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भारतमाला प्रोजेक्ट गड़बड़ी मामला: EOW ने ठेकेदार समेत 4 आरोपियों को कोर्ट में किया पेश, 7 दिन की मिली रिमांड

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत भूमि अधिग्रहण में हुई गड़बड़ी के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण विभाग (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में हरमीत खनूजा, उमा तिवारी, केदार तिवारी और विजय जैन शामिल हैं। गिरफ्तारी के बाद चारों आरोपियों को आज को ACB/EOW की विशेष कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने सभी आरोपियों को EOW को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

बता दें कि इससे पहले शुक्रवार 25 अप्रैल को EOW ने नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग-भिलाई, आरंग, और बिलासपुर समेत कई जिलों में 16 स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए गए थे, जो जांच में अहम भूमिका निभा सकते हैं। EOW की टीम मामले की गहन जांच कर रही है और सूत्रों के मुताबिक आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों का सर्वोच्च प्राथमिकता से करें निराकरण : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में राजस्व विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा करते हुए आम नागरिकों को राजस्व सेवाओं का त्वरित और सहज लाभ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने फौती–नामांतरण की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने और समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि विधिक वारिसान के पक्ष में फौती नामांतरण समय पर सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टरों को निर्देशित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तय समय सीमा में नामांतरण न होने पर संबंधित पटवारियों की जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्यवाही करें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आरबीसी 6-4 के अंतर्गत पीड़ित परिवारों को तात्कालिक सहायता उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इसके लिए विभिन्न विभागों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित करते हुए कार्यवाही में विलंब न हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि प्रभावित परिवारों को लंबे समय तक भटकना न पड़े। उन्होंने अधिकारियों को इसकी सतत निगरानी करने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने स्पष्ट किया कि राजस्व विभाग का सीधा संबंध आम जनता से है, अतः मैदानी अमले की लापरवाही शासन की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। उन्होंने सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त आवेदनों के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने और सभी आवेदनों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालय का संचालन सप्ताह में न्यूनतम दो दिन अनिवार्य रूप से किया जाए और दो पेशी में ही प्रकरणों का निराकरण हो। अति आवश्यक परिस्थितियों को छोड़कर पेशी की तिथि बढ़ाने से बचा जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक का अधिकतम उपयोग कर डायवर्सन प्रक्रिया को सरल और सहज बनाने पर भी बल दिया। उन्होंने अविवादित नामांतरण और बंटवारे के मामलों में अनावश्यक विलंब करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए।

डिजिटल क्रॉप सर्वे की समीक्षा करते हुए उन्होंने राजस्व, कृषि, खाद्य तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों की संयुक्त टीम गठित कर भूमि और फसल से संबंधित सटीक जानकारी एकत्रित करने के निर्देश दिए।

राजस्व सचिव अविनाश चंपावत ने विभागीय कार्यों और गतिविधियों की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण, पंजीयन का डिजिटलीकरण तथा मॉडर्न रिकॉर्ड रूम का कार्य पूर्णता की ओर है। साथ ही उन्होंने राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली के डिजिटलीकरण, किसान पंजीयन, डिजिटल क्रॉप सर्वे और जियो-रेफरेंसिंग कार्यों की प्रगति से भी अवगत कराया।

श्री चंपावत ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री श्री साय के पूर्व निर्देशों के अनुरूप जिलों में लंबे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ पटवारियों का स्थानांतरण नियमित रूप से किया जा रहा है।

राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने समीक्षा बैठक में कहा कि शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप ही जमीन की खरीदी-बिक्री सुनिश्चित की जाए और राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण कर भू-धारकों को शीघ्र राहत दी जाए।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, राहुल भगत, डॉ. बसवराजू, चिप्स के सीईओ प्रभात मलिक तथा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

"राजस्व विभाग का कार्य सीधे आम जनता से जुड़ा हुआ है, इसलिए विभागीय कार्यों में पारदर्शिता, त्वरित निष्पादन और समयबद्धता अत्यंत आवश्यक है। आम नागरिकों को राजस्व सेवाओं का त्वरित और सहज लाभ मिले, इसके लिए सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों का सर्वोच्च प्राथमिकता से निराकरण किया जाए। फौती–नामांतरण सहित सभी राजस्व प्रकरणों में अनावश्यक विलंब न हो, पीड़ित परिवारों को समय पर सहायता मिले, और राजस्व न्यायालयों का संचालन सप्ताह में न्यूनतम दो दिन नियमित रूप से किया जाए। मैदानी अमले की लापरवाही शासन की छवि को प्रभावित करती है, इसलिए अविवादित नामांतरण, बंटवारे सहित अन्य राजस्व मामलों के निराकरण में अनावश्यक देरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक का अधिकतम उपयोग कर डायवर्सन प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए।"
—मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

"शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप ही जमीन की खरीदी-बिक्री सुनिश्चित की जाए। राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण कर भू-धारकों को शीघ्र राहत प्रदान करें। आम नागरिकों को न्याय और सुविधा देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।"
राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा


किशोर न्याय तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण कानूनों पर कार्यशाला सह परिचर्चा आयोजन में, मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े हुई शामिल

रायपुर- रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस में आज महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के मुख्य आतिथ्य में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला-सह-परिचर्चा का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि श्रीमती राजवाड़े ने कहा, बच्चों के अधिकारों की रक्षा छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। बाल संरक्षण से जुड़े प्रत्येक मामले में संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई बेहद आवश्यक है। संबंधित विभाग समन्वय के साथ लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करें। उन्होंने कहा कि सभी मामलों को गंभीरता से लें ताकि जो बच्चे बाल सुधार गृह तथा अन्य स्थानों पर हैं वह पुनः अपराध न करें। श्रीमती राजवाड़े ने सभी को बाल विवाह रोकने शपथ भी दिलाई और बताया कि छत्तीसगढ़ में लगातार बाल विवाह में गिरावट आ रही है जिसे सबके सहयोग से हमें शून्य तक ले जाना है।

कार्यशाला की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने की। डॉ. शर्मा ने कहा कि हर बच्चा एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण का हकदार है। हम सबकी साझा जिम्मेदारी है कि हम कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव मजबूत करें। कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को बाल संरक्षण कानूनों, नियमों एवं संवेदनशील मामलों के कुशल प्रबंधन के विषय में विस्तृत जानकारी देना और उन्हें बाल अधिकारों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाना था। तकनीकी सत्रों में प्रशिक्षकों विपीन ठाकुर एवं शरवत हुसैन नकवी ने प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान करते हुए कानूनों के व्यावहारिक पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। सचिव शम्मी आबिदी और संयुक्त संचालक नंदलाल चौधरी ने विभागीय योजनाओं एवं बाल संरक्षण संस्थाओं के कार्यों की जानकारी साझा की।

कार्यशाला में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड के सामाजिक कार्यकर्ता, विभागीय कर्मचारी तथा बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के लगभग 170 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा के दौरान किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के अंतर्गत विधि से संघर्षरत बच्चों एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के पुनर्वास और उनके सर्वाेत्तम हितों की रक्षा संबंधी प्रावधानों की विस्तार से समीक्षा की गई। साथ ही लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत बालकों के प्रति अपराधों की रोकथाम और दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला गया। विशेषज्ञों ने बाल शोषण, बाल विवाह, बाल श्रम जैसे विषयों पर भी अपने विचार साझा किए। कार्यशाला में प्रतिभागियों ने बाल विवाह की रोकथाम, बाल संरक्षण के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने तथा कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नगरीय प्रशासन, पीएचई और पीडब्ल्यूडी के कार्यों की समीक्षा की

रायपुर-  उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने एक दिवसीय बालोद प्रवास के दौरान जिले में नगरीय प्रशासन एवं विकास, लोक निर्माण तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बालोद कलेक्टोरेट में आयोजित बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी तथा नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को मौजूदा ग्रीष्म ऋतु में लोगों को पेयजल एवं निस्तारी के लिए पानी की समस्या से जूझना न पडे़, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के पुख्ता उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले के सभी नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता को इस कार्य को विशेष प्राथमिकता के साथ करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को पेयजल समस्या के निराकरण के लिए पूर्वानुमान लगाकर समय पूर्व समस्या के निराकरण की व्यवस्था करने को कहा। सांसद भोजराज नाग भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बैठक में बालोद जिले के विभिन्न नगरीय निकायों तथा लोक निर्माण एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के स्वीकृत एवं प्रगतिरत् निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित समयावधि में अच्छी गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले के सभी नगरीय निकायों में पेयजल की व्यवस्था, 15वें वित्त आयोग के कार्यों, नगरीय क्षेत्रों में साफ-सफाई की व्यवस्था, सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति और अटल परिसरों के निर्माण की प्रगति की सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों से बारी-बारी से जानकारी ली। श्री साव ने बालोद नगर पालिका के व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मुख्य नगर पालिका अधिकारी को बालोद शहर में जिला मुख्यालय के अनुरूप सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने तथा शहरवासियों को बेहतर से बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान सिटी डेव्हलपमेंट प्लान की भी जानकारी ली। उन्होंने सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को शहरवासियों की अपेक्षाओं के अनुरूप सिटी डेव्हलपमेंट प्लान बनाने के निर्देश दिए।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों एवं उनके निराकरण की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने सुशासन तिहार के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को सुबह नगर भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेने को कहा। श्री साव ने अधिकारियों को गंभीरता और सक्रियता से काम करने के लिए निर्देशित करते हुए कहा कि कार्यों में कोताही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से कार्यों का संपादन करने को कहा।

श्री साव ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान लोगों को पेयजल संबंधी समस्याओं का सामना न करना पड़े, इसके लिए समय पूर्व व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने जिन गांवों में हैण्डपंप खराब हैं वहां पानी की आपूर्ति के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में बताया कि बालोद जिले में पेयजल आपूर्ति के लिए 70 नए ट्यूबवेल की स्वीकृति दी गई है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा करने तथा शत-प्रतिशत गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निष्ठा, समर्पण और ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए शासन-प्रशासन की अच्छी छवि बनाने तथा नागरिकों में विश्वास का भाव जागृत करने को कहा। कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा और पुलिस अधीक्षक योगेश कुमार पटेल सहित बालोद जिला प्रशासन, के वरिष्ठ अधिकारी, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी तथा नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

भारतमाला प्रोजेक्ट गड़बड़ी मामले में EOW की बड़ी कार्रवाई, 4 अधिकारियों को किया गिरफ्तार

रायपुर- छत्तीसगढ़ के रायपुर में भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी के आरोप में आर्थिक अपराध अन्वेषण विभाग (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में EOW ने एक दिन पहले यानी बीते शुक्रवार 26 अप्रैल को 16 स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया गया था.

बता दें कि EOW की छापेमारी के दौरान SDM, तहसीलदार, पटवारी और RI सहित राजस्व विभाग के करीब 16 अधिकारियों के घरों पर दबिश दी गई। यह कार्रवाई नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग भिलाई, आरंग, बिलासपुर सहित राज्य के अन्य जिलों में भी की गई। अधिकारियों के ठिकानों से जब्त किए गए दस्तावेज और उपकरण मामले में जांच के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। EOW इस पूरे मामले की गहरी जांच कर रही है और गिरफ्तार किए गए अधिकारियों से पूछताछ जारी है।

इनके ठिकानों पर की गई EOW की रेड

  • अमरजीत सिंह गिल- ठेकेदार, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी दुर्ग
  • हरजीत सिंह खनूजा- ठेकेदार, मकान नंबर 118 लॉ विष्टा सोसाइटी, कचना रायपुर
  • जितेंद्र कुमार साहू- पटवारी, अभनपुर
  • दिनेश कुमार साहू- पटवारी, माना बस्ती रायपुर
  • निर्भय कुमार साहू- SDM, अटलनगर, नवा रायपुर समेत कांकेर के नरहरपुर स्थित आवास
  • हरमीत सिंह खनूजा- ठेकेदार, महासमुंद
  • योगेश कुमार देवांगन- जमीन दलाल, अश्वनी नगर,रायपुर
  • बसंती घृतलहरे- अभनपुर
  • अमरजीत सिंह गिल- बैंक कर्मचारी ICICI बैंक, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी,दुर्ग
  • रोशन लाल वर्मा- RI, कचना रायपुर 
  • विजय जैन- कारोबारी, गोलबाजार दुकान और टैगोर नगर स्थित घर रायपुर
  • उमा तिवारी- महादेव घाट,रायपुर
  • दशमेश- तेलीबांधा गुरुद्वारा, रायपुर
  • लखेश्वर प्रसाद किरण- तहसीलदार, कटघोरा और बिलासपुर स्थित घर
  • शशिकांत कुर्रे- तहसीलदार, माना बस्ती और अभनपुर
  • लेखराम देवांगन- पटवारी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सेजबहार रायपुर

बता दें, इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अधिकृत किए गए 1-1 भूमि पर फर्जी तरीके से 6-6 लोगों के नाम पर मुआवजे निकलवाए और करोड़ो रुपए गबन कर लिए हैं।

रोप-वे हादसा : घायल भरत वर्मा से मिलने अस्पताल पहुंचे BJP प्रदेश अध्यक्ष सिंहदेव और गृहमंत्री शर्मा, डॉक्टरों को बेहतर इलाज के दिए निर्देश

रायपुर- छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव आज राजधानी के एमएमआई नारायणा अस्पताल पहुंचे, यहां उन्होंने महामंत्री भरत वर्मा से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली. साथ ही डॉक्टरों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए. इस दौरान प्रदेश संगठन महामंत्री पवन कुमार साय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा और कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा मौजूद रहे.

भाजपा प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा से मुलाकात के बाद प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने बताया कि आज उन्होंने भरत वर्मा से भेंट कर उनका हालचाल लिया. उन्होंने कहा कि भरत वर्मा अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और किसी भी तरह के खतरे से बाहर हैं.

बता दें कि छत्तीसगढ़ के वन विकास निगम के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा बीते शुक्रवार की दोपहर डोंगरगढ़ में रोप-वे संचालन की प्रणाली समझने के उद्देश्य से पहुंचे थे. उनके नेतृत्व में कुदरगढ़ मंदिर में भी रोपवे लगवाने की योजना बनाई जा रही है. मंदिर ट्रस्ट के साथ मीटिंग निर्धारित थी, जिसमें कुदरगढ़ से जुड़े कुछ पदाधिकारी भी शामिल हुए थे. लेकिन जिस तकनीक को देखने आए थे, उसी तकनीक ने उन्हें हादसे का शिकार बना दिया.

जैसे ही ट्रॉली दोपहर में मंदिर से नीचे स्टेशन पर पहुंची, वह अपनी तय सीमा से आगे बढ़ गई और वहां बने अवैध चबूतरे से टकराकर पलट गई. चबूतरा मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के निर्देश पर बनाया गया था, जिसकी तकनीकी स्वीकृति नहीं ली गई थी और जो रोपवे की मूल डिज़ाइन का हिस्सा ही नहीं था. इस रोपवे का नियमित संचालन दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक बंद रहता है. लेकिन पैकरा की VIP यात्रा को देखते हुए रोपवे को विशेष रूप से चालू किया गया, वो भी उस वक्त जब अधिकांश स्टाफ भोजन अवकाश में था.

हादसे के वक्त ट्रॉली में रामसेवक पैकरा, भाजपा नेता भरत वर्मा, ट्रस्ट अध्यक्ष मनोज अग्रवाल, दया सिंह, सिद्धार्थ सिंह और बलराम सिंह सवार थे. इस दौरान प्रदेश भाजपा महामंत्री भरत वर्मा को गंभीर चोटें आई हैं, रीढ़ की हड्डी और हाथ में फ्रैक्चर की आशंका है, जिनका अस्पताल में इलाज जारी है. इस घटना में अन्य को भी हल्की चोटें आई थी.

CM साय का बड़ा बयान, कहा- ‘छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार के निर्देश का किया जाएगा पालन’, पाकिस्तानियों को छोड़ना पड़ेगा राज्य

रायपुर- छत्तीसगढ़ में रह रहे पाकिस्तान मूल के नागरिकों को जल्द ही राज्य छोड़ना पड़ेगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार के निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाएगा। सभी शॉर्ट वीजा को निरस्त कर दिया गया है और अब पाकिस्तानी नागरिकों को वापस जाना होगा।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सख्त निर्देश

गौरतलब है बीते 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कूटनीतिक एक्शन लिया है। इसके तहत भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें जल्द से जल्द देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा अब केवल 27 अप्रैल तक ही वैध रहेगा, जबकि मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक की मोहलत दी गई है।

भारत ने कहा है कि सभी पाकिस्तानी नागरिकों को अगले 3 दिनों के भीतर भारत छोड़ देना होगा। यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

भारत सरकार के आदेश के तहत अब छत्तीसगढ़ में भी पाकिस्तानी नागरिकों की जांच शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में करीब 2000 पाकिस्तानी नागरिक मौजूद हैं, जिनमें से लगभग 1800 अकेले रायपुर में रहते हैं। इनमें अधिकांश सिंधी समुदाय से हैं। पुलिस द्वारा वीजा और अन्य दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।

कांग्रेस की “जल-जंगल-जमीन बचाओ, इंद्रावती नदी बचाओ” पदयात्रा स्थगित…

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग को सींचने वाली इंद्रावती नदी सूखे के कगार पर है. इससे बस्तर में किसानों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर कांग्रेस आज चित्रकोट से जगदलपुर तक 3 दिवसीय “जल-जंगल-जमीन बचाओ, इंद्रवती नदी बचाओ” पदयात्रा करने वाली थी. लेकिन हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में 28 आम नागरिक मारे गए. इस घटना के चलते AICC के निर्देश पर कांग्रेस ने 27 अप्रैल तक अपनी सभी राजनीतिक और अन्य कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं.

इंद्रावती नदी को बचाने कांग्रेस लड़ेगी बड़ी लड़ाई

बता दें, इस पदयात्रा में कांग्रेस के कई बड़े नेता और कार्यकर्ता समेत भारी संख्या में बस्तर के प्रभावित किसान भी शामिल होने वाले थे. इस पदयात्रा के तीसरे दिन जगदलपुर कलेक्टर दफ्तर घेराव की योजना थी. कांग्रेस ने कहा कि इंद्रावती नदी को बचाने के लिए पार्टी आने वाले समय में बड़ी लड़ाई लड़ने को तैयार है. इसकी रूपरेखा भी जल्द तैयार की जाएगी.

इंद्रावती नदी पर जल संकट

इंद्रावती नदी सिर्फ एक नदी नहीं है, ये बस्तर की प्राणधारा है, ये बस्तर की सांस है. आज वही इंद्रावती नदी अपनी आखिरी सांसें गिन रही है. दो महीने से बस्तर के किसान सड़क पर हैं. धरनों पर बैठे हैं, आंदोलन कर रहे हैं. इंद्रावती में पानी लाने की गुहार लगा रहे हैं.

फोटो: सूखी नदी पर क्रिकेट खेलते बच्चे

किसानों से लेकर राज्य सरकार के प्रयासों के बाद मिली राहत की खबर…

बीते एक महीने से इंद्रावती नदी लगभग सूखने की कगार पर पहुंच गई थी. इसका मुख्य कारण नदी का जल बड़ी मात्रा में जोरा नाला की ओर मोड़ दिया जाना था, जिससे बस्तर के कई इलाकों में किसानों की खड़ी फसलें सूख गईं और पीने के पानी का संकट गहराने लगा. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सांसद महेश कश्यप ने 3 अप्रैल को लोकसभा में इस मुद्दे को मजबूती से उठाया और केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी. इसके बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय जल परिषद की बैठक में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा की गई और 15 अप्रैल को ओडिशा सरकार ने छत्तीसगढ़ को उसके हिस्से का 49 प्रतिशत पानी देने पर सहमति दी. 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से सांसद मनोज तिवारी ने की सौजन्य भेंट

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर श्री तिवारी का पारंपरिक शाल ओढ़ाकर तथा छत्तीसगढ़ की विशिष्ट बेलमेटल कला से निर्मित नंदी की प्रतिमा भेंट कर आत्मीय स्वागत किया।

मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय और सांसद मनोज तिवारी के बीच छत्तीसगढ़ की लोक कला, लोक संस्कृति और राज्य में उभरते फिल्म उद्योग सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री तिवारी को राज्य सरकार द्वारा लोककला के संरक्षण, संवर्धन तथा फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने हेतु किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने प्रदेश में फिल्म सिटी की स्थापना की दिशा में उठाए जा रहे कदमों से भी अवगत कराया।

सांसद मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण तथा फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता और लोक धरोहरों को राष्ट्रीय पटल पर प्रतिष्ठित करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी प्रशंसा की।

डोंगरगढ़ रोपवे हादसा: कुदरगढ़ मंदिर में रोपवे लगाने की थी प्लानिंग, अधिकारियों के साथ निरीक्षण करने पहुंचे पूर्व मंत्री पैकरा,लेकिन हो गया हादसा

डोंगरगढ़- छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी मंदिर में शुक्रवार को हुए रोपवे हादसे ने एक बार फिर श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह महज एक तकनीकी दुर्घटना नहीं, बल्कि लापरवाही, अवैध निर्माण और VIP संस्कृति की एक खतरनाक मिसाल बन गई है।

पैकरा निरीक्षण पर आए, खुद हो गए हादसे का शिकार

बता दें कि छत्तीसगढ़ के वन विकास निगम के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा बीते शुक्रवार की दोपहर डोंगरगढ़ में रोपवे संचालन की प्रणाली समझने के उद्देश्य से पहुंचे थे। उनके नेतृत्व में कुदरगढ़ मंदिर में भी रोपवे लगवाने की योजना बनाई जा रही है। मंदिर ट्रस्ट के साथ मीटिंग निर्धारित थी, जिसमें कुदरगढ़ से जुड़े कुछ पदाधिकारी भी शामिल हुए थे। लेकिन जिस तकनीक को देखने आए थे, उसी तकनीक ने उन्हें हादसे का शिकार बना दिया।

जैसे ही ट्रॉली दोपहर में मंदिर से नीचे स्टेशन पर पहुंची, वह अपनी तय सीमा से आगे बढ़ गई और वहां बने अवैध चबूतरे से टकराकर पलट गई। चबूतरा मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के निर्देश पर बनाया गया था, जिसकी तकनीकी स्वीकृति नहीं ली गई थी और जो रोपवे की मूल डिज़ाइन का हिस्सा ही नहीं था। इस रोपवे का नियमित संचालन दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक बंद रहता है। लेकिन पैकरा की VIP यात्रा को देखते हुए रोपवे को विशेष रूप से चालू किया गया, वो भी उस वक्त जब अधिकांश स्टाफ भोजन अवकाश में था।

हादसे के वक्त ट्रॉली में रामसेवक पैकरा, भाजपा नेता भरत वर्मा, ट्रस्ट अध्यक्ष मनोज अग्रवाल, दया सिंह, सिद्धार्थ सिंह और बलराम सिंह सवार थे। इस दौरान भरत वर्मा को गंभीर चोटें आई हैं, रीढ़ की हड्डी और हाथ में फ्रैक्चर की आशंका है। अन्य को हल्की चोटें लगीं।

पुरानी घटनाएं बता रहीं—ये हादसा इत्तेफाक नहीं!

यह पहली बार नहीं है जब डोंगरगढ़ का रोपवे सवालों के घेरे में आया हो—

  • फरवरी 2021: रोपवे की ट्रॉली गिरने से मज़दूर गोपी गोड़ की मौत हो गई थी। ट्रॉली रोप केबल से अलग होकर सीधे ज़मीन पर आ गिरी थी।
  • अप्रैल 2024: कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसपी मोहित गर्ग नवरात्रि से पहले निरीक्षण के दौरान ट्रॉली में ही फंस गए थे। बिजली सप्लाई रुकने से सिस्टम बंद हो गया और जनरेटर से उन्हें नीचे लाया गया।

इन घटनाओं के बावजूद न तो सिस्टम बदला, न ही सुरक्षा इंतज़ाम।

जवाबदेही से बचते दिखे ज़िम्मेदार

हादसे के बाद एसपी मोहित गर्ग मौके पर पहुंचे और रोपवे संचालन करने वाली कंपनी दामोदर इंफ्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। लेकिन स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब अवैध चबूतरा, VIP दबाव में संचालन और स्टाफ की गैरमौजूदगी से हादसा हुआ, तो ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल पर भी कार्रवाई क्यों नहीं? मनोज अग्रवाल मीडिया के सामने ये कहकर बचते नज़र आए कि संचालन ट्रस्ट करता है लेकिन मेंटेनेंस की ज़िम्मेदारी दामोदर इंफ्रा की है। दूसरी ओर, दामोदर इंफ्रा के साइट इंचार्ज ने सारा ठीकरा बिजली विभाग पर फोड़ते हुए ‘लो वोल्टेज-हाई वोल्टेज’ का बहाना बना डाला। लेकिन कंपनी ने आज तक कभी बिजली विभाग को इस समस्या की कोई लिखित सूचना तक नहीं दी।

यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि उस लापरवाह और वीआईपी संस्कृति की पोल खोलता है, जिसमें आम जनता की सुरक्षा को ताक पर रखकर नियम तोड़े जाते हैं। रोपवे जैसी तकनीकी सेवा, जहां जान की बाज़ी लगी हो, वहां बिना स्टाफ, बिना सुरक्षा जांच और बिना ज़रूरी अनुमति के संचालन किया गया।

कुदरगढ़ में रोपवे लगाने का सपना लेकर आए थे पैकरा, लेकिन डोंगरगढ़ का ही रोपवे उन्हें ज़मीन पर ला पटका। अब सवाल यह है, क्या इस हादसे के बाद सिर्फ कंपनी पर कार्रवाई होगी ? या उन असली ज़िम्मेदारों पर भी शिकंजा कसेगा जिन्होंने नियमों को VIP आदेशों के नीचे कुचल डाला?