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तहव्वुर राणा के बाद मेहुल चोकसी का होगा प्रत्यर्पण, जानें भारत लाने में क्या मुश्किलें?

#mehulchoksiarrested_extradition

मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। 13500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी इलाज करवाने बेल्जियम गया था। सीबीआई और ईडी के कहने पर बेल्जियम पुलिस ने उसे अस्पताल से ही हिरासत में ले लिया। इसके साथ ही भगोड़े हीरा कारोबारी को अब भारत लाने की तैयारियां तेज कर दी हैं। भारत और बेल्जियम के बीच अंग्रेजी शाषण के दौरान 1901 में ही प्रत्यर्पण संधि हुई थी और इसी आधार पर चोकसी पर शिकंजा कस गया है।

“भारत वापस लाना आसान नहीं होगा”

भगोड़े मेहुल चोकसी की बेल्जियम में गिरफ्तारी पर पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के व्हिसिल-ब्लोअर हरिप्रसाद एसवी ने कहा, यह बहुत अच्छी खबर है। हम उन सभी लोगों के लिए बहुत खुश हैं, जिन्हें भारत में मेहुल चोकसी ने धोखा दिया था। यह भी जरूरी है कि हम न सिर्फ उसे भारत वापस लाएं बल्कि जो पैसा उसने लूटा उसको भी वापस लाया जाए।

मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर उन्होंने आगे कहा, प्रत्यर्पण कोई आसान काम नहीं है। उसका बटुआ भरा हुआ है और वह यूरोप में सबसे अच्छे वकीलों को नियुक्त करेगा, जैसा कि विजय माल्या कर रहा है। भारत के लिए उसे वापस लाना आसान नहीं है। भले ही वह एंटीगुआ में पकड़ा गया था, लेकिन वो वहां से निकलने में कामयाब रहा क्योंकि उसके पास वकीलों का एक बेड़ा था। भारत सरकार के लिए यह इतना आसान नहीं होगा, लेकिन मुझे उम्मीद है कि सरकार इस बार सफल होगी।

चोकसी ने फिर चली चाल

इधर, चोकसी ने फिर एक चाल चल दी है, जिससे भारत लाना मुश्किल हो सकता है। बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद मेहुल चोकसी ने अपने खराब सेहत का हवाला देते हुए कोर्ट में जमानत मांगी है। उसकी ओर से कहा गया है कि इलाज कराने के लिए बेल्जियम आया था और अपनी पत्नी के साथ एंट्वर्प में रह रहा था।

“भगोड़ा आर्थिक अपराधी नहीं मेहुल चोकसी”

वहीं, न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा, मेहुल चोकसी को अभी तक भारत सरकार की तरफ से ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित नहीं किया गया है। उनकी गिरफ्ताती के बाद अब वहां अपील की जाएगी कि ये उन्हें कस्टडी में नहीं रखा जाए। इसका नियम है कि जब केस दर्ज किया जाता है और उसके बाद अगर वो देश छोड़कर भागता तो गलत होता। हम आज भी कहते हैं कि अगर जांच एजेंसी चाहे तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उनका बयान ले सकती है।

क्या है मामला?

2018 की शुरुआत में पंजाब नेशनल बैंक में हजारों करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया था। पंजाब नेशनल बैंक ने जनवरी 2018 में पहली बार नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और उनके साथियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। बैंक का दावा था कि इन सभी अभियुक्तों ने बैंक के अधिकारियों के साथ साजिश रची और बैंक को नुकसान पहुंचाया। इस शिकायत में उन पर 280 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया था।

12 साल से कम उम्र के बच्चों को हज करने की इजाजत नहीं, 291 भारतीय बच्चों का वीजा रिजेक्ट

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सऊदी अरब ने इस साल होने वाले हज के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। हज की तैयारी के तहत सऊदी के गृह मंत्रालय ने हाजियों लिए नए नियम जारी किए हैं। हज यात्रा के नियमों में बदलाव का असर बच्चों को झेलना पड़ेगा। इस साल हज यात्रा की ख्वाहिश रखने वाले 12 साल से कम उम्र के बच्चों को झटका लगा है। सऊदी अरब सरकार ने इस आयु वर्ग के बच्चों को वीजा जारी करने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते भारत के 291 बच्चों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं।

क्यों नहीं दी गई बच्चों को इजाजत?

हर साल लाखों की तादाद में तीर्थयात्री हज के लिए सऊदी अरब जाते हैं। इस मौके पर कई लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों को भी लेकर जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा करने की इजाजत नहीं दी गई है। सऊदी सरकार ने यह फैसला बच्चों की सुरक्षा को देख कर लिया है। हज 2024 में भारी भीड़ जुटी थी और हीटवेव के चलते लगभग 1200 लोगों की मौत दर्ज की थी। इसी के बाद से इन हालातों को देखने के बाद सऊदी अरब ने नियमों में कुछ बदलाव किए।

भारतीय हज समिति ने 13 अप्रैल को एक सर्कुलर जारी कर सऊदी सरकार के फैसले को सूचित किया है। इसी के साथ हज समिति ने घोषणा की है कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए हज के लिए किए गए भुगतान को वापस किया जाएगा। इसी के साथ जानकारी दी गई कि सऊदी अरब के निर्णय के चलते 291 आवेदक बच्चों का हज आवेदन रद्द कर दिया गया है।

मक्का आने वालों की बढ़ेगी निगरानी

सऊदी सरकार ने कहा है कि 23 अप्रैल से मक्का में आने-जाने पर कड़ी निगरानी शुरू की जाएगी। मक्का में एंट्री करने के लिए काम करने का परमिट, मक्का का पहचान पत्र या हज का परमिट दिखाना जरूरी होगा। इनके अलावा किसी को एंट्री नहीं मिलेगी। सऊदी अरब में रहने वाले विदेशी नागरिक, जो मक्का में नहीं रहते हैं, उन्हें भी मक्का में आने के लिए परमिट लेना होगा। टूरिस्ट वीजा पर आए विदेशियों या देश के दूसरे हिस्से से आए लोगों को बिना रजिस्ट्रेशन हज में शामिल होने से रोकने के लिए ये नियम बनाए गए हैं।

स्थानीय और विदेशी नागरिकों पर विशेष निगरानी

सऊदी सरकार इस बार स्थानीय और विदेशी दोनों नागरिकों की मक्का यात्रा पर कड़ी निगरानी रखेगी। विशेष रूप से मक्का के गैर-निवासी विदेशी नागरिकों को भी परमिट लेना जरूरी होगा। देश के अन्य शहरों से मक्का आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जाएगी। बिना अनुमति के किसी भी गतिविधि को नियम उल्लंघन माना जाएगा। यह कदम इसलिए जरूरी है क्योंकि हज के दौरान लाखों लोग मक्का आते हैं, और हर साल किसी न किसी कारणवश अव्यवस्था की स्थिति बनती है। इसलिए सरकार पहले से तैयार रहना चाहती है।

वक्त रहते निकल जाओ...',विदेशी नागरिकों को अमेरिका का अल्टिमेटम

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अमेरिका की ट्रंप प्रशासन ने विदेशी नागरिकों के लिए नियम सख्त कर दिए हैं। अमेरिका में विदेशी नागरिकों को 30 दिनों से अधिक समय तक रहना परेशानी खड़ा करसता है। इससे बचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा और ऐसा न करने पर जुर्माना और जेल हो सकती है। रजिस्ट्रेशन ना कराने वाले विदेशों को अमेरिका से डिपोर्ट भी किया जा सकता है। ऐसे में अवैध विदेशियों के लिए मैसेज है कि वह तुरंत अमेरिका से निकल जाएं। अमेरिका में ये नई व्यवस्था 11 अप्रैल से लागू हो गई है। ट्रंप प्रशासन ने इसे सख्ती से लागू करने के संकेत दिए हैं।

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद से अवैध प्रवासियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। अवैध प्रवासियों पर रोक लगाने के लिए ट्रंप लगातार नए नियम बना रहे हैं। अब ट्रंप प्रशासन के तहत होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ने कहा है कि जो विदेशी नागरिक अमेरिका में 30 दिनों से अधिक समय तक रहते हैं, उन्हें सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन कराना होगा और ऐसा न करने पर जुर्माना और जेल हो सकती है।

डिपार्टमेंट ने एक्स पर पोस्ट किया, जो विदेशी नागरिक अमेरिका में 30 दिनों से अधिक समय तक रहते हैं, उन्हें संघीय सरकार के साथ रजिस्टर कराना होगा। ऐसा न करने पर जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है। डोनाल्ड ट्रंप और मंत्री क्रिस्टी नोएम का अवैध प्रवासियों के लिए स्पष्ट संदेश है: अभी निकलें और स्वदेश लौटें। पोस्ट के साथ होमलैंड डिपार्टमेंट ने राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यालय और होमलैंड सुरक्षा विभाग की सचिव क्रिस्टी नोएम को टैग किया गया है।

हर दिन 998 डॉलर का जुर्माना

होमलैंड डिपार्टमेंट की ओर से कहा गया है कि अगर किसी को अवैध रूप से रहते हुए पाया जाता है और डिपोर्ट करने फैसला लिया जाता है तो फिर वह मुश्किल में आएगा। उसको हर दिन 998 डॉलर का जुर्माना देना होगा। किसी ने खुद से डिपोर्ट होने का वादा किया और ऐसा नहीं किया तो जुर्माना 1,000 से 5,000 डॉलर तक बढ़ जाएगा। ऐसे शख्स को जेल भी हो सकती है।

'अवैध एलियंस को संदेश'

होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने 'अवैध एलियंस को संदेश' नाम से एक पोस्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बिना इजाजत रहने वाले विदेशी नागरिक खुद देश छोड़ दें। पोस्ट में लिखा है, 'खुद से डिपोर्ट होना एकदम सुरक्षित है। अपनी मर्जी से फ्लाइट चुनकर चले जाइए। अगर आप खुद से डिपोर्ट होते हैं तो अमेरिका में कमाए पैसे रख सकते हैं। खुद से डिपोर्ट होने वाले शख्स को भविष्य में कानूनी रूप से अमेरिका आने का मौका मिल सकता है।'

इन लोगों पर होगा असर

इस फैसले का सीधा असर उन लोगों पर नहीं पड़ेगा जो एच-1बी या छात्र वीजा पर अमेरिका में हैं। अगर कोई व्यक्ति एच-1 बी वीजा पर नौकरी खो देता है और तय अवधि के भीतर देश नहीं छोड़ता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। इसलिए, छात्रों और एच-1 बी वीजा धारकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी अमेरिका में रहने की अवधि सभी नियमों का पालन करती हो।

आग से खेलोगे तो जल जाओगे…', किसपर भड़कीं शेख हसीना?

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बार फिर मोहम्मद यूनुस पर निशाना साधा है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग पार्टी की नेता शेख हसीना ने देश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर कड़ा हमला बोला है। हसीना ने यूनुस को आत्मकेंद्रित और सत्ता का भूखा इंसान बताया। यही नहीं, हसीना ने यूनुस को चेताया है कि अगर आप आग से खेलेंगे तो यह आपको भी जलाकर राख कर देगी।

8 मिनट के एक ऑनलाइन वीडियो में शेख हसीना ने कहा, यूनुस एक पैसों के लालची और सत्ता के भूखो शख्स है जो बांग्लादेश को बर्बाद करने पर तुले हुए है। उसने विदेशी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रची है। हसीना ने यह भी आरोप लगाया कि यूनुस, बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी पार्टी के साथ मिलकर अवामी लीग के नेताओं को परेशान कर रहा है और उन्हें मार रहा है।

हसीने ने यूनुस को चेताया

हसीना ने गुस्से में पूछा, युनूस सरकार में बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई से जुड़े निशान मिटाए जा रहे हैं। हमने हर जिले में मुक्ति योद्धा स्मारक बनाए थे, लेकिन उन्हें जलाया जा रहा है। आजादी के नायकों का अपमान हो रहा है। क्या यूनुस इसका जवाब दे सकेंगे? उन्होंने चेतावनी दी, यूनुस, अगर आग से खेलेंगे, तो वह आग उन्हें ही जला देगी।

अबू सईद की मौत पर उठाया सवाल

अपने भाषण में शेख हसीना ने कोटा आंदोलन के दौरान मारे गए अबू सईद की मौत को लेकर भी बड़ा दावा किया। अबू सईद को आंदोलन का हीरो माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सईद की मौत पुलिस की जानबूझकर की गई हत्या थी। शेख हसीना ने इस बात को पूरी तरह नकार दिया और कहा कि ये आरोप गलत और भड़काने वाले हैं।

यूनुस पर साजिश रचने का आरोप

शेख हसीना ने कहा, जब प्रदर्शनकारी पुलिस पर पत्थर फेंक रहे थे, तब पुलिस ने सिर्फ रबर की गोलियां चलाई थीं। अबू सईद के सिर पर पत्थर से चोट लगी थी, लेकिन सवाल ये है कि 7.62 एमएम की असली गोली कहां से आई? वो गोली किसने चलाई?

हसीना ने आरोप लगाया कि जब एक अफसर ने इस मामले की जांच शुरू की तो यूनुस ने उसे हटा दिया। उन्होंने कहा, अगर अबू सईद का शव दोबारा निकाला जाए और सही जांच हो तो पता चल जाएगा कि सारी हत्याएं एक साजिश थीं। हसीना ने साफ कहा, ना मैंने, ना अवामी लीग ने और ना ही पुलिस ने सईद को मारा, बल्कि पुलिस खुद हिंसा की शिकार थी। इसके बावजूद हिंसा करने वालों को मुआवजा दिया गया। क्या उन्हें सज़ा मिलेगी? नहीं क्योंकि ये सब यूनुस की सोची-समझी चाल थी।

बांग्लादेश बर्बादी की कगार पर पहुंच गया-हसीना

हसीना ने कहा कि यूनुस के राज में बांग्लादेश बर्बादी की कगार पर पहुंच गया और मेहनतकश बांग्लादेशियों की उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं। हजारों कारखाने बंद हो गए। अवामी लीग के नेताओं से जुड़े बिजनेस, होटल और अस्पताल तक जला दिए गए। उन्होंने कहा, टॉप डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया। राजनीतिक कार्यकर्ताओं को पुलिस की वर्दी दी गई है। क्या वे नौकरी के लिए योग्य हैं? किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया और बीएनपी लूटपाट में व्यस्त है।

बता दें कि शेख हसीना पिछले साल अगस्त में तख्तापलट के बाद भारत आ गई थीं। निर्वासन में रहते हुए वह सोशल मीडिया के जरिए अपनी पार्टी के नेताओं से बात करती हैं।

आपने बाबा साहेब के किन सिद्धांतों को अपनाया है”, पीएम के आरोप पर खरगे का पलटवार

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आज पूरा देश संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराम अंबेडकर की जयंती मना रहा है। इस बीच बाबा साहेब को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर अंबेडक का अपमान करने का आरोप लगाया। अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम के आरोपों पर पलटवार किया है। खरगे ने भाजपा पर कांग्रेस और नेहरू परिवार के खिलाफ लगातार बोलने का आरोप लगाया और पूछा कि उन्होंने बाबा साहेब के किन सिद्धांतों को अपनाया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि मोदी सरकार सिर्फ बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का नाम लेती है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) के लोग आंबेडकर के विरोधी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बाबा जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा, बीजेपी ने बाबा साहेब के एक भी सिद्धांत को नहीं माना है। वे (बीजेपी) केवल कांग्रेस, नेहरू जी और अब तक हमने जो कुछ भी किया है, उसके खिलाफ बोलते हैं, लेकिन, मैं पूछता हूं कि उन्होंने अब तक क्या किया है और बाबा साहब के कौन से सिद्धांतों को अपनाया है?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर आंबेडकर का अपमान करने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा के वैचारिक पूर्वज बाबासाहेब को चुनाव में हराने के लिए जिम्मेदार थे। खड़गे ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के लोग बाबासाहेब के शत्रु हैं। उन्होंने दावा किया कि आंबेडकर को चुनाव में हराने के लिए विनायक दामोदर सावरकर और कम्युनिस्ट नेता एस ए डांगे जिम्मेदार थे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जिन्होंने संविधान की प्रति को जलाया, उनके शिष्य आज सत्ता में हैं।

इससे पहले हरियाणा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने वक्फ बिल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस ने संविधान को सत्ता हासिल करने का हथियार बना लिया। आपातकाल के दौरान सत्ता बनाए रखने के लिए संविधान की भावना की हत्या कर दी गई। संविधान धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की बात करता है, लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की नीयत कभी किसी का भला करने की नहीं रही। कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति ने मुस्लिम समुदाय को कोई फायदा नहीं पहुंचाया, बल्कि उन्हें नुकसान ही पहुंचाया। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस मुसमानों की हितैषी है, तो मुसलमान को पार्टी का अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती।

किसी मुसलमान को अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती कांग्रेस? पीएम मोदी ने किया तीखा सवाल

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सोमवार को हरियाणा के हिसार से अयोध्या की पहली फ्लाइट को हरी झंडी दिखाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर आरोपों की बौछार कर दी। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के प्रति कांग्रेस की ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उन्हें वाकई मुसलमानों से हमदर्दी होती, तो कांग्रेस किसी मुसलमान को पार्टी अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती?

संविधान को सत्ता हासिल करने का हथियार बना-पीएम मोदी

हिसार में पीएम मोदी ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस ने संविधान को सत्ता हासिल करने का हथियार बना लिया। आपातकाल के दौरान सत्ता बनाए रखने के लिए संविधान की भावना की हत्या कर दी गई। संविधान धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की बात करता है, लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया।

संविधान की भावना है कि सबके लिए एक जैसी नागरिक संहिता हो, जिसे मैं कहता हूं यूनिफॉर्म सिविल कोड, लेकिन कांग्रेस ने इसे लागू नहीं किया। उत्तराखंड में बीजेपी सरकार आने के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हुआ। डंके की चोट पर लागू हुआ। देश का दुर्भाग्य देखिए, संविधान को जेब में लेकर बैठे हुए लोग, ये कांग्रेस के लोग, उसका विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस की कुनीति का सबसे बड़ा प्रमाण वक्फ कानून-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की नीयत कभी किसी का भला करने की नहीं रही। मुसलमानों का भी भला करने की नहीं थी। यही कांग्रेस की असली सच्चाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति ने मुस्लिम समुदाय को कोई फायदा नहीं पहुंचाया, बल्कि उन्हें नुकसान ही पहुंचाया। कांग्रेस ने सिर्फ कुछ कट्टरपंथियों को खुश करने का विकल्प चुना। बाकी समाज बेहाल रहा, अशिक्षित रहा, गरीब रहा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इस कुनीति का सबसे बड़ा प्रमाण वक्फ कानून है।

पीएम ने पूछा-50 प्रतिशत टिकट मुसलमानों को क्यों नहीं देते?

कांग्रेस पर हमलावर पीएम मोदी ने कहा, वे कहते हैं कि उन्होंने मुसलमानों के पक्ष में ऐसा किया। मैं इन वोट बैंक के भूखे राजनेताओं से पूछना चाहता हूं- अगर उन्हें वाकई मुसलमानों से हमदर्दी होती, तो कांग्रेस किसी मुसलमान को पार्टी अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती? वे अपने 50 प्रतिशत टिकट मुसलमानों को क्यों नहीं देते? वे ऐसा नहीं करना चाहते, बल्कि देश के 50 प्रतिशत अधिकार छीन लेना चाहते हैं।

वक्फ कानून ठीक होता तो मुसलमान पंचर नहीं बनाते” हरियाणा में पीएम मोदी का कांग्रेस पर बड़ा हमला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के हिसार जिले में पहुंचे, जहां उन्होंने करोड़ों की परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने हिसार हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी और हिसार से अयोध्या जाने के लिए विमान को हरी झंडी दिखाई।इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब का अपमान किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वोट बैंक का वायरस फैलाया।

मोदी ने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि खाटे जवान, खाटे खिलाड़ी, और थारा भाईचारा जो है हरियाणा की पहचान। हिसार से मेरी इतनी यादें जुड़ी हुई हैं। जब भाजपा ने मुझे हरियाणा की जिम्मेदारी दी थी, तो यहां अनेक साथियों के साथ मैंने लंबे समय तक काम किया। इन सभी साथियों के परिश्रम ने बीजेपी की हरियाणा में नींव को मजबूत किया है। पीएम ने आगे कहा कि आज संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती है। उनका संदेश हमारी सरकार की 11 साल की यात्रा का प्रेरणा स्तंभ बना है। हर दिन, हर फैसला, हर नीति, बाबा साहेब अंबेडकर को समर्पित है। इनके जीवन में बदलाव लाना, इनके सपनों को पूरा करना ये हमारा मकसद है। इसके लिए निरंतर विकास, तेज विकास, यही भाजपा सरकार का मंत्र है।

हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में उड़ेगा- पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि आज हिसार एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का शिलान्यास भी हुआ है। यह शुरुआत हरियाणा के विकास को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी। हरियाणा के लोगों को इस नई शुरुआत के लिए ढेर सारी बधाई देता हूं। कहा कि मेरा आपसे वादा रहा है कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में उड़ेगा।

पीएम ने बताया कि बीते दस सालों में करोड़ों भारतीयों ने जीवन में पहली बार हवाई सफर किया है। हमने वहां भी नए एयरपोर्ट बनाए, जहां कभी अच्छे रेलवे स्टेशन तक नहीं थे। 2014 से पहले देश में 74 एयरपोर्ट थे, 70 साल में 74। आज देश में एयरपोर्ट की संख्या 150 के पार हो गई है

कांग्रेस ने बाबा साहब का अपमान किया-पीएम मोदी

जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा, हमें कभी भूलना नहीं है कांग्रेस ने बाबा साहब के साथ क्या किया। जब तक बाबा साहब जीवित थे तब तक कांग्रेस ने बाबा साहब को अपमानित किया। दो-दो बार उनको चुनाव हरवाया। जब वो जीवित नहीं थे तो कांग्रेस ने उनकी याद तक मिटाने की कोशिश की। डॉक्टर आंबेडकर संविधान के संरक्षक थे, कांग्रेस संविधान की भक्षक बन गयी है। कांग्रेस ने देश में वोट बैंक का वायरस फैला दिया। बाबा साहब चाहते थे हर गरीब सर ऊँचा कर के जी सके। लेकिन कांग्रेस ने एसटी, एससी, ओबीसी को सेकंड क्लास सिटीजन बना दिया। कांग्रेस के नेताओं के घर में स्विमिंग पूल में पानी पहुंच गया, लेकिन गांव में नल से जल नहीं पहुंचा।

आदिवासी के घर को यह वक्फ बोर्ड हाथ भी नहीं लगा पाएगा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि वक्फ के नाम पर लाखों हेक्टेयर जमीन पूरे देश में है। इस जमीन से गरीबों का, बेसहारा महिलाओं-बच्चों का भला होना चाहिए था। आज ईमानदारी से इसका उपयोग हुआ होता तो मुसलमानों को साइकिल के पंचर बनाने की जरूरत नहीं होती। इससे सिर्फ भू-माफिया को ही फायदा हुआ। ये माफिया इस कानून के जरिए गरीबों की जमीन लूट रहे थे।

...भू-माफिया को ही फायदा हुआ- पीएम

मोदी ने कहा कि वक्फ के नाम पर लाखों हेक्टेयर जमीन पूरे देश में है। इस जमीन से गरीबों का, बेसहारा महिलाओं-बच्चों का भला होना चाहिए था। इससे सिर्फ भू-माफिया को ही फायदा हुआ। ये माफिया इस कानून के जरिए गरीबों की जमीन लूट रहे थे। सैकड़ों विधवा मुस्लिम महिलाओं ने भारत सरकार को चिट्ठी लिखी, तब जाकर सरकार ने यह बदलाव किया है।

सलमान खान को फिर मिली जान से मारने की धमकी, किसने किया घर में घुसकर मारने का वॉट्सऐप मैसेज

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बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को धमकी मिलने का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। एक बार फिर से सलमान खान को जान से मारने की धमकी मिली है। सलमान खान को ये धमकी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के व्हाट्सएप नंबर पर मिली है। इस मामले में अज्ञात शख्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने मामला दर्ज अज्ञात शख्स को खोजना शुरू कर दिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक एक अज्ञात शख्स ने वर्ली में परिवहन विभाग के व्हाट्सएप नंबर पर भाईजान को घर में घुसकर जान से मारने और कार को बम से उड़ाने का मैसेज भेजा है। पुलिस ने उस अंजान शख्स के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और जांच में जुट गई है।

ये पहली बार नहीं है कि जब सलमान को इस तरह की धमकी मिली हो। इससे पहले भी सलमान को कई बार धमकियां मिल चुकी है। सलमान खान के पीछे लंबे वक्त से लॉरेंस बिश्नोई पड़ा हुआ है। इसी क्रम में उनके घर गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर फायरिंग भी की गई थी। वहीं सलमान खान के करीबी दोस्त बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद सलमान खान की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।

पीएनबी लोन घोटाले का आरोपी भगोड़ा मेहुल चोकसी बेल्जियम में गिरफ्तार, जानें कैसे फंसा जाल में

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भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। बेल्जियम पुलिस चोकसी को शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के आग्रह पर गिरफ्तार किया गया। भारत की प्रत्यर्पण की अपील के बाद बेल्जियम में यह कार्रवाई की गई है। ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बेल्जियम में संबंधित विभाग और अधिकारियों से मेहुल पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।भारतीय जांच एजेंसियों ने बेल्जियम के अधिकारियों को एक औपचारिक पत्र भेजा था, जिसमें चोकसी की गिरफ्तारी की मांग की गई थी, क्योंकि उसे उस देश में देखा गया था। जिसके बाद उसे दबोच लिया गया।

सूत्रों के मुताबिक, चोकसी की गिरफ्तारी 12 अप्रैल को हुई थी। वह कैंसर का इलाज कराने के बहाने बेल्जियम पहुंचा था। चोकसी ने बेल्जियम में भारत और एंटीगुआ की नागरिकता की बात छिपाई थी। वहां से स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश कर रहा था। मगर इससे पहले वह भारतीय जांच एजेंसियों के जाल में फंस गया। भारतीय जांच एजेंसियां ईडी और सीबीआई इसे ट्रैक कर रहे थे। जानकारी मिलते ही बेल्जियम की जांच एजेंसियों को अलर्ट किया गया।

भारत कब से मेहुल चोकसी की तलाश में था। मेहुल चोकसी को भारत की रिक्वेस्ट पर ही बेल्जियम सरकार ने अरेस्ट किया है। चोकसी से जुड़े तमाम दस्तावेज और ओपन अरेस्ट के कागजात भी बेल्जियम एजेंसियों से शेयर किए गए। इसके बाद बेल्जियम की सुरक्षा एजेंसियों ने चौकसी को पकड़ा। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने चोकसी को गिरफ्तार करते समय मुंबई की एक अदालत की ओर से उसके खिलाफ जारी किए गए दो गिरफ्तारी वारंट का हवाला दिया। वारंट 23 मई, 2018 और 15 जून, 2021 की तारीख के थे।

चोकसी ने मांगी जमानत

बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद मेहुल चोकसी ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत मांगी है। चोकसी के वकील का कहना है कि उसका मुवक्किल बीमार है। इसलिए उन्हें जमानत देते हुए रिहा कर देना चाहिए। वकील ने बताया कि चोकसी इलाज के लिए एंटीगुआ और बारबुडा से बेल्जियम आए थे और अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ एंटवर्प में रह रहे थे। यहां उनको गिरफ्तार कर लिया गया।

डोमिनिका में भी हो चुका है गिरफ्तार

मेहुल साल 2017 में इसने एंटीगुआ की नागरिकता ली थी। इसके एक साल बाद यानी 2018 में मेहुल चोकसी परिवार के साथ एंटीगुआ फरार हुआ था। वहीं, साल 2021 के आखिरी में वह एंटीगुआ से फरार हो गया था। इससे पहले चोकसी डोमिनिका में भी एक बार पकड़ा जा चुका है लेकिन 51 दिन जेल में रहने के बाद इसे ब्रिटिश क्वीन की प्रिवी कौंसिल से राहत मिल गई थी।

मेहुल चोकसी भारत में वांछित

मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी में कथित संलिप्तता के लिए वांछित है। वह अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ एंटवर्प (बेल्जियम) में रह रहा है। उसके पास एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता है। वह इलाज के लिए द्वीप राष्ट्र से बाहर गया था। उनके भतीजे नीरव मोदी भी इसी मामले में सह-आरोपी है। उसे भी लंदन से प्रत्यर्पित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी में घोटाला सामने आने से कुछ हफ्ते पहले वह जनवरी 2018 में भारत से भाग गया था।

राज्यपाल के बाद राष्ट्रपति के लिए भी समय सीमा तय, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- तीन महीने में हो बिल पर फैसला

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अब राष्ट्रपति को राज्यपालों द्वारा भेजे गए विधेयकों पर तीन महीने के भीतर फैसला करना होगा। अपनी तरह के पहले फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने देश के राष्ट्रपति के लिए भी समय सीमा तय की है। दरअसल, 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल के मामले में ऐतिहासिक फैसला लिया था। अदालत ने कहा था कि राज्यपाल को विधानसभा की ओर से भेजे गए बिल पर एक महीने के भीतर फैसला लेना होगा। इसी फैसले के दौरान अदालत ने राज्यपालों की ओर से राष्ट्रपति को भेजे गए बिल पर भी स्थिति स्पष्ट की।

सुप्रीम कोर्ट का राज्यपाल के मामले में फैसला शुक्रवार को ऑनलाइन अपलोड हो गया है। शीर्ष अदालत की तरफ से तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि की तरफ से राष्ट्रपति के विचार के लिए रोके गए और आरक्षित किए गए 10 विधेयकों को मंजूरी देने और राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर कार्रवाई करने के लिए सभी राज्यपालों के लिए समयसीमा निर्धारित की थी। फैसला करने के चार दिन बाद, 415 पृष्ठों का निर्णय शुक्रवार को रात 10.54 बजे शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किया गया।

फैसले की न्यायिक समीक्षा

शुक्रवार रात वेबसाइट पर अपलोड किए गए ऑर्डर में सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 201 का हवाला दिया। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि अनुच्छेद, 201 के तहत राज्यपालों की ओर से भेजे गए बिल के मामले में राष्ट्रपति के पास पूर्ण वीटो या पॉकेट वीटो का अधिकार नहीं है। उनके फैसले की न्यायिक समीक्षा की जा सकती है और न्यायपालिका बिल की संवैधानिकता का फैसला न्यायपालिका करेगी।

फैसले में देरी के लिए वजह बताना होगा

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, कानून की स्थिति यह है कि जहां किसी कानून के तहत किसी शक्ति के प्रयोग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है, वहां भी उसे उचित समय के भीतर प्रयोग किया जाना चाहिए। अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति द्वारा शक्तियों का प्रयोग कानून के इस सामान्य सिद्धांत से अछूता नहीं कहा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने फैसला सुनाया कि अगर राष्ट्रपति किसी विधेयक पर फैसला लेने में तीन महीने से अधिक समय लेते हैं, तो उन्हें देरी के लिए वैलिड वजह बताना चाहिए।

बार-बार लैटा नहीं सकते बिल

अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति किसी बिल को राज्य विधानसभा को संशोधन या पुनर्विचार के लिए वापस भेजते हैं। विधानसभा उसे फिर से पास करती है, तो राष्ट्रपति को उस बिल पर फाइनल डिसीजन लेना होगा और बार-बार बिल को लौटाने की प्रक्रिया रोकनी होगी।

तमिलनाडु सरकार की याचिका के फैसले पर टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की याचिका पर दिए गए अपने फैसले में यह टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के पास लंबित 10 विधेयकों को पारित करने का आदेश दिया। ये विधेयक राज्यपाल ने राष्ट्रपति के पास विचारार्थ भेजने के चलते लंबित किए हुए थे। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने 8 अप्रैल को राष्ट्रपति के विचार के लिए दूसरे चरण में 10 विधेयकों को आरक्षित करने के फैसले को अवैध और कानून की दृष्टि से त्रुटिपूर्ण करार देते हुए खारिज कर दिया। कोर्ट ने बिना किसी लाग-लपेट के कहा था कि जहां राज्यपाल किसी विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रखता है और राष्ट्रपति उस पर अपनी सहमति नहीं देते हैं, तो राज्य सरकार के लिए इस न्यायालय के समक्ष ऐसी कार्रवाई करने का अधिकार खुला रहेगा। संविधान का अनुच्छेद 200 राज्यपाल को अपने समक्ष प्रस्तुत विधेयकों पर अपनी सहमति देने, सहमति नहीं देने या राष्ट्रपति के विचार के लिए उसे आरक्षित रखने का अधिकार देता है।