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जातिवाद और सामाजिक पतन पर मानसी सिंह की कविता 'नीचता से किनारा' बनी जनचेतना की आवाज
नीचता से किनारा

उस कायर की भांति जातिवाद फैलाओगे,
बोलो ना नीच के संग रक्तपात मचाओगे,
जिसने खाया जिस थाली में उसी को छेद रहा है,
जो बोलकर घर छोड़ दिया उसके साथ टकराओगे?

कितना गंदा है दिखा दिया महापुरुषों का अपमान करके,
अब बोलो ना इनकी नीचता में तुम भी लिप्त हो जाओगे!
जिसने 80 घाव लेकर भी अपना फर्ज निभाया था,
उसकी वीरता को इन कायरों से सर्टिफिकेट दिलावाओगे।

ऐसी ओछी बातों से हृदय छलनी तो होता है,
पर बोलो ना तुम भी इसके संग नीचता दिखलाओगे।
अब अपनी आँखें खोल दो; द्विमुखियों की तोल लो,
गर आए कभी ऐसी नौबत तो इन्हें उसी हाल में छोड़ दो।

लड़ो नहीं शांत हो जाओ, ना कोई हड़कंप मचाओ,
अपेक्षा ही दुःख का कारण है; ऐसे लोगों से मत लगाओ।

ढाल बनकर जल्लाद बचाकर
जन धन गवांकर क्या पाया?
रक्तपात मचाकर क्या पाया,
जल्लाद बचाकर क्या पाया?

अब तो खुद को संभालो आप
अपनी पीढ़ियां बचा लो आप?
नीच से अपेक्षा के         आदि
अब तो होश में आओ   आप।

सुनो, शांत हो जाओ!
अपनी आन बान शान का सर्टिफिकेट
ऐसे नीच को मत थमाओ आप...!! न्यूज लिखे

मानसी सिंह (अनुसंधायिका)
स्नातकोत्तर हिंदी विभाग
मगध विश्वविद्यालय बोधगया(बिहार)।

जहानाबाद: आंधी में ताड़ के पेड़ के नीचे दबने से युवक की मौत, तीन दिन बाद मिली लाश

जहानाबाद जिले के घोषी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मंड़ई से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां बीते तीन दिनों से लापता युवक की लाश मिलने से गांव में हड़कंप मच गया। मृतक की पहचान गांव के ही 28 वर्षीय नीतीश कुमार के रूप में की गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते बृहस्पतिवार को आई तेज आंधी और तूफान के बाद नीतीश अचानक लापता हो गया था। परिजनों द्वारा लगातार खोजबीन की जा रही थी लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। रविवार को गांव के ही एक स्थान से तेज दुर्गंध आने पर ग्रामीणों को शक हुआ। जब वहां गिरे ताड़ के पेड़ के नीचे से पत्तों को हटाया गया, तो नीतीश का पैर दिखाई पड़ा। इसके बाद ग्रामीणों की भीड़ जुट गई और जब पेड़ को हटाया गया, तो नीतीश का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला

मृतक के चाचा योगेश्वर यादव ने बताया कि आंधी तूफान के बाद नीतीश घर नहीं लौटा था, जिसके बाद से ही उसकी खोज शुरू कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि मृतक संभवतः आंधी के दौरान गिरे ताड़ के पेड़ के नीचे दब गया था, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

घटना की सूचना मिलते ही घोषी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जहानाबाद भेजा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।

घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया और गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया। परिजन और ग्रामीण प्रशासन से पीड़ित परिवार को सहायता और मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

अरिस्टो फार्मा के एमडी उमेश शर्मा का पैन गांव में भव्य स्वागत, विकास कार्यों की सौगात

बरबीघा (शेखपुरा): अरिस्टो फार्मा के मैनेजिंग डायरेक्टर उमेश शर्मा उर्फ भोला बाबू शनिवार को शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड स्थित पैन गांव पहुंचे। गांव के स्कूल प्रांगण में आयोजित एक भव्य समारोह में उनका शानदार स्वागत किया गया। यह कार्यक्रम पंचायत के मुखिया चंदन सिंह और उनके सहयोगियों द्वारा आयोजित किया गया था।

कार्यक्रम की शुरुआत में उमेश शर्मा ने अपने बड़े भाई, पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. किंग महेंद्र की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने बुके और फूलमालाओं से उनका अभिनंदन किया। पंचायत के मुखिया ने उन्हें चांदी का मुकुट भेंट कर विशेष सम्मान भी प्रदान किया।

अपने संबोधन में उमेश शर्मा ने कहा कि अरिस्टो फार्मा का सीएसआर फंड पूरे बिहार में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए समर्पित है। उन्होंने पैन पंचायत के सभी वार्डों को गोद लेने की घोषणा की और कहा कि यहां के आसपास के गांवों में भी निरंतर विकास कार्य किए जाएंगे।

विकास कार्यों की मुख्य घोषणाएं:

  • सभी वार्डों में सोलर लाइट्स लगाई जाएंगी, जिससे रात में बेहतर रोशनी की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।
  • पीने के पानी की सुविधा के लिए जलकल, शौचालयों का निर्माण, तथा सामुदायिक भवनों का निर्माण कराया जाएगा।
  • छात्रों को स्कूल बैग एवं खेल किट वितरित किए गए, साथ ही वादा किया गया कि स्कूलों में आरओ प्लांट लगाकर स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जाएगी।

स्वास्थ्य और रोजगार पर भी फोकस:

उमेश शर्मा ने बताया कि अरिस्टो फार्मा का सीएसआर फंड केवल बुनियादी सुविधाओं तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका उपयोग कैंसर पीड़ितों व गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों की आर्थिक मदद के लिए भी किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में छोटे व मंझोले उद्योगों की स्थापना कर स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।

इस ऐतिहासिक पहल को गांववासियों एवं स्थानीय प्रतिनिधियों ने एक सराहनीय कदम बताया और इसे पैन पंचायत के लिए एक नई उम्मीद की शुरुआत माना। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों, शिक्षकों एवं छात्रों की उपस्थिति रही।

जहानाबाद की कराटे टीम राज्यस्तरीय प्रतियोगिता के लिए पटना रवाना


जहानाबाद जिला कराटे संघ की टीम बिहार राज्य स्तरीय कराटे चैंपियनशिप 2025 में भाग लेने के लिए पटना रवाना हुई। यह प्रतियोगिता संत डॉमनिक सेवियों हाई स्कूल, दीघा नासरीगंज में 12 अप्रैल से 13 अप्रैल तक आयोजित की जा रही है, जिसमें सब-जूनियर, कैडेट व जूनियर वर्गों के सैकड़ों खिलाड़ी भाग लेंगे।

जहानाबाद से रवाना हुई टीम में पांच प्रतिभाशाली खिलाड़ी – अमीश तिवारी, हर्ष राज पाठक, कुणाल सिंह आर्य, गौरव कुमार वर्मा और विश्वसंस्कर ज्योति शामिल हैं। टीम के साथ एक कोच, एक मैनेजर और एक ऑफिशियल भी मौजूद हैं। इस दल का नेतृत्व जिला कराटे संघ के मुख्य कोच अन्नू शक्ति सिंह कर रहे हैं।

मुख्य कोच अन्नू शक्ति सिंह ने रवाना होने से पूर्व मीडिया से बातचीत में कहा, “पिछले वर्ष जहानाबाद के गौरव कुमार वर्मा का चयन राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हुआ था। इस वर्ष भी हम पूरी उम्मीद रखते हैं कि हमारी टीम के दो से तीन खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित होंगे।” उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों ने पूरे समर्पण और कड़ी मेहनत के साथ तैयारी की है।

कोच ने यह भी कहा कि जहानाबाद के युवा आज खेल के हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं और कराटे भी उनमें से एक है। जिले के लोग इस टीम को शुभकामनाएं दे रहे हैं और सभी को विश्वास है कि यह टीम राज्य स्तर पर उम्दा प्रदर्शन कर जिले का मान बढ़ाएगी।

टीम के रवाना होने के साथ ही खिलाड़ियों के परिजन, खेल प्रेमी और जिले के नागरिकों में उत्साह का माहौल है। सभी को भरोसा है कि यह दल राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जीत के साथ लौटेगा और राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

जहानाबाद पलक सिन्हा ने रचा इतिहास, बनी देशभर के छात्रों के लिए प्रेरणा: डॉ. अरुण


जहानाबाद: शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि दर्ज करते हुए मानस इंटरनेशनल रेजिडेंशियल स्कूल, कोर्ट एरिया, जहानाबाद की प्रतिभावान छात्रा पलक सिन्हा ने पूरे देश का मान बढ़ाया है। रोल नंबर ITSE1650296 की पलक ने इंटरनेशनल टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन (ITSE) के गणित विषय में अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में 180 में से 180 अंक अर्जित कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

यह परीक्षा न केवल भारत में, बल्कि कई अन्य देशों में भी मान्यता प्राप्त है, और इसमें हजारों प्रतिभागी भाग लेते हैं। इस कठिन प्रतियोगिता में पलक की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा किसी सीमा की मोहताज नहीं होती।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पलक को गोल्ड मेडल, ₹50,000 का नकद पुरस्कार, एक लैपटॉप और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। पलक की इस कामयाबी पर विद्यालय परिसर में उत्सव का माहौल रहा। शिक्षक, छात्र, अभिभावक और विद्यालय प्रबंधन ने पलक को बधाइयाँ दीं और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

मानस इंटरनेशनल एजुकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. अरुण कुमार सिन्हा ने पलक की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “पलक आज देशभर के छात्रों के लिए प्रेरणा बन गई है। यह उपलब्धि दिखाती है कि यदि छात्र को सही मार्गदर्शन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सकारात्मक वातावरण मिले, तो वे असंभव को भी संभव कर सकते हैं।” उन्होंने इसे पूरे मानस परिवार की प्रतिबद्धता और समर्पण की जीत बताया।

विद्यालय के निदेशक निशांत रंजन ने भी अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा, “हम केवल शिक्षा नहीं देते, हम व्यक्तित्व निर्माण करते हैं। पलक की सफलता उसी सोच का प्रतिबिंब है जिसमें हम हर छात्र को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी नागरिक बनाने की दिशा में काम करते हैं।”

पलक का पारिवारिक पृष्ठभूमि भी प्रेरणादायक है। एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली पलक के दादा एक सेवानिवृत्त सरकारी विद्यालय प्रधानाध्यापक हैं। उन्होंने अपने पोती के उज्ज्वल भविष्य के लिए मानस इंटरनेशनल स्कूल को चुना और आज वह निर्णय ऐतिहासिक उपलब्धि में बदल गया है।

पलक की सफलता यह दर्शाती है कि शिक्षा की रोशनी केवल महानगरों तक सीमित नहीं, बल्कि छोटे शहरों में भी बड़े सपने पलते हैंजहानाबाद की इस बेटी ने यह साबित कर दिया है कि अगर लगन सच्ची हो और मंच मजबूत, तो कोई भी छात्र वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहरा सकता है।

यह उपलब्धि न केवल पलक की मेहनत का प्रतिफल है, बल्कि उन सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करने की हिम्मत रखते हैं।

जहानाबाद में आंधी-तूफान ने मचाया कहर : आकाशीय बिजली से दो कि मौत, कई घायल*
जहानाबाद : जिले में अचानक बदले मौसम ने जमकर तबाही मचाई है। जहां एक और आकाशीय बिजली के चलते खेत में काम कर रहे हैं किसान की मौत हो गई है। वहीं दूसरी ओर घर के बाहर खेल रही एक बच्ची भी इसकी शिकार हो गयी है। हल्की बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दिलाई, लेकिन उसके पूर्व आयी तेज आंधी तूफान ने पूरे जिले में कोहराम मचा दिया है। बारिश थमते ही जहानाबाद सदर अस्पताल में मानों मरीजों की झड़ी सी लग गयी। कई लोग अपने बच्चों को गोद मे लिए भागते भागते अस्पताल पहुंचे थे। खेत मे काम करने घोसी थाना छेत्र के मोहिउद्दीनपुर निवासी 32 वर्षीय गुणु चौधरी  बारिस देख घर लौट रहे थे कि उनपर आकाशीय बिजली ने अपना कहर बरपाया और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गयी। इसके बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। दूसरी ओर घर के बाहर बिजली के खंभे पर आकाशीय बिजली गिरने के बाद वह एक बच्चे के ऊपर गिर पड़ा। जिसके बाद उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। इलाज के क्रम में बच्चे ने दम तोड़ दिया। वहीं गली में खेल रहे एक बच्ची के ऊपर पड़ोस के घर के छत से करकट गिरने से घायल हो गयी। उसे भी इलाज के लिए लाया गया है।
जहानाबाद प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी स्व० श्यामनारायण सिंह की पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई गई

जहानाबाद प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी एवं ए.एन.एस. कॉलेज, जहानाबाद के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय श्यामनारायण सिंह की पुण्यतिथि बुधवार को कॉलेज परिसर में भव्य श्रद्धांजलि सभा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में गणमान्य अतिथियों, प्राध्यापकों, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं एवं शहर की प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय प्रांगण में स्व. श्यामनारायण बाबू की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इसके उपरांत आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने उनके जीवन, संघर्ष और योगदान को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) ओमप्रकाश सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि श्यामनारायण बाबू का जीवन सदैव गरीब, असहाय, और समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति की सेवा के लिए समर्पित रहा। वर्ष 1925 में जन्मे श्यामनारायण बाबू ने मात्र 17 वर्ष की उम्र में भारत छोड़ो आंदोलन (1942) में हिस्सा लिया और जेल की यातनाएं सहीं, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम से पीछे नहीं हटे।

उन्होंने डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह, डॉ. श्रीकृष्ण सिंह, जयप्रकाश नारायण एवं फिदा हुसैन जैसे महान नेताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। पढ़ाई पूरी नहीं कर सके, परंतु शिक्षा के महत्व को समझते हुए उन्होंने एसएस कॉलेज, एसएन कॉलेज, गांधी स्मारक विद्यालय और गौतम बुद्ध उच्च विद्यालय जैसे कई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना एवं संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ए.एन.एस. कॉलेज की स्थापना से लेकर अपने जीवन के अंतिम समय तक वे संस्थापक सचिव के रूप में कार्यरत रहे। साथ ही, वे तीन बार नगर पालिका (वर्तमान नगर परिषद्) के चेयरमैन भी रहे। 1975 की इमरजेंसी के दौरान उन्हें मीसा एक्ट के तहत छह महीने की जेल भी हुई, बाद में जनता पार्टी सरकार में वे कारा सुधार समिति के सदस्य नियुक्त हुए।

श्रद्धांजलि सभा में प्रो. अरविंद कुमार सिंह, प्रो. शिवप्रकाश सिंह, प्रो. शिवशंकर सिंह, डॉ. अखिलेश पाण्डेय, डॉ. रंगनाथ द्विवेदी सहित कई वक्ताओं ने उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उनके सुपुत्र अभय कुमार सिंह एवं अखिलेश सिंह ने भी सभा को संबोधित किया और सभी आगंतुकों के प्रति आभार जताया।

कार्यक्रम के दौरान डा. अमित कुमार सिंह के नेतृत्व में एक क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें सफल छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। सभा के अंत में प्रो. डॉ. राम भवन शर्मा द्वारा कुशल मंच संचालन किया गया। कार्यक्रम के उपरांत सभी अतिथियों के लिए प्रीतिभोज की व्यवस्था महाविद्यालय परिवार द्वारा की गई।

यह आयोजन स्व. श्यामनारायण बाबू के आदर्शों और विचारों को जीवित रखने की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल रही।

हुलासगंज को आदर्श प्रखंड बनाने की दिशा में शिष्टमंडल समिति की बैठक सम्पन्न, स्वच्छता और जागरूकता को लेकर लिए गए अहम निर्णय

हुलासगंज: महापरिवर्तन आंदोलन से जुड़ी प्रखंड शिष्टमंडल समिति की एक अहम बैठक आदर्श संस्कृत कॉलेज, हुलासगंज में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य श्री श्रीनिवास जी ने की। हर महीने की तरह इस बार भी समिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिनका उद्देश्य हुलासगंज को एक आदर्श प्रखंड के रूप में विकसित करना है।

बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णयों में बाजार समिति को गंदगी मुक्त करना, जल निकासी की समुचित व्यवस्था करना और हुलासगंज बाजार में शौचालय निर्माण की व्यवस्था सुनिश्चित करना शामिल है। निर्णयों को अमल में लाने के लिए शिष्टमंडल के गणमान्य सदस्य संबंधित सक्षम प्राधिकारियों से मिलेंगे।

बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी शुक्रवार को शाम चार बजे एक स्वच्छता जागरूकता रैली निकाली जाएगी। इस रैली के माध्यम से लोगों को ‘स्वच्छ रहें – स्वस्थ रहें’ का संदेश दिया जाएगा।

महापरिवर्तन आंदोलन एक गैर-राजनीतिक सामाजिक चेतना अभियान है, जिसकी प्रेरणा वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एवं एसटीएफ बिहार के संस्थापक विनय कुमार सिंह हैं। वर्तमान में यह अभियान बिहार के बारह जिलों में सक्रिय रूप से संचालित हो रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य को एक उन्नत और विकसित स्वरूप प्रदान करना है। इसी के तहत प्रत्येक प्रखंड में एक शिष्टमंडल समिति का गठन किया गया है, जिसमें समाज के प्रतिष्ठित, गैर-राजनीतिक और अच्छे छवि वाले व्यक्तियों को शामिल किया गया है।

बैठक में प्रखंड के सभी गांवों की सामूहिक समस्याओं पर भी चर्चा हुई। समिति के संयोजक, रिटायर्ड शिक्षक नंदकिशोर कुमार ने सभी ग्रामीणों से अपील की कि वे अपनी समस्याएं फोन या व्हाट्सऐप के माध्यम से समिति तक पहुंचाएं ताकि त्वरित समाधान किया जा सके। वहीं प्रखंड कार्यकारिणी संयोजक रौशन कुमार ने इस पहल को एक सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि अगर सभी लोग मिलकर सहयोग करें तो हुलासगंज को एक आदर्श प्रखंड के रूप में पहचान मिलना तय है।

इस बैठक में रणधीर कुमार, वेंकटेश कुमार, सूरजपुर पंचायत के मुखिया पति मन्ना जी, मनोज कुमार समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

जहानाबाद: महिला के पेट से निकाला गया 4 किलो का ट्यूमर, मगध हॉस्पिटल में सर्जरी रही सफल


जहानाबाद जिले के मगध हॉस्पिटल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां डॉक्टरों की टीम ने एक 55 वर्षीय महिला के पेट से करीब 4 किलो वजनी ट्यूमर को सफलतापूर्वक ऑपरेशन के जरिए बाहर निकाला। यह जटिल सर्जरी अस्पताल के अनुभवी चिकित्सकों की देखरेख में संपन्न हुई।

मरीज शिवानी देवी, उम्र 55 वर्ष, बीते छह महीनों से पेट दर्द और असहजता की समस्या से परेशान थीं। जब उन्होंने चिकित्सकीय परामर्श लिया तो सीटी स्कैन में उनके पेट में एक विशाल ट्यूमर की पुष्टि हुई।

शुरुआत में इसे लैप्रोस्कोपिक (दूरबीन विधि) तकनीक से निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन ट्यूमर के अत्यधिक बड़े आकार के कारण डॉक्टरों को ओपन सर्जरी करनी पड़ी। सर्जरी का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ सर्जन डॉ. राजीव रंजन कुमार ने बताया कि ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और अब मरीज की स्थिति स्थिर एवं बेहतर है।

डॉ. कुमार ने बताया कि यदि समय रहते इस ट्यूमर की पहचान न होती, तो यह जानलेवा साबित हो सकता था। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी प्रकार के लंबे समय तक बने रहने वाले दर्द, सूजन या असामान्य लक्षणों को नजरअंदाज न करें और समय रहते विशेषज्ञ से सलाह लें।

यह घटना न केवल चिकित्सा क्षेत्र की सफलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि समय पर की गई जांच और इलाज से गंभीर बीमारियों से भी बचा जा सकता है।

कवयित्री मानसी सिंह की रचना ने भावुक किया पाठकों को, शब्दों में छलका यथार्थ का स्याह सच

जहानाबाद (बिहार): मगध विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की स्नातकोत्तर छात्रा एवं ‘शब्दाक्षर प्रदेश साहित्य मंत्री’ कवयित्री मानसी सिंह की नवीनतम कविता “कभी-कभी” ने साहित्यप्रेमियों के हृदय को गहराई से छू लिया है। सोशल मीडिया और साहित्यिक मंचों पर यह रचना तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

इस कविता में कवयित्री ने अपनेपन के दिखावे, विश्वास के टूटने, और जीवन के कठोर यथार्थ को बड़ी ही सहज, लेकिन गहरी भाषा में अभिव्यक्त किया है। कविता की पंक्तियाँ –
“कभी-कभी बुरे वक्त का आना बहुत जरूरी है,
कभी-कभी अपनों को आजमाना बहुत जरूरी है...”
ने पाठकों को आत्मचिंतन पर विवश कर दिया।

मानसी सिंह की रचना न केवल भावनाओं को छूती है, बल्कि जीवन की कठिन परिस्थितियों में आत्मनिरीक्षण और आत्मबल की आवश्यकता को भी दर्शाती है। उन्होंने कविता में दर्शाया कि तन्हाई की पीड़ा, झूठे अपनेपन की तुलना में कहीं अधिक सुकूनदायक होती है।

कविता का अंतिम भाग –
“जब प्रेम प्रकृति; नेह का बंधन कोई साथ नहीं जाता,
ऐसे में सपोलों का क्या पालना बहुत जरूरी है...!!”
एक प्रहार है उन रिश्तों पर, जो केवल दिखावे के लिए होते हैं।

कविता को मिल रही सराहना
साहित्यिक मंचों पर इस रचना को युवाओं, विद्यार्थियों और कवि समुदाय से विशेष सराहना मिल रही है। कई पाठकों ने इसे “आत्मचेतना की आवाज़” बताया है। यह कविता वर्तमान सामाजिक संदर्भ में रिश्तों की असलियत और आत्मबल की महत्ता को गहराई से रेखांकित करती है।

कवयित्री मानसी सिंह, जिन्होंने यह रचना साझा की है, न केवल साहित्य में सक्रिय हैं, बल्कि समकालीन विषयों पर अपनी पैनी दृष्टि और भावनात्मक अभिव्यक्ति के लिए भी जानी जाती हैं।