पुतिन पर मेहरबान ट्रंपः अमेरिका ने रूस के खिलाफ साइबर ऑपरेशन रोके
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद वैश्विक स्तर पर ऐसे हालात बन रहे हैं, जिसकी कल्पना बी नहीं की जा रही थी। दुनिया की दो शक्तियां करीब आ रही है। जी हां, हम अमेरिका और रूस की ही बात कर रहे हैं। ट्रंप की अमेरिका का राष्ट्रपति बनते ही रूस के दिन फिरने लगे हैं। कभी अमेरिका की तरफ से प्रतिबंधों को झेल रहे रूस के लिए अमेरिका ने एक और मेहरबानी दिखाई है। दरअसल, ट्रंप के प्रशासन ने रूस के खिलाफ साइबर ऑपरेशन पर रोक लगा दी है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेग्सेथ ने पेंटागन में साइबर कमांड को रूस के खिलाफ आक्रामक साइबर ऑपरेशन रोकने का आदेश दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दो पूर्व और एक वर्तमान अधिकारियों ने इस सीक्रेट आदेश की जानकारी दी। अमेरिका ने यह कदम इसलिए उठाया है, ताकि यूक्रेन पर शांति वार्ता हो सके। हेग्सेथ का आदेश रूस के खिलाफ सभी ऑपरेशनों के पुनर्मूल्यांकन का हिस्सा है, जिसे अभी तक सार्वजनिक रूप से समझाया नहीं गया है। गौर करने वाली बात ये है कि यह आदेश राष्ट्रपति ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच ओवल ऑफिस में तीखी बहस से पहले जारी हुआ है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रम्प प्रशासन रूस के खिलाफ की जाने वाली सभी कार्रवाइयों का रिव्यू कर रहा है। हालांकि इस बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी नहीं दी गई है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को कहा कि यूक्रेन के मुद्दे पर रूस को बातचीत की टेबल पर लाना जरूरी है। मार्को ने कहा कि अगर पुतिन के प्रति विरोधी रवैया अपनाया जाता है, तो उन्हें टेबल पर नहीं ला पाएंगे।
दो पूर्व अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, दो देशों के बीच कूटनीतिक और संवेदनशील बातचीत से पहले इस तरह के मिशन पर रोक लगाना आम बात है। लेकिन रूस के खिलाफ इस तरह के ऑपरेशन से पीछे हटना एक बड़ा दाव है। रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि रूस ने ट्रंप प्रशासन के पहले सप्ताह में अमेरिकी नेटवर्क में घुसपैठ की कोशिश की है। पिछले एक साल में अमेरिकी अस्पतालों, बुनियादी ढांचे और शहरों पर रैंसमवेयर हमले बढ़े हैं, जिनमें से कई रूस से शुरू हुए। अमेरिकी खुफिया अधिकारी मानते हैं कि ज्यादातर आपराधिक कृत्य को रूस की खुफिया एजेंसियों ने मंजूरी दी है या नजरअंदाज किया है।
पिछले कई सालों में अमेरिकी अस्पतालों और बुनियादी ढांचे पर रैनसमवेयर (साइबर) हमले लगातार बढ़े हैं। इनमें ज्यादातर साइबर हमले रूस से हुए हैं। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक इन आपराधिक हमलों को रूसी एजेंसियों की तरफ से मंजूरी दी गई थी। यूरोप में भी इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। इनमें कम्युनिकेशन केबल को काटने की कोशिश और जर्मनी की हथियार कंपनी के सीईओ की हत्या की साजिश शामिल हैं। पिछले साल इनमें तेजी भी देखने को मिली।
अमेरिका अब तक इन मामलों में यूरोप की मदद करता आ रहा है। लेकिन रूस के खिलाफ साइबर ऑपरेशन को रोकने से यूरोपीय देशों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
11 hours ago