले अस्पताल में उचित सुविधा और इलाज मिले.

छत्तीसगढ़ : सड़क हादसे में बीजेपी विधायक की बेटी घायल, स्कूटी और मोटरसाइकिल में हुई टक्कर, अस्पताल में इलाज जारी

सूरजपुर-  छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में विधायक भूलन सिंह मरावी की बेटी सोमवार को सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई। कलेक्ट्रेट गेट के पास मोड़ने के दौरान स्कूटी और मोटरसाइकिल से टक्कर हो गई। हादसे में विधायक की बेटी को चोटें आई है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना रामानुज नगर थाना क्षेत्र की है।

जानकारी के अनुसार, विधायक की बेटी स्कूटी पर सवार होकर बिश्रामपुर से कोट पटना जाने के लिए निकली थी। इसी दौरान वह हादसे का शिकार हो गई। घटना के बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां इलाज जारी है। घटना की सूचना पर विधायक भुलन सिंह मरावी और उनके समर्थक जिला चिकित्सालय पहुंचे हैं।