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35 वर्षों में पहली बार कश्मीर में आतंक के खिलाफ  ऐतिहासिक बंद

डेस्क:–जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के जवाब में बुधवार को पूरे कश्मीर में बंद और विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि देने और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश देने के लिए बंद बुलाया गया। यह पिछले 35 वर्षों में पहली बार हुआ, जब कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खिलाफ इस प्रकार का एकजुट और शांतिपूर्ण बंद देखा गया। समाज के हर तबके, व्यापारी, छात्र, सामाजिक संगठन, आम नागरिक ने सड़कों पर उतरकर इस बर्बरता की निंदा की।

कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों से जो पर्यटकीय रौनक लौटी थी, वह आज एकदम सन्नाटे में बदल गई। बंद दुकानों, खाली सड़कों और मातम में डूबी घाटी ने इस हमले की विभीषिका को बयां किया। यह हमला न केवल मानवीय त्रासदी है, बल्कि स्थानीय पर्यटन-आधारित अर्थव्यवस्था के लिए भी बड़ा झटका है, जो हाल के वर्षों में धीरे-धीरे गति पकड़ रही थी। हमले के बाद बड़ी संख्या में पर्यटक वापसी की राह पकड़ रहे हैं। उधमपुर स्थित शहीद कैप्टन तुषार महाजन रेलवे स्टेशन पर भी बड़ी संख्या में पर्यटक अपने घर लौटने की तैयारी में हैं। पर्यटकों का कहना है कि कश्मीर में डर का माहौल बना हुआ है, जिससे वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

इस स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन और उधमपुर प्रशासन ने पर्यटकों के लिए भोजन, ठहरने और अन्य मूलभूत सुविधाओं का प्रबंध किया है। इसके अलावा, पर्यटकों की सुरक्षित वापसी के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था भी की गई है, जिनके माध्यम से उन्हें उनके गृह राज्यों की ओर रवाना किया जा रहा है। बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई है और कई घायल हैं। घायलों का इलाज चल रहा है। मृतकों में एक विदेशी नागरिक भी शामिल है।
बीच सड़क पर लड़कियों का हाई वोल्टेज ड्रामा, खूब चलाए लात घूंसे, फिर एक ने किया कुछ ऐसा....

डेस्क:–सोशल मीडिया पर कब क्या वायरल हो जाए यह किसी को पता नहीं होता और न ही कोई शख्स इसका अंदाजा लगा सकता है। आज कल सोशल मीडिया पर कई अजीबो-गरीब वीडियो वायरल होते रहते हैं। इन वीडियो को देखकर कभी-कभी वाकई काफी हैरानी होती है। आपने सोशल मीडिया पर लोगों को अक्सर आपस में झगड़ते हुए देखा होगा। लोग एक दूसरे से आज कल कहीं भी झगड़ा करने लग जाते हैं। वह यह भी नहीं देखते हैं कि उनकी इस हरकत से आस-पास के लोगों को भी काफी परेशानी होती हैं। इस बार भी सोशल मीडिया पर कुछ इस तरह का एक वीडियो इस समय वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कुछ लड़कियों का ग्रुप आपस में झगड़ा करता हुआ दिखाई दे रहा है। वीडियो में कुछ लड़कियां आपस में झगड़ा कर रही हैं और एक दूसके पर लात-घूंसों की बरसात कर रही हैं। इसके बाद वीडियो में कुछ ऐसा होता है जिसको देखकर आप काफी हैरान रह जाएंगे। वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।

बता दें कि सोशल मीडिया पर लोगों के आपस में झगड़े का यह कोई पहला वीडियो नहीं है, बल्कि इससे पहले भी इसी तरह के कई वीडियो सोशल मीडिया पर अक्सर वायरल होते रहते हैं। इस वीडियो में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि रोड के साइड में दो लड़कियों का ग्रुप खड़ा हुआ है। वह सभी आपस में वीडियो में झगड़ा करती हुई दिखाई दे रही हैं। वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि लड़कियों में से 2 लड़कियां बुरी तरह आपस में भिड़ जाती हैं और एक दूसरे पर लात-घूंसों की बरसात कर देती हैं। वह एक दूसरे को बाल पकड़कर जमीन पर गिराने की कोशिश करती हैं।

इसी दौरान कुछ ऐसा होता है जिसको देखकर वहां मौजूद सभी लोग काफी हैरान हो जाते हैं। वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि दोनों लड़कियां जब आपस में झगड़ा कर रही होती हैं तो उनमें से एक लड़की दूसरी लड़की को जोर से धक्का देती है। धक्का देने की वजह से पहली लड़की सीधा जाकर नाली में गिर जाती है। वहां मौजूद लोग इस तमाशे को पुतले बनकर देखते रह जाते हैं।

सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो पर कई लोगों ने कमेंट करके अपनी-अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। वीडियो को नाम के अकाउंट से सोशल मीडिया के एक्स पर शेयर किया गया है। वीडियो पर एक सोशल मीडिया यूजर ने कमेंट करके लिखा है कि-इस पूरे मामले में गलती वहां मौजूद लोगों की है, जो तमाशबीन बनकर ये सबकुछ देखें जा रहे हैं। दूसरे यूजर ने वीडियो पर कमेंट करके लिखा है कि-इस तरह से लड़ाई तो हम लड़के भी नहीं करते हैं। वहीं तीसरे यूजर ने वीडियो पर कमेंट किया है कि-इस वीडियो को देखने के बाद लिखा कि सारी दुनिया का बुरा हाल है, सब गुस्से से भरे हुए हैं, किसी में धैर्य नहीं है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को देखकर लोग काफी हैरान रह गए हैं।

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पहलगाम पहुंचने के लिए आतंकियों ने एक खास ऐप का इस्तेमाल किया, आखिर कौन सा है ये ऐप और कैसे करता है काम? चलिए जानते हैं

डेस्क:–जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए ‘नरसंहार’ के तार पाकिस्तान से जुड़ते नजर आ रहे हैं, दहशत फैलाने के लिए आतंकियों ने 26 बेगुनाह लोगों को गोली का निशाना बनाते हुए मौत के घाट उतार दिया. अब पहलगाम अटैक से जुड़ी नई जानकारी सामने आई है जिससे इस बात का पता चला है कि बेगुनाह लोगों को मौत के घाट उतारने वाले ये आतंकी लोकेशन के लिए आखिर किस ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे?

अगर आपको भी ऐसा लगता है कि आतंकी लोकेशन और नेविगेशन के लिए गूगल मैप्स का इस्तेमाल करते होंगे तो ऐसा नहीं है, पहलगाम में मासूम लोगों को मौत के घाट उतारने वाले आतंकियों ने पहलगाम तक पहुंचने के लिए अल्पाइन क्वेस्ट एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया है. क्या है ये ऐप और कैसे करता है काम? चलिए समझते हैं.

*Alpine Quest App बना आतंकियों का सहारा*

इस मोबाइल ऐप की खास बात यह है कि ये ऐप जीरो मोबाइल कनेक्टिविटी वाले एरिया में भी आतंकियों का सहारा बनता है. आतंकियों को इस बात का डर रहता है कि ओवरग्राउंड वर्कर्स जानकारी को लीक कर सकते हैं इसलिए आतंकी अब बिना ओवरग्राउंड वर्कर्स की मदद के नेविगेशन के लिए इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं. कठुआ आतंकी हमला हो या फिर बाकी आतंकी हमले, आतंकियों ने इस ऐप को लोकेशन के लिए इस्तेमाल किया है.

आतंकियों को ISI की सरपरस्ती में इस ऐप की ट्रेनिंग पाकिस्तान में दी जाती है. इस ऐप के माध्यम से ही जंगल मे मौजूद आतंकी ग्रुप एक-दूसरे से संपर्क में रहते हैं. जांच एजेंसी ने 2024 में इस बात की जानकारी दी थी कि जम्मू में पिछले कुछ सालों में जितने भी आतंकी हमले हुए उस सभी में इसी ऐप का इस्तेमाल हुआ है. ये ऐप आंकियों को घने जंगलों में नदी-नाले और पहाड़ी गुफाओ की क्लियर लोकेशन बताता है.

अल्पाइन क्वेस्ट ऑस्ट्रेलियाई ऐप है जिसका इस्तेमाल ट्रेकर्स एक से दूसरी जगह जाने के लिए करते हैं. लेकिन आतंकियों को इस ऐप का ऑफलाइन वर्जन दिया जाता है जिसमें सीआरपीएफ कैंपों और बैरिकेड्स जैसी जगह पहले से ही ऐप में जोड़ी जाती है. इस ऐप का दो तरीकों से इस्तेमाल किया जाता है, पहला तरीका तो ऐप में फीड डेटा के जरिए लोकेशन का पता लगाना और दूसरा तरीका आतंकियों द्वारा लोकेशन और डेटा फीड के जरिए दूसरे आतंकी नेविगेशन का इस्तेमाल करते हैं.
गुरुग्राम में बाइकर्स पर दबंगों का कहर, बाइकर्स से की गुंडागर्दी, लाखों की बाइक तोड़ी


डेस्क:–आज कल सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो आए दिन वायरल होते रहते हैं जहां लोग एक दूसरे से बुरी तरह मारपीट औक लड़ाई-झगड़ा करते हुए दिखाई देते हैं। इन झगड़ों में लोग एक दूसरे की जान का जरा भी ख्याल नहीं करते हैं। वह एक दूसरे की जान के दुश्मन बन जाते हैं। ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया पर भरे पड़े हैं जिसमें लोग बीच सड़क पर, मेट्रो में या अन्य किसी पब्लिक जगह पर लड़ाई करते हुए दिखाई देते है। इस बार भी सोशल मीडिया से एक ऐसा ही मामला इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। यह मामला दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम का बताया जा रहा है। जहां कुछ दबंगों का आतंक इस कदर फैल चुका है कि उन्हें पुलिस और कानून का जरा भी डर या खौफ नहीं है। इस वायरल वीडियो में भी कुछ ऐसा ही नजारा साफ नजर आ रहा है जहां कुछ दबंग सरेआम बाइक सवार कुछ युवकों के साथ मारपीट करते हैं। वह युवक उन्हें रोकने की काफी कोशिश करते हैं लेकिन वह उनकी एक नहीं सुनते। इतना ही नहीं आरोपी युवकों की लाखों की बाइक को भी बेसबॉल के डंडे से चकनाचूर कर देते हैं।

जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला बीते रविवार का बताया जा रहा है। 11 बाइकर्स एंबिएंस मॉल साइबर सिटी से पंचगांव की ओर नाश्ता करने के लिए अपनी-अपनी बाइक पर निकले थे। द्वारका एक्सप्रेस-वे पर रैश ड्राइविंग करने पर बाइकर्स ग्रुप और स्कॉपियो सवार युवकों की आपस में बहस होने लगी। इसी दौरान स्कॉपियो सवार युवकों ने उनकी बाइक को जानबूझ कर टक्कर मार दी। इसके बाद द्वारका एक्सप्रेस-वे पर स्कॉपियो सवार युवकों ने बाइकर्स पर हमला बोल दिया। इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि- काले रंग की कार में सवार चार लोग सवार हैं वह बाइक सवार युवकों के साथ गाली-गलौज और जमकर मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद स्कॉपियो सवार युवक अपनी कार से बाहर आते हैं और बाइक सवार युवकों के साथ मारपीट करते हैं और उनकी बाइक को बेसबॉल बैट से तोड़ते हैं।

इस वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि युवक आरोपियों से कह रहा है सॉरी भइया…सॉरी भइया। लेकिन आरोपी युवक उसकी एक नहीं सुन रहे हैं। यह सारी घटना युवक की बाइक पर लगे 360 कैमरे में कैद हो जाती है। दूसरी तरफ से भी एक वीडियो किसी ने बनाई है, जिसमें स्कॉपियो सवार युवक बेसबॉल बेट से बाइक तोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस पूरी घटना में एक युवक गंभीर रूप से घायल भी हो गया है। आरोपीयों ने उसकी 11 लाख रुपये की भी महंगी बाइक तोड़ दी। घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी युवक मौके से फरार हो गए। गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले को लेकर सेक्टर 37 थाने में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने आरोपी युवकों के खिलाफ मारपीट और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों की पहचान हो गई है और उनकी तलाश जारी है। गाड़ी का नंबर मिल गया है. पुलिस की टीम रेड कर रही हैं और सभी की गिरफ्तारी होगी।
itel  A95 5G फोन AI-संचालित और प्रीमियम लुक के साथ मार्केट में हुआ लॉन्च  

डेस्क:–टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हो रहे लगातार इनोवेशंस के इस युग में स्मार्टफोन उपभोक्ता ऐसे फ़ोन की तलाश में रहता है  जो उनके स्मार्टफोन को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तो इक्कीस रखे ही , साथ ही वो दिखने में  मजबूत और स्टाइलिश भी हो। उसका फ़ोन मल्टीटास्किंग में सक्षम हो , कहीं हैंग न हो, फ़ोन का  डिसप्ले शानदार हो,  फ़ोन की बैटरी लम्बी चलने वाली हो, वो एआई इनेबल्ड हो , 5 जी इनेबल्ड हो , उसका कैमरा शानदार हो , रिफ्रेश रेट में उत्तम हो-  जैसे कई फीचर्स हैं जो एक उपभोक्ता स्मार्टफोन खरीदते वक्त देखता है। कंपनियां भी उसकी इसी मांग को पूरा करने में जुटी हुई हैं और उसके  समक्ष स्मार्टफोन में  डिमांड्स से भी ज्यादा फीचर्स परोस रही हैं। itel  का नया  A95 5G  स्मार्टफोन इसी प्रयास का परिणाम है, जो उपभोक्तओं को भर -भर कर फीचर्स प्रदान कर रहा है।

itel का नया A95 5G स्मार्टफोन  उन उपभोक्ताओं के लिए डिज़ाइन किया गया है जो एक प्रीमियम स्मार्टफोन की तलाश में हैं, जिसमें शानदार डिज़ाइन और अत्याधुनिक फीचर्स का अनूठा संयोजन हो । शक्तिशाली AI-ड्रिवन अनुभवों के साथ itel का नया A95 5G स्मार्टफोन उपयोगकर्ता के दैनिक कार्यों को अधिक सरल और सहज बनाता है। दिखने में यह स्मार्टफोन मजबूत और एलिगेंट  है जो एक प्रीमियम लुक देता है। A95 5G IP54-रेटेड है जो धूल और पानी प्रतिरोधी है और स्क्रीन सुरक्षा के लिए इसमें पांडा MN228 ग्लास लगा है। फोन  D6300 (6nm) चिपसेट से युक्त है और  AI-संचालित - Ask AI ( Aivana) फीचर से युक्त है। भविष्य-प्रूफ कनेक्टिविटी के लिए A95 5G कई SA और NSA 5G बैंड को सपोर्ट  करता है। रिस्पॉन्सिव अनुभव के लिए यह स्मार्टफोन  120Hz रिफ्रेश रेट + 240Hz टच सैंपलिंग रेट को सपोर्ट करता है।

A95 5G स्मार्टफोन  7.8 मिमी पतला लेकिन मज़बूत लुक के साथ आता है जो एक प्रीमियम फील बनाए रखता है।  कई घरेलू उपकरणों को नियंत्रित करने के लिए इस  स्मार्टफोन  से इन्फ्रारेड रिमोट की तरह भी काम लिया जा सकता है । यह फ़ोन एआई चार्जिंग सुरक्षा  से भी युक्त है जो इसे इंटेलिजेंट चार्जिंग प्रबंधन (जो बैटरी स्वास्थ्य को अनुकूलित करता है) चार्जिंग चक्रों के दौरान बैटरी की सुरक्षा करते हुए इसे लम्बे समय तक चलने में सक्षम बनाती है। सुचारू मल्टीटास्किंग के लिए itel का A95 5G स्मार्टफोन  LPDDR4X RAM + UFS 2.2 स्टोरेज से युक्त है। इस स्मार्टफोन का 12GB (6+6) RAM + 128GB ROM - 8GB(4GB+4GB) संस्करण भी उपलब्ध है और यह स्मार्टफोन Android 14 को सपोर्ट करता है। स्मार्टफ़ोन में  6.67" HD+ IPS पंच-होल डिस्प्ले है  और 480 निट्स ब्राइटनेस है, जो एक जीवंत लुक + डायनामिक बार देता है। यह स्मार्टफोन पूरे दिन चलने वाली 5000mAh की बैटरी से युक्त है। 18W फ़ास्ट चार्जिंग सपोर्ट (बॉक्स के अंदर 10W चार्जर)। स्मार्टफोन में AI-एन्हांस्ड कैमरा है। प्राइम कैमरा 50MP का है और फ्रंट कैमरा 8MP का है। अलग-अलग कैमरा मोड - स्काई शॉप, डुअल वीडियो, व्लॉग मोड उपभोक्ता को व्यापक विकल्प प्रदान करता है। इसके इलावा स्थिर इंटरनेट स्पीड के लिए डुअल-बैंड WiFi (2.4GHz + 5GHz) का फीचर और  त्वरित और सुरक्षित पहुँच के लिए साइड फिंगरप्रिंट सेंसर जैसे फीचर मिलते हैं ।

अलीगढ़ के सास-दामाद की लव स्टोरी में आया नया ट्विस्ट,पति से परेशान सास

डेस्क:–अलीगढ़ से अपने दामाद के साथ फरार हुई सास के बारे में तो सभी लोग जानते हैं। लेकिन अब इस मामले एक और नया मोट आया है। कुछ दिन पहले अलीगढ़ में अपने दामाद राहुल के साथ अनीता देवी फरार हो गई थी। इस घटना के बाद पुलिस दोनों की तलाश में जुट गई। फिलहाल अब दोनों पुलिस की गिरफ्त में हैं। अपने दामाद राहुल को लेकर सास अनीता देवी ने कई बड़े खुलासे किए हैं। अनीता देवी ने पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में बताया कि आगे दोनों की क्या प्लानिंग है, अनीता देवी ने इस बात का भी खुलासा किया कि दोनों शादी करेंगे या नहीं। बता दें कि सास-दामाद लव स्टोरी में पुलिस की तफ्तीश अभी जारी है और सास के साथ फरार दामाद राहुल फिलहाल मडराक थाने में पुलिस की गिरफ्त में है और सास अनीता देवी को वन स्टॉप सेंटर पर रखा गया है। पुलिस के अनुसाक दोनों के अलग रखकर इस घटना को लेकर पूछताछ की जा रही है। दोनों का कहना है कि-उन्होंने कोई गलती नहीं की और वो दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं।

जानें क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार दादों थानाक्षेत्र के मछरिया गांव निवासी राहुल कुमार की शादी 16 अप्रैल 2025 को मडराक निवासी शिवानी संग तय हुई थी। लेकिन शादी के कुछ समय पहले ही यानी 6 अप्रैल को घर का होने वाला दामाद राहुल अपनी होने वाली सास के साथ फरार हो गया। दोनों के फरार होने की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। दोनों के परिवारों ने थाने में उनकी गुमशुदगी की शिकायत भी दर्ज कराई थी। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस दोनों की तलाश में जुट गई। इस घटना के 10 दिन बाद दोनों ने खुद को थाने में आखर सरेंडर कर दिया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि दोनों सास और दामाद इस बात को जान गए थे कि पुलिस को उनकी लोकेशन का पता चल गया है। इसके बाद पुलिस ने दोनों के गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि दामाद राहुल को पुलिस ने उसी दिन गिरफ्तार किया जिस दिन उसकी शादी तय हुई थी।

अपने रिश्ते को लेकर सास ने किए कई बड़े खुलासे

दोनों की गिरफ्तारी के बाद उनके परिवार वालों को सूचित किया गया। लेकिन सास अनीता देवी के घर से कोई शख्स थाने नहीं आया और न ही राहुल का कोई परिजन पुलिस स्टेशन पहुंचा है। इस मामले को लेकर जब पुलिस ने दोनों से पूछताछ की तो सास अनीता देवी ने बताया कि- मैं वापस अपने पति के पास नहीं जाना चाहती हूं। मैं उससे काफी परेशान हो गई हूं। यही वजह है कि मैं राहुल के साथ भागी थी। अब मैं राहुल को अपना पति मानती हूं और उसी के साथ उम्रभर रहना चाहती हूं। अनीता देवी ने आगे कहा कि-राहुल से शादी नहीं होगी, तब भी मैं उसके साथ ही रहूंगी। हम दोनों ने काफी पहले ही सोच लिया था कि हम जहां भी रहेंगे एक साथ ही रहेंगे। अनीता देवी के दामाद राहुल ने इस मामले में कहा कि- अनीता देवी के घरवालों उन्हें काफी परेशान करते थे। मैंने तो बस हमदर्द बनकर इनकी मदद करने की कोशिश है। राहुल ने आगे कहा कि वह अनीता देवी को अपनी पत्नी बनाने के लिए भी तैयार है।
सोशल मीडिया पर एक हैरान करने वाला वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक 70 साल के बुजुर्ग ने रचाई 20 साल की लड़की से शादी

डेस्क:–सोशल मीडिया पर आज कल कई अजीबो-गरीब वीडियो वायरल होते रहते हैं। सोशल मीडिया पर आज कल शादियों के कई वीडियो वायरल होते रहते हैं। ये वीडियो वाकई लोगों को कभी-कभी काफी हैरान कर देते हैं। इन शादियों में जा तो कुछ लोग डांस करते हुए नजर आते हैं या कुछ लोग बुरी तरह खाना खाते हुए नजर आते हैं। या फिर कुछ लोग एक दूसरे से झगड़ते हुए दिखाई देते हैं। लेकिन कुछ वीडियो ऐसे भी होते हैं जिनको देखकर हम अपनी आंखों पर विश्वास नहीं कर पाते हैं। इस बार भी सोशल मीडिया पर इसी तरह का एक वीडियो इस समय वायरल हो रहा है जिसको देखकर आपका सिर भी चकरा जाएगा। आम शादियों में लोग एक दूसरे के हमउम्र के साथ शादी करते हैं, लेकिन इस वायरल वीडियो में एक लड़की एक 70 साल के बुजुर्ग के साथ शादी करते हुए दिखाई दे रही है। वीडियो में दोनों एक दूसरे के साथ शादी के मंडप में बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं और शादी की रस्में भी होती हुई दिखाई दे रही है। वीडियो जब से लोगों के बीच वायरल हुआ है तब से यह चर्चा का विषय बन गया है।

जानकारी के लिए बता दें कि इस तरह की शादी का यह कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि इस तरह की शादी के कई वीडियो सोशल मीडिया पर अक्सर वायरल होते रहते हैं। लेकिन उनमें बस फर्क सिर्फ इतना होता है कि उन वीडियो में लोग डांस करते हुए, एक दूसरे के साथ झगड़ते हुए या फिर कुछ न कुछ अजीबो-गरीब हरकत करते हुए दिखाई देते हैं। यह वीडियो उन बाकी वीडियो से इसलिए अलग है क्योंकि इस वीडियो में लड़की के साथ कोई लड़का नहीं बल्कि एक 70 साल का बुजुर्ग है। वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि मंडप में दूल्हा-दुल्हन बैठे हुए हैं। लेकिन लड़की की जिसके साथ शादी हो रही है वह एक 70 साल का बुजुर्ग है। वीडियो में दोनों ने सरहा पहना हुआ है और लगभग दोनों इस शादी से खुश ही दिखाई दे रहे हैं। दुल्हन इस दौरान दूल्हे की तरफ देखकर मंद-मंद मुस्कुराना शुरू कर देती है। दुल्हन को मुस्कुराते हुए देखकर शादी के मंडप में पूरा माहौल ही बदल जाता है।

सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो को सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम पर नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है। वीडियो को काफी लोग देख चुके हैं और कई लोगों ने वीडियो पर कमेंट करके अपनी-अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। वीडियो पर एक यूजर ने कमेंट करके लिखा है कि-जहर दे दो मुझे। दूसरे यूजर ने वीडियो पर कमेंट किया है कि-माँ बाप को नहीं दिखता, या लड़की को नहीं दिखता कि दादा हो कर पोती से शादी कर रहा है। इसके अलावा और भी कई लोग वीडियो पर बड़े ही मजेदार कमेंट कर रहे हैं। वीडियो लाखों बार देखा जा चुका है और तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि, साफ कर दें कि वीडियो किसी प्रैंक का हिस्सा भी हो सकता है।

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मेरठ में फिर हुआ मुस्कान जैसा कांड, बीवी ने प्रेमी संग मिलकर की पति की हत्या, कैसे हुआ खुलासा

डेस्क:–उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक ऐसी दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जिसने रिश्तों की नींव, भरोसे और इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। प्यार में पागल एक महिला ने प्रेमी संग मिलकर अपने पति की बेरहमी से हत्या की और फिर ऐसा झूठ रचा जिसे जानकर रूह कांप उठे। हत्या के बाद कहानी में एंट्री होती है ज़हरीले सांप की। जिसे हथियार बनाकर सच को छुपाने की नाकाम कोशिश की गई।

आपको बता दें कि मेरठ जिले के बहसूमा थाना क्षेत्र के अकबरपुर सादात गांव में रहने वाले अमित उर्फ मिक्की की मौत को पहले सांप के काटने का हादसा बताया गया। गांव में अफवाह फैली कि एक ज़हरीले सांप ने अमित को काट लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। लेकिन जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई, तो मामले की परतें एक-एक कर खुलती चली गईं।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ हुआ कि अमित की मौत सांप के ज़हर से नहीं, गला दबाने से हुई थी। यहीं से शक की सुई घूमी पत्नी रविता की ओर। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो रविता ने जो कहानी बताई, वो हैरान कर देने वाली थी।

हत्या के लिए खरीदा गया सांप!

पति की हत्या को एक्सीडेंट दिखाने के लिए रविता ने अपने प्रेमी अमरदीप के साथ मिलकर साजिश रची। आरोप है कि दोनों ने एक सपेरे से ₹1000 में ज़हरीला वाइपर सांप खरीदा और अमित की लाश के पास उसे छोड़ दिया। सांप ने शव को करीब 10 बार काटा, ताकि लगे कि मौत सांप के डसने से हुई है। रविता ने गांव में भी यही कहानी फैलाई।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस ने जब दोबारा से पूछताछ की, तो रविता टूट गई और सब कुछ उगल दिया। उसने कुबूल किया कि पति की हत्या में उसका प्रेमी अमरदीप शामिल था, और दोनों ने मिलकर इस गुनाह की योजना बनाई थी। फिलहाल, दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है और हत्या व साजिश की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

रूह अफ़ज़ा बनाने वाले हकीम अब्दुल हमीद की दवा कैसे बनी शरबत? जानिए, इसकी पूरी कहानी

डेस्क:–योगगुरु रामदेव के बयान से रूह अफ़ज़ा एक बार फिर चर्चा में आ गया है. बाबा ने इसे पीने वालों को सचेत किया है. अब जब रूह अफ़ज़ा बीच बहस में है , तो उसका इतिहास भी खंगाला जा रहा. वो हकीम हफीज़ अब्दुल मजीद याद किए जा रहे हैं , जिन्होंने 1907 की गर्मी में डिहाइड्रेशन से जूझते अपने मरीजों के लिए फल, जड़ी-बूटियों, गुलाब, केवड़े और खसखस के मेल से एक गाढ़ा लाल सिरप तैयार किया. जानिए, इसकी पूरी कहानी.

तपिश में सुकून देने वाला रूहअफ़ज़ा फिलहाल बाबा रामदेव के बयान की गर्मी की चपेट में है. जुबां को मिठास का लुत्फ़ और शरीर को तरावट देने वाले एक सदी से पुराने इस शरबत की आमदनी के इस्तेमाल पर बाबा ने सवाल किए हैं. बेशक उन्होंने नाम नहीं लिया लेकिन निशाना कहां है , इसे समझने में लोगों को देर नहीं लगी. मंदिर-मस्जिद के नुस्खे राजनीति में खूब असर दिखाते रहे हैं. अब व्यापार में भी इन्हें आजमाया जा रहा है. बाबा ने इसे पीने वालों को सचेत किया है. अब जब रूह अफ़ज़ा बीच बहस में है , तो उसका इतिहास भी खंगाला जा रहा. वो हकीम हफीज़ अब्दुल मजीद याद किए जा रहे हैं , जिन्होंने 1907 की गर्मी में डिहाइड्रेशन से जूझते अपने मरीजों के लिए फल, जड़ी-बूटियों, गुलाब, केवड़े और खसखस के मेल से एक गाढ़ा लाल सिरप तैयार किया. जो आगे चलकर तमाम घरों के किचन और डाइनिंग टेबल की जरूरत बन गया.

इस पेय को लोकप्रियता की बुलंदियों पर पहुंचाने वाले हाफ़िज़ पद्मभूषण हकीम अब्दुल हमीद की खासतौर पर चर्चा हो रही है, जिनका नाम यूनानी चिकित्सा प्रणाली की पढ़ाई और रिसर्च के साथ ही शिक्षा के प्रसार और समाज कल्याण से जुड़ी अनेक संस्थाओं के साथ जुड़ा हुआ है. पढ़िए, रूह अफ़ज़ा और उसे तमाम आबादी की पसंद बनाने वाले हकीम अब्दुल हमीद की कोशिशों के किस्से.

मरीजों की एक दवा जो बन गई शरबत

1906 में दिल्ली के लाल कुआं बाजार में हकीम हफीज अब्दुल मजीद ने हमदर्द नाम से दवाखाना खोला था. गर्मी से बेहाल मरीज शरीर में पानी की कमी के चलते सुस्ती-कमजोरी की शिकायत लेकर पहुंचते थे. यूनानी पद्धति से इलाज करने वाले हकीम ने ऐसे नुस्खे पर काम करना शुरू किया जो शरीर को ठंडक और पोषण दोनों दे. हकीम को जल्द ही कामयाबी मिली. फल जड़ी-बूटियों, गुलाब, केवड़ा और खसखस जैसी चीजों को मिलाकर तैयार सिरप उनके मरीजों के शरीर और मन दोनों को खूब भाया. हकीम मजीद का भी हौसला बढ़ा. उन्होंने इसे रूह अफ़ज़ा नाम दिया. रूह यानि आत्मा और अफ़ज़ा मतलब ताजगी देने वाला. 1907 में यह दवा थी. धीरे-धीरे यह शरबत बन गर्मी के मौसम में तमाम घर और परिवारों की की जरूरत बन गई. चौदह साल की उम्र में संभाली जिम्मेदारी

1922 में हकीम अब्दुल मजीद का निधन हुआ. लेकिन उस वक्त तक उनका डेढ़ दशक पहले शुरू हुआ छोटा सा हमदर्द दवाखाना रूह अफ़ज़ा की बदौलत काफी विस्तार हासिल कर चुका था. 1910 में रूह अफजा को बोतल में मार्केटिंग के लिए बंबई में रंग-बिरंगा लेबल तैयार कराया गया.

दिलचस्प है कि रूह अफ़ज़ा ने अपने लंबे सफ़र में अपने स्वाद के साथ ही इस लेबल को भी बरकार रखा है. 1908 में हकीम अब्दुल हमीद का जन्म हुआ. पिता अब्दुल मजीद के निधन के समय उम्र सिर्फ 14 साल के थे. लेकिन कम उम्र में ही उन्होंने मां राबिया बेगम के साथ हमदर्द कंपनी की जिम्मेदारी संभाल ली. आगे उनके छोटे भाई मोहम्मद सईद भी कारोबार में साथ जुड़ गए.

देश बंटा-परिवार बंटा

1947 में देश के विभाजन के साथ हकीम अब्दुल हमीद का परिवार भी विभाजित हुआ. छोटे भाई मोहम्मद सईद ने पाकिस्तान चुना. बड़े भाई हकीम अब्दुल हमीद भारत में ही रहे. लेकिन परिवार के बिखराव ने हमदर्द और रूह अफ़ज़ा की तरक्की में कोई रुकावट नहीं पैदा की. अब्दुल हमीद भारत में इसके विस्तार में लगातार कामयाब रहे. दूसरी ओर मोहम्मद सईद ने पाकिस्तान में रूह अफ़ज़ा का उत्पादन शुरू वहां भी इसे लोकप्रिय बना दिया. 1971 में बांग्लादेश के निर्माण के बाद वहां भी रूह अफ़ज़ा

का उत्पादन शुरू हो गया. फिलहाल रूह अफ़ज़ा की पहुंच चालीस देशों तक है. दो चम्मच रूह अफज़ा सिर्फ पानी में मिलाकर शरबत के तौर पर ही नहीं दूध, लस्सी, कुल्फी-फालूदा में घुल उन्हें खास लज्जत दे देता है. बाजार में तमाम विकल्पों के बीच भी रूह अफ़ज़ा का जलवा बरकरार है.

सिर्फ कारोबार नहीं , तमाम नेक कोशिशों से जुड़ाव

हमदर्द के जरिए कारोबार की दुनिया में मुकाम हासिल करने वाले हकीम अब्दुल हमीद का ध्यान मुस्लिम समाज के बड़े हिस्से में तालीम की कमी और गरीबी की ओर भी रहा. उन्हें जरूरी लगा कि इस दिशा में कुछ ठोस काम किया जाए. दिल्ली का भीड़ भरा आज का संगम बिहार उन दिनों जंगल हुआ करता था. हकीम हमीद ने उसी दौर में बड़ी जमीन खरीदी. इसी भूमि पर हमदर्द एजुकेशन सोसाइटी के सफर की शुरुआत हुई और फिर इस कैंपस को तालीमाबाद नाम मिला.

हमदर्द एजुकेशन सोसाइटी यहां से कई स्कूल, कोचिंग सेंटर और हमदर्द स्टडी सर्किल चलाती है. सोसाइटी मुख्य रूप से अल्पसंख्यकों की शिक्षा और कल्याणकारी उपायों के लिए काम करती है. हकीम अब्दुल हमीद को हमदर्द चैरिटेबल ट्रस्ट और हमदर्द नेशनल फाउंडेशन की स्थापना का भी श्रेय प्राप्त है. उन्होंने अपनी मां राबिया बेगम की याद में बालिकाओं की पढ़ाई के लिए राबिया गर्ल्स पब्लिक स्कूल की भी स्थापना की. एलोपैथी के विस्तार के बीच भी यूनानी चिकित्सा पद्धति को बचाए रखने के लिए उन्होंने जामिया के फार्मेसी कॉलेज की स्थापना भी की.

हकीम अब्दुल हमीद का निजी जीवन सादगी से भरपूर था. हमदर्द की कामयाबी की लगातार कोशिशों के बीच वे तमाम संस्थाओं के जरिए खासतौर पर पिछड़े अल्पसंख्यकों की बेहतरी की कोशिशों में लगे रहे. जो लोग उनके सीधे संपर्क में रहे, वे उनकी विनम्रता से प्रभावित रहे. समाज के लिए उनके योगदान को सरकार ने भी सम्मान दिया. वे पद्मश्री और पद्मभूषण से भी अलंकृत किए गए. उनके प्रशंसकों की लंबी सूची में राजीव गांधी भी शामिल थे. जामिया हमदर्द के एक दीक्षांत एपीजे अब्दुल कलाम ने मजरूह सुल्तानपुरी का मशहूर शेर दोहराते हुए उनके प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया था,” मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर, लोग मिलते गए और कारवां बन गया.

लखनऊ में खस्ताहाल सड़कों से जनता परेशान

डेस्क:–राजधानी लखनऊ की सड़कों पर हाल के दिनों में हो रही सड़क धंसने की घटनाओं ने शहरवासियों को चिंता और दहशत में डाल दिया है। ताजा मामला हजरतगंज स्थित सहारागंज मॉल के सामने सामने आया, जहां आज अचानक सड़क का एक हिस्सा धंस गया। यह घटना शहर में सड़क सुरक्षा और निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

सहारागंज मॉल के पास सड़क धंसने से इलाके में यातायात प्रभावित हुआ। गनीमत यह रही कि हादसे के वक्त कोई वाहन या राहगीर मौजूद नहीं था, अन्यथा एक बड़ा हादसा हो सकता था। सड़क के धंसे हुए हिस्से में गहरा गड्ढा बन गया है, जिससे नीचे की मिट्टी और पाइपलाइनें स्पष्ट रूप से दिख रही हैं। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर इलाके को बैरिकेड कर दिया और यातायात को डायवर्ट कर दिया।

इस घटना ने लखनऊवासियों को कुछ दिन पहले विकास नगर में हुई सड़क धंसने की घटना की याद दिला दी, जब इलाके में सड़क तीन बार धंसी थी। उस समय घटिया निर्माण सामग्री और लापरवाह निर्माण कार्य को कारण बताया गया था। नगर निगम ने उस घटना के बाद मरम्मत कार्य किया था, लेकिन ताजा हादसे ने मरम्मत की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग इस बार भी निर्माण सामग्री और कार्यशैली में खामियों का आरोप लगा रहे हैं।

इसके अलावा, कुछ समय पहले लखनऊ विश्वविद्यालय रोड पर भी इसी तरह की घटना सामने आई थी, जिसमें व्यस्त समय के दौरान सड़क का एक हिस्सा धंसने से लंबा जाम लग गया था और छात्रों व शिक्षकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। हालांकि, मरम्मत कार्य के बाद भी ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं, जिससे शहर की सड़कों की गुणवत्ता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

शहरवासियों का कहना है कि नगर निगम और अन्य संबंधित विभागों द्वारा सड़कों के निर्माण और रखरखाव में लापरवाही बरती जा रही है। उनके मुताबिक, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता है, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके और शहरवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।