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बिहार बजट सत्र : राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर सीएम नीतीश ने विधान मंडल के दोनो सदनों ने दिया जवाब, जानिए क्या कहा


डेस्क : बिहार बजट के सत्र के आज तीसरे दिने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सरकार ने विधान मंडल के दोनो सदनो में वाब दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधान परिषद में कहा कि एनडीए ने साथ मिलकर बिहार के लिए खूब काम किया जो आज दिख भी रहा है। हमलोगों ने काम किया था बीच में दू बार इधर-उधर हो गया था..अब तो कभी नहीं इधर-उधर करेंगे। बिहार के विकास के लिए हमलोग काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार का भी इसमें मदद मिल रहा है। विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग बिहार के लिए काम ही नहीं किये वो लोग सदन छोड़कर भाग गये। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब से हमलोगों को मौका मिला है काम कर रहे है। आजकल लोग तो इधर उधर बोलते हैं इसका कोई मतलब है। पहले कही कुछ नहीं था। महिलाओं के लिए भी कुछ नहीं किया गया था। हमलोगों ने मिलकर काम किया जो आज दिखता है। हमलोगों ने काम किया था बीच में दू बार इधर उधर हो गया था अब तो कभी नहीं हमलोग इधर उधर करेंगे। हमलोग बिहार का विकास कर रहे हैं केंद्र का भी मदद मिल रहा है। जो लोग काम ही नहीं किये वो सदन छोड़कर भाग गये। 

नीतीश कुमार ने कहा कि 12 लाख नौकरी और 38 लाख रोजगार हमने दिया। हमने सभी तबकों का विकास किया है। सभी के लिए काम किया। मदरसों की सरकारी मान्यता दी वहां के शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के अनुसार वेतन दिया जा रहा है। 2023 में जातीय आधारित गणना कराये इसमें हमने देखा कि 94 लाख गरीब परिवार पाए गये। गरीबी दूर करने लिए हम लोग काम कर रहे है। प्रगति यात्रा के दौरान कई विकास योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। वही 28 जिलों में किए गये घोषणाओं से संबंधित कुल 430 योजनाओं की स्वीकृति दी गयी। 

सीएम नीतीश ने कहा कि पहले लोग महिलाओं को सुविधा देते थे जी? सब तो हमही लोगों ने महिलाओं के लिए किया है ना जी। अब इतनी संख्या में महिलाएं नौकरी कर रही है। देश में सबसे ज्यादा महिला पुलिस बिहार में है। नौकरियों में महिलाओं की संख्या बढ़ गयी है। स्वयं सहायता समूह में पहले बहुत कम महिलाएं दिखती थी हमलोगों ने इनके लिए काम किया और 2006 में इनका नाम जीविका दीदी दिया। स्वयं सहायता समूहों की संख्या 10 लाख 63 हजार हो गयी और जिविका दीदियों की संख्या एक करोड़ 31 लाख हो गयी। शहरी क्षेत्र में भी 3 लाख 60 हजार जीविका दीदियां है। 

सीएम नीतीश ने कहा कि प्रगति यात्रा में स्वीकृत योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। राज्य सरकार बिहार के विकास के लिए निरंतर काम कर रही है इसमें केंद्र की भी मदद मिल रही है। केंद्र सरकार के द्वारा प्रस्तुत बजट में बिहार के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना, नई हवाई अड्डे का विकास, पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के लिए वित्तिय सहायता, पटना आईआईटी के विस्तार की घोषणा की गयी है इसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं। 

वहीं राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सरकार ने विधानसभा में भी जवाब दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले कहा कि जब हम आए थे उस समय की स्थिति क्या थी? विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि शाम में कोई घर से बाहर नही निकलता था। कुछ पता है यदि नहीं मालूम है तो जरा प्रेस वाले से पूछ लें। पहले क्या स्थिति ऐसी थी कि कही आने जाने का रास्ता तक नहीं था। हमें पहले कही जाने में भारी समस्या होती थी। समाज में कितना विवाद उस समय होता था। हिन्दू मुस्लिम का झगड़ा कितना होता था। पढ़ाई का क्या हाल था? इलाज का पूरा इंतजाम नहीं था। सड़कें भी बहुत कम थी। उस समय बिजली की स्थिति भी बहुत खराब थी। जब हमलोग आए तो हमलोगों ने मिलकर काम किया। 

नीतीश ने कहा कि आज राज्य में प्रेम भाईचारा और शांति का माहौल है। हर क्षेत्र में हमने विकास किया। हम लोग आए तो कब्रिस्तानों की घेराबंदी की। आपके सबसे बड़े नेता थे उनका हमसे क्या रिश्ता था इन लोगों के साथ हो गये हों बेकार का काम छोड़ दो। हमलोगों ने 2006 में बात कर कब्रिस्तान की घेराबंदी कराया उसी समय से हिन्दू मुस्लिम का झगड़ा बंद हो गया। भागलपुर के मुसलमानों की बातें सुनी और जो गड़बड़ किया था उस पर कार्रवाई की। हमने 8000 से ज्यादा कब्रिस्तान की घेराबंदी दी। अब कोई झगड़ा झंझट नहीं होता है। 60 साल से पुराने हिन्दूओं के मंदिर की भी घेराबंदी की। 

पुलिस बल की संख्या लगातार बढ़ाई गयी। पहले पुलिस बल की संख्या बहुत कम थी. पहले 42851 पुलिस कर्मी थे हमने 1 लाख 10 हजार कर दिया। पटना में शाम के बाद कोई घर से बाहर नहीं निकलता था। अब रात में लड़का लड़की महिला पुरुष सब 11 बजे रात में घर से बाहर घूमते हैं। हमलोगों ने छात्र-छात्राओं के लिए पौशाक योजना शुरू किया। फिर साइकिल योजना चलाई। साइकिल चलाकर अब वो स्कूल जाती है। पहले सरकारी स्कूलों में शिक्षकों कीी संख्या कम थी हमने शिक्षकों की संख्या बढ़ाई। इतनी भारी संख्या में हमने शिक्षकों की बहाली की। हमारे आने के बाद बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था भी सुधरी है। हमलोगों ने स्वास्थ्य में सुधार के लिए बहुत किया है। तुम्हारे पिता को हमहीं बनाये थे वो जब आते थे उस समय नही था इस सब फालतू छोडो तुम्हारे जात वाला भी हमसे कहते थे काहे के लिए कर रहे है। 

ये सब कुछ नहीं जानते है। जो गड़बड़ कर रहे थे जो पिछड़ा और अतिपिछड़ा बंद करके सिर्फ पिछड़ा करेंगे हमने उसी समय इसका विरोध किया कहा कि यह सब फालतू बात है। पहले बिजली, पानी की पानी, शौचालय की व्यवस्था नहीं थी। सात निश्चय के तहत हमने इस पर काम किया। 2020 में यह काम पूरा हो गया। हर घर बिजली, हर घर शौचालय, हर घर नल का जल मुहैया कराया। 2020 में सात निश्चत 2 में भी अनेक काम हो रहे हैं। इंटर पास छात्राओं को 25 हजार और बीए पास छात्राओं को 50 हजार देते हैं। सीएम के जवाब के दौरान विपक्ष के लोग सदन से बाहर निकलने लगे इन्हें देखकर सीएम ने कहा कि अभी भागिये रहे हैं अगला चुनाव होगा तो इन लोगों को कुछों नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि एनडीए साथ है एक ही साथ रहेंगे।

जामताड़ा में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, 36 हजार लाभुकों की हो रही छंटनी…

झारखंड : जामताड़ा जिले में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। सत्यापन के दौरान पाया गया कि कई पारा शिक्षक, होमगार्ड, मानदेय कर्मी, ठेका और आउटसोर्सिंग कंपनियों के कर्मचारी फर्जी तरीके से योजना का लाभ उठा रहे थे। 

सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता देना था, लेकिन जामताड़ा में जांच के बाद पता चला कि बड़ी संख्या में अपात्र लोगों ने गलत दस्तावेजों के आधार पर इसका लाभ लिया है।

36 हजार लाभुकों के आवेदन में मिली गड़बड़ी, जारी है छंटनी

जिले में इस योजना के तहत कुल 61 हजार लाभुक पंजीकृत हैं। जांच के दौरान 36 हजार लाभुकों के आवेदन में अनियमितता पाई गई, जिसके बाद उनकी छंटनी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 

प्रशासन द्वारा अब तक सात प्रखंडों में जांच पूरी कर ली गई है, जिसमें 482 लाभुक फर्जी पाए गए हैं। इन लाभुकों को योजना से बाहर करने के साथ-साथ उनसे 36.15 लाख रुपये की वसूली के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

राशन कार्ड और आधार में नाम अलग-अलग, फर्जी लाभुकों की बढ़ी संख्या

जांच में यह भी सामने आया कि कई लाभुकों के राशन कार्ड और आधार कार्ड में अलग-अलग नाम दर्ज थे। कुछ मामलों में महिलाओं के मायके के राशन कार्ड में पिता का नाम और ससुराल के आधार कार्ड में पति का नाम दर्ज था, जिससे उन्हें अपात्र मानते हुए योजना से बाहर कर दिया गया। सत्यापन के बाद ऐसे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि योजना का लाभ लेने के लिए बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई थी।

बैंकों को वसूली के लिए भेजा गया पत्र

सरकार ने फर्जी लाभुकों से वसूली सुनिश्चित करने के लिए बैंकों को पत्र भेजकर उनके खाते से राशि की कटौती करने का निर्देश दिया है। अगस्त से नवंबर तक इन लाभुकों को 1000 रुपये प्रतिमाह दिए गए थे, जबकि दिसंबर में यह राशि बढ़ाकर 2500 रुपये कर दी गई थी। इस तरह, पांच महीनों में 482 फर्जी लाभुकों को कुल 36 लाख रुपये का गलत भुगतान हुआ।

अभी जारी है सत्यापन, बढ़ सकती है अपात्र लाभुकों की संख्या

जिले में अभी भी सत्यापन कार्य चल रहा है और अधिकारियों का मानना है कि अपात्र लाभुकों की संख्या और भी बढ़ सकती है। जामताड़ा के अंचल अधिकारी अविश्वर सोरेन के अनुसार, अब तक 500 से अधिक लाभुकों की छंटनी की जा चुकी है और अन्य अपात्र लाभुकों की सूची तैयार की जा रही है। विभागीय आदेश के अनुसार, फर्जीवाड़ा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जितनी भी गलत तरीके से राशि ली गई है, उसकी पूरी वसूली की जाएगी।

प्रशासन ने साफ कर दिया है कि योजना का लाभ केवल उन्हीं को मिलेगा जो इसके पात्र हैं। फर्जी लाभुकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है।

झारखंड के बकाया राशि मुद्दे पर सरयू राय का सवाल, सरकार ने बनायी कमेटी


 झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन सोमवार को विधायक सरयू राय ने राज्य के 01 लाख 36 हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि का मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल किया कि जब यह मामला हाईकोर्ट और केन्द्रीय ट्रिब्यूनल में है, तो राज्य सरकार इसे निपटाने के लिए ठोस प्रयास क्यों नहीं कर रही है।

इस पर प्रभारी मंत्री योगेन्द्र प्रताप ने कहा कि इसके लिए 01 मार्च 2025 को कमेटी बनायी गयी है। यह कमेटी शपथ पत्र दायर करेगी। इस मामले में मुख्यमंत्री ने 24 जून को 2020, दो मार्च 2022 और 11 अप्रैल 2022 को केन्द्र को पत्र भी लिखा है।

वहीं, तत्कालीन मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने भी 04 दिसम्बर 2022 को 01 लाख 36 हजार करोड़ बकाये का जिक्र करते हुए केन्द्र को पत्र लिखा था। सूद की स्थिति का आकलन भी किया जा रहा है। इस पर सरयू राय ने कहा कि कमेटी बनाना राजनीतिक निर्णय है, वैधानिक नहीं।

सरयू राय के सवाल पर भाजपा विधायक सीपी सिंह भी उनके समर्थन में खड़े हो गये। उन्होंने कहा कि जब सरयू राय ने सवाल किया, तो दो दिन पहले कमेटी बनायी। तब से राजनीति ही खेल रहे हैं। इस पर प्रदीप यादव ने कहा कि सीपी सिंह ने जीवन में पहली बार अच्छी सलाह दी है।

मंत्री योगेन्द्र प्रताप ने कहा कि इस सभी कानूनी विकल्पों पर सरकार काम करेगी। सरयू राय ने कहा कि 2009 तक 41 हजार 142 करोड़ रुपये मूलधन था और सूद 60 हजार करोड़ रुपये था।

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि 10-15 दिन पहले कोयला मंत्री किशन रेड्डी से बकाये को लेकर मुलाकात की थी। उन्होंने भी कहा कि झारखंड को राशि देनी है, यह राज्य का आधिकार बनता है। ऐसे बकाया का कोई राजनीतिक आधार नहीं होता। सूद की राशि के साथ डंके की चोट पर बकाया राशि लेंगे।

पश्चिमी सिंहभूम जिले के पुलिस को मिली बड़ी सफलता,हुसिपी के आस-पास जंगल में बिछाये गए विस्फोटक को सुरक्षा बलों ने किया नष्ट


झा. डेस्क 

पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोन्टो के हुसिपी के आस-पास जंगल पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा बलों को लक्षित करने के उद्देश्य से नक्सलियों द्वारा पूर्व में लगाये गये, विस्फोटक, हथियार, कारतूस एवं अन्य सामग्री एक पुराने नक्सल डम्प से बरामद किया गया.

 इस दौरान बरामद विस्फोटक को सुरक्षा के दृष्टिकोण से यथा स्थान बम निरोधक दस्ता के मदद से विनिष्ट किया गया है. 

उपरोक्त थानान्तर्गत जंगल पहाड़ी क्षेत्र में हथियार गोला-बारूद छुपाकर रखने की पुलिस को सूचना प्राप्त हुई थी , जिसके बाद पुलिस ने टोन्टो थानान्तर्गत वनग्राम हुसिपी के आस-पास जंगली पहाड़ी क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया.

जिसके बाद पुलिस ने सर्च अभियान शुरू किया, विदित हो कि प्रतिबंधित भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन अपने दस्ता सदस्यों के साथ सारंडा कोल्हान क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधि के लिए सक्रिय है, जिसके आलोक में संयुक्त अभियान दल गठित कर लगातार अभियान संचालित किया जा रहा है.

मईया योजना के साथ साथ सरकार भईया योजना में सम्मानजनक राशि दे सरकार - जयराम महतो

झारखंड के बजट को संतोषजनक बताया टाइगर ने, लेकिन कहा इस वर्ष नियुक्तियों का वर्ष नहीं होगा

रिपोर्टर जयंत कुमार

झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई जनकल्याण मईया योजना की संचालित की थी। लेकिन पिछले तीन महीने से महिलाओं को ₹2500 की राशि नहीं मिल पाई है। हालांकि वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा था कि इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है। मंईयां सम्मान योजना की राशि के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा था कि कुछ तकनीकी कारणों से ऐसा हो रहा है। लेकिन राशि जल्द ही दी जाएगी। 

अब JLKM प्रमुख जयराम महतो ने कहा कि सरकार को मईया सम्मान के साथ भइया योजना देने की मांग की। भईया लोग भी घर चलाते है, मानसिक यातनाओं को झेलते है। 

वही उन्होंने बजट को संतोषजनक बताया लेकिन बजट को लेकर यह भी कहा कि इस वर्ष नियुक्तियों का वर्ष नहीं होने वाला है। क्योंकि की बजट में स्थापना मत में बढ़ोतरी नहीं की गई है। इससे स्पष्ट है कि सरकार युवाओं के प्रति गंभीर नहीं है।

इस वर्ष क़ी बजट में झारखंड को सात नए मेडिकल कॉलेज की मिलेगी सौगात, हेमंत सोरेन सरकार का बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का वादा


झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सोमवार को सदन में एक लाख 45 हजार 400 करोड़ का बजट पेश किया. इसमें राजधानी रांची समेत सात जिलों में नए मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव है. गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं देने का वादा किया गया है.

इस बजट के अनुसार नयी योजनाओं की घोषणा की गयी है. इसमें रांची के अलावा पीपीई मोड पर खूंटी, गिरिडीह, जमशेदपुर, धनबाद, देवघर और जामताड़ा में मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव है. इन सात जिलों में नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे. हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य को मेडिकल कॉलेज की सौगात दी है, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सके.

अभी 630 सीटों के साथ छह सरकारी मेडिकल कॉलेज

रांची जिले में नये मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के निर्माण पर प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है. इसका मकसद प्राथमिक, माध्यमिक एवं तृतीयक स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है. झारखंड में 630 सीटों के साथ छह सरकारी मेडिकल कॉलेज और 100 सीटों के साथ एक निजी मेडिकल कॉलेज और 150 सीटों के साथ एक डीम्ड यूनिवर्सिटी पहले से मौजूद है.

झारखंड में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर बढ़ेंगी सुविधाएं

झारखंड में मेडिकल की पढ़ाई के प्रति राज्य के स्टूडेंट्स की रुचि और सीटों की संख्या में इजाफा हुआ है. बीते कुछ सालों में यहां मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ी है. पहले एमबीबीएस कॉलेजों की संख्या महज तीन थी. अब इनकी संख्या आठ हो गयी है. सीटें बढ़कर 1058 हो गयी हैं.

सरकारी मेडिकल कॉलेज में कहां-कितनी सीटें

राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान, रिम्स : 172

एमजीएम, जमशेदपुर : 100

शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज, धनबाद : 50

नीलांबर पीतांबर मेडिकल कॉलेज, पलामू : 100

फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज, दुमका : 100

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज : 100

झारखंड सरकार 2025-26 के बजट में शिक्षा के क्षेत्र में अमूल चूल सुधार के लिए क़ी है व्यवस्था,

जॉब ओरिइंटेड संस्थान और तकनीकी शिक्षा के लिए खुलेंगे राज्य में कई संस्थान

झारखंड सरकार जमशेदपुर, गुमला और साहिबगंज में राजकीय विश्वविद्यालय और जमशेदपुर, धनबाद एवं दुमका में तकनीकी विश्वविद्यालय खोलेगी. इसकी घोषणा वर्ष 2025-26 के बजट में की गयी है. सरकार रांची, हजारीबाग धनबाद, दुमका एवं पलामू में कुल पांच नये विधि महाविद्यालय की स्थापना करेगी. सरकार रांची/खूंटी, जमशेदपुर, गुमला, साहिबगंज और गिरिडीह में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलेगी. सरकार ने राज्य में व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नयी स्किल यूनिवर्सिटी और फिन टेक यूनवर्सिटी खोलने की घोषणा की है.

स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मास कम्यूनिकेशन की होगी स्थापना

जमशेदपुर, पलामू, रांची, धनबाद, हजारीबाग और देवघर में स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मास कम्यूनिकेशन की स्थापना की जायेगी. सरकार ने झारखंड स्टूडेंट रिसर्च एंड इनोवेशन पॉलिसी 2025 तैयार करने की घोषणा की है. सरकार ने वाल्मिकी छात्रवृत्ति योजना लागू करने की घोषणा की है. राज्य में 10वीं और 12वीं पास अनाथ एवं दिव्यांग विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की ट्यूशन फी के लिए 10 लाख रुपये और प्रति माह चार हजार की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी.

तीन जिलों में खुलेंगे राजकीय विश्वविद्यालय

जमशेदपुर, गुमला और साहिबगंज में राजकीय विश्वविद्यालय खोला जायेगा.

अल्पसंख्यकों की शिक्षा को लेकर नयी योजना शुरू होगी.

1050 स्कूलों में समेकित गणित एवं विज्ञान लैब स्थापित होगा.

153 मध्य विद्यालय को हाईस्कूल और 292 हाईस्कूल को प्लस टू स्कूल में अपग्रेड किया जाएगा.

उच्च एवं तकनीकी शिक्षा और स्कूली शिक्षा विभाग की बजट राशि

उच्च एवं तकनीकी शिक्षा

वर्ष 1101 करोड़

वर्ष करोड़

वर्ष करोड़

90 करोड़ रुपये बजट घटा

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग*

वर्ष 6277 करोड़

वर्ष करोड़

वर्ष करोड़ रुपये बजट घटा

हत्या के मामले में सजा काट रहे कैदी ने पलामू के केंद्रीय कारा मेदिनीनगर में जेल में किया आत्महत्या


पलामू के केंद्रीय कारा मेदिनीनगर में हत्या के मामले में बंद 34 वर्षीय शब्बीर अंसारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह सात बजे केंद्रीय कारा के अंदर स्थित बाथरूम में वह शौच करने के लिए गया था. उसी वक्त बाथरूम के अंदर फांसी लगा ली. शौचालय के अंदर लोहे का बीम लगा हुआ है, जिससे उन्होंने घटना को अंजाम दिया. जिससे उसकी मौत हो गयी.

मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में कैदी का कराया जाएगा पोस्टमार्टम

जानकारी के अनुसार इस बात की जानकारी जब जेल के अंदर में कार्यरत गार्ड को हुई. तब वे बाथरूम का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे और कैदी को फांसी के फंदे से उतारकर एमएमसीएच भेजवाया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जेल प्रंबधन ने उसके परिवार को इसकी सूचना दे दी है. मृत कैदी के पोस्टमार्टम के लिए मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में डॉक्टरों की टीम गठित कर पोस्टमार्टम कराया जायेगा.

क्या कहते हैं जेल अधीक्षक

इस संबंध में जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में बंद कैदी शब्बीर अंसारी ने मंगलवार सुबह फांसी लगाने का प्रयास किया. फांसी के फंदे से उतारकर उसे अस्पताल भेजा गया. जहां उसने दम तोड़ दिया.

धनबाद से दिल्ली जाने वालों को एक और ट्रेन की सौगात, स्पेशल ट्रेन के लिए भेजा जाएगा प्रस्ताव


धनबाद: धनबाद से सीआईसी सेक्शन के रास्ते दिल्ली की नई स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। धनबाद रेल मंडल ने पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय के माध्यम से यह प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा है। सोमवार या मंगलवार को धनबाद डिविजन की इस मांग पर रेलवे बोर्ड की मुहर लगने की उम्मीद जताई जा रही है। यदि हरी झंडी मिलती है तो ट्रेन धनबाद से खुलकर बरकाकाना-चोपन-चुनार होते हुए धनबाद से दिल्ली जाएगी।

धनबाद से जम्मूतवी के बीच फिलहाल गरीब रथ की बोगियों से स्पेशल ट्रेन चल रही है। यह ट्रेन भी वाया दिल्ली जम्मूतवी जाती है। अब धनबाद से दिल्ली के लिए दूसरी स्पेशल ट्रेन मिलने की आस जगी है। दरअसल धनबाद से नासिक रोड के बीच चल रही स्पेशल ट्रेन को अपेक्षाकृत कम यात्री मिलने के कारण ट्रेन को अवधि विस्तार नहीं मिला। 

नासिक रोड की ट्रेन नहीं चलने से धनबाद डिवीजन के पास एक खाली रेक उपलब्ध है। इसी रेक से सीआईसी सेक्शन के स्टेशन होते हुए रेलवे दिल्ली की ट्रेन चलाने के प्रयास में है।

पलामू सांसद बीडी राम ने भी धनबाद डिविजन से सीआईसी के रास्ते दिल्ली की ट्रेन की मांग की थी। उनकी मांग को आधार बना कर रेलवे ने बोर्ड को ठोस प्रस्ताव भेजा है। ट्रेन के चलने से यात्रियों को काफी सहूलियत होगी। 

इस रास्ते से दिल्ली तक ट्रेन चलाने की तैयारी

 धनबाद डिविजन ने दिल्ली स्पेशल का जो रूट तैयार किया है, उसके अनुसार ट्रेन धनबाद से खुलकर बरकाकाना, पतरातू, खलारी, टोरी, लातेहार, डाल्टेनगंज, गढ़वा रोड, गढ़वा, नगर उंटारी, रेणुकूट, चोपन, सोभद्र, चुनार, प्रयागराज, कानपुर होते हुए आनंद विहार जाएगी।

धनबाद से नासिक रोड के बीच रेलवे दिसंबर महीने से स्पेशल ट्रेन चला रही थी। सप्ताह में दो दिन चलने वाली स्पेशल ट्रेन को अपेक्षित यात्री नहीं मिल रहे थे। लिहाजा ट्रेन को विस्तार नहीं मिला। धनबाद डिविजन पिछले कई दिनों से धनबाद-नासिक रोड को लोकमान्य तिलक टर्मिनल (मुंबई) तक चलाने की मांग कर रहा है। सफलता नहीं मिलने पर धनबाद मंडल ने नासिक रोड की जगह ट्रेन को पुणे तक चलाने का प्रस्ताव बोर्ड को भेजा है। बता दें कि पहले धनबाद से दीक्षाभूमि एक्सप्रेस पुणे जाती थी। अभी धनबाद से कोई भी ट्रेन पुणे नहीं जाती है। दीक्षाभूमि को दूसरे रास्ते से चलाया जा रहा है।

लातेहार जिले के पलामू बाघ अभयारण्य में एक हाथी का मिला शव,एक महीने में जंगली हाथी की मौत की यह है तीसरी घटना

झा.डेस्क

लातेहार: झारखंड के लातेहार जिले में पलामू बाघ अभयारण्य में एक हाथी का शव मिला है। एक वन अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। हाथी का शव शनिवार दोपहर रिजर्व के बेतला रेंज के अंतर्गत तेलही पहाड़ी में मिला। लातेहार जिले में एक महीने में जंगली हाथी की मौत की यह तीसरी घटना है और सभी मामलों में हाथियों के बीच संघर्ष होने का संदेह है।

पलामू टाइगर रिजर्व में हाथी की मौत

बेतला के रेंजर उमेश दुबे ने कहा, 'बृहस्पतिवार को रेंज में तीन खोरिया के पास एक अन्य हाथी के साथ संघर्ष के दौरान हाथी गंभीर रूप से घायल हो गया था। पशु चिकित्सक हाथी का इलाज कर रहे थे। लेकिन, वह उस जगह से चला गया जहां उसका इलाज किया जा रहा था और शनिवार को तलाश के दौरान तेलही पहाड़ी के पास उसका शव मिला।'

कैसे हुई हाथी की मौत?

उन्होंने कहा कि हाथी के शव को पोस्टमार्टम के बाद दफना दिया गया है। 16 फरवरी को पीटीआर के दक्षिण डिवीजन के गारू पश्चिमी रेंज में एक नर हाथी का शव मिला था। इससे पहले सात फरवरी को वन अधिकारियों को लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र के दुधमतिया जंगल में एक नर हाथी का खून से लथपथ शव मिला था। बताया गया कि दोनों हाथी अन्य हाथियों के साथ संघर्ष में मारे गए थे।

झारखंड में इस दूसरी घटना के बाद वन विभाग और सक्रिय हो गया है। खासतौर पर हाथियों की मूवमेंट पर कड़ी नजर रखी जा रही है। हालांकि इस मौत के पीछे भी हाथियों का आपसी संघर्ष ही बताया जा रहा है।