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CISCE Results 2025: 10th-12th के परीक्षा परिणाम जारी… RKC के स्टूडेंट्स ने किया बेहतरीन प्रदर्शन,12वीं में गोविंद और 10वीं में अथर्व ने किया टॉप

रायपुर- काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE), नई दिल्ली द्वारा घोषित ISC 12वीं परीक्षा 2025 के नतीजों में राजकुमार कॉलेज, रायपुर ने एक बार फिर अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता का लोहा मनवाया है. राजकुमार कॉलेज के स्टूडेंट्स ने तीनों संकायों- विज्ञान, वाणिज्य और ह्यूमैनिटीज में शानदार प्रदर्शन करते हुए विद्यालय का परचम लहराया है.

साइंस स्ट्रीम में गोविंद खेतपाल ने 98.75% हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया है. कॉमर्स स्ट्रीम में 96.50% के साथ तुष्टि अग्रवाल ने बाजी मारी और ह्यूमैनिटीज में अनुकल्प अग्रवाल ने 95.75% के साथ पहला स्थान प्राप्त किया है. राजकुमार कॉलेज के कुल 144 छात्रों ने प्रथम श्रेणी में सफलता हासिल की है, जिनमें से कुल 29 स्टूडेंट्स ने 90 प्रतीशत से अधिक अंक हासिल किए हैं. कुल 107 छात्रों ने 75% और उससे अधिक अंक हासिल किए, जो विद्यालय के समग्र शैक्षणिक स्तर को दर्शाता है.

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राजकुमार कॉलेज के प्राचार्य और शिक्षकों ने छात्रों की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें और उनके अभिभावकों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह परिणाम न केवल विद्यार्थियों की मेहनत और लगन का प्रमाण है, बल्कि शिक्षकों के मार्गदर्शन और अभिभावकों के सहयोग का भी नतीजा है.

रायपुर स्थित यह ऐतिहासिक शिक्षण संस्थान हर वर्ष की तरह इस बार भी एकेडमिक एक्सीलेंस का प्रतीक बनकर उभरा है. ISC 2025 के नतीजों में कॉलेज की यह शानदार परफॉर्मेंस शिक्षा जगत में उसकी प्रतिष्ठा को और भी मजबूत करती है.

गांव और शहर के बीच की दूरी होगी कम : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- राज्य के ग्रामीण इलाकों विशेषकर रिमोट एरिया के लोगों को सुगम और सुरक्षित परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज महानदी मंत्रालय भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में इस योजना की मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना ग्रामीण जनता को विकास की धारा से जोड़ने की एक क्रांतिकारी पहल है। यह योजना गांव और शहर के बीच की दूरी को कम करेगी और लोगों के जीवन को आसान बनाएगी।

इस योजना के तहत हल्के/मध्यम परिवहन मोटरयान 18 से 42 बैठक क्षमता (चालक को छोड़कर) के वाहन को अनुज्ञा पत्र और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। नवीन ग्रामीण मार्गाें के चिन्हांकन के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा। अनुज्ञा का लाभ छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को मिलेगा, जिसमें अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं तथा नक्सल प्रभावितों को प्राथमिकता दी जाएगी। लाभार्थियों का चयन निविदा प्रक्रिया से किया जाएगा। इस योजना के तहत संबंधित वाहन स्वामी को ग्रामीण मार्गाें पर वाहनों के संचालन के लिए प्रथम परमिट निर्गमन की तिथि से तीन साल अधिकतम अवधि के लिए मासिक कर में पूर्णतः छूट दी जाएगी।

इस योजना के तहत संचालित विभिन्न श्रेणी के वाहनों को राज्य शासन द्वारा प्रथम वर्ष 26 रूपए प्रति किलोमीटर, द्वितीय वर्ष 24 रूपए प्रति किलोमीटर तथा तृतीय वर्ष 22 रूपए प्रति किलोमीटर विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में दृष्टिहीन, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से चलने में असमर्थ दिव्यांग, 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, एड्स से पीड़ित व्यक्तियों को एक परिचारक के साथ किराया में पूरी छूट रहेगी, वहीं नक्सल प्रभावित व्यक्तियों को आधा किराया लगेगा।

मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना के तहत पहले वर्ष में राज्य के लगभग 100 चिन्हित ग्रामीण मार्गों पर बस सेवा प्रारंभ की जाएगी। राज्य सरकार ने इस योजना को शुरू करने के लिए 25 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा है। इससे किसान, मजदूर, विद्यार्थी, छोटे व्यापारी व ग्रामीण नागरिकों को जनपद, तहसील और जिला मुख्यालयों तक आवागमन की सुविधा प्राप्त होने से शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों तक सुलभ पहुंच संभव होगी।

संभाग आयुक्त ने लगाई कलेक्टरों की क्लास : जल संकट दूर करने, लंबित राजस्व मामलों का जल्द निराकरण करने के दिए निर्देश

रायपुर- रायपुर संभाग के संभाग आयुक्त महादेव कावरे ने आज राजधानी स्थित कार्यालय में संभाग के कलेक्टरों के साथ अहम बैठक ली. इस बैठक में PHE विभाग के अधिकारी भी मैजूद रहे. शासन द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई. जल जीवन मिशन और लंबित राजस्व प्रकरणों को लेकर कलेक्टरों से जवाब तलब किया गया है. भीषण गर्मी में बढ़ते जल संकट और सुशासन तिहार के प्रकरणों को लेकर भी चर्चा हुई है और महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए गए.

बैठक को लेकर महादेव कावरे ने जानकारी देते हुए बताया कि सुशासन तिहार के दूसरे चरण की तैयारियों पर चर्चा की गई है. 10 लाख से ज़्यादा आवेदन आए हैं, जिनमें 3 लाख से अधिक के प्रकरण रायपुर में ही है. इनमें भूमिहीन कृषि योजना, महतारी वंदन, पीएम आवास को लेकर आवेदन हैं, जिनके निराकरण के निर्देश दिये गये हैं.

राजस्व के लंबित प्रकरणों को लेकर उन्होंने कारण बताने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने बताया कि रायपुर ज़िले में 9 हज़ार से अधिक राजस्व प्रकरण लंबित है. आज कलेक्टर्स को अभियान चला कर निराकृत करने के निर्देश दिये गये हैं. वही ख़रीफ़ सीजन को लेकर किसानों की मांग के अनुसार बीच उपलब्धता सुनिश्चित करने कहा गया है.

राजधानी में गहराते जल संकट को लेकर उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में पानी के सोर्स की समस्या का समाधान निकालने, ख़राब हैंडपंप को दुरुस्त करने और सोकता पिट के निर्माण के निर्देश दिये है. वर्तमान में अवैध बोर खनन पर रोक लगाया गया है.

संभागायुक्त महादेव कवरे के निर्देश –

राजस्व के समयावधि ख़त्म होने के बाद भी लंबित प्रकरणों के कारण बताने निर्देश.

ख़राब हैंडपंपों को तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश.

ज़िला स्तर पर आत्मानंद स्कूलों की जांच के लिए समिति गठित करने के निर्देश.

ख़रीफ़ सीजन में बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश.

मल्टी विलेज योजना पर रणनीति तैयार कर जल जीवन मिशन के तहत पानी सप्लाई के निर्देश.

स्कूल में पुस्तक और ड्रेस समय में उपलब्ध करने के लिए निर्देश.

एस एम एस के माध्यम से पक्षकार को राजस्व प्रकरण में सूचना दिए जाने के निर्देश.

भू-अर्जन के मुआवज़ा राशि प्रकाशित करने और दावा आपत्ति बुलाने के दिए निर्देश.

वेंटिलेटर पर खैरागढ़ के सिविल अस्पताल: टपकती छत, खराब उपकरण और जर्जर इमारत… जिला तो बन गया, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास शून्य…

खैरागढ़- जिला मुख्यालय खैरागढ़ में स्थित एकमात्र सिविल अस्पताल आज खुद बीमार हो गया है. अंग्रेजों के शासनकाल में वर्ष 1936 में बना यह अस्पताल ही हजारों ग्रामीणों की उम्मीद है, लेकिन यहां न सुविधाएं हैं, न साफ-सफाई. इतना ही नहीं, अस्पताल की हालत इतनी जर-जर है कि यहां कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की जान भी अब खतरे में हैं. खैरागढ़ जिला होते हुए भी यहां का एक मात्र शासकीय अस्पताल खुद इलाज का मोहताज हो गया है.

बता दें, अस्पताल की खस्ता हालत, संसाधनों की भारी कमी और स्टाफ की अनुपलब्धता के कारण मरीजों को अक्सर निराश लौटना पड़ता है. 35 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में रोजाना सैकड़ों मरीज पहुंचते हैं, लेकिन न सफाई है, न पर्याप्त डॉक्टर और न ही जरूरी मेडिकल उपकरण. अधिकतर उपकरण खराब हो चुके हैं. गंभीर मरीजों को कई बार बेहतर इलाज के लिए अन्य स्थानों की ओर रुख करना पड़ता है.

मेडिकल उपकरणों की स्थिति भी दयनीय

आज भी पुरानी एक्सरे मशीन का इस्तेमाल हो रहा है और सोनोग्राफी जैसी बुनियादी सुविधा तक उपलब्ध नहीं है. डॉक्टरों की गैरहाजिरी मरीजों के लिए और भी मुसीबत बन जाती है.

हाल ही में एक मामला तब सामने आया जब एक ग्रामीण अपनी गर्भवती पत्नी को इलाज के लिए यहां लाया, लेकिन सुविधाओं के अभाव में उसे पत्नी को लेकर छुईखदान के अस्पताल जाना पड़ा. यह स्थिति एक जिला अस्पताल के लिए बेहद चिंताजनक और शर्मनाक है.

अस्पताल की इमारत जगह-जगह से टूटी हुई है, दीवारों में दरारें और छतें टपकती हैं. स्टाफ नर्सें जोखिम उठाकर सेवाएं दे रही हैं, लेकिन भीतर सफाई की हालत इतनी खराब है कि अस्पताल परिसर में आवारा जानवर तक देखे जा सकते हैं.

जिले के दर्जे के बावजूद खैरागढ़ की स्वास्थ्य सेवाएं अभी भी प्राथमिक स्तर पर अटकी हुई हैं, जो प्रशासनिक उदासीनता और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को उजागर करती हैं. अगर समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह उपेक्षा किसी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है.

शासन को भेजा गया नए भवन का प्रस्ताव : CHMO

इस पूरे मामले में सीएचएमओ आशीष शर्मा ने बताया कि सिविल अस्पताल खैरागढ़ का भवन काफी पुराना हो चुका है. इसके लिए शासन को नए भवन हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है. नए भवन बनने तक पुराने भवन में सेवाएं और सुविधाएं संचालित करने के लिए फिलहाल स्थानीय प्रशासन और स्थानीय लोगों की मदद से रिपेरिंग आदि कार्य किये जा रहे हैं.

श्री सीमेंट खदान विस्तार : जनसुनवाई में हुआ जमकर विरोध, सरपंच से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष तक ने जताई आपत्ति, मंच छोड़कर भागे अधिकारी

बलौदाबाजार- बलौदाबाजार जिले के ग्राम पत्थरचूआ में आयोजित श्री सीमेंट लिमिटेड की जनसुनवाई उस समय हंगामेदार हो गई, जब बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने खदान विस्तार का विरोध करते हुए कंपनी पर वादाखिलाफी, पर्यावरणीय नुकसान और स्थानीय समस्याओं की अनदेखी के आरोप लगाया. विरोध इतना तीव्र था कि मंच पर मौजूद पर्यावरण अधिकारी को कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा. सरपंच समेत कई जनप्रतिनिधियों ने जनसुनवाई की पारदर्शिता और आयोजन स्थल पर सवाल उठाए.

जनसुनवाई श्री सीमेंट लिमिटेड के खपराडीह प्लांट के लिए ग्राम मोहरा, ब्लॉक-ए में चुना पत्थर खनन पट्टा क्षेत्र 127.046 हेक्टेयर भूमि पर पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना 2006 और उसके संशोधनों के अंतर्गत आयोजित की गई थी. इसमें सिमगा और पलारी तहसील के ग्राम मोहरा, पत्थरचूआ और भालूकोना के ग्रामीणों ने हिस्सा लिया और अपना पक्ष रखा.

ग्रामीणों ने कंपनी के खदान विस्तार का जमकर विरोध किया. स्थानीय लोगों ने खपराडीह गैस कांड का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि कंपनी के गैस उत्सर्जन से बच्चे बीमार हुए हैं. इसके अलावा खराब सड़कों की स्थिति, रोजगार की कमी, सीएसआर में गड़बड़ी, जल संकट, स्कूलों में प्रवेश की समस्या और किसानों की खेती प्रभावित होने जैसे मुद्दे भी प्रमुख रूप से उठाए गए. लोगों ने श्री सीमेंट प्रबंधन पर धोखाधड़ी और वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी जमीन हड़पने का कार्य कर रही है. साथ ही जनसुनवाई को पत्थरचूआ में आयोजित करने का विरोध करते हुए कहा कि यह सुनवाई प्रभावित गांवों के बीच होनी चाहिए थी, लेकिन कंपनी ने इसे प्रायोजित कार्यक्रम बना दिया है जिसमें अपने समर्थकों को बाहर से बुलाया गया.

 

जनसुनवाई में हिस्सा लेने पहुंचे प्रभु बंजारे ने कहा कि इस जनसुनवाई की लोगों को जानकारी नहीं दी गई. ग्राम मोहरा की सरपंच तारिणी वर्मा और जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुमित्रा घृतलहरे ने भी जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया. गांव के रामखेलावन ध्रुव ने भी जनसुनवाई का विरोध किया. गांव के रामखेलावन ध्रुव ने भी जनसुनवाई का विरोध किया. वहीं भारी विरोध को देखते हुए पर्यावरण अधिकारी पी.के. रबड़े मीडिया से दूरी बनाते हुए मंच छोड़कर भाग गए. इस दौरान बलौदाबाजार से पहुंचे कुछ नेताओं और महिलाओं ने जनसुनवाई का समर्थन किया.

वहीं जनसुनवाई में मौजूद अपर कलेक्टर दीप्ति गौटे ने सुनवाई को संपन्न बताया. कंपनी के पर्यावरण विभाग के प्रमुख सुनील देशमुख ने कहा कि जनसुनवाई में आए तमाम मुद्दों पर कार्रवाई करने के साथ ही हम आगे बढ़ेंगे. रोजगार सहित अन्य मुद्दे आए हैं. पर्यावरण को लेकर कंपनी काफी संजीदा है, क्योंकि पर्यावरण स्वच्छ रहेगा तो हम सब स्वस्थ व सुरक्षित रहेंगे.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर है सजग और प्रतिबद्ध : स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल

रायपुर- स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आज रायपुर मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित टीबी उन्मूलन एवं एनक्यूएएस (NQAS) में उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में शामिल हुए।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सजग, संवेदनशील और सक्रिय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य की दिशा में छत्तीसगढ़ भी पूरे समर्पण और संकल्प के साथ काम कर रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ को देश में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत कार्य को सर्वश्रेष्ठ ढंग से लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है, जो हम सभी के लिए गौरव की बात है। राज्य की 4103 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित की गई हैं। यह उपलब्धि ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों, स्वास्थ्यकर्मियों और नागरिकों की सहभागिता का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए टीम भावना से काम करना जरूरी है, ताकि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।

गौरतलब है कि निक्षय निरामय अभियान के अंतर्गत राज्य में 36 लाख से अधिक हाई रिस्क व्यक्तियों की स्क्रीनिंग, 4.5 लाख एक्स-रे जांच और 1.5 लाख टीबी जांच उच्च तकनीक NAT मशीनों से की गई। इन प्रयासों से 100 दिनों के भीतर 17 हजार नए टीबी मरीजों की पहचान कर उपचार प्रारंभ किया गया। साथ ही 3130 नए नि-क्षय मित्रों का पंजीयन कर, 25 हजार से अधिक टीबी मरीजों को पोषण आहार प्रदान किया गया।

इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया ने कहा कि यह उपलब्धि हमारे जमीनी स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हमारा उद्देश्य सिर्फ लक्ष्य तय करना नहीं, बल्कि ठोस परिणाम देना है। टीबी के खिलाफ हमारी यह लड़ाई अब केवल अभियान नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सेवा है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि 'नि-क्षय मित्र' अभियान ने प्रदेश में सामुदायिक भागीदारी की एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि यह वर्ष टीबी उन्मूलन की दिशा में निर्णायक सिद्ध होगा और सभी स्वास्थ्यकर्मी इसे अपना व्यक्तिगत संकल्प मानें।

सम्मान समारोह में विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जिलों को पुरस्कृत किया गया। 350 से कम पंचायतों की श्रेणी में मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर को पहला, कोरिया को दूसरा और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। वहीं, 350 से अधिक पंचायतों की श्रेणी में जशपुर को प्रथम, सरगुजा को द्वितीय और रायगढ़ को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।

नि-क्षय मित्र पहल श्रेणी में गरियाबंद को प्रथम और रायपुर को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 100 दिवसीय निक्षय निरामय अभियान में उच्च वरीयता वाले जिलों के अंतर्गत नारायणपुर को प्रथम और कोंडागांव को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ, जबकि निम्न वरीयता वाले जिलों में कांकेर को पहला और मुंगेली को दूसरा पुरस्कार प्रदान किया गया।

राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण (NQAS) श्रेणी में रायपुर को प्रथम, महासमुंद को द्वितीय और दुर्ग को तृतीय पुरस्कार मिला।

इस राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में संचालक डॉ. सुरेंद्र पामभोई, विभागीय अधिकारीगण, जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन, डीपीएम सहित विकासखंड स्तरीय अधिकारी एवं चिकित्सकगण उपस्थित थे।

विष्णु का सुशासन कल्याणकारी, हर वर्ग के लिए कार्य कर रही सरकार : उपमुख्यमंत्री अरुण साव

रायपुर-  उप मुख्यमंत्री अरुण साव राजनांदगांव के घुमका में विकास कार्यों के भूमिपूजन और मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना के अंतर्गत आयोजित सामूहिक विवाह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने घुमका नगर पंचायत में एक करोड़ 49 लाख रुपए से अधिक के विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। उन्होंने इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में घुमका में विभिन्न कार्यों के लिए 50 लाख रुपए देने की घोषणा की। इनमें विद्युतीकरण के लिए नौ लाख 85 हजार रुपए, सड़क में बोर्ड लगाने के लिए नौ लाख 83 हजार रुपए तथा तीन द्वारों के लिए दस-दस लाख रुपए शामिल हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा घुमका में आयोजित सामूहिक विवाह में 20 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। श्री साव ने सभी जोड़ों को आशीष प्रदान करते हुए बधाई और शुभकामनाएं दीं। सांसद संतोष पाण्डेय और विधायक हर्षिता स्वामी बघेल भी दोनों कार्यक्रमों में शामिल हुईं।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना के अंतर्गत यहां 20 जोड़ों का विवाह हो रहा है, 40 परिवारों में खुशियां आ रही हैं। आज का दिन ऐतिहासिक है, सामूहिक विवाह के साथ ही एक करोड़ 49 लाख रुपए से अधिक के विकास कार्यों का भूमिपूजन किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार हर व्यक्ति के विकास के लिए कार्य कर रही है। राज्य और केंद्र सरकार हर परिवार के आवास और इलाज की व्यवस्था के साथ ही सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के माध्यम से बेटे-बेटियों के विवाह की चिंता भी दूर कर रही है। छत्तीसगढ़ में विष्णु का सुशासन कल्याणकारी है।

सांसद संतोष पाण्डेय ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि आज बड़ी खुशी का दिन है, सामूहिक विवाह में 20 दम्पति परिणय सूत्र में बंधे हैं, उनके जीवन में कृपा और समृद्धि आए। उप मुख्यमंत्री अरुण साव घुमका नगर पंचायत की सोच के अनुरूप सुंदर शहर की परिकल्पना से समग्र विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। विधायक हर्षिता स्वामी बघेल ने भी सभी नवदम्पत्तियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह शासन की महत्वपूर्ण योजना है। इससे गरीब एवं जरूरतमंदों को मदद मिल रही है। राज्य तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष जितेन्द्र साहू, राजनांदगांव जिला पंचायत की अध्यक्ष किरण वैष्णव और समाज सेवी कोमल सिंह राजपूत सहित अनेक जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और अधिकारी-कर्मचारी भी बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल के पत्र का असर, 2621 सहायक शिक्षकों के समायोजन का निर्णय

रायपुर- बर्खास्त शिक्षक मामले में सांसद बृजमोहन अग्रवाल के पत्र का असर हुआ है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश मंत्रिपरिषद ने 2621 बी.एड. अर्हताधारी सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक (विज्ञान - प्रयोगशाला) के पद पर समायोजित करने का निर्णय लिया है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इस फैसले पर मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि, "मैं इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी समेत पूरी कैबिनेट का दिल से आभार प्रकट करता हूँ। साथ ही समायोजित सभी सहायक शिक्षकों को हार्दिक बधाई और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ देता हूँ। यह निर्णय न केवल शिक्षकों के जीवन में स्थायित्व लाने वाला है, बल्कि उनके परिवारों को भी सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा।

बता दें कि, 7 अप्रैल 2025 को सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि , राज्य सरकार संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए इन शिक्षकों को समकक्ष पदों पर एक बार की विशेष छूट (ONE TIME EXEMPTION) के माध्यम से समायोजित करें। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य के मिडिल और हाई स्कूलों में प्रयोगशाला सहायक जैसे कई समकक्ष पद रिक्त हैं, जिन पर इन योग्यताधारी बर्खास्त शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है। सांसद ने यह मांग की है कि राज्य सरकार संवेदनशीलता दिखाते हुए संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुरूप जीवन रक्षा के अपने कर्तव्यों का पालन करे और इन शिक्षकों के भविष्य को अंधकारमय होने से बचाए। राज्य सरकार द्वारा इस सुझाव को गंभीरता से लेते हुए 23 दिन बाद बर्खास्त शिक्षकों को समायोजित करने का निर्णय लिया गया है।

गंदा पानी पीने को लोग मजबूर, शिकायतों के बाद भी समाधान नहीं

कवर्धा- जिले से करीब 80 किमी दूर हरे-भरे जंगलों और पहाड़ियों के बीच बसा दलदली गांव प्राकृतिक सौंदर्य से तो समृद्ध है, लेकिन बुनियादी जरूरतों में सबसे अहम पानी के लिए आज भी जूझ रहा है। लगभग 600 की आबादी वाले इस गांव में ज्यादातर लोग विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा से हैं, और विडंबना यह है कि यह वही इलाका है, जहां से हर साल करोड़ों रुपये की रॉयल्टी सरकार को मिलती है, क्योंकि यहीं जिले की इकलौती बॉक्साइट खदान है।

दिखने में हरा-भरा और शांत गांव, लेकिन असलियत में यहां की महिलाएं और बच्चे रोज पानी के लिए जद्दोजहद करते हैं। झिरिया, यानी मिट्टी के गड्ढों से गंदा पानी छानकर पीना इनकी मजबूरी बन चुकी है। गर्मियों में तो हाल और खराब हो जाता है – कई बार सिर्फ पानी ढूंढ़ते हुए पूरा दिन निकल जाता है। यह पानी न केवल गंदा होता है, बल्कि उसमें तरह-तरह के बैक्टीरिया और कीटाणु होने का भी खतरा बना रहता है, जिससे लोगों में संक्रामक बीमारियां फैलने का डर हर समय बना रहता है।

ग्रामीणों ने बार-बार शासन-प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई स्थायी समाधान सामने नहीं आया। वहीं प्रशासन का कहना है कि जल जीवन मिशन के तहत काम चल रहा है और इलाके में जरूरी संसाधन भी दिए गए हैं। लेकिन सवाल वही का वही है कि अगर सब कुछ ठीक है, तो फिर गांव वाले गंदा पानी क्यों पी रहे हैं?

इस स्थिति की जानकारी ग्रामीणों ने कई बार शासन-प्रशासन को दी, शिकायतें दर्ज करवाईं, लेकिन आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया। हैरानी की बात यह है कि जहां सरकार को करोड़ों की आमदनी हो रही है, वहीं उसी जमीन पर रहने वाले लोग पानी की एक बूंद के लिए तरस रहे हैं।

प्रशासन की माने तो इस इलाके में पानी के लिए साधन उपलब्ध कराए हैं और और जल जीवन मिशन के तहत कार्य प्रगतिरत है, तो फिर सवाल यह उठता है कि प्रशासन सुविधा उपलब्ध करा रही है तो आखिर इस इलाके में इस तरह की तस्वीर क्यों देखी जा रही है, यहां के लोग आज भी झिरिया का नाले का गंदा पानी क्यों पी रहे हैं, आदिवासी बैगा समुदाय के लिए भी एक बेहतर जीवन की आशा कब साकार होगी ?

नक्सलियों के गढ़ में जवानों ने लहराया तिरंगा

बीजापुर- सुरक्षा बल के जवानों ने नक्सलवाद के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई में 1 और बड़ी सफलता हासिल की है. जवानों ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर बसे नक्सलियों के गढ़ कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर भारत का तिरंगा लहराया दिया है. यह देश में नक्सलवाद के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ी कार्रवाई है, जिसमें सुरक्षा बल के जवान बीते 9 दिन से लगातार लाल आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. नक्सलवाद के खिलाफ यह लड़ाई अब अंतिम पड़ाव पर है.

बता दें, कर्रेगुट्टा पहाड़ पर एंटी नक्सल ऑपरेशन का आज 9वां दिन है. नक्सलियों के खात्मे के लिए लगभग 10 से 12 हजार जवानों ने पहाड़ी को अपने कब्जे में कर लिया है. जवानों ने बड़े कैडर के नक्सली लीडरों समेत सैकड़ों नक्सलियों का खात्मा और उनके सभी बंकरों को ध्वस्त करने का संकल्प किया है.

बीते मंगलवार को फोर्स ने पहाड़ पर कब्जा कर लिया है. यहां हेलीकॉप्टर की सहायता से 500 जवानों को उतारा गया. पहले इस ऑपरेशन में सिर्फ छत्तीसगढ़ पुलिस, तेलंगाना पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स शामिल थी. वहीं अब बिहार और झारखंड के सेंट्रल सुरक्षाबल के जवानों की भी कर्रेगुट्टा पहुंचने की जानकारी सामने आई है

नक्सलियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन में जवानों ने अब तक 5 नक्सलियों को ढेर किया है, जिनमें से 3 महिला नक्सलियों के शव समेत कई हथियार भी बरामद हुए हैं. वहीं कर्रेगुट्टा पहाड़ का तापमान 40 से 45 डिग्री के बीच होने की वजह से कई जवानों की तबीयत भी बिगड़ी है. ऑपरेशन के दौरान तेज गर्मी से लगभग 40 जवान डिहाइड्रेशन के शिकार हुए और 2 जवान नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आने से घायल भी हुए हैं. 

कर्रेगुट्टा से लगे दो और पहाड़ पर कब्जा करेगी फोर्स

फोर्स के अफसरों ने बताया कि अभी ऑपरेशन को रोका नहीं जाएगा, ऑपरेशन जारी रहेगा. कर्रेगुट्टा से लगे दो और पहाड़ हैं, जिस पर भी फोर्स कब्जा करेगी. भोपालपटनम इलाके के पहाड़ पर कब्जे के बाद भोपालपटनम की ओर से भी आवाजाही शुरू की जाएगी.

आईबी चीफ ने अधिकारियों से की बैठक

कर्रेगुट्टा में जारी नक्सल ऑपरेशन के बीच आईबी चीफ तपन डेका ने छत्तीसगढ़ में अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में तय किया गया कि ऑपरेशन जारी रहेगा और फोर्स को बैकअप के लिए दूसरे जिलों से भी बुलाया जाएगा.

तेलंगाना शांतिवार्ता के सदस्य ने सीएम रेड्डी से की मुलाकात

कर्रेगुट्टा पहाड़ पर चल रहे बड़े नक्सल ऑपरेशन को रोकवाने के लिए तेलंगाना शांतिवार्ता के सदस्य ने सीएम रेवंत रेड्डी से मुलाकात की. उन्होंने सीएम से ऑपरेशन रोकने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का अनुरोध किया, जिस पर सीएम ने पहल करने का आश्वासन दिया.