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कंपनी कर्मियों पर 37.50 लाख गबन करने का केस

जंदाहा की माइक्रोफाइनेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक ने दर्ज करवाई प्राथमिकी, थानाध्यक्ष बोले, समी फरार कर्मियों को नोटिस भेजा जाएगा

जंदाहा

जंदाहा बाजार स्थित एक माइक्रोफाइनेंस कंपनी के कार्यालय से कंपनी कर्मियों ने 37.50 लाख गबन का मामला सामने आया है।

जंदाहा स्थित स्पंदना स्फूर्ती फाइनेंशियल लिमिटेड कंपनी के शाखा प्रबंधक पूर्वी चंपारण के मेहसी थाना के चकरसूल निवासी छोटन कुमार ने कंपनी के तत्कालीन क्वालिटी ब्रांच मैनेजर पूर्वी चंपारण जिले के मेहसी थाना के कनकटी निवासी संतोष कुमार, बोध गया थाना के मनकोसी निवासी जंदाहा शाखा प्रबंधक रूपेश कुमार, पूर्वी चंपारण जिले के डुमरिया घाट थाना के मंगलपुर निवासी रंजीत कुमार एवं पटना जिला के सिगौरी थाना के खराठी निवासी सूरज कुमार राज के विरुद्ध जंदाहा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

कंपनी के जंदाहा शाखा में संतोष कुमार क्वालिटी ब्रांच मैनेजर एवं रूपेश कुमार ब्रांच मैनेजर तथा रंजीत कुमार एवं सूरज कुमार राज ऋण अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। बताया गया कि 6 अक्टूबर 2024 को शाखा में नगद एवं यूपीआई के माध्यम से एकत्रित किया गया 30 लाख 75 हजार 893 रुपए लेकर रात्रि करीब 2 बजे शाखा से फरार हो गए। इसकी पुष्टि कंपनी के अधिकारियों द्वारा जांच में की गई। बताया कि कैश लॉकर की एक चाबी क्वालिटी ब्रांच मैनेजर संतोष कुमार एवं दूसरी चाबी ब्रांच मैनेजर रूपेश कुमार के पास थी। जांच में पाया गया कि ब्रांच मैनेजर के सहयोग के कारण ब्रांच क्वालिटी मैनेजर संतोष कुमार रुपए लेकर भागने में सफल हुए।

कंपनी के कर्मी द्वारा 37 लाख 50 हजार लेकर फरार होने का मामला सामने आया है। पदाधिकारी द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस पूरे मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है। फरार कर्मियों को नोटिस भेजा जाएगा। आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

- अरविंद पासवान, थानाध्यक्ष

सर्वक्षमा योजना 31 तक, पहली तारीख से होगा डिफॉल्टर वाहन मालिकों पर केस

पहली तारीख से वाहन जांच में पकड़े जाने पर जुर्माना सहित बकाया टैक्स की होगी वसूली

जिले में सभी प्रकार के वाहनों का रोड टैक्स, अस्थाई रजिस्ट्रेशन शुल्क एवं कृषि और व्यापार टैक्स पर लगने वाले अर्थदंड राशि में माफ करने की योजना सह वन टाइम सेटलमेंट यानी सर्वक्षमा योजना का लाभ 31 मार्च तक ही उठा सकेंगे। इसके बाद परिवहन विभाग टैक्स बकाएदार वाहन को डिफॉल्टर वाहन संचालकों की सूची में नाम दर्ज कर लिया जाएगा। उनके खिलाफ टैक्स के बकाए राशि वसूली के लिए प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी।

परिवहन सचिव ने इस योजना के तहत आदेश जारी किया था। जिसमें वाहन मालिकों को गाड़ी के मॉडल के अनुसार बकाया कर में राहत दी गई। कुछ वाहन को एक मुश्त राशि देने पर मूल टैक्स राशि से अतिरिक्त उस पर लगे अर्थदंड में 70 प्रतिशत तक की छूट प्रदान करने का प्रावधान है। परिवहन विभाग ने मोटर वाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए सर्वक्षमा योजना को 31 मार्च तक जिले में निबंधित कर टैक्स डिफॉल्टर, परिवहन एवं गैर परिवहन वाहन, ट्रैक्टर ट्रेलर, बैटरी चालित वाहन द्वारा बकाया एकमुश्त रोड टैक्स सहित अन्य सभी प्रकार के अर्थदंड से मुक्त करने को लेकर निर्देश दिया गया है। वाहन डीलरों को मिलेगी राहत इस योजना से बीएस-4 वाहनों को इसका लाभ नहीं मिल सकेगा। इस योजना के तहत वाहन डीलरों को ट्रेड टैक्‍स भुगतान में राहत मिलेगी।

एक मुश्त 30 फीसदी राशि जमा कर सकेंगे

जारी अधिसूचना के अनुसार डिफॉल्टर ट्रैक्टर ट्रेलर के संचालकों को सर्व क्षमा योजना के तहत एक मुश्त राशि जमा करके उस वाहन पर देय सभी प्रकार के कर एवं अर्थदंड से मुक्त कर दिया जाएगा। यदि उक्त वाहन संचालकों पर नीलाम पत्र वाद यानी सर्टिफिकेट केस दर्ज है तो उसे वापस ले लिया जाएगा। अन्य प्रकार के परिवहन एवं गैर परिवहन वाहन संचालक जिन्होंने कई वर्षों से अपने वाहनों का पथ कर, हरित कर सहित अन्य प्रकार के कर को जमा नहीं किया है।

मिल रहा सर्वक्षमा योजना का लाभ

इस योजना के तहत सभी प्रकार के निबंधित टैक्स डिफाल्टर वाहन, ट्रैक्टर ट्रेलर, बैटरी से संचालित वाहन को योजना का लाभ निर्धारित तिथि तक मिल रहा। वाहन एजेंसी द्वारा बिना अस्थाई निबंधन के वाहन खरीदार को बेच दिया गया हो यदि वे भी शुल्क को जमा करते हैं तो उन्हें अर्थदंड से राहत मिलेगी। इस योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिले के डिफाल्टर वाहन मालिकों को परिवहन विभाग की ओर से विशेष तौर पर पहल की जा रही है।

डिफॉल्टर वाहन मालिकों  की सुविधा को लेकर परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर कई योजनाएं चलाई जाती हैं। जिसमें सर्वक्षमा योजना भी एक है। योजना का लाभ 31 मार्च तक ही उठा सकेंगे। 31 मार्च तक बकाए टैक्स की राशि जमा नहीं करने पर वाहन मालिकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होगी।

धीरेन्द्र कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, वैशाली।

राजस्वकर्मी के अवैध दफ्तर पर छापा, 3 लाख बरामद

लालगंज

अवैध दफ्तर बना कर उगाही करने वाले लालगंज नगर परिषद के राजस्व कर्मचारी अवधेश प्रसाद समेत तीन लोगों को पुलिस ने बुधवार को हिरासत में लिया। डीएम के निर्देश पर बुधवार की शाम कार्रवाई की गई। हाजीपुर एसडीओ रामबाबू बैठा ने लालगंज सीओ स्मृति साहनी, एसडीपीओ लालगंज गोपाल मंडल, लालगंज थानाध्यक्ष सह प्रशिक्षु एएसपी शैलजा, एसआई संतोष कुमार और अन्य पुलिस के साथ राजस्व कर्मी अवधेश प्रसाद के लालगंज के रेपुरा स्थित अवैध कार्यालय पर छापेमारी की। बिचौलियों को भी हिरासत में लिया। सभी से पूछताछ के बाद देर शाम तक कार्रवाई चलती रही। हालांकि, खबर लिखे जाने तक दो अन्य के नाम सामने नहीं आए हैं।

एसडीएम रामबाबू बैठा ने बताया कि छापेमारी के क्रम में कई महत्वपूर्ण कागजात, लैपटॉप के साथ ही कैश भी बरामद किये गये हैं। जिला प्रशासन को कई पंचायतों से शिकायत मिल रही थी कि राजस्व कर्मी कार्यालय में नहीं बैठ रहे हैं। अवैध दफ्तर से बसूली की जा रही है। एसआई संतोष कुमार ने बताया कि तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। तीन लाख आठ हजार रुपए कैश बरामद किया गया है। मामला दर्ज किया जा रहा है। 

धर्म का सत्य स्थिर है जबकि विज्ञान का सत्य गतिशील.

..एक पुस्‍तक हैं जिसको गौहर रजा ने लिखा हैं जिसका नाम हैं मिथकों से विज्ञान तक (ब्रह्मांड के विकास की बदलती कहानी)

कुछ सवाल जैसे विज्ञान और धर्म एक-दूसरे के विरोधी हैं या पूरक?  क्या एक बेहद धार्मिक शख्स अच्छा वैज्ञानिक हो सकता है?  क्या विज्ञान लोगों को अधर्मी बनाता है?  क्या एक अत्यधिक धार्मिक समाज में, वैज्ञानिक दृष्टि पनप सकती है?  ऐसे सब सवालों को ढूंढ़ने की कोशिश करती पुस्तक हैं 'मिथकों से विज्ञान तक (ब्रह्मांड के विकास की बदलती कहानी)'

 

इस पुस्तक का संक्षेप अंश इस प्रकार हैं

इस पुस्‍तक के अनुसार यह कहना गलत होगा कि धर्म में कोई तर्क नहीं होता और विज्ञान का आधार तर्क पर होता है। हां, यह कह सकते हैं कि विज्ञान और धर्म के तर्क का आधार एक-दूसरे से बिलकुल भिन्न होता है। धर्म का सत्य हमेशा का जमा हुआ (जड़) सत्य होता है और यही उसके तर्क का आधार है, और विज्ञान में न तो हमेशा का कोई सत्य है और न ही हमेशा का कोई तर्क। विज्ञान में जैसे जैसे ज्ञान की सीमाएं फैलती जाती हैं, सत्य भी बदलता जाता है और तर्क भी।

किसी एक धर्म के मानने वाले अकसर यह दावा भी करते हैं, हमारी धार्मिक किताबों में ग्रंथों में सारा ज्ञान है, और यह ज्ञान असीमित है। यह बात सिर्फ इसलिए गलत है कि किसी एक किताब या दस या सौ किताबों में सारा ज्ञान समा ही नहीं सकता।

इस पुस्‍तक के अनुसार धर्म और विज्ञान दोनों में ज्ञान सीमित है, अनसुलझे सवाल हैं, और जब धर्म किसी सवाल का जवाब नहीं दे पाता तो उस के पास एक तैयारशुदा जवाब होता है- 'ऊपर वाले की मर्जी' या 'कोई नहीं समझ सकता कि ऊपर वाले की क्या मंशा है।' हां, हजारों किताबें हैं, जो धर्म ग्रंथों की व्याख्या करती हैं। लेकिन इनमें स्पष्टीकरण समय के साथ बदलते हैं और यह स्पष्टीकरण किसी एक धर्म के सभी मानने वालों को स्वीकार नहीं होते हैं।

 मूल धर्म ग्रंथों में कही गई बातों की आधुनिक व्याख्या करती हर किताब विवाद में घिरी नजर आती है। बाइबल हो या कुरान या वेद, इनके स्पष्टीकरण पर सैकड़ों किताबें लिखी गई हैं। पर कोई एक भी दावा नहीं कर सकती कि इन धर्मों के सारे मानने वाले उसे पूरी तरह स्वीकार करते हैं।

    पुस्‍तक  में कहा गया हैं विज्ञान और धार्मिक जिज्ञासा में अंतर यह है कि धर्म में यदि आप आस्तिक हैं तो आपको मूल ग्रंथ पर ही निर्भर रहना होगा। विज्ञान में हर पुस्तक और हर दावे पर सवाल उठाया जा सकता है। विज्ञान के पास अगर किसी प्रश्न का जवाब न हो तो वैज्ञानिक अपनी जानकारी की सीमाओं को स्वीकार करते हैं, और कहते हैं, 'अभी नहीं मालूम, खोज जारी है, शायद अगली नस्लें इस गुत्थी को सुलझा लें।' यानी धर्म वक्त की रेखा पर जमा हुआ सच है, जो बदलता नहीं। जो सारे सवालों के जवाब दे चुका है; और विज्ञान समय की इस रेखा पर सच की तलाश है, जिसके पास जवाब कम और सवाल ज्यादा हैं। दोनों का सच भी अलग है और सच को खोजने के तरीके भी।

इस पुस्‍तक में मानवता ने विज्ञान की रोशनी में यह सवाल कि 'ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई', बार-बार पूछा है और इसके अलग-अलग जवाब दिए हैं। हजारों साल का इतिहास बताता है कि वैज्ञानिक दृष्टि से ब्रह्मांड की उत्पत्ति को समझने के लिए मानव ने कई तरह के वैचारिक प्रतिरूप तैयार किए, और यह वैचारिक प्रतिरूप  वक्त, जरूरत, नए प्रमाण और बढ़ती जानकारी के साथ बदलते रहे।

पुस्‍तक का उद्देश्य यही समझना है।

राघोपुर में शार्ट सर्किट से आग, 10 घर जलकर खाक

राघोपुर

राघोपुर के  पहाड़पुर पश्चिमी पंचायत वार्ड नंबर 1 में सोमवार की रात्रि करीब 10 बजे बिजली की शार्ट सर्किट से आग लगने से महादलित परिवार के 10 घर जलकर राख हो गया। इस अगलगी में चार बकरी भी जल गई। घर में रखा चौकी, खटिया, पलंग, कपड़ा, अनाज, बर्तन, साइकिल, आभूषण, नगद रुपए एवं आवश्यक कागजात आदि सामान जलकर राख हो गया। आग लगने की हल्ला सुनकर आसपास के लागों ने  चापाकल के पानी के सहारे आग पर काबू पाने का प्रयास किया तब इसकी सूचना स्‍थानीय थाने को दी। सूचना मिलते ही जुड़ावनपुर थानाध्यक्ष गौरव श्रीवास्तव ने थाने से दो अग्निशमन गाड़ी को आग बुझाने के लिए घटना स्थल पर भेजा। राघोपुर थाने एवं जुड़ावनपुर थाने के अग्निशमन गाड़ी की सहायता एवं स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

  बिजली की शार्ट सर्किट से सबसे पहले आग तिलकधारी दास के घर में लग गई। आग के तेज लपटों ने देखते-देखते बगल के हरिंदर दास, शंकर दास, बलिंदर दास, शांति देवी, लक्ष्मण दास, डोमन दास समेत 10 लोगों के घर चलकर राख हो गया। बताया जाता है कि तिलकधारी दास अपनी बच्ची की शादी वास्ते 90 हजार रुपया कर्ज लेकर घर में रखे हुए था, वह भी जलकर राख हो गया। बलिंदर दास का भी नगद 60 हजार रुपया जल गया। जानकारी मिलते ही वार्ड नंबर एक के वार्ड सदस्य प्रियंका देवी ने अग्नि पीड़ित परिवारों से मिले। एवं घटना की जानकारी राधोपुर अंचलाधिकारी दीपक कुमार को दी एवं अग्नि पीड़ित परिवारों को सरकारी सहायता उपलब्ध कराने की मांग।

जिले में पुराने लंबित मामलों के निष्पादन की रफ्तार सुस्त

डीजीपी कार्यालय से निर्देश था नबंवर तक पुराने केसों का हो निष्पादन

वैशाली पुलिस एक तरफ नए केस का निष्पादन तेजी से कर रही है वहीं दूसरी ओर पुराने मामलों के निष्पादन काफी धीमी गति से की जा रही है। पुलिस महकमा नए केसों के निष्पादन में लगा हुआ है, लेकिन पुराने मामले में ध्यान नहीं है। पिछले 2 वर्षों से अधिक पुराने मामले में अब तक केस का अनुसंधान भी शुरू नहीं किया गया है और न ही चार्जशीट दाखिल की गई है। इससे केस अनुसंधानकर्ता के कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहा है।

सबसे ज्यादा पुराने पेंडिंग केस लालगंज अंचल में हैं, वहीं दूसरे स्थान पर जंदाहा, तीसरे स्थान पर नगर थाना है।

डीजीपी कार्यालय से निर्देश मिला था कि अक्टूबर नवंबर 2024 तक सभी पुराने केसों का निष्पादन हाल में कर लेना है। पुराने मामले का निष्पादन करने के बाद विभाग को रिपोर्ट सुपुर्द करना था।

निवर्तमान एसपी सह डीआईजी हरकिशोर राय के कार्यकाल में दिन-रात एक करके पुराने एवं नए पेडिंग केसों के निष्पादन करने में काफी तेज लाई गई थी। लेकिन वर्तमान समय में केस अनुसंधानकर्ता काम के प्रति सुस्त दिखाई दे रहे हैं और केस का निष्पादन काफी धीमी गति से किया जा रहा है। इससे पुराने केसों के निष्पादन में परेशानी हो रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जिले के विभिन्न थाने में 7 वर्ष से कम सजा वाले मामले में 2 वर्ष से अधिक 124 पुराने केस पेंडिंग हैं। इन पेंडिंग केसों में अबतक जांच भी शुरु नहीं की गई है। कई मामले में कारण यह है कि मुख्य अभियुक्त इलाका छोड़कर फरार हो गए है और किसी-किसी मामले में अभियुक्त अपनी पहचान छुपाकर इधर-उधर रह रहे है। कई ऐसे मामले में अभियुक्त अपनी ओर से पैरवी के बल पर खुले में घूम रहे हैं। सबसे अधिक मामले लालगंज अंचल में 49 केस पेंडिंग हैं। इस मामले में लालगंज थानाध्यक्ष सह प्रशिक्षु आइपीएस शैलजा ने बताया कि कई केस में अनुसंधानकर्ता का तबादला हो गया है। जो अब तक केस चार्ज नहीं सौंपे हैं। इसकी वजह से केस पेंडिंग चल रहा है। आने वाले समय में लालगंज अंचल में पेंडिंग केसों की संख्या में कमी आए‌गी।

पुराने पेंडिंग केस के निष्पादन करने को लेकर पुलिस लाइन में केस निष्पादन कक्ष बनाया गया है। केस निष्पादन करने को लेकर नोटिस भी जारी किया गया है। जिस अनुसंधानकर्ता का तबादला हुआ उसे केस सौंपने का आदेश दिया गया है। आने वाले समय में पुराने पेंडिंग केसों की संख्या शून्य रहेगा।

 अबू जफर इमाम, प्रभारी एसपी सह हेड क्वार्टर डीएसपी मुख्‌यालय

गर्मी के तीखे तेवर और इसको लेकर हमारी तैयारी

गर्मी का समय से पहले आना और तापमान का अधिक रहना अब 'न्यू नॉर्मल', यानी नई सामान्य स्थिति बनती जा रही है।

मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार जैसे तमाम राज्यों में तापमान के तेवर दिखने लगे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, फरवरी अब तक कि सबसे गर्म फरवरी दर्ज की गई, जबकि वर्ष 2024 भारत के इतिहास का सबसे गर्म साल। मार्च व अप्रैल में भी सामान्य से अधिक तापमान रहने और सामान्य से अधिक दिनों तक लू चलने का अनुमान लगाया गया है, जो गर्मी के लिहाज से एक और मुश्किल साल का संकेत है।

 भीषण गर्मी से बचने के लिए नागरिकों को सरकारी एजेंसियों की चेतावनियों और दिशा-निर्देशों का भी पालन करना चाहिए। मौसम विज्ञान का मानना हैं सीधे धूप में न जाएं, प्यास न लगने पर भी पानी पीते रहें और हल्के रंग के कपड़े पहनें इत्यादि ।भीषण गर्मी के अनुकूल बनने के लिए परखे हुए विस्तृत उपायों को अपनाया जा सकता हैं।

जैसे  धूप से सावधान रहें दिन के सबसे गर्म घंटों के दौरान बाहर जाने से बचना सबसे अच्छा है, लेकिन कभी-कभी ऐसा नहीं किया जा सकता है। जब आप सीधे धूप में बाहर हों तो याद रखें:

 सनस्क्रीन पहनें (और नियमित रूप से पुनः लगाएं)।

 अपने सिर को टोपी से ढकें।

गर्मी से होने वाली थकावट या हीटस्ट्रोक से बचने के लिए नियमित रूप से घर के अंदर या छायादार स्थान पर विश्राम करें।

 हल्के रंग के, ढीले-ढाले कपड़े पहनने से भी आपको ठंडक मिलेगी।

 गीलापन बेहतर है

गर्मी त्वचा के माध्यम से बाहर निकलती है, जो शरीर का सबसे बड़ा अंग है। इसलिए, आप जितनी ज़्यादा त्वचा को ठंडा कर सकते हैं, उतना ही बेहतर है।

तपती गर्मी में अपनी त्वचा को ठंडा रखने के लिए विभिन्न तरीके हैं:

 टी-शर्ट को भिगोना और उसे गीला रखना बहुत प्रभावी हो सकता है।

कूलिंग स्प्रे करें

 ठण्डे पानी से स्नान करें ठण्डे नहीं लगें क्योंकि आपको धीरे-धीरे ठंडक मिलनी चाहिए।

आप अपने हाथों और पैरों को ठंडे पानी में डालकर जल्दी से खुद को ठंडा कर सकते हैं। कलाई और टखनों में बहुत सारे पल्स पॉइंट होते हैं जहाँ रक्त वाहिकाएँ त्वचा के करीब होती हैं, इसलिए आप जल्दी से ठंडे हो जाएँगे।

 खूब पानी पियें

गर्म मौसम में कैफीन से बचना और खूब सारा पानी पीना ज़रूरी है। अगर संभव हो तो खोए हुए नमक, शर्करा और तरल पदार्थों की पूर्ति के लिए आइसोटोनिक स्पोर्ट्स ड्रिंक पिएँ।

ठंडे और गर्म दोनों तरह के पेय आपके शरीर के तापमान को एक ही तापमान पर बनाए रखने में मदद करेंगे। गर्म पेय पीने से आपको ठंडे पेय की तुलना में ज़्यादा ठंडक नहीं मिलेगी। गर्मी में, आपको चाय और कॉफ़ी सहित कैफीन युक्त पेय से बचना चाहिए, आमतौर पर पानी पीना ही सबसे अच्छा होता है।

चूंकि आप दिन भर पसीना बहाते हैं, इसलिए निर्जलीकरण से बचने के लिए आपके द्वारा खोए गए तरल पदार्थों की पूर्ति करना आवश्यक है।

निर्जलीकरण के लक्षणों में शामिल हैं

 शुष्क मुँह

चक्कर आना या भ्रम

 सिर दर्द

 शराब का सेवन सीमित करें

सूरज बहुत ऊँचा है और बहुत से लोगों का उत्साह भी बहुत ऊँचा है। और यही बात हमें पब तक ले जा सकती है।

दुर्भाग्यवश, बहुत अधिक धूप के साथ बहुत अधिक शराब पीना अच्छा संयोजन नहीं है। शराब निर्जलीकरण का कारण बनती है, जो विशेष रूप से तब और भी ज़्यादा नुकसानदेह हो सकती है जब आपका शरीर गर्मियों में ठंडा रहने के लिए पहले से ही संघर्ष कर रहा हो। शराब पीने से रात में अच्छी नींद लेना भी मुश्किल हो सकता है, जो कि गर्म तापमान में पहले से ही मुश्किल है।

जबकि आप जल्दी सो सकते हैं, आपकी नींद खराब होने की संभावना है और आप सामान्य से पहले जाग सकते हैं -यह वास्तव में वह ताज़ा नींद नहीं है जिसकी आपको ज़रूरत है। संयम से पीने की कोशिश करें और गर्मी के मौसम में रात में ठंडा रहने के तरीके के बारे में और अधिक सलाह पढ़ें ।

 ठंडक महसूस करने के लिए हल्का भोजन खाएं

जब मौसम गर्म हो, तो आपको हल्का, संतुलित और नियमित भोजन करना चाहिए। स्ट्रॉबेरी, खीरा, अजवाइन और सलाद जैसे उच्च जल सामग्री वाले खाद्य पदार्थ भी आपको गर्मियों के मौसम में हाइड्रेटेड और ठंडा रखने में मदद करेंगे।

आप सूप और स्ट्यू जैसे उच्च तरल पदार्थ वाले खाद्य पदार्थों का भी सेवन कर सकते हैं जो जलयोजन स्तर बढ़ाने में सहायक होते हैं।

 शारीरिक गतिविधि को दिन के ठंडे हिस्सों तक सीमित रखें

गर्म मौसम के कारण अपनी दिनचर्या को बहुत ज़्यादा बाधित न करना महत्वपूर्ण है, लेकिन कभी-कभी आपको ऐसा करना पड़ सकता है। सुबह-सुबह दौड़ना तब कष्टदायक लग सकता है जब आप बिस्तर पर अच्छी तरह से सो रहे हों, लेकिन दोपहर की चिलचिलाती धूप में व्यायाम करना ख़तरनाक हो सकता है और निर्जलीकरण, गर्मी से थकावट या हीटस्ट्रोक का जोखिम हो सकता है

अपने दिन की योजना बनाते समय तापमान को ध्यान में रखें और यदि संभव हो तो शरारीरिक गतिविधि को केवल तभी सीमित रखें जब मौसम ठंडा हो ।यदि आप कसरत करने या खेल खेलने का फैसलाकरते हैं, तो सुनिशिच करें कि आप बहुत सारा पानी पिएं और सामन्‍य से अधिक ब्रेक ले ताकि यह सुनिश्चित हो सकें कि आप अपने शरीर पर कोई अतिरिक्‍त तनाव नहीं डाल रहे हैं। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप व्‍यायाम करने के बाद इाडक पाने के लिए गुनगुने या ठंडे पानी से स्‍नान करें और पूरे दिन ठंडा रहने के लिए हमारी अन्‍य सलाह का पालन करें।

 अपने घर को ठंडा रखें

गर्मी के मौसम में, अपने घर को ऐसी जगह बनाना ज़रूरी है जहाँ आप गर्मी से बच सकें, इसलिए इसे ठंडा रखना आरामदायक महसूस करने की कुंजी है। जब तापमान हीटवेव के स्तर तक पहुँच जाता है तो यह जितना आप सोच सकते हैं उससे कहीं ज़्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकता है और यह सिर्फ़ खिड़की खोलने जितना आसान नहीं है।

गर्मी से थकावट तब होती है जब शरीर पसीने के माध्यम से अतिरिक्त पानी, नमक और शर्करा खो देता है। इसका इलाज भरपूर पानी पीने, धूप से दूर रहने और ठंडक पाने के तरीकों को जानने से किया जा सकता है।

गर्मी के जोखिम जानें

गर्मी आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है, और खास तौर पर हीटवेव के दौरान, हीटस्ट्रोक और हीट थकावट के लक्षणों पर नज़र रखना ज़रूरी है। बहुत से लोग मानते हैं कि हीट थकावट और हीटस्ट्रोक एक ही चीज़ हैं, लेकिन हीटस्ट्रोक संभावित रूप से कहीं ज़्यादा गंभीर है।

गर्मी से थकावट तब होती है जब शरीर पसीने के माध्यम से अतिरिक्त पानी, नमक और शर्करा खो देता है। इसका इलाज भरपूर पानी पीने, धूप से दूर रहने और ठंडक पाने के तरीकों को जानने से किया जा सकता है।

हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान खतरनाक रूप से बढ़ जाता है और शरीर खुद को ठंडा नहीं कर पाता। लक्षणों में भ्रम, सिरदर्द, मतली और मांसपेशियों में ऐंठन शामिल हैं।

एक और लक्षण है सामान्य से ज़्यादा पीली त्वचा - आपकी त्वचा के रंग के आधार पर इसका मतलब यह हो सकता है कि आपकी त्वचा राख जैसी, ग्रे या ज़्यादा पीली दिखाई दे ग्नी है। लाशों की तोलिगों चारों गायाँग्नों पनों. योग

हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान खतरनाक रूप से बढ़ जाता है और शरीर खुद को ठंडा नहीं कर पाता। लक्षणों में भ्रम, सिरदर्द, मतली और मांसपेशियों में ऐंठन शामिल हैं।

एक और लक्षण है सामान्य से ज़्यादा पीली त्वचा - आपकी त्वचा के रंग के आधार पर इसका मतलब यह हो सकता है कि आपकी त्वचा राख जैसी, ग्रे या ज़्यादा पीली दिखाई दे रही है। हाथों की हथेलियों, नाखूनों या आँखों, मसूड़ों और जीभ पर रंग में इस बदलाव को नोटिस करना आसान हो सकता है।

हीटस्ट्रोक बिना किसी चेतावनी के हो सकता है और जल्दी ही व्यक्ति को निष्क्रिय कर सकता है। उन्हें जल्द से जल्द ठंडा करने के लिए उन्हें गीले कपड़े की चादर में लपेटना और चिकित्‍सीय परामर्श लेना  महत्वपूर्ण है।

अमेरिका में रहने वाले युवक राहुल आनंद की चेन छीनने के विरोध में हत्या

हाजीपुर

हाजीपुर-जंदाहा मुख्य मार्ग पर राजापाकर के उफरौल डैनी पुल के पास शुक्रवार की सुबह एनआरआई युवक की गोली मारकर हत्या से जहां परिजनों में कोहराम मचा है। एनआरआई युवक की चेन छीनने के विरोध में हत्या से गांव का हर कोई स्तब्ध है। वहीं गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है। परिजनों का रो-रो कर हाल बेहाल है। एनआरआई युवक की चेन छीनने के विरोध में हत्या से गांव का हर कोई स्तब्ध है।

एनआरआई युवक की चेन छीनने के विरोध में हत्या की पूरी जानकारी

 आनंद के बड़े भाई रवि भूषण चौधरी हाजीपुर व्यवहार न्यायालय में वकालत करते हैं। वहीं मृत राहुल आनंद इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद से अमेरिका में जॉब कर रहे थे। एक सप्ताह पूर्व वह अमेरिका से घर आया था। वहीं उसकी पत्नी छह वर्षीय बेटी के साथ हाजीपुर स्थित मकान पर रहती है। पत्नी हाजीपुर में ही एक निजी विद्यालय में शिक्षिका हैं।

मृत राहुल आनंद (36 वर्ष) की शादी 8 वर्ष पूर्व हुई थी। अपने घर आकर गांव स्थित घर में डेटिंग पेंटिंग एवं मरम्मती का कार्य करा रहा था। बुधवार की शाम को वह अपनी मां को गांव स्थित घर से लेकर हाजीपुर स्थित अपने घर गए थे। वहीं शुक्रवार की सुबह करीब 8 बजे वह अपनी मां के साथ बाइक से अपने गांव लौट रहे थे। रास्ते में बदमाशों ने उनकी बाइक रुकवाई और उसके गले से चेन छीनने की कोशिश की। विरोध करने पर अपराधियों ने गोली मार दी, गोली उनकी कमर में लगी और वे गिर पड़े। इसके बाद हमलावर भाग निकले। जानकारी के अनुसार पटना के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान गंभीर रूप से जख्मी आनंद शंकर की मौत हो गई। शव पोस्टमार्टम के बाद दाह संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया है। इस मामले में राजापाकर थानाध्यक्ष ने बताया कि अज्ञात बाइक सवार अपराधियों ने गले से सोने की चेन  छीनने के विरोध में गोली मारी।

एनआरआई को गोली मारने वाले की हुई पहचान:

 वैशाली पुलिस अधीक्षक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि अपराधियों की पहचान कर ली गई है। एनआरआई राहुल आनंद की गोली मारकर हत्या करने वाले अपराधी पर वैशाली पुलिस ने पहले से ही अन्य मामलों को लेकर 25 हजार का ईनाम रखा है। इसकी गिरफ्तारी के लिए एसडीपीओ महुआ के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है।

बिहार दिवस, बिहार के गौरवशाली अतीत को याद करने का अवसर

 'बिहार दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं। इस बार बिहार दिवस समारोह उन्नत बिहार, विकसित भारतद्ध थीम पर आयोजित है ओ युवाओं को समर्पित है।

'बिहार दिवस' बिहार के गौरव और बिहारवासियों के मान-सम्मान एवं स्वाभिमान को पुनस्थापित करने के उद्देश्य से हर वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता हैं। 'बिहार दिवस' मनाने की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया । यह सिर्फ एक सालाना सरकारी आयोजन नहीं, बिहार के गौरवशाली अतीत और इस पावन भूमि पर पैदा हुए महापुरुषों के बोगदान को याद कर उनसे प्रदेश के स्वर्णिम भविष्य के निर्माण के लिए ऊर्जा एवं प्रेरणा प्राप्त करने का महा उत्सव है।

सर्वप्रथम बिहार दिवस वर्ष 2012 में दिल्ली के उसी इलाके में आयोजित किया गया, जहां 100 साल पहले दिल्ली दरबार में बिहार को अलग राज्य बनाने का फैसला हुआ था।  

'बिहार दिवस' प्रदेश में हुए क्रांतिकारी बदलावों को समझने और समझाने का अवसर है

बिहार प्राचीन काल में शिक्षा और ज्ञान का अंतरराष्ट्रीय केंद्र था। यहां के नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए दुनियाभर से विद्यार्थी आते थे। इसी पावन भूमि पर भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ। सम्राट अशोक ने यहीं से अहिंसा और धर्म का संदेश पूरी दुनिया में फैलाया। बिहार राजा जनक, आदिकवि वाल्मीकि जी, महर्षि विश्वामित्र, कवि कोकिल विद्यापति, महान नीतिज्ञ चाणक्य और गणितज्ञ आर्यभट्ट जैसे अनेकानेक युगपुरुषों, महान संतों, काचियों एवं दार्शनिकों की गौरव भूमि रही है। लोकतंत्र की जननी बिहार से ज्ञान-विज्ञान, धर्म-अध्यात्म, सभ्यता-संस्कृति तथा कला-साहित्य की ऐसी किरण प्रस्फुटित हुई, जिनसे पूरा विश्व आलोकित हुआ।

बिहार के विकास की राह में वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता के साथ-साथ कई भौगोलिक चुनौतियां भी थीं। देश का सिर्फ 2.86 प्रतिशत भूभाग बिहार में है। जबकि, यहां देश की 8.6 प्रतिशत आबादी रहती है। बिहार में आबादी का घनत्व (1102) देश में सबसे अधिक है। नेपाल से आने वाली नदियां उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ का कारण बनती हैं, जबकि दक्षिण बिहार के कई जिलों को सुखाड़ का शिकार होना पड़ता है। लेकिन, लोकतंत्र की जननी बिहार से ज्ञान और विज्ञान, धर्म-अध्यात्म, सम्यता-संस्कृति तथा कला-साहित्य की ऐसी किरण प्रस्फुटित हुई, जिनसे पूरा विश्व आलोकित हुआ।

पिछले दो दशकों में बिहार में जिस रफ्तार से सड़कों और पुलों का जाल बिछा, गलियों-नालियों का पक्कीकरण हुआ, हर घर बिजली और नल का जल पहुंचा, हर जिले में अस्पतालों का कायाकल्प हुआ और प्रोफेशनल शिक्षा के संस्थान खुले, तीन कृषि रोडमैप की सफलता से प्रमुख फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में रिकॉर्ड वृद्धि हुई. ये सब ऐतिहासिक है। 

नगर परिषद कमेटी की बैठक में बजट पर चर्चा

सभागार

लालगंज

लालगंज नगर परिषद के बजट को लेकर नगर परिषद् के सभागार स्टैंडिंग कमिटी की बैठक हुई। जिसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 के अनुमानित आय, व्यय पर चर्चा के बाद उसे पारित किया गया।

आय बजट मद

सभापति कंचन कुमार साह ने बताया कि स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में 159 करोड़ 23 रुपए आय और 150 करोड़ 79 लाख रुपए के व्यय के अनुमानित बजट पर चर्चा हुई हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार से 103 करोड़ 26 लाख रुपया प्राप्त होगा। उसके बाद और राशि संपत्ति कर वसूली, मार्केट कॉम्प्लेक्स, सैरात, स्टैंड एवं अन्य श्रोतों से प्राप्त होगा।

व्‍यय बजट मद

जिसमें शहरी गरीब के आधारभूत सेवाओं पर 42 करोड़,  रोड नाला निर्माण पर 33 करोड़,  आवास योजना पर 15 करोड़, नए भूमि क्रय पर 8 करोड़, सामुदायिक भवन निर्माण पर 3 करोड़, रैन बसेरा पर 2 करोड़, एंबुलेंस खरीद पर 50 लाख, सौंदर्याकरण पर 1 करोड़, वार्ड पार्षदों के फैमली इंश्योरेंस पर 20 लाख, प्लेग्राउंड निर्माण पर 2 करोड़, आवारा पशुओं के संरक्षण पर 20 लाख, वेलकम गेट पर 80 लाख, परामर्श केंद्र पर 30 लाख, मेधावी छात्रों के अवार्ड पर 20 लाख, खेल संबंधित सामाग्री खरीद पर 50 लाख रुपया खर्च करने का उपबंध किया गया है।