*खुश रहना और दूसरों को खुश रखना हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए -डॉ संतोष अंश*
(विश्व गौरैया दिवस, विश्व प्रसन्नता दिवस और विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन, और जलपात्र रखे गये)
सुलतानपुर,राणा प्रताप पीजी कॉलेज के बी एड़ विभाग द्वारा विश्व गौरैया दिवस, विश्व प्रसन्नता दिवस और विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में विद्यार्थी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ भारती सिंह ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस हमें याद दिलाता है कि प्रसन्नता एक मौलिक मानव अधिकार और लक्ष्य है।
डॉ संतोष सिंह अंश ने कहा कि गौरेया दिवस मनाने का उद्देश्य गौरैया के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाना और संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देना है। अगर आप गौरैया को बचाना चाहते हैं, तो अपने घर के आसपास उनके लिए पानी और खाने का इंतजाम कर सकते हैं और उनके घोंसले बनाने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर सकते हैं। खुशी सिर्फ एक भावना नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। विश्व प्रसन्नता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि खुश रहना और दूसरों को खुश रखना हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए।
इस वर्ष,2025,विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस की थीम है " एक खुश मुँह है... एक खुश शरीर "। यह थीम मानसिक स्वास्थ्य और दंत स्वास्थ्य के बीच संबंध पर जोर देती है। कुछ उपाय कर हम अपनी खुशी में वृद्धि कर सकते है जैसे हम दूसरों का आभार प्रकट करें,छोटी-छोटी खुशियों के लिए धन्यवाद कहना शुरू करें,सकारात्मक सोचें, नकारात्मकता से बचें और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएँ, समाज में योगदान दें, दूसरों की मदद करके खुशी का अनुभव करें,स्वस्थ जीवन शैली अपनाएँ, योग, ध्यान और शारीरिक व्यायाम से मानसिक स्वास्थ्य बढ़ाए।
असिस्टेंट प्रो शांतिलता कुमारी ने कहा कि गौरैया एक समय हर जगह देखने को मिलती थी, लेकिन शहरीकरण, मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन, और प्राकृतिक आवासों की कमी के कारण इनकी संख्या तेजी से घट रही है। हमें गौरिया को बचाने के प्रयास में अपनी भूमिका तय करनी पड़ेगी। हमें अपने मौखिक स्वास्थ का विशेष ध्यान रखना चाहिए। डॉ सीमा सिंह ने कहा कि हमें अपने जीवन मे आंतरिक और बाह्य प्रसन्नता बनाये रखने का आचरण करना चाहिए। विद्यार्थियों में अर्चिता सिंह, आस्था निषाद ,हिमांशु सिंह ने प्रभावी विचार व्यक्त किये। संगोष्ठी का संचालन सफलतापूर्वक अनुभवी सिंह ने किया। संगोष्ठी के पश्चात गौरैया के लिए जलपात्र रखे गए। इस अवसर पर बी एड़ के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
Mar 22 2025, 20:29