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कनाडा में अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे खालिस्तानी, निकाली हिंदू विरोधी परेड, भारतीयों को वापस भेजने की मांग

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कनाडा में जस्टिन ट्रूडो के सत्ता से हटने के बाद मार्क कार्नी प्रधानमंत्री बने थे। तब उम्मीद जताई जा रही थी कि वह खालिस्तानियों पर लगाम लगाएंगे और भारत के साथ रिश्ते अच्छे होंगे। हालांकि, ऐसा होता तो नहीं दिख रहा है। रविवार को एक बार फिर कनाडा में खालिस्तानियों ने हिंदू-विरोधी रैली निकाली।कनाडा के टोरंटो में माल्टन गुरुद्वारे से यह रैली निकाली। इस रैली में कई खालिस्तान समर्थकों ने हिस्सा लिया। इस रैली के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं।

कनाडा के एक पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है। इस वीडियो में खालिस्तानी कट्टरपंथी टोरंटो के एक गुरुद्वारे में हिंदू विरोधी परेड निकालते दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान खालिस्तानियों ने कनाडा से सभी हिंदुओं को निर्वासित करने की मांग भी की।

कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन ने रविवार को कहा कि जिहादी हमारे सड़कों पर उत्पात मचा रहे हैं, यहूदी समुदाय को धमका रहे हैं और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रहे हैं, लेकिन खालिस्तानी समाज के लिए सबसे खतरनाक खतरा बन गए हैं। क्या कार्नी का कनाडा ट्रूडो से अलग होगा? उन्होंने शॉन बिंडा नामक एक एक्स यूजर के पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें कहा गया था कि खालिस्तानी आतंकवादी समूह ने ‘हिंदू विरोधी नफरत’ के कारण यह विरोध प्रदर्शन किया।

नई सरकार के बाद भी हालात जस के तस

यह हिंदू विरोधी परेड टोरंटो के माल्टन गुरुद्वारे में निकाली गई। यह परेड ऐसे समय निकाली गई, जब हाल ही में कनाडा में चुनाव हुए हैं। कनाडा में चुनाव के बाद एक बार फिर लिबरल पार्टी को जीत हासिल हुई है और मार्क कार्नी ने सत्ता संभाली है। हालांकि, इस बार के चुनाव में देश में प्रमुख सिख नेता और खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह की करारी हार हुई और साथ ही उनकी पार्टी ने भी काफी खराब प्रदर्शन किया। चुनाव के नतीजों को देखने के बाद लगा कि अब देश में खालिस्तानी गतिविधियों को भी झटका लगेगा। लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं।

कनाडा में रह रहे हिंदुओं के खिलाफ रैली

कनाडा में चुनाव के तुरंत बाद फिर खालिस्तान समर्थकों ने हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला। इस विरोध परेड का वीडियो सामने आया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर के पिंजरे में बंद पुतले भी दिखाए गए। इस रैली में खालिस्तानियों ने कनाडा में रह रहे करीब 8 लाख हिंदुओं को देश से निकालने की मांग की। यह रैली भारत सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि कनाडा में रह रहे हिंदुओं के खिलाफ निकाली गई।

क्या कार्नी खालिस्तानियों के खिलाफ लेंगे एक्शन?

कनाडा में जब जस्टिन ट्रूडो की सरकार थी, तब खालिस्तानियों को काफी संरक्षण मिला। इससे पहले कनाडा में कई मदिरों को क्षतिग्रस्त करने और मंदिर की दीवारों पर खालिस्तानी नारे लिखने की कई घटनाएं सामने आई हैं। हालांकि अभी तक इन घटनाओं के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। अब मार्क कार्नी देश के पीएम हैं। ऐसे में उनकी सरकार कनाडा में खालिस्तानियों के खिलाफ कोई एक्शन लेंगे या नहीं, यह देखना होगा।

कराची और लाहौर में बनाएंगे अगला गुरुकुल', योग गुरु बाबा रामदेव का बयान

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के हालात बने हुए हैं। आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को भारत की तरफ से हमले का डर सता रहा है। इसके बीच योग गुरु बाबा रामदेव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में रामदेव ने पाकिस्तान को असफल राष्ट्र बताते हुए निशाना साधा है। योग गुरु बाबा रामदेव ने पाकिस्तान की ताकत को लेकर कहा कि पाकिस्तान में इतनी ताकत भी नहीं है कि वो भारत के सामने युद्ध में 4 दिन भी खड़ा हो जाए। यही नहीं, रामदेव ने कहा है कि वह अगला गुरुकुल लाहौर और कराची में बनाएंगे।

बाबा रामदेव से दोनों देशों के मौजूदा हालातों पर सवाल किया गया था, जिस पर उन्होंने कहा, पाकिस्तान तो नापाक देश वैसे ही है, वो खुद ही टूटने जा रहा है। उधर, पख्तून उसको तोड़ने में लगे हैं। बलूचिस्तान के लोग अपनी आजादी की मांग कर रहे हैं। पीओके में हालात और खराब हैं तो वो भारत से लड़ने का सामर्थ्य कहां रखता है। रामदेव ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ चान दिन भी खड़ा नहीं हो सकता है।

बाबा रामदेव ने आगे कहा, मुझे तो लगता है कि हमें अगला गुरुकुल, कराची और लाहौर में बनाना पड़ेगा और वहीं से हमारे गुरुकुल की संस्कृति प्रारंभ हुई थी। वहीं, से ये अभियान अब वापस चलेगा तो तीन गुरुकुल पूजीय आचार्य जी यहां बनाएंगे और हम अगला गुरुकुल कराची और लाहौर में बनाएंगे।

अब गैर-अमेरिकी फिल्मों पर चला ट्रंप का “चाबुक”, लगाया 100 प्रतिशत टैरिफ

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी टैरिफ को लेकर दुनियाभर में हाहाकार मचा है। तमाम देश ट्रंप के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं। अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका से बाहर बनने वाली फिल्मों पर 100% का टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।उन्होंने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिका में फिल्म इंडस्ट्री तेजी से खत्म हो रही है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया और कहा कि हम फिर से अमेरिका में बनी फिल्में चाहते हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने यह जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर दी। अपने पोस्ट में, उन्होंने दावा किया कि उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि को इस तरह के टैरिफ को तुरंत शुरू करने के लिए अधिकृत किया है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा, यह अन्य देशों द्वारा एक ठोस प्रयास है और इसलिए, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। बाकी सब चीज़ों के अलावा, यह मैसेंजिंग और प्रोपेगेंडा भी है!

अमेरिका में फिल्म इंडस्ट्री बहुत तेजी से मर रही-ट्रंप

ट्रंप ने लिखा अमेरिका में फिल्म इंडस्ट्री बहुत तेजी से मर रही है। अन्य देश हमारे फिल्म प्रोड्यूसर्स और स्टूडियो को अमेरिका से दूर खींचने के लिए हर तरह का प्रोत्साहन दे रहे हैं। हॉलीवुड और यूएसए के कई अन्य क्षेत्र तबाह हो रहे हैं। यह अन्य राष्ट्रों का एक ठोस प्रयास है और इसलिए, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। यह, बाकी सब चीजों के अलावा, मैसेंजिंग और प्रोपेगैंडा है! इसलिए, मैं डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि को हमारे देश में आने वाली किसी भी और विदेशी भूमि में निर्मित सभी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने के लिए अधिकृत कर रहा हूं। हम दोबारा अमेरिका में बनी फिल्में चाहते हैं!

हम फिर से अमेरिका में बनी फिल्में चाहते हैं-ट्रंप

ट्रंप ने अपनी पोस्ट में आगे 100 प्रतिशत टैरिफ का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, मैं वाणिज्य विभाग और संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि को तुरंत हमारे देश में आने वाली सभी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अधिकृत कर रहा हूं, जो विदेशी भूमि में बनाई गई हैं। हम फिर से अमेरिका में बनी फिल्में चाहते हैं!

ट्रंप ने दो अप्रैल को लगाया था जवाबी टैरिफ

बता दें कि ट्रंप ने इससे पहले 2 अप्रैल को भारत और चीन सहित दुनिया के कई देशों पर टैरिफ लगाया था, जिसके बाद से दुनिया भर की स्टॉक मार्केट पर भी इसका असर देखने को मिला था। हालांकि, इसके बाद नौ अप्रैल को ट्रंप चीन और हॉन्गकॉन्ग को छोड़कर नौ जुलाई तक टैरिफ को 90 दिनों के लिए निलंबित करने की घोषणा की थी। क्योंकि लगभग 75 देशों ने व्यापार सौदों के लिए अमेरिका से संपर्क किया था। हालांकि इन देशों पर लगाया गया 10 प्रतिशत का बेसलाइन टैरिफ अभी भी प्रभावी है। इसके अलावा स्टील, एल्युमीनियम और ऑटो कलपुर्जों पर 25 प्रतिशत शुल्क भी लागू है। ट्रंप के टैरिफ से सबसे ज्यादा चीन प्रभावित हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट में नए वक्फ कानून पर आज सुनवाई, सांविधानिक वैधता मामले में हो सकता है फैसला

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सुप्रीम कोर्ट आज वक्फ (संशोधन) अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई में अदालत ने कानून के दो मुख्य पहलुओं पर रोक लगा दी थी। पिछली सुनवाई में अदालत ने कानून के दो मुख्य पहलुओं पर रोक लगा दी थी। 17 अप्रैल को सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार व जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ को केंद्र की ओर से आश्वासन दिया गया था कि वह 5 मई तक न तो वक्फ बाय यूजर समेत वक्फ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करेगा, न ही केंद्रीय वक्फ परिषद व बोर्डों में कोई नियुक्ति करेगा।

याचिकाओं पर हो सकती है अंतिम सुनवाई

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच इस मामले की अंतिम सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट आज यह तय करेगा कि वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोई अंतरिम आदेश जारी किया जाए या नहीं। सीजेआई संजीव खन्ना 13 मई को रिटायर होने वाले हैं, इसलिए उनके पास समय कम है। इस मामले में याचिकाकर्ताओं और केंद्र सरकार की ओर से कई वकीलों को सुनना होगा।

वक्फ संपत्तियों में 20 लाख एकड़ से ज्यादा के इजाफा का दावा

केंद्र सरकार ने याचिकाओं के जवाब में 1,300 पेज का हलफनामा दाखिल किया है। केंद्र ने 25 अप्रैल को दायर हलफनामे में कहा कि कानून पूरी तरह संवैधानिक है। यह संसद से पास हुआ है, इसलिए इस पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए। हलफनामे में सरकार ने दावा किया 2013 के बाद से वक्फ संपत्तियों में 20 लाख एकड़ से ज्यादा का इजाफा हुआ। इस वजह से कई बार निजी और सरकारी जमीनों पर विवाद हुआ। वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सरकार के आंकड़ों को गलत बताया और कोर्ट से झूठा हलफनामा देने वाले वाले अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की।

नए कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 70 से ज्यादा याचिकाएं दायर

बता दें कि पांच अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद केंद्र ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को पिछले महीने अधिसूचित किया था। वक्फ (संशोधन) विधेयक को लोकसभा ने 288 सदस्यों के समर्थन से पारित किया, जबकि 232 सांसद इसके खिलाफ थे। राज्यसभा में इसके पक्ष में 128 और इसके खिलाफ 95 सदस्यों ने मतदान किया। वहीं, इसके पास होने के बाद कई राजनीतिक दलों और मुस्लिम संगठनों ने अधिनियम की वैधता को शीर्ष अदालत में चुनौती दिया था। नए वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 70 से ज्यादा याचिकाएं दायर हुई हैं, लेकिन कोर्ट सिर्फ पांच मुख्य याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगा। याचिकाओं के इस समूह में एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दायर एक याचिका भी शामिल है।

अगर सिंधु नदी का पानी रोका तो हम हमला कर देंगे” पाकिस्तानी रक्षा मंत्री की भारत को गीदड़भभकी

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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान से सिंधु जल संधि, आयात-निर्यात और किसी भी तरह के पब्लिक इंगेजमेंट पर पाबंदी लगाई गई है। वहीं, इससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और बार-बार गीदड़भभकी दे रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर उसने 'पाकिस्तान के पानी को रोकने या उसकी दिशा बदलने के लिए कोई ढांचा या निर्माण किया तो पाकिस्तान हमला करेगा और इसे नष्ट कर दिया जाएगा।

पानी रोकने को युद्ध की कार्रवाई बताया

जियो न्यूज से बात करते हुए आसिफ ने कहा, अगर भारत किसी तरह का ढांचा (बांध) बनाने की कोशिश करता है तो हम बिल्कुल उस पर हमला करेंगे। ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर भारत सिंधु नदी पर किसी तरह का बांध बनाकर पानी रोकने की कोशिश की यह पाकिस्तान पर सीधा हमला माना जाएगा। सिंधु नदी पर बांध का निर्माण दोनों देशों के बीच जल समझौते का उल्लंघन होगा। भारत अगर ऐसा कुछ करता है तो पाकिस्तान चुप नहीं बैठेगा और उसपर हमला कर देगा।

सिंधु जल संधि का उल्लंघन करना आसान नहीं-आसिफ

आसिफ ने कहा कि सिंधु जल संधि का उल्लंघन करना आसान नहीं है, यह पाकिस्तान के ख़िलाफ जंग की घोषणा होगी। कोई हमला सिर्फ तोप के गोले या बंदूक चलाने तक ही सीमित नहीं है, इसके कई रूप हैं, जिनमें से एक यह भी है। इससे देश के लोग भूख या प्यास से मर सकते हैं।

भारत कर रहा है नाटक- आसिफ

आसिफ ने भारत पर लगातार उन्हें उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत नाटक कर रहा है और पहलगाम आतंकी हमले के मामले में पाकिस्तान पर झूठे इल्ज़ाम लगा रहा है। आसिफ ने कहा कि भारत ने अभी तक इस बात के ठोस सबूत पेश नहीं किए हैं कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था।

बिलावलने खून बहाने की कही थी बात

इससे पहले सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सुक्खर में आयोजित एक रैली में कहा था कि या तो सिंधु नदी से हमारा पानी बहेगा या उनका ख़ून बहेगा। उनके बयान पर भारत के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत कई बड़े नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

भारत-पाकिस्तान के बीच इन चीजों का होता है इम्पोर्ट, आयात-निर्यात बंद होने से दोनों देशों पर क्या पड़ेगा असर?

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफा अधिक बढ़ गया है। भारत ने पाकिस्तान पर बड़ा एक्शन लेते हुए पाकिस्तान से आने वाले या पाकिस्तान को जाने वाले सभी सामानों पर तुरंत रोक लगा दी है। यह रोक सीधे तौर पर या किसी और तरीके से आने-जाने वाले सभी सामानों पर लागू होगी। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग बंद हो गया है।

हर साल हजारों करोड़ का सामान करते हैं एक्सपोर्ट

बीच व्यापार बहुत ज्यादा नहीं है। दोनों देशों के बीच व्यापार में भारत पाकिस्तान को एक्सपोर्ट ज्यादा करता है। हम पाकिस्तान को हर साल हजारों करोड़ रुपये का सामान भेजते हैं। हालांकि, हम पाकिस्तान से बहुत कम सामान खरीदते हैं। 2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से सामान खरीदना काफी कम कर दिया है। इस तरह पाकिस्तान से आयात नहीं के बराबर है। उधर भारत का पाकिस्तान को एक्सपोर्ट साल 2020 के मुकाबले साल 2024 तक 300 फीसदी बढ़ गया।

ऐसे में जानते हैं पाकिस्तान से भारत क्या-क्या सामान आता था?

भारत पाकिस्तान से क्या आयात करता है?

पाकिस्तान से भारत में आयात होने वाली वस्तुओं की मात्रा पहले की तुलना में काफी कम हो गई है, लेकिन कुछ खास सामान अभी भी भारतीय बाजारों में अपनी जगह बनाए हुए हैं।

सेंधा नमक: व्रत में इस्तेमाल होने वाला सेंधा नमक भारत में बड़े पैमाने पर पाकिस्तान से आयात होता है। पाकिस्तान में रॉक सॉल्ट की प्रचुरता इसे इसका बड़ा निर्यातक बनाती है।

ड्राई फ्रूट्स और फल: भारत पाकिस्तान से ताजे फल जैसे आम, केला, संतरा, और ड्राई फ्रूट्स आयात करता है। 2017 में भारत ने लगभग 90 मिलियन डॉलर के फल पाकिस्तान से खरीदे थे।

चमड़ा और कपड़ा: पाकिस्तान से चमड़े के सामान और कॉटन का आयात होता है। लाहौर के कुर्ते और पेशावरी चप्पलें भी भारतीय बाजारों में लोकप्रिय हैं।

सीमेंट और निर्माण सामग्री: बिनानी सीमेंट, जिसका उत्पादन पाकिस्तान में होता है, भारत में बिकता है। इसके अलावा, चूना, पत्थर, और गंधक भी आयात किए जाते हैं।

सौंदर्य प्रसाधन और अन्य सामान: मुल्तानी मिट्टी, जो सौंदर्य प्रसाधनों में इस्तेमाल होती है, और चश्मों के ऑप्टिकल्स भी पाकिस्तान से आते हैं।

धातु और रसायन: तांबा, स्टील, गैर-कार्बनिक रसायन, और मेटल कंपाउंड भी पाकिस्तान से आयात होते हैं।

2019 के बाद भारत ने पाकिस्तानी उत्पादों पर 200% टैरिफ लगा दिया, जिससे आयात में भारी कमी आई है। 2022 में पाकिस्तान से भारत का कुल निर्यात केवल 18.1 मिलियन डॉलर था।

पाकिस्तान क्या भेजता है भारत?

भारत पाकिस्तान से कई चीजें आयात करता है। इसमें ड्राई फ्रूट्स, तरबूज और अन्य फल, सीमेंट, सेंधा नमक, पत्थर, चूना, मुल्तानी मिट्टी, चश्मों का ऑप्टिकल्स, कॉटन, स्टील, कार्बनिक केमिकल्स, चमड़े का सामान आदि शामिल हैं। पाकिस्तान से आयात बैन होने के कारण अब वहां से न तो ड्राई फ्रूट्स आएंगे और न सेंधा नमक। भारत में सेंधा नमक का इस्तेमाल व्रत के समय काफी मात्रा में किया जाता है।

मणिपुर हिंसा के दो साल, हाई अलर्ट के बीच मैतेई-कुकी ने बंद का किया ऐलान

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मणिपुर में जातीय हिंसा के आज दो साल पूरे हो गए। इसको लेकर मैतेई और कुकि समुदायों ने राज्यभर में शटडाउन का आह्वान किया। इस दौरान जहां मैतेई समुदाय की एक संगठन ने इंफाल में 'मणिपुर पीपल्स कन्वेंशन' आयोजित किया, वहीं कुकी समुदाय ने 'डे ऑफ सेपरेशन' मनाया। मणिपुर में लगभग सभी जगह आज बाजार, दुकानें और स्कूल-कॉलेज बंद हैं और सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। इधर, राज्य में तनाव को देखते हुए सुरक्षाबलों ने इम्फाल, चुराचांदपुर और कंगपोकपी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है।

सुरक्षाबलों ने 20 किमी किया फ्लैग मार्च

मणिपुर हिंसा की दूसरी बरसी से एक दिन पहले (2 मई) सुरक्षाबलों ने फ्लैग मार्च किया। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 34 बटालियन के डीआईजी सुशांकर उपाध्याय ने बताया कि इस फ्लैग मार्च से लोगों में एक भरोसा पैदा होगा। लोगों को लगेगा कि हालात पर काबू पाने के लिए यहां एक न्यूट्रल (किसी के पक्ष में नहीं) फोर्स है।

डीआईजी उपाध्याय ने ये भी बताया कि फ्लैग मार्च में 1000 जवान शामिल हुए। हमने इसे इम्फाल पुलिस के साथ कोऑर्डिनेशन में आयोजित किया था। हमने करीब 20 किमी का मार्च निकाला। हम लोगों में एक तरह का विश्वास और उपद्रवियों को चेतावनी देना चाहते थे।

13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन, नई सरकार की मांग तेज

मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन है, लेकिन मौजूदा विधानसभा भंग नहीं हुई है। सिर्फ निलंबित है। इसलिए कई नागरिक संगठन इसके विरोध में उतर आए हैं। सियासी ताकत पूर्व सीएम एन. वीरेन सिंह के हाथ में है, क्योंकि यहां भाजपा बिखरी हुई है। चार-पांच दिन पहले ही 21 विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भेजकर राज्य में तत्काल लोकप्रिय सरकार बनाने की मांग की थी। पत्र पर भाजपा के 14 विधायकों ने साइन किए हैं।

हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए

मणिपुर में दो साल पहले मैतेई और कुकि समुदायों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें 260 से अधिक लोग मारे गए थे और 70,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए थे। इस मामले में 6 हजार एफआईआर दर्ज हुईं, उनमें करीब 2500 में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी।

वाणिज्य मंत्रालय की अधिसूचना: पाकिस्तान से व्यापार पर लगा ब्रेक

-- आतंकी हमले के बाद कड़ा कदम, भारत ने पाकिस्तानी वस्तुओं के आयात पर लगाई रोक

डेस्क। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और कड़ा कदम उठाते हुए उसके साथ सभी प्रकार के व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 2 मई को जारी अधिसूचना के अनुसार, पाकिस्तान से किसी भी वस्तु का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आयात या पारगमन अब पूरी तरह से निषिद्ध रहेगा। यह निर्णय 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में लिया गया है।

अधिसूचना में स्पष्ट रूप से कहा गया है:

"पाकिस्तान से आयातित या निर्यातित सभी वस्तुओं का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात अथवा पारगमन, चाहे वे स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हों या अन्यथा अनुमत हों, तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा।"

सरकार ने विदेश व्यापार नीति (FTP) 2023 में भी इस संबंध में एक नया प्रावधान शामिल किया है, जिससे यह प्रतिबंध नीति का हिस्सा बन गया है।

इस कड़े कदम को भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने और आतंकी गतिविधियों के खिलाफ कठोर रुख अपनाने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगकर फिर घिरी कांग्रेस, संबित पात्रा बोले-ये CWC नहीं पाकिस्तान वर्किंग कमेटी है

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कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी के बयान के बाद सियासी पारा हाई है।चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा सर्जिकल स्ट्राइल पर सवाल उठाने के बाद अब भाजपा ने इस पर पलटवार किया है। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि ये कांग्रेस वर्किंग कमेटी नहीं, बल्कि पाकिस्तान वर्किंग कमेटी है! जो देश के अंदर से पाकिस्तान के लिए काम कर रही है।

बीजेपी पार्टी के प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने पंजाब के पूर्व सीएम चन्नी के बयान पर निशाना साधते हुए कहा, देश पर हुए आतंकी हमले को लेकर कांग्रेस संजीदा नहीं है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग में जो प्रस्ताव पारित हुए उसके बाद कांग्रेस ने दूसरी प्रेस कान्फ्रेस की और उसे चरणजीत सिंह चन्नी ने किया जो पुलवामा के हमले का खण्डन करते हैं। संबित पात्रा ने आगे कहा, पंजाब के सीएम रह चुके चरणजीत सिंह चन्नी ने पुलवामा हमले के बाद भारतीय सेना की तरफ से की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए।

कांग्रेस हेशा पाक का मनोबल बढ़ाने का काम करती है-पात्रा

सर्जीकल स्ट्राइक को लेकर पाक मे खलबली मची थी। पाकिस्तान के मंत्री अभी भी कह रहे है कि फिर से सर्जीकल स्ट्राइक ना हो जाए। रोज इस पर डिबेट हो रही है। कोई कही गुहार लगाने भाग रहा है और इधर कांग्रेस के नेताओं का बयान भारत की सेना की मनोबल को गिराने का काम कर रही है। ये भारत की सेना के मनोबल को गिराता है। कांग्रेस हर समय पाकिस्तान का मनोबल बढ़ाने का काम करती है।

आंतकियों को ऑक्सीजन सप्लाई करने का काम कर रही कांग्रेस-पात्रा

संबित पात्रा ने आगे कहा कि कांग्रेस कोई भी ऐसा अवसर नहीं छोड़ती, जिससे पाकिस्तान के आंतकियों को आक्सीजन सप्लाई नहीं होता हो। आंतकियो को आक्सीजन सप्लाई करने का काम ये कांग्रेस पार्टी करती है। कांग्रेस का हमेशा से ये तरीका रहा है। ये बाहर से सीडबल्यूसी और अंदर से पीडबल्यूसी (पाकिस्तान वर्किंग कमेटी) है। ऐसे तो नहीं हो सकता है कि एक दिन पाक के समर्थन में बोल दें। जब से आंतकी हमला हुआ है- हर दिन सैफुदिन सोज, जो कि कश्मीर के एक बडे नेता हैं। कहते हैं कि हमें बात करनी चाहिए। हमें पाक का पानी बंद नहीं करना चाहिए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का रोना धोना शुरू हो गया है। वह कहते हैं कि युद्ध नहीं होना चाहिए, कर्नाटक के मंत्री का कहना है कि सरकार झूठ बोल रही है। आंतकियों ने कोई धर्म नहीं पूछा था, बीके हरिप्रसाद कहते है बीजेपी के लिए पाक दुश्मन राष्ट होगा हमारे लिए नेबरिंग कंट्री है।

क्या कहा था चन्नी ने?

इससे पहले शुक्रवार को पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा था कि '40 भारतीय सैनिक मारे गए थे और जब चुनाव हुए, तो सरकार ने कार्रवाई का दावा किया, लेकिन हमने कभी नहीं देखा कि पाकिस्तान में कहां हमले किए गए और कहां लोग मारे गए। अगर कोई हमारे देश में बम फेंके, तो क्या लोगों को पता नहीं चलेगा? उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करने का दावा किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। सर्जिकल स्ट्राइक कहीं नहीं देखी गई और किसी को उसके बारे में पता भी नहीं था।

भारत का पाकिस्तान पर एक और वार, बंद किया कारोबार, पड़ोसी देश से आयात-निर्यात पर पूरी तरह लगाया बैन

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाया है। भारत सरकार ने पाकिस्तान में उत्पन्न होने वाली या वहां से निर्यात की जाने वाली सभी वस्तुओं के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। भारत ने आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को एक बार फिर सबक सिखाने के लिए ये बड़ा फैसला लिया है।

वाणिज्य मंत्रालय की ओर से दो मई को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लिया गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि इस संबंध में विदेश व्यापार नीति 2023 में एक प्रावधान जोड़ा गया है, ताकि अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान में उत्पन्न या वहां से निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात पर रोक लगाई जा सके। इस कार्रवाई से भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार संबंध पूरी तरह से ठप हो गया है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना में कहा कि यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लगाया गया है। यह प्रतिबंध उन वस्तुओं पर भी लागू होगा जो स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हैं या अन्यथा अनुमत हैं, साथ ही तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले पारगमन पर भी रोक लगाई गई है। इस प्रतिबंध में किसी भी तरह के अपवाद के लिए भारत सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होगी।

कराह उठेगा पाकिस्तान

पाकिस्तान से भारत को होने वाले आयात में मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, मसाले, और कुछ खाद्य पदार्थ शामिल थे, जो अब पूरी तरह बंद हो जाएंगे। जानकारों का मानना है कि इस कदम से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा, खासकर खाद्य पदार्थों की कमी और बढ़ती महंगाई के रूप में। भारत ने पहले ही 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्तों को सीमित कर दिया था, और अब यह प्रतिबंध उस दिशा में एक और कड़ा कदम है।

आतंकी हमले के बाद भारत का पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख

यह फैसला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले के बाद लिया गया है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। भारत ने जहां कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान को घेरना शुरू किया, वहीं पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहानुभूति पाने की कोशिश कर रहा है।

पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया

भारत द्वारा सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार और प्रतिबंधात्मक कदमों की घोषणा के बाद, पहले तो पाकिस्तान के नेताओं ने आक्रामक बयानबाजी की, लेकिन जब इससे बात नहीं बनी तो उन्होंने पश्चिमी देशों का रुख किया। इसके बाद भी जब भारत की रणनीति में कोई ढील नहीं दिखी, तो पाकिस्तान ने अब संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने भारत के फैसलों को “वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए खतरा” बताया है और भारत के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हालांकि ये बयान भारत पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जो अब तक नाकाम ही रहा है।