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महाकुंभ में लोगों के आकर्षण का केंद्र बना छत्तीसगढ़ पवेलियन: प्रदेशभर से 50 हजार से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने लिया निःशुल्क व्यवस्थाओं का लाभ

रायपुर-  “आप सभी को एक बात कहना चाहूंगा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुम्भ 2025 का आयोजन हो रहा है। मैं चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु वहां जाएं। आप को वहां जाकर रूकने और खाने की चिंता नहीं करनी है। आपके लिए हमारी सरकार ने प्रयागराज के सेक्टर 6 में साढ़े चार एकड़ में छत्तीसगढ़ पैवेलियन बनाया है। वहां पर आपके रूकने और खाने की निःशुल्क व्यवस्था की है।“

यह कथन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने महाकुम्भ 2025 शुरू होने के पहले अपने सार्वजनिक संबोधनों में कई जगह कही थी। मुख्यमंत्री श्री साय राज्य की जनता की आवश्यकताओं और इच्छाओं को समझते हैं, इसीलिए मुख्यमंत्री श्री साय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और प्रयागराज स्थित कुंभ मेला क्षेत्र में साढ़े चार एकड़ में छत्तीसगढ़ पैवेलियन का निर्माण कराया और छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने खर्च पर 45 दिनों तक राज्य के श्रद्धालुओं के ठहरने और भोजन की निःशुल्क व्यवस्था की।

इन 45 दिनों में छत्तीसगढ़ के लगभग 50 हजार श्रद्धालुओं ने चिंतामुक्त होकर महाकुम्भ 2025 के संगम में आस्था की डुबकी लगाई। 45 दिनों तक चलने वाला आस्था और परंपरा का विश्व का सबसे बड़ा त्यौहार अब समाप्त हो चुका है, लेकिन जाते हुए भी ये छत्तीसगढ़ की जनता को अविस्मरणीय यादें दे गया है जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी शामिल हैं।

ऐसा नहीं है कि प्रयागराज के मेला क्षेत्र के सेक्टर 6 में स्थित छत्तीसगढ़ पैवेलियन सिर्फ छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए ही था, बल्कि ये देश विदेश के सैलानियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र था। छत्तीसगढ़ पैवेलियन में लगी प्रदर्शनी को देखने के लिए देश विदेश के पर्यटक और श्रद्धालुओं का हुजूम लगा रहता था। एक तरफ जहां अन्य राज्यों के पैवेलियन रात 8 बजे के बाद बंद हो जाया करते थे, छत्तीसगढ़ पैवेलियन का सांस्कृतिक कार्यक्रम रात 10 बजे तक लोगों का मनोरंजन करता रहता था। छत्तीसगढ़ के स्थानीय कलाकारों ने प्रयागराज में महाकुम्भ की धरती पर ऐसा समां बांधा था कि भाषा और संस्कृति के आवरण से दूर देश के हर राज्य के लोग इसे देखने और सुनने को आतुर दिखते थे।

छत्तीसगढ़ पैवेलियन का प्रवेश द्वार बस्तर की पहचान गौर मुकुट से सुशोभित था। ये दूर से ही लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर लेता था। भीतर प्रवेश करते ही छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा छत्तीसगढ़ की ममतामयी पहचान को परिलक्षित करती थी। इसके साथ ही राज्य की चार ईष्ट देवियों ( मां महामाया, मां दंतेश्वरी, मां बम्लेश्वरी और मां चंद्रहासिनी) की तस्वीरों के आगे लोगों के सिर श्रद्धा से झुक जाते थे। प्रदर्शनी में राज्य सरकार की योजनाओं को जानने के लिए लोग आतुर दिखते थे। प्रदर्शनी में सिरपुर, कुतुबमीनार से ऊंचे जैतखाम, भारत का नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट वाटरफाल, आधुनिक शहर नया रायपुर के बारे मे जानकर लोग स्तब्ध रह जाते थे।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शनी में टेक्नालाजी का भी इस्तेमाल किया गया था। 360 डिग्री का वीडियो दिखाने वाले इमर्सिव डोम में भीतर जाने के लिए पूरे देश के लोग लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते थे और ऐसा ही कुछ हाल वर्चुअल रियेलिटी के जरिए छत्तीसगढ़ को जानने के लिए भी था। इतना ही नहीं प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति, कला, आभूषण, रहन-सहन, खान-पान, नृत्य, पशु एवं पक्षियों को भी दर्शाया गया था जो लंबे समय तक प्रादेशिक और राष्ट्रीय मीडिया के लिए आकर्षण का विषय बने हुए थे।

अब महाकुम्भ का समापन हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे एकता का महाकुम्भ कहकर संबोधित किया है। छत्तीसगढ़ पैवेलियन अपने आप में इसका एक बड़ा उदाहरण है जहां बिना किसी भेदभाव के हर व्यक्ति के लिए निःशुल्क भोजन उपलब्ध था। बिना किसी ऊंच नीच के हर वर्ग, हर जाति और हर धर्म और हर संप्रदाय यहां तक की विदेशी भी आते थे और छत्तीसगढ़ को पास से जानकर आश्चर्य और रोमांच से भर जाते थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दी महाकुंभ के सफल आयोजन की बधाई

महाकुम्भ के समापन पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को महाकुम्भ के सफल आयोजन और छत्तीसगढ़ को साढ़े चार एकड़ जगह उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद दिया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शी पहल और समर्पित प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ के लगभग 50 हजार श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ 2025 का हिस्सा बने। इन श्रद्धालुओं की भागीदारी ने राज्य की तीन करोड़ जनता को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से इस महान आध्यात्मिक आयोजन से जोड़ा।

छत्तीसगढ़ के संत, विद्वान और श्रद्धालु महाकुंभ के पवित्र संगम में स्नान और आध्यात्मिक अनुष्ठानों में शामिल हुए, जिससे प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का भव्य प्रदर्शन हुआ। इसके माध्यम से राज्य ने अखिल भारतीय आध्यात्मिक चेतना में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल ने छत्तीसगढ़ को महाकुंभ के वैश्विक मंच पर एक आध्यात्मिक शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित किया, जिससे राज्य की तीन करोड़ जनता को सांस्कृतिक और धार्मिक गौरव की अनुभूति हुई। यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र यात्रा बना, बल्कि राज्य की आध्यात्मिक धरोहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का एक सशक्त माध्यम भी साबित हुआ है।

विश्व में फैल रही है राजिम कुंभ कल्प की ख्याति, विदेशी पर्यटकों ने कहा – "इट्स वंडरफुल!"

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में आयोजित राजिम कुंभ कल्प अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध होता जा रहा है। इस वर्ष आयोजित राजिम कुंभ कल्प में श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ी, जिसमें देशभर के तीर्थयात्रियों के साथ विदेशी पर्यटकों ने भी हिस्सा लिया।

नीदरलैंड से पहली बार आए सिनिस ने कहा, "यहाँ की संस्कृति और लोगों की आत्मीयता ने मुझे गहराई से प्रभावित किया है। यह एक अद्भुत अनुभव है!" वहीं, इटली से आए जुबेतो और पैट्रिसिया ने कहा कि वे भारत की आध्यात्मिक, धार्मिक और अलौकिक संस्कृति को करीब से देखने और समझने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा, "राजिम कुंभ कल्प भारतीय आस्था और आध्यात्मिकता का अद्वितीय संगम है, जो हमें मंत्रमुग्ध कर रहा है।"

राजिम कुंभ की भव्यता से अभिभूत विदेशी पर्यटक

नीदरलैंड, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका और इटली से आए पर्यटकों ने 54 एकड़ में फैले विशाल राजिम कुंभ कल्प की भव्यता को देखकर खुशी व्यक्त की। राजीव लोचन मंदिर और त्रिवेणी संगम पर स्थित कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर में उत्कीर्ण प्राचीन कलाकृतियों ने उन्हें विशेष रूप से आकर्षित किया। विदेशी पर्यटक महाशिवरात्रि पर निकाली गई नागा साधुओं की शोभायात्रा में भी शामिल हुए और मेला क्षेत्र का पैदल भ्रमण किया। विदेशी पर्यटकों ने राजिम कुंभ कल्प की साज-सज्जा और संत समागम क्षेत्र की भव्यता देखकर कहा – "इट्स वंडरफुल!"

विदेशी सैलानियों ने नागा साधुओं द्वारा निकाली गई शोभायात्रा और अखाड़ों के शौर्य प्रदर्शन को आश्चर्य और रोमांच से देखा। संत समागम क्षेत्र में उन्होंने विभिन्न संतों से आशीर्वाद लिया और नागा साधुओं के तपस्वी जीवन के बारे में जाना। पर्यटकों ने पूरे आयोजन की भव्यता को अपने कैमरों में कैद किया और मेला घूमने आए लोगों के साथ सेल्फी भी ली।

राजिम कुंभ कल्प – आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का अंतरराष्ट्रीय मंच

राजिम कुंभ कल्प की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिक चेतना का वैश्विक केंद्र बनता जा रहा है। विदेशी मेहमानों की उपस्थिति से इस आयोजन को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिल रही है, जिससे भविष्य में और अधिक पर्यटक और श्रद्धालु आकर्षित होंगे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों से राजिम कुंभ कल्प को एक भव्य, दिव्य और यादगार आयोजन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि सम्पूर्ण भारत की संस्कृति और आस्था की गौरवशाली पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित कर रहा है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मनरेगा की है महत्वपूर्ण भूमिका— मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज छत्तीसगढ़ ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की बैठक विधानसभा परिसर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत चल रही परियोजनाओं की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में मनरेगा कार्यों को सर्वोच्च गुणवत्ता और निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाए, ताकि अधिकतम ग्रामीण परिवारों को इस योजना का लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से गांवों में धरसा पहुंच मार्ग निर्माण और अमृत सरोवर परियोजनाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए, जिससे ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूती मिले और जल संरक्षण को बढ़ावा मिले।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य केवल रोजगार देना नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों को आत्मनिर्भर बनाना है। मनरेगा के तहत चल रही योजनाओं को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से लागू किया जा रहा है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए, ताकि यह योजना गरीबों के सशक्तिकरण में एक मजबूत आधार बने। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मनरेगा को अन्य योजनाओं से जोड़कर ग्रामीण विकास की गति तेज करने पर जोर दिया जा रहा है।

राज्य में मनरेगा के प्रभावशाली क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा

बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 की प्रगति, लेबर बजट 2025-26, योजना के प्रमुख इंडिकेटर्स और अभिसरण (कॉन्वर्जेंस) मॉडल पर गहन समीक्षा की गई। वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।

मनरेगा आयुक्त रजत बंसल ने जानकारी दी कि प्रदेश में कुल 38.52 लाख पंजीकृत परिवारों में से 24.89 लाख परिवारों को रोजगार प्रदान किया गया है।अमृत सरोवर योजना के तहत 2,902 जलाशयों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 1,095 स्वीकृत हो चुके हैं, 299 पूर्ण हो चुके हैं, और 472 पर कार्य प्रगति पर है।

बैठक में उप मुख्यमंत्री द्वय अरुण साव और विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, प्रमुख सचिव निहारिका बारिक, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस, पी. दयानंद, राहुल भगत, मनरेगा आयुक्त रजत बंसल एवं छत्तीसगढ़ ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद के सदस्यगण उपस्थित थे।

एल्यूमीनियम फैक्ट्री में बड़ा हादसा : लापरवाही के चलते मजदूरों पर गिरा कॉलम, एक महिला की मौत

कोरबा- जिले के एक एल्यूमीनियम फैक्ट्री में दर्दनाक हादसा हुआ है. कार्य के दौरान भारी कॉलम गिरने से दो मजदूर इसकी चपेट में आ गए. हादसे में एक महिला मजदूर की मौत हो गई, जबकि दूसरी महिला मजदूर को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से घर भेज दिया गया है. घटना के बाद फैक्ट्री में अफरा-तफरी मच गई है.

जानकारी के अनुसार, उरगा थाना क्षेत्र के पताढ़ी गांव में संचालित मारुति एल्यूमीनियम प्राइवेट लिमिटेड में निर्माण कार्य चल रहा था. इस दौरान नींव खुदाई के वक्त एक कॉलम जमीन पर गिर पड़ा, जिससे वहां काम कर रही दो महिला मजदूर इसकी चपेट में आ गईं. हादसे में एक महिला मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गई, जिसे इलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई. वहीं दूसरी महिला को मामूली चोट लगी थी जिसे प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है.

मृतक महिला की पहचान उर्मिला के रूप में हुई है. घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. परिजनों ने कंपनी प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है. वहीं शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है.

कोरबा सीएसपी भूषणा एक्का ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है कि महिला की मौत कब, कैसे और किन परिस्थितियों में हुई. अगर किसी तरह की लापरवाही पाई जाती है, तो आगे निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी.

विधानसभा बजट सत्र का तीसरा दिन : कुंभ स्नान और हज यात्रा पर पक्ष-विपक्ष में जमकर तकरार, धर्मजीत बोले – कांग्रेस सनातन विरोधी

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण में चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई. कुंभ स्नान, हज यात्रा जैसे धर्मिक विषयों पर हंगामा हुआ. भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा, कांग्रेस को कुंभ स्नान से परहेज है, हज पर आपत्ति नहीं है. धर्मजीत के बयान पर कांग्रेस विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई. उमेश पटेल ने कहा, केंद्र में आपकी सरकार है, हज पर सब्सिडी बंद कर दो.

विधायक धरमजीत सिंह ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा, कांग्रेस कोमा में है. सभी जगहों पर कांग्रेस की हार हो रही है. हज के लिए सरकारी पैसा जाता है तो कांग्रेस को आपत्ति नहीं होती. महाकुंभ में जाने के लिए कांग्रेस को आपत्ति है. हज वालों के भरोसे कांग्रेस राजनीति कर रही है।


पक्ष-विपक्ष ने जय सनताम के लगाए नारे

चर्चा के दौरान बलौदाबाजार अग्निकांड पर सदन गरमाया. विधायक रामकुमार यादव ने जैतखाम में तोड़फोड़ मामले की जांच करने की कही बात. उन्होंने कहा, जैतखाम को तोड़ने वालों के खिलाफ आवाज उठाने वाले को जेल भेज रहे हैं. इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस दोनों तरफ से जय सतनाम के नारे लगाए गए.


उमेश पटेल ने ओपन डिबेट की दी चुनौती

राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा, बीजेपी धर्म की राजनीति करती है. हज के लिए सब्सिडी मिलती है, उसको क्यों बंद नहीं करते. आस्था के ऊपर सिर्फ प्रश्न चिन्ह ही लगाते रहेंगे. उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ प्रभु राम का ननिहाल है, यहां कौशल्या माता का मंदिर बनवाया. सभी भाजपा के नेताओं को आमंत्रित किया गया था, कोई नहीं गया. उमेश पटेल ने बीजेपी को ओपन डिबेट करने की चुनौती भी दी. कांग्रेस विधायक रामकुमार यादव ने सरकार को 5 साल बाद पता चलने की बात कही. इस पर केदार कश्यप ने तंज कसते हुए कहा, इधर से आलू निकलते हैं, उधर से सोना, उसको समझा दीजिएगा.

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शराब घोटाला : पूर्व आबकारी मंत्री लखमा को नहीं मिली राहत, जमानत याचिका पर हुई सुनवाई, हाईकोर्ट ने ACB-EOW से मांगा जवाब

बिलासपुर-  शराब घोटाले मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा जेल में बंद हैं। अग्रिम जमानत के लिए हाइकोर्ट में दायर याचिका पर आज जस्टिस अरविंद वर्मा की बैंच में सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा, जिस पर कोर्ट ने ACB-EOW को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं अगली सुनवाई की तारीख 13 मार्च 2025 तय की है।

बता दें कि कवासी लखमा की अग्रिम जमानत की याचिका ईओडब्ल्यू की स्पेशल कोर्ट में पहले ही खारिज की जा चुकी है। पूर्व मंत्री लखमा की ओर से वकील ने उन्हें निर्दोष बताते हुए झूठे मामले में फंसाने और परेशान करने का आरोप लगाया था। साथ ही ईडी को छापेमारी के दौरान उनके घर से पैसा और आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिलने की जानकारी दी थी, वहीं ईओडब्ल्यू की ओर से इस मामले में कवासी लखमा पर शराब घोटाले में हर महीने 50 लाख रुपए कमीशन सहित करीब दो करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाते हुए अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने की मांग की थी।

कथित शराब घोटाला मामले में ED ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा को 21 जनवरी को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया था। रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इस दौरान ED के वकील ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए कहा था कि लखमा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें जेल भेजा जा सकता है। कोर्ट में ED के वकील ने लखमा पर आरोप लगाया कि उनका नाम इस शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है। ऐसे में जांच में उनका सहयोग करना जरूरी है।

लखमा को माना जा रहा सिंडिकेट का अहम हिस्सा

ईडी का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वहीं ED ने यह भी कहा है कि शराब नीति बदलने में कवासी लखमा की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। यही नहीं ED ने यह भी बताया कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रहे घोटाले की पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसे रोकना जरूरी नहीं समझा। इसके चलते उन्हें आरोपी के तौर पर देखा गया है। फिलहाल अपनी अग्रिम जमानत याचिका के लिए लखमा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी.

मलकीत सिंह से ED पांच घंटों से कर रही पूछताछ, इधर कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी कार्यकर्ता

रायपुर- सुकमा और कोंटा में बने कांग्रेस भवन के संबंध में जानकारी लेकर पहुंचे कांग्रेस महामंत्री मलकीत सिंह गेंदू से ईडी पांच घंटे से पूछताछ कर रही है. वहीं दूसरी ओर ईडी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय की जांच की मांग कर रहे हैं. 

मलकीत सिंह गेंदू ने ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए जाने से पहले मीडिया से चर्चा में बताया था कि सुकमा और कोंटा में बने कांग्रेस भवन के संबंध में चार बिंदुओं पर मांगी गई जानकारी पर 30 पन्नों का जवाब लेकर पहुंचे हैं. सुकमा और कोंटा के राजीव भवन के निर्माण का पाई-पाई का हिसाब ईडी को देंगे.

बता दें कि बीते मंगलवार को ईडी की टीम सुकमा और कोंटा में बने कांग्रेस भवन के संबंध में कांग्रेस महामंत्री मलकीत सिंह गेंदू से पूछताछ के लिए कांग्रेस मुख्यालय पहुंची थी. बंद कमरे में गेंदू से पूछताछ के बाद चार बिंदुओं में जबाव देने के लिए समन जारी आज पूछताछ के लिए बुलाया था.

बिश्रामपुर में ग्राम समन्वय सभा का आयोजन


ग्रामवासियों की उपस्थिति में हिंदूवादी संगठन, गौसेवकों के साथ मसीही समाज ने संयुक्त रूप से शांति व सद्भावना की ली शपथ


रायपुर- रायपुर-बिलासपुर मार्ग पर विश्रामपुर व गणेशपुर ग्राम के इम्मानुएल चर्च परिसर में गुरुवार को ग्राम समन्वय सभा का आयोजन छत्तीसगढ़ डायसिस की ओर से किया गया। जिसमे राष्ट्रीय बजरंग दल, गौसेवक संगठन व मसीही समाज एक मंच पर उपस्थित थे। उपस्थित जनों को गौपुत्र ओमेश बिसेन के द्वारा प्रदेश व देश के विकास, भाईचारे, शांति व सद्भावना की शपथ दिलाई गई। उन्होंने गौ-माता के महत्व को प्रतिपादित करते हुए मसीही समाज के साथ मिलकर समन्वय बनाकर सेवा करने का संदेश दिया।

सामूहिक संकल्प - शपथ में उपस्थितजनों ने दाहिना हाथ बढ़ाकर कहा कि, हम छत्तीसगढ़ की पावन धरा के इस हिस्से में आज उपस्थित हैं। सृष्टिकर्ता ईश्वर की उपस्थिति में एक-दूसरे को साक्षी स्वीकार कर यह संकल्प लेते हैं कि हम अपने राज्य की एकता, अखंडता, अमन, शांति, एवं विकास के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करेंगे। राष्ट्र के प्रति अपने प्रेम को मानव जाति सेवा के द्वारा, प्रमाणित करेंगे। एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। ऐसे कार्य जो समाज विरोधी देश व संविधान के विपरीत होंगे और जो हमारे राज्य में प्रतिबंधित हैं उसका पूर्ण बल एवं साहस से निर्भिक भाव से विरोध करेंगे। इस क्षेत्र को जहां हम निवास करते हैं। सुदृढ़ता प्रदान करेंगे। शासन व प्रशासन को पूर्ण सहयोग करेंगे। इस मौके पर डायसिस के सचिव नितिन लॉरेंस, उपाध्यक्ष पादरी समीर फ्रेंकलीन, कोषाध्यक्ष जयदीप राबिंसन समेत पादरीगण शामिल हुए। गौ-पुत्र संगठन के प्रांतीय पदाधिकारी ओमेश बिसेन के साथ राष्ट्रीय बजरंग दल के महामंत्री विक्रांत शर्मा, अभिषेक तिवारी जिला अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद बलौदा बाजार,रवि वर्मा जिला संयोजक बजरंग दल शामिल हुए। विश्रामपुर ग्राम की सरपंच अर्चना वानी व ग्राम गणेशपुर की सरपंच रेशु मसीह इम्मानुएल चर्च विश्रामपुर के पादरी आशीष वानी व सचिव अमित दास विशेष रूप से उपस्थित थे।

समन्वय सभा में प्यारा हिंदुस्तान हमारा प्यारा हिंदुस्तान..., प्यार करते हैं भारत से... जैसे देशभक्त के गीतों तथा भारतमाता व छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारों से परिसर गूंजता रहा। पादरी सुबोध कुमार ने असतो मां सदगमय, तमसो मां ज्योतिर्गमय। मृतो-मामृत गमय.. से की। उन्होंने कविता पाठ भी किया - मोहब्बत करते हैं भारत से। कार्यक्रम का समापन भी राष्ट्रगान जन गण मन से हुआ। ओमेश बिसेन ने समन्वय सभा के मंच से चर्च परिसर में पर्यावर्णीय वातावरण की तारीफ की। पादरी फ्रेंकलीन ने मसीही समाज के उदभव व सेवाओ का जिक्र किया। कोषाध्यक्ष राबिंसन ने एकता के प्रयास की सराहना करेत हुए पेंड्रा में डायसिस द्वारा पहली गौशाला प्रारंभ करने की जानकारी दी। डायसिस के प्रवक्ता जॉन राजेश पॉल ने देश के संविधान के पालन और देश के विकास में मसीही समाज के योगदान को प्रतिपादित किया। उन्होंने भारत व छत्तीसगढ़ की संस्कृति परंपराओ के साथ धर्मों व समाज के समन्वय की सुदृढ़ नींव का जिक्र करते हुए कहा कि यही देशवासियों की ताकत है। इसी वजह से विदेशी हमले व दूसरे राष्ट्र हम पर प्रबल नहीं हो पाते हैं। संचालन डीकन मनशीष केजू ने किया।

सभा में पादरी शमशेर सामुएल, पादरी सैमसन सैमुएल, पादरी हेमंत तिमोथी, पादरी असीम प्रकाश विक्रम, पादरी सुशील मसीह, पादरी, स्वपनिल रामा, पादरी सुनील कुमार, पादरी अब्राहम दास, पादरी इम्मानुएल मसीह, पादरी आकाश किरण डेविड, डीकन जीवन मसीह दास, पादरी पवन सैमुएल, जॉन सिंग, अनिल मसीह, नवीन मसीह, शांत सेत, डीके दानी, अलका लाल, एडवोकेट वैभव इफ्राहीम, बसंत सिंग, समन्वय सालोमन, प्रतीक जॉन, गजेंद्र दान, विजय सूता, समीर मार्डिकल, सनी सालोमन, प्रज्ञा लाल, आदि भी शामिल हुए।

कार्यक्रम के समापन पर डायसिस सचिव नितिन लॉरेंस ने जिला एसपी,पुलिस प्रशासन को विशेष धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री, गृहमंत्री का आभार जताया जिनके कुशल नेतृत्व के चलते बिश्रामपुर से देश मे एकता व शांति का सन्देश जा रहा जिसमें हिंदूवादी संगठन के गौसेवक, राष्ट्रीय बजरंग दल के साथ मसीही समाज एक मंच पर साथ आकर गौसेवा का संकल्प लेकर साथ कार्य कर रहे है।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर का उद्योग मंत्री से सवाल- ‘कितनी कंपनियों के साथ किया MOU, कितना किया निरस्त, कितनों को मिला रोजगार’

रायपुर- विधानसभा के बजट सत्र में छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न कंपनियों से हुए एमओयू पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल किया. उन्होंने पूछा कि कितनी कंपनियों के साथ एमओयू किए गए, और इनमें से कितने निरस्त कर दिए गए. उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि वर्ष 2019 से 2023 के दौरान 218 एमओयू किए गए, जिनमें से जमीन पर कोई काम नजर नहीं आने पर 26 एमओयू निरस्त किए गए. 

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांकन से सवाल किया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने किन-किन उद्योग-कंपनियों के साथ कब-कब और कितनी राशि का एमओयू किया. इनमें से कितनी राज्य, देश अथवा विदेश की कंपनियां हैं. इनमें से कितने एमओयू को निरस्त किया गया है.

इसके साथ ही इन कंपनियों को उद्योग लगाने के लिए किस जिले में कितनी शासकीय अथवा निजी भूमि आबंटित की गई. इनमें से कितनी कंपनियों ने उत्पादन प्रारंभ कर दिया है, और कितनी कंपनियों ने कार्य प्रारंभ नहीं किया है. इसके साथ ही कितने रोजगार के पद सृजित किए जाने थे, और छत्तीसगढ़ के कितने लोगों को रोजगार प्रदान किया गया.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने जवाब में बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक छत्तीसगढ़ सरकार ने विभिन्न उद्योग कंपनियों के साथ कुल 218 एमओयू निष्पादित किए गए हैं, जिनमें कुल प्रस्तावित पूंजी निवेश राशि 1,27,922.54 करोड़ रुपए है.

निष्पादित एमओयू में से 162 राज्य के, 54 राष्ट्रीय तथा 02 विदेशी कंपनियां है. वहीं इस अवधि के कुल 26 एमओयू निवेशकों के अनुरोध पर अथवा समयावधि में कोई भी प्रभावी कदम नहीं उठाने के कारण निरस्त किए गए हैं. इन 218 कंपनियों में से कुल 34 कंपनियों को औद्योगिक प्रयोजन के लिए कुल रकबा 702.236 हेक्टेयर भूमि लैंड बैंक से सीएसआईडीसी लिमिटेड द्वारा आबंटित की गई है. इसमें शासकीय भूमि रकबा 594.088 हेक्टेयर और निजी भूमि रकबा 108.148 हेक्टेयर शामिल है,

इन कंपनियों में से 53 कंपनियों ने स्थापित उद्योगों में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ कर दिया गया है.27 कंपनियों के उद्योग निर्माणाधीन है, वहीं 80 कंपनियों में उद्योग स्थापना के लिए क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया गया है. शेष 32 कंपनियों द्वारा स्थल चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

मंत्री ने बताया कि निष्पादित 218 कंपनियों में 1,38,509 व्यक्तियों को रोजगार दिया जाना प्रस्तावित है. उद्योग प्रारंभ होने वाली इकाईयों में छत्तीसगढ़ के 16647 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया तथा उत्पादनरत इकाइयों में 16409.04 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश किया गया है.

विधानसभा में गूंजा सिटी बस संचालन का मुद्दा, मूणत ने कहा- निगम के पास 30 प्रतिशत बसें भी नहीं बची, इसे गंभीरता से ले सरकार…

रायपुर- विधानसभा में गुरुवार को सिटी बस संचालन का मुद्दा उठा. विधायक राजेश मूणत ने कहा कि केंद्र सरकार के संसाधन से शहर में सिटी बस का संचालन शुरू हुआ. लेकिन दुर्भाग्य से आज बेहतर ढंग से सिटी बस का संचालन नहीं हो रहा. निगम के पास जितनी बसें थीं, उसमें से 30 प्रतिशत बसें भी नहीं बची हैं. सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. 

विधायक राजेश मूणत से सवाल किया कि क्या यह सही है कि रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, सरगुजा, कोरिया तथा बस्तर शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सोसायटी बनाकर सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है ? क्या यह भी सही है कि योजना प्रारंभ के समय कुल 378 बसें संचालित थीं. लेकिन अब मात्र 106 संचालित हैं ? अगर हां, तो शेष 272 बसों की वर्तमान में क्या स्थिति है? अगर 272 बसें खराब हैं, तो उन्हें सुधरवाने की जिम्मेदारी किसकी है ? क्या इसकी समीक्षा की गई ? यदि नहीं, तो क्यों?

विधायक के सवालों का जवाब देते हुए डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि यह सच है कि रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, सरगुजा, कोरिया तथा बस्तर शहर में अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी बनाकर सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है. यह भी सच है कि योजना शुरू होने के समय कुल 378 बसें सोसायटियों द्वारा संचालित की जा रही थी, जिनमें से वर्तमान में 103 बसें ही संचालित हैं. शेष असंचालित 275 बसों के मूल्यांकन संबंधित सोसायटियों द्वारा की जा रही है.

डिप्टी सीएम साव ने आगे कहा कि खराब बसों को सुधारवाने की जिम्मेदारी संबंधित अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी द्वारा अनुबंधित संचालन एजेंसी की है. सोसायटियों द्वारा अनुबंधित एजेंसियों को आवश्यक मरम्मत उपरांत सिटी बसों का नियमित संचालन किए जाने लगातार समीक्षा कर निर्देशित किया जा रहा है.