रूस-अमेरिका की बातचीत से यूरोप में क्यों बढ़ी टेंशन?
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अमेरिका और रूस में यूक्रेन युद्ध को लेकर हो रही बातचीत से यूरोप टेंशन में हैं। अधिकतर यूरोपीय देश के नेता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीधे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत को लेकर नाराज हैं। नाटो देशों ने आशंका जताई है कि इस वार्ता से रूस को फायदा होगा, जबकि बाकी सभी नुकसान उठाएंगे।
सऊदी अरब में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्क रूबियो के स्तर पर हो रही है। अगर यह वार्ता सफल रही, तो यूक्रेन संकट के हल की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकती है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि यूरोपीय देश इस पहल को लेकर उत्साहित नहीं दिख रहा। वो इसलिए भी कि वो इस बैठक का हिस्सा है। सभी युद्ध खत्म करना चाहते हैं, लेकिन इसका रास्ता क्या हो—यही असली मतभेद है। सवाल यह है कि जब ट्रंप खुद शांति वार्ता को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो यूरोप इस पर संशय में क्यों है?
यूरोपीय देशों के लिए रूस केवल एक आक्रामक शक्ति नहीं है, बल्कि एक भविष्य की चिंता का नाम भी है। पोलैंड, बाल्टिक देश और जर्मनी जैसे देशों को यह डर सता रहा है कि अगर युद्ध बिना किसी ठोस शर्तों के खत्म हो गया, तो रूस अपनी विस्तारवादी नीतियों के साथ फिर से सक्रिय हो सकता है। यही कारण है कि यूरोप चाहता है कि युद्ध का अंत रूस की हार के साथ हो, ताकि रूस की सैन्य ताकत कमजोर हो सके और भविष्य में उसे फिर से चुनौती देने की स्थिति न बने।
इधर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने ट्वीट किया, कई यूरोपीय नेताओं को एक साथ लाने के बाद, मैंने अभी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और फिर राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बात की है। हम यूक्रेन में एक मजबूत और स्थायी शांति चाहते हैं। इसे हासिल करने के लिए, रूस को अपनी आक्रामकता खत्म करनी होगी और इसके साथ यूक्रेनियन के लिए मजबूत और विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी होनी चाहिए। अन्यथा, जोखिम है कि यह युद्धविराम मिन्स्क समझौते की तरह खत्म हो जाएगा। हम सभी यूरोपीय, अमेरिकियों और यूक्रेनियन के साथ मिलकर इस पर काम करेंगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह संकेत दिया था कि वह सऊदी अरब में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि रियाद में होने वाली वार्ता में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के भी भाग लेने की उम्मीद है. रुबियो की यह यात्रा पिछले हफ्ते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद हो रही है. पुतिन के साथ बातचीत में ट्रंप ने कहा था कि वे ‘अपनी-अपनी टीम द्वारा तुरंत बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए हैं’.
Feb 18 2025, 19:02