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बांग्लादेश एयरलाइंस के प्लेन की नागपुर में इमरजेंसी लैंडिंग, जानें क्यों मचा हड़कंप

#bangladesh_airlines_plane_emergency_landing_at_nagpur

ढाका से दुबई जा रहे बांग्लादेश एयरलाइंस के एक प्लेन की नागपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई है।बताया जा रहा है कि विमान में 396 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे। यह मामला बुधवार देर रात्रि का है।

विमान बांग्‍लादेश एयरलाइंस के इस एयरक्राफ्ट ने बतौर पैसेंजर फ्लाइट ढाका एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। इस फ्लाइट को करीब साढ़े पांच घंटे का सफर तय कर दुबई में लैंड होना था।जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश एयरलाइन के इस विमान में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसके बाद इसको नागपुर एयरपोर्ट पर लैंड कराना पड़ा।

नागपुर एयरपोर्ट डायरेक्टर आबिद रूही ने आज तक को बताया है कि ढाका से दुबई जा रहे बांग्लादेश एयरलाइंस के प्लेन में तकनीकी खराबी की सूचना मिली थी।इसके बाद इस प्लेन की बाबासाहेब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग कराई गई। लैंडिंग के बाद प्लेन में सवार सभी यात्रियों को उतार लिया गया है।

पनामा ने अमेरिका द्वारा जारी निर्वासन प्रयासों के बीच 98 निर्वासितों को डेरियन शिविर में भेजा

पनामा ने अमेरिका से प्राप्त विभिन्न देशों के 98 निर्वासितों को बुधवार को अपने डेरियन प्रांत के शिविर में स्थानांतरित कर दिया, यह क्षेत्र हाल के वर्षों में दक्षिण अमेरिका से अमेरिकी सीमा तक यात्रा करने वाले प्रवासियों के लिए मुख्य मार्ग बन गया है, एक सरकारी अधिकारी ने कहा। डेरियन भेजे गए प्रवासियों ने स्वेच्छा से अपने देशों में वापस जाने से इनकार कर दिया था और उन्हें तब तक वहीं रखा जाएगा जब तक कि उन्हें लेने के लिए कोई तीसरा देश नहीं मिल जाता, स्थिति से परिचित पनामा के अधिकारी ने कहा।

वे अमेरिकी सरकार द्वारा पनामा भेजे गए 299 प्रवासियों के एक बड़े समूह का हिस्सा थे, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का प्रशासन निर्वासन में तेजी लाने का प्रयास कर रहा है। अन्य लोग पनामा सिटी के एक होटल में पुलिस की निगरानी में अपने देशों की यात्रा व्यवस्था की प्रतीक्षा कर रहे थे। पनामा सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि उन्हें हिरासत में लिया गया है, लेकिन वे पुलिस की निगरानी में हैं और उन्हें होटल से बाहर जाने की अनुमति नहीं है।

पनामा की राष्ट्रीय आव्रजन सेवा ने बुधवार को पहले घोषणा की थी कि एक प्रवासी, एक चीनी महिला, होटल से भाग गई थी, लेकिन बाद में अधिकारियों ने उसे फिर से पकड़ लिए जाने की सूचना दी। सुरक्षा मंत्री फ्रैंक अब्रेगो ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि उसे उत्तरी पनामा-कोस्टा रिका सीमा पर एक प्रवासी प्रसंस्करण सुविधा के पास छोड़ दिया गया था, जो अमेरिका की ओर जाने वाले प्रवासियों के लिए एक उच्च पारगमन बिंदु है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं था कि वह पनामा में मिली थी या कोस्टा रिका में, उन्होंने उसके संक्षिप्त भागने के लिए "मानव तस्करों" को दोषी ठहराया।

मुख्य रूप से एशियाई देशों से निर्वासित लोग पनामा में एक तरह की अनिश्चितता में हैं, क्योंकि मध्य अमेरिकी राष्ट्र उन प्रवासियों के लिए पारगमन बिंदु के रूप में सेवा करने के लिए सहमत हो गया है, जिन्हें ट्रम्प प्रशासन के लिए सीधे उनके देशों में निर्वासित करना मुश्किल है।

अब्रेगो ने मंगलवार को कहा था कि 171 प्रवासी अपने मूल देशों में लौटने के लिए सहमत हो गए हैं, हालांकि उन्होंने कोई विशिष्ट समयसीमा नहीं बताई। उन्होंने यह भी बताया कि एक आयरिश नागरिक को पहले ही वापस भेज दिया गया है। शेष प्रवासियों को कोलंबियाई सीमा के पास घने जंगलों वाले क्षेत्र डेरियन गैप के पास एक अस्थायी प्रवास सुविधा में भेजा जाएगा, जब तक कि यह स्पष्ट न हो जाए कि उन्हें कहाँ भेजा जाएगा। इस क्षेत्र का उपयोग ऐतिहासिक रूप से वेनेजुएला और अन्य देशों के प्रवासियों द्वारा उत्तर की ओर अमेरिका की यात्रा करने के लिए किया जाता रहा है।

रेखा गुप्ता बीजेपी की मास्टरस्ट्रोक, इसके पीछे छिपा है ये सियासी संदेश

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बीजेपी ने दिल्ली फतह के बाद अब नया दांव चला है। रेखा गुप्ता को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाकर।रेखा गुप्‍ता को द‍िल्‍ली का सीएम चुनते वक्‍त बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने साधे।मुख्यमंत्री पद की रेस में अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा से लेकर दिल्ली के अनुभवी नेता विजेंद्र गुप्ता जैसे कई दिग्गजों के नाम चल रहे थे। बावजूद इसके पार्टी ने रेखा गुप्ता पर दांव लगाया। बीजेपी ने महिला मुख्यमंत्री बनाकर ना सिर्फ महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का संदेश दिया है, बल्कि वैश्य समाज और मिड‍िल क्‍लास को भी साधने की कोशिश की है।

आखिरी बार जब सन् 1998 में दिल्ली में बीजेपी की सरकार थी, तब भी यहां सुषमा स्वराज के तौर पर महिला मुख्यमंत्री थीं. अब पार्टी ने लंबे वनवास के बाद एक बार फिर से दिल्ली की कमान महिला को सौंपा है तो इसका संकेत साफ है। दिल्ली एक ऐसा राज्य है, जहां महिला मतदाता बड़ी संख्या में हैं और उनका झुकाव अब तक आम आदमी पार्टी की ओर ज्यादा रहा है। बीजेपी को यह एहसास हो गया था कि अगर उसे दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत करनी है तो महिला नेतृत्व को आगे लाना होगा। इसके अलावा, अगर हम बीजेपी के दूसरे शासित राज्यों पर नजर डालें तो हर जगह पुरुष मुख्यमंत्री हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात समेत हर जगह बीजेपी ने पुरुष नेताओं को सीएम बनाया है। ऐसे में दिल्ली में महिला को मुख्यमंत्री बनाना सिर्फ संयोग नहीं बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है, जिससे महिला मतदाताओं को यह संदेश दिया जा सके कि बीजेपी महिला नेतृत्व को बढ़ावा दे रही है।

रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर बीजेपी ने दिल्ली में करीब 7 फीसदी वैश्य वोट है। रेखा गुप्ता वैश्य समुदाय से आती हैं। दिल्ली में बनिया होने के नाते भी अरविंद केजरीवाल के प्रति वैश्य वोट का झुकाव रहा है। अब रेखा गुप्ता के सीएम बनने से तस्वीर बदल सकती है। इसके अलावा एक खास संयोग यह भी देखें कि बनिया समुदाय से आने वाली रेखा गुप्ता का संबंध भी हरियाणा से है तो उन्हीं के समाज से आने वाले अरविंद केजरीवाल भी हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं। यानी किसी भी मोर्चे पर बीजेपी ने मैदान को खाली नहीं छोड़ा है। आम आदमी पार्टी फिलहाल इस राजनीति में बहुत पीछे रह गई है। बीजेपी सभी मोर्चे पर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को उन्हीं की भाषा और रणनीति में घेरने और शिकस्त देने की कोशिश कर रही है।

ठीक इसी तरह द‍िल्‍ली में मिड‍िल क्‍लास की आबादी लगभग 45% मानी गई है। मध्‍यम वर्ग इस बात से नाखुश रहता था क‍ि सरकारें सिर्फ गरीबों पर फोकस करती हैं, उनके ल‍िए कोई नहीं है। लेकिन बजट में 12 लाख की आय को करमुक्‍त कर बीजेपी ने उन्‍हें अपना दीवाना बना ल‍िया। नतीजे में भी इसका असर दिखा। बीजेपी इस वर्ग पर अपना पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहती है।

शीशमहल' में नहीं रहेंगी दिल्ली की नई सीएम रेखा गुप्ता, बताया क्या होगा आगे का प्लान

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दिल्ली को नई सीएम मिल गई हैं। रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता चुनी गई हैं। राजधानी दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री चुनी गईं रेखा गुप्ता आज दोपहर 12:30 बजे रामलीला मैदान में सीएम पद की शपथ लेंगी। दिल्ली सीएम चुने जाने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या रेखा गुप्ता ‘शीशमहल’ में रहेंगी या नहीं? इस सवाल का सीएम रेखा गुप्ता ने खुद खुलासा किया है। शपथ से पहले खुद नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ कर दिया है कि वह शीशमहल में नहीं रहेंगी।

सीएम निर्वाचित होने के बाद विभिन्न मीडिया चैनलों से बात करते हुए रेखा गुप्ता ने कहा, मैं शीशमहल में नहीं रहूंगी। शीशमहल को म्यूजियम बनाया जाएगा। वह जनता के खून-पसीने की कमाई का महल है। मैं जनता को समर्पित करूंगी। जनता जाए और उसको देखे। उनके एहसास हो कि उनका पैसा कहां खर्च हुआ है।

शालीमार बाग से विधायक रेखा गुप्ता दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के तौर पर आज शपथ लेंगी। वह दिल्ली की चौथी महिला सीएम होंगी। इनसे पहले सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी कमान संभाल चुकी हैं। शपथ ग्रहण समारोह दोपहर 12.15 रामलीला मैदान में आयोजित होगा। उनके साथ 6 मंत्री- प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंदर इंद्राज सिंह, कपिल मिश्रा और पंकज कुमार सिंह भी शपथ लेंगे। 6 मंत्रियों को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

मोदी को हराना चाहते थे बाइडेन, इसलिए कराई करोड़ों की फंडिंग”, डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा आरोप

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अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) ने भारत में खर्च करने के लिए दिए गये 21 मिलियन डॉलर लगभग 182 करोड़ रुपए के एक फंड को खारिज कर दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में वोटिंग टर्नआउट बढ़ाने के लिए अमेरिकी फंडिंग रोकने के फैसले पर एक बार फिर प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने बुधवार को बड़ा दावा करते हुए कहा कि पिछली बाइडन सरकार की ओर से किसी और को जिताने की कोशिश की जा रही थी। शायद वे (पूर्ववर्ती बाइडन सरकार) भारत में किसी और की सरकार बनवाना चाहते थे। इससे पहले ट्रंप ने भारत को दी जाने वाली अमेरिकी फंडिंग रोकने के फैसले का बचाव किया था। ट्रंप ने सवाल उठाया कि भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दिए गए, जबकि भारत के पास पहले से ही बहुत पैसा है।

ट्रंप ने एफआईआई प्रायोरिटी समिट में कहा, हमें भारत में मतदाता टर्नआउट पर 21 मिलियन डॉलर खर्च करने की आवश्यकता क्यों है? मुझे लगता है कि वे किसी और को जिताने की कोशिश कर रहे थे। हमें भारतीय सरकार को बताना होगा। यह एक पूरी तरह से नया खुलासा है। हमें भारत सरकार को बताना होगा, क्योंकि जब हम सुनते हैं कि रूस ने हमारे देश में 2 डॉलर का खर्च किया है तो यह हमारे लिए बड़ा मुद्दा बन जाता है।

बुधवार को भी ट्रंप ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिकी फंडिंग पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि 'हम भारत को 2.1 करोड़ डॉलर क्यों दे रहे थे? उनके पास पहले से ही काफी पैसा है। वे सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाले देश हैं। हम मुश्किल से उनके बाजार में अपना सामान भेज पा रहे हैं क्योंकि उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं। मैं भारत और उनके प्रधानमंत्री का सम्मान करता हूं, लेकिन भारत के चुनाव में 2.1 करोड़ की फंडिंग देने का क्या मतलब है? यहां के मतदान प्रतिशत का क्या?'

हाल ही में एलन मस्क के नेतृत्व वाले डीओजीई विभाग ने विभिन्न देशों के लिए फंडिंग रोकने की घोषणा की थी, जिसमें भारत में मतदान को बढ़ावा देने के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि भी शामिल थी। डीओजीई कहा था कि अमेरिका ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए बनाए गए 21 मिलियन डॉलर के कार्यक्रम में कटौती करने का फैसला किया है। डीओजीई अमेरिकी सरकार के खर्चे में कटौती कर रहा है। सरकारी दक्षता विभाग ने फिलहाल यूएसएआईडी द्वारा की जाने वाली अधिकतर फंडिंग पर रोक लगा दी है।डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने संघीय सरकार की लागत में कटौती करने के उद्देश्य से सरकारी दक्षता विभाग का गठन किया था।

दिल्ली में आज रेखा गुप्ता का “ताजपोशी”, ये 6 मंत्री भी लेंगे शपथ

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रेखा गुप्ता दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आज यानी 20 फरवरी को शपथ लेंगी। रामलीला मैदान में तैयारी पूरी हो चुकी है।इनके साथ इनके कैबिनेट सहयोगी भी मंत्री पद की शपथ लेंगे।

इससे पहले बुधवार शाम को दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को सर्वसम्मति से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल का नेता चुन लिया गया। पंडित पंत मार्ग स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित विधायक दल की बैठक में शालीमार बाग से विधायक रेखा गुप्ता के नाम का प्रस्ताव रखा गया। सर्वसम्मति ने प्रस्ताव पास हो गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और राष्ट्रीय मंत्री ओपी धनखड़ ने मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की।

इससे पहले भाजपा हाईकमान ने ओपी धनखड़ और रविशंकर प्रसाद को पर्यवेक्षक बनाया। बुधवार को इनकी मौजूदगी में विधायकों की राय जानी गई। इसमें रेखा गुप्ता के नाम पर सर्वसम्मति बनी। बुधवार रात भाजपा विधायक दल की नेता रेखा गुप्ता दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात करके दिल्ली में सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया। उपराज्यपाल को उन विधायकों की सूची भी सौंपी जिन्हें, पहले शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई जाएगी।

सीएम के साथ कैबिनेट के 6 मंत्री भी शपथ लेंगे

रेखा गुप्ता के साथ दिल्ली कैबिनेट के 6 मंत्री भी शपथ लेंगे। प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा का नाम भी उन लोगों की लिस्ट में शामिल है, जो आज रामलीला मैदान में पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। 6 मंत्रियों को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। एलजी यानी उपराज्यपाल वीके सक्सेना आज दोपहर 12.35 बजे नए मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल को शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह को लेकर तैयारी भी पूरी कर ली गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम केंद्रीय मंत्री, भाजपा और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम भी इसमें शामिल होंगे।

रेखा गुप्ता के साथ कौन-कौन शपथ लेंगेः-

1. प्रवेश साहिब सिंह

2. आशीष सूद

3. सरदार मंजिदर सिंह सिरसा

4. रवींद्र सिंह (इंद्रराज)

5. कपिल मिश्रा

6. पंकज कुमार सिंह

दिल्ली में मुख्यमंत्री का ऐलान, रेखा गुप्ता होंगी सीएम, विधायक दल की बैठक के बाद ऐलान

दिल्ली चुनाव परिणाम घोषित होने के 11 दिन बाद आज यानी बुधवार को अंतत: दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। वह शालीमार बाग सीट से विधायक चुनी गई हैं। विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से रेखा को नेता चुना गया। सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी के बाद रेखा दिल्ली की चौथी महिला मुख्‍यमंत्री होंगी।

भाजपा के सभी 48 नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुधवार शाम को हुई, जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। पार्टी के दोनों पर्यवेक्षक रविशंकर प्रसाद और ओम प्रकाश धनखड़ पार्टी दफ्तर में विधायकों से एक-एक करके बात की, फिर सीएम के नाम का ऐलान किया।

सीबीएसई साल में 2 बार कराएगा बोर्ड एग्जाम? फरवरी के बाद अप्रैल में दोबारा एग्‍जाम पर शिक्षामंत्री ने की चर्चा

#cbseexamstwiceayearfrom2026

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई ने बड़ा फैसला लिया है। सीबीएसई शैक्षणिक सत्र से साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने पर भी विचार कर रहा है। मिनिस्‍ट्री ऑफ एजुकेशन ने बुधवार को सीबीएसई बोर्ड सचिव और दूसरे शिक्षाविदों के साथ साल में 2 बार बोर्ड एग्‍जाम कराने को लेकर चर्चा की। अभी बोर्ड एग्‍जाम हर साल फरवरी-मार्च में होते हैं। बोर्ड दूसरी बार अप्रैल-मई में बोर्ड परीक्षाएं करा सकता है। हालांकि, ये नियम कब से लागू होगा, ये तय होना बाकी है।

सीबीएसई 2026-2027 के शैक्षणिक सत्र से एक वैश्विक पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। इन बदलावों के तहत, सीबीएसई उसी शैक्षणिक सत्र से साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने पर भी विचार कर रहा है, जिससे छात्रों को अपने सर्वोत्तम अंक सुरक्षित रखने का अवसर मिलेगा। यह नया सिलेबस मुख्य रूप विदेशी छात्रों पर केंद्रित होगा। पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप एक व्यापक सुधार योजना अनुसार लाए जा रहे इस नए पाठ्यक्रम में छात्रों को ज्यादा लचीलापन और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी शिक्षा मिलेगी।

धर्मेंद्र प्रधान ने दी जानकारी

शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सीबीएसई, एनसीईआरटी, केवीएस, नवीएस और कई स्‍कूल पदाधिकार‍ियों के साथ साल में 2 बार परीक्षाएं कराने पर चर्चा की। उन्‍होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी भी जारी की। इसमें लिखा हुआ है कि स्टूडेंट्स के लिए स्ट्रेस फ्री लर्निंग एनवायरनमेंट बनाना सरकार के लिए अहम फोकस में से एक है। एग्जामिनेशन इम्प्रूवमेंट और रिफॉर्म इस दिशा में एक जरूरी कदम है। इसे आगे बढ़ाते हुए सेक्रेटरी स्कूल एजुकेशन, सीबीएसई अध्यक्ष के साथ मंत्रालय और सीबीएसई के अन्य अधिकारियों के साथ “साल में दो बार सीबीएसई परीक्षाओं के संचालन” पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। अब इसका ड्राफ्ट स्कीम जल्द ही सीबीएसई द्वारा पब्लिक कंसल्टेशन के लिए रखा जाएगा।

स्ट्रेस फ्री लर्निंग एनवायरनमेंट पर सरकार का फोकस

इस पोस्ट में लिखा गया है कि स्टूडेंट्स के लिए स्ट्रेस फ्री लर्निंग एनवायरनमेंट क्रिएट करना सरकार के लिए अहम फोकस में से एक है। एग्जामिनेशन इम्प्रूवमेंट और रिफॉर्म इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे आगे बढ़ाते हुए, सेक्रेटरी स्कूल एजुकेशन, सीबीएसई चेयरमैन के साथ मंत्रालय और सीबीएसई के अन्य अधिकारियों के साथ साल में दो बार सीबीएसई परीक्षाओं के संचालन पर अच्छे से विचार-विमर्श किया गया। अब इसका ड्राफ्ट स्कीम जल्द ही सीबीएसई द्वारा पब्लिक कंसल्टेशन के लिए रखा जाएगा।

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क में भी दो बार बोर्ड एग्जाम कराने का प्रपोजल

पिछले साल अगस्त में शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) रिलीज किया था। एनसीएफ में भी स्टूडेंट्स को साल में दो बार बोर्ड एग्जाम देने का ऑप्शन देने की बात थी। अक्टूबर 2023 में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा था कि साल में दो बार बोर्ड एग्जाम होंगे लेकिन स्टूडेंट्स को दोनों बार एग्जाम देना जरूरी नहीं होगा। स्टूडेंट्स जब चाहें उस अटेम्प्ट में बोर्ड एग्जाम दे सकते हैं।

राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा की भड़के एकनाथ शिंदे, जानें पूरा मामला

#eknathshindeangryrahulgandhi

पूरा देश आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मना रहा है। हर साल 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाई जाती है। पीएम मोदी समेत विभिन्न नेताओं ने छत्रपति शिवाजी को उनकी जयंती पर नमन किया है। हालांकि, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी छत्रपति शिवाजी की जयंती पर ट्वीट कर के मुश्किल में फंस गए हैं। दरअसल, उन्होंने अपने ट्वीट में छत्रपति शिवाजी को श्रद्धांजलि दे दी है। जिसपर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने यह गलती जानबूझकर की है।

शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘राहुल गांधी ने यह गलती जानबूझकर की है। वह हमेशा महाराष्ट्र के महापुरुषों का अपमान करते हैं. वीर सावरकर का भी अपमान करते हैं, उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’ इस दौरान उन्होंने कहा कि, स्वरा भास्कर हो या कमाल खान या राहुल गांधी, मैं उन सभी की निंदा करता हूं जो महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं। आज पूरा देश छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मना रहा है, ऐसे में राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा?

इससे पहले छत्रपति शिवाजी की जयंती पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा- "छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन और अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अपने साहस और शौर्य से उन्होंने हमें निडरता और पूरे समर्पण के साथ आवाज़ उठाने की प्रेरणा दी। उनका जीवन हम सभी के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।"

MUDA स्कैम मामले में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को बड़ी राहत, लोकायुक्त ने दी क्लीनचिट

#karnataka_cm_siddaramaiah_gets_clean_chit_in_muda_case

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बड़ी राहत मिली है। सीएम सिद्धारमैया को मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी मुडा लैंड स्कैम केस में एंटी करप्शन वॉचडॉग लोकायुक्त की तरफ से क्लीन चिट मिल गई है। ये मामला मुआवजा के लिए हुए सिद्धारमैया की पत्नी को हुए भूमि आवंटन में कथित गड़बड़ी की शिकायत के बाद सामने आया था। एंटी करप्शन एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया था कि इस गड़बड़ी के कारण राज्य को करीब 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

जांच की फाइनल रिपोर्ट 138 दिनों की लंबी जांच के बाद बेंगलुरु मुख्यालय को सौंपी गई। लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता स्नेहमयीकृष्ण को नोटिस जारी कर कहा है कि साक्ष्य के अभाव में मामला जांच के लायक नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि साक्ष्य के अभाव में भी वो रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। इसमें वे मामले भी शामिल हैं, जिन्हें बिना जांच के खारिज कर दिया जाता है। जांच अधिकारी उन्हें सिविल प्रकृति का और जांच के लिए उपयुक्त नहीं पाया है, या तथ्यों या कानून की गलतफहमी के कारण ऐसा किया जाता है। इसमें साक्ष्य का अभाव है। यह मामला जांच के लायक नहीं है। कहा गया है कि यदि उन्हें इस रिपोर्ट पर कोई आपत्ति है तो वे नोटिस प्राप्त होने के एक सप्ताह के भीतर मजिस्ट्रेट के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

इस मामले में जांच सितंबर 2024 में शुरू हुई थी, जब बेंगलुरु में एक विशेष अदालत ने लोकायुक्त को मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी साइट आवंटन मामले की जांच का आदेश दिया था। जांच का नेतृत्व मैसूर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक टीजे उदेश ने किया। इस दौरान 100 से अधिक लोगों से पूछताछ हुई, जिनमें नौकरशाह, राजनेता, सेवानिवृत्त अधिकारी, मुडा के अधिकारी और स्वयं सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और उनके बहनोई बीएम मल्लिकार्जुन स्वामी शामिल थे। सभी बयानों की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई और इन्हें रिपोर्ट में शामिल किया गया।

बता दें कि पिछले साल एंटी करप्शन एक्टिविस्ट स्नेहमयी कृष्णा ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत को पत्र लिखकर मुकदमा चलाने की मांग की थी। आरोप है कि सिद्दरमैया की पत्नी को मैसूर के एक पॉश इलाके में प्रतिपूरक साइटें आवंटित की गईं, जिनकी संपत्ति का मूल्य उनकी भूमि के स्थान की तुलना में अधिक था, जिसे मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहीत किया गया था। मुडा ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे, जहां इसने एक आवासीय लेआउट विकसित किया था। 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार नहीं था।