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बस्तर संभाग में विकास कार्यों की समीक्षा: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिए जनकल्याणकारी योजनाओं के तेज़ी से क्रियान्वयन के निर्देश

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज बस्तर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष 'प्रेरणा' में संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को हितग्राहीमूलक योजनाओं का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करते हुए प्राथमिकता से निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर के विकास की यात्रा अब ठहराव नहीं, निरंतर गति की मांग करती है। हमारा प्रयास है कि अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुंचे और हर हितग्राही तक शासन की पहुँच सुनिश्चित हो।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर अब पिछड़ेपन का प्रतीक नहीं, नए भारत की संभावनाओं का प्रवेश द्वार बन रहा है। यहां का हर गाँव, हर परिवार विकास की मुख्यधारा से जुड़े — यही हमारा लक्ष्य है। आयुष्मान, आधार, आवास और विद्युतीकरण जैसी योजनाएं केवल सरकारी परियोजनाएं नहीं, बल्कि आम जन की गरिमा और सुरक्षा की गारंटी हैं।

उन्होंने कहा कि बस्तर के युवा हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। हम उन्हें सिर्फ कौशल नहीं, स्वाभिमान देना चाहते हैं। अब हमारा मंत्र है — हर घर में उजाला, हर हाथ में रोजगार और हर दिल में विश्वास। यही बस्तर की नई पहचान होगी, और यहीं से छत्तीसगढ़ की विकास गाथा को नई ऊँचाई मिलेगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आज की बैठक अत्यंत उपयोगी रही और इसमें बस्तर संभाग के विकास, शांति स्थापना और योजनाओं की प्रगति को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ। यह देखकर संतोष होता है कि बस्तर संभाग में शासन और प्रशासन की टीम युवा, ऊर्जावान और संकल्पबद्ध दिख रही है। जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और समस्त अधिकारियों की उपस्थिति यह प्रमाणित करती है कि हम सब विकास के प्रति गंभीर हैं और बस्तर में शांति स्थापना के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निर्देश दिए कि नक्सलवाद के समूल उन्मूलन हेतु सरकार पूरी ताक़त और समर्पण के साथ काम कर रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में नक्सल उन्मूलन का कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और यह लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक पूर्ण करने का संकल्प है। हमारे सुरक्षा बलों का साहस, समर्पण और रणनीति के साथ काम करना इस दिशा में बड़ी उपलब्धि है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षा सत्र के प्रारंभ होने जा रहा है। उन्होंने जाति प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को समयबद्ध और सरल बनाने के निर्देश दिए ताकि बच्चों को कोई कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि गर्मी और बारिश के मौसम में बीमारियों की आशंका रहती है, ऐसे में सीएससी स्तर और स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाइयों की उपलब्धता और चिकित्सकीय व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखें।उन्होंने कहा कि बस्तर में उद्योग की स्थापना को लेकर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, महिलाओं और स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देते हुए उद्योग नीति में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिनसे स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि बस्तर में अपूर्ण योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे हैं और जगदलपुर एयरपोर्ट से नियमित उड़ानें प्रारंभ करने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अन्य अधोसंरचना परियोजनाओं पर भी गति लाई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात की आवश्यकता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे। आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण यह और भी आवश्यक हो जाता है कि हम व्यक्तिगत लाभ आधारित योजनाओं को प्राथमिकता दें और प्रत्येक परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त करें। मोबाइल नेटवर्क की समस्याओं के कारण कई बार आधार, राशन, बैंकिंग जैसी सेवाएं बाधित होती हैं। संबंधित एजेंसियों से समन्वय कर इसका शीघ्र समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क और संचार उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के सम्बन्ध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित बसें चलाने की आवश्यकता है ताकि जनता को सुरक्षित व सुलभ आवागमन का साधन मिल सके।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों में जनता की जबरदस्त भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि लोग विकास से जुड़ना चाहते हैं और नक्सलवाद की विचारधारा से दूर होना चाहते हैं। हमें इसी विश्वास को और मजबूत करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों की शिकायतों को गंभीरता से लें, उन्हें सम्मान दें, और धैर्यपूर्वक उनकी बातों को सुनें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों में प्रशासनिक कुशलता के साथ मानवीय संवेदनशीलता भी आवश्यक है। बस्तर संभाग की जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और हमें पूरी निष्ठा के साथ उनके कल्याण के लिए कार्य करना है।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में समूचा बस्तर अलग ही परिदृश्य में दिखाई दे रहा है, बस्तर उन्नति की कहानी लिख रहा है। यह सभी के परिश्रम का परिणाम है। बस्तर की आवश्यकता का ध्यान रखते हुए कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी निर्माण कार्यो को समयावधि में पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश के पहले ही निर्माण कार्य पूर्ण हो।

बैठक के दौरान बस्तर संभाग के आयुक्त डोमन सिंह ने क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 87.24 प्रतिशत और आधार कार्ड निर्माण में 96.37 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आयुष्मान कार्ड और आधार कार्ड में शतप्रतिशत लक्ष्यपूर्ति के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।

बैठक में अंदरूनी क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के समाधान के लिए मोबाइल टावर लगाने की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 93.37 प्रतिशत प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी पात्र हितग्राही आवास से वंचित न रहे, और सभी निर्माण कार्य आगामी दिसंबर माह तक पूर्ण कर लिए जाएँ। आवश्यक निर्माण सामग्री की आपूर्ति पंचायतों के माध्यम से एकसाथ करने की रणनीति पर भी जोर दिया गया।

बैठक में जानकारी दी गई कि विद्युतीकरण के क्षेत्र में बस्तर संभाग ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अब तक 95.89 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच चुकी है। कांकेर जिले में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है, वहीं बस्तर और कोंडागांव में यह आँकड़ा 99 प्रतिशत के पार पहुँच गया है। शेष जिलों में दिसंबर 2025 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना में 91.55 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जैसे जिलों में गति लाने के निर्देश दिए। इसी तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 82.88 प्रतिशत किसानों को लाभ मिल रहा है। जनधन खातों में 90.79 प्रतिशत पात्र हितग्राही पंजीकृत हैं। राजस्व संबंधी प्रकरणों जैसे नामांतरण, सीमांकन, त्रुटि सुधार के मामलों में त्वरित एवं समयबद्ध निराकरण के निर्देश दिए गए।

बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने स्थानीय युवाओं को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनाओं से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने प्रशिक्षित युवाओं को शतप्रतिशत प्लेसमेंट दिलाने और स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।

समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अरूण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, पीसीसीएफ श्रीनिवास राव, बस्तर संभाग के आयुक्त, आईजी पुलिस, सभी जिलों के कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त सहित सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

आग में झुलसकर महिला की मौत, ग्रामीणों ने किया थाने का घेराव, पति पर लगाया हत्या का आरोप, तीसरी पत्नी थी मृतिका

बालोद-  आग में झूलसने से महिला की मौत का मामला गरमा गया है. इस मामले को लेकर सैकड़ों ग्रामीणों ने आज थाने का घेराव कर पति पर हत्या का आरोप लगाया है. बता दें कि दो दिन पहले मिट्टी तेल से महिला जली थी, उन्हें रायपुर रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान मंगलवार को उसकी मौत हो गई. यह मामला ग्राम लिम्हाटोला का है. बताया जा रहा कि यह सुरेश की तीसरी पत्नी थी. दो पत्निया मारपीट से तंग आकर भाग चुकी हैं.

ग्रामीणों ने पति पर प्रताड़ित कर बार-बार मारपीट का आरोप लगाया है. साथ ही मिट्टी तेल डालकर पत्नी को जलाने का भी आरोप लगाया है. पति के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर ग्रामीण डौन्डी थाना पहुंचे हैं. पति के खिलाफ कार्रवाई के लिए थाने में आवेदन दिया है. वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

मृतिका के हैं दो छोटे-छोटे बच्चे

ग्रामीणों ने बताया कि सुरेश की मारपीट के चलते दो पत्नियां पहले ही भागकर अपने मायके चली गई. इसके बाद पवन बाई को पत्नी बनाकर लाया और अपनी हरकत से बाज नहीं आया. लगातार इस पत्नी को भी वह प्रताड़ित करता रहा. इससे तंग आकर पत्नी पवन बाई मौत के गाल में समा गई. मृतिका के 2 छोटे-छोटे बच्चे हैं. एक बेटी है, जिसकी उम्र 6 वर्ष है और एक बेटा है, जिसकी उम्र 3 वर्ष है.

बाइक चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली करना पड़ा भारी, थाना प्रभारी और प्रधान आरक्षक निलंबित

कोरबा- गाड़ी चेकिंग के नाम पर लोगों से अवैध वसूली करने पर एसपी ने बांगो थाना प्रभारी समेत प्रधान आरक्षक निलंबित कर दिया है. जनपद अध्यक्ष की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई. बता दें कि क्षेत्र में अवैध वसूली को लेकर जनप्रतिनिधियों ने थाना प्रभारी के खिलाफ मार्चा खोल दिया था. लगातार बाइक चेकिंग, अवैध शराब पकड़ने के नाम पर किसी ने किसी को प्रताड़ित किया जा रहा था. जनप्रतिनिधियों से दुर्व्यवहार भी कर रहे थे. इसे लेकर जनपद अध्यक्ष ने मंत्री के साथ कोरबा एसपी से शिकायत की थी.

शिकायत की गंभीरता को देखते हुए रविन्द्र कुमार मीना नगर पुलिस अधीक्षक, सायबर सेल, कोरबा से मामले की जांच कराई गई. शिकायत सही पाने पर एसपी ने बांगो थाना प्रभारी उषा सिंधिया और प्रधान आरक्षक जितेन जायसवाल को निलंबित कर दिया है. जांच में पाया गया कि सचिन कुमार मिश्रा से अनुचित तरीके से थाना प्रभारी उषा सौंधिया एवं प्रधान आरक्षक जितेन्द्र जायसवाल द्वारा 10,500 रुपए प्राप्त किया गया है, जिससे अवैध वसूली प्रथम दृष्टया परिलक्षित होती है.

कलेक्ट्रेट कार्यालय को बम से उड़ाने की मिली धमकी, कश्मीर से आए मेल से मचा हड़कंप…

कवर्धा- कबीरधाम कलेक्ट्रेट कार्यालय में बम से उड़ाने की ई-मेल से धमकी मिली, जिसके बाद से हड़कंप मचा हुआ है. कश्मीर से धमकी भरा मेल आने की सूचना मिलते ही मौके पर डॉग स्क्वाड के साथ-साथ पुलिस टीम पहुंच गई है. डॉग स्क्वाड परिसर के चप्पे-चप्पे को खंगालने में जुटा है.

धमकी-भरे मेल पर कबीरधाम कलेक्टर गोपाल वर्मा ने कहा कि इस मामले की सूचना पुलिस को दी गई है. इसमें जांच की जा रही है. वहीं एसपी धर्मेंद्र छवाई ने बताया कि मेल के माध्यम से धमकी मिलने की सूचना मिली है. मौके पर डॉग स्क्वाड की टीम के साथ पुलिस अधिकारियों को जांच के लिए भेजा गया है.

NSS कैंप में नमाज पढ़ाने पर GGU में बवाल : दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग, प्रशासनिक भवन के गेट पर चढ़कर छात्रों ने किया प्रदर्शन

बिलासपुर-  गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के एनएसएस कैंप में हिंदू छात्रों को जबरदस्ती नमाज पढ़ाने के मामले में आज छात्रों व हिंदू संगठन के लोगों ने विश्वविद्यालय में जमकर हंगामा मचाया. प्रदर्शनकारी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं. वाइस चांसलर को हटाने की मांग को लेकर छात्र यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन के गेट पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहे. प्रदर्शनकारी जीजीयू नहीं बनेगा जेएनयू के नारे लगा रहे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झूमाझटकी भी हुई.

बता दें कि 26 मार्च से एक अप्रैल तक एनएसएस कैंप का आयोजन किया गया था, जिसमें गुरुघासीदास विश्विद्यालय के 159 छात्र शामिल हुए थे. इनमें केवल 4 छात्र मुस्लिम थे, बाकी सभी हिंदू थे. 30 मार्च को ईद के दिन एनएसएस कैंप में जबरदस्ती छात्रों से नमाज पढ़ाई गई थी.

छात्रों ने इस मामले की लिखित शिकायत थाने में की थी, जिस पर जांच शुरू हो गई है. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रो. दिलीप झा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें एनएसएस समन्वयक पद से हटा दिया है. उनके स्थान पर ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग में प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार मेहता को प्रभार सौंपा गया है.

बायपास की मांग अब तक अधूरी : शहर के बीचों-बीच दौड़ रहे भारी वाहन, सालभर में हुए 60 से ज्यादा हादसे

डोंगरगढ़-  शहर की सड़कों पर अब सिर्फ ट्रैफिक नहीं, मौत दौड़ रही है। यहां सड़कें रास्ता नहीं रहीं, बल्कि रणभूमि बन चुकी है, जहां हर रोज आम लोग अपनी जान की बाजी लगाकर निकलते हैं। स्कूल जाते मासूम बच्चे हो या दवा लेने निकले बुज़ुर्ग, हर कोई खुद को खतरे के साए में महसूस कर रहा है। वर्षों से बायपास की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार और जनप्रतिनिधियों की नजरें अब भी फाइलों के ढेर में उलझी है।

मुंबई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसे डोंगरगढ़ में बायपास न होने के चलते भारी वाहन शहर के बीचों-बीच से गुजरते हैं। तेज रफ्तार ट्रक स्कूल, बाजार, अस्पताल और सरकारी कार्यालयों के सामने से गुजरते हैं और इस पूरी सड़क में हादसे की आशंका बनी रहती है। इसी सड़क पर केंद्रीय विद्यालय, सरस्वती शिशु मंदिर समेत कई बड़े स्कूल हैं, जिसमें पढ़ने वाले हजारों बच्चे इसी सड़क का उपयोग करते हैं।

तीन दिन पहले एक युवक ट्रक की चपेट में आ गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। चालक फरार हो गया, बाद में पकड़ा गया, लेकिन क्या इससे उसकी मां की सूनी गोद फिर से भर सकेगी? आंकड़ों पर नजर डालें तो 2024 में 52 हादसे दर्ज हुए और 2025 की शुरुआत से अब तक 12 मामले दर्ज हो चुके हैं। ये सिर्फ आंकड़े नहीं, जिंदा सवाल है, क्या जानता की जान की कीमत सिर्फ एक गिनती बनकर रह गई है?

अफसर ने दबी जुबान से कहा – बायपास के लिए सर्वे चल रहा

डोंगरगढ़ के एसडीओपी आशीष कुंजाम ने स्वीकार किया कि ट्रैफिक का बढ़ता दबाव हादसों की प्रमुख वजह है, लेकिन इसका समाधान क्या होगा—इस पर जवाब अधूरे हैं। बड़े वाहन टोल से बचने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसकी कीमत आम जनता अपनी जान से चुका रही है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी केके सिंह कैमरे के सामने तो खामोश रहे, लेकिन दबी ज़ुबान से इतना जरूर कहा कि बायपास के लिए सर्वे चल रहा है, मगर यह सर्वे कब खत्म होगा और कितनी जानें इसकी कीमत बनेंगी?

सिस्टम की चुप्पी अब बर्दाश्त के बाहर

अब हालात यह है कि जनता की सहनशीलता जवाब दे चुकी है। हाथ जोड़ने से लेकर धरना-प्रदर्शन तक सब कर चुकी है डोंगरगढ़ की जनता, लेकिन सिस्टम की चुप्पी अब बर्दाश्त के बाहर है। ये सिर्फ बायपास की मांग नहीं, जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई है।

श्मशान घाट में तांत्रिक क्रिया : युवती के स्वास्थ्य सुधार के लिए नींबू, मिर्च, सिंदूर से कर रहे थे तांत्रिक क्रिया, पुलिस हिरासत में 12 लोग

बिलासपुर- श्मशान घाट में तांत्रिक क्रिया करने का मामला सामने आया है. पुलिस ने 12 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है. सभी छत्तीसगढ़ के बाहर के रहने वाले हैं. बताया जा रहा कि सभी लोग पीपल पेड़ के नीचे नींबू, मिर्च, सिंदूर और सब्बल से तांत्रिक क्रिया कर रहे थे. यह मामला कोनी थाना क्षेत्र के निरतु गांव का है.

जानकारी के अनुसार युवती के स्वास्थ्य सुधार के लिए अनुष्ठान किया जा रहा है, जिसमें चार महिलाएं और आठ पुरुष शामिल थे. पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

सरगुजा के लाल का ISRO के युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम के लिए हुआ चयन, विशेष प्रशिक्षण शिविर में होंगे शामिल

अंबिकापुर- सरगुजा के लाल ने कमाल कर दिखाया है. जवाहर नवोदय विद्यालय, सरगुजा में दसवीं कक्षा के छात्र हर्षित राज का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के “युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम – युविका 2025” के लिए हुआ है. 

हर्षित “सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा” में 12 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर में भाग लेंगे, जहाँ उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान, तकनीकी खोजों एवं वैज्ञानिक सोच से सीधे रू-ब-रू होने का अवसर मिलेगा.

विद्यालय परिवार इस उपलब्धि से गौरवान्वित है. विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एसके सिन्हा ने हर्षित को बधाई देते हुए अन्य विद्यार्थियों को भी वैज्ञानिक सोच एवं अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी.

कार्यक्रम के समन्वयक एवं रसायन शास्त्र के प्रवक्ता राहुल मुद्गल ने हर्षित की इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं. हर्षित राज की इस उपलब्धि ने विद्यालय एवं जिले का नाम रोशन किया है.

कांग्रेस की न्याय यात्रा स्थगित, 21 को रायपुर में होगी बड़ी सभा, सीएम हाउस का करेंगे घेराव

रायपुर- प्रदेश में बदहाल कानून-व्यवस्था एवं महिलाओं व अबोध बच्चियों के साथ हो रहे अत्याचार/ रेप की संवेदनशील आपराधिक घटनाओं के विरोध में कांग्रेस न्याय यात्रा निकालने वाली थी, जिसे अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई. प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू ने बताया, 18 से 20 अप्रैल तक निकलने वाली न्याय यात्रा को स्थगित की गई है. वहीं 21 अप्रैल का कार्यक्रम यथावत रहेगा. 21 अप्रैल को कांग्रेस बड़ी सभा के बाद सीएम हाउस का घेराव करेगी.

यात्रा का ये था पूरा रूट

  • 18 अप्रैल: दुर्ग से नेहरू नगर भिलाई होते हुए खुर्सीपार तक (13.4 KM)
  • 19 अप्रैल: खुर्सीपार से चरोदा, कुम्हारी तक (13.7 KM)
  • 20 अप्रैल: कुम्हारी से टाटीबंध, आजाद चौक रायपुर (11.2 KM)
  • 21 अप्रैल: आजाद चौक से राजीव चौक तक मार्च और फिर सीएम हाउस का घेराव 


दुकान, प्लाट, मकान खरीदना होगा महंगा : कई जिलों में 10 से 100% तक बढ़ सकते हैं कलेक्टर गाइडलाइन रेट

रायपुर- राजधानी रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में कलेक्टर गाइडलाइन जल्द जारी हो सकती है. जारी गाइडलाइन में बिलासपुर समेत कई जिलों में कलेक्टर गाइडलाइन रेट 10-15 से करीब 100% तक बढ़ सकते हैं. राजधानी रायपुर में ही 70 वार्ड है. 20 से ज्यादा वार्ड में 50 प्रतिशत रेट बढ़ जाएंगे. कलेक्टर दर लागू होने पर आम जनता को दुकान, प्लाट, मकान खरीदना और भी ज्यादा महंगा हो जाएगा.

जानकारी के अनुसार 2018 के बाद से कलेक्टर दर जारी नहीं हुई है. रायपुर समेत कई जिलों में 10% से 100% तक बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई और अंबिकापुर रेट बढ़ाने की सिफारिश की जा रही है. 2025-26 के लिए कलेक्टर गाइडलाइन तय करने सभी जिलों से 15 अप्रैल तक रिपोर्ट मंगाई गई है.

अन्य जिले से आई रिपोर्ट के अनुसार 2018-19 से जमीन की सरकारी कीमत नहीं बढ़ी है. इसमें 5 साल में रेट 30% तक कम भी रहे हैं. इस वजह से सरकारी रेट और बाजार भाव में बड़ा अंतर आ गया है. हर शहर में जमीन की कीमत काफी बढ़ गई है, लेकिन शासकीय दस्तावेजों में कीमत अब तक कम है. इस अंतर को खत्म करने के लिए ही नई गाइडलाइन जारी करने की तैयारी है. वैसे भी 2019-20 से कलेक्टर गाइडलाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

मिली जानकारी के अनुसार कलेक्टर गाइडलाइन को भी यथावत रखा गया था. यही वजह है कि इस बार गाइडलाइन तय करने के लिए खासी मशक्कत की जा रही है. जिलों से प्राप्त रिपोर्ट को मूल्यांकन समिति परखेगी और अपनी सिफारिशें देगी. 2025-26 के लिए नई गाइडलाइन इस बार कुछ दिनों बाद शुरू हो सकती है.

कलेक्टर गाइडलाइन में अध्ययन जारी : कलेक्टर

नई गाइडलाइन जारी होने के सवाल पर कलेक्टर डॉक्टर गौरव कुमार सिंह ने कहा कि इसके बारे में अध्ययन किया जा रहा है.

गाइडलाइन आने के बाद कुछ कहना उचित होगा : सांसद बृजमोहन

इस मामले में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, गाइडलाइन आने बाद इस मामले में कहना उचित होगा. अभी गाइडलाइन नहीं आई है. वहीं रायपुर जिला पंचायत अध्यक्ष नवीन अग्रवाल ने कहा कि जो भी होगा शासन सोच समझकर कर रही है. अगर बढ़ता भी है तो लाभ होता है. वो जनता को बढ़ने के बाद ही समझ में आ पाएगा.

कलेक्टर गाइडलाइन बढ़ने से होगा फायदा : हितग्राही

इस पूरे मामले में हितग्राही मनोज अग्रवाल का कहना है कि इसमें मध्यमवर्गीय परिवार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जो जमीनों का लेन-देन और ज्यादा लंबे व्यापार का करते हैं उनसे भी राय लिया गया होगा. इसमें कोई ज्यादा प्रभाव पड़ने वाला नहीं है. आम लोगों को शासन ने इस मामले में राहत दे रखी है. आज के परिवेश में जमीन और मकान का मार्केट रेट बहुत ज्यादा है और सरकारी रेट कम है. इसमें समावेश होना चाहिए.

वहीं गोपाल अग्रवाल ने कहा कि पिछले 5 वर्षों से कलेक्टर गाइडलाइन नहीं बढ़ी है. भूपेश सरकार ने 30% का सब्सिडी दिया हुआ था. पिछले 6 वर्षों से मार्केट रेट नहीं बढ़ा है. मार्केट में रेट बढ़ा है, लेकिन सरकारी गाइडलाइन नहीं बड़ी है. इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था. यह अलग बात है. जिनको मुआवजा मिलना चाहिए कलेक्टर गाइडलाइन में बढ़ने से फायदा होगा. किसी भी चीज का रेट कम नहीं होता बढ़ता ही है. सभी का बढ़ा है तो जमीन का भी रेट बढ़ना चाहिए. यह जायज माना जाता है. कलेक्टर गाइडलाइन 10 से 15% बढ़ना ही चाहिए.