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हाईकोर्ट ने बड़े पैमाने पर सिविल जजों का किया तबादला, देखें लिस्ट…

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बड़ी संख्या में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) का ट्रांसफर किया है. जारी आदेश के अनुसार, 49 सिविल जजों का प्रदेश के विभिन्न अदालतों में ट्रांसफर किया गया है. हाईकोर्ट ने संबंधित न्यायिक अधिकारियों को नए पदस्थापन स्थल पर शीघ्र कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए हैं.

सदन में गूंजा किराए के भवन में संचालित पीडीएस केंद्र के साथ दिव्यांगजनों के लिए पद चिन्हांकन का मुद्दा…

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 16वें दिन किराए के भवनों में संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) केंद्र के साथ-साथ दिव्यांगजनों के लिए पदों के चिन्हांकन का मामला गूंजा. संबंधित मंत्रियों ने सवालों का जवाब दिया.

विधायक दिलीप लहरिया ने सवाल किया कि जिला बिजापुर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कितने केंद्र संचालित है, और कितने किराए के माध्यम से चलाते है? भवन कब तक बन जाएगा? किस-किस मद से पैसे दिए जाते है? मंत्री दयाल दास बघेल ने बताया कि 482 ऐसे स्थान हैं, जो भवन विहीन है. राशन दुकान चलाने वाले भवन का किराया देते हैं.

इस पर विधायक ने सवाल किया कि जो समूह चलाते हैं, उसे कितने किराए में दिया जाता है? और जो खाली हैं कब तक बन जायेंगे? मंत्री ने बताया कि भवन बनाने के लिए रोजगार गारंटी और अलग-अलग मद से राशि ली जाती है, और भवन बनाया जाता है.

इसके साथ सदन में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत पदों के चिन्हांकन का मामला गूंजा. भाजपा विधायक प्रबोध मिंज के सवाल पर महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि 21 प्रकार के दिव्यांगजन के लिए पद चिन्हांकित होगा.

प्रबोध मिंज ने 2016 के बाद 9 साल होने के बाद भी पद चिन्हांकन नहीं होने पर आपत्ति जताई. मंत्री ने इस पर कहा कि किसी भी प्रक्रिया को पूरा करने में समय लगता है. आधे से अधिक विभागों से जानकारी आ चुकी है. जल्द से सभी विभागों से जानकारी प्राप्त होने पर कार्य पूर्ण किया जाएगा.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी की पुण्यतिथि पर किया नमन

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। उन्होंने कहा कि रानी अवंती बाई लोधी साहस, स्वाभिमान और बलिदान की प्रतीक हैं। उनका नाम भारतीय स्वाधीनता संग्राम के इतिहास में अमर वीरांगनाओं में स्वर्णाक्षरों में अंकित है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रानी अवंती बाई लोधी ने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों का डटकर विरोध किया। उन्होंने अपने राज्य और मातृभूमि की रक्षा के लिए अंतिम क्षण तक संघर्ष किया और स्वाधीनता के लिए बलिदान दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रानी अवंती बाई नारी शक्ति और सामाजिक चेतना का प्रतीक थीं। उन्होंने समाज को जागरूक करने का कार्य किया और न केवल महिलाओं बल्कि पूरे राष्ट्र को संघर्ष की राह दिखाई। उनकी वीरता, बलिदान और नेतृत्व क्षमता भारत के इतिहास में नारी सशक्तिकरण का अमिट उदाहरण हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भारत का इतिहास वीरांगनाओं की शौर्य गाथाओं से भरा हुआ है। रानी अवंती बाई लोधी जैसी महान नारियों की कहानियाँ हमें आज भी राष्ट्रभक्ति, त्याग और साहस की प्रेरणा देती हैं। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि आत्मसम्मान और मातृभूमि की रक्षा के लिए किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटना चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे रानी अवंती बाई को लोधी के आदर्शों से प्रेरणा लें और उनके बलिदान को स्मरण कर देश और समाज के उत्थान में अपना योगदान दें।

सिम्स में इंजेक्शन लगाने के बाद गर्भवती महिला का गर्भपात, हाईकोर्ट ने कहा – सरकार क्या कर रही… स्वास्थ्य सचिव से शपथ पत्र पर मांगा जवाब

बिलासपुर-  सिम्स में इंजेक्शन लगाने के बाद गर्भवती महिला के गर्भपात होने के मामले पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से जवाब तलब करते हुए कहा है कि सरकार क्या कर रही है? मामले को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य सचिव से शपथ पत्र पर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी।

दरअसल, कोटा थाना क्षेत्र के करगीखुर्द निवासी गर्भवती महिला को पेट में दर्द होने की शिकायत पर सिम्स में भर्ती कराया गया था। पेट दर्द का इलाज कराने आई महिला का इंजेक्शन लगाने के बाद पांच माह का गर्भपात हो गया। महिला के पति ने सिम्स में गलत इंजेक्शन लगाए जाने के कारण गर्भपात होने का आरोप लगाया। कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला को दर्द निवारक इंजेक्शन व कुछ दवा देकर सिम्स भेजा गया था। रेफर पर्ची में गंभीर पेट दर्द लिखा गया, इसके बाद उसे सिम्स लाकर भर्ती कराया गया था।

सिम्स प्रबंधन ने रक्त स्त्राव होने के कारण गर्भपात होने की बात कही। कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की एक पर्ची भी लगाई गई, जिसमें कोटा में उपचार और रेफरल पर्ची में महिला को दी गई दवा के साथ पेट दर्द व रक्त स्त्राव होने की बात लिखी गई थी। मामले की जांच के लिए सिम्स प्रबंधन ने चार सदस्यीय टीम गठित की है।

कांग्रेस PAC की बैठक में भूपेश बघेल ने जाहिर की कड़ी नाराजगी

रायपुर- छत्तीसगढ़ कांग्रेस पॉलिटकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में भूपेश बघेल ने कड़ी नाराजगी जाहिर की. बैठक के दौरान बघेल ने यहां तक कह दिया कि मेरे खिलाफ दुष्प्रचार, अभद्र टिपण्णी करने से भी कुछ लोग नहीं चूक रहे हैं. संगठन को मजबूत करने की जगह उसे कमजोर करने की कोशिश कुछ लोग कर रहे हैं. हद तो यह हो गई है कि जिला स्तर का पदाधिकारी, प्रदेश स्तर के पदाधिकारी पर कार्रवाई करता है.

बैठक के दौरान ही एक नेता बैज को लेकर टिप्पणी की तो उस पर प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट नाराज हुए. उन्होंने कहा कि दीपक बैज पीसीसी के अध्यक्ष हैं. उनके लिए किसी नेता को गलत शब्द का इस्तेमाल करना उचित नहीं है. बैठक में पायलट ने खुले तौर पर बैज का समर्थन किया. साथ ही उन्होंने आगामी कार्ययोजना को लेकर सुझाव भी दिए. उन्होंने कहा कि हमें एकजुट होकर काम करने और मुद्दों पर लड़ने की जरूरत है. साथ ही मीडिया में बयानबाजी को लेकर भी बैठक में पायलट ने नाराजगी जताई.

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कमेटी के सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत एवं प्रभारी सचिव एस.ए. संपत कुमार, जरिता लेतफलांग, विजय जांगिड़, पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, एआईसीसी सचिव राजेश तिवारी, एआईसीसी सचिव एवं विधायक देवेन्द्र यादव, प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, सांसद पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे, पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर, पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया, पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया, पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, पूर्व मंत्री गुरू रूद्र कुमार, पूर्व मंत्री प्रेमसाय सिंह, अमरजीत भगत, उमेश पटेल, अमितेश शुक्ल, पूर्व सांसद छाया वर्मा, पूर्व विधायक गुरूमुख सिंह होरा, पूर्व विधायक अरूण वोरा, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेन्द्र तिवारी, शैलेश नितिन त्रिवेदी, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, युवा कांग्रेस अध्यक्ष आकाश शर्मा, एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष नीरज पाण्डेय, कांग्रेस सेवादल प्रमुख अरूण ताम्रकार उपस्थित थे.

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने खुड़िया जलाशय से जल्द पानी छोड़ने के दिए निर्देश

रायपुर-   उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मुंगेली जिले के खुड़िया जलाशय से जल्द पानी छोड़ने के निर्देश जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। इससे ग्रामीणों को निस्तारी के साथ ही खड़ी फसलों को बचाने में मदद मिलेगी। लोरमी क्षेत्र के ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने आज देर शाम बिलासपुर में उप मुख्यमंत्री अरुण साव से मुलाकात कर खुड़िया जलाशय से निस्तारी के लिए पानी छोड़ने का आग्रह किया।

उप मुख्यमंत्री श्री साव से मिलने पहुंचे लोरमी क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी के मौसम की शुरुआत में ही अनेक गांव में निस्तारी की समस्या उत्पन्न हो गई है। फसलों के साथ ही मवेशियों के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। इसलिए उन्होंने उप मुख्यमंत्री अरुण साव से खुड़िया जलाशय से पानी छोड़ने की मांग की है।

श्री साव ने इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए खुड़िया जलाशय से उच्च अधिकारियों को पानी छोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्रामीणों की मांग और क्षेत्र की जरूरत को देखते हुए जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल पानी छोड़ने के लिए निर्देशित किया है। उप मुख्यमंत्री से मिलने आए लोरमी क्षेत्र के प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री गुरमीत सलूजा, आलोक शिवहरे, अशोक जायसवाल और महावीर राजपूत सहित बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण शामिल थे।

छत्तीसगढ़ में लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, बचाव, इलाज के लिए दिशा-निर्देश जारी

रायपुर- स्वास्थ्य संचालनालय ने सभी मुख्य चिकित्सा, स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक को लू के प्रबंधन और बचाव के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है. वैश्विक तापमान में औसत रूप से वृद्धि के कारण छत्तीसगढ़ में गर्मी बढ़ने और लू चलने की संभावना जताई गई है. इससे बचाव के लिए आठ अलग-अलग बिंदुओं में दिशा निर्देश दिए गए हैं.

लू से बचाव के उपाय बताया गया है. साथ ही लू लगने पर किए जाने वाला प्रारंभिक उपचार की जानकारी दी गई है. अस्पतालों में व्यवस्था, दवाई को उपलब्ध कराना, सूचना तंत्र मजबूत करने और प्रमुखता से प्रचार-प्रसार करने के कहा गया है. साथ ही नियमित समीक्षा के साथ दैनिक प्रतिवेदन के लिए आदेश जारी किया गया है.


लू के लक्षण

1. सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना

2. तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना

3. चक्कर और उल्टी आना

3. कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना

5. शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का ना आना

6. अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना

7. भूख कम लगना

8. बेहोश होना

लू से बचाव के उपाय

लू लगने का मुख्य कारण तेज धूप और अत्यधिक गर्मी में लंबे समय तक रहने से शरीर में पानी की कमी होना है. इससे बचाव के लिए इन उपायों को अपनाना जरूरी है.

1. बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर ना जाए

2. धूप में निकलने से पहले सर व कानो को कपड़े से अच्छी तरह से बांध ले

3. पानी अधिक मात्रा में पीये

4. अधिक समय तक धूप में न रहे

5. गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा और कपडे पसीने को सोखते रहे

6. अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पीये

7. चक्कर आने, मितली आने पर छाया दार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें

8. प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निः शुल्क परामर्श लिया जावें

9. उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में जरुरी सलाह ज़रूर लें

लू लगने पर क्या होगा उपचार ?

1. बुखार पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगाए

2. अधिक पानी और पेय पदार्थ पिलावें जैसे कच्चे आम का पना, जलजीरा आदि

3. पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटा दें

4. शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहे

5. पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सक या अस्पताल में इलाज के लिए लेकर जाए

6.मितानिन / ए.एन.एम. से ओ.आर.एस. की पैकेट के लिए संपर्क करें

अस्पतालों में व्यवस्था

राज्य के सभी शासकीय चिकित्सालय में लू के प्रबंधन के लिए निर्देश :-

1. बाहय रोगी विभाग में आने वाले सभी मरीजों में लू के लक्षण की जाँच अवश्य करें

2. प्रत्येक अस्पतालों में कम से कम दो बिस्तर इन मरीजों के लिए आरक्षित किया जाए

3. वार्ड में शीतलता के लिए कूलर एवं अन्य व्यवस्था की जाए

4. बाह्य रोगी कक्ष में बैठने की उचित प्रबंध के साथ ठंडे पेय जल की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए

5. प्रत्येक मरीज को लू से बचाव की जानकारी अनिवार्य रुप से दी जावे, कि प्यास अनुसार पानी अवश्य पिये, छोटे बच्चों को कपडें से ढककर छाया वाले स्थान पर रखे

6. बाह्य रोगी विभाग में आने वाले सभी मरीजों का लू के लक्षण की जॉच अवश्य करें

7. प्राथमिक उपचार कक्ष में ओ.आर.एस. कार्नर बनाया जाए

8. बाह्य रोगी के ऐसे मरीज जिन्हें उपचार पश्चात वापसी के लिए अधिक दूरी जाना है, को आवश्यकता अनुसार ठहरने की व्यवस्था किया जाए

9. पर्याप्त मात्रा में इन्द्रा वेनस फ्लूड, ओ.आर.एस. पैकेट, बुखार की दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करें

10. अत्यधिक गर्मी से पीड़ित बच्चों, वृद्धों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों के ईलाज के लिए अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्था करें

11. सभी जिला तथा ब्लाक मुख्यालयों में कण्ट्रोल रूम स्थापित किया जाये

12. अत्यधिक प्रभावित स्थानों को चिन्हांकित किया जावे तथा उनके प्रबंधन के लिए मोबाइल चिकित्सा दल की व्यवस्था की करें

विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट में अनियमितता का खुलासा

रायपुर- विधानसभा में बुधवार को स्थानीय निकायों पर महालेखाकार का प्रतिवेदन पेश किया गया. वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक की अवधि के इस प्रतिवेदन में निकायों में खरीदी से लेकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट तक में झोल ही झोल मिला है. यही नहीं 137 स्थानीय निकायों के ऑडिट में 1613 आपत्ति पाई गई!

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विधानसभा में महालेखाकार का प्रतिवेदन पेश किया. महालेखाकार के प्रतिवेदन में बताया गया कि शहरी स्थानीय निकायों के कुल संसाधनों में स्वयं के राजस्व का हिस्सा वर्ष-2016 से 2021-22 के दौरान 16 से 19 फीसदी रहा. इस तरह 6 वर्षों की अवधि में शहरी स्थानीय निकाय का खुद का राजस्व स्थिर रहा.

स्थानीय निकायों में कचरे के मानवबल के बिना इस सुविधा को गौधन न्याय योजना के साथ साझा करने के कारण कचरे के संग्रहण, पृथककरण और प्रशसकरण पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ा है. योजना और जरूरत के बिना बुनियादी ढांचे, वाहनों का विकास और खरीदी के फलस्वरूप सुविधाएं निष्क्रिय हो गई. और 369 करोड़ 98 लाख का निष्फल व्यय हुआ है.

प्रतिवेदन में बताया गया कि वैकल्पिक स्थल पर ईडब्ल्यूएस के लिए हस्तांतरित की गई जमीन का मूल्य कम होने के कारण कॉलोनाइजर को 1 करोड़ 54 लाख का अनुचित वित्तीय लाभ पहुंचा है. यह भी बताया गया कि कोरबा नगर पालिक निगम द्वारा भूमि का अनुचित उपयोग किए जाने के कारण तीन कॉलोनाइजरों से जमीन के बदले 75 लाख 77 हजार राशि की कम वसूली की गई.

मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश पर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को मिली 472.58 करोड़ की पुनरीक्षित स्वीकृति

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के विशेष निर्देश और स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने अंबिकापुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज एवं संबद्ध चिकित्सालय भवन के निर्माण कार्य हेतु पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। पूर्व में इस परियोजना के लिए 374.08 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई थी। निर्माण कार्यों के दायरे में हुए विस्तार और लागत वृद्धि के बाद अब परियोजना की कुल लागत 472.58 करोड़ रुपये स्वीकृत की गई है। इस प्रकार, परियोजना लागत में 98 करोड़ रुपये से अधिक की महत्वपूर्ण वृद्धि को मंजूरी मिली है।

निर्माण कार्य तेजी से जारी, कई महत्वपूर्ण भवन उपयोग में: शेष निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा करने पर सरकार का विशेष जोर

मेडिकल कॉलेज परिसर में निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहे हैं। अब तक स्टाफ क्वार्टर, छात्रावास भवन, महाविद्यालय भवन, बाउंड्री वॉल, आंतरिक और बाह्य सड़कें, अंडरग्राउंड वाटर टैंक, एनिमल हाउस, ड्रेनेज सिस्टम, रिटेनिंग वॉल एवं टो वॉल जैसे प्रमुख निर्माण पूरे हो चुके हैं। ये भवन चिकित्सा विभाग द्वारा उपयोग में लाए जा रहे हैं, जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा को भी बढ़ावा मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने अस्पताल भवन, ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस, बाहरी जल आपूर्ति और सीवर लाइन जैसे शेष निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को जल्द से जल्द पूरी तरह कार्यशील बनाना है, ताकि आम नागरिकों को अत्याधुनिक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।

मेडिकल कॉलेज में मिलेंगी उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक सुधारों को प्रतिबद्ध है। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को नवीनतम चिकित्सा उपकरणों एवं आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित किया जाएगा। इससे चिकित्सकों, मेडिकल छात्रों और मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी तथा चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में व्यापक सुधार आएगा।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दृढ़

मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, सुधार और उन्नयन के लिए लगातार प्रयासरत है। मेडिकल कॉलेज और चिकित्सालय भवन निर्माण को गति देने के लिए राज्य सरकार हर जरूरी संसाधन उपलब्ध करा रही है। इस परियोजना के पूर्ण होने पर न केवल अंबिकापुर, बल्कि आसपास के जिलों के नागरिकों को भी आधुनिक और उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वस्थ समाज, खुशहाल समाज की नींव है। हमारी सरकार नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए संकल्पित है। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज का पुनरीक्षित बजट इस दिशा में एक ठोस और महत्वपूर्ण कदम है।

IAS गौरव द्विवेदी और मनिंदर कौर द्विवेदी को मिला प्रोफार्मा प्रमोशन

रायपुर-  1995 बैच के IAS अधिकारी गौरव द्विवेदी और मनिंदर कौर द्विवेदी को प्रोफार्मा पदोन्नति दी गई है. इस पदोन्नति के साथ दोनों ही अधिकारी प्रमुख सचिव से अतिरिक्त मुख्य सचिव बन गए हैं. सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव मुकेश कुमार बंसल ने यह आदेश जारी किया है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारियों को प्रोफार्मा पदोन्नति दिए जाने का नियम है. गौरव द्विवेदी इस वक्त प्रसार भारती में सीईओ के पद पर कार्यरत हैं. वहीं मनिंदर केंद्रीय कृषि विभाग के उपक्रम में एमडी हैं.

2021 में भारत सरकार ने 43 आईएएस अधिकारियों को एडिशनल सिकरेट्री के लिए इम्पेनल किया था. इन अधिकारियों में छत्तीसगढ़ कैडर के गौरव द्विवेदी और उनकी पत्नी मनिंदर कौर द्विवेदी भी शामिल थे. द्विवेदी दंपति 95 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. छत्तीसगढ़ में इस बैच के दो ही आईएएस अधिकारी थे.