मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद यूसुफ पठान पर बढ़ा विवाद, क्यों नाखुश है तृणमूल?
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वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा हुई थी। बीते दिनों हुई हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण है। भाजपा इस हिंसा के लिए लगातार सीएम ममता बनर्जी पर हमलावर है। वहीं, ममता बनर्जी समेत तृणमूल कांग्रेस के कई नेता भाजपा पर हिंसा को भड़काने का आरोप लगा रहे हैं। इस बीच मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर बहरामपुर सीट से सांसद यूसुफ पठान की भी काफी आलोचना हो रही है। दरअसल, सांसद यूसुफ पठान की अनुपस्थिति ने तृणमूल के भीतर नाराजगी पैदा की है। टीएमसी के अंदर ही उनका विरोध हो रहा है।
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मुर्शिदाबाद हिंसा में तीन लोगों की जान चली गई है और 270 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं। वहीं यूसुफ पठान ने हिंसा के समय चाय पीते हुए तस्वीरें पोस्ट करके लोगों के गुस्से को बढ़ा दिया है। पठान ने इंस्टाग्राम पर चाय पीते हुए तस्वीरें पोस्ट की। उन्होंने लिखा कि आसान दोपहर अच्छी चाय और शांत वातावरण। बस पल का आनंद ले रहा हूं। उनकी इस पोस्ट से हंगामा मच गया। 42 वर्षीय क्रिकेटर से नेता बने पठान विपक्ष के निशाने पर आ गए।
बीजेपी के साथ टीएमसी में भी विरोध
बीजेपी ने मौके को भुनाते हुए सत्तारूढ़ टीएमसी पर तीखा हमला बोला। पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, टीएमसी नेताओं की शह में बंगाल जल रहा है, लेकिन टीएमसी सांसद यूसुफ पठान चाय पीते हुए व्यस्त हैं, जब हिंदू मारे जा रहे हैं। यही टीएमसी का असली चेहरा है।
इस पूरे मामले में बीजेपी जहां सवाल उठा रही है, वहीं टीएमसी के कुछ नेता सीधे पठान के विरोध में उतर आए हैं। टीएमसी नेताओं में गुस्से का आलम यह है कि एक विधायक ने पठान को अगले चुनाव में पार्टी से टिकट न देने की गुजारिश की है।
वह बाहरी हैं और राजनीति में नए हैं- अबू ताहिर
इधर, सत्तारूढ़ पार्टी ने दंगा प्रभावित इलाकों में कई शांति बैठकें की हैं। इन बैठकों में जिले के दो अन्य सांसद- मुर्शिदाबाद के सांसद अबू ताहिर खान और जंगीपुर के सांसद खलीलुर्रहमान और स्थानीय पार्टी के विधायक शामिल हुए। अबू ताहिर ने कहा कि वह (यूसुफ पठान) बाहरी हैं और राजनीति में नए हैं। उन्होंने अब तक दूर रहने का फैसला किया। लेकिन इससे लोगों को गलत संदेश जाता है। हमारे सांसद, विधायक और यहां तक कि बूथ कार्यकर्ता भी लोगों तक पहुंच रहे हैं। अबू ताहिर ने यह भी कहा कि शमशेरगंज में एक शांति बैठक थी। मैं वहां पहुंचने के लिए 100 किलोमीटर तक गया। सांसद खलीलुर्रहमान और कई टीएमसी विधायक भी वहां मौजूद थे। लेकिन वह अनुपस्थित थे। कोई यह नहीं कह सकता कि यह मेरा इलाका नहीं है और ये मेरे लोग नहीं हैं, इसलिए मैं नहीं जाऊंगा।
अगली बार पार्टी का टिकट नहीं देने की अपील
भरतपुर के टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने पठान पर हमला करते हुए कहा कि वह एक प्रसिद्ध क्रिकेटर हैं, जो गुजरात में रहते हैं। उन्होंने लोगों के वोटों से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा चुनाव में हराया। यह सज्जन अब मतदाताओं के साथ खेल खेल रहे हैं। वह अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं। विधायक हुमायूं कबीर ने यह भी कहा कि यूसुफ पठान को सांसद बने हुए लगभग एक साल हो गया है। अगर वह अपना व्यवहार नहीं बदलते हैं और लोगों तक पहुंचने की कोशिश नहीं करते हैं, तो मैं पार्टी के शीर्ष नेताओं से उनकी शिकायत करूंगा। मैं यह सुनिश्चित करने की कोशिश करूंगा कि अगली बार उन्हें पार्टी का टिकट न मिले।
अधीर रंजन चौधरी को हराकर सांसद बने पठान
बता दें कि बहरमपुर, मुर्शिदाबाद जिले की तीन लोकसभा सीटों में से एक है। बाकी दो सीटें जंगीपुर और मुर्शिदाबाद भी तृणमूल कांग्रेस के पास हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी के टिकट पर अपनी चुनावी शुरुआत करते हुए पठान ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और पांच बार के बहरमपुर के सांसद अधीर रंजन चौधरी को 85,022 वोटों से हराकर सबको चौंका दिया था।












Apr 19 2025, 11:04
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