तीन साल में सिर्फ 15 विद्यार्थी हुए सफल, 1053 ने ली कोचिंग
नितेश श्रीवास्तव,भदोही। अभ्युदय कोचिंग से तीन साल में मात्र 15 विद्यार्थी सफल हुए हैं। जबकि तीन साल में कुल 1053 विद्यार्थियों ने कोचिंग ली। इनमें तीन डॉक्टर, दो लेखपाल, छह लिपिक,दो एसआई और दो नर्सिंग शामिल हैं। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए शासन ने इसे 2022 में शुरू किया गया था। 2024 में एक भी विद्यार्थी सफल नहीं हुए। कुछ परीक्षाओं के परिणाम नहीं आएं हैं। समाज कल्याण विभाग इसका संचालन करता है।
आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पैसे के अभाव में नहीं कर पाते हैं। ऐसे विद्यार्थियों की तैयारी के लिए साल 2022 में प्रदेश सरकार अभ्युदय कोचिंग शुरू किया था। इसमें आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, एनडीएस, सीडीएस, नीट और जेईई मेन्स आदि प्रतियोगिताओं की तैयारी में उन्हें मदद मिलनी शुरू हुई।
जिले में पहले काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के ई-लाइब्रेरी भवन में इसकी शुरूआत की गई, लेकिन 2023 के सत्र में जय प्रकाश नारायण सर्वाेदय इंटर कॉलेज रयां में भी कक्षाएं शुरू की गईं। केएनपीजी में यूपीएससी, एनडीए, सीडीएस, जेईई, नीट तो रयां में नीट और जेईई की कक्षाएं चल रही हैं। साल 2022 में कुल 250 बच्चों ने पंजीकरण कराया था। जिसमें सात को सफलता मिली। वर्ष 2023 में 490 में आठ सफल हुए, हालांकि 2024 में 563 में अब तक एक भी विद्यार्थी सफल नहीं हो सके हैं। विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 53 विशेषज्ञ शिक्षकों का पैनल नामित किया गया है। इसमें अलग-अलग विषय के दो से लेकर चार शिक्षक हैं।
तीन साल में सफलता पर नजर डाली जाए तो एक से दो फीसदी ही है। जिला समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव ने कहा कि तीन साल में उम्मीद के हिसाब से सफलता नहीं मिली है। विद्यार्थियों की संख्या हर साल बढ़ रही है। एक से दो साल में सफलता प्रतिशत बढ़ेगी।
सात मई तक लिया जाएगा आवेदन
मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग के लिए 2025 के सत्र के लिए आवेदन लिया जा रहा है। सात मई तक छात्र-छात्राएं इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। अभी तक 110 आवेदन आए हैं। विभाग का मानना है कि आगामी दिनों में यह संख्या 500 से अधिक हो जाएगी।
शिक्षकों पर हर साल औसतन आठ से नौ लाख खर्च ज्ञानपुर। मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग में पढ़ाने वाले विशेषज्ञ शिक्षकों को प्रति व्याख्यान दो हजार रुपये दिए जाते हैं। सभी शिक्षकों पर साल भर में औसतन आठ से नौ लाख खर्च होते हैं। तीन सालों में करीब 25 लाख तक का भुगतान किया गया है।
मन लगाकर न पढ़ना प्रमुख कारण: डीके पाठक
ज्ञानपुर। मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग के जिला कोऑर्डिनेटर डीके पाठक ने कहा कि कोचिंग में पढ़कर कई विद्यार्थियों ने नीट, यूपीपी, लेखपाल भर्ती परीक्षा में सफलता पाई है। विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से यह कम है। कक्षाएं प्रतिदिन चलती हैं। अभ्यर्थियों को जरूरी किताबें भी दी जाती हैं। सफलता प्रतिशत कम होने के पीछे मन लगाकर न पढ़ना है। इसको लेकर विद्यार्थियों को लगातार गाइड किया जाता है।
तीन साल में रखरखाव में कुल सात लाख हुए खर्च
समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग संचालन के लिए साल 2022 में पांच लाख रूपये मिला। इससे कोचिंग सेंटर पर जरूरी उपकरण एवं व्यवस्थाएं की गई। 2023 और 2024 में मात्र एक-एक लाख रुपये मरम्मत आदि के लिए मिला। उन्होंने बताया कि सेंटर पर विद्यार्थियों के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।
May 02 2025, 14:14