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आम के पेड़ों में पान की खेती!, कृषि नवाचार के लिए युवा कृषक अवनीश का दिल्ली में हुआ सम्मान…

गरियाबंद- आम के पेड़ों में पान की खेती यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन ऐसा ही कारनामा देवभोग के युवा किसान अवनीश पात्र ने किया है. इस नवाचार के लिए दिल्ली में आयोजित पूसा कृषि विज्ञान मेले में नवोन्मेषी कृषक सम्मान 2025 से सम्मानित अवनीश को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह से भरपूर सराहना मिली. 

देवभोग के गहनामुड़ा में स्थिति बंजर भूमि को 9 साल पहले संवार कर सब्जी बाड़ी व आम का बागान बनाने वाला अवनीश पात्र ने नवोन्मेषी कृषक सम्मान के लिए जनवरी माह में कृषि विज्ञान केंद्र गरियाबंद के मार्गदर्शन में आवेदन किया था. भौतिक परीक्षण व कई चरणों के सत्यापन रिपोर्ट के बाद अवनीश के कृषि नवाचार का चयन छत्तीसगढ़ से किया गया. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के महानिदेशक हिमांशु पाठक समेत संस्था के तमाम बड़े पदाधिकारियों के हाथों यह सम्मान दिया गया.

सालाना कमा रहे 5 से 7 लाख

22 से 24 फरवरी तक आयोजित कार्यक्रम में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवाचार करने वाले सभी किसानों से चर्चा की. अवनीश ने बताया कि 4 एकड़ के आम बगान में वे आम के पेड़ों में पान की खेती, पेड़ के छांव का इस्तेमाल हल्दी व अदरक की खेती कर रहे हैं. इंटर क्रॉप में नवाचार कर वे सालाना 5 से 7 लाख का आय अर्जित कर रहे हैं. अवनीश के इस नवाचार से प्रभावित केंद्रीय मंत्री ने जमकर सराहना करते हुए इस तकनीकी का इस्तेमाल अन्य कृषक भी करें, उसके लिए मातहतों को आवश्यक निर्देश भी दिए.

हर वर्ष होता है आयोजन

इनोवेटिव फार्मर सम्मान कृषि क्षेत्र में नवाचार करने वाले कृषकों के सम्मान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र प्रति वर्ष आयोजित करती है. कृषि कार्य करने वाले 25 से 30 राज्य में से प्रत्येक राज्य से 1 या 2 किसानों का चयन इस सम्मान के लिए किया जाता है.

आग की चपेट में आने से ननद और भाभी की हुई मौत, परिजन लेकर जा रहे थे मुक्तिधाम, फिर हुआ कुछ ऐसा की सीधे पहुंचे हॉस्पिटल

कोरबा-  गेवरा बस्ती में बीते दिनों सिगड़ी जलाने के दौरान ननद और भाभी बुरी तरह से झुलस गई। इसके बाद परिजनों ने तत्काल दोनों को इलाज के लिए रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। इलाज के दौरान जब स्थिति बिगड़ने लगी, तो परिजन उन्हें कोरबा वापस ला रहे थे, लेकिन रास्ते में ही दोनों ने दम तोड़ दिया। परिजन जब अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, तभी मुआवजे की जानकारी मिलने पर शवों को मुक्तिधाम से जिला अस्पताल लाया गया।

ऐसे हुआ हादसा

कोतवाली थाना क्षेत्र के सीतामणी स्थित गोकुलगंज में रहने वाली संतोषी यादव कुछ दिन पहले गेवरा बस्ती स्थित अपने मायके गई हुई थी। वहां वह अपनी भाभी गीता यादव के साथ खाना बना रही थी। सिगड़ी जलाने के लिए उन्होंने सैनेटाइजर का उपयोग किया, जिससे अचानक आग भड़क गई और दोनों उसकी चपेट में आ गईं। इस हादसे में गीता और संतोषी गंभीर रूप से झुलस गईं थीं।

मुआवजे की जानकारी मिलते ही अस्पताल लाए शव

मौत के बाद परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, लेकिन इसी दौरान किसी ने उन्हें बताया कि अप्राकृतिक मौत होने पर सरकारी मुआवजा मिल सकता है। यह सुनते ही परिजन शवों को मुक्तिधाम से जिला अस्पताल ले आए, जहां शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है।

बड़ी घटनाओं में शामिल रहे नक्सल दंपती ने किया आत्मसमर्पण, सिर पर था 20 लाख का ईनाम…

बीजापुर- छत्तीसगढ़ में चलाये जा रहे पुनर्वास व नक्सल उन्मूलन अभियान सफल साबित हो रहा है. 20 लाख के ईनामी नक्सली दंपती ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. 

मोस्टवांटेड नक्सली DVCM दिनेश मोडियम व सीएनएम अध्यक्ष पत्नी ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. दोनों कई बड़े घटनाओं में शामिल रहे है. दम्पति नक्सली संगठन के विचारों से हुआ मोहभंग और मिली निराशा एवं संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद के चलते आत्मसमर्पण किया.

ED दफ्तर में 7 पन्नों के जवाब के साथ पहुंचे मलकीत सिंह गैदू, 3 बिंदुओं पर हुई पूछताछ, कांग्रेस के प्रदर्शन में भी हुए शामिल

रायपुर-  छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू आज 7 पन्नों के जवाब के साथ ईडी दफ्तर पहुंचे. जहां ईडी ने कांग्रेस भवन निर्माण को लेकर मलकीत सिंह गैदू से तीन बिंदुओं पर पूछताछ की. वहीं कांग्रेस ने ईडी दफ्तर का घेराव किया.

पूछताछ को लेकर मलकीत सिंह गैदू ने बताया कि सात पन्नों के जवाब के साथ आज ED के समक्ष पेश हुआ. आज उन्होंने मुझसे कोई निजी सवाल नहीं पूछे. सभी सवालों का जवाब और बयान मैंने दर्ज कराया है. पूछताछ के लिए कोई नई तारीख नहीं दी गई है. 

ईडी दफ्तर में पेश होने के बाद मलकीत सिंह गैदू कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल हुए. इस दौरान प्रभारी महामंत्री मलकीत ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को ईडी की पूछताछ को लेकर जानकारी दी. 

बता दें कि कांग्रेस ने आज ईडी दफ्तर का घेराव किया. इस प्रदर्शन में कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ता जुटे. कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा राज्य में विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए ईडी का दुरुपयोग कर रही है. ईडी के अधिकारी भी अपने शासकीय कर्मचारी होने की मर्यादा को भूलकर भाजपा कार्यकर्ता की भांति काम कर रही है. ईडी के कार्यप्रणाली के विरोध में आज कांग्रेस ने सुभाष स्टेडियम स्थित ईडी दफ्तर का घेराव किया.

हर वर्ग को समृद्धि की ओर ले जाने वाला बजट: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर-  रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ बजट 2025-26 को प्रदेश के रजत जयंती वर्ष में ऐतिहासिक और सर्वांगीण विकास की दिशा में मील का पत्थर बताया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा प्रस्तुत स्वर्णिम बजट को उन्होंने विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने वाला बताया।

उन्होंने कहा कि,

-  नगरीय निकायों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 750 करोड़ रुपये– राजधानी सहित पूरे प्रदेश में शहरी विकास को गति मिलेगी।

- अमृत मिशन पेयजल योजना के लिए 744 करोड़ रुपये – स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

- आवास योजना के लिए 875 करोड़ रुपये:गरीब और जरूरतमंद परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम।

- 8 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य – स्वरोजगार और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।

- ऑर्गेनिक खेती और नैनो यूरिया को प्रोत्साहनकिसानों के हित में दूरगामी प्रभाव डालने वाली योजना।

उन्होंने कहा कि, इस बजट में युवा, किसान, महिलाएं, गरीब और हर वर्ग के हितों को प्राथमिकता दी गई है। विशेष रूप से रायपुर को कई महत्वपूर्ण सौगातें मिली हैं, जो राजधानी के विकास को नई गति देंगी।

- रायपुर-दुर्ग मेट्रो सर्वे – 5 करोड़ रुपये का प्रावधान, जिससे राजधानी क्षेत्र में आधुनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

- नया रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT)– 50 करोड़ रुपये का बजट, जिससे प्रदेश के युवाओं को फैशन डिजाइनिंग और टेक्नोलॉजी में विश्वस्तरीय शिक्षा मिलेगी।

- सरोना, रायपुर में 100 बिस्तरों का आधुनिक अस्पताल – राजधानीवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम।

- नवा रायपुर में ई-बस सेवा 10 करोड़ रुपये, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट 20 करोड़ रुपये, साइंस सिटी 37 करोड़ रुपये और पुस्तकालय 20 करोड़ रुपये के लिए बजटीय प्रावधान, जो शहर के समग्र विकास में सहायक होंगे।

- 100 एकड़ में एडुसिटी का विकास– यह प्रदेश में उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नए प्रतिमान स्थापित करेगा।

- 100 एकड़ में मेडिसिटी का निर्माण – यह परियोजना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करेगी, जिससे प्रदेशवासियों को उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।

- 156 करोड़ रुपये से Plug & Play Office Space – नवा रायपुर में स्टार्टअप्स और व्यापारिक संगठनों को अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने के लिए कमर्शियल ऑफिस कॉम्प्लेक्स का निर्माण होगा।

- 40 करोड़ रुपये से नवा रायपुर में ICCC अपग्रेडेशन – शहरों में यातायात, सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं को हाई-टेक समाधान मिलेगा।

- मेकाहारा में ART विभाग की स्थापन – गंभीर बीमारियों के उन्नत इलाज के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम।

- पत्रकार सम्मान राशि 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये – सरकार की पत्रकारों के प्रति संवेदनशीलता का परिचय।

इस ऐतिहासिक बजट की प्रशंसा करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा: "यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत' के संकल्प को साकार करने वाला है। रायपुर को मिली सौगातें शहर के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी। यह बजट प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेगा और हर वर्ग को समृद्धि की ओर ले जाएगा।"

उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और वित्त मंत्री ओपी चौधरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट छत्तीसगढ़ को प्रगति की नई दिशा में ले जाएगा और हर नागरिक के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक होगा।

CG बजट 2025: एजुकेशन के लिए वित्त मंत्री चौधरी ने खोला पिटारा, जानिए शिक्षा क्षेत्र में किये गए बड़े ऐलान

रायपुर- वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा में ₹1,65,100 करोड़ का बजट पेश किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12% अधिक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज की नींव होती है, इसी को ध्यान में रखते हुए बजट में कई महत्वपूर्ण शैक्षणिक प्रावधान किए गए हैं।

1 – छत्तीसगढ़ बजट 2025: शिक्षा क्षेत्र में बड़े ऐलान

  • पीएम स्कूल योजना के लिए ₹277 करोड़
  • राष्ट्रीय जंबूरी आयोजन के लिए ₹10 करोड़
  • नवीन लोक शिक्षण भवन के लिए ₹10 करोड़
  • रामकृष्ण मिशन आश्रम, अबूझमाड़ के लिए ₹10 करोड़
  • विभिन्न शालाओं के निर्माण के लिए ₹30 करोड़

2 – शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा

  • सरगुजा, बस्तर, बलरामपुर, रामगढ़, जशपुर में साइंस पार्क के लिए ₹7.5 करोड़
  • बस्तर और सरगुजा में मोबाइल साइंस लैब के लिए ₹1.5 करोड़
  • महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में शोध व नवाचार के लिए ₹3 करोड़
  • 25 महाविद्यालयों को आदर्श महाविद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए ₹75 करोड़
  • नवा रायपुर में नए महाविद्यालय के लिए ₹4.5 करोड़।

3 – महाविद्यालय और छात्रावास सुविधाएँ

  • 10 महाविद्यालयों में छात्रावास पुनर्निर्माण के लिए बजटीय प्रावधान
  • करडेगा (जशपुर) में नए महाविद्यालय के लिए तथा 21 शासकीय महाविद्यालयों में भवन निर्माण के लिए ₹47 करोड़ का प्रावधान रखा गया है


छत्तीसगढ़ का बजट : गांव-गांव तक पक्की सड़कें, मोबाइल टावर, शहरों में बढ़ेगी विकास की रफ्तार, एक क्लिक में जानिए बजट में आपके लिए क्या है खास…

रायपुर- छत्तीसगढ़ का बजट प्रदेश को डिजिटल, सुरक्षित और विकसित बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. बच्चों की पढ़ाई से लेकर गांवों के विकास, शहरों में नई सुविधाओं और सुरक्षा तक हर क्षेत्र में सरकार ने कुछ नया किया है. आने वाले सालों में छत्तीसगढ़ और आगे बढ़ेगा और देश के सबसे उन्नत राज्यों में शामिल होगा.

सरकारी कर्मचारियों के लिए पहली बार छत्तीसगढ़ सरकार ने नया “पेंशन फंड” बनाया है, ताकि सभी सरकारी कर्मचारियों की पेंशन सुरक्षित रहे. साथ ही देश में पहली बार “छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड” बनाया जा रहा है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.


अब हर गांव में मोबाइल टावर और पब्लिक बसें

गांवों में रहने वाले कई लोगों को फोन नेटवर्क नहीं मिलता. सरकार अब “मुख्यमंत्री मोबाइल टॉवर योजना” लेकर आई है, जिससे जंगलों और पहाड़ों में बसे गांवों में भी मोबाइल का नेटवर्क मिलेगा. इससे बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे और लोग अपने रिश्तेदारों से आसानी से बात कर सकेंगे. इसके अलावा कुछ गांवों में पब्लिक बसें नहीं चलतीं, क्योंकि वहां रहने वाले लोग कम होते हैं. अब सरकार “मुख्यमंत्री परिवहन योजना” के तहत ऐसी जगहों पर भी बसें चलाने जा रही है, ताकि गांव से ब्लॉक और जिला मुख्यालय तक लोग आसानी से आ-जा सकें.

शहरों का मेकओवरः नए अस्पताल, कॉलेज और मेट्रो

  • छत्तीसगढ़ के शहरों को और सुंदर और आधुनिक बनाने के लिए सरकार कई बड़े प्रोजेक्ट्स ला रही है.
  • नवा रायपुर में “मेडिसिटी” एक ऐसा शहर जहाँ सबसे अच्छे अस्पताल होंगे.
  • “एजुकेशन सिटी” यहाँ हर तरह की पढ़ाई के लिए बड़े कॉलेज और यूनिवर्सिटी बनाई जाएंगी.
  • राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान (NIFT) जो बच्चे फैशन डिजाइनिंग सीखना चाहते हैं, उनके लिए एक खास कॉलेज खुलेगा. रायपुर-दुर्ग मेट्रो- अब बड़े शहरों में मेट्रो ट्रेन का सर्वे किया जाएगा, ताकि भविष्य में मेट्रो सेवा शुरू हो सके.

सुरक्षा और पर्यटनः नई योजनाएं

  • NSG की तर्ज पर “स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप” (SOG), यह एक खास पुलिस टीम होगी, जो खतरनाक अपराधियों से निपटेगी.
  • अब राज्य में “राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल (SISF)” का गठन होगा, जो CISF की तर्ज पर काम करेगा. इससे राज्य में उद्योगों और महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा मजबूत होगी.
  • छत्तीसगढ़ का पहला “आइकॉनिक टूरिज्म डेस्टिनेशन” रही है, जहां जंगल, पानी और वाइल्डलाइफ का मजा मिलेगा. सरकार 200 करोड़ रुपये खर्च करके नया पर्यटन स्थल बनाने जा रही है.

पत्रकारों के लिए सरकार ने किया बड़ा फैसला

  • पत्रकारों की एक्सपोजर विजिट के लिए बजट.
  • पत्रकार संघ के दफ्तरों के नवीनीकरण के लिए पैसे.
  • पत्रकार सम्मान निधि दोगुनी कर दी गई है.

गांव-गांव तक बनेगी पक्की सड़कें

  • अब गांवों की सड़कें और मजबूत और बेहतर होंगी.
  • प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए ₹845 करोड़.
  • जनजातीय क्षेत्रों में सड़क के लिए ₹500 करोड़.
  • मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना – ₹119 करोड़.
  • मुख्यमंत्री रिंग रोड योजना शुरू की जाएगी, इसके लिए 100 करोड़ का प्रावधान.

नई सड़कों के निर्माण के लिए 2000 करोड़ का प्रावधान.शहर और गांव दोनों होंगे स्मार्ट

  • नगर पालिकाओं के विकास के लिए ₹750 करोड़ का प्रावधान. (हर शहर को और सुंदर बनाया जाएगा).
  • नगर निगमों में सुनियोजित विकास के लिए मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना शुरू की जाएगी, इसके लिए 500 करोड़ का प्रावधान.
  • नई फायर स्टेशन्स के लिए ₹44 करोड़, (सुरक्षा व्यवस्था होगी मजबूत).
  • मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना के लिए 100 करोड़ का प्रावधान.

बस्तर-सरगुजा में पर्यटन और एडवेंचर की दुनिया

अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं या घर से दूर प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं तो सरकार ने आपके लिए बस्तर और सरगुजा में होमस्टे पॉलिसी लागू की है. अब यहां आने वाले पर्यटक गांवों में रहकर स्थानीय संस्कृति और खानपान का अनुभव ले सकेंगे. इसके अलावा जशपुर में एडवेंचर टूरिज्म और टूरिज्म सर्किट विकसित किया जाएगा, जिससे वहां आने वाले लोगों को और भी मजा आएगा.

नालंदा लाइब्रेरी और विज्ञान पार्कः छात्रों के लिए नया तोहफा

छात्रों की पढ़ाई को और रोचक बनाने और उन्हें प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए अनुकूल माहौल देने के लिए 17 और “नालंदा लाइब्रेरी” खोली जाएगी. यही नहीं विज्ञान में रुचि रखने वाले बच्चों के लिए बस्तर और सरगुजा में मोबाइल साइंस लैब शुरू की जाएगी और साइंस पार्क की स्थापना सरगुजा, बस्तर, बलरामपुर, जशपुर और रायगढ़ में होगी. अब बच्चों को किताबों से बाहर निकलकर विज्ञान को प्रयोगों के माध्यम से सीखने का मौका मिलेगा.

कृषि और डिजिटल तकनीक का संगम

अब किसानों को भी डिजिटल सुविधा मिलेगी. भूमि अभिलेखों (Land Records) के डिजिटलीकरण और डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए विशेष फंड दिया गया है. इससे किसानों को अपनी जमीन से जुड़ी जानकारी तुरंत मोबाइल या कंप्यूटर पर मिल सकेगी.

स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ा सुधार

राज्य के गरीब और निःसंतान दंपतियों के लिए रायपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ART सुविधा शुरू की जाएगी। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों में MRI और CT स्कैन मशीनों के लिए भी बजट रखा गया है, ताकि मरीजों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मिल सके. सभी ब्लॉकों में सिकल सेल स्क्रीनिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी. इसके अलावा जशपुर व मनेंद्रगढ़ में फिजियोथेरेपी व नेचुरोपैथी के सेंटर स्थापित किए जाएंगे.

बिना कागज के होगी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन

अब जमीन या मकान खरीदने-बेचने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सरकार ने फेसलेस और पेपरलेस रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू करने की योजना बनाई है. इससे लोगों का समय और पैसा दोनों बचेंगे.

चिकित्सा और खाद्य सुरक्षा में बड़ा कदम

रायपुर में राष्ट्रीय स्तर की “इंटीग्रेटेड फूड एंड ड्रग लैबोरेटरी” बनाई जाएगी, जिसमें दवाओं और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच होगी. इस प्रोजेक्ट के लिए 45 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. नकली दवाओं और मिलावट करने वालों पर कार्रवाई के लिए सरकार का बड़ा कदम है.

पेट्रोल के रेट में एक रुपए की कमी, कर्मचारियों का डीए बढ़ा

छत्तीसगढ़ सरकार ने बजट में जनता को राहत देने वाले कई अहम फैसले किए हैं. पेट्रोल की कीमत में ₹1 प्रति लीटर की कमी की गई है, जिससे आम लोगों, किसानों और उद्योगों को लाभ होगा. इसके पहले सरकार ने बल्क में डीजल खरीदी पर वैट घटाकर 17% कर दिया था, जिससे परिवहन और कृषि कार्यों की लागत में कमी आई है. वहीं, राज्य के सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में 3% की बढ़ोतरी की गई है, जो मार्च से लागू होगी.

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए नई योजना

छत्तीसगढ़ सरकार पहली बार सभी ग्राम पंचायतों में डिजिटल पेमेंट (UPI) को बढ़ावा देने के लिए विशेष बजट का प्रावधान कर रही है. इससे गाँवों में भी लोग आसानी से डिजिटल लेनदेन कर सकेंगे और नकद लेनदेन की जरूरत कम होगी. पहली बार ‘आइकॉनिक डेस्टिनेशन’ और ‘वेलनेस-वाइल्डलाइफ-वॉटर टूरिज्म’ विकसित होगा. छत्तीसगढ़ में पहली बार ‘आइकॉनिक डेस्टिनेशन’ और ‘वेलनेस-वाइल्डलाइफ-वॉटर टूरिज्म’ के लिए ₹200 करोड़ का बजट रखा गया है. इससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह एक बड़ा आकर्षण केंद्र बनेगा.

व्यवसायियों एवं आम आदमी को राहत

बजट में अचल संपत्ति के अंतरण पर मुद्रांक शुल्क के 12 प्रतिशत सेस को समाप्त किया गया है. इससे आम जनता को लाभ मिलेगा. वहीं, ई वे बिल जनरेट करने की मूल्य सीमा को 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए की गई है. छोटे व्यवसायियों को राहत देते हुए सरकार ने कई वर्षों से बकाया वैट की राशि माफ करने का निर्णय लिया है.

स्कूल शिक्षा विभाग को हाई कोर्ट से झटका, निजी स्कूल अपने हिसाब से लेंगे 5वीं और 8वीं बोर्ड की परीक्षा…

रायपुर-  स्कूल शिक्षा विभाग को हाई कोर्ट से झटका लगा है. विभाग के आदेश को दरकिनार करते हुए पांचवी एवं आठवीं की केंद्रीयकृत परीक्षाओं से निजी स्कूलों को अलग कर दिया है. हाई कोर्ट जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच ने यह फैसला छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के साथ अन्य दो याचिकाओं पर दिया है.

वक़ील शरद मिश्रा ने बताया कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब स्कूल शिक्षा विभाग निजी स्कूलों में पांचवी एवं आठवीं की परीक्षाएं नहीं लेगा. हमेशा की तरह निजी स्कूल ही परीक्षा आयोजित करेंगे. इसके अलावा जो निजी स्कूल केंद्रीयकृत परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, वे शामिल हो सकते हैं.

दरअसल, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल से मान्यता प्राप्त स्कूलों में इसी सत्र से 5वीं और 8वीं की परीक्षा लेने का शिक्षा विभाग का आदेश के खिलाफ निजी स्कूल के साथ अभिभावकों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई थी.

मामले में निजी स्कूल एसोसिएशन का कहना था कि उन्होंने पहले ही शिक्षा विभाग को लिखकर दिया था कि वो सीजी समग्र एवं मूल्यांकन पैटर्न पर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. अब तक इन कक्षाओं के होम एग्जाम हुआ करते थे, लेकिन सत्र के आखिर में पांचवीं और आठवीं की परीक्षा आयोजित करने की बात कही गई थी, जिसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है.

बता दें कि 2010-11 में कक्षा पांचवी, आठवीं की बोर्ड परीक्षा को समाप्त किया गया था. लेकिन बोर्ड परीक्षा बंद करने से विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर असर को देखते हुए फिर से केंद्रीयकृत परीक्षा लेने का फैसला लिया गया था. इस संबंध में प्रदेश सरकार के फैसले के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने 3 दिसंबर 2024 को कक्षा 5वीं और 8वीं की केंद्रीकृत परीक्षा लेने सभी कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी किया था.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सौगात: अरपा नदी में बैराज निर्माण से मिल रही स्थानीय जनों को राहत

रायपुर-  अरपा नदी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की जीवनरेखा है जो अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. समय के साथ आरप नदी के जल की मात्रा में कमी आई और इसके पुनर्जीवन की आवश्यकता महसूस की गई. इस विषय में राज्य सरकार ने अरपा नदी के पुनर्जीवन के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनमें शिवघाट और पचरीघाट में बैराज निर्माण प्रमुख हैं.छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने इसके लिए 60 करोड़ 64 लाख 40 हजार रूपए स्वीकृत किए है. जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन से बैराज निर्माण कार्य को पूर्ण कराने मुख्य अभियंता हसदेव कछार जल संसाधन विभाग बिलासपुर को प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है.


परियोजना का उद्देश्य और लाभ

अरपा नदी में वर्षभर जल प्रवाह सुनिश्चित करने और भू-जल स्तर में सुधार लाना जनहित में बहुत ही ज़रूरी है यही वजह है कि राज्य के मुख्यमंत्री ने इस को गति देने का निरनय लिया है. इन बैराजों के निर्माण से नदी में जलभराव क्षमता बढ़ेगी, जिससे आसपास के क्षेत्रों में कृषि और पेयजल आपूर्ति में सुधार होगा. इन बैराजों के निर्माण से अरपा नदी में कोनी से देवरीखुर्द तक लगभग 11 किमी तक वर्ष भर जलभराव सुनिश्चित होगा. यह न केवल जल संरक्षण में सहायक होगा, बल्कि बिलासपुर शहर के गिरते भू-जल स्तर को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसके अलावा, बैराज के ऊपर निर्मित सड़कें स्थानीय यातायात को सुगम बनाएंगी और नदी के किनारे सौंदर्यीकरण कार्य शहर को एक नई पहचान भी देगा. इससे स्थानीय समुदाय के जीवन गुणवत्ता में भी सकारात्मक परिवर्तन आएगा.

जल संरक्षण: बैराज के माध्यम से नदी में वर्षभर जल का संरक्षण सुनिश्चित करना, जिससे नदी का प्रवाह बना रहे. नदी में स्थायी जल उपलब्धता से आसपास के क्षेत्रों में भू-जल स्तर में सुधार होगा, जिससे कुओं और नलकूपों में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी. नदी में जल प्रवाह से पर्यावरणीय संतुलन स्थापित होगा, जिससे जैव विविधता को संरक्षण मिलेगा. नदी के दोनों किनारों पर सौंदर्यीकरण और सड़कों के निर्माण से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा.

बैराज निर्माण से होने वाले अन्य लाभ

बैराज निर्माण से नदी में जल की स्थायी उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल मिलेगा. इससे फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होगी और कृषि पर निर्भर लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. नदी में जल संरक्षण से आसपास के क्षेत्रों में भू-जल स्तर में वृद्धि होगी. यह पेयजल की उपलब्धता को सुनिश्चित करेगा और जल संकट की समस्याओं का समाधान करेगा. नदी में निरंतर जल प्रवाह से मछलियों और अन्य जलीय जीवों का संरक्षण होगा. साथ ही, नदी के किनारों पर हरित पट्टी के विकास से पर्यावरणीय संतुलन स्थापित होगा. बैराज निर्माण और नदी के सौंदर्यीकरण से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. नदी के किनारों पर पार्क, वॉकवे और अन्य सुविधाओं के विकास से स्थानीय और बाहरी पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकेगा.पर्यटन और कृषि में सुधार से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.

छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार और स्थानीय प्रशासन इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बैराज निर्माण के साथ-साथ नदी के दोनों किनारों पर सड़कों का निर्माण और सौंदर्यीकरण कार्य भी प्रगति पर है. आने वाले वर्षों में, यह परियोजना बिलासपुर शहर और आसपास के क्षेत्रों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

शिवघाट बैराज की विशेषताएं

शिवघाट बैराज की लंबाई: 334 मीटर है और उसमें लगने वाले 12 मीटर x 3.50 मीटर के गेट्स की संख्या 24 है. इसकी जलभराव क्षमता 1.80 मिलियन घन मीटर है.बैराज के ऊपर से होकर जाने वाली सड़क की चौड़ाई 7.50 मीटर है. अनुमान है इस बैराज के निर्माण से बिलासपर के कोनी तक लगभग 3 किमी तक वर्षभर जलभराव रहेगा, जिससे स्थानीय पर्यावरण और भू-जल स्तर में सुधार होगा. शिवघाट बैराज परियोजना की प्रगति में राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही.

छत्तीसगढ़ राज्य की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों में अरपा नदी का विशेष स्थान है. यह नदी बिलासपुर शहर के मध्य से बहती है और स्थानीय जनजीवन, कृषि तथा पर्यावरण पर इसका गहरा प्रभाव है. हाल के वर्षों में, अरपा नदी में जल स्तर में कमी और प्रदूषण जैसी समस्याओं के कारण इसकी महत्ता में कमी आई है. इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर अरपा नदी पर शिवघाट और पचरीघाट के पास बैराज निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है.

अरपा नदी पर शिवघाट और पचरीघाट में बैराज निर्माण परियोजना छत्तीसगढ़ राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. यह न केवल जल संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन को स्थापित करेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था, कृषि और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा. छत्तीसगढ़ की साय सरकार की यह पहल राज्य के सतत विकास और जनकल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित होगा.

राज्य सरकार की बजट से अनियमित कर्मचारी निराश, हड़ताल पर जाने का किया ऐलान

रायपुर- राज्य सरकार की बजट से निराश अनियमित कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है. छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल प्रसाद साहू ने बताया, बजट में नियमितीकरण सहित विभिन्न मांगों पर कोई घोषणा नहीं की गई. इसके चलते प्रदेशभर के अनियमित कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे. रायपुर में 13 अप्रैल को जंगी धरना-प्रदर्शन किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन एवं अनियमित संगठनों के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट गार्डन रायपुर में बैठक कर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. बैठक में फेडरेशन के विभिन्न पदाधिकारी, 20 अनियमित संगठन के पदाधिकारी एवं 11 विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि सहित 50 से अधिक लोग सम्मिलित हुए थे।


ये हैं अनियमित कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

  • नियमितीकरण, स्थायीकरण, निकाले गए कर्मचारियों की बहाली किया जाए.
  • कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन दिया जाए, अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जाए.
  • आउटसोर्सिंग, ठेका कर्मचारियों को विभाग में सीधे नियोजित किया जाए.

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