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ऑनलाइन सट्टे पर हाईकोर्ट में सुनवाई : प्रतिबंध के बावजूद छत्तीसगढ़ में कंपनियां खिला रही सट्टा, कोर्ट ने गृह विभाग के सचिव से मांगा जवाब

बिलासपुर-  प्रदेश में ऑनलाइन सट्टे पर प्रतिबंध के बावजूद भी कंपनियां उल्लंघन कर रही है. पूरे मामले को लेकर एक जनहित याचिका छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लगाई गई है, जिसकी सुनवाई सोमवार को हुई. इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने राज्य शासन के गृह विभाग के सचिव से जवाब मांगा है. वही कंपनियों को भी नोटिस दिया गया है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई. इस मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल, 2025 को तय की गई है.

दरअसल याचिकाकर्ता सुनील नामदेव ने अधिवक्ता अमृतो दास के माध्यम से एक जनहित याचिका लगाई है. राज्य की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत, उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर और अधिवक्ता तुषार धर दीवान ने पक्ष रखा. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमृतो दास ने कोर्ट को जानकारी प्रस्तुत किया कि छत्तीसगढ़ राज्य ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाता है और पैरा 8.6 में बताए अनुसार प्रतिवादी कंपनियां छत्तीसगढ़ राज्य में लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कुछ दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिनमें हाल ही में चल रहे आईपीएल के संबंध में कुछ विज्ञापन शामिल हैं.

इस मामले को संज्ञान लेते हुए बेंच ने निर्देश दिया कि इस मसले में न्यायालय की रजिस्ट्री में दाखिल किया जाए और अभिलेख पर लाया जाए. वहीं इसकी प्रति राज्य अधिवक्ता को भी दी जाए, जो इसका उत्तर भी दे सकते हैं. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने के लिए 24 घंटे का समय मांगा है. इसके अलावा चीफ जस्टिस की बेंच ने छत्तीसगढ़ राज्य के गृह विभाग के सचिव को मामले में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही प्रतिवादी को नियमानुसार प्रक्रिया शुल्क का भुगतान करने के लिए नोटिस जारी करने सहित राज्य अधिवक्ता को यह भी निर्देश दिया है कि वे उन्हें वर्तमान याचिका के लंबित रहने की सूचना दें।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दी भक्त माता कर्मा जयंती की शुभकामनाएं

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को भक्त माता कर्मा जयंती की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने माता कर्मा से समस्त छत्तीसगढ़वासियों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना करते हुए कहा कि भक्त माता कर्मा का जीवन सेवा, भक्ति, त्याग और परोपकार की अनुपम मिसाल है। वे भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त थीं और उनका आदर्श आज भी जनमानस को प्रेरणा देता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में माता कर्मा जयंती का पर्व पूरे श्रद्धाभाव और सामाजिक समरसता के साथ मनाया जाता है। साहू तैलिक समाज की आराध्य देवी माता कर्मा की जयंती पर पूरे राज्य में शोभायात्राएँ, कलश यात्राएँ और विविध धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन होते हैं, जिनमें सभी समाजों की भागीदारी से एकता और भाईचारे का संदेश भी प्रसारित होता है। उन्होंने प्रार्थना की कि माता कर्मा का आशीर्वाद हम सभी पर सदैव बना रहे।मुख्यमंत्री श्री साय ने विश्वास जताया कि माता कर्मा के आदर्श हमें समाज में करुणा, समानता और समर्पण के साथ कार्य करने की प्रेरणा देते रहेंगे।

ज्ञानपीठ सम्मान से अलंकृत विनोद कुमार शुक्ल से केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने की मुलाकात

लोरमी- केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने आज रायपुर के शैलेन्द्र नगर स्थित निवास पर सुप्रसिद्ध कवि, उपन्यासकार एवं छत्तीसगढ़ के गौरव विनोद कुमार शुक्ल से सौजन्य मुलाकात की. इस बीच उन्हें प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी और उनका अभिनंदन किया। उन्होंने शुक्ल जी के स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए उनका हालचाल भी जाना.

केंद्रीय राज्यमंत्री साहू ने कहा कि शुक्ल जी की रचनाएं, जैसे ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’, ‘नौकर की कमीज’ और ‘खिलेगा तो देखेंगे’, भारतीय साहित्य को समृद्ध करती है. आम जीवन की संवेदनाओं को सरलता से अभिव्यक्त करती है. उनकी लेखनी नई पीढ़ी के साहित्यकारों के लिए प्रेरणा स्रोत है.

केंद्रीय राज्यमंत्री साहू ने यह भी आश्वस्त किया कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकारें छत्तीसगढ़ में साहित्य सृजन को प्रोत्साहित करने और साहित्यकारों को उचित सम्मान देने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी. छत्तीसगढ़ की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में सरकार पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी. विनोद कुमार शुक्ल ने इस सम्मान और शुभकामनाओं के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री साहू का आभार व्यक्त किया और साहित्य के क्षेत्र में निरंतर योगदान देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.

राज्य वित्त सेवा संवर्ग के अधिकारियों का तबादला, वित्त विभाग ने जारी किया आदेश, देखें लिस्ट…

रायपुर- उच्चतर वेतनमान और क्रमोन्नत के बाद छत्तीसगढ़ राज्य वित्त सेवा संवर्ग के अधिकारियों की पदस्थापना की गई है. एक दर्जन से ज्यादा अधिकारियों का तबादला किया गया है. वहीं आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. कुछ अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया गया है. इसका आदेश आज वित्त विभाग ने जारी किया.

देखें सूची –

तहसीलदार से लूटपाट करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार

बालोद- राह चलते तहसीलदार से खुलेआम लूट की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों को पुलिस ने आज धर दबोचा है. बालोद के जय स्तंभ चौक के पास हुई इस घटना को पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए विशेष टीम गठित की थी. टीम ने 2 दिन लगातार आरोपियों की खोजबीन करने के बाद आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से लूट में इस्तेमाल की गई ऑटो, 1 धारदार हथियार और 5500 रुपए कैश भी जब्त कर लिया है.

ऐसे दिया लूट की वारदात को अंजाम

दरअसल, यह घटना 22 मार्च 2025 की है, जब एक तहसीलदार जय स्तंभ चौक से मधु चौक की ओर पैदल जा रहे थे. तभी चार लोग एक ऑटो में सवार होकर आए और तहसीलदार से स्टेट बैंक का रास्ता पूछने लगे. इसके बाद, उन्होंने तहसीलदार को ऑटो में बैठा लिया और चाकू दिखाकर उनके पर्स से रकम लूट ली. आरोपी लूट की रकम लेकर फरार हो गए.

इस घटना के बाद, एसडीओपी बालोद देवांश सिंह राठौर और एसडीओपी राजेश बागडे के नेतृत्व में थाना प्रभारी बालोद रविशंकर पाण्डेय के साथ पुलिस ने जांच शुरू की और घटना के संदिग्ध आरोपियों की पहचान के लिए विशेष टीम बनाई. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने साइबर सेल और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर आरोपियों की तलाश तेज कर दी.

पुलिस ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर 23 मार्च 2025 को बालोद बस स्टैंड के पास संदिग्ध अवस्था में चार आरोपियों को पकड़ा. इन आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया कि वे भिलाई से ऑटो किराए पर लेकर बालोद आए थे और लूट की घटना को अंजाम दिया था. इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि वे पूर्व में भी अन्य जिलों में इसी तरह की लूट की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं. पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है.

गिरफ्तार आरोपियों के नाम:

  1. सोमनाथ शुक्ला (28 वर्ष), निवासी मंगल बाजार, जामुल, जिला दुर्ग
  2. हरदीप सिंह (35 वर्ष), निवासी अटल आवास, जामुल, जिला दुर्ग
  3. वाय जानकी राव (48 वर्ष), निवासी आईटीआई ग्राउंड, खुर्सीपार, जिला दुर्ग
  4. मुकेश चंद्रवंशी (18 वर्ष), निवासी ग्राम लिटिया जालबांधा, जिला दुर्ग

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी सोमनाथ शुक्ला और हरदीप सिंह पहले भी राजनांदगांव में लूट के मामले में जेल जा चुके हैं.

जप्त की गई वस्तुएं:

  1. नगदी रकम 5500 रुपये
  2. एक चाकू
  3. घटना में प्रयुक्त एक ऑटो
डिप्टी रेंजर ने दफ्तर में बुलाकर की अश्लील बातें, महिला कर्मचारी ने लगाया आरोप, उच्च अधिकारी और पुलिस से की शिकायत

पिथौरा-  महासमुंद जिले के पिथौरा वन विभाग में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी महिला कर्मचारी ने अपने ही डिप्टी रेंजर पर अश्लील बातें करने का गंभीर आरोप लगाया है. पीड़ित महिला ने मामले की शिकायत वन विभाग के उच्च अधिकारी और पुलिस से शिकायत की है. पुलिस ने बी एन एस की धारा 75(2) के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है. वहीं वन विभाग के आला अधिकारी मामले की जांच के लिए विशाखा समिति कों सौंप दिए हैं.

पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में बताया है कि 18 मार्च को दोपहर 2 बजे डिप्टी रेंजर सत्येंद्र कश्यप ने अपने कार्यालय में बुलाया और मुझसे अश्लील बात करने लगा. इससे वह अपमानित महसूस कर रही हैं. उन्होंने इस मामले में कार्रवाई की मांग वन विभाग के अधिकारी और पुलिस से की है. बता दें कि सत्येंद्र कश्यप फारेस्ट गार्ड से डिप्टी रेंजर बना है.


अफसरों ने कहा – मामले की जांच कर रहे

इस मामले में महासकुंद डीएफओ पंकज राजपूत ने कहा, पिथौरा वन विभाग में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी महिला कर्मचारी ने डिप्टी रेंजर पर अश्लील बातें करने सहित और भी गंभीर आरोप लगाया है. वन विभाग में पदस्थ रेंजर के खिलाफ हमारे विभाग को पीड़ित महिला कर्मचारी से शिकायत मिली है. मामले की जांच की जा रही है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महासमुंद प्रतिभा पाण्डेय ने कहा कि पीड़ित महिला की शिकायत पर मामला पंजीबद्ध किया गया है. अभी किसी प्रकार की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. मामले की जांच की जा रही है.

छुट्टी के दिनों में भी खुलेंगे रजिस्ट्री कार्यालय, लेकिन देना होगा अतिरिक्त शुल्क!

रायपुर- वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम दिनों में राजस्व संग्रहण को ध्यान में रखते हुए पंजीयन विभाग ने एक अहम फैसला लिया है। राज्य के सभी पंजीयन कार्यालय अब शासकीय अवकाश के दिनों में भी खुले रहेंगे, ताकि दस्तावेजों के पंजीयन की प्रक्रिया बिना बाधा के जारी रहे। हालांकि, अवकाश के दिनों में रजिस्ट्री कराने पर लोगों को सामान्य शुल्क के अलावा अतिरिक्त चार्ज भी देना होगा। यह अतिरिक्त शुल्क डॉक्यूमेंट वैल्यू के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।

इन तारीखों पर खुलेंगे पंजीयन कार्यालय

महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक, छत्तीसगढ़ द्वारा जारी आदेश के अनुसार, निम्नलिखित अवकाश के दिनों में भी पंजीयन कार्यालय खुले रहेंगे:

  • 25 मार्च 2025 – माता कर्मा जयंती
  • 29 मार्च 2025 – मार्च माह का अंतिम शनिवार
  • 30 मार्च 2025 – रविवार
  • 31 मार्च 2025 – वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन

जनता को मिलेगी राहत

गौैरतलब है कि मार्च के अंतिम दिनों में दस्तावेजों की रजिस्ट्री के लिए बड़ी भीड़ उमड़ती है। इसलिए, इस फैसले से आम लोगों को राहत मिलेगी और उन्हें अपनी जमीन-जायदाद या अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की रजिस्ट्री कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

देखें आदेश –

सर्वर डाउन से रजिस्ट्री कराने आए लोग परेशान

मार्च क्लोजिंग के चलते रजिस्ट्री दफ्तरों में भारी भीड़ उमड़ रही है, क्योंकि 1 अप्रैल से जमीन की रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी। लेकिन सर्वर डाउन की समस्या ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। लोगों का आरोप है कि जानबूझकर तकनीकी दिक्कतें पैदा की जा रही हैं, जिससे उन्हें बार-बार दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ ही नहीं, उड़ीसा समेत अन्य राज्यों से भी लोग रजिस्ट्री कराने पहुंचे हैं, लेकिन सर्वर ठप होने के कारण उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।

जिला अस्पताल में डॉक्टर पर रिश्वत मांगने का आरोप, पीड़िता की शिकायत के बाद प्रशासन ने लिया एक्शन, पद से हटाकर मांगा स्पष्टीकरण

बिलासपुर- भ्रष्टाचार के आरोप पर जिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ से जवाब मांगते हुए समक्ष तलब किया गया है. डॉक्टर वंदना चौधरी से स्पष्टीकरण मांगते हुए परिवार नियोजन (टीटी) और एमटीपी (गर्भपात संबंधी ऑपरेशन) पर रोक लगा दी गई गई है. कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक ने ये कार्रवाई की है. एमटीपी और टीटी ऑपरेशन अब डॉक्टर रमा घोष और डॉक्टर ममता सलूजा ही करेंगे.

क्या है मामला

दरअसल, जिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ वंदना चौधरी पर सेमरचुवा की जमंत्री पटेल पति संतोष पटेल ने शिकायत की थी कि नसबंदी ऑपरेशन के लिए डॉक्टर ने 6 हजार रुपये की मांग की थी. उन्होंने 2 हजार रुपये दे दिए थे. डॉक्टर चौधरी ने इसके बाद भी उन पर और पैसों के लिए दबाव बनाया. जिसका ऑडियो साक्ष्य के रूप में शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया.

IPL शुरू होते ही सजा सट्टेबाजी का बाजार, ऑनलाइन सट्टा संचालित करते 2 सटोरिए गिरफ्तार

रायपुर- आईपीएल (IPL) शुरू होते ही सट्टेबाजों की सक्रियता बढ़ गई है और ऑनलाइन सट्टेबाजी का जाल तेजी से फैल रहा है. रायपुर में पुलिस ने ऐसी ही एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दो सटोरियों को गिरफ्तार किया है, जो मोबाइल के जरिए क्रिकेट और अन्य खेलों पर सट्टा संचालित कर रहे थे. पुलिस ने मौके से दो मोबाइल जब्त किए हैं, जिनमें सट्टेबाजी के सबूत मिले हैं.

जानकारी के अनुसार, आईजी रायपुर रेंज अमरेश मिश्रा और एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देश पर एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट और तेलीबांधा पुलिस को सट्टेबाजों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे. इसी दौरान 23 मार्च 2025 को एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट को सूचना मिली कि तेलीबांधा थाना क्षेत्र की गली नंबर 03 में स्थित गौतम डेली नीड्स के सामने दो व्यक्ति मोबाइल के जरिए ऑनलाइन सट्टा संचालित कर रहे हैं. सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों व्यक्तियों को पकड़ा. पूछताछ में उन्होंने अपनी पहचान चंचल दास जयसिंघानी (61 वर्ष) और गौतम आहूजा (21 वर्ष), दोनों निवासी तेलीबांधा, रायपुर के रूप में बताई.

वेबसाइट के जरिए चला रहे थे सट्टा

पुलिस ने जब उनके मोबाइल फोन की जांच की, तो पाया कि वे unclebet9.com और kingdombook9.com नामक वेबसाइट पर आईडी बनाकर ऑनलाइन सट्टा चला रहे थे. इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से दो मोबाइल फोन जब्त कर लिए.

तेलीबांधा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 की धारा 7 एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 111 (BNS) के तहत मामला दर्ज किया है.

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का ग्रीष्मकाल में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि ग्रीष्मकाल में प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक निर्बाध और सुरक्षित पेयजल पहुंचाना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसके लिए सभी विभागों के बीच समन्वय और जनसहभागिता अनिवार्य है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जल संकट से निपटने के लिए जल संरक्षण की दिशा में ठोस और निर्णायक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, जिससे आने वाले समय में प्रदेश जल संकट की किसी भी स्थिति से सुरक्षित रह सके। मुख्यमंत्री श्री साय मंत्रालय में आयोजित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जल संसाधन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रीष्म ऋतु के दौरान प्रदेशभर में पेयजल की समुचित और सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी उपायों को प्राथमिकता पर क्रियान्वित किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रीष्मकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रदेशभर में पेयजल की उपलब्धता को राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता घोषित किया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जल संकट की किसी भी संभावना को गंभीरता से लेते हुए त्वरित और समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन, ऊर्जा, वन एवं कृषि विभाग को परस्पर तालमेल के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में उत्पन्न हो रही पेयजल समस्याओं के समाधान हेतु अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीतियाँ समान रूप से आवश्यक हैं। इसके लिए उन्होंने जल संरक्षण के प्रभावी उपायों जैसे रिचार्ज पिट, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और सौर ऊर्जा आधारित पंपों को तेजी से बढ़ावा देने पर बल दिया। साथ ही, उन्होंने भूजल के अनियंत्रित दोहन पर सख्त निगरानी रखने और कम जल-खपत वाली फसलों की खेती को प्रोत्साहन देने के निर्देश दिए, जिससे जल संसाधनों का संतुलित उपयोग सुनिश्चित हो सके।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे केवल कार्यालयों तक सीमित न रहते हुए, फील्ड में जाकर स्वयं स्थिति का आकलन करें और स्थल पर ही पेयजल संबंधी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आगामी 15 दिनों के भीतर प्रदेशभर में विशेष अभियान चलाकर सभी हैंडपंपों और सार्वजनिक नलों की मरम्मत सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अनेक स्थानों पर हैंडपंपों में केवल मामूली तकनीकी समस्याएँ होती हैं, जिन्हें यदि समय रहते स्थानीय मैकेनिक द्वारा दुरुस्त किया जाए, तो नागरिकों को अनावश्यक परेशानी से बचाया जा सकता है।

बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई कि राज्य सरकार ने इस कार्य के त्वरित निष्पादन हेतु पूरे प्रदेश में मोबाइल वैन यूनिट्स की विशेष व्यवस्था की है, जो आगामी चार महीनों तक फील्ड में सक्रिय रहकर रखरखाव और मरम्मत का कार्य प्राथमिकता से संपादित करेंगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इसके लिए स्थानीय भू-प्राकृतिक परिस्थितियों के अनुरूप जल संरक्षण उपायों को बढ़ावा दिया जाए, ताकि दीर्घकालिक समाधान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने वन्य प्राणियों के लिए गर्मी के मौसम में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी स्पष्ट निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देशित किया कि प्रदेशभर में अमृत सरोवरों को जल प्रबंधन के मॉडल के रूप में विकसित किया जाए, ताकि वे जल संग्रहण, वर्षा जल संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी के सफल उदाहरण बन सकें। उन्होंने तालाबों और जलाशयों के आसपास हो रहे अतिक्रमण को प्राथमिकता से हटाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जलस्रोतों की रक्षा करना केवल प्रशासनिक दायित्व नहीं, बल्कि सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी भी है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सौर ऊर्जा आधारित पेयजल योजनाओं के संचालन और रखरखाव की प्रक्रिया को तीव्र गति से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से जल स्रोतों के अपव्यय को नियंत्रित किया जा सकता है और ऊर्जा की बचत भी सुनिश्चित होती है। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि सोलर पेयजल योजनाओं में 'सेंसर आधारित स्वचालित प्रणाली' लागू की जाए, जिससे जल वितरण की निगरानी और नियंत्रण तकनीकी रूप से संभव हो सके और स्मार्ट जल प्रबंधन प्रणाली की दिशा में राज्य एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाए।

मुख्यमंत्री ने पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका को जल संरक्षण के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ग्राम स्तर पर जनजागरूकता और सहभागिता ही जल संकट का दीर्घकालिक समाधान है। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम सभाओं में जल संरक्षण, भूजल प्रबंधन और निस्तारी जल योजनाओं पर व्यापक चर्चा सुनिश्चित की जाए, ताकि समुदाय स्तर पर ठोस पहल हो सके। मुख्यमंत्री ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को इन गतिविधियों के सुनियोजित क्रियान्वयन और ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से निर्देशित किया।

इस उच्चस्तरीय बैठक में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक, जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो और कृषि, वन, जलवायु परिवर्तन एवं ऊर्जा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।