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वन विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला, कई जिलों के बदले गए DFO, देखें लिस्ट…

रायपुर- राज्य सरकार इन दिनों पूरी व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में जुटी है. इस कड़ी में IAS-IPS के बाद अब वन विभाग में बड़े पैमाने पर अधिकारियों का तबादला किया गया है. कई जिलों के डीएफओ को इधर से उधर किया गया है.

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बड़े नक्सल ऑपरेशन के बीच पुलिस को बड़ी सफलता : 24 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

बीजापुर- छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लगभग अंतिम चरण पर है. पिछले सात दिनों से बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन जारी है. इसी बीच पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. सरकार की “नियद नेल्लानार” योजना और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 24 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. इन नक्सलियों में से 14 पर कुल 28.50 लाख रुपये का इनाम घोषित था. आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली फायरिंग, आईडी ब्लास्ट, आगजनी जैसी हिंसक घटनाओं में शामिल रहे हैं.

आत्मसमर्पण करने वाले 24 माओवादियों को पुलिस अधिकारियों ने 50-50 हजार रुपये की नगद राशि प्रदान की. यह आत्मसमर्पण पुलिस के समक्ष सीआरपीएफ डीआईजी देवेन्द्र सिंह नेगी, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूलेण्डन यार्क, डीएसपी शरद जायसवाल और उप पुलिस अधीक्षक विनीत साहू की मौजूदगी में हुआ.

बता दें कि वर्ष 2025 में अब तक कुल 203 माओवादी पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुके हैं. इसके अलावा 213 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया और 90 माओवादियों को अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षाबल के जवानों ने मार गिराया है.

नक्सल उन्मूलन केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के भविष्य को सुरक्षित करने का मिशन - मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय स्थित अपने कार्यालय में छत्तीसगढ में नक्सल उन्मूलन अभियान की समीक्षा की। बैठक में गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव गृह मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अरुण देव गौतम, विशेष डीजी नक्सल ऑपरेशंस, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक का मुख्य फोकस प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति और नक्सल उन्मूलन अभियानों की प्रगति रहा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में प्रदेश को नक्सलमुक्त बनाने के संकल्प के साथ दृढ़ता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद का समूल उन्मूलन करना हमारा लक्ष्य है और इस दिशा में हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों के अधिकारियों और जवानों के अदम्य साहस, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना करते हुए कहा कि उनकी बहादुरी के कारण आज प्रदेश के कई क्षेत्र नक्सल प्रभाव से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने सुरक्षा बलों के मनोबल को और ऊंचा बनाए रखने के लिए उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि अंतिम सफलता अब बहुत निकट है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से यह निर्देश दिया कि नक्सल विरोधी अभियानों में आपसी समन्वय और सूचना संकलन तंत्र को मजबूत किया करते हुए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि नक्सल उन्मूलन केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के भविष्य को सुरक्षित करने का मिशन है, जिसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे जिलों में सुरक्षा और विकास दोनों को साथ लेकर चलना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्थानीय समुदायों का विश्वास जीतने के लिए संवाद बढ़ाया जाए और क्षेत्र में विकास कार्यों को तेज गति से पूरा किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि जनता को यह महसूस होना चाहिए कि सरकार उनके लिए समर्पित है और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है।

बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब निर्णायक मोड़ पर है। उन्होंने सभी अधिकारियों से आह्वान किया कि वे पूरी निष्ठा, सजगता और प्रतिबद्धता के साथ इस ऐतिहासिक लक्ष्य को प्राप्त करने में अपनी भूमिका निभाएँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त और विकासोन्मुख प्रदेश के रूप में पूरे देश में एक नई पहचान मिलेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी सुरक्षा बल, प्रशासनिक अमला और प्रदेशवासी एकजुट होकर इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करेंगे और 'विकसित छत्तीसगढ़' के सपने को साकार करेंगे।

पहलगाम आतंकी हमला : टी एस सिंहदेव ने कहा- कारोबारी दिनेश मिरानिया की बेटी की पढ़ाई का सारा खर्च उठाएगा राजकुमार कॉलेज प्रबंधन

रायपुर- पहलगाम आतंकी हमले ने सभी भारतवासियों को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में रायपुर के व्यापारी दिनेश मिरानिया भी मारे गए। दुःख की घड़ी में पीड़ित परिवार की मदद के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने संवेदनशील पहल की है। उन्होंने मृतक दिनेश मिरानिया की बेटी की शिक्षा 12वीं कक्षा तक मुफ्त करने के लिए राजकुमार कॉलेज प्रबंधन से सिफारिश की थी। जिसके बाद प्रबंधन ने बेटी लक्षिता मिरानिया की 12वीं कक्षा तक के लिए मुफ्त कर दिया है।

बता दें कि पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने मिरानिया परिवार से मुलाकात के बाद यह सिफारिश की थी, ताकि शहीद के परिवार को दुःख की घड़ी में सहारा मिल सके। व्यापारी दिनेश मिरानिया की बेटी लक्षिता मिरानिया राजकुमार कॉलेज की 9वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही प्रबंधन उठाएगा बेटी लक्षिता की पढ़ाई का सारा खर्च : पूर्व उपमुख्यमंत्री सिंहदेवइसे लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव ने कहा कि लगातार बाहर रहने के कारण मैं उनसे (मिरनिया परिवार) से मिलने नहीं जा पाया था। पिछली शाम मैने परिजनों से मुलाकात की थी। जहां जानकारी में आया कि उनका बेटा पुणे में रहकर कॉलेज की पढ़ाई कर रहा है, अभी उसका पहला साल है और बेटी 9वीं कक्षा में है, जो राजकुमार कॉलेज में ही पढ़ती है। राजकुमार कॉलेज प्रबंधन ने ये फैसला लिया है कि उनके आगे की पढ़ाई का सारा खर्चा प्रबंधन करेगा। यानी कि अब 9वीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई मुफ्त में होगी।

बता दें कि समता कॉलोनी रायपुर के स्टील कारोबारी दिनेश मिरानिया (45 वर्ष) सपरिवार अपनी सालगिराह मनाने जम्मू-कश्मीर गए थे। वे 22 अप्रैल को मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले बैसरन घाटी में घूम रहे थे। उनके साथ पत्नी नेहा, बेटा शौर्य और बेटी लक्षिता मौजूद थे। इस दौरान अचानक आतंकियों ने कायराना हमला कर दिया। आतंकियों ने धर्म और नाम पूछकर दिनेश मिरानिया की गोली मारकर हत्या कर दी

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सीवरेज गड्ढे में गिरकर बच्चे की मौत : परिजनों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर सौंपा ज्ञापन, जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई की मांग

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रामनगर में पिछले दिनों सीवरेज गड्ढे में गिरकर एक मासूम की मौत हो गई थी। परिजनों में शोक का माहौल है और प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी भी दिखाई दे रही है। घटना के बाद लगभग दो सप्ताह के बाद मासूम के परिजन सोमवार को रायपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अब तक इस मामले में प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है। हालांकि, नगर निगम ने इससे पहले तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निलंबन और विभागीय जांच के आदेश जारी किए हैं।

7 वर्षीय मासूम के परिजन आज कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे, यहां उन्होंने लगभग दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी प्रभावी कार्रवाई नहीं होने पर आक्रोश जताया। परिजनों ने जिम्मेदार ठेकेदार और अधिकारियों पर अब तक FIR नहीं होने का विरोध किया। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर न्याय दिलाने के लिए कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन गया। जिसमें बताया गया कि 14/04/2025 को नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही के चलते सेप्टिक टैंक के बाजू में खोदे गये कच्चा सोख्ता गड्ढे (Soak Pit) के पानी में मेरे 7 वर्ष के पुत्र की गिरकर मौत हो गई थी, जिसमें पुलिस ने मर्ग कायम किया है लेकिन पुलिस द्वारा इन अधिकारियों के खिलाफ आज दिनांक तक कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है।

अधिकारियों को सस्पेंड, ठेकेदार को नोटिस : निगम आयुक्त विश्वदीप  

मामले के संबंध में निगम आयुक्त विश्वदीप ने जानकारी देते हुए बताया कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा ठेकेदार को नोटिस भेजा गया है। वहीं जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे ही कार्रवाई की जाएगी। 

गौरतलब है कि रायपुर के रामनगर स्थित गुलमोहर पार्क कॉलोनी में पिछले दिनों सीवरेज गड्ढे में गिरकर बच्चे की मौत हुई थी। इस मामले में प्रधानमंत्री आवास मुख्यालय की उप अभियंता अंकिता अग्रवाल को सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं अलावा आयुक्त ने प्रधानमंत्री आवास योजना शाखा के प्रभारी अधीक्षण अभियंता राजेश राठौर और सहायक अभियंता योगेश यदु के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए। उप अभियंता अंकिता अग्रवाल की लापरवाही यह थी कि उन्हें गड्ढे की जानकारी ही नहीं थी और सुरक्षा संबंधी बैरिकेडिंग नहीं की गई थी। साथ ही सुरक्षा को लेकर पत्राचार नहीं किया गया था। जो उच्चाधिकारी के आदेशों का उल्लंघन माना गया।

पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ फूटा व्यापारियों का आक्रोश: रविभवन में सांकेतिक बंद का किया गया आह्वान

रायपुर- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में रायपुर के कारोबारी दिनेश मिरानिया सहित 28 निर्दोष सैलानियों की जान चली गई। इस हमले के विरोध में सोमवार को रविभवन व्यापारी संघ ने सभी दुकानों को सांकेतिक रूप से सुबह से दोपहर 1 बजे तक बंद रखा और आतंकवाद के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया।

रविभवन क्षेत्र की सभी दुकानें बंद रहीं। बड़ी संख्या में व्यापारी एकत्र हुए और दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। व्यापारी संघ के अध्यक्ष जय नानवानी ने बताया कि दिनेश मिरानिया परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे। उनके निधन से पूरा व्यापारी समाज शोकाकुल है। सभी व्यापारियों ने सरकार से मांग की है कि दिनेश मिरानिया के परिवार को 2 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी जाए ताकि उनके परिवार का भरण-पोषण सुचारु रूप से हो सके।

आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की मांग

जय नानवानी ने कहा कि यह हमला सिर्फ व्यक्तियों पर नहीं, बल्कि पूरे देश पर हमला है। उन्होंने सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग करते हुए कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो हम युद्ध के लिए भी तैयार हैं। हम सरकार के हर निर्णय में उसके साथ हैं।”

सड़क या चौराहे का नाम दिनेश मिरानिया के नाम पर रखने की मांग

व्यापारी नेता योगेश अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री से चर्चा हुई है, जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया है कि रायपुर शहर में किसी एक सड़क या चौराहे का नाम दिनेश मिरानिया के नाम पर रखा जाएगा। 13वीं पूजा के बाद परिवार और समाज के लोग बैठकर इस पर चर्चा करेंगे और इसे आगे बढ़ाएंगे। साथ ही, 2 करोड़ रुपए की सहायता राशि के लिए भी जोर दिया जाएगा।

योगेश अग्रवाल ने कहा, “आज रविभवन क्षेत्र ने एकजुटता दिखाते हुए दोपहर 1 बजे तक पूरा व्यवसाय बंद रखा। हम सब ने दिनेश मिरानिया सहित सभी दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी। यह सभी के लिए दुख की घड़ी है। हम चाहते हैं कि सरकार आतंकवादियों को कड़ी से कड़ी सजा दे।”

व्यापारियों ने एकजुट होकर जताया आक्रोश

रविभवन व्यापारी संघ द्वारा आयोजित इस सांकेतिक बंद में व्यापारियों ने न केवल अपनी दुकानों को बंद रखा, बल्कि दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की। सभी व्यापारियों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि इस तरह के कायराना हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए।

पंचायतों को सशक्त बनाकर अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुँचाना सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री श्री साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पंचायतों को सशक्त बनाकर राज्य के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुँचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पंचायतें हमारी विकास यात्रा की पहली कड़ी हैं, और ग्रामीण विकास के लिए संचालित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रत्येक गरीब परिवार को पक्का आवास देने का जो संकल्प लिया गया है, उससे जुड़े सभी कार्य समय-सीमा में पूरे किए जाएं। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत "मोर दुआर-साय सरकार" अभियान के अंतर्गत चल रहे सर्वेक्षण कार्य की समीक्षा करते हुए 20 लाख से अधिक परिवारों के सर्वेक्षण पूर्ण होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

श्री साय ने पीएम जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के लिए स्वीकृत आवासों के समय पर निर्माण और सतत समीक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, पीएम आवास से संबंधित कार्यों की रियल टाइम ट्रैकिंग पर विशेष जोर देते हुए किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने मनरेगा के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिक से अधिक रोजगार सृजन और कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने पंचायती राज दिवस पर आरंभ "मोर गांव मोर पानी" महाअभियान के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने और उसमें भू-जल पुनर्भरण एवं जलग्रहण विकास के लिए GIS तकनीक के समावेश के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने 15वें वित्त आयोग, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना, महतारी सदन, जिला एवं जनपद पंचायत विकास निधि, मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना तथा स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की।

उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रतिनिधियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले सदस्यों को पंचायती राज दिवस पर सम्मानित करने की योजना पर भी चर्चा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विभाग की आगामी कार्ययोजना में प्रौद्योगिकी निगरानी प्रणाली, संसाधन प्रबंधन, योजना समन्वय, तेज निर्माण और त्वरित लक्ष्य पूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर अधिकारियों से विचार-विमर्श किया

नियद नेल्लानार योजना से ग्रामीणों को मिला नया संबल

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक ने जानकारी दी कि नियद नेल्लानार योजना के तहत ग्राम पंचायतों में मनरेगा के अंतर्गत 6,324 नए जॉब कार्ड बनाए गए हैं। बस्तर संभाग की 4 ग्राम पंचायतों के 8 गांवों में पहली बार योजना के अंतर्गत कार्य प्रारंभ हुए हैं। साथ ही 913 जॉब कार्डधारी परिवारों के 3,134 सदस्यों को पहली बार मनरेगा में रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के माध्यम से नियद नेल्लानार योजना में शामिल गांवों के युवाओं के लिए प्राथमिकता से भ्रमण कार्यक्रम आयोजित करने पर अपनी खुशी जाहिर की और इसे निरंतर जारी रखने के निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों की समीक्षा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत राज्य में बन रही और प्रस्तावित सड़कों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचलों को मुख्य सड़कों से जोड़ने में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की महत्वपूर्ण भूमिका है।

मुख्यमंत्री ने इन सड़कों के निर्माण, मरम्मत और रखरखाव कार्यों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से समयसीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने पीएम जनमन योजना के तहत स्वीकृत सड़कों के कार्यों को भी तय समय में पूर्ण करने पर बल दिया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 42 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत आती हैं।

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही 'लखपति दीदी' की पहल

पंचायत विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यों की भी समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के संकल्प के अनुरूप 'लखपति दीदी' पहल के तहत ग्रामीण परिवारों की महिलाओं को स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। मिशन के अंतर्गत प्रत्येक परिवार की एक महिला सदस्य को स्व-सहायता समूहों से जोड़कर लाभकारी आजीविका गतिविधियों से जोड़ा गया है।

कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी एवं विभिन्न नवाचारों के माध्यम से रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं। ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों को राज्य स्तरीय मेलों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर विपणन हेतु उपलब्धता प्रदान कर उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि सुनिश्चित की जा रही है।

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के कार्यों की समीक्षा

मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत संचालित गतिविधियों की समीक्षा की।उन्होंने ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन, कचरे के निपटान, और स्वच्छता के प्रति जन-जागरूकता पर चल रहे अभियानों की जानकारी ली।

उन्होंने ओडीएफ प्लस के तहत खुले में शौच से मुक्त हुए गांवों की प्रगति की समीक्षा की और इज ऑफ लिविंग एंड रिफॉर्म्स के मुद्दों पर भी अधिकारियों से विमर्श किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्वच्छता से जुड़ी नवाचार गतिविधियों की जानकारी ली और अन्य राज्यों में लागू बेस्ट प्रैक्टिसेस का अध्ययन कर छत्तीसगढ़ में भी उसे लागू करने की बात कही।

बैठक में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, सचिव पंचायत भीम सिंह, विशेष सचिव पंचायत धर्मेश साहू, आयुक्त मनरेगा तारन प्रकाश सिन्हा तथा जयश्री जैन सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शी लाने सरकार की बड़ी पहल : अब आम जनता देख सकेंगे दवा आपूर्ति, अस्पताल निर्माण की जानकारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ में CGMSC घोटाले के बाद साय सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए DPDMIS (ड्रग प्रोक्योरमेंट एंड डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम) पोर्टल को अब आम नागरिकों के लिए सार्वजनिक कर दिया है. स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी अब केवल अधिकारियों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आमजन भी दवा आपूर्ति, अस्पताल निर्माण की जानकारी ले सकेंगे. 

बता दें कि तात्कालीन कांग्रेस सरकार में अधिकारियों और कारोबारियों ने सरकार को 550 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान पहुंचाया था. IAS, IFS समेत अफसरों ने मिलीभगत कर सिर्फ 27 दिनों में करोड़ों रुपए की खरीदी की थी. इस पर लगाम लगाने अब DPDMIS (ड्रग प्रोक्योरमेंट एंड डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम) पोर्टल को आम नागरिकों के लिए सार्वजनिक कर दिया गया है. स्वास्थ्य संस्थानों जैसे मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी में दवा, चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति, वितरण, स्टॉक की स्थिति यहां तककीकि निर्माणाधीन अस्पताल भवनों की प्रगति को भी रियल-टाइम देखा जा सकता है.

अब हॉस्पिटल से दवा नहीं मिलने पर मरीज स्टॉक चेक करके सवाल उठा सकता है. दवा है तो दिया क्यों नहीं जा रहा है ? दवा नहीं है तो मंगाया क्यों नहीं गया ? दवा सप्लाई के लिए बजट छह माह पहले दिया जाता है तो दवा की कमी क्यों है ? मरीज़ या आम जनता प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों जैसे मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी में दवा और चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति, वितरण, स्टॉक की स्थिति और यहां तक कि निर्माणाधीन अस्पताल भवनों की प्रगति को भी रियल-टाइम में देख सकेंगे।


पोर्टल की प्रमुख सुविधाएं

  • दवा एवं उपकरण खरीदी: पोर्टल पर सभी निविदाएं, स्वीकृत आपूर्तिकर्ता और अनुबंध मूल्य सूची सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं.
  • वितरण प्रणाली: दवाओं की डिलीवरी, स्टॉक की वर्तमान स्थिति और लंबित मांग की जानकारी दिन-प्रतिदिन अपडेट होती है.
  • वाहन ट्रैकिंग: दवा परिवहन में लगे वाहनों की लाइव लोकेशन और उनके रूट की जानकारी भी नागरिक देख सकते हैं.
  • अधोसंरचना निगरानी: निर्माणाधीन मेडिकल संस्थानों की प्रगति, बजट और योजनागत विवरण अब जनता की नज़रों में होगी.

सुशासन की दिशा में अनुकरणीय प्रयास : CGMSC प्रबंध संचालक

CGMSC की प्रबंध संचालक पद्मिनी भोई ने इस पहल के बारे में कहा, पारदर्शिता केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आमजन यह जान सकें कि उनके स्वास्थ्य के लिए सरकार द्वारा खर्च किया जा रहा प्रत्येक संसाधन कहां और कैसे उपयोग हो रहा है. यह पोर्टल उसी दिशा में एक प्रभावी कदम है. पद्मिनी भोई ने यह भी स्पष्ट किया कि DPDMIS पोर्टल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की दक्षता में अभिवृद्धि करेगा, बल्कि कार्य में पारदर्शिता, भ्रष्टाचार नियंत्रण तथा नागरिकों के विश्वास में वृद्धि के लिए एक प्रभावशाली माध्यम सिद्ध होगा. यह पहल छत्तीसगढ़ राज्य में सुशासन की दिशा में एक अनुकरणीय प्रयास है, जो भविष्य की स्वास्थ्य सेवा योजनाओं को सशक्त आधार प्रदान करेगी.

जानिए क्या है सीजीएमएससी घोटाला

दरअसल, CGMSC घोटाले में अधिकारियों और कारोबारियों ने सरकार को 550 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान पहुंचाया. IAS, IFS समेत अफसरों ने मिलीभगत कर सिर्फ 27 दिनों में करोड़ रुपए की खरीदी की थी. CGMSC के अधिकारियों ने मोक्षित कार्पोरेशन को 27 दिन में 750 करोड़ का कारोबार दिया था. मेडिकल किट समेत अन्य मशीनों की आवश्यकता नहीं थी. इसके बावजूद सिंडिकेट की तरह काम किया गया. आम जनता को निशुल्क डायग्नोस्टिक जांच उपलब्ध कराने के लिए सभी जिला अस्पतालों, एफआरयू सीएचसी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और उप स्वास्थ्य केन्द्रों में हमर लैब योजना में खरीदे जाने वाले मेडिकल उपकरण, रीएजेंट्स की निविदा में पुल टेण्डरिंग और आवश्यक मात्रा से कहीं अधिक रीएजेंट्स की अनावश्यक खरीदी की गई थी. CGMSC के अधिकारी, मोक्षित कार्पोरेशन, रिकॉर्ड्स और मेडिकेयर सिस्टम, श्री शारदा इंडस्ट्रीज और सीबी कार्पोरेशन ने 8 रुपये में मिलने वाले EDTA ट्यूब 2,352 रुपए और 5 लाख वाली CBS मशीन 17 लाख में खरीदी थी.

दिसंबर 2024 में पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने दिल्ली में PMO, केंद्रीय गृहमंत्री कार्यालय, CBI और ED मुख्यालय जाकर CGMSC में घोटाले की शिकायत की थी. इस शिकायत के बाद केंद्र से EOW को निर्देश मिला. इसके बाद EOW की टीम ने 5 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की. EOW की जांच होने के बाद श्री शारदा इंडस्ट्रीज प्रबंधन ने अपनी फर्म को बंद कर दिया है. कंपनी की साइट पर उसका स्टेट टेंपरेरी बंद बता रहा है. EOW के अनुसार आर.के नाम का कारोबारी इस कंपनी का संचालक है. यह कंपनी ग्राम तर्रा, तहसील धरसींवा रायपुर में स्थित है. कंपनी संचालक को जांच के दायरे में लाया गया है. यह कंपनी 1 जुलाई 2017 को GST के दायरे में आई थी. कंपनी ने 5 जून 2024 को अपना अंतिम टैक्स जमा किया है.

मोक्षित कार्पोरेशन तीन साल के लिए ब्लैकलिस्टेड

मोक्षित कार्पोरेशन को आखिरकार साय सरकार ने ब्लैकलिस्टेड कर दिया है. ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) की जांच के बाद सीजीएमएससी (छत्तीसगढ़ राज्य चिकित्सा आपूर्ति निगम) ने कंपनी को अगले तीन साल के लिए अपात्र घोषित कर दिया है. अब मोक्षित कार्पोरेशन से किसी भी दवा या मेडिकल उपकरण की खरीद नहीं की जा सकेगी.

10 जून तक न्यायिक रिमांड पर 6 आरोपी

छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) घोटाला मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने लगभग 18 हजार पन्नों की चार्जशीट तैयार कर विशेष अदालत में दाखिल कर दी है. चार्जशीट में अब तक गिरफ्तार 6 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए गए हैं. सभी आरोपियों को कोर्ट ने 10 जून 2025 यानी करीब डेढ़ महीने के लिए न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है. बता दें कि जिन आरोपियों को न्यायिक रिमांड में लिया गया उनमें शशांक चोपड़ा (संचालक, मोक्षित कॉर्पोरेशन), बसंत कुमार कौशिक (तत्कालीन प्रभारी महाप्रबंधक, CGMSC), छिरोद रौतिया (बायो मेडिकल इंजीनियर), कमलकांत पाटनवार (उपप्रबंधक), डॉ. अनिल परसाई और दीपक कुमार बंधे (मेडिकल इंजीनियर) शामिल हैं..

छत्तीसगढ़ में ओलावृष्टि : बारिश के साथ जमकर गिरे ओले, सड़कों पर बिछी बर्फ की चादर…

कोरबा/कवर्धा/गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही- छत्तीसगढ़ में मौसम ने करवट ली है. आज गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, कोरबा और कवर्धा जिले में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई. जमकर ओले भी गिरे. ओलावृष्टि ने पूरी सड़क को सफेद चाद से ढक दिया है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है.

बारिश और ओलावृष्टि से गौरेला-पेण्ड्रा-

मरवाही जिले के तापमान में 10 डिग्री की गिरावट आई है. वहीं बेमौसम बरसात से किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना है. कोरबा जिले में भी तेज आंधी तूफान के बाद झमाझम बारिश हो रही. ओले भी गिर रहे. कई जगह तेज आंधी के चलते बिजली बंद हो गई है।

कवर्धा में भी ओलावृष्टि, 46 से 37 डिग्री पहुंचा तापमान

कवर्धा जिले में भी मौसम ने अचानक करवट बदल ली है. यहां तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश और ओलावृष्टि ने गर्मी से लोगों को बड़ी राहत दी है. आज हुई बारिश से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. यहां अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, वहीं अब यह गिरकर 37 डिग्री पर पहुंच गया है. वहीं बारिश और तेज हवाओं के कारण वनांचल क्षेत्र के दो दर्जनों से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है.

रविवार को दुर्ग रहा सबसे गर्म

बता दें कि मौसम विभाग ने आज छत्तीसगढ़ के 6 जिलों में बारिश की संभावना जताई थी. बलौदाबाजार, बेमेतरा, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद और रायपुर में येलो अलर्ट जारी किया था. पिछले 24 घंटों में एक-दो स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा दर्ज की गई. प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 42.4 डिग्री सेल्सियस दुर्ग में रहा. वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 21.1°C जगदलपुर में दर्ज किया गया..

DKS हॉस्पिटल निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने दिया अल्टीमेटम : 24 घंटे में नहीं बनी AC तो होगी कार्रवाई, लापरवाही बर्दाश्त नहीं

रायपुर- छत्तीसगढ़ के मौसम में उतार-चढ़ाव से अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। ऐसे में अस्पताल में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की रियल्टी चेक करने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल खुद धरातल में उतरे। स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल आज रायपुर के डीकेएस अस्पताल (DKS Hospital) के औचक निरीक्षण में पहुंचे। यहां अलग-अलग वार्डों में भ्रमण के दौरान कई एयर कंडीशनर खराब मिले। जिसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कड़ी नाराजगी जताते हुए 24 घंट के भीतर ठीक कराने का अल्टीमेटम दिया है।

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज रायपुर के डीकेएस अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया और मरीजों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना. मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं और व्यवहार के बारे में अपने अनुभव साझा किए।

निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने पाया कि अस्पताल के कई वार्डों में एयर कंडीशनर (AC) खराब हैं, जिसके कारण मरीजों को गर्मी में असुविधा हो रही है. इसे गंभीरता से लेते हुए जायसवाल ने अस्पताल प्रबंधन को 24 घंटे के भीतर सभी खराब एसी को ठीक करने या नए एसी स्थापित करने के निर्देश दिए हैं

स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट कहा कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और आरामदायक वातावरण प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने चेतावनी दी कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही, उन्होंने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया कि मरीजों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराया जाए और सुविधाओं में किसी भी तरह की कमी को तत्काल दूर किया जाए.