पहलगाम हमले पर बयानबाजी कर रहे नेताओं से राहुल नाराज, दी नसीहत
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पहलगाम हमले को लेकर देश में इन दिनों बवाल-सा मचा हुआ है। हर तरफ 26 पर्यटकों की मौत से लोग गमगीन और पाकिस्तान से नाराज दिख रहे हैं। इस बीच एक के बाद एक कई कांग्रेस नेता इस महेल पर बयान दे चुके ही। पाकिस्तान आतंकवादी हमले पर बयानबाजी को लेकर परेशान कांग्रेस ने अपने नेताओं को निर्देश दिया है कि वे पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी ना करें। अभी हाल ही में कांग्रेस नेताओं की ओर से पहलगाम पर ऐसे बयान सामने आए जिस पर विवाद हुआ और बीजेपी की ओर से निशाना बनाया गया। हालिया बयान महाराष्ट्र से कांग्रेस विधायक ओर से आया है। वहीं, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया से लकर रॉबर्ट वाड्रा और दूसरे नेताओं के भी ऐसे बयान सामने आए जिस पर बीजेपी हमलावर है।
पार्टी के जो नेता पहलगाम पर बयान दे रहे, वो पार्टी की राय नहीं
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 22 अप्रैल को पहलगाम में क्रूर आतंकी हमला हुआ। इसी दिन कांग्रेस ने कहा कि सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करें। 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें प्रधानमंत्री नहीं थे, लेकिन रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, गृह मंत्री थे। इसी दिन (24 अप्रैल) कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने एक प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में इस क्रूर हमले को लेकर पार्टी के विचारों को शामिल किया गया।
इसके बाद सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी गए। बैठक में हमने सरकार को अपने सवालों से अवगत कराया। हमने कहा कि इस संवेदनशील समय में हमें एक होना है। हमें एकजुटता की जरूरत है, एक सामूहिक संकल्प की जरूरत है।
ये बात सही है कि यहां-वहां कुछ कांग्रेस नेता बयान दे रहे हैं। ये उनकी निजी राय है। ये कांग्रेस पार्टी की राय नहीं है। मैं बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि किसी ने इन नेताओं को ऐसा बोलने का अधिकार नहीं दिया। ऐसे संवेदनशील समय में हमारा प्रस्ताव, सर्वदलीय बैठक में खड़गे जी और राहुल जी ने जो बोला, और एआईसीसी के अधिकारी जो बोलेंगे, वह मान्य होगा। यहां-वहां लोग बोलते रहते हैं, उन्हें बोलना नहीं चाहिए। संवेदनशील समय में नेताओं को बोलने की जरूरत नहीं है।
कांग्रेस नेता ने उठाए कई सवाल
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए अटैक को लेकर इस समय सियासत छिड़ गई है। इस अटैक के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं और इसको सरकार की विफलता करार दिया है। ताजा बयान कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार का है। उन्होंने सरकार से इस हमले की जिम्मेदारी लेने और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा सरकार को पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। कांग्रेस विधाक यहीं नहीं रूके, उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों ने हिंदू पूछ कर मारा, आतंकी को पूछने का समय होता है क्या, यह बहुत सारी विवादित बातें हैं, कोई बोलता है ऐसा हुआ ही नहीं, कोई बोलता है ऐसा हुआ। आतंकवादी की कोई जात या धर्म नहीं होता है। उनको पकड़ कर एक्शन लेना चाहिए।
रॉबर्ट वाड्रा से लेकर सिद्धारमैया तक ने उठाया सवाल
इससे पहले रॉबर्ट वाड्रा ने हमले के पीछे आतंकवादियों की सोच पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वे संभवतः भारत में मुसलमानों के साथ कथित अन्याय का बदला लेने के लिए गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाया। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने घटना को ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए इसके लिए भारत के विभाजन को जिम्मेदार ठहराया। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के हवाले से यह बात सामने आई कि इस हमले की प्रतिक्रिया में पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसा कदम उठाने की आवश्यकता नहीं है।
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