15 लाशों को एंबुलेंस में डालने वाले कुलियों ने बताया… कैसा था नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मंजर, कैसे मची भगदड़?
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 1981 से अब तक इतनी भीड़ कभी नहीं देखी. भगदड़ में लोग दब गए. हम लोगों ने 15 लाशों को एंबुलेंस बुलाकर उसमें रखा… ये बात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के दौरान मौजूद कुलियों ने बताया है. उन्होंने कहा कि वो उनके साथी अंदर आने के लिए लाइन में थे तभी चीख-पुकार मच गई. उन्होंने थोड़ा अंदर आकर देखा तो हालात बेकाबू हो चुके थे. इसके बाद कुलियों ने रास्ते बंद किए, ताकी और लोग अंदर न आएं, भीड़ न बढ़े
उन्होंने बताया कि अचानक ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदले गए, इसमें पब्लिक अचानक दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए भागने लगी. इस दौरान एस्कलेटर और सीढ़ियों पर गिर गए. जो जहां गिरा वहीं दब गया. जो गिर गए वो दोबारा उठ नहीं पाए. कुलियों ने बताया कि लाशों को देखने के बाद रात को खाना तक नहीं खाया गया. ऐसे जिंदगी में कभी नहीं देखा.
क्यों भागने लगे लोग?
14 नंबर पर दिल्ली से दरभंगा जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस आने वाली थी. ये ट्रेन पहले से लेट चल रही थी. यानी इसके पैसेंजर भी प्लेटफॉर्म पर थे. वहीं, प्रयागराज जाने वाली एक और ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर आने वाली थी, वो भी लेट चल रही थी, इस वजह से उसके पैसेंजर पर प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर मौजूद थे.
इस बीच नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इंडियन रेलवे हर घंटे प्रयागराज के लिए 1500 टिकटों की बिक्री कर रहा था. यानी हर घंटे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के अंदर प्रयागराज जाने वाले 1500 लोग एंट्री ले रहे थे. इस वजह से अंदर भीड़ खचाखच थी. दोनों ट्रेनों के इंतजार तक सब कुछ ठीक था. तभी रेलवे की तरफ से एक अनाउंसमेंट हुआ कि प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन आ रही है. यानी प्लेटफॉर्म नंबर 16 से प्रयागराज जाने वाली स्पेशल ट्रेन का ऐलान हुआ.
इसके बाद 14 नंबर प्लेटफॉर्म पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे लोग 16 नंबर पर आने वाली ट्रेन को पकड़ने के लिए दौड़े और भगदड़ मच गई. फिर क्या था, चारों तरफ चीख-पुकार. रोते-बिलखते लोग. अपनों की सांसों को वापस लाने की कोशिश में लगे लोग. जिसने भी वो मंजर देखा वो सिहर उठा.
भगदड़ के निशान से उठते सवाल?
बिना टिकट लोग अंदर कैसे पहुंचे?
भीड़ होने के बावजूद प्लेटफॉर्म बदलने की सूचना क्यों दी गई?
प्लेटफॉर्म पर आरपीएफ जवानों की संख्या कम क्यों थी?
अंदर भीड़ जमा हो रही थी तो लोगों की एंट्री रोकी क्यों नहीं गई?
नई दिल्ली स्टेशन पर तैनात रहने वाले जवानों को प्रयागराज में ड्यूटी क्यों लगाई गई?
भीड़ होने के बावजूद हर घंटे 1500 टिकटें क्यों बेची जा रही थीं?
Feb 16 2025, 11:12