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बिलासपुर- हैदराबाद की ट्रायल फ्लाइट को यात्रियों का मिला अच्छा रिस्पांस

रायपुर- एलाइंस एयर कंपनी ने हैदराबाद- बिलासपुर-हैदराबाद के बीच मंगलवार को ट्रायल फ्लाइट चलाई. कंपनी ने उक्त फ्लाइट की घोषणा एक दिन पहले की. इसके बाद भी यात्रियों का अच्छा रिस्पांस मिला. एक ही दिन में बिलासपुर से हैदराबाद जाने के लिए 19 टिकट बिक गए, जो बिजनेस की दृष्टि से काफी अच्छा माना जा रहा है.

बिलासपुर से हैदराबाद हवाई सेवा शुरू होने में शहर अब एक कदम आगे बढ़ गया है. बिलासा एयरपोर्ट से कमर्शियल उड़ान शुरू होने के बाद से हैदराबाद फ्लाइट की मांग हो रही है. इसको चलाने के लिए एलाइंस एयर कंपनी ने भी अपनी सहमति छह माह पहले दे दी है. लेकिन कंपनी के पास एयरकॉफ्ट की कमी के कारण विंटर शेड्यूल में हैदराबाद उड़ान शामिल नहीं हो सका था. अब एक बार फिर से हैदराबाद फ्लाइट शुरू होने के असार बन रहे हैं.

इसको ध्यान रखते हुए एलाइंस एयर कंपनी ने मंगलवार को हैदराबाद-बिलासपुर-हैदराबाद के बीच एक ट्रायल फ्लाइट चलाई. यह हैदराबाद से बिलासपुर आने के बाद यात्रियों को लेकर कोलकाता गई. कोलकाता से बिलासपुर आने के बाद बिलासपुर से हैदराबाद के लिए उड़ान भरी. ट्रायल फ्लाइट को उम्मीद से कहीं अधिक रिस्पांस मिला है. कंपनी ने उक्त फ्लाइट को चलाने की घोषणा एक दिन पहले की थी. इसके बाद भी बिलासपुर से हैदराबाद जाने के लिए 19 टिकट बुक हो गए.

यह 72 सीटर एटीआर विमान के लिए काफी अच्छा रिस्पांस है. उतने यात्री तो कई बार नियमित रूट में भी नहीं मिलते. वहीं जानकारी के अभाव के कारण हैदराबाद से बिलासपुर सिर्फ एक यात्री पहुंचा. एलाइंस एयर कंपनी का मैनेजमेंट हैदराबाद ट्रायल फ्लाइट के रिस्पांस को देखते हुए उसको नियमित रूप से एक बार फिर से गंभीरता से विचार कर रही है. इसकी घोषणा जल्द होने की उम्मीद है.

14 घंटे का सफर सिर्फ 1.50 घंटे में

बिलासपुर से हैदराबाद जाने के लिए ट्रेन और सड़क मार्ग है. इसमें ट्रेन से हैदराबाद जाने में अंचल के लोगों को करीब चौदह घंटे लगते हैं. वहीं हवाई जहाज से उक्त दूरी सिमट कर सिर्फ 1 घंटा 50 मिनट हो गई है. वहीं बिलासपुर से हैदराबाद का न्यूनतम किराया भी 2999 रूपए है. जो काफी अधिक नहीं है. साथ ही उसमें समय भी काफी बचता है.

सदन में ध्यानाकर्षण में उठा रेडी टू ईट वितरण में अनियमितता का मामला

रायपुर- विधानसभा में बुधवार को ध्यानाकर्षण में रेडी टू ईट वितरण में अनियमितता का मामला उठा. विधायक बालेश्वर साहू ने जांजगीर-चांपा क्षेत्र में लम्बे समय से रेडी टू ईट का वितरण नहीं होने की बात कही. इस पर मंत्री के इंकार करने पर सभापति ने अधिकारियों को जांच करने के निर्देश देने की बात कही.

मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने सदन में जांजगीर-चांपा में रेडी टू ईट का वितरण नहीं होने की बात पर कहा कि यह कहना गलत है कि बीज निगम से रेडी टू ईट वितरण नहीं किया जा रहा, सभी जगह आपूर्ति हो रही है. कहीं कोई गड़बडी नहीं है.

इस पर समाचार का हवाला देते हुए विधायक ने कहा कि 15 से 30 तारीख तक भंडारण करना होता है, लेकिन मार्च में नहीं हुआ. इस पर सभापति डॉ. रमन सिंह ने निर्देश दिए कि हर मंगलवार को वितरण हो. यदि खामियां हैं तो उसकी जांच करा लें. अधिकारियो को निर्देश कर देंगे.

सुप्रीम कोर्ट में शिक्षकों की जीत, क्रमोन्नत वेतनमान पर छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका खारिज

बिलासपुर- क्रमोन्नत वेतनमान की लड़ाई शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में जीत ली है। सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया गया। यह याचिका छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के खंडपीठ के फैसले के खिलाफ थी, जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार को प्रतिवादी सोना साहू के वेतनमान में उन्नयन के कारण उत्पन्न बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था. सोना साहू ने बिना पदोन्नति के 10 वर्षों से अधिक समय तक सहायक शिक्षक के रूप में सेवा की थी.

सर्वोच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ राज्य के इस तर्क पर विचार करने से इनकार कर दिया कि सोना साहू आश्वस्त वृत्ति विकास/क्रमोन्नति वेतनमान प्राप्त करने की हकदार नहीं है, क्योंकि उन्होंने 7 वर्ष पूरा करने पर समय वेतनमान प्राप्त किया था। सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिवादी संख्या 1 के इस तर्क को स्वीकार किया कि 2013 में वेतनमान के संशोधन के बहाने राज्य सरकार द्वारा समय वेतनमान का लाभ वापस ले लिया गया था और उन्हें 10 वर्षों तक कोई उन्नयन प्राप्त नहीं हुआ था। सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर भी विचार किया कि सामान्य प्रशासन विभाग के 2017 के आदेश के अनुसार 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले सभी शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ प्रदान करना उन शिक्षकों पर भी लागू होता है, जिन्हें पंचायत विभाग से स्कूल शिक्षा विभाग में समाहित किया गया है।

दोनों पक्षों के तर्कों पर विचार करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा। बता दें कि सोना साहू ने पंचायत विभाग से अपनी बकाया राशि प्राप्त कर ली है, परंतु स्कूल शिक्षा विभाग से उनकी बकाया राशि अभी भी लंबित है। उक्त बकाया राशि प्राप्त करने के लिए सोना साहू ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना याचिका दायर की है और न्यायालय ने स्कूल शिक्षा विभाग के संबंधित सचिव को 19.03.2025 को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।

सेंट्रल जेल में बंद पूर्व मंत्री कवासी लखमा से मिलने पहुंचे प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट

रायपुर- प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट आज सेंट्रल जेल पहुंचे, जहां उन्होंने जेल में बंद पूर्व मंत्री कवासी लखमा से मुलाकात की. इस दौरान उनके साथ नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, विधायक देवेंद्र यादव समेत कई अन्य कांग्रेस नेता भी मौजूद रहे.

जेल में कवासी लखमा से मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत में भाजपा सरकार पर तीखे हमले किए. उन्होंने कहा कि जो लोग भाजपा की विचारधारा का विरोध करते हैं, सरकार उनके साथ ऐसा ही व्यवहार करती है. हम न्यायालय में लड़ाई लड़ते रहेंगे. लोगों का चरित्र हनन करने की कोशिश की जाती है. सरकारी द्वारा एजेंसी के माध्यम से मनोबल तोड़ने की कोशिश की जाती है. हमें पूरा विश्वास है कि हमें न्यायालय के माध्यम से विजय मिलेगी. हमारा पोलिटिकल संघर्ष जारी रहेगा. सरकारी एजेंसी का धड़ल्ले से दुरुपयोग हो रहा है. ये व्यक्ति विशेष की लड़ाई नहीं, हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे, पूरे देश में जहां-जहां बीजेपी सरकारी एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है. वहां वहां विरोध करेंगे.

चरणदास महंत का बयान

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शासन की ओर से जो भी कष्ट मिल रहा है. उसे बड़े दिलेरी के साथ कवासी लखमा झेल रहे हैं. उनमें झेलने की ताकत है. जो वह सह रहे हैं वो सरकार की प्रताड़ना है. केंद्रीय और राज्य सरकार की प्रताड़ना को झेलने में कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं. चरणदास महंत ने कहा कि हमारे प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट और अन्य पदाधिकारी भी उनसे मिलने आए थे.

बैगा आदिवासी क्षेत्र में नलकूप खनन में धांधली का मामला सदन में उठा, भाजपा विधायक की मांग पर मंत्री ने दिया जांच का आश्वासन…

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आज प्रश्नकाल में बैगा आदिवासी क्षेत्र में नककूप खनन में धांधली का मामला उठा. विधायक भावना बोहरा ने मामले की मांग पर मंत्री केदार कश्यप ने जानकारी उपलब्ध कराने पर जांच कराने का आश्वासन दिया. 

पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने प्रश्नकाल में कहा कि आदिवासी बैगा क्षेत्र में पानी दिए जाने के लिए वह नलकूप खनन की जानकारी जो मांगी गई थी, वह बदली हुई है. जानकारी के मुताबिक, इसमें साल बदल दिया गया है? इस पर मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि जो प्रश्न अपने लगाया है, उसकी जानकारी दी गई है. नलकूप खनन या नल लगाए जाने का कोई कार्य नहीं किया गया है, और यही जानकारी दी गई है. इस पर सभापति ने कहा कि इसकी अवधि मंत्रालय से ही कम की गई है.

विधायक ने सवाल किया कि क्या कृषि के लिए बोरवेल खनन का कोई प्रावधान रखा है? इस पर मंत्री ने कहा कि पीएम जन मन योजना के तहत बहुत सारे कार्य होते हैं. हमारी कोशिश है कि पिछड़े वर्ग के लोगों को ज्यादा से ज्यादा योजना का लाभ दिया जाए कोई अलग से जानकारी हो तो बता दे हम जांच करवा लेंगे.

विधायक भावना बोहरा ने कहा कि 2019 का नलकूप खनन में 93 नलकूप खनन का कार्य होना था, जिसमें बहुत ज्यादा धांधली हुई है, अधिकारी और ठेकेदारों की मिली भगत थी, क्या इसकी जांच कराएंगे? इस पर मंत्री ने कहा कि जो भी जानकारी दी गई है, अलग से उपलब्ध करवा दें, दिखावा लेंगे. बैगा जनजाति के लोगों के लिए जाने सदैव बेहतर क्रियान्वयन करना है.

मंत्रिमंडल विस्तार के साथ निगम-मंडलों में नियुक्ति की चर्चाओं के बीच सीएम साय ने कही यह बात…

रायपुर- लंबे समय से मंत्रिमंडल विस्तार के साथ प्रदेश के निगम-मंडलों में नियुक्तियों को लेकर चर्चा के बीच मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि सब होगा, मंत्रिमंडल का भी विस्तार होगा, और निगम मंडल में भी नियुक्तियां जल्द होंगी. 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दो दिन के दिल्ली प्रवास के दौरान मीडिया से चर्चा में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर नगरीय निकाय के साथ पंचायत चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत से अवगत कराया. इस जीत को सुशासन, विकास और विश्वास की जीत बताया. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद से जो लड़ाई हमारे जवान लड़ रहे हैं, उसके बारे में चर्चा हुई.

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी चर्चा हुई. नगरी क्षेत्र के विकास के संबंध में बात हुई. छत्तीसगढ़ में 3 लाख करोड़ के निवेश पर चर्चा हुई. प्रदेश के हर क्षेत्र में थर्मल, हाइडल, कोल्ड स्टोरेज में ऊर्जा का प्रोडक्शन पर भी चर्चा हुई.

कांग्रेस का जो हश्र होना था हो गया

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट का दौरा और कांग्रेस पार्टी की बैठक पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी मुलाकात (सचिन पायलट से) हुई. एक ही प्लेन पर आए हैं. लेकिन बैठक उनका मामला है. लेकिन जो हाल होना था, कांग्रेस पार्टी का वह हो चुका है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से प्रसिद्ध कथावाचक देवी चित्रलेखा की सौजन्य भेंट

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में सुविख्यात कथावाचक देवी चित्रलेखा ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें शॉल एवं श्रीफल भेंटकर आत्मीय सम्मान प्रदान किया।

प्रेरक कथाओं और भक्ति प्रवचनों के लिए विख्यात देवी चित्रलेखा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में हो रहे विकास कार्यों की सराहना की और जनकल्याण के लिए अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने देवी चित्रलेखा के आध्यात्मिक एवं सामाजिक योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके विचार और प्रवचन समाज को जागरूक करने के साथ नैतिक मूल्यों को भी सशक्त करते हैं। उन्होंने देवी चित्रलेखा जी की भूमिका को समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाली बताते हुए कहा कि उनके प्रयास जनमानस के लिए प्रेरणादायी हैं। इस अवसर पर दोनों के बीच आध्यात्मिक चेतना के प्रसार, सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा और समाज में समरसता को प्रोत्साहित करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा हुई।

IPS रजनेश सिंह SSP के पद पर पदोन्नत, छत्तीसगढ़ सरकार ने जारी किया आदेश

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के तेजतर्रार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी रजनेश सिंह को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के पद पर पदोन्नत कर दिया है. उनकी यह पदोन्नति 01 जनवरी 2025 से प्रभावी मानी जाएगी. यह आदेश गृह (पुलिस) विभाग के सचिव हिम शिखर गुप्ता ने आज जारी किया.

गृह (पुलिस) विभाग ने हाल ही में 13 वर्षों की सेवा पूरी करने वाले आठ आईपीएस अधिकारियों को पदोन्नति प्रदान की थी. हालांकि, तकनीकी त्रुटियों के कारण इस सूची में 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी रजनेश सिंह का नाम शामिल नहीं हो पाया था. छत्तीसगढ़ शासन ने इस त्रुटि को संज्ञान में लेते हुए 18 मार्च 2025 को संशोधित आदेश जारी कर रजनेश सिंह को चयन श्रेणी वेतनमान (लेवल-13) में पदोन्नति प्रदान की है. उनके वेतनमान को Rs 1,23,100 – Rs 2,15,900 के स्तर पर स्वीकृत किया गया है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को रंगपंचमी की दी शुभकामनाएं

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को रंग, उमंग और आनंद के पर्व रंगपंचमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रंगपंचमी प्रेम, सौहार्द और एकता का प्रतीक है। होली के पांच दिन बाद मनाया जाने वाला यह उत्सव रंगों की खूबसूरती और उल्लास का संदेश देता है। इस दिन लोग रंग, गुलाल और अबीर से एक-दूसरे को सराबोर कर खुशियों और मेल-मिलाप का पर्व मनाते हैं।

उन्होंने कहा कि रंगपंचमी हमें जीवन में रंगों के महत्व को समझने और सकारात्मकता को अपनाने की सीख देती है। यह पर्व हमें प्रेरित करता है कि हम अपने जीवन में ही नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन में भी खुशियों के रंग भरने का प्रयास करें।

मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से इस पर्व को आपसी प्रेम, सौहार्द और उल्लास के साथ मनाने की अपील की और कामना की कि यह पर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा, खुशहाली और उत्साह लेकर आए।

वित्त मंत्री ओ पी चौधरी के विभागों के लिए 12 हजार 389 करोड़ 29 लाख रूपए से अधिक अनुदान मांगे पारित

रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वित्त, आवास एवं पर्यावरण एवं योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 12 हजार 389 करोड़ 29 लाख रूपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित की गई। इसमें वित्त विभाग से संबंधित व्यय के लिए 11 हजार 109 करोड़ 43 लाख 25 हजार रूपए, आवास एवं पर्यावरण से संबंधित व्यय के लिए 1 हजार 208 करोड़ 36 लाख 72 हजार रूपए, योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी विभाग से संबंधित व्यय के लिए 71 करोड़ 49 लाख 60 हजार रूपए की अनुदान मांगे पारित की गई।

वित्त विभाग

वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी वित्त विभाग के अनुदान मांगों की चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि वित्त विभाग के इस बजट में मुख्य रूप से शासकीय सेवकों को पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्ति हितलाभों, जैसे- पेंशन, परिवार पेंशन, पेंशन कम्यूटेशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, एनपीएस में नियोक्ता अंशदान आदि मदों का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि नवंबर 2004 से अप्रैल 2022 के मध्य नियुक्त शासकीय सेवकों के लिए एनपीएस-ओपीएस चयन करने विकल्प दिया गया था। नियोक्ता अंशदान के लिये बजट में प्रावधान किया गया है।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि 1 अप्रैल, 2022 से पुरानी पेंशन योजना की बहाली के फलस्वरूप भविष्य के पेंशन दायित्वों के बढ़ते वित्तीय भार को ध्यान में रखते हुए इसके प्रबंधन के लिये 456 करोड़ का प्रावधान पेंशन निधि में निवेश के लिये रखा गया है। इसके लिये हम पेंशन निधि अधिनियम भी बनाने जा रहे हैं, जिससे इस प्रक्रिया को स्थायी स्वरूप दिया जा सकेगा। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा। यह हमारी सरकार के दूरगामी सोच एवं कुशल वित्तीय प्रबंधन का ही एक प्रमुख भाग है।

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा भविष्य में बाजार ऋणों की देयताओं को ध्यान में रखते हुए संचित शोधन निधि का गठन किया गया है, जिसमें गत वर्ष के अवशेष ऋणों के 0.5 प्रतिशत प्रति वर्ष निवेश किया जाता है। साथ ही निधि में कुल अवशेष ऋणों का 5 प्रतिशत तक निवेश होना चाहिए। वर्तमान में इस निधि में कुल अवशेष ऋणों का 7.3 प्रतिशत से अधिक है। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में है। उन्होंने कहा कि हमने राज्य सरकार की गारंटी पर लिये जाने वाले ऋणों की अदेयता की स्थिति में उनका भुगतान सुनिश्चित करने हेतु गारंटी मोचन निधि में अब तक 500 करोड़ निवेशित किये हैं तथा इस बजट में भी 500 करोड़ का प्रावधान किया है। संचित शोधन निधि के साथ गारंटी मोचन निधि में बड़ी राशि निवेशित करने वाला छत्तीसगढ़ देश के कुछ चुनिंदा राज्यों में से एक है।

वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ राज्य को विकासशील से विकसित राज्य बनाने की दिशा में कार्यरत है। हमने इस बजट में एक नया फंड छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड बनाया है। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का प्रथम राज्य होगा। निश्चित रूप से यह हमारे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन की पहल में सहयोगी होगा।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि राज्य में हितग्राहियों को सुचारू रूप से लाभ पहुंचाने हेतु डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर सेल का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल के द्वारा सीएसएस की विमुक्त की गई राशि की निगरानी एवं जमीनी स्तर तक के उपयोगीकरण का पर्यवेक्षण किया जाता है। एसएनएस-स्पर्श के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश के शीर्ष 03 राज्यों में शमिल है। निर्धारित लक्ष्य को समय पर प्राप्त करने पर राज्य शासन को भारत सरकार से इस वर्ष 500 करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है। राज्य के आय-व्यय का रियल टाईम पर्यवेक्षण एवं डेटा विश्लेषण किया जा सकेगा, जिससे वित्तीय प्रबंधन और बेहतर हो सकेगा।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि हमने अपने बजट में प्रत्येक क्षेत्र के विकास के लिये आवश्यक प्रावधान रखने का प्रयास किया है। किसी भी कार्य को करने के लिये हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिये, हमारे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन की सरकार में हो रहे रिफॉर्म इस सकारात्मकता के द्योतक हैं।

आवास एवं पर्यावरण विभाग

वित्त मंत्री ओ पी चौधरी अपने विभाग आवास एवं पर्यावरण विभाग के अनुदान मांग के चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि नवा रायपुर अटल नगर को आधारभूत सुविधाओं का विस्तार एवं देश और दुनिया में पहचान स्थापित करना वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है। नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र में पेयजल की निर्वाध आपूर्ति, प्रदेश के कोने-कोने से शासकीय कार्य हेतु आने वाले लोगों के लिए परिवहन सुविधा, कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास जैसी जनसुविधा उपलब्ध कराने में हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की परिकल्पना थी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की याद में हमारी सरकार ने नवा रायपुर में ’’अटल स्मारक और संग्रहालय’’ निर्माण का निर्णय लिया है।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि नवा रायपुर में राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान जैसे IIM, Hidaytulla Law University, IIIT, IHM स्थापित है। विश्वस्तरीय आवासीय विद्यालय का निर्माण पूर्णता की ओर है। केन्द्रीय विद्यालय एवं अन्य अनेक निजी विद्यालय एवं विश्वविद्यालय नवा रायपुर क्षेत्र में संचालित है। हमारी सरकार ने युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी एवं उच्च्तर अध्ययन की सुविधा प्रदाय करने की योजना बनाई है। हमारी सरकार ने बजट में पुस्तकालय भवन निर्माण के लिए प्रावधान किया है। वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प के अंतर्गत नवा रायपुर में विकसित भारत आईकोनिक डेस्टिनेशन निर्माण की योजना है।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि नवा रायुपर अटल नगर में रोजगार, निवेश एवं बसाहट को प्रोत्साहित करने हेतु कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स में आईटी कंपनियों को प्लग एवं प्ले सुविधा के साथ फर्निशड बिल्ट-अप स्पेस के आबंटन हेतु नीति तैयार की गई। इस नीति अनुसार प्राधिकरण द्वारा 02 आई.टी. फर्मों को बिल्टअप स्पेस आबंटित किया गया है, इस आबंटन से नवा रायपुर में आई.टी. क्षेत्र में लगभग 2000 लोगों हेतु कुशल रोजगार सृजित होगा। नवा रायपुर अटल नगर में निवेश, रोजगार एवं बसाहट को प्रोत्साहन देने हेतु स्वास्थ्य प्रयोजन, सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग, शैक्षणिक प्रयोजन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स/इलेक्ट्रिकल उद्योग क्षेत्र में निश्चित भूखण्डों को रियायती दरों पर आबंटन किये का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि आवास एवं पर्यावरण मण्डल में चल रहे कार्यो की समीक्षा एवं पारदर्शिता हेतु डिजिटलाइजेशन अंतर्गत ऑनलाईन मॉनिटरिंग डेशबोर्ड विकसित किया गया, जिसमे मण्डल की परियोजनाओं, संपदा, न्यायालयीन प्रकरण एवं रखरखाव से संबंधित कार्यो की समीक्षा/जानकारी प्राप्त की जा सकेंगी। राज्य में कन्टीन्यूअस एम्बियंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन्स की स्थापना की गई है। इनसे 24ग7 मॉनिटरिंग डाटा उपलब्ध हो रहे हैं। केन्द्रीय पर्यावरण प्रयोगशाला जल, वायु, मिटटी एवं अन्य ऐसे परीक्षणों में सहायता करेगी, जिससे राज्य में मॉनिटरिंग व्यवस्था सुदृढ़ हो सकेगी एवं विश्वसनीय डाटा बैंक भी तैयार हो सकेगा। इसी दिशा में पर्यावरण मंडल में 90 पदों की भर्ती की कार्यवाही की जा रही है।

ऑन लाईन इमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम के लिये सेट्रल सर्वर के स्थापना

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि प्रदेश में स्थापित 17 प्रकार के प्रदूषणकारी उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों के सतत निगरानी हेतु कंटिन्यूअस एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम, कंटिन्यूअस एबिएन्ट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम, एवं कंटिन्यूअस इफल्यूएन्ट क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम से रियल टाईम डाटा हैण्डलिंग प्राप्त करने की व्यवस्था कराई गई है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों की राजधानियों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर प्रदेश में भी प्रदेश के मध्य क्षेत्रों को समाहित करते हुए ‘‘छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र’‘ का गठन किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र तथा संबंधित प्राधिकरण की स्थापना के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार की जा रही है।

योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग

योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित आधारभूत सांख्यिकी जिसमें सर्वेक्षण, विश्लेषण, मूल्यांकन संबंधी जानकारी का संकलन कर सविन्यास प्रकाशन का दायित्व निभा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने वर्ष 2047 तक प्रदेश को विकसित बनाने हेतु पथ प्रदर्शक दस्तावेज छत्तीसगढ़ बनाया हैं। यह विजन जनता की महत्वाकांक्षाओं, भावनाओं व आशाओं से प्रेरित हैं। इस मार्गदर्शी विजन में सामाजिक एवं आर्थिक विकास संबंधित अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक रणनीतियों और पहलों का समावेश किया गया हैं। वर्ष 2047 तक राज्य को विकसित राज्य की ओर ले जाने हेतु आर्थिक एवं सामाजिक विकास संबंधी कुल 13 थीम्स का की परिकल्पना विजन डाक्यूमेंट में किया गया है।

वाणिज्यिक कर (जी.एस.टी एवं पंजीयन) विभाग

वाणिज्यिक कर (जी.एस.टी एवं पंजीयन) मंत्री ओ पी चौधरी अपने विभाग के अनुदान मांग के चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत में आर्थिक सुधारों की दिशा में जीएसटी कर प्रणाली सर्वाधिक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व कदम है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता एवं कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है। जीएसटी प्रणाली एक राष्ट्र, एक कर एवं एक बाजार की संकल्पना को साकार रूप प्रदान करता है। जीएसटी प्रणाली में केन्द्र और राज्य के 17 प्रकार के विभिन्न अप्रत्यक्ष करों को समाहित किया गया है।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि हमारी सरकार सत्ता में आने के पश्चात कर प्रशासन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग किया है। करदाताओं को होने वाली असुविधाओं को दूर करने का सतत प्रयास किया जा रहा है। जीएसटी लागू होने से वस्तुओं की लागत में कर का भार कम हुआ है। वस्तुओं के मूल्यों में कमी आई है, इससे खपत को बढ़ावा मिला है और आर्थिक क्षेत्र को मजबूती मिली है तथा उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कर (जी.एस.टी) विभाग राज्य का मुख्य राजस्व संग्रहणकर्ता विभाग है। वित्तीय वर्ष 2024-2025 में अभी तक (माह फरवरी तक) जीएसटी से प्राप्त राजस्व 20,174 करोड़ है जो पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में राजस्व संग्रहण के दृष्टिकोण से तीसरे स्थान पर है।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि जीएसटी प्रणाली 01 जुलाई 2017 से लागू हुई है। इस समय राज्य में पंजीयत व्यवसाईयों की संख्या 1 लाख 28 हजार थी जो वर्तमान मे बढ़कर 1 लाख 87 हजार हो गई है। यह जीएसटी विभाग के जागरूगता अभियान और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस सेल (EODB सेल) के गठन से संभव हुआ है। करदाताओं को कर अनुपालन, पंजीयन अथवा ई-वे बिल जनरेशन में आने वाली समस्याओं के त्वरित और सटीक समाधान के लिए मुख्यालय स्तर पर कॉल सेंटर और हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है।

जीएसटी अधिनियम के पूर्व के अधिनियमों के अंतर्गत व्यवसाईयों के वर्षों पुराने राशि की वसूली के लिये पुरानी सरकार द्वारा वन टाईम सेटलमेण्ट स्कीम (ओटीएस) 2023 लागू की गई थी जिसे व्यापारियों की विशेष मांग पर 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दी गई है। जीएसटी विभाग द्वारा कर संग्रहण हेतु अधिकतम तकनीकी साधनों का उपयोग किया जा रहा है इसके लिए गतवर्ष फरवरी 2024 में बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना की गई है।

उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के राज्य का महत्वपूर्ण राजस्व अर्जक विभाग है। अभी राज्य के 40 रजिस्ट्री ऑफिस ऐसे हैं जिनके पास अपना खुद का भवन तक नहीं है, और ये तहसील दफ्तर के बहुत छोटे छोटे कमरे में चल रहे हैं। इस कमी को दूर करने के लिए राज्य के 25 रजिस्ट्री ऑफिस में नवीन भवन निर्माण के लिए इस बजट में प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य विभाजन के पश्चात रजिस्ट्री विभाग में कई सालों से सेटअप रिवीजन नहीं हुआ है। सेट-अप रिवीजन नही होने के कारण वर्तमान कार्यरत रजिस्ट्री ऑफिसों में काम का अत्यधिक दबाव है। लोगों को आसानी से अपॉइंटमेंट नहीं मिल पाते। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर जैसे जगहो में भारी भीड़ और अपॉइंटमेंट के लिए वेटिंग की समस्या आम है। इसको ध्यान में रखते हुए पंजीयन विभाग के सेटअप का रिवीजन किया गया है तथा नए 85 पदों सृजन किया गया है।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि नवीन उद्योगों को रियायत, ऑनलाईन पंजीयन प्रणाली पर विशेष फोकस करते हुए विभाग द्वारा पंजीयन प्रणाली में मोबाईल एप ‘सुगम’ लागू किया गया हैै। जिसमें पक्षकार द्वारा पंजीयन के लिए आवेदन प्रस्तुत करते समय संपत्ति की फोटो अपलोड करते ही उस स्थान के अक्षांस एवं देशांतर की जानकारी स्वतः कैप्चर हो जाती है। गूगल मैप के माध्यम से संपत्ति की सही स्थिति, निर्मित संरचना मुख्यमार्ग से दूरी का अनुमान होने से संपत्ति का उचित मूल्यांकन हो पा रहा है, जिसके कर अपवंचन की रोकथाम हो रही है। इसके साथ ही पैन आधार इंटीग्रेशन, सतर्कता प्रकोष्ठ का गठन भी किया गया है। उन्होंने कहा कि वास्तविक बाजार मूल्य एवं गाइडलाइन दरों की विसंगति दूर करने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 30 प्रतिशत की कमी को समाप्त कर 2019-20 की दरों को यथावत लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजीयन शुल्क में कमी/युक्तियुक्तकरण के तहत गाइडलाइन दर से ऊपर की रजिस्ट्री पर पंजीयन शुल्क से छूट एवं पारिवारिक व्यवस्थापन हेतु शुल्क की रियायत का प्रावधान किया गया है।

वित्त, आवास एवं पर्यावरण, योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी, वाणिज्यिक कर (जीएसटी एवं पंजीयन) विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में विधायकगण राघवेन्द्र सिंह, अमर अग्रवाल, धर्मजीत सिंह, सुनील सोनी, शेषराज हरवंश, हर्षिता बघेल ने भाग लिया।