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भारतमाला प्रोजेक्ट गड़बड़ी मामले में EOW की बड़ी कार्रवाई, 4 अधिकारियों को किया गिरफ्तार

रायपुर- छत्तीसगढ़ के रायपुर में भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी के आरोप में आर्थिक अपराध अन्वेषण विभाग (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में EOW ने एक दिन पहले यानी बीते शुक्रवार 26 अप्रैल को 16 स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया गया था.

बता दें कि EOW की छापेमारी के दौरान SDM, तहसीलदार, पटवारी और RI सहित राजस्व विभाग के करीब 16 अधिकारियों के घरों पर दबिश दी गई। यह कार्रवाई नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग भिलाई, आरंग, बिलासपुर सहित राज्य के अन्य जिलों में भी की गई। अधिकारियों के ठिकानों से जब्त किए गए दस्तावेज और उपकरण मामले में जांच के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। EOW इस पूरे मामले की गहरी जांच कर रही है और गिरफ्तार किए गए अधिकारियों से पूछताछ जारी है।

इनके ठिकानों पर की गई EOW की रेड

  • अमरजीत सिंह गिल- ठेकेदार, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी दुर्ग
  • हरजीत सिंह खनूजा- ठेकेदार, मकान नंबर 118 लॉ विष्टा सोसाइटी, कचना रायपुर
  • जितेंद्र कुमार साहू- पटवारी, अभनपुर
  • दिनेश कुमार साहू- पटवारी, माना बस्ती रायपुर
  • निर्भय कुमार साहू- SDM, अटलनगर, नवा रायपुर समेत कांकेर के नरहरपुर स्थित आवास
  • हरमीत सिंह खनूजा- ठेकेदार, महासमुंद
  • योगेश कुमार देवांगन- जमीन दलाल, अश्वनी नगर,रायपुर
  • बसंती घृतलहरे- अभनपुर
  • अमरजीत सिंह गिल- बैंक कर्मचारी ICICI बैंक, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी,दुर्ग
  • रोशन लाल वर्मा- RI, कचना रायपुर 
  • विजय जैन- कारोबारी, गोलबाजार दुकान और टैगोर नगर स्थित घर रायपुर
  • उमा तिवारी- महादेव घाट,रायपुर
  • दशमेश- तेलीबांधा गुरुद्वारा, रायपुर
  • लखेश्वर प्रसाद किरण- तहसीलदार, कटघोरा और बिलासपुर स्थित घर
  • शशिकांत कुर्रे- तहसीलदार, माना बस्ती और अभनपुर
  • लेखराम देवांगन- पटवारी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सेजबहार रायपुर

बता दें, इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अधिकृत किए गए 1-1 भूमि पर फर्जी तरीके से 6-6 लोगों के नाम पर मुआवजे निकलवाए और करोड़ो रुपए गबन कर लिए हैं।

रोप-वे हादसा : घायल भरत वर्मा से मिलने अस्पताल पहुंचे BJP प्रदेश अध्यक्ष सिंहदेव और गृहमंत्री शर्मा, डॉक्टरों को बेहतर इलाज के दिए निर्देश

रायपुर- छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव आज राजधानी के एमएमआई नारायणा अस्पताल पहुंचे, यहां उन्होंने महामंत्री भरत वर्मा से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली. साथ ही डॉक्टरों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए. इस दौरान प्रदेश संगठन महामंत्री पवन कुमार साय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा और कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा मौजूद रहे.

भाजपा प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा से मुलाकात के बाद प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने बताया कि आज उन्होंने भरत वर्मा से भेंट कर उनका हालचाल लिया. उन्होंने कहा कि भरत वर्मा अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और किसी भी तरह के खतरे से बाहर हैं.

बता दें कि छत्तीसगढ़ के वन विकास निगम के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा बीते शुक्रवार की दोपहर डोंगरगढ़ में रोप-वे संचालन की प्रणाली समझने के उद्देश्य से पहुंचे थे. उनके नेतृत्व में कुदरगढ़ मंदिर में भी रोपवे लगवाने की योजना बनाई जा रही है. मंदिर ट्रस्ट के साथ मीटिंग निर्धारित थी, जिसमें कुदरगढ़ से जुड़े कुछ पदाधिकारी भी शामिल हुए थे. लेकिन जिस तकनीक को देखने आए थे, उसी तकनीक ने उन्हें हादसे का शिकार बना दिया.

जैसे ही ट्रॉली दोपहर में मंदिर से नीचे स्टेशन पर पहुंची, वह अपनी तय सीमा से आगे बढ़ गई और वहां बने अवैध चबूतरे से टकराकर पलट गई. चबूतरा मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के निर्देश पर बनाया गया था, जिसकी तकनीकी स्वीकृति नहीं ली गई थी और जो रोपवे की मूल डिज़ाइन का हिस्सा ही नहीं था. इस रोपवे का नियमित संचालन दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक बंद रहता है. लेकिन पैकरा की VIP यात्रा को देखते हुए रोपवे को विशेष रूप से चालू किया गया, वो भी उस वक्त जब अधिकांश स्टाफ भोजन अवकाश में था.

हादसे के वक्त ट्रॉली में रामसेवक पैकरा, भाजपा नेता भरत वर्मा, ट्रस्ट अध्यक्ष मनोज अग्रवाल, दया सिंह, सिद्धार्थ सिंह और बलराम सिंह सवार थे. इस दौरान प्रदेश भाजपा महामंत्री भरत वर्मा को गंभीर चोटें आई हैं, रीढ़ की हड्डी और हाथ में फ्रैक्चर की आशंका है, जिनका अस्पताल में इलाज जारी है. इस घटना में अन्य को भी हल्की चोटें आई थी.

CM साय का बड़ा बयान, कहा- ‘छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार के निर्देश का किया जाएगा पालन’, पाकिस्तानियों को छोड़ना पड़ेगा राज्य

रायपुर- छत्तीसगढ़ में रह रहे पाकिस्तान मूल के नागरिकों को जल्द ही राज्य छोड़ना पड़ेगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार के निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाएगा। सभी शॉर्ट वीजा को निरस्त कर दिया गया है और अब पाकिस्तानी नागरिकों को वापस जाना होगा।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सख्त निर्देश

गौरतलब है बीते 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कूटनीतिक एक्शन लिया है। इसके तहत भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें जल्द से जल्द देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा अब केवल 27 अप्रैल तक ही वैध रहेगा, जबकि मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक की मोहलत दी गई है।

भारत ने कहा है कि सभी पाकिस्तानी नागरिकों को अगले 3 दिनों के भीतर भारत छोड़ देना होगा। यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

भारत सरकार के आदेश के तहत अब छत्तीसगढ़ में भी पाकिस्तानी नागरिकों की जांच शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में करीब 2000 पाकिस्तानी नागरिक मौजूद हैं, जिनमें से लगभग 1800 अकेले रायपुर में रहते हैं। इनमें अधिकांश सिंधी समुदाय से हैं। पुलिस द्वारा वीजा और अन्य दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।

कांग्रेस की “जल-जंगल-जमीन बचाओ, इंद्रावती नदी बचाओ” पदयात्रा स्थगित…

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग को सींचने वाली इंद्रावती नदी सूखे के कगार पर है. इससे बस्तर में किसानों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर कांग्रेस आज चित्रकोट से जगदलपुर तक 3 दिवसीय “जल-जंगल-जमीन बचाओ, इंद्रवती नदी बचाओ” पदयात्रा करने वाली थी. लेकिन हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में 28 आम नागरिक मारे गए. इस घटना के चलते AICC के निर्देश पर कांग्रेस ने 27 अप्रैल तक अपनी सभी राजनीतिक और अन्य कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं.

इंद्रावती नदी को बचाने कांग्रेस लड़ेगी बड़ी लड़ाई

बता दें, इस पदयात्रा में कांग्रेस के कई बड़े नेता और कार्यकर्ता समेत भारी संख्या में बस्तर के प्रभावित किसान भी शामिल होने वाले थे. इस पदयात्रा के तीसरे दिन जगदलपुर कलेक्टर दफ्तर घेराव की योजना थी. कांग्रेस ने कहा कि इंद्रावती नदी को बचाने के लिए पार्टी आने वाले समय में बड़ी लड़ाई लड़ने को तैयार है. इसकी रूपरेखा भी जल्द तैयार की जाएगी.

इंद्रावती नदी पर जल संकट

इंद्रावती नदी सिर्फ एक नदी नहीं है, ये बस्तर की प्राणधारा है, ये बस्तर की सांस है. आज वही इंद्रावती नदी अपनी आखिरी सांसें गिन रही है. दो महीने से बस्तर के किसान सड़क पर हैं. धरनों पर बैठे हैं, आंदोलन कर रहे हैं. इंद्रावती में पानी लाने की गुहार लगा रहे हैं.

फोटो: सूखी नदी पर क्रिकेट खेलते बच्चे

किसानों से लेकर राज्य सरकार के प्रयासों के बाद मिली राहत की खबर…

बीते एक महीने से इंद्रावती नदी लगभग सूखने की कगार पर पहुंच गई थी. इसका मुख्य कारण नदी का जल बड़ी मात्रा में जोरा नाला की ओर मोड़ दिया जाना था, जिससे बस्तर के कई इलाकों में किसानों की खड़ी फसलें सूख गईं और पीने के पानी का संकट गहराने लगा. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सांसद महेश कश्यप ने 3 अप्रैल को लोकसभा में इस मुद्दे को मजबूती से उठाया और केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी. इसके बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय जल परिषद की बैठक में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा की गई और 15 अप्रैल को ओडिशा सरकार ने छत्तीसगढ़ को उसके हिस्से का 49 प्रतिशत पानी देने पर सहमति दी. 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से सांसद मनोज तिवारी ने की सौजन्य भेंट

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर श्री तिवारी का पारंपरिक शाल ओढ़ाकर तथा छत्तीसगढ़ की विशिष्ट बेलमेटल कला से निर्मित नंदी की प्रतिमा भेंट कर आत्मीय स्वागत किया।

मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय और सांसद मनोज तिवारी के बीच छत्तीसगढ़ की लोक कला, लोक संस्कृति और राज्य में उभरते फिल्म उद्योग सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री तिवारी को राज्य सरकार द्वारा लोककला के संरक्षण, संवर्धन तथा फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने हेतु किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने प्रदेश में फिल्म सिटी की स्थापना की दिशा में उठाए जा रहे कदमों से भी अवगत कराया।

सांसद मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण तथा फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता और लोक धरोहरों को राष्ट्रीय पटल पर प्रतिष्ठित करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी प्रशंसा की।

डोंगरगढ़ रोपवे हादसा: कुदरगढ़ मंदिर में रोपवे लगाने की थी प्लानिंग, अधिकारियों के साथ निरीक्षण करने पहुंचे पूर्व मंत्री पैकरा,लेकिन हो गया हादसा

डोंगरगढ़- छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी मंदिर में शुक्रवार को हुए रोपवे हादसे ने एक बार फिर श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह महज एक तकनीकी दुर्घटना नहीं, बल्कि लापरवाही, अवैध निर्माण और VIP संस्कृति की एक खतरनाक मिसाल बन गई है।

पैकरा निरीक्षण पर आए, खुद हो गए हादसे का शिकार

बता दें कि छत्तीसगढ़ के वन विकास निगम के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा बीते शुक्रवार की दोपहर डोंगरगढ़ में रोपवे संचालन की प्रणाली समझने के उद्देश्य से पहुंचे थे। उनके नेतृत्व में कुदरगढ़ मंदिर में भी रोपवे लगवाने की योजना बनाई जा रही है। मंदिर ट्रस्ट के साथ मीटिंग निर्धारित थी, जिसमें कुदरगढ़ से जुड़े कुछ पदाधिकारी भी शामिल हुए थे। लेकिन जिस तकनीक को देखने आए थे, उसी तकनीक ने उन्हें हादसे का शिकार बना दिया।

जैसे ही ट्रॉली दोपहर में मंदिर से नीचे स्टेशन पर पहुंची, वह अपनी तय सीमा से आगे बढ़ गई और वहां बने अवैध चबूतरे से टकराकर पलट गई। चबूतरा मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के निर्देश पर बनाया गया था, जिसकी तकनीकी स्वीकृति नहीं ली गई थी और जो रोपवे की मूल डिज़ाइन का हिस्सा ही नहीं था। इस रोपवे का नियमित संचालन दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक बंद रहता है। लेकिन पैकरा की VIP यात्रा को देखते हुए रोपवे को विशेष रूप से चालू किया गया, वो भी उस वक्त जब अधिकांश स्टाफ भोजन अवकाश में था।

हादसे के वक्त ट्रॉली में रामसेवक पैकरा, भाजपा नेता भरत वर्मा, ट्रस्ट अध्यक्ष मनोज अग्रवाल, दया सिंह, सिद्धार्थ सिंह और बलराम सिंह सवार थे। इस दौरान भरत वर्मा को गंभीर चोटें आई हैं, रीढ़ की हड्डी और हाथ में फ्रैक्चर की आशंका है। अन्य को हल्की चोटें लगीं।

पुरानी घटनाएं बता रहीं—ये हादसा इत्तेफाक नहीं!

यह पहली बार नहीं है जब डोंगरगढ़ का रोपवे सवालों के घेरे में आया हो—

  • फरवरी 2021: रोपवे की ट्रॉली गिरने से मज़दूर गोपी गोड़ की मौत हो गई थी। ट्रॉली रोप केबल से अलग होकर सीधे ज़मीन पर आ गिरी थी।
  • अप्रैल 2024: कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसपी मोहित गर्ग नवरात्रि से पहले निरीक्षण के दौरान ट्रॉली में ही फंस गए थे। बिजली सप्लाई रुकने से सिस्टम बंद हो गया और जनरेटर से उन्हें नीचे लाया गया।

इन घटनाओं के बावजूद न तो सिस्टम बदला, न ही सुरक्षा इंतज़ाम।

जवाबदेही से बचते दिखे ज़िम्मेदार

हादसे के बाद एसपी मोहित गर्ग मौके पर पहुंचे और रोपवे संचालन करने वाली कंपनी दामोदर इंफ्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। लेकिन स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब अवैध चबूतरा, VIP दबाव में संचालन और स्टाफ की गैरमौजूदगी से हादसा हुआ, तो ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल पर भी कार्रवाई क्यों नहीं? मनोज अग्रवाल मीडिया के सामने ये कहकर बचते नज़र आए कि संचालन ट्रस्ट करता है लेकिन मेंटेनेंस की ज़िम्मेदारी दामोदर इंफ्रा की है। दूसरी ओर, दामोदर इंफ्रा के साइट इंचार्ज ने सारा ठीकरा बिजली विभाग पर फोड़ते हुए ‘लो वोल्टेज-हाई वोल्टेज’ का बहाना बना डाला। लेकिन कंपनी ने आज तक कभी बिजली विभाग को इस समस्या की कोई लिखित सूचना तक नहीं दी।

यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि उस लापरवाह और वीआईपी संस्कृति की पोल खोलता है, जिसमें आम जनता की सुरक्षा को ताक पर रखकर नियम तोड़े जाते हैं। रोपवे जैसी तकनीकी सेवा, जहां जान की बाज़ी लगी हो, वहां बिना स्टाफ, बिना सुरक्षा जांच और बिना ज़रूरी अनुमति के संचालन किया गया।

कुदरगढ़ में रोपवे लगाने का सपना लेकर आए थे पैकरा, लेकिन डोंगरगढ़ का ही रोपवे उन्हें ज़मीन पर ला पटका। अब सवाल यह है, क्या इस हादसे के बाद सिर्फ कंपनी पर कार्रवाई होगी ? या उन असली ज़िम्मेदारों पर भी शिकंजा कसेगा जिन्होंने नियमों को VIP आदेशों के नीचे कुचल डाला?

पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर ने पीएम मोदी को फिर लिखा पत्र, पीसीसीएफ श्रीनिवास राव पर भ्रष्टाचार के लगाए गंभीर आरोप…

रायपुर- पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर एक बार फिर से पत्र को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. अबकी बार उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने प्रधान मुख्य वनसंरक्षक श्रीनिवास राव पर कांग्रेस का एजेंट बनकर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कैम्पा योजना में भारी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. इसके साथ 1628 वनरक्षकों की भर्ती में किए गए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने की मांग की है.

ननकीराम कंवर ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि कैम्पा योजना के मुख्य पद पर रहते हुए श्रीनिवास राव ने केन्द्र सरकार के बजट एवं दिशा निर्देशों की अवहेलना करते हुए अपने करीबी रिश्तेदारों एवं चहेतों को मनमर्जी तरीके से कई सौ करोड़ का काम दिया, जिसमें बाजार दर से अधिक दर पर निर्माण सामग्रियों की आपूर्ति के साथ स्तरहीन कार्य कराया. इसके अतिरिक्त अधिकतर दूरस्थ स्थानों पर कार्य के नाम पर आवंटन का अगर सत्यापन किया जाएगा, तो यहां कार्य होना ही नहीं पाया जाएगा.

इसके अलावा कंवर ने वनरक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए बताया कि राज्य में वन रक्षकों (फारेस्ट गार्ड) की भर्ती हेतु लगभग 1500 पदों पर नवम्बर 2024 से दिसम्बर 2024 के बीच फीजिकल टेस्ट विभिन्न वन मंडलों में किया गया. 4 लाख 25 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षण डीएफओ बालोद, सरगुजा, महासमुंद समेत अन्य ने लिया. जो 16 नवंबर 2024 से प्रारंभ होकर 17 दिसम्बर 2024 तक मंडलवार अलग-अलग तिथियों में संपन्न हुआ.

राज्य शासन के शारीरिक क्षमता परीक्षा सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच पर्याप्त रोशनी में कराई जाने के निर्देश के बावजूद कुछ जिलों में कृत्रिम प्रकाश में यह कार्रवाई नियम विरुद्ध की गई. श्रीनिवास राव पर अपने पद का दुरूपयोग कर कमीशनखोरी करने की नियत से भारी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए वरिष्ठ वन अधिकारी के साथ उनके रिश्ते-नातेदार की चल-अचल संपत्ति की भी जांच कराने की मांग की है.

छत्तीसगढ़ में कितने पाकिस्तानी नागरिक! इनमें से अधिकांश हिंदू, राज्य में संपत्ति खरीदी, अब वापसी के अल्टीमेटम से डरे, 4 की हुई वापसी

रायपुर- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है. केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे यानी कि दो दिन के भीतर भारत देश छोड़ने का फरमान जारी किया है. इस आदेश के बाद रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में पाकिस्तानी नागरिकों में अफरा-तफरी मच गई है.

जानकारी के मुताबिक, हजारों पाकिस्तानी नागरिक रायपुर समेत पूरे प्रदेश में रह रहे हैं, जिसमें ज्यादातर हिंदू नागरिक हैं, जिन्हें भारत छोड़कर जाने में तकलीफ महसूस हो रही है. लेकिन सरकार के सख्त निर्देशों का पालन करते हुए अधिकारियों ने सभी नागरिकों को देश छोड़ने की हिदायत दी है. जानकारी ये भी सामने आ रही है कि कुछ पाकिस्तानी नागरिकों ने रायपुर समेत प्रदेशभर में संपत्ति खरीदकर बस चुके हैं, जिनके संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है.

हाल में आए चार पाक नागरिक वापस लौटे

सामाजिक कार्यों के लिए पाकिस्तान से तीन मुस्लिम महिलाएं समेत चार नागरिक रायपुर आए थे, जिनमें महिला समेत सभी लोग वापस पाकिस्तान लौट गए हैं, जिनकी जानकारी सूत्रों से पाई गई है. हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से पाकिस्तानी नागरिकों के नाम को उजागर नहीं किया गया है, लेकिन उन पर और उनसे जुड़े अन्य लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.

रायपुर समेत अन्य जिलों में बना लिया घर

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान से आए कई नागरिकों ने प्रदेशभर में जमीन और घरों को खरीदकर अपनी संपत्ति बना ली है. रायपुर के आर. सद्दू, विधानसभा, महावीर नगर, बोरियाकला और माना रोड पर अपना घर बना लिया है. जिसके बाद धीरे-धीरे भारत की नागरिकता भी ली जा रही है. इनमें कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें अब तक भारत की नागरिकता नहीं मिली है. ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है.

पाकिस्तानियों का नियमित वेरिफिकेशन

यहां रह रहे पाक नागरिकों का जिला विशेष शाखा तथा पासपोर्ट कार्यालय में बुलाकर वेरिफिकेशन कराने के साथ उनकी गतिविधियों की निगरानी करने का पुलिस अफसर दावा कर रहे हैं. अफसरों के अनुसार यहां रह रहे ज्यादातर पाक नागरिक बिजनेस वीज़ा में रह रहे हैं. बिजनेस वीज़ा में रह रहे ज्यादातर पाक नागरिकों ने अपना वीज़ा एक्सटेंड करा लिया है. रायपुर में रह रहे ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आकर यहां रह रहे हैं. लंबे समय से रह रहे कई पाकिस्तानी नागरिकों ने भारतीय नागरिकता ग्रहण कर ली है. रायपुर में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों में से ज्यादातर लोगों ने भारतीय नागरिकता हासिल करने आवेदन दिया है.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों को दिए निर्देश

पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार के पांच बड़े निर्णय और सख्ती को देखकर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज फिर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को स्पष्ट निर्देशित किया है कि सभी पाकिस्तानी नागरिकों को तय समय के अंदर ही वापस भेज दिया जाए. किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को तय समय से अधिक रुकने न दिया जाए.

इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का निर्देश मिला है. सभी राज्य इसका पालन करेंगे और पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा जा रहा है.

भीषण गर्मी के बीच स्कूलों में 1 मई से समर कैम्प का आदेश !

रायपुर- भीषण गर्मी और लू के चलते राज्य शासन ने जहां स्कूलों में आज से छुट्टियां घोषित कर दी हैं, वहीं 1 मई से स्कूलों में समर कैम्प लगाने का आदेश शिक्षा सचिव ने जारी किया है. हालांकि समर कैम्प स्वैच्छिक रखा गया है किन्तु बच्चों को बड़े संस्थानों का भ्रमण कराने की भी बात सचिव ने कही है. गर्मी में समर कैम्प और संस्थानों के भ्रमण को लेकर शिक्षकों और पालकों में तीखी प्रतिक्रिया है.

शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने समस्त कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी कर स्कूलों में 1 मई से 15 जून तक समर कैम्प आयोजित करने के आदेश दिए हैं. पत्र में कहा गया है कि समर कैम्प के जरिए बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न कर उनकी बहुमुखी प्रतिभा को विकसित किया जा सकता है. समर कैम्प स्कूलों अथवा गांव-शहर के सामुदायिक स्थानों में लगाने कहा गया है. समर कैम्प के लिए कला एवं अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया जा सकता है. इतना ही नहीं गांव एवं शहर से निकट के विभिन्न बड़े संस्थानों का भ्रमण कराने की भी बात शिक्षा सचिव ने कही है. समर कैम्प के लिए शिक्षकों एवं पालकों का सहयोग लिया जाएगा.

शिक्षा सचिव ने कहा है कि समर कैम्प स्वैच्छिक रहेगा तथा इसका समय सुबह 7.30 बजे से 9.30 बजे तक निर्धारित किया गया है. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि समर कैम्प के लिए शिक्षा विभाग की ओर से कोई बजट नहीं दिया जाएगा.

पाकिस्तानी हिंदुओं ने डिप्टी सीएम शर्मा से लगाई गुहार….उपमुख्यमंत्री बोले- आप पाकिस्तान पीड़ित, केंद्र से करेंगे बात…

रायपुर- पहलगाम हमले के बाद भारत की शरण लेने आए करीब 125 पाकिस्तानी हिंदुओं का जीवन अधर पर लटक रहा है. वे 22 अप्रैल को सिंध से भारत आए, इसी बीच सरकार ने पाकिस्तानियों को 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का आदेश जारी कर दिया. पाकिस्तानी हिंदुओं ने अब छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम शर्मा से मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई है.

रायपुर पहुंचे पाकिस्तानी हिंदुओं के एक समूह ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात कर अपनी परेशानियां बताई और मदद की गुहार लगाई है. जिसके बाद डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने उन्हें यह आश्वासन दिया है कि वे इन्हें आम पाकिस्तानी नागरिक नहीं, बल्कि “पाकिस्तान पीड़ित” मानते हैं और केंद्र सरकार से इनके स्थायी समाधान के लिए बात करेंगे. डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि सिंध से आए लोगों की आपबीती से पाकिस्तान में हिंदुओं की कठिन स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है.

इन पीड़ितों में शामिल सुखदेव लुंद, जो सिंध के घोटकी जिले के खानपुर के निवासी हैं, ने साफ कहा कि “हम लौटकर पाकिस्तान नहीं जाएंगे.” सुखदेव 45 दिन के विजिटर वीजा पर रायपुर के शदाणी दरबार पहुंचे हैं और उनके साथ परिवार के अलावा 24 लोगों का समूह भी है. 

सुखदेव ने बताया कि आतंकवादी हमलों और अत्याचारों से परेशान होकर वे भारत पहुंचे हैं और रायपुर में शरण की उम्मीद लगाए बैठे हैं. लेकिन आने के बाद बीते 48 घंटे में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सुखदेव ने बताया कि इससे पहले लगभग 100 अन्य पाकिस्तानी हिंदू भी रायपुर पहुंच चुके हैं. सभी ने भारत में स्थायी निवास की मांग की है, ताकि वे सुरक्षित जीवन जी सकें.