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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वर्गीय जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय का भूमिपूजन किया

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज स्वर्गीय जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री ने मंच पर भगवान श्री राम, भारत माता, बिरसा मुंडा, स्वर्गीय जगदेव राम उरांव और स्वर्गीय बाला साहब देशपांडे के छायाचित्र पर पुष्पगुच्छ अर्पित कर उन्हें नमन किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री साय ने ‘सेवांकुर भारत: एक सप्ताह देश के नाम’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने इस कार्यक्रम के तहत आदिवासी क्षेत्रों में किए जा रहे सेवाभाव की सराहना की।

इस अवसर पर एनटीपीसी लारा के महाप्रबंधक रविशंकर ने कलेक्टर रोहित व्यास को जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय के निर्माण के लिए 35 करोड़ 53 लाख रुपये का चेक प्रदान किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जनजातीय लोगों के सेवाकार्य और इन क्षेत्रों के विकास में स्वर्गीय जगदेव राम उरांव, स्वर्गीय बाला साहब देशपांडे, स्वर्गीय कुमार दिलीप सिंह जूदेव के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय का निर्माण मानव समाज के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति हमारी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एनटीपीसी लारा के सीएसआर फंड से इस अस्पताल के निर्माण के लिए 35 करोड़ 53 लाख रुपये आबंटित किया गया है। इस अस्पताल के बन जाने से जशपुर और इसके आसपास के ग्रामीण अंचल के रहवासियों को लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस बार के बजट में जशपुर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना, शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज, शासकीय नर्सिंग कॉलेज और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद से अब तक के कार्यकाल में ही मोदी की अधिकांश गारंटियों को पूरा कर लिया गया है। कैबिनेट की पहली ही बैठक में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति प्रदान की गई। महतारी वंदन योजना के माध्यम से प्रति माह 01 हजार रुपये देकर महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। तेंदूपत्ता का प्रति मानक बोरा 5500 रुपये मूल्य निर्धारित किया गया है। पीएम जनमन योजना से विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों का विकास किया जा रहा है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना के माध्यम से आदिवासी इलाकों का विकास कार्य और नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से बस्तर के नक्सल प्रभावित ग्रामों में विकास किया जा रहा है।

अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा स्वर्गीय जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय

उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। 100 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में 15 ओपीडी, 4 आईसीयू, 4 ऑपरेशन थिएटर, फिजियोथेरेपी, पैथोलॉजी लैब, सीटी स्कैन, डायलिसिस, एक्स-रे, आपातकालीन वार्ड, एमआरआई, ईसीजी सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।

आदिवासी क्षेत्रों में जाकर कार्य कर रहा है ‘सेवांकुर भारत: एक सप्ताह देश के नाम’

सेवांकुर भारत की तरफ से 5 से 13 अप्रैल तक ‘एक सप्ताह देश के नाम’ मनाया जा रहा है। सेवांकुर भारत एक सेवाभावी संस्था है, जिसमें डॉक्टरों सहित मेडिकल फील्ड से जुड़े अन्य लोग काम कर रहे हैं। यह संस्था आदिवासी इलाकों में जाकर मेडिकल कैंप लगाकर उनका इलाज करती है और अन्य चिकित्सकीय सुविधाएं भी उपलब्ध कराती है। इस संस्था में 18 ग्रुप हैं, प्रत्येक ग्रुप में 15 से 16 लोग जुड़े हैं। सेवांकुर भारत 2016 से हर वर्ष ‘एक सप्ताह देश के नाम’ से आदिवासी इलाकों में जाकर सेवा का कार्य कर रही है। यह संस्था नए चिकित्सकों को सेवा कार्य के लिए प्रेरित भी करती है। इसके अलावा यह संस्था आदिवासियों के घरों में जाकर उनकी संस्कृति और जीवनशैली का अध्ययन करती है, ताकि उनके इलाज की जरूरतों को बेहतर समझा जा सके।

इस अवसर पर सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष गोमती साय, विधायक रायमुनि भगत, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष सत्येन्द्र कुमार सिंह, महामंत्री योगेश बापट, संनिर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष रामप्रताप सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, नगर पालिका अध्यक्ष अरविंद भगत, उपाध्यक्ष यश प्रताप सिंह जूदेव, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांतीय अध्यक्ष रणविजय सिंह जूदेव, कमिश्नर नरेन्द्र दुग्गा, आईजी अंकित गर्ग, जनसंपर्क आयुक्त डॉ. रवि मित्तल, पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह, कृष्ण कुमार राय सहित वनवासी कल्याण आश्रम के पदाधिकारी सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कैंसर डिटेक्शन वैन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जशपुर जिला प्रशासन और बालको मेडिकल सेंटर, रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 07 एवं 08 अप्रैल 2025 को  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुनकुरी में निःशुल्क रक्त एवं कैंसर रोग परामर्श शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सीएम कैंप कार्यालय बगिया से मोबाइल कैंसर डिटेक्शन वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया गया। कैंसर डिटेक्शन वैन के माध्यम से जशपुर जिले में कैंसर सम्भावित मरीजों का जाँच एवं उपचार 7 एवं 8 अप्रैल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुनकुरी में नि:शुल्क उपलब्ध रहेगा। इस स्वास्थ्य शिविर का उद्देश्य कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को शुरुआती स्तर पर ही पकड़ना है जिसे इसका प्रभावी एवं सुगम इलाज हो सके । शिविर में स्तन कैंसर, बच्चेदानी का कैंसर, मुंह का कैंसर, रक्त संबंधी कैंसर व रक्त विकारो की नि:शुल्क जांच की जाएगी।

सेक्सुअल असॉल्ट का शिकार हुई बच्ची, कार्डियक अरेस्ट से हुई मौत, पुलिस ने 3 संदेहियों को हिरासत में लिया…

दुर्ग- कार के भीतर बच्ची की लाश मिलने के मामले से जुड़ी नई जानकारी सामने आई है. एडिशन एसपी सुखनन्दन राठौर ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्ची के साथ सेक्सुअल असॉल्ट हुआ है. वहीं शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि नाबालिग की मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई है. इस मामले में 3 आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है.

IPS रजनेश सिंह पर चल रही विभागीय जांच खत्म, राज्य सरकार ने लिया फैसला…

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने IPS रजनेश सिंह के खिलाफ चल रहे विभागीय जांच को समाप्त कर दिया है. भूपेश बघेल के कार्यकाल में उनपर और तात्कालीन डीजी पर गंभीर मामलों में केस दर्ज किए गए थे, जिसपर ACB-EOW ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी. पेश रिपोर्ट के आधार पर अब राज्य सरकार ने IPS रजनेश सिंह पर चल रही विभागीय जांच को खत्म कर दिया है.

क्लोजर रिपोर्ट की प्रमुख बातें

बता दें, साल 2019 में कांग्रेस की सरकार के दौरान तात्कालीन DG मुकेश गुप्ता और IPS रजनेश सिंह पर रमन सिंह की सरकार के कार्यकाल में सामने आए नान घोटाले में बिना अनुमति फोन टेप करने और दस्तावेज की हेराफेरी करने के आरोप लगे थे. इसके बाद भूपेश सरकार ने दोनों अफसरों को निलंबित करने के साथ ही इनके खिलाफ गैर जमानती धाराओं में FIR भी दर्ज करा दी थी. इस मामले में एसीबी ने कोर्ट में एक क्लोजर रिपोर्ट पेश करते हुए कोर्ट को बताया कि बगैर अनुमति के इंटरसेप्शन का आरोप पूरी तरह निराधार है. रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि जो भी इंटरसेप्शन हुआ, वह कानूनी और वैध तरीके से किया गया था. इसलिए दोनों FIR को रद्द करने की मांग की थी.

कैट ने निलंबन को ठहराया था गलत

इस पुरे घटनाक्रम के बाद IPS मुकेश गुप्‍ता करीब तीन साल तक सस्पेंड रहे थे. इस दौरान उन्‍होंने अपने सस्पेंशन आदेश को कैट में चुनौती दी थी. जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर सितंबर 2022 में उनका निलंबन खत्म कर दिया गया था. उसी महीने 30 सितंबर को ही मुकेश गुप्‍ता रिटायर हो गए थे. वहीं आईपीएस रजनेश सिंह ने भी निलंबन आदेश को कैट में चुनौती दी थी. कैट ने उनके निलंबन को गलत ठहराते हुए बहाल करने का आदेश दिया था. अब राज्य सरकार ने इस मामले में IPS रजनेश सिंह के पर चल रहे विभागीय जांच को खत्म कर दिया है.

कार में बच्ची का शव मिलने का मामला : आक्रोशित लोगों ने किया थाने का घेराव, शव लेकर धरने पर बैठे परिजन, आरोपियों को फांसी देने की मांग

दुर्ग- शहर में कार के भीतर मासूम बच्ची की लाश मिलने के मामले में लोगों और परिजनों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. सैंकड़ों की संख्या में मोहल्लेवासियों ने थाने का घेराव कर किया. बच्ची की मां शव को लेकर धरने पर बैठ गई. मामले में आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की जा रही है. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने लोगों को खदेड़ दिया.

पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद कड़ाई से पूछताछ की, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. मामले में पुलिस की जांच जारी है.

बता दें कि नवरात्रि के अंतिम दिन कन्याभोज के लिए सुबह करीब 9 बजे 6 साल की मासूम बच्ची घर से निकली थी, लेकिन शाम तक वह वापस नहीं लौटी. परेशान परिजनों ने काफी तलाश किया लेकिन कुछ भी पता नहीं चला. खोजबीन करते हुए शाम को घर के पास पार्क में कार की डिक्की से बच्ची की लाश मिली. इसकी जानकारी मिलते ही लोग आक्रोशित हो गए और कार मालिक के घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी.

घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण किया. पुलिस ने बच्ची के शव को जिला अस्पताल पहुंचाया. पुलिस ने लोगों को समझाइश देने के बाद संदेही युवक को हिरासत में लिया. हालांकि पुलिस के आश्वासन के बाद भी लोगों की नाराजगी कम नहीं हुई. वहीं परिजनों ने आरोपी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है.

कांग्रेस बढ़ाएगी जिला अध्यक्षों का पॉवर, PCC चीफ ने कहा- मजबूती और पार्दर्शिता के लिए देंगे पावर…

रायपुर- छत्तीसगढ़ में लगातार मिल रही चुनावी हार के बाद कांग्रेस पार्टी अपने संगठन में बड़े बदलाव की योजना पर काम कर रही है. पार्टी अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबले के लिए नई रणनीति अपना रही है. PCC चीफ दीपक बैज ने गुरुवार को राहुल गांधी से मुलाकात के बाद आज मीडिया से बातचीत में कांग्रेस जिला अध्यक्षों की पावर बढ़ाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पार्टी का आधार स्थानीय स्तर पर मजबूत करने और पारदर्शिता के लिए जिला अध्यक्षों को पावर देगी.

बता दें, गुरुवार को दिल्ली में आयोजित बैठक के दूसरे चरण में छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, मुंबई, गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और चंडीगढ़ के जिला अध्यक्ष शामिल हुए. इस दौरान संबंधित प्रदेशों के प्रभारी और राज्य अध्यक्ष भी मौजूद रहे. इस दौरान कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख पवन खेड़ा ने बताया कि इस सत्र में मीडिया, सोशल मीडिया समेत कुल छह प्रस्तुतियां हुईं. पार्टी नेतृत्व अब जिला अध्यक्षों के कार्यों की समीक्षा करेगा. यह देखा जाएगा कि उनके क्षेत्र में पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव तक वोट प्रतिशत में कितनी वृद्धि या गिरावट हुई है. इसके आधार पर जिला अध्यक्षों की आगे की भूमिका तय की जाएगी.

गुजरात में 64 साल बाद कांग्रेस का अधिवेशन

वहीं गुजरात में 64 साल के बाद कांग्रेस का अधिवेशन होने जा रहा है. इस अधिवेशन में छत्तीसगढ़ समेत सभी राज्यों के कांग्रेस नेता शामिल होंगे. इसे लेकर दीपक बैज ने कहा कि आज राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने जा रहे हैं. आने वाला साल संगठन का साल है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की मजबूती और कार्ययोजना के लिए टारगेट सौपेंगे. उम्मीद है कि अधिवेशन में महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे.

साय मंत्रिमंडल के विस्तार पर कसा तंज

वहीं साय मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर पीसीसी चीफ ने तंज कसते हुए कहा कि निगम मंडल में नियुक्ति के बाद भाजपा में सर फुटव्वल की स्थिति है. बीजेपी के नेता पद वापस कर दे रहे हैं.

भारतमाला परियोजना में 220 करोड़ का मुआवजा घोटाला: EOW ने की जांच शुरू, जल्द होगी FIR दर्ज…

रायपुर-  EOW ने भारतमाला परियोजना में मुआवजा घोटाला मामले की जांच शुरू कर दी है. EOW ने प्रशासन से लगभग 500 पन्नों की जांच रिपोर्ट मांगी है. अब जल्द ही मामले में दोषियों पर FIR हो सकती है. यह पहली बार है जब राज्य में किसी भूमि मुआवजा विवाद की जांच EOW कर रही है. विभाग ने इस घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज पहले ही जुटा लिए हैं और कई बिंदुओं पर गोपनीय जांच भी पूरी हो चुकी है. घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी जोरों पर है और जल्द ही गिरफ्तारियां भी संभव हैं.

बता दें, शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि कुछ सरकारी अधिकारियों, भू-माफियाओं और प्रभावशाली लोगों ने मिलीभगत कर फर्जी तरीके से लगभग 43 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि हासिल की थी. वहीं मामले की विस्तृत जांच में यह आंकड़ा बढ़कर 220 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच गया है. अब तक लगभग 164 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का रिकॉर्ड जांच एजेंसी को मिल चुका है. 

वहीं घोटाले के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने बीते दिन (6 मार्च) को PMO और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भी भेजा है. उन्होंने पत्र के माध्यम से मामले में CBI जांच की मांग की है. 

बता दें, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने विधानसभा बजट सत्र 2025 में भी इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद साय कैबिनेट की बैठक में जांच को ईओडब्ल्यू को सौंपने का निर्णय लिया गया था. अब EOW ने इस घोटाले की जांच तेज कर दी है. 

क्या है भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला?

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 कि.मी. सड़क निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क बनना प्रस्तावित है. इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमींने अधिग्रहित की हैं. इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है. विधानसभा बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इस मामले में जांच का फैसला लिया गया.

दिल्ली से दबाव के बाद खुला मामला

बताया जाता है कि कमोबेश 300 करोड़ रुपए के इस घोटाले का खुलासा दिल्ली से दबाव पड़ने के बाद हुआ. मुआवजे के तौर पर 248 करोड़ रुपए देने के बाद 78 करोड़ के और क्लेम सामने आने पर नेशनल हाईवे अथारिटी के चीफ विजिलेंस आफिसर ने रायपुर कलेक्टर से इसकी जांच कराने कहा था. लेकिन जांच सालों तक अटकी रही. दिल्ली से पड़े दबाव के बाद कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट तैयार की, जिसमें यह बात स्पष्ट हुई कि मूल मुआवजा 35 करोड़ के आसपास बनता था, जिसे 213 करोड़ रुपए ज्यादा कर बांट दिया गया.

भूमि अधिग्रहण नियम

भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के तहत हितग्राही से यदि 5 लाख कीमत की जमीन ली जाती है, तो उस कीमत के अलावा उतनी ही राशि यानी 5 लाख रुपए सोलेशियम के रूप में भी दी जाएगी. इस तरह उसे उस जमीन का मुआवजा 10 लाख दिया जाएगा.

इसके तहत 5 लाख की यदि जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उसके 10 लाख रुपए मिलेंगे और 10 लाख रुपए सोलेशियम होगा. इस तरह हितग्राही को उसी जमीन के 20 लाख रुपए मिलेंगे.

सेंट्रल जेल में पुनर्वास की दिशा में अनूठी पहल : कैदियों में राष्ट्रप्रेम और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने दिखाई गई देशभक्ति फिल्म

रायपुर-  सेंट्रल जेल में बंद कैदियों के पुनर्वास की दिशा में एक अनूठी पहल की गई है. जेल परिसर में प्रोजेक्टर स्क्रीन और आधुनिक साउंड सिस्टम के साथ सेटअप तैयार कर आज सभी कैदियों को ‘बॉर्डर’ फिल्म दिखाई गई. यह आयोजन निरंतर किया जाएगा, जिसके तहत कैदियों को प्रेरणादायक और शिक्षाप्रद फिल्में दिखाई जाएंगी.

रायपुर सेंट्रल जेल में रविवार से ‘बॉर्डर’ फिल्म के साथ इस अनूठी पहल की शुरुआत की गई, जिसे देखकर कैदियों में देशभक्ति और आत्मचिंतन की भावना देखी गई. कैदियों को फिल्मों के चयन की जिम्मेदारी जेल अधीक्षक की होगी.

यह पहल कैदियों के पुनर्वास और सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है, जिससे उन्हें जेल में रहते हुए भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर मिल सकेगा.

जेल मुख्यालय से स्वीकृति मिलने के बाद, सिनेमा हॉल में प्रोजेक्टर लगाने और संचालन के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है. इन एक्सपर्ट्स के सहयोग से प्रोजेक्टर, बड़ी स्क्रीन और साउंड सिस्टम जैसी सभी तकनीकी व्यवस्थाएं की जा रही हैं, ताकि कैदी और बंदी अनुशासित रूप से फिल्में और शिक्षाप्रद शॉर्ट फिल्में देख सकें.

रायपुर मास्टर प्लान में गड़बड़ियों की जांच तेज, जोन 8 में भवन निर्माण की दी गई अनुमतियों का नए सिरे से परीक्षण…

रायपुर- राजधानी रायपुर की निवेश क्षेत्र विकास योजना यानी मास्टर प्लान-2031 में सामने आई अनियमितताओं और विसंगतियों की जांच अब तेज़ी से आगे बढ़ रही है. विधानसभा में मामला उठने के बाद नगर निवेश विभाग और नगर निगम के अधिकारियों ने उन सभी बिंदुओं की पड़ताल शुरू कर दी है, जो भवन निर्माण की अनुमतियों से संबंधित हैं.

शिकायतों पर बनी रिपोर्ट पहले ही सौंप दी गई थी

मास्टर प्लान में की गई गड़बड़ियों की जांच रिपोर्ट पहले ही नगर एवं ग्राम निवेश के संचालक को सौंपी जा चुकी है. रिपोर्ट में कई गंभीर खामियों का उल्लेख किया गया है. रायपुर पश्चिम के विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने विधानसभा में इस मसले को प्रमुखता से उठाते हुए विभागीय मंत्री को पत्र लिखकर आपत्तियों का निराकरण होने तक निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की मांग की है.

समीक्षा बैठक में तय हो रही आगे की रणनीति

नगर निगम आयुक्त, संबंधित जोन कमिश्नर और नगर निवेश विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक भी आयोजित की जा चुकी है. अधिकारियों के मुताबिक, विधानसभा में उठाए गए मुद्दों की गहन जांच के बाद शासन को अंतिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी. इस विषय को शासन स्तर पर भी गंभीरता से लिया जा रहा है.

2023 में लागू हुआ था मास्टर प्लान-2031

गौरतलब है कि रायपुर मास्टर प्लान-2031 को 13 जुलाई 2023 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लागू किया गया था. योजना लागू होने के बाद से ही इसमें तमाम गड़बड़ियों को लेकर शिकायतें मिलने लगी थीं, जिनकी जांच के लिए एक विशेष समिति बनाई गई थी. इस समिति को कुल 146 शिकायतें और सुझाव प्राप्त हुए थे.

जमीन और सड़क उपयोग में गंभीर विसंगतियाँ उजागर

जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि रायपुर के कई पुराने तालाबों की भूमि को गलत तरीके से आवासीय या कृषि क्षेत्र में बदल दिया गया है. इसके अलावा कुछ प्रमुख सड़कों को नक्शे से हटा दिया गया है या उनकी चौड़ाई कम दर्शाई गई है, जिससे शहरी यातायात और आधारभूत संरचना पर असर पड़ सकता है.

संशोधन से पहले मांगे जाएंगे नागरिकों से सुझाव

अधिकारियों ने बताया कि मास्टर प्लान में संभावित संशोधनों से पहले जनता से दावे और आपत्तियां मांगी जाएंगी. फिलहाल मौजूदा मास्टर प्लान ही प्रभावी है, लेकिन जांच पूरी होने और रिपोर्ट आने के बाद उसमें आवश्यक सुधार कर उसे दोबारा लागू करने की तैयारी की जा रही है.

कन्याभोज में गई बच्ची की कार में मिली लाश, लोगों ने संदिग्ध के घर में लगाई आग, परिजनों ने लगाया दुष्कर्म का आरोप…

दुर्ग- छत्तीसगढ़ के दुर्ग से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. मोहन नगर थाना क्षेत्र में कार में मासूम बच्ची का शव मिलने के बाद स्थानीय लोगों का आक्रोश फूटा है. बच्ची सुबह घर से कन्याभोज के लिए निकली थी. शाम तक नहीं लौटी तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की. इस दौरान मोहल्ले के ही एक युवक की कार में बच्ची की लाश मिली. परिजनों ने मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने का आरोप लगाया है.

दरअसल, नवरात्रि के अंतिम दिन कन्याभोज के लिए सुबह करीब 9 बजे 6 साल की मासूम बच्ची घर से निकली थी, लेकिन शाम तक वह वापस नहीं लौटी. परेशान परिजनों ने काफी तलाश किया लेकिन कुछ भी पता नहीं चला. खोजबीन करते हुए शाम को घर के पास पार्क में कार की डिक्की से बच्ची की लाश मिली. इसकी जानकारी मिलते ही लोग आक्रोशित हो गए, और कार मालिक के घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी.

घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण किया. पुलिस ने बच्ची के शव को जिला अस्पताल पहुंचाया. पुलिस ने लोगों को समझाइश देने के बाद संदेही युवक को हिरासत में लिया. हालांकि पुलिस के आश्वासन के बाद भी लोगों की नाराजगी कम नहीं हुई. वहीं परिजनों ने आरोपी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है.

संदेही के घर में लोगों ने लगाई आग

इसके बाद देर रात मोहल्ले के लोगों ने संदेही के घर पर आग लगा दी. इसकी सूचना के बाद बड़ी संख्या में पुलिस मौके पहुंची. आग लगाने के बाद घर में मौजूद लोगों ने मुश्किल से अपनी जान बचाई. आगजनी में घर के बाहर खड़ी बाइक पूरी तरह से जल गई. हालांकि पुलिस की मौजूदगी में आग पर काबू पाया गया. फिलहाल घटना स्थल के आसपास भारी पुलिस बल तैनात है.

शरीर में चोट के निशान -प्रत्यक्षदर्शी

प्रत्यक्षदर्शी महिला मीना यादव के मुताबिक बच्ची की लाश कार की सीट के नीचे मिली है. शरीर में चोट के निशान थे. मुंह और नाक से खून भी बह रहा था. पैर भी मुड़ा हुआ था. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.

दोषी पर होगी कड़ी कार्रवाई : मंत्री टंकराम वर्मा

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने घटना की कड़ी निंदा की और बच्ची की मौत पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से कड़ी कार्रवाई होगी. जो भी दोषी है उसे बक्शा नहीं जाएगा, त्वरित कार्रवाई की जा रही हैं. सबको निष्पक्ष न्याय दिया जा रहा है.