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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की “बोलती बंद” भारत में बैन हुआ 'एक्स' अकाउंट

#indiabanpakistandefenceministerxaccount 

पहलगाम में आतंकी हमल के बाद भी पाकिस्तान की ओर से कई तरह की फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं। भारत ने पाकिस्तान में फैल रही फेक न्यूज़ और भारत विरोधी प्रचार पर कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने आतंकवाद को मदद देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ सहित कई पाकिस्तानी पत्रकारों के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स को बैन लगाने का फैसला लिया है। इससे पहले पहलगाम हमले के अगले ही दिन भारत में पाकिस्तान सरकार का ट्विटर हैंडल बैन कर दिया गया था। 

ख्वाजा भारत के खिलाफ अनरगल बयानबाजी कर रहे

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ख्वाजा लगातार भारत के खिलाफ अनरगल बयानबाजी कर रहे थे। ख्वाजा आसिफ ने भारत के सैन्य हमले का दावा किया था। आसिफ ने सोमवार को कहा था कि भारत की तरफ से हमला तय है और यह करीब है। ख्वाजा आसिफ ने कहा था, भारत के हमले के खतरे को देखते हुए हमने अपने सुरक्षाबलों को मजबूत करना शुरू कर दिया है, क्योंकि भारत की तरफ से हमला निश्चित है। इन हालात में कुछ कूटनीतिक फैसले लेने होंगे और यह फैसले लिए जा रहे हैं।

कई यू-ट्यूब चैनल्स पर भी कसा शिकंजा

बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारत लगातार पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। इससे पहले केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के कई यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये चैनल जम्मू-कश्मीर में दुखद पहलगाम आतंकी पर भारत, सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ, संवेदनशील सामग्री, गलत और भ्रामक कथन प्रसारित कर रहे थे।

इन पाक यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई

भारत ने पाकिस्तान के डॉन न्यूज (19.6 लाख सब्सक्राइबर), इरशाद भट्टी (8.27 लाख सब्सक्राइबर), समा टीवी (1.27 करोड़ सब्सक्राइबर), एआरवाई न्यूज (1.46 करोड़ सब्सक्राइबर), बोल न्यूज (78.5 लाख सब्सक्राइबर), रफ्तार (8.04 लाख सब्सक्राइबर), द पाकिस्तान रेफरेंस (2.88 लाख सब्सक्राइबर), जियो न्यूज (1.81 करोड़ सब्सक्राइबर), समा स्पोर्ट्स (73.5 हजार सब्सक्राइबर), जीएनएन (35.4 लाख सब्सक्राइबर), उजैर क्रिकेट (2.88 लाख सब्सक्राइबर), उमर चीमा एक्सक्लूसिव (1.25 लाख सब्सक्राइबर), अस्मा शिराजी (1.33 लाख सब्सक्राइबर), मुनीब फारूक (1.65 लाख सब्सक्राइबर), सुनो न्यूज एचडी (13.6 लाख सब्सक्राइबर) और राजी नामा (2.70 लाख सब्सक्राइबर) पर प्रतिबंध लगाया है।

कश्मीर घाटी में 48 टूरिस्ट साइट बंद, पहलगाम हमले के बाद बड़ा फैसला


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अपनी खूबसूरत घाटियों और पहाड़ों के लिए प्रसिद्ध जम्मू-कश्मीर एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों के सख्त पहरे में है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी Arms के बाद पूरे प्रदेश में सुरक्षा बलों का आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन लगातार जारी है। सेना और पुलिस के जवान लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं और आतंकियों को चुन-चुन कर मारकर उनके ठिकानों को तबाह भी कर रहे हैं। इस अभियान के बीच जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़ा फैसला किया है। 

87 सार्वजनिक पार्कों और उद्यानों में से 48 बंद

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एहतियात के तौर पर कश्मीर घाटी के संवेदनशील इलाकों में मौजूद सार्वजनिक पार्क और उद्यान बंद कर दिए गए हैं। पर्यटकों के लिए खतरे की आशंका के मद्देनजर कश्मीर के 87 सार्वजनिक पार्कों और उद्यानों में से 48 के गेट बंद कर दिए गए हैं। बंद किए गए पर्यटक स्थल कश्मीर के दूरदराज के इलाकों में हैं और इनमें पिछले 10 वर्षों में खोले गए कुछ नए स्थल भी शामिल हैं।

घाटी में फिर सख्त पहरा

पर्यटकों के लिए मशहूर कई स्थल, जैसे बडगाम का दूधपथरी और अनंतनाग का वेरीनाग, पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिए गए हैं। पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित स्थानों में दूषपथरी, कोकरनाग, डुक्सुम, सिंथन टॉप, अच्छाबल, बंगस घाटी, मार्गन टॉप और तोसामैदान शामिल हैं। 

हालांकि अधिकारियों ने इस संबंध में कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन इन स्थानों पर प्रवेश रोक दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है और हालात सामान्य होने पर ही पर्यटन गतिविधियों को दोबारा शुरू किया जाएगा।

पहलगाम में 26 लोगों की हंत्या के बाद फैसला

पहलगाम के बैसरन मैदान में आतंकवादियों की ओर से 26 लोगों की हत्या बाद ये फैसला लिया गया है। मरने वाले लोगों में ज्यादातर पर्यटक शामिल थे। 22 अप्रैल को इन सभी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मरने वाले 26 लोगों में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल हैं। द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने शुरू में हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में वो अपने बयान से मुकर गया। इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया है। इस हमले के बाद से क्षेत्र में सुरक्षा प्रोटोकॉल बढ़ा दिए गए हैं।

कनाडा में खालिस्तानी समर्थक जगमीत सिंह की करारी हार, भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने का रहा है इतिहास


#khalistanleaderjagmeetsinghscrushingdefeatincanada_elections 

कनाडा में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के प्रमुख जगमीत सिंह को आम चुनाव बड़ा झटका लगा है। जनता ने खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह को उखाड़ फेंकने का काम किया है। चुनाव में उनकी न्यू डेमोक्रेट्स पार्टी की करारी हार हुई है। जगमीत सिंह अपनी सीट भी नहीं बचा पाया और पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा भी खो दिया। इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जगमीत सिंह खालिस्तान के मुखर समर्थक रहे हैं और उन्होंने कनाडा में खालिस्तान कार्यकर्ताओं की ओर से अक्सर आवाज उठाई है।

एनडीपी ने खो दिया राष्ट्रीय दर्जा

कनाडा में हुए चुनाव में एनडीपी का बुरा प्रदर्शन दिखा। यहां एनडीपी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी छिन गया। नेशनल स्टेटस के लिए 12 सीटों की जरूरत थी, मगर एनडीपी 12 सीटें भी नहीं जीत पाई। एनडीपी को केवल 7 सीटों पर जीत मिली है। यहां तक की जगमीत सिंह भी अपनी सीट बचाने में नाकामयाब रहा।

जगमीत सिंह के बारे में

जगमीत सिंह हाउस ऑफ कॉमन्स में 2019 से बर्नबी सेंट्रल सीट से प्रतिनिधित्व कर रहे थे। वे इस सीट पर पहले से तीसरे स्थान पर आ गए। राजनीति में आने से पहले जगमीत वकालत करते थे। इसी दौरान वे खालिस्तान मूवमेंट को लेकर सक्रिय रहे। जगमीत पर खालिस्तान समर्थकों को कानूनी सहायता मुहैया कराने का आरोप है। भारत ने जगमीत को बैन कर रखा है। जगमीत कनाडा में अपने सिख राजनीति को चमकाने के लिए खालिस्तान मूवमेंट का सहारा लिया।

जगमीत सिंह ही वो नेता हैं, जिनकी वजह से पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के साथ संबंध खराब कर लिए थे। ट्रूडो द्वारा सितंबर 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप के बाद से नई दिल्ली और ओटावा के बीच तनाव बढ़ गया था। निज्जर को कनाडा में एक सिख मंदिर के बाहर गोली मार दी गई थी।

जस्टिन ट्रूडो भी हारे

जगमीत सिंह ही नहीं पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो को भी करारी हार मिली है। साथ ही लिबरल पार्टी सत्ता में आने का मौका मिला है। पिछले चुनाव में एनडीपी को 24 सीटें मिली थीं। इसके समर्थन से ही जस्टिन ट्रूडो ने काफी समय तक अपनी सरकार चलाई। अपनी सरकार चलाने के लिए ट्रूडो जगमीत का समर्थन लेते रहे थे।

ट्रूडो की पार्टी की सत्ता में वापसी

जस्टिन ट्रूडो की हार के बाद भी उनकी लिबरल पार्टी फिर से सत्ता में वापस आ रही है। लिबरल पार्टी 166 सीटों पर जीतती नजर आ रही है। कनाडा में सरकार बनाने के लिए 172 सांसदों की जरूरत होती है। लिबरल को पिछली बार से 9 सीटें ज्यादा मिलती दिख रही है।

हालांकि, इस बार ट्रूडो की जगह मार्क कार्नी कनाडा के प्रधानमंत्री बनेंगे। दरअसल, लिबरल पार्टी के इंटरनल सिस्टम में ट्रूडो की जगह कार्नी को प्रधानमंत्री घोषित किया है।

पहलगाम हमले में आतंकियों से मिला था जिपलाइन ऑपरेटर? फायरिंग के वक्त बोल रहा था “अल्लाह हू अकबर”

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22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई स्थानीय कश्मीरियों के भी शामिल होने की बात सामने आ चुकी है। इस बीच पहलगाम इलाके में शूट किया गया एक वीडियो सामने आया है। इनके सामने आने के बाद जो सच्चाई सामने आई है, वह हिला देने वाली है। पर्यटक ऋषि भट्ट ने वीडियो जारी किया है। जिसमें जिपलाइन ऑपरेटर आतंकियों की फायरिंग पर अल्लाह हू अकबर का नारा लगाता दिख रहा था। फिलहाल एनआईए ने उस जिपलाइन ऑपरेटर को हिरासत में ले लिया है।

अहमदाबाद के रहने वाले ऋषि भट्ट ने ये वीडियो 22 अप्रैल को पहलगाम इलाके में शूट किया था। जिस समय बैसरन घाटी पर पर्यटकों पर गोलियां बरसाई गईं। अहमदाबाद के रहने वाले ऋषि भट्ट के वीडियो में दिख रहा है कि वह ज़िपलाइनिंग कर रहे हैं और नीचे गोलियां बरस रही हैं। 

क्या जिपलाइन ऑपरेटर को हमले की खबर थी

जिपलाइन के दौरान ऋषि भट्ट अपनी वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे। उस समय जिपलाइन ऑपरेटर जोर-जोर से “अल्लाह हू अकबर” के नारे लगाने लगा। ऋषि ने बताया कि जिपलाइन में उनकी पत्नी पहले गईं। उसके बाद उनका बेटा और तीसरी बार वह गए। उन्होंने बताया कि जब घर आने के बाद उन्होंने वीडियो देखे तो हैरान हो गए। उन्होंने ध्यान दिया कि पहलगाम में जिपलाइन ऑपरेटर ने उन्हें छोड़ने के बाद तीन बार सिर हिलाकर अल्लाह-हू-अकबर बोला।

जिपलाइन ऑपरेटर को अल्लाह हू अकबर बोलने के बाद ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगती है। ऋषि को जब एहसास होता है कि आतंकी हमला हुआ है तो वह घबरा गए। उन्होंने तुरंत बीच में ही जिपलाइन रोक दिया और हुक खोलकर लगभग 20 फीट की ऊंचाई से कूद गए। नीचे आकर अपनी पत्नी और बच्चे के साथ वहां से जान बचाकर भागे।

जिपलाइन ऑपरेटर समेत छह लोगों हिरासत में

पर्यटक ऋषि भट्ट के दावे और वीडियो के आधार पर एनआईए और जम्मू कश्मीर पुलिस जिपलाइन ऑपरेटर से पूछताछ करेगी। हमले की जांच कर रही एनआइए ने सोमवार को जिपलाइन ऑपरेटर समेत छह लोगों को कथित तौर पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

संदिग्धों से पूछताछ जारी

इस नरसंहार की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियों ने 188 विभिन्न सेवा प्रदात्ताओं व होटल ऑपरेटर को कथित तौर पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इस बीच, श्रीनगर में पुलिस ने 36 पूर्व और सक्रिय आतंकियों व उनके ओवरग्राउंड वर्करों (मददगारों) के ठिकानों की तलाशी ली है। इनमें एक महिला भी है। हमले की जांच कर रही एनआइए ने इस मामले में चिह्नित किए गए सभी संदिग्धों और नरसंहार के समय मौके पर मौजूद रहे सभी लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है।

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का दावा- भारत 2-4 दिन में कर सकता है हमला, हम पूरी तरह हाई अलर्ट पर


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पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंक‍ियों को मिट्टी में मिलाने की चेतावनी दी है। पीएम मोदी की इस चेतावनी और भारत की तरफ की पाकिस्तान पर लिए गए एक्शन से पड़ोसी देश खौफ में है। इस खौफ के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया है कि भारत कभी भी हमला कर सकता है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए आसिफ ने कहा, हमने अपनी सेना को मजबूत कर लिया है, क्योंकि अब हमला कभी भी हो सकता है। 

तय है कि भारत सैन्य हमला करेगा- आसिफ

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, आसिफ ने सोमवार को कहा है कि भारत की तरफ से हमला तय है और यह करीब है। भारत के हमले के खतरे को देखते हुए ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तान की तैयारियों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, हमने अपने सुरक्षाबलों को मजबूत करना शुरू कर दिया है, क्योंकि भारत की तरफ से हमला निश्चित है। इन हालात में कुछ कूटनीतिक फैसले लेने होंगे और यह फैसले लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने भारत की तरफ से किसी भी तरह के आक्रमण की संभावना को लेकर सरकार को जानकारी दी है।

हम परमाणु बम से देंगे जवाब- आसिफ

आसिफ ने कहा, पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है। हम अपने एटामिक बम का इस्तेमाल तभी करेंगे, जब हमारे अस्‍त‍ित्‍व के ल‍िए खतरा पैदा होगा। आसिफ ने यह भी कहा कि अगले दो से चार दिनों में युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि, बाद में जियो न्यूज के साथ इंटरव्‍यू में पाक‍िस्‍तान के रक्षा मंत्री अपने बयान से पलट गए। उन्‍होंने कहा, मुझसे युद्ध की संभावना के बारे में पूछा गया था। मैंने कहा कि अगले तीन से चार दिन महत्वपूर्ण हैं, लेकिन मैंने यह नहीं कहा कि तीन दिनों के भीतर युद्ध छिड़ जाएगा।

हमले के डर ने पाक नेताओं को घेरा

पहलगाम हमले को लेकर भारत की तरफ से पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता खत्म करने के बाद पाकिस्तानी मंत्री और अधिकारी लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। दरअसल, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से की गई कार्रवाई से पाकिस्तान बौखला गया है। हमले के डर ने पाक नेताओं को घेर लिया है। वह जिस भी इंटरव्यू या कार्यक्रम में जा रहे हैं, वहां युद्ध को लेकर सवाल किया जा रहा है। इसी खौफ में सेना प्रमुख आसिफ मुनीर ने और बिलावल भुट्टो समेत कई नेताओं और अधिकारियों ने अपने परिवार को देश के बाहर भेज दिया है।

भारत ने यूएन में पाकिस्तान को बताया “दुष्ट देश”, ख्वाजा आसिफ के कबूलनामे पर कहा- दुनिया इस खतरे से आंखें नहीं मूंद सकती


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पहलगाम आतंकी हमले के बाद दुनियाभर में पाकिस्तान की थू-थू हो रही है। इस बीच भारत ने एक बार फिर वैश्विक मंच से पाकिस्तान को लताड़ा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो किसी अंतरराष्ट्रीय नियम का पालन नहीं करता और वह पड़ोसी देशों के लिए खतरा बन गया है। योजना पटेल ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस हालिया इंटरव्यू का यूएन में जिक्र किया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने की बात स्वीकारी है। पटेल ने कहा कि अगर मंत्री खुद कबूल रहे हैं तो फिर ये बताने की जरूरत नहीं है कि वहां क्या हो रहा है। 

‘यह कबूलनामा चौंकाने वाला नहीं’

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक साक्षात्कार में स्वीकार किया था कि उनके मुल्क ने वर्षों से आतंकवाद का समर्थन किया। भारत ने इसे लेकर ही वैश्विक मंच पर उसका नापाक चेहरा उजागर किया। संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने कहा कि यह कबूलनामा चौंकाने वाला नहीं था। इसने पाकिस्तान को एक दुष्ट देश के रूप में उजागर किया है। एक ऐसा मुल्क, जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

'आतंकवाद को प्रशिक्षण देने और वित्तपोषित करने का इतिहास'

संयुक्त राष्ट्र में ‘विक्टिम्स ऑफ टेररिज्म एसोसिएशन नेटवर्क’ के लॉन्च के दौरान भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने कहा, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कबूल किया है कि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रशिक्षण देने और उसे वित्तपोषित करने का इतिहास रखता है। इससे पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश के रूप में उजागर हुआ है। दुनिया अब इस खतरे से और आंखें नहीं मूंद सकती है।

आईएसआई पर हमलों की योजना बनाने का आरोप

योजना पटेल ने 2008 के मुंबई हमले और 2019 के पुलवामा हमले जैसे उदाहरणों का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर हमलों की योजना बनाने का आरोप लगाया। साथ ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सबूत पेश किए। इसमें हमलावरों के पाकिस्तानी मूल और उनके प्रशिक्षण से संबंधित दस्तावेज शामिल थे।

आतंकवाद के पीड़ितों के संगठन 

भारत की ये की टिप्पणी आतंकवाद के पीड़ितों के संगठन नेटवर्क (VOTAN) के शुभारंभ पर आई, जिसका मकसद आतंकवाद के पीड़ितों और बचे लोगों को एक सुरक्षित स्थान प्रदान करना है। इसका उद्देश्य अधिवक्ताओं और शांति निर्माताओं के रूप में आवाज उठाना भी है। यह लॉन्च जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में एक पर्यटक स्थल पर छुट्टियां मना रहे 26 नागरिकों की आतंकियों द्वारा निर्मम हत्या के कुछ दिनों बाद हुआ।

सोशल मीडिया और ओटीटी पर बैन होंगे अश्लील कंटेंट! सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

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सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अश्लील कंटेंट की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार और 9 ओटीटी-सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट के नियमन की मांग वाली जनहित याचिका पर नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, ऑल्ट बालाजी, उल्लू, एएलटीटी, एक्स, मेटा इंक, गूगल, मुबी, एप्पल और बाकियों से जवाब मांगा है।

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि याचिका एक गंभीर चिंता पैदा करती है। केंद्र को इस पर कुछ कदम उठाने की जरूरत है। यह मामला कार्यपालिका या विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है। ऐसे भी हम पर आरोप हैं कि हम कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में दखल देते हैं। फिर भी हम नोटिस जारी कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इन प्लेटफॉर्म पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की भी सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी है कि वो कोर्ट में उपस्थित रहे जब बेंच इन पर दिखाए जाने वाले अश्लील कंटेंट को लेकर सुनवाई चल रही हो। पीठ ने यह भी कहा कि याचिका में उठाया गया मुद्दा एक नीतिगत मामला है, यह केंद्र सरकार के नीतिगत क्षेत्र में है।

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट को लेकर कुछ रेगुलेशन पहले से मौजूद हैं। सरकार और नए नियम लागू करने पर विचार कर रही है। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट विष्णु शंकर जैन पेश हुए।

याचिकाकर्ता उदय माहूरकर, संजीव नेवार, सुदेशना भट्टाचार्य मुखर्जी, शताब्दी पांडे और स्वाति गोयल ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। नेटफ्लिक्स, अमेजन, ऑल्ट बालाजी और बाकियों के खिलाफ दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि ओवर द टॉप (ओटीटी) स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के जरिए अश्लील कंटेंट के वितरण पर हमला किया गया है।

कोर्ट में दायर जनहित याचिका में इस तरह के अश्लील कंटेंट को बैन करने की मांग की गई है, जिसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार से इसे लेकर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में यह भी मांग की गई थी कि नेशनल कंटेंट कंट्रोल ऑथिरिटी (एनसीसी) इन प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम किए जाने वाले कंटेंट की निगरानी करे और इनको रेगुलेट करने का काम करे ताकि ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अश्लीलता न फैलाई जा सके।

पहलगाम हमले पर बयानबाजी कर रहे नेताओं से राहुल नाराज, दी नसीहत

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पहलगाम हमले को लेकर देश में इन दिनों बवाल-सा मचा हुआ है। हर तरफ 26 पर्यटकों की मौत से लोग गमगीन और पाकिस्तान से नाराज दिख रहे हैं। इस बीच एक के बाद एक कई कांग्रेस नेता इस महेल पर बयान दे चुके ही। पाकिस्तान आतंकवादी हमले पर बयानबाजी को लेकर परेशान कांग्रेस ने अपने नेताओं को निर्देश दिया है कि वे पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी ना करें। अभी हाल ही में कांग्रेस नेताओं की ओर से पहलगाम पर ऐसे बयान सामने आए जिस पर विवाद हुआ और बीजेपी की ओर से निशाना बनाया गया। हालिया बयान महाराष्ट्र से कांग्रेस विधायक ओर से आया है। वहीं, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया से लकर रॉबर्ट वाड्रा और दूसरे नेताओं के भी ऐसे बयान सामने आए जिस पर बीजेपी हमलावर है।

पार्टी के जो नेता पहलगाम पर बयान दे रहे, वो पार्टी की राय नहीं

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 22 अप्रैल को पहलगाम में क्रूर आतंकी हमला हुआ। इसी दिन कांग्रेस ने कहा कि सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करें। 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें प्रधानमंत्री नहीं थे, लेकिन रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, गृह मंत्री थे। इसी दिन (24 अप्रैल) कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने एक प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में इस क्रूर हमले को लेकर पार्टी के विचारों को शामिल किया गया।

इसके बाद सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी गए। बैठक में हमने सरकार को अपने सवालों से अवगत कराया। हमने कहा कि इस संवेदनशील समय में हमें एक होना है। हमें एकजुटता की जरूरत है, एक सामूहिक संकल्प की जरूरत है।

ये बात सही है कि यहां-वहां कुछ कांग्रेस नेता बयान दे रहे हैं। ये उनकी निजी राय है। ये कांग्रेस पार्टी की राय नहीं है। मैं बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि किसी ने इन नेताओं को ऐसा बोलने का अधिकार नहीं दिया। ऐसे संवेदनशील समय में हमारा प्रस्ताव, सर्वदलीय बैठक में खड़गे जी और राहुल जी ने जो बोला, और एआईसीसी के अधिकारी जो बोलेंगे, वह मान्य होगा। यहां-वहां लोग बोलते रहते हैं, उन्हें बोलना नहीं चाहिए। संवेदनशील समय में नेताओं को बोलने की जरूरत नहीं है।

कांग्रेस नेता ने उठाए कई सवाल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए अटैक को लेकर इस समय सियासत छिड़ गई है। इस अटैक के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं और इसको सरकार की विफलता करार दिया है। ताजा बयान कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार का है। उन्होंने सरकार से इस हमले की जिम्मेदारी लेने और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा सरकार को पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। कांग्रेस विधाक यहीं नहीं रूके, उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों ने हिंदू पूछ कर मारा, आतंकी को पूछने का समय होता है क्या, यह बहुत सारी विवादित बातें हैं, कोई बोलता है ऐसा हुआ ही नहीं, कोई बोलता है ऐसा हुआ। आतंकवादी की कोई जात या धर्म नहीं होता है। उनको पकड़ कर एक्शन लेना चाहिए।

रॉबर्ट वाड्रा से लेकर सिद्धारमैया तक ने उठाया सवाल

इससे पहले रॉबर्ट वाड्रा ने हमले के पीछे आतंकवादियों की सोच पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वे संभवतः भारत में मुसलमानों के साथ कथित अन्याय का बदला लेने के लिए गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाया। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने घटना को ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए इसके लिए भारत के विभाजन को जिम्मेदार ठहराया। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के हवाले से यह बात सामने आई कि इस हमले की प्रतिक्रिया में पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसा कदम उठाने की आवश्यकता नहीं है।

भारत और फ्रांस के बीच डील साइन, पाकिस्तान से तनातनी के बीच 26 राफेल-M लड़ाकू विमान के लिए समझौता

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भारत-पाकिस्तान तनाव अपने चरम पर है। ऐसे माहौल में भारत ने अपनी समुद्री ताकत मजबूत करने के लिए फ्रांस के साथ 63 हजार करोड़ रुपए की डील की है। भारत और फ्रांस ने सोमवार को दिल्ली में 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों के लिए 63 हजार करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किए।भारत की तरफ से रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने डील पर साइन किए। डील के तहत भारत, फ्रांस से 22 सिंगल सीटर विमान और 4 डबल सीटर विमान खरीदेगा। ये विमान परमाणु बम दागने की क्षमता से लैस होंगे।

हस्ताक्षर समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रहे मौजूद

रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्रांस के साथ ये डील करीब 63,000 करोड़ रुपए में हो रही है। हथियारों की खरीद के मामले में यह फ्रांस के साथ भारत की अब तक की सबसे बड़ी डील है। डिजिटल माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में समझौते पर मुहर लगाई गई। बताया गया कि हस्ताक्षर समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। इससे पहले फ्रांस के रक्षा मंत्री खुद हस्ताक्षर समारोह में शामिल होने वाले थे, लेकिन उन्हें व्यक्तिगत कारणों से अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी

पीएम मोदी अध्यक्षता वाली सीसीएस की मीटिंग से मिली थी मंजूरी

विमानों की खरीद को 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक में मंजूरी मिली थी। यह मीटिंग पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद बुलाई गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक इन विमानों की डिलीवरी 2028-29 में शुरू होगी और 2031-32 तक सभी विमान भारत पहुंच जाएंगे।

राफेल जेट विमानों की कुल संख्या बढ़कर हो जाएगी 62

भारतीय वायु सेना पहले से ही 2016 में खरीदे गए 36 राफेल विमानों का बेड़ा संचालित कर रही है। ये विमान अंबाला और हासीमारा में स्थित हैं। इस नए सौदे से भारत में राफेल जेट विमानों की कुल संख्या बढ़कर 62 हो जाएगी, जिससे देश के 4.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बेड़े में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। सूत्रों ने बताया कि भारतीय विमानवाहक पोतों, विशेष रूप से आईएनएस विक्रांत पर तैनाती के लिए 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की तत्काल आवश्यकता है।

भारत ने राफेल की ही क्यों चुना

रिपोर्ट के मुताबिक नौसेना ने दो एयरक्राफ्ट को शॉर्टलिस्ट किया था। एक F-18 सुपर हॉरनेट और दूसरा फ्रांस का राफेल मरीन। दुनिया के सबसे बेहतर नेवल फाइटर F-18 के इस रेस में हारने की सबसे बड़ी वजह इसका 4 दशक पुराना होना था। पिछले 40 साल से ज़्यादा वक्त से अमेरिकी नौसेना अपने एयरक्राफ्ट कैरियर से F-18 सुपर हॉर्नेट के अलग-अलग वर्जन को उड़ा रही है। राफेल बिल्कुल नया एयरक्राफ्ट है। कैटोबार से टेकऑफ करने में माहिर इस F-18 को स्की जंप से टेकऑफ का कोई अनुभव नहीं था।

इस डील में बने रहने के लिए एयरक्राफ्ट में कुछ बदलाव कर स्की जंप में माहिर किया गया था। आकार में यह बड़ा जरूर है लेकिन इसके विंग फोल्ड होने के चलते आसानी से लिफ्ट के जरिए हैंगर से फ्लाइंग डेक तक पहुंच सकते हैं। हालांकि कीमत में F-18 राफेल से सस्ता है, बावजूद इसके भारत ने नई तकनीक के घातक एयरक्राफ्ट को चुना।

मिग-29के लड़ाकू विमानों के बेड़े को हटाने की तैयारी

राफेल एम जेट आईएनएस विक्रांत से संचालित होंगे और मौजूदा मिग-29के बेड़े का सहयोग करेंगे। बता दें कि खराब प्रदर्शन और रखरखाव संबंधी मुद्दों के कारण मिग-29के लड़ाकू विमानों के मौजूदा बेड़े को हटाने की तैयारी की जा रही है। विमान बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन ने इन विमानों में भारत की जरूरत के हिसाब से कई बदलाव किए हैं। इसमें एंटी शिप स्ट्राइक, न्यूक्लियर हथियार लॉन्च करने की क्षमता और 10 घंटे तक फ्लाइट रिकॉर्ड करने जैसे फीचर शामिल हैं। इसके अलावा कंपनी भारत को हथियार प्रणाली, स्पेयर पार्ट्स और एयरक्राफ्ट के जरूरी टूल्स भी देगी।

आतंकियों की हिमायती बनें कांग्रेस के ये नेता! बोले- उनके पास इतना समय नहीं कि वह धर्म पूछकर मारेंगे

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पहलगाम अटैक के बाद कांग्रेस नेताओं की तरफ से कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पहले ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कह चुके हैं कि पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं होना चाहिए। अब कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का आतंकी की हिमायती बनते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सवाल पूछा है कि इस बात का क्या प्रमाण है कि धर्म पूछ कर मारा गया है।

पहलगाम हमले की जिम्मेदारी सरकार की- वडेट्टीवार

महाराष्ट्र में कांग्रेस के विधायक विजय वडेट्टीवार ने पहलगाम अटैक को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो आतंकी घटना हुई इसकी जिम्मेदारी तो सरकार को लेनी चाहिए। 26 पर्यटकों की जान गई। वहां पर सुरक्षा की व्यवस्था क्यों नहीं थी? आतंकी घुस कर पर्यटकों को मार देते हैं। इसे लेकर खुफिया विभाग क्या कर रहा था। यह सब सरकार की विफलता है। इन सब चीजों पर सरकार बात नहीं करती है।

आतंकी को पूछने का समय होता है क्या- वडेट्टीवार

कांग्रेस विधायक ने आगे कहा, वो कहते हैं कि आतंकवादियों ने हिंदू पूछ कर मारा, आतंकी को पूछने का समय होता है क्या? वह मारने वाले के कान में जाकर पूछे कि तुम हिंदू हो या फिर मुसलमान? यह बहुत सारी विवादित बातें हैं, कोई बोलता है ऐसा हुआ ही नहीं, कोई बोलता है ऐसा हुआ। आतंकवादी की कोई जात या धर्म नहीं होता है। उनको पकड़ कर एक्शन लेना चाहिए।

कांग्रेस लगातार उठा रही सरकार पर सवाल

वडेट्टीवार से पहले भी कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने पहलगाम हमले के बाद सवाल उठाए हैं। इससे पहले कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि आतंकियों ने गोली मारने से पहले लक्ष्य का धर्म पूछा होगा। उन्होंने कहा था, जो व्यक्ति गोली चला रहा है, क्या वह जाति या धर्म पूछेगा? वह बस गोली चलाकर चला जाएगा। व्यावहारिक रूप से सोचें। वह वहां खड़ा होकर नहीं पूछेगा और फिर गोली नहीं चलाएगा।

सिद्धारमैया ने क्या कहा था?

वहीं, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया कश्मीर घाटी में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा मजबूत करने की वकालत की थी। सिद्धारमैया ने कहा था कि इस घटना में सुरक्षा चूक हुई है। हम युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को कड़ा करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। केंद्र सरकार को कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बढ़ानी चाहिए।

पीड़ितों ने किया ये दावा

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना में 26 लोगों को आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था। उनके परिजनों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया था कि वह मंजर कैसा था, जब आतंकवादियों की ओर से गोलियां बरसाई जा रही थीं। इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों ने मीडिया के सामने दावा किया है कि आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर इस नरसंहार को अंजाम दिया। आतंकियों ने मारने से पहले धर्म पूछा। शक होने पर कलमा पढ़ने को कहा। जब आतंकियों ने यह सुनिश्चित किया कि पर्यटक हिंदू हैं तो गोली चलाकर मार डाला। साथ ही आतंकियों ने यह भी कहा कि यह संदेश देश के पीएम मोदी को दे देना।