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विधानसभा बजट सत्र का तीसरा दिन : कुंभ स्नान और हज यात्रा पर पक्ष-विपक्ष में जमकर तकरार, धर्मजीत बोले – कांग्रेस सनातन विरोधी

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण में चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई. कुंभ स्नान, हज यात्रा जैसे धर्मिक विषयों पर हंगामा हुआ. भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा, कांग्रेस को कुंभ स्नान से परहेज है, हज पर आपत्ति नहीं है. धर्मजीत के बयान पर कांग्रेस विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई. उमेश पटेल ने कहा, केंद्र में आपकी सरकार है, हज पर सब्सिडी बंद कर दो.

विधायक धरमजीत सिंह ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा, कांग्रेस कोमा में है. सभी जगहों पर कांग्रेस की हार हो रही है. हज के लिए सरकारी पैसा जाता है तो कांग्रेस को आपत्ति नहीं होती. महाकुंभ में जाने के लिए कांग्रेस को आपत्ति है. हज वालों के भरोसे कांग्रेस राजनीति कर रही है।


पक्ष-विपक्ष ने जय सनताम के लगाए नारे

चर्चा के दौरान बलौदाबाजार अग्निकांड पर सदन गरमाया. विधायक रामकुमार यादव ने जैतखाम में तोड़फोड़ मामले की जांच करने की कही बात. उन्होंने कहा, जैतखाम को तोड़ने वालों के खिलाफ आवाज उठाने वाले को जेल भेज रहे हैं. इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस दोनों तरफ से जय सतनाम के नारे लगाए गए.


उमेश पटेल ने ओपन डिबेट की दी चुनौती

राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा, बीजेपी धर्म की राजनीति करती है. हज के लिए सब्सिडी मिलती है, उसको क्यों बंद नहीं करते. आस्था के ऊपर सिर्फ प्रश्न चिन्ह ही लगाते रहेंगे. उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ प्रभु राम का ननिहाल है, यहां कौशल्या माता का मंदिर बनवाया. सभी भाजपा के नेताओं को आमंत्रित किया गया था, कोई नहीं गया. उमेश पटेल ने बीजेपी को ओपन डिबेट करने की चुनौती भी दी. कांग्रेस विधायक रामकुमार यादव ने सरकार को 5 साल बाद पता चलने की बात कही. इस पर केदार कश्यप ने तंज कसते हुए कहा, इधर से आलू निकलते हैं, उधर से सोना, उसको समझा दीजिएगा.

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शराब घोटाला : पूर्व आबकारी मंत्री लखमा को नहीं मिली राहत, जमानत याचिका पर हुई सुनवाई, हाईकोर्ट ने ACB-EOW से मांगा जवाब

बिलासपुर-  शराब घोटाले मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा जेल में बंद हैं। अग्रिम जमानत के लिए हाइकोर्ट में दायर याचिका पर आज जस्टिस अरविंद वर्मा की बैंच में सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा, जिस पर कोर्ट ने ACB-EOW को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं अगली सुनवाई की तारीख 13 मार्च 2025 तय की है।

बता दें कि कवासी लखमा की अग्रिम जमानत की याचिका ईओडब्ल्यू की स्पेशल कोर्ट में पहले ही खारिज की जा चुकी है। पूर्व मंत्री लखमा की ओर से वकील ने उन्हें निर्दोष बताते हुए झूठे मामले में फंसाने और परेशान करने का आरोप लगाया था। साथ ही ईडी को छापेमारी के दौरान उनके घर से पैसा और आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिलने की जानकारी दी थी, वहीं ईओडब्ल्यू की ओर से इस मामले में कवासी लखमा पर शराब घोटाले में हर महीने 50 लाख रुपए कमीशन सहित करीब दो करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाते हुए अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने की मांग की थी।

कथित शराब घोटाला मामले में ED ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा को 21 जनवरी को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया था। रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इस दौरान ED के वकील ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए कहा था कि लखमा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें जेल भेजा जा सकता है। कोर्ट में ED के वकील ने लखमा पर आरोप लगाया कि उनका नाम इस शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है। ऐसे में जांच में उनका सहयोग करना जरूरी है।

लखमा को माना जा रहा सिंडिकेट का अहम हिस्सा

ईडी का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वहीं ED ने यह भी कहा है कि शराब नीति बदलने में कवासी लखमा की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। यही नहीं ED ने यह भी बताया कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रहे घोटाले की पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसे रोकना जरूरी नहीं समझा। इसके चलते उन्हें आरोपी के तौर पर देखा गया है। फिलहाल अपनी अग्रिम जमानत याचिका के लिए लखमा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी.

मलकीत सिंह से ED पांच घंटों से कर रही पूछताछ, इधर कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी कार्यकर्ता

रायपुर- सुकमा और कोंटा में बने कांग्रेस भवन के संबंध में जानकारी लेकर पहुंचे कांग्रेस महामंत्री मलकीत सिंह गेंदू से ईडी पांच घंटे से पूछताछ कर रही है. वहीं दूसरी ओर ईडी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय की जांच की मांग कर रहे हैं. 

मलकीत सिंह गेंदू ने ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए जाने से पहले मीडिया से चर्चा में बताया था कि सुकमा और कोंटा में बने कांग्रेस भवन के संबंध में चार बिंदुओं पर मांगी गई जानकारी पर 30 पन्नों का जवाब लेकर पहुंचे हैं. सुकमा और कोंटा के राजीव भवन के निर्माण का पाई-पाई का हिसाब ईडी को देंगे.

बता दें कि बीते मंगलवार को ईडी की टीम सुकमा और कोंटा में बने कांग्रेस भवन के संबंध में कांग्रेस महामंत्री मलकीत सिंह गेंदू से पूछताछ के लिए कांग्रेस मुख्यालय पहुंची थी. बंद कमरे में गेंदू से पूछताछ के बाद चार बिंदुओं में जबाव देने के लिए समन जारी आज पूछताछ के लिए बुलाया था.

बिश्रामपुर में ग्राम समन्वय सभा का आयोजन


ग्रामवासियों की उपस्थिति में हिंदूवादी संगठन, गौसेवकों के साथ मसीही समाज ने संयुक्त रूप से शांति व सद्भावना की ली शपथ


रायपुर- रायपुर-बिलासपुर मार्ग पर विश्रामपुर व गणेशपुर ग्राम के इम्मानुएल चर्च परिसर में गुरुवार को ग्राम समन्वय सभा का आयोजन छत्तीसगढ़ डायसिस की ओर से किया गया। जिसमे राष्ट्रीय बजरंग दल, गौसेवक संगठन व मसीही समाज एक मंच पर उपस्थित थे। उपस्थित जनों को गौपुत्र ओमेश बिसेन के द्वारा प्रदेश व देश के विकास, भाईचारे, शांति व सद्भावना की शपथ दिलाई गई। उन्होंने गौ-माता के महत्व को प्रतिपादित करते हुए मसीही समाज के साथ मिलकर समन्वय बनाकर सेवा करने का संदेश दिया।

सामूहिक संकल्प - शपथ में उपस्थितजनों ने दाहिना हाथ बढ़ाकर कहा कि, हम छत्तीसगढ़ की पावन धरा के इस हिस्से में आज उपस्थित हैं। सृष्टिकर्ता ईश्वर की उपस्थिति में एक-दूसरे को साक्षी स्वीकार कर यह संकल्प लेते हैं कि हम अपने राज्य की एकता, अखंडता, अमन, शांति, एवं विकास के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करेंगे। राष्ट्र के प्रति अपने प्रेम को मानव जाति सेवा के द्वारा, प्रमाणित करेंगे। एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। ऐसे कार्य जो समाज विरोधी देश व संविधान के विपरीत होंगे और जो हमारे राज्य में प्रतिबंधित हैं उसका पूर्ण बल एवं साहस से निर्भिक भाव से विरोध करेंगे। इस क्षेत्र को जहां हम निवास करते हैं। सुदृढ़ता प्रदान करेंगे। शासन व प्रशासन को पूर्ण सहयोग करेंगे। इस मौके पर डायसिस के सचिव नितिन लॉरेंस, उपाध्यक्ष पादरी समीर फ्रेंकलीन, कोषाध्यक्ष जयदीप राबिंसन समेत पादरीगण शामिल हुए। गौ-पुत्र संगठन के प्रांतीय पदाधिकारी ओमेश बिसेन के साथ राष्ट्रीय बजरंग दल के महामंत्री विक्रांत शर्मा, अभिषेक तिवारी जिला अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद बलौदा बाजार,रवि वर्मा जिला संयोजक बजरंग दल शामिल हुए। विश्रामपुर ग्राम की सरपंच अर्चना वानी व ग्राम गणेशपुर की सरपंच रेशु मसीह इम्मानुएल चर्च विश्रामपुर के पादरी आशीष वानी व सचिव अमित दास विशेष रूप से उपस्थित थे।

समन्वय सभा में प्यारा हिंदुस्तान हमारा प्यारा हिंदुस्तान..., प्यार करते हैं भारत से... जैसे देशभक्त के गीतों तथा भारतमाता व छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारों से परिसर गूंजता रहा। पादरी सुबोध कुमार ने असतो मां सदगमय, तमसो मां ज्योतिर्गमय। मृतो-मामृत गमय.. से की। उन्होंने कविता पाठ भी किया - मोहब्बत करते हैं भारत से। कार्यक्रम का समापन भी राष्ट्रगान जन गण मन से हुआ। ओमेश बिसेन ने समन्वय सभा के मंच से चर्च परिसर में पर्यावर्णीय वातावरण की तारीफ की। पादरी फ्रेंकलीन ने मसीही समाज के उदभव व सेवाओ का जिक्र किया। कोषाध्यक्ष राबिंसन ने एकता के प्रयास की सराहना करेत हुए पेंड्रा में डायसिस द्वारा पहली गौशाला प्रारंभ करने की जानकारी दी। डायसिस के प्रवक्ता जॉन राजेश पॉल ने देश के संविधान के पालन और देश के विकास में मसीही समाज के योगदान को प्रतिपादित किया। उन्होंने भारत व छत्तीसगढ़ की संस्कृति परंपराओ के साथ धर्मों व समाज के समन्वय की सुदृढ़ नींव का जिक्र करते हुए कहा कि यही देशवासियों की ताकत है। इसी वजह से विदेशी हमले व दूसरे राष्ट्र हम पर प्रबल नहीं हो पाते हैं। संचालन डीकन मनशीष केजू ने किया।

सभा में पादरी शमशेर सामुएल, पादरी सैमसन सैमुएल, पादरी हेमंत तिमोथी, पादरी असीम प्रकाश विक्रम, पादरी सुशील मसीह, पादरी, स्वपनिल रामा, पादरी सुनील कुमार, पादरी अब्राहम दास, पादरी इम्मानुएल मसीह, पादरी आकाश किरण डेविड, डीकन जीवन मसीह दास, पादरी पवन सैमुएल, जॉन सिंग, अनिल मसीह, नवीन मसीह, शांत सेत, डीके दानी, अलका लाल, एडवोकेट वैभव इफ्राहीम, बसंत सिंग, समन्वय सालोमन, प्रतीक जॉन, गजेंद्र दान, विजय सूता, समीर मार्डिकल, सनी सालोमन, प्रज्ञा लाल, आदि भी शामिल हुए।

कार्यक्रम के समापन पर डायसिस सचिव नितिन लॉरेंस ने जिला एसपी,पुलिस प्रशासन को विशेष धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री, गृहमंत्री का आभार जताया जिनके कुशल नेतृत्व के चलते बिश्रामपुर से देश मे एकता व शांति का सन्देश जा रहा जिसमें हिंदूवादी संगठन के गौसेवक, राष्ट्रीय बजरंग दल के साथ मसीही समाज एक मंच पर साथ आकर गौसेवा का संकल्प लेकर साथ कार्य कर रहे है।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर का उद्योग मंत्री से सवाल- ‘कितनी कंपनियों के साथ किया MOU, कितना किया निरस्त, कितनों को मिला रोजगार’

रायपुर- विधानसभा के बजट सत्र में छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न कंपनियों से हुए एमओयू पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल किया. उन्होंने पूछा कि कितनी कंपनियों के साथ एमओयू किए गए, और इनमें से कितने निरस्त कर दिए गए. उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि वर्ष 2019 से 2023 के दौरान 218 एमओयू किए गए, जिनमें से जमीन पर कोई काम नजर नहीं आने पर 26 एमओयू निरस्त किए गए. 

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांकन से सवाल किया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने किन-किन उद्योग-कंपनियों के साथ कब-कब और कितनी राशि का एमओयू किया. इनमें से कितनी राज्य, देश अथवा विदेश की कंपनियां हैं. इनमें से कितने एमओयू को निरस्त किया गया है.

इसके साथ ही इन कंपनियों को उद्योग लगाने के लिए किस जिले में कितनी शासकीय अथवा निजी भूमि आबंटित की गई. इनमें से कितनी कंपनियों ने उत्पादन प्रारंभ कर दिया है, और कितनी कंपनियों ने कार्य प्रारंभ नहीं किया है. इसके साथ ही कितने रोजगार के पद सृजित किए जाने थे, और छत्तीसगढ़ के कितने लोगों को रोजगार प्रदान किया गया.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने जवाब में बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक छत्तीसगढ़ सरकार ने विभिन्न उद्योग कंपनियों के साथ कुल 218 एमओयू निष्पादित किए गए हैं, जिनमें कुल प्रस्तावित पूंजी निवेश राशि 1,27,922.54 करोड़ रुपए है.

निष्पादित एमओयू में से 162 राज्य के, 54 राष्ट्रीय तथा 02 विदेशी कंपनियां है. वहीं इस अवधि के कुल 26 एमओयू निवेशकों के अनुरोध पर अथवा समयावधि में कोई भी प्रभावी कदम नहीं उठाने के कारण निरस्त किए गए हैं. इन 218 कंपनियों में से कुल 34 कंपनियों को औद्योगिक प्रयोजन के लिए कुल रकबा 702.236 हेक्टेयर भूमि लैंड बैंक से सीएसआईडीसी लिमिटेड द्वारा आबंटित की गई है. इसमें शासकीय भूमि रकबा 594.088 हेक्टेयर और निजी भूमि रकबा 108.148 हेक्टेयर शामिल है,

इन कंपनियों में से 53 कंपनियों ने स्थापित उद्योगों में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ कर दिया गया है.27 कंपनियों के उद्योग निर्माणाधीन है, वहीं 80 कंपनियों में उद्योग स्थापना के लिए क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया गया है. शेष 32 कंपनियों द्वारा स्थल चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

मंत्री ने बताया कि निष्पादित 218 कंपनियों में 1,38,509 व्यक्तियों को रोजगार दिया जाना प्रस्तावित है. उद्योग प्रारंभ होने वाली इकाईयों में छत्तीसगढ़ के 16647 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया तथा उत्पादनरत इकाइयों में 16409.04 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश किया गया है.

विधानसभा में गूंजा सिटी बस संचालन का मुद्दा, मूणत ने कहा- निगम के पास 30 प्रतिशत बसें भी नहीं बची, इसे गंभीरता से ले सरकार…

रायपुर- विधानसभा में गुरुवार को सिटी बस संचालन का मुद्दा उठा. विधायक राजेश मूणत ने कहा कि केंद्र सरकार के संसाधन से शहर में सिटी बस का संचालन शुरू हुआ. लेकिन दुर्भाग्य से आज बेहतर ढंग से सिटी बस का संचालन नहीं हो रहा. निगम के पास जितनी बसें थीं, उसमें से 30 प्रतिशत बसें भी नहीं बची हैं. सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. 

विधायक राजेश मूणत से सवाल किया कि क्या यह सही है कि रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, सरगुजा, कोरिया तथा बस्तर शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सोसायटी बनाकर सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है ? क्या यह भी सही है कि योजना प्रारंभ के समय कुल 378 बसें संचालित थीं. लेकिन अब मात्र 106 संचालित हैं ? अगर हां, तो शेष 272 बसों की वर्तमान में क्या स्थिति है? अगर 272 बसें खराब हैं, तो उन्हें सुधरवाने की जिम्मेदारी किसकी है ? क्या इसकी समीक्षा की गई ? यदि नहीं, तो क्यों?

विधायक के सवालों का जवाब देते हुए डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि यह सच है कि रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, सरगुजा, कोरिया तथा बस्तर शहर में अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी बनाकर सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है. यह भी सच है कि योजना शुरू होने के समय कुल 378 बसें सोसायटियों द्वारा संचालित की जा रही थी, जिनमें से वर्तमान में 103 बसें ही संचालित हैं. शेष असंचालित 275 बसों के मूल्यांकन संबंधित सोसायटियों द्वारा की जा रही है.

डिप्टी सीएम साव ने आगे कहा कि खराब बसों को सुधारवाने की जिम्मेदारी संबंधित अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी द्वारा अनुबंधित संचालन एजेंसी की है. सोसायटियों द्वारा अनुबंधित एजेंसियों को आवश्यक मरम्मत उपरांत सिटी बसों का नियमित संचालन किए जाने लगातार समीक्षा कर निर्देशित किया जा रहा है.

15 साल बाद नगर निगम में बीजेपी की वापसी: CM साय की मौजूदगी में नवनिर्वाचित महापौर मीनल चौबे समेत सभी 70 पार्षदों ने ली पद की शपथ

रायपुर-  राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब स्थित इंडोर स्टेडियम में आज नगर निगम की नवनिर्वाचित महापौर मीनल चौबे समेत सभी 70 पार्षदों ने शपथ ली। इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, सहित रायपुर के विधायक और सांसद भी मौजूद रहे।

15 साल बाद रायपुर नगर निगम में बीजेपी का मेयर

रायपुर नगर निगम में 15 साल बाद बीजेपी की वापसी हुई है। निगम मुख्यालय बनने के बाद लगातार तीन कार्यकाल तक कांग्रेस का कब्जा रहा। किरणमयी नायक (2010-2015), प्रमोद दुबे (2015-2019), और एजाज ढेबर (2019-2024) कांग्रेस के महापौर रहे। अब मीनल चौबे के मेयर बनने के साथ ही बीजेपी को शहर सरकार में फिर से एंट्री मिल गई है। उन्होंने कांग्रेस की दीप्ती दुबे को 1 लाख 53 हजार 290 वोटों के अंतर से हराया है।

रायपुर शहर के 70 वार्डों में 60 में बीजेपी की जीत

शहर के 70 वार्डों में बीजेपी के 60 पार्षद प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। जबकि कांग्रेस के 7 और 3 निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत का स्वाद चखा है।

शहर के 70 वार्ड में इनकी हुई जीत, देखें वार्डवार लिस्ट..

  1. संदीप साहू ( कांग्रेस )
  2. भगतराम हरवंश ( भाजपा)
  3. डॉ. मनमोहन मनहरे ( भाजपा)
  4. नंद कुमार साहू ( भाजपा)
  5. अंबिका साहू ( भाजपा)
  6. खगपति सोनी ( भाजपा)
  7. खेमकुमार सेन ( भाजपा)
  8. सावि​त्री धीवर ( निर्दलीय)
  9. गोपेश कुमार साहू ( भाजपा)
  10. देवदत्त द्विवेदी ( भाजपा)
  11. मोहन साहू ( भाजपा)
  12. साधना प्रमोद साहू ( भाजपा)
  13. महेंद्र खोडियार ( भाजपा)
  14. सूर्यकांत राठौर ( भाजपा)
  15. राजेश देवांगन ( भाजपा)
  16. गज्जू साहू ( भाजपा)
  17. प्रमिला साहू ( भाजपा)
  18. सोहन साहू ( भाजपा)
  19. प्रीतम ठाकुर ( भाजपा)
  20. अमन ठाकुर ( भाजपा)
  21. गायत्री सुनील चंद्राकर ( भाजपा)
  22. मीना ठाकुर ( भाजपा)
  23. रोनिता जगत प्रकाश ( कांग्रेस )
  24. दीपमनीराम साहू ( कांग्रेस )
  25. भोलाराम साहू ( भाजपा)
  26. रामहीन कुर्रे ( भाजपा)
  27. अवतार सिंह बागल ( भाजपा)
  28. कृतिका जैन ( भाजपा)
  29. कैलाश बेहरा ( भाजपा)
  30. राजेश कुमार गुप्ता ( भाजपा)
  31. पुष्पा रोहित साहू ( भाजपा)
  32. प्रभा मनोज विश्वकर्मा ( भाजपा)
  33. प्रदीप कुमार वर्मा ( भाजपा)
  34. आकाश तिवारी ( निर्दलीय)
  35. शेख मुशीर ( कांग्रेस )
  36. श्वेता विश्वकर्मा ( भाजपा)
  37. दीपक जायसवाल ( भाजपा)
  38. आनंद अग्रवाल ( भाजपा)
  39. सुमन अशोक पांडेय ( भाजपा)
  40. आशु चंद्रवंशी ( भाजपा)
  41. सरिता दुबे ( भाजपा)
  42. अंबर अग्रवाल ( भाजपा)
  43. अजय साहू ( भाजपा)
  44. मुरली शर्मा ( भाजपा)
  45. अर्जुमन एजाज ढेबर ( कांग्रेस )
  46. संजना संतोष हियाल ( भाजपा)
  47. संतोष साहू ( भाजपा)
  48. महेश ध्रुव ( भाजपा)
  49. अनामिका सिंह ( भाजपा)
  50. गायत्री नौरंगे ( भाजपा)
  51. रेणु जयंत साहू ( कांग्रेस )
  52. विनय पंकज निर्मलकर ( भाजपा)
  53. मनोज जांगड़े ( भाजपा)
  54. सुषमा तिलक साहू ( भाजपा)
  55. विनय प्रताप सिंह ध्रुव ( भाजपा)
  56. सचिन मेघानी ( भाजपा)
  57. अमर गिदवानी ( भाजपा)
  58. स्वप्निल मिश्रा ( भाजपा)
  59. अंजलि जितेंद्र गोलछा ( भाजपा)
  60. रमेश सपहा ( भाजपा)
  61. रवि सोनकर ( भाजपा)
  62. बद्री प्रसाद गुप्ता ( भाजपा)
  63. प्रमोद कुमार साहू ( भाजपा)
  64. मनोज वर्मा ( भाजपा)
  65. जयश्री नायक ( कांग्रेस )
  66. कृष्णा सोनकर ( निर्दलीय)
  67. ममता तिवारी ( भाजपा)
  68. दुर्गा यादराम साहू ( भाजपा)
  69. महेंद्र औसर ( भाजपा)
  70. अर्जुन यादव ( भाजपा)।
नक्सली हमले में घायल जवान को मिली राहत, सुकमा ट्रांसफर पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

बिलासपुर- नक्सली हमले में घायल जवान के सुकमा ट्रांसफर पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. आरक्षक दिनेश ओगरे को 2016 में बीजापुर में गोली लगी थी. 2018 में उनका एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें वह घायल हो गया था. उनके पैर में स्टील रॉड लगी थी. उन्होंने डीजीपी सर्कुलर का हवाला देकर अपने ट्रांसफर को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. इस पर कोर्ट ने स्थानांतरण और रिलीविंग आदेश पर रोक लगा दी है.

ग्राम नागरदा, जिला-सारंगढ़ निवासी दिनेश ओगरे दूसरी बटालियन, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल सकरी में आरक्षक (कॉन्सटेबल) के पद पर पदस्थ था. सेनानी, दूसरी वाहिनी ने आदेश जारी कर दिनेश ओगरे का स्थानांतरण सकरी, जिला-बिलासपुर से एफ कम्पनी सुकमा स्थानांतरण कर दिया था. उक्त स्थानांतरण (ट्रान्सफर) आदेश से क्षुब्ध होकर दिनेश ओगरे ने हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं स्वाति सराफ के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर कर स्थानांतरण आदेश को चुनौती दी थी.

अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं स्वाति सराफ ने हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया कि पूर्व में वर्ष 2016 में याचिकाकर्ता पामेड़, जिला-बीजापुर में कान्सटेबल के पद पर पदस्थ था. हेलीपेड सुरक्षा के दौरान नक्सलियों द्वारा की गई गोलाबारी में याचिकाकर्ता के सिर में गोली लगी थी एवं वह गंभीर रूप से घायल हुआ था. इसके साथ ही वर्ष 2018 में याचिकाकर्ता का एक मेजर एक्सीडेन्ट होने के कारण उसके बाएं पैर में स्टील की रॉड लगी है. उसे तेज चलने एवं दौड़ने में दिक्कत होती है. चूंकि जिला-सुकमा एक अति संवेदनशील एवं घोर नक्सली जिला है, चूंकि आवेदक की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति घोर नक्सली जिले में सेवा देने योग्य नहीं है. यदि याचिकाकर्ता घोर नक्सली जिला-सुकमा में ज्वाईन करता है तो नक्सलियों के टारगेट में होने के कारण याचिकाकर्ता की जान को खतरा है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने पूर्व में 03.09.2016 को विशेष आसूचना शाखा, पुलिस मुख्यालय एवं 18.03.2021 को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), पुलिस मुख्यालय रायपुर द्वारा जारी सर्कुलर का हवाला दिया, जिसमें यह प्रावधान है कि नक्सली हमले में घायल जवानों से उनकी शारीरिक क्षमतानुसार कार्य लिया जाना चाहिए. ऐसे जवानों की पदस्थापना घोर नक्सली जिले में नहीं किया जाना चाहिए. इसके साथ ही समय-समय पर उनके स्वास्थ्य के संबंध में समुचित जानकारी प्राप्त किया जाना चाहिए परंतु याचिकाकर्ता के मामले में सेनानी दूसरी बटालियन ने इस वर्णित सर्कुलर का घोर उल्लंघन करते हुए याचिकाकर्ता का घोर नक्सली जिला-सुकमा में स्थानांतण कर दिया था. उच्च न्यायालय, बिलासपुर ने उक्त रिट याचिका की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता का जिला-सुकमा के लिए जारी स्थानांतरण आदेश एवं रिल्हीविंग आदेश पर स्टे लगा दिया.

मांगें पूरी नहीं होने से पेंशनर्स महासंघ नाराज, 4 मार्च को जल संसाधन विभाग का करेंगे घेराव, जानिए क्या है प्रमुख मांगें…

रायपुर-  मांगों की अनदेखी के चलते पेंशनर्स महासंघ नाराज हैं. विभागीय भविष्य निधि में जमा राशि का ब्याज सहित भुगतान करने समेत 9 सूत्रीय मांगों को लेकर पेंशनर्स महासंघ 4 मार्च को जल संसाधन विभाग का घेराव करेगा. इसे लेकर राजधानी में पेंशनरों की बैठक हुई.

पेंशनर्स महासंघ के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव की अध्यक्षता में बुधवार को राजधानी में बैठक हुई, जिसमें जल संसाधन विभाग की 9 सूत्रीय मांगों को लेकर 4 मार्च को प्रदर्शन करने की रणनीति पर चर्चा की गई. दैनिक वेतनभोगी सेवानिवृत्त कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अनिल पाठक ने बताया कि जल संसाधन विभाग में 31 दिसंबर 1988 के पूर्व नियुक्त तृतीय व चतुर्थ वर्ग के सेवानिवृत्त दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लंबित प्रकरणों की अनदेखी की जा रही है. विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. इसके कारण वरिष्ठ नागरिक पेंशनरों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

ये हैं प्रमुख मांगें

  • दिसंबर 1988 के पूर्व से नियुक्त दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की संपूर्ण सेवा अवधि को नियमित किया जाए.
  • दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के सेवाकाल की गणना कर उपादान प्रदान किया जाए.
  • नियमित एवं कार्यभारित स्थापना के कर्मचारियों को 300 दिन का अवकाश नकदीकरण भुगतान हो.
  • अंशदायी पेंशन योजना के सदस्यों का विभागीय भविष्य निधि में जमा राशि का ब्याज सहित भुगतान किया जाए.


नवनिर्वाचित महिला सरपंच का निधन, गांव में पसरा मातम

जांजगीर चांपा-  बलौदा ब्लाॅक के बेहराडीह में नवनिर्वाचित महिला सरपंच का निधन होने से गांव में शोक की लहर है. नम आंखों से ग्रामीणों ने सरपंच को विदाई दी. उनका अंतिम संस्कार आज गांव में किया गया. बता दें कि 24 फरवरी को जीत के बाद नवनिर्वाचित सरपंच भगवती मरकाम ने आभार रैली निकाली थी, इस दौरान उनकी तबियत अचानक बिगड़ी थी.

जानकारी के मुताबिक, 23 फरवरी की रात पंचायत चुनाव के परिणाम की घोषणा हुई थी. इस चुनाव में भगवती चंद्रकुमार मरकाम सरपंच निर्वाचित हुई. जीत की खुशी में 24 फरवरी को गांव में आभार रैली निकाली गई. रैली के दौरान सरपंच भगवती की तबियत बिगड़ गई. उन्हें बिलासपुर अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. 26 फरवरी की शाम डाक्टर ने उसे मृत घोषित किया. सरपंच के निधन के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है.