/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1735358461339531.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1735358461339531.png StreetBuzz पवित्र शहर अमृतसर को बदनाम किया जा रहा… अवैध प्रवासियों के विमान की लैंडिंग पर सीएम भगवंत मान का हमला veer
पवित्र शहर अमृतसर को बदनाम किया जा रहा… अवैध प्रवासियों के विमान की लैंडिंग पर सीएम भगवंत मान का हमला

अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों के मुद्दे और अमेरिका से आ रहे विमानों के मुद्दे पर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शनिवार को बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि हमारे पवित्र शहर अमृतसर को डिटेंशन सेंटर या डिपोर्ट सेंटर नहीं बनाया जाना चाहिए. आपके पास काफी सारे एयरपोर्ट और एयरबेस हैं, वहां पर इस तरह के विमान को उतार लो. आप क्यों हमारे पवित्र शहर अमृतसर को इस तरह से बदनाम कर रहे हैं? सभी लोगों का क्रिमिनल रिकॉर्ड चेक कर लिया गया है सब सही है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी को मैं कहना चाहता हूं कि आप हम पर जो मर्जी आरोप लगा लो, लेकिन आप पंजाब में कभी सत्ता में नहीं आओगे.

उन्होंने कहा कि हमारे कल के ऐतराज के बाद आज कुछ बदलाव हुआ है. अब विमान एयरपोर्ट के टर्मिनल पर आएगा. विमान से पंजाब के 67 लोगों को उतार दिया जाएगा.

हरियाणा के लोगों को सड़क मार्ग से भेजा जाएगा

उन्होंने कहा कि हरियाणा के जो पंजाब के नजदीक के रहने वाले लोग हैं, उन्हें भी अगर सड़क मार्ग से जाना होगा तो वो भी यहां उतर जाएंगे. यहां से बाकी राज्यों के लोग एयरपोर्ट के अंदर ही रहेंगे. उनके रहने-खाने का बंदोबस्त एयरपोर्ट के अंदर ही हमने कर दिया है. इन दूसरे राज्यों के लोगों की सुबह दिल्ली के लिए फ्लाइट है.

उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी के नेता ये कह रहे हैं कि अमृतसर नजदीक पड़ता है इसलिए फ्लाइट्स को यहां उतारा जा रही हैं तो वो अमृतसर से अमेरिका की सीधी फ्लाइट क्यों नहीं शुरू करवा देते? पंजाब के लोगों का अमेरिका और कनाडा जाने का वक्त कम होगा. ये बेवजह का तर्क है क्या ट्रंप ने उस विमान में ईंधन कम डाला है जो विमान आगे कहीं नहीं उतर सकता सिर्फ अमृतसर में ही उतरेगा.

अमृतसर में विमान उतारे जाने पर मान की आपत्ति

सीएम मान ने कहा कि हमें अब तक जानकारी नहीं है कि जो लोग आ रहे हैं उनके हाथों-पैरों में बेड़ियां लगी हुई है या नहीं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को मोदी जी को ट्रंप के सामने उठाना चाहिए था.

उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के रोड से जाने वाले लोगों को यही उतार दिया जाएगा और बाकी लोगों को सुबह 6:30 बजे की फ्लाइट से दिल्ली भेजा जाएगा और वहां से वो अपने-अपने राज्यों की ओर जाएंगे.

उन्होंने कहा कि अगर अमृतसर धुंध पड़ गई तो क्या फिर इस विमान को लाहौर में उतर जाएगा. इस विमान को जयपुर या कहीं और डाइवर्ट नहीं किया जाएगा तो अब ऐसा क्यों नहीं हो सकता. इस विमान को दिल्ली उतार लो हिंडन उतार लो.

वापस लौटकर आए लोगों की करेंगे मदद

उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे पता लगा है कि केंद्र सरकार इस बात से सहमत है कि बॉर्डर एयरपोर्ट पर किसी देश का आर्मी प्लेन उतखरना सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है और अमेरिका तो हर देश पर नजर रखता है.

उन्होंने कहा कि पहले हम ये चेक करेंगे कि किन एजेंटों ने इन लोगों से झांसे में लेकर पैसे लिए, उनका पैसा रिकवर करवाने का प्रयास किया जाएगा. फिर उसके बाद जो काम ये लोग कर सकते हैं उस हिसाब से उन्हें रोजगार देने का प्रयास किया जाएगा. अगर कोई कंपटीशन का एग्जाम दे सकता है तो वो एग्जाम देकर नौकरी पर भी लग सकता है नहीं तो उसकी काबिलियत के हिसाब से उसका काम लगवाने में मदद की जाएगी.

सनातन धर्म छोड़ेंगी महामंडलेश्वर हिमांगी सखी! किन्नर अखाड़े में शुरू हुआ नया बवाल

महाकुंभ में किन्नर अखाड़े का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा. अब नया विवाद किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी के बयान से शुरू हुआ है. उन्होंने किन्नर अखाड़े में पहले से चल रहे विवाद से दुखी होकर ना केवल किन्नर अखाड़ा, बल्कि वह सनातन धर्म ही छोड़ देने की धमकी दी है. कहा कि अखाड़े के अंदर चल रहा यह विवाद अब उनके बर्दाश्त के बाहर हो गया है. ऐसे में वह जल्द ही धर्म परिवर्तन करने पर विचार करेंगी.

महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने यह बयान किन्नर अखाड़े की ही एक अन्य महामंडलेश्वर कल्याणी नंद गिरी पर हमले के बाद दिया है. हिमांगी सखी ने कहा कि उनके ऊपर इस हमले का आरोप लगा है. जबकि उनका इससे कोई वास्ता नहीं है. इससे पहले उनके खुद के ऊपर हमला हुआ था. उस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हुई थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि वह हमला खुद किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कराया था.

धर्म परिवर्तन की धमकी

उन्होंने कहा कि किन्नर अखाड़े में वर्चस्व की जंग चल रही है. जल्द से जल्द यह जंग खत्म होनी चाहिए. महामंडलेश्वर हिमांगी सखी के मुताबिक यदि यह विवाद जल्द खत्म नहीं होता तो उन्हें अखाड़े से और सनातन धर्म से बाहर होने के लिए विचार करना होगा. हिमांगी सखी ने सीधे तौर पर धर्म परिवर्तन कर लेने की भी धमकी दी है.बता दें कि बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर पहली किन्नर जगदगुरु महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने सवाल उठाया था. इसके बाद ही उनके ऊपर जानलेवा हमला हुआ.

अखाड़े में नॉनवेज और शराब पीने का आरोप

इस हमले में हिमांगी गंभीर रूप से घायल तो हुई, लेकिन उनकी जान बच गई. उन्होंने इस हमले के लिए आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और उनके साथियों पर आरोप लगाया है. वहीं ममता कुलकर्णी के एक बार महामंडलेश्वर पद छोड़ने और फिर से उसी पद पर आसीन होने को उन्होंने मजाक बयाया. कहा कि इन लोगों को धर्म और शास्त्र से कोई मतलब नहीं है. दिखावे की जिंदगी है और इन लोगों ने सनातन धर्म का भी मजाक बना दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि किन्नर अखाड़े में मांस-मदिरा का सेवन हो रहा है. कई लोग शराब के नशे में उनके शिविर में भी घुस आए थे.

तेली-कुर्मी, धोबी अधिकार…चुनाव में वक्त लेकिन पटना में शुरू हुआ रैलियों का रैला

बिहार में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है. हालांकि, अभी इसमें कुछ महीने का समय बचा हुआ है. चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों की कवायद शुरू हो गयी है. सभी राजनीतिक दल उन वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित करने में जुट गए हैं, जो उनके लिए चुनाव में मत दे सकते हैं. आलम यह है कि बिहार में रैलियों का रैला शुरू हो गया है.

पहले तेली और धोबी अधिकार रैली, अब अन्य रैलियां

कुछ दिन पहले ही राजधानी के मिलर स्कूल मैदान में तेली जाति को इकट्ठा करने के लिए तेली हुंकार रैली का आयोजन किया गया था. हालांकि, इसे एक सामाजिक रैली का नाम दिया गया था. साथ ही यह भी कहा गया था कि इसका राजनीति से कोई खास लेना देना नहीं है. लेकिन, इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव शामिल हुए और उन्होंने एक के बाद एक कई वादे भी कर दिए. तेजस्वी यादव ने कहा कि तेली समाज हमारा साथ देगा. आप लोगों को आगे बढ़ाने की चिंता हम करेंगे.

विकसित बिहार बनाने के लिए सबको साथ लेकर चलेंगे. तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव के द्वारा तेली समाज के उत्थान के लिए किए गए कामों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. खास बात यह कि इस रैली की अध्यक्षता बिहार तैलिक साहू सभा के अध्यक्ष रणवीर साहू ने की. रणविजय साहू राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रधान महासचिव होने के साथ-साथ पार्टी के विधायक भी हैं.

धोबी अधिकार रैली

इसी प्रकार राजधानी में बीती नौ फरवरी को धोबी अधिकार रैली का भी आयोजन हो चुका है. इस रैली के भी माध्यम से धोबी समाज को अपने अधिकार के प्रति जागरूक करने की कोशिश की गई. इस रैली को भी इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.

कुर्मी एकता रैली

तेली रैली और धोबी अधिकार रैली अभी खत्म ही हुई थी कि अब राजधानी का मिलर स्कूल का मैदान फिर एक रैली का गवाह बनने जा रहा है. दरअसल, अब इस मैदान में एक रैली का आयोजन आगामी 19 फरवरी को किया जाएगा. इसे कुर्मी एकता रैली का नाम दिया गया है. खास बात यह कि इस रैली में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती का भी जिक्र किया गया है.

संभवत: बिहार की राजनीति में यह पहला मौका है, जब छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम किसी रैली में लिया गया है. इस रैली को लेकर के राजधानी में जो पोस्टर लगाए गए हैं, उनमें छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ ही सीएम नीतीश कुमार, सरदार वल्लभभाई पटेल के अलावा अन्य लोगों की तस्वीरें हैं. इस रैली के पोस्टर को प्रदेश जदयू कार्यालय के मेन गेट पर तो लगाया ही गया है, राजधानी में कई जगह पर इसके पोस्टर लगाए गए हैं.

हम पार्टी करेगी दलित समागम

राज्य और केंद्र सरकार में एनडीए की सहयोगी घटक दल हिंदुस्तानी एवं मोर्चा यानी हम पार्टी ने भी इसी माह में समागम करने का फैसला किया है. इसका आयोजन राजधानी के गांधी मैदान में किया जाएगा. इस रैली को सफल बनाने के लिए पार्टी की तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है. पार्टी का मानना है कि इस दलित समागम में पूरे राज्य के कोने-कोने से हम पार्टी के समर्थक हिस्सा लेंगे.

नागमणि भी कर रहें रैली

बिहार लेनिन के नाम से प्रसिद्ध शहीद जगदेव प्रसाद के बेटे और अटल सरकार में मंत्री रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि भी रैली की तैयारी में है. नागमणि कोइरी आक्रोश रैली के नाम से रैली करेंगे. उनका दावा है कि इस रैली में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल होंगे. इस रैली का आयोजन राजधानी के गांधी मैदान में इसी महीने 23 तारीख को किया जाएगा. नागमणि लंबे समय तक किसी भी राजनीतिक दल में नहीं रहे हैं.

नागमणि जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय जनता पार्टी, एकीकृत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अलावा तमाम राजनीतिक दलों में रह चुके हैं. नागमणि की पार्टी भी न तो महागठबंधन का हिस्सा है और न ही वह एनडीए में हैं. हालांकि, नागमणि की पूरी कोशिश बिहार की राजनीति के साथ-साथ इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक उपस्थिति को दिखाने की है. नागमणि कोइरी समाज के नाम पर अपनी रैली को कर रहे हैं. वह इस रैली के माध्यम से कोई समाज को इकट्ठा करने की कोशिश में हैं.

पशुपति पारस की भी पार्टी पीछे नहीं

एक तरफ जहां महागठबंधन और एनडीए के घटक दल अपने-अपने स्तर पर रैली करने की तैयारी कर चुके हैं और इसकी घोषणा भी कर दिए हैं, वही पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने भी राजधानी में एक बड़ी रैली आयोजित करने की घोषणा कर दी है. पशुपति पारस न तो अभी आधिकारिक रूप से एनडीए का हिस्सा है न हीं वह महागठबंधन का हिस्सा हैं.

पशुपति पारस ने चंद रोज पहले ही इस बात की जानकारी दी थी कि आगामी 14 अप्रैल को वह पटना में एक बड़ी रैली करेंगे. 14 अप्रैल को भारत रत्न डॉक्टर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाती है. 14 अप्रैल के दिन पशुपति पारस के द्वारा रैली का आयोजन करने से करके पशुपति पारस दलितों में अपने संदेश को देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

रैली शक्ति प्रदर्शन का जरिया

वरिष्ठ पत्रकार ध्रुव कुमार कहते हैं राजनीतिक दलों द्वारा रैली का आयोजन करना नयी बात नहीं हैं. रैलियों का आयोजन पहले भी होता रहा है. बिहार कई रैलियों का गवाह रहा है. पार्टी चाहे कोई भी हो, वह अपनी शक्ति का प्रदर्शन करती है. चूंकि यह चुनावी वर्ष है. विधानसभा चुनाव होने हैं. इसलिए चुनाव के पहले सभी राजनीतिक दल अपने समर्थकों के साथ दूसरे दलों को भी अपनी सांगठनिक मजबूती को दिखाने की कोशिश में लग गए हैं. अब इन सारी कवायद का मतदाताओं पर कितना असर पडेगा, यह तो उनके ऊपर निर्भर करता है.

4 जिलों के 200 जवान कर रहे गश्त, बंद कराई जा रहीं दुकानें… सिंगरौली में बवाल के बाद कैसे हैं हालात?

मध्य प्रदेश के सिंगरौली के बधौरा पुलिस चौकी अंतर्गत अमिलिया घाटी में हुए बवाल के बाद स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन हालत अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. किसी भी आशंका को देखते हुए मौके पर तीन जिलों के करीब 200 पुलिसकर्मी मोर्चा संभाले हुए हैं. पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आसपास की दुकानों को बंद करा रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने मृतकों के परिजनों को बिना सूचना दिए उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था.

सिंगरौली में महान एनर्जी कंपनी का ट्रक कोयला लेकर जा रहा था. उसकी चपेट में आने से बाइक सवार दो लोगों की मौत हो गई. इसके बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़क गया. गुस्साई भीड़ ने वाहनों को आग के हवाले कर दिया, इनमें पांच बसें और तीन डंपर फूंक दिए गए. बसों में बैठे कंपनी के कर्मचारियों से मारपीट की गई. हालात को काबू करने पहुंची पुलिस को भी ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा. कई पुलिसकर्मियों के भी चोट आई है. थाना इंचार्ज का हाथ फ्रेक्चर हुआ है. देर रात तक उपद्रव होता रहा, पुलिस ने बमुश्किल स्थिति को नियंत्रित किया है.

चार जिलों के 200 पुलिस जवान तैनात

बधौरा पुलिस चौकी अंतर्गत अमिलिया घाटी में सिंगरौली के अलावा सीधी, रीवा और सतना जिले की पुलिस फोर्स तैनात की गई है. घटनास्थल को पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है. शनिवार सुबह जब दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोली तो पुलिस ने उन्हें बंद करा दिया. जले हुए वाहनों को हटाने की तैयारी की जा रही है. पुलिस उपद्रव करने वाले लोगों की शिनाख्त में जुट गई है. कार्रवाई को लेकर पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

बिना सूचना दिए भेज दिया पोस्टमार्टम के लिए

स्थानीय लोगों का आरोप है कि अदानी ग्रुप की महान एनर्जी कंपनी की मनमानी से लोग काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि यह कंपनी एस्सार ग्रुप का संचालन कर रही है. आरोप है कि अब तक कोल वाहनों से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. स्थानीय लोग रोजगार के लिए भी कंपनी प्रबंधन से लड़ाई लड़ रहे हैं. ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि शुक्रवार को कंपनी के कोयला वाहन से दो लोगों की मौत के बाद पुलिस ने बिना परिजनों को सूचित किए शवो को पीएम के लिए भेज दिया.

इससे नाराज ग्रामीण गड़ा खांड चौराहे व अमिलिया घाटी में सड़क को जाम कर प्रदर्शन करने लगे. इसी बीच महान एनर्जी कंपनी की शिफ्ट बस कर्मचारियों को लेकर उधर से निकली. तभी गुस्साए ग्रामीण बसों के शीशे-खिड़की तोड़ने लगे. उसके बाद पांच बसों और तीन डंपरों में आग लगा दी.

महाकुंभ: मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित, 15-16 फरवरी का पास निरस्त, आने से पहले जरूर पढ़ें ये खबर

प्रयागराज में इन दिनों दिव्य और भव्य महाकुंभ मेला चल रहा है. इस हफ्ते शनिवार और रविवार को भारी के भीड़ आने का अनुमान जताया जा रहा है, जिसे देखते हुए मेला प्रशासन ने सभी पास को निरस्त कर दिया है. पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया है. इसी के साथ-साथ प्रशासन ने प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन बंद करने की भी घोषणा की है. मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ से सीख लेते हुए प्रशासन जरूरी सावधानियां बरत रहा हैं.

महाकुंभ मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मेला क्षेत्र में जाने के लिए जारी पास को रविवार और शनिवार के लिए निरस्त कर दिया है. भारी भीड़ की आशंका के चलते 15 और 16 फरवरी को पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन भी घोषित किया गया है. इस दौरान किसी भी वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. गाड़ियों को नजदीकी पार्किंग में पार्क करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन मेला क्षेत्र में बनी पार्किंग में गाड़ियां पार्क नहीं होगी.

16 फरवरी तक संगम स्टेशन बंद

इस संदर्भ में मेला प्रशासन ने दिशा निर्देश जारी कर दिया. कुंभ मेले में सुगम व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने यह बड़ा फैसला लिया है. वहीं, रेलवे ने भी भारी भीड़ को देखते हुए संगम स्टेशन 16 फरवरी तक बंद करने का ऐलान किया है. भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में रेलवे ने जीआरपी और आरपीएफ के जवानों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा है. दरअसल, वीकेंड की वजह से महाकुंभ नगर में शुक्रवार की सुबह से काफी संख्या में लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है.

वीकेंड पर भारी भीड़ पहुंचने का अनुमान

महाकुंभ स्नान के लिए संगम स्टेशन पर पहुंची रही भारी भीड़ को देखते हुए स्टेशन को बंद करने का निर्णय लिया है. यह स्टेशन संगम के सबसे नजदीक है. यहां 16 फरवरी तक सभी तरह की एंट्री और एग्जिट पर रोक लगा दी है. बता दें कि माघ पूर्णिमा से पहले उमड़ी भीड़ के चलते 9 फरवरी को ही प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन 14 फरवरी तक के लिए बंद किया गया था, जिसे बढ़कर अब 16 फरवरी तक कर दिया गया है.

दिल्ली में नॉन ऑफिशियल स्टाफ पर गिर सकती है गाज, मुख्य सचिव ने जारी किया नोटिस

दिल्ली के मुख्य सचिव ने दिल्ली सरकार के मातहत (अधीनस्थ) आने वाले सभी विभागों को इस बाबत एक नोटिस जारी किया है कि उनके यहां जितने भी नॉन ऑफिशियल स्टाफ है उनकी लिस्ट बनाई जाए और उसे लिस्ट को जल्द से जल्द सौंपी जाए. दरअसल, केजरीवाल सरकार में अलग-अलग विभागों में कई तरह के नॉन ऑफिशियल स्टाफ की नियुक्ति हुई थी यह नोटिस उसी को लेकर है.

संभव है नई सरकार के बनते के साथ ही दिल्ली सरकार में कार्यरत इन लोगों पर गाज गिरे और सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन्हें नौकरी से हटाया भी जा सकता है. हाल ही में दिल्ली की सीएम आतिशी के ऑफिस में काम करने वाला शख्स 5 लाख कैश के साथ पकड़ा गया था. जिस शख्स को पकड़ा गया था, उसका नाम गौरव है. 5 लाख रुपये के साथ उसे गिरीखंड नगर में पकड़ा गया था.

केजरीवाल सरकार में बड़े पैमाने पर नॉन ऑफिशियल स्टाफ की नियुक्ति हुई थी. अब सरकार बदल गई है, केजरीवाल की सरकार से उसी की लिस्ट मांगी गई है. दिल्ली में बीजेपी को करीब 27 साल बाद प्रचंड जीत हासिल हुई है. भारतीय जनता पार्टी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की है.वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार का सामना करना पड़ा है.

आप के खाते में केवल 22 सीटें गई हैं. अब दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा. इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, 20 फरवरी से पहले दिल्ली के सीएम का शपथ ग्रहण समारोह की संभावना है.

केजरीवाल का ‘शीशमहल’ बनेगा सरकारी गेस्ट हाउस

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ‘शीशमहल’ अब सरकारी गेस्ट हाउस में तब्दील हो सकता है. दिल्ली सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले को सरकारी गेस्ट हाउस बनाने का प्रस्ताव रखा है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह गेस्ट हाउस बन जाएगा. यह बंगला 6, फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित है और 9 साल तक केजरीवाल का निवास था. इस गेस्ट हाउस में सरकारी कार्यक्रम और आने वाले अधिकारियों के लिए ठहरने की सुविधा होगी. बीजेपी ने केजरीवाल के बंगले के नवीनीकरण पर विवाद उठाया था.

प्रचंड जीत के बाद BJP ने किया SIT गठन का ऐलान

दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बीजेपी ने SIT गठन का ऐलान किया है. बीजेपी ने नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) बनाने की घोषणा की है. दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पार्टी भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता रखती है और घोटालों में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा.

शराब पीने में इस राज्य की महिलाएं सबसे आगे

देश में सबसे ज्यादा कौन पीता है? इस तरह का सवाल आपके भी जहन में जरूर आते होगा. आईये जानते है कि आखिरी देश में पुरुषों और महिलाओं में सबसे ज्यादा शराब कौन पीता है. इस संदर्भ में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण की ओर से सर्वे कराया गया है, जिसमें हैरान करने वाली बात सामने आई है. यह सर्वे बेहद दिलचस्प है, जिसकी इन दिनों काफी चर्चा हो रही है.

क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है कि देशभर में सबसे ज्यादा शराब का सेवन किस राज्य में किया जाता है. किस राज्य में महिला या पुरुष सबसे ज्यादा शराब पीते है, यह सवाल जरूर आपके दिमाग में आया होगा. इन सवालों के जवाब केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी एक सर्वे रिपोर्ट में सामने आए हैं. सर्वे में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. सर्वे में नॉर्थ ईस्ट के राज्य लिस्ट में टॉप पर है. सर्वे के मुताबिक, नॉर्थ ईस्ट की महिलाएं सबसे ज्यादा का सेवन करती हैं.

महिलाओं के शराब पीने के मामले में टॉप पर असम

इस सर्वेक्षण में मुताबिक, देशभर में शराब पीने के मामले में असम की महिलाओं का अनुपात सबसे ज्यादा है, जहां देशभर में 15-49 साल के बीच शराब पीने वाली महिलाएं केवल 1.2 प्रतिशत है. वहीं, असम में यहां आकंडा कई गुना बढ़ जाता है. सर्वे के मुताबिक यहां 16.5 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती है, जो इसे देश के बाकी राज्यों की लिस्ट में सबसे टॉप पर जगह देती है. इसके अलावा असम के बाद मेघालय दूसरे नंबर है. यहां 8.7 प्रतिशत महिलाएं शराब पीती हैं.

किस राज्य में सबसे ज्यादा शराब पीते हैं पुरुष?

इसी के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के सर्वे में महिला के शराब सेवन करने के मामले में अरुणाचल प्रदेश तीसरे नंबर है. यहां 3.3 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं. चौथे और पांचवें नंबर पर सिक्किम और छत्तीसगढ़ है, जहां 0.3 और 0.2 प्रतिशत महिलाएं शराब पीती हैं. इस सर्वे में किस राज्य में सबसे पुरुष शराब पीते है, इस बारे में बताया गया है. सर्वे के दिलचस्प बात सामने आई है. अरुणाचल प्रदेश में पुरुष सबसे ज्यादा शराब पीते हैं. यहां 15 से 49 साल के बीच के 59 प्रतिशत पुरुष शराब का सेवन करते हैं.

महाराष्ट्र में कहर बरपा रहा GBS, संक्रमितों की संख्या हुई 207, अब तक 9 की मौत

महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस बीमारी से संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़कर 207 हो गई है. 14 फरवरी को दो संदिग्ध मरीज और मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कुल मरीजों में से 180 में जीबीएस की पुष्टि हुई है, जबकि बाकी मरीज में बीमारी के लक्षण हैं और उनका इलाज करने की बात स्वास्थ्य विभाग ने कही है.

वहीं, इस बीमारी के चलते अब तक कुल 9 मरीजों की मौत हो चुकी है, जिसमें से 4 की मौत GBS के चलते और अन्य की GBS के संदिग्ध मरीज के तौर पर हुई है. 13 फरवरी को 9वी मौत कोल्हापुर शहर में हुई. गुइलेन-बैरे सिंड्रोम यानी GBS एक रेयर ऑटोइम्यून विकार है. इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ही तंत्रिकाओं पर हमला करती है.

अधिकतर मामले पुणे और पिंपरी चिंचवड़ से

यह तंत्रिकाओं के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचाती है. यह तंत्रिकाओं के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचाती है और मांसपेशियों में कमजोरी, झुनझुनी और पक्षाघात का कारण बनती है. इसके अधिकतर मामले पुणे और पिंपरी चिंचवड़ से हैं. आमतौर पर जीवाणु और वायरल संक्रमण जीबीएस का कारण बनते हैं क्योंकि वे रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं.

इस बीमारी से शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं और मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है. इसके साथ ही इस बीमारी में हाथ पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी होते हैं. राज्य में ज्यादातर मामले पुणे और आस-पास के इलाकों से हैं. नए मामले सहित, संक्रमण के सभी मामले संभवत: दूषित जल स्रोतों से जुड़े हैं. माना जाता है कि दूषित भोजन और पानी में पाया जाने वाला बैक्टीरिया कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी इस प्रकोप का कारण है.

वॉट्सऐप अकाउंट ब्लॉक या बैन हो जाए तो उसे रिकवर कैसे करें?

अगर आप भी अपने नंबर से वॉट्सऐप पर लॉगिन नहीं कर पा रहे हैं तो परेशान ना हो. वॉट्सऐप अपनी कई सारी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव कर रहा है. जिससे कि कई बार प्लेटफॉर्म पर गलती से या कंपनी गाइड लाइन्स का उल्लघंन करने पर आपके अकाउंट को बैन कर दिया जाता है. ऐसे में आप अपने नंबर से अकाउंट लॉगिन नहीं कर पाते हैं और किसी से चैट भी नहीं कर पाते हैं. लेकिन अगर आप इस सिचुएशन में हैं तो जल्दी से नीचे बताए गए प्रोसेस को फॉलो करें. इसके बाद आपके वॉट्सऐप अकाउंट से बैन हट जाएगा.

WhatsApp अकाउंट बैन के पीछे वजह?

जब वॉट्सऐप अकाउंट बैन किया जाता है, तो यूजर के पास एक नोटिफिकेशन भेजी जाती है. इस नोटिफिकेशन में अकाउंट बैन करने के पीछ की वजह बताई गई होती है. आपके अकाउंट को बैन क्यों किया गया है या आपने किन नियमों का उल्लंघन किया है. इसमें सभी डिटेल्स लिखी होती हैं. आपको हर वजह पर अपनी सफाई पेश करनी होती है. ये स्पैम के अलाव अनवैरिफाइड मैसेज सेंड करने और थर्ड पार्टी ऐप्स यूज करने की वजह से होता है.

ऐसे हटेगा वॉट्सऐप से बैन

अगर आपका वॉट्सऐप अकाउंट बिना किसी गलती के बैन किया गया है तो आप वॉट्सऐप की सपोर्ट टीम से कनेक्ट कर सकते हैं. इनसे कॉन्टैक्ट करके आप अपनी परेशानी इन्हें बतकर अकाउंट रिव्यू का सकते हैं. वॉट्सऐप में सेटिंग में जाकर Help सेक्शन के ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद ईमेल पर अपनी परेशानी और पूरी बात लिखने के बाद रिपोर्ट कर सकते हैं. एक बात का ध्यान रखना कि आप ईमेल में नीचे अपना नाम और कॉन्टेक्ट नंबर के अलाव पूरी डिटेल्स लिखें. इसके बाद आपके अकाउंट को क्यों बैन किया गया है और इसकी सफाई में आपको क्या कहना है. सब लिखकर सेंड कर दें.

कितने दिन में होगा रिकवर

कई मामलों में अगर वॉट्सऐप टेंपरेरी आपके अकाउंट को बैन करता है तो ये बैन 24 घंटे से लेकर 30 दिन के भीतर ठीक हो सकता है.

पर आप इस दौरान गलती से भी किसी थर्डपार्टी वॉट्सऐप मोड GBWhatsApp या WhatsApp Plus का इस्तेमाल शुरू ना करें.

कई बार वॉट्सऐप थर्ड पार्टी ऐप्स के यूज की वजह से भी आपके अकाउंट को टेंपरेरी बैन कर देता है. इन प्लेटफॉर्म का वॉट्सऐप से कोई कनेक्शन नहीं होता है. अगर आप इन्हें यूज कर रहे हैं तो ये वॉट्सऐप कम्युनिटी की गाइडलाइन्स का उल्लघंन कर रहे हैं.

जेब में नहीं थे 300 रुपये, स्ट्रेचर पर बहु को घसीटते नजर आए बुजुर्ग

मध्य प्रदेश में संस्कारधानी कहे जाने वाले जबलपुर से एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है. महज 300 रुपए ना दे पाने पर एक बुजुर्ग को जिला अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिली. ऐसे हालात में बुजुर्ग अपनी बीमार बहू को स्ट्रेचर पर घसीटते नजर आए. यह तस्वीर सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है. इस वीडियो पर लोग मध्य प्रदेश सरकार और राज्य के स्वास्थ्य विभाग की खिंचाई कर रहे हैं.

वायरल तस्वीर में नजर आ रहे बुजुर्ग व्यवहार बाग इलाके में रहने वाले बृज बिहारी हैं. कुछ दिन पहले उनकी बहु की तबियत खराब हो गई. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने छुट्टी दे दी. चूंकि महिला बीमारी की वजह से इतनी कमजोर हो गई थी कि वह अपने पैरों पर भी खड़ी नहीं हो पा रही थी. ऐसे में महिला के ससुर ने एंबुलेंस की मांग की, लेकिन उसके लिए 300 रुपये जमा कराने को कहा गया.

300 रुपये जमा नहीं करने पर नहीं मिली एंबुलेंस

अब बुजुर्ग के पास इतने भी पैसे नहीं थे. ऐसे में वह बहू को स्ट्रेचर पर लिटाकर धकेलते हुए घर ले जाने लगे. उन्हें ऐसा करते देख वहां मौजूद लोगों का दिल पसीजा और तत्काल लोगों ने मिलकर एंबुलेंस के पैसे इकट्ठा किए और उन्हें घर पहुंचाया. एक मददगार आसू खान ने बताया कि बुजुर्ग को स्ट्रेचर घसीटते देख उन्होंने पूछताछ की. जब उन्होंने बताया कि पैसे नहीं हैं तो उन्होंने तत्काल दो तीन लोगों से बात की और एंबुलेंस का खर्चा जुटाकर उन्हें घर भेजने की व्यवस्था कर दी.

सोशल मीडिया में वायरल हो रही तस्वीर

इस दौरान कई अन्य लोगों ने चंदा जमाकर बीमार महिला के इलाज के लिए भी आर्थिक मदद दी. इस घटना के बाद लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर खूब तंज कसा है. साथ ही एंबुलेंस सेवा फ्री करने की मांग की है. सोशल मीडिया में यह तस्वीर खूब वायरल हो रही है. लोगों का आरोप है कि यह तस्वीर केवल जबलपुर की ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के अस्पतालों का यही हाल है.