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68वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट का भव्य शुभारंभ हुआ रांची में, राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने किया उद्घाटन


10 से 15 फरवरी तक राजधानी रांची में दिखेगा कई राज्यों के पुलिस का जज्बा

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट (AIPDM) प्रतियोगिता कार्यक्रम आज 10 फरवरी से शुरुआत हो गया है। रांची के खेलगांव स्थित बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम जेएसएसपीएस में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने 68वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट का उद्घाटन किया।

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई जिसके बाद इस ड्यूटी मीट में शामिल आई 18 राज्य, 2 केंद्रशासित प्रदेश व 08 अर्द्ध सैनिक संगठन की टीमो ने परेड कर राज्यपाल को सलामी दी। परेड में सबसे पहले अंडमान निकोबार की पुलिस टीम आई जिसके बाद आंध्र प्रदेश, असम राइफल, बिहार, बीएसएफ और अंत में झारखंड की पुलिस टीम आई, जिसका नेतृत्व कर रहे थे रोहित कुमार कालिंद। बता दे कि इस पुलिस मिट में श्वान दस्ता की 21 टीमों के 128 श्वान भी शामिल हैं। 

1953 से आयोजित की जा रही प्रतियोगिता साल दर्शन इसकी ख्याति बढ़ती गई और नए-नए प्रतियोगिताओं को भी शामिल किया गया। 68वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट में पांच इवेंट्स में 13 विषयों की प्रतिस्पर्धा होगी। इस प्रतियोगिता में 45 निर्णायक सदस्य है। 

पुलिस टीम के द्वारा इस तरह के कार्यक्रम करने से जवानों के बीच जोश ऊर्जा और टीम भावना को बढ़ावा देता हैं। वही इसका मुख्य उद्देश्य पुलिस संगठनों के कर्मियों के बीच सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को प्रोत्साहित करना है। वही राज्यपाल के अभी भाषण के बाद झारखंड के आईआरबी जवानों ने झारखंड की कला संस्कृति से जुड़े रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया और इसके बाद छौ नृत्य का भी लोगो ने लुफ्त उठाया। वही इस संगठन के सचिव असीम विक्रांत minj ने बताया कि इस तरह के आयोजन से राज्य पुलिस मैं अनुसंधान से जुड़ी चीजों पर फोकस बढ़ेगा।

हजारीबाग पंचकर्म केंद्र में संसाधनों का अभाव, मरीजों को नहीं मिल रही सुविधा।


हजारीबाग में पंचकर्म प्रशिक्षण सह सेवा केंद्र भवन का उद्घाटन 5 अक्टूबर 2024 को उपायुक्त नैंसी सहाय और प्रभारी जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. श्याम नंदन तिवारी ने किया था। लेकिन पांच महीने बीत जाने के बावजूद यहां पंचकर्म चिकित्सा सुविधा शुरू नहीं हो सकी है।

हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल के मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी की जांच में सामने आया कि केंद्र में सिर्फ ओपीडी चल रही है, लेकिन पंचकर्म उपचार की सुविधा नहीं है। जब उन्होंने आयुष निदेशिका सीमा उदयपुरिया से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि फंड की कमी के कारण संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं।

यहां कार्यरत चिकित्सकों को भी पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिला है। संसाधन के अभाव में मरीजों को बाहर जाकर 2,000 से 5,000 रुपये खर्च कर पंचकर्म उपचार कराना पड़ रहा है। अगर सरकार इस केंद्र को पूरी सुविधा से लैस करे, तो हजारीबाग और आसपास के मरीजों को बड़ा लाभ मिल सकता है।

कोल इंडिया मैराथन 2025" का हुआ आयोजन, अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज मैरी कॉम ने धावकों का बढ़ाया उत्साह

रिपोर्टर जयंत कुमार 

 रांची : राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में आज रविवार को सीसीएल कोल इंडिया के द्वारा मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। ऐतिहासिक मैराथन में देशभर से 10 हजार से अधिक धावकों ने लिया भाग। इस मैराथन में चार श्रेणियां रखी गई। जिसमें 5 किमी, 10 किमी, हाफ मैराथन (21 किमी) और फुल मैराथन (42 किमी) की रही। वही इस कार्यक्रम में विशेष आकर्षण रही अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज मैरी कॉम की उपस्थित। साथ में कोयला मंत्रालय व कोल इंडिया परिवार के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

रांची मे सीसीएल की ओर से आयोजित मैराथन दौड़ में आई अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त खिलाड़ी मैरी कॉम ने मैराथन मे शामिल होने वाले धावकों का उत्साह को बढ़ाया। इस मैराथन दौड़ में देशभर से आए महिला और पुरुष वर्ग के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। पैरा खेलो में शामिल खिलाड़ियों ने भी इस दौड़ का हिस्सा बना। सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के एथलीटों ने पुरस्कार जीते। बतौर पुरस्कार छह हजार से तीन लाख तीस हजार रूपये की राशि रखी गई थी। 

 अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज मैरी कॉम ने कहा कि हमें इस बात की बेहद ख़ुशी होनी चाहिए कि यह युवा भारत है और हमें प्रधानमंत्री के नेतृत्व मे अपनी दौड़ की गति तेज करनी चाहिए। मैरी कॉम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आनेवाले दिनों मे खेल के क्षेत्र मे झारखण्ड और भी अधिक बेहतर प्रदर्शन करेगा।  

वही सीसीएल के सीएमडी नीलेन्दु ने कहा कि यह सीसीएल और झारखण्ड के लिए गौरव का क्षण है। जब देशभर के धावक रांची मे अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रांची मे सीसीएल का तीसरा मैराथन का सफल रहा, आगे भी यह जारी रहेगा।

रांची में मिला बर्ड फ्लू का मामला, विभाग हुआ अलर्ट, जारी किया एसओपी, इलाके में बर्ड की खरीद बिक्री पर लगी रोक


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : राजधानी रांची में एक बार फिर से बर्ड फ्लू का मामला सामने आया है। रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में बर्ड फ्लू के मामले मिलने से चिंता बढ़ गई है।पशु चिकित्सा महाविद्यालय स्थित पोल्ट्री फार्म में ‘बर्ड फ्लू’ का मामला सामने आने के बाद झारखंड सरकार ने इसके लिए एसओपी जारी कर दी है। महाविद्यालय परिसर से तीन किलोमीटर के परिसर में बर्ड की खरीद-बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी।

गौरतलब है कि राजधानी में कुछ दिनों पहले वेटनरी कॉलेज स्थित पॉल्ट्री फॉर्म में 150 मुर्गियां और लगभग दर्जन भर बटेर मर गये थे। एक्शन प्लान के तहत आरआरटी टीम में शामिल सदस्य बिरसा वेटनेरी कॉलेज के पोल्ट्री फार्म के शेष बचे मुर्गों का वैज्ञानिक विधि से निस्तारण करने के बाद संक्रमित क्षेत्र की वैज्ञानिक विधि से संपूर्ण क्लीनिंग करने के साथ ही इस क्षेत्र को संक्रमण मुक्त करेंगे।

झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने केंद्रीय वित्त मंत्री और कोयला मंत्री से की मुलाकात

झारखंड के बकाये 1लाख 36 हजार करोड़ पर वित्त मंत्री और कोयला मंत्री से हुई सकारात्मक बात - राधा कृष्ण किशोर

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कोयला मंत्री से मुलाकात की। वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने झारखंड का बकाया 1लाख 36 हजार करोड़ को देने का आग्रह किया। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को राज्य की ओर से बकाया का पूरा ब्योरा सौंपा गया। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात कर राज्य के कोल उत्खनन प्रक्षेत्र में धुले कोयले की रॉयल्टी, अन्य उत्खनित खनिज की कीमत पर बकाया, भूमि अधिग्रहण संबंधित तमाम बकायों की मांग रखी।

राज्य के वित्त मंत्री ने दोनों ही मंत्रियों को बकाया से संबंधित सारा ब्योरा सौंपा। रांची आने के बाद वित्त मंत्री ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए बताया कि केंद्रीय मंत्री से उनकी सकारात्मक बात हुई है। उन्होंने कहा कि हमारी बात कोयला मंत्री से भी हुई है उन्होंने कहा कि जो राशि झारखंड की है उसे मिलनी ही चाहिए। राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद केंद्रीय कोयला मंत्री ने कहा कि कोयला मंत्रालय अधिकारी और झारखंड के माइन्स डिपार्मेंट के अधिकारी का एक टीम गठन कर वास्तविक बकाया का आकलन किया जाएगा।

राज्य सरकार की बार-बार पहल करने के बाद केंद्र सरकार ने यह माना कि झारखंड का बकाया है अब कोयला मंत्रालय और झारखंड के माइंस के अधिकारियों के साथ बैठक होने के बाद यह सामने निकल पाएगा कि झारखंड का कितना राशि केंद्र सरकार के ऊपर बकाया है।

सी.सी.एल. के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक निलेंदु कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात,


"कोल इंडिया मैराथन के तृतीय संस्करण में शामिल होने के लिए आमंत्रण किया

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से आज कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड (सी.सी.एल.) के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक निलेंदु कुमार सिंह ने मुलाकात की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को उन्होंने 09 फरवरी को मोरहाबादी मैदान में आयोजित "कोल इंडिया मैराथन के तृतीय संस्करण में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होने हेतु सादर आमंत्रित किया।

कोल इंडिया रांची मैराथन दौड़ का आयोजन में देशभर से 10 हजार से अधिक धावक शामिल होंगे। यह कार्यक्रम 9 फरवरी को मोरहाबादी मैदान के फुटबॉल स्टेडियम में होगा। प्रतियोगिता को चार श्रेणियों में बांटा गया है। 5 किमी, 10 किमी, हाफ मैराथन (21 किमी) और फुल मैराथन (42 किमी) में विभाजित किया गया है। जिसमें कुल पुरस्कार राशि 35.10 लाख रुपया है। मैराथन सुबह 5 बजे से शुरू होगा। इस अवसर पर देश की मुक्केबाज मैरी कॉम विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी।

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में एग्रोटेक किसान मेले का सीएम ने किया उद्घाटन, हेमंत सोरेन ने किसानों को दिया 'कृषि' का नया मंत्र


पाइपलाइन के माध्यम से खेतों तक पानी पहुंचाना प्राथमिकता, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय एवं राज्य सरकार समन्वय बनाकर करें किसानों का उत्थान - हेमंत सोरेन

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची परिसर में तीन दिवसीय "एग्रोटेक किसान मेला-2025" का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया। मुख्यमंत्री ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत प्रशिक्षण हॉल व वन औषधि द्रव्य प्रदर्शनी दीर्घा का भी शिलान्यास किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने संबोधन के दौरान कहा कि खेती-किसानी और कृषि अपने आप में एक बहुत बड़ा क्षेत्र है। झारखंड जैसे राज्य के लिए एग्रीकल्चर एक महत्वपूर्ण विषय है। झारखंड की 80% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, ये लोग खेती-बाड़ी के माध्यम से ही अपना जीवन यापन करते हैं। वर्तमान समय में कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक की बड़ी भूमिका है। राज्य में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के स्थापित हुए लगभग 45 वर्ष हो चुके हैं। इस संस्थान द्वारा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को कृषि विज्ञान के क्षेत्र में काबिल बनाया जा रहा है। बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त कर कई छात्र-छात्राओं ने देश और दुनिया में आज किसानों को बेहतर मार्गदर्शन दे रहे हैं। 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड पठारी क्षेत्र होने के कारण राज्य में खेती-बाड़ी के अलग-अलग हैं, कहीं सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता है तो कहीं व्यवस्थाओं के बल पर सिंचाई कार्य हेतु पानी पहुंचाया जा रहा है। वही बिरसा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को अपग्रेड करने की दिशा में कई गतिविधियां की जा रही है। बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी एवं राज्य सरकार एक बेहतर समन्वय बनाते हुए किसानों को बेहतर दिशा देने का कार्य करेगी। 

हेमंत सोरेन ने पुरानी यादों को बताते हुए कहा कि पहले हमारे गांव में गन्ने की खेती होती थी, हम लोगों ने खेतों में उगाए गए गन्ने से गुड़ बनते हुए देखा है, लेकिन अब गन्ने की खेती नहीं के बराबर हो रही है इसके कई कारण हो सकते हैं। बहुत किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने खेतों पर से कृषि करना छोड़ दिया है। हमारे राज्य में खेती करने योग्य जमीन की कमी है, राज्य में खेती योग्य भूमि को बढ़ाने की दिशा में कार्य करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अब कई जगहों पर पाइप लाइन के जरिए खेतों तक पानी पहुंचाने का कार्य कर रही है। राज्य सरकार लिफ्ट इरीगेशन की दिशा में आगे बढ़ रही है।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय से यहां के कृषकों को क्या लाभ मिल रहा है, आने वाले समय में और क्या लाभ दिया जा सकेगा इस निमित्त ब्लूप्रिंट बनाई जाए। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया गया है कि सभी जिलों में किसान पाठशाला स्थापित की जाए, जहां किसान भाई बंधु खेती की आधुनिक तकनीक, पशुपालन, मछली पालन सहित अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों की जानकारी एवं प्रशिक्षण लेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि झारखंड के किसान वर्गों के लोगों को एक लाख से अधिक कुआं निर्माण योजना का लाभ मिलेगा। नदी तालाब तथा कुआं सिंचाई के पारंपरिक साधन है। 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार झारखंड में महिलाओं को मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत ढाई हजार रुपए प्रतिमाह सहयोग राशि प्रदान कर रही है। यह राशि यहां की महिलाओं को आत्मनिर्भर बन रहा है। इस राशि के जरिए राज्य में महिला किसान दीदियां पशुधन के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकती हैं। किसान महिलाएं गाय पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, शूकर पालन, फूल की खेती सहित अन्य गतिविधियों के माध्यम से आय का स्रोत ढूंढ सकेंगी। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा बिरसा कृषि मार्गदर्शिका-2025 पुस्तक का विमोचन किया गया। मौके पर मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों ने एग्रोटेक किसान मेला में लगे स्टॉल का परिभ्रमण कर उद्देश्यों की जानकारी ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत प्रशिक्षण हॉल एवं वन औषधि द्रव्य प्रदर्शनी दीर्घा का शिलान्यास किया।

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर, फॉरेस्ट एवं रिसर्च के क्षेत्र में समावेशी शिक्षा से राज्य में क़ृषि के क्षेत्र का उत्थान किया :

रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची में आयोजित तीन दिवसीय "एग्रोटेक किसान मेला-2025" में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने सम्बोधित करते हुए कहा कि झारखंड के 80 प्रतिशत लोग क़ृषि पर आश्रित हैं ऐसे स्थिति में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय जैसे संस्थान की उपयोगिता का महत्व बढ़ जाता है. वे इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस अवसर पर कहा कि कहा कि खेती-किसानी और कृषि अपने आप में एक बहुत बड़ा क्षेत्र है। झारखंड जैसे राज्य के लिए एग्रीकल्चर एक महत्वपूर्ण विषय है। वर्तमान समय में कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक की बड़ी भूमिका है। राज्य में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के स्थापित हुए लगभग 45 वर्ष हो चुके हैं। यह विश्वविद्यालय राज्य में किसानों के उत्थान के लिए अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। 

इस संस्थान द्वारा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को कृषि विज्ञान के क्षेत्र में काबिल बनाया जा रहा है। बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त कर कई छात्र-छात्राओं ने देश और दुनिया में आज किसानों को बेहतर मार्गदर्शन दे रहे हैं। 

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर, फॉरेस्ट एवं रिसर्च के क्षेत्र में समावेशी शिक्षा प्रदान की जा रही है। उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची परिसर में आयोजित तीन दिवसीय "एग्रोटेक किसान मेला-2025 के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।

कृषि कार्य की आधुनिक तकनीक अपनाने की आवश्यकता

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड पठारी क्षेत्र में बसा हुआ राज्य है। वैसे तो प्रत्येक राज्य में खेती-बाड़ी के अलग-अलग पैमाने होते हैं, कहीं सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता है तो कहीं व्यवस्थाओं के बल पर सिंचाई कार्य हेतु पानी पहुंचाया जा रहा है। किसान वर्ग को अन्नदाता कहा जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को अपग्रेड करने की दिशा में कई गतिविधियां की जा रही है, किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए अभी और कार्य करने बाकी हैं। बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी एवं राज्य सरकार एक बेहतर समन्वय बनाते हुए किसानों को बेहतर दिशा देने का कार्य करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में परंपरागत व्यवस्थाओं के साथ-साथ कृषि-खेती कार्य को आधुनिक तकनीक से भी जोड़ने की आवश्यकता है। कभी-कभी बदलते मौसम के कारण किसान वर्ग के लोग हतोत्साहित होते जाते हैं , तकनीक के माध्यम से ही उन्हें इन समस्याओं से बचाया जा सकता है.

पाइपलाइन के माध्यम से खेतों पर पहुंचाई जाएगी पानी

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित के लिए कई योजनाओं को संचालित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं खेती-कृषि परिवार से ही आता हूं। पहले हमारे गांव में गन्ने की खेती होती थी, हम लोगों ने खेतों में उगाए गए गन्ने से गुड़ बनते हुए देखा है, लेकिन अब गन्ने की खेती नहीं के बराबर हो रही है इसके कई कारण हो सकते हैं। बहुत किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने खेतों पर से कृषि करना छोड़ दिया है। हमारे राज्य में खेती करने योग्य जमीन की कमी है, राज्य में खेती योग्य भूमि को बढ़ाने की दिशा में कार्य करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अब कई जगहों पर पाइप लाइन के जरिए खेतों तक पानी पहुंचाने का कार्य कर रही है। राज्य सरकार लिफ्ट इरीगेशन की दिशा में आगे बढ़ रही है।

किसानों के उत्थान के लिए बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी एवं राज्य सरकार का समन्वय महत्वपूर्ण

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य में कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक विकास के लिए बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी एवं राज्य सरकार को साथ चलकर कार्य करने की जरूरत है। कृषि क्षेत्र के विकास के लिए एक बेहतर और मजबूत कार्य योजना बनाई जाएगी। किसान वर्ग के लोग अधिक से अधिक पैदावार कर सकें और उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराया जा सके ऐसी व्यवस्था बनाने की जरूरत है, इन सभी चीजों पर विचार-विमर्श करते हुए एक बेहतर पॉलिसी बनाने को लेकर राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय से यहां के कृषकों को क्या लाभ मिल रहा है, आने वाले समय में और क्या लाभ दिया जा सकेगा इस निमित्त ब्लूप्रिंट बनाई जाए।

सिंचाई कार्य हेतु कुआं निर्माण योजना का मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य में कृषकों के खेतों तक सिंचाई के लिए पानी, समय पर किसानों के बीच बीज खाद का वितरण इन सभी चीजों पर विशेष बल दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सभी जिलों में किसान पाठशाला स्थापित की जाएगी, जहां किसान भाई बंधु खेती की आधुनिक तकनीक, पशुपालन, मछली पालन सहित अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों की जानकारी एवं प्रशिक्षण लेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि झारखंड के किसान वर्गों के लोगों को एक लाख से अधिक कुआं निर्माण योजना का लाभ मिलेगा। नदी तालाब तथा कुआं सिंचाई के पारंपरिक साधन है। बोरिंग कभी-कभी फेल भी हो जाता है, इसीलिए राज्य सरकार द्वारा कुआं निर्माण योजना लाई जा रही है।

महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करना उद्देश्य

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार झारखंड में महिलाओं को मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत ढाई हजार रुपए प्रतिमाह सहयोग राशि प्रदान कर रही है। यह राशि यहां की महिलाओं को आत्मनिर्भर बन रहा है। इस राशि के जरिए राज्य में महिला किसान दीदियां पशुधन के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकती हैं। किसान महिलाएं गाय पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, शूकर पालन, फूल की खेती सहित अन्य गतिविधियों के माध्यम से आय का स्रोत ढूंढ सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जो महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने की दिशा में सकारात्मक कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की सोच है कि कैसे यहां के किसान खेती-कृषि के माध्यम से कृषक उद्यमी के तौर पर उभरे इस निमित्त योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे-छोटे घरेलू प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर आप व्यवसाय कर सकते हैं। किसानों का मेहनत कभी बेकार नहीं जाता है बस जरूरत है उन्हें एक बेहतर मार्गदर्शन मिले। 

बिरसा कृषि मार्गदर्शिका-2025 पुस्तक का विमोचन..

इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की मंत्री श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा बिरसा कृषि मार्गदर्शिका-2025 पुस्तक का विमोचन किया गया। मौके पर मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों ने एग्रोटेक किसान मेला में लगे स्टॉल का परिभ्रमण कर उद्देश्यों की जानकारी ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत प्रशिक्षण हॉल एवं वन औषधि द्रव्य प्रदर्शनी दीर्घा का शिलान्यास किया। 

इस अवसर पर मंत्री, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की, कुलपति, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची डॉ० सुनील चंद्र दुबे, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, निदेशक, भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, रांची डॉ० सुजय रक्षित, निदेशक, प्रसार शिक्षा बिरसा कृषि विश्वविद्यालय डॉ० जगरनाथ उरांव सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।

झारखंड सीएम हेमंत एवं कल्पना सोरेन ने विवाह के वर्षगांठ पर की असम के विश्व प्रसिद्ध मां कामाख्या मंदिर में पूजा ,मांगी राज्य के लिए खुशहाली


झारखंड डेस्क 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन की आज 19वीं शादी की सालगिरह है। विवाह के वर्षगांठ के अवसर पर आज दोनों ने असम में विश्व प्रसिद्ध प्राचीन मां कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना की।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'आज विवाह के वर्षगांठ के अवसर पर असम में विश्व प्रसिद्ध प्राचीन मां कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना की। मां कामाख्या सभी को सुखी, समृद्ध और स्वस्थ जीवन प्रदान करें, यही कामना करता हूं।' वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्नी कल्पना सोरेन के साथ तस्वीरें भी साझा की।

बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख शिबू सोरेन के बड़े बेटे की शादी ओडिशा में हुई है। ओडिशा की रहने वाली कल्पना सोरेन से शिबू सोरेन परिवार की पहली मुलाकात एक शादी समारोह में हुई। बताया जाता है कि पहली नजर में शिबू सोरेन परिवार ने कल्पना सोरेन को अपनी बहू के रूप में स्वीकार कर लिया। फिर दोनों परिवारों की आपसी सहमति से शादी की तारीख तय हो गई। संताली रीति-रिवाज से दोनों की शादी हुई। वैलेंटाइन वीक के पहले दिन 7 फरवरी 2006 को दोनों शादी के बंधन में बंध गए। हेमंत सोरेन की बारात रामगढ़ के पैतृक गांव नेमरा से क्योंझर के लिए रवाना हुआ। जब हेमंत सोरेन की शादी हुई, उस वक्त उनके पिता शिबू सोरेन केंद्र सरकार में कोयला मंत्री थे।

पी०वी०यु०एन०एल०, पतरातू की कल्याणकारी संस्था स्वर्ण रेखा महिला समिति सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना जगाने के लिए प्रतिबद्ध


इस संस्था को लेकर किसी तरह का भ्रामक खबर फैलाना पूर्वाग्रह से है प्रेरित, आपसी सहभागिता से किये जाते हैं कार्यक्रम

डेस्क खबर 

रामगढ़ : पी०वी०यु०एन०एल०, पतरातू की कल्याणकारी संस्था स्वर्ण रेखा महिला समिति द्वारा पिछले दिन आयोजित बसंत मेला को लेकर कुछ समाचार पत्रों में जिस तरह की भ्रामक ख़बरें प्रकाशित की गयी उसका समिति ने पुरजोड़ खंडन किया है.

इस सम्बन्ध में समिति की ओर से कहा गया है कि एक या दो समाचार पत्रों में जो खबर प्रकाशित किया गया कि संस्था ने लौटरी द्वारा दन संग्रह किया यह पूर्णत: तथ्यों से परे है.यह सही जानकारी वास्तविक तथ्यों पर आधारित नहीं हैं और इसमें भ्रामक दावे किए गये है। स्वर्ण रेखा महिला समिति द्वारा आयोजित बसंत मेला एक सास्कृतिक कार्यक्रम था जिसका थीम “विविधता में एकता" रखी गई थी.

जिसका उद्देश्य समुदाय के बीच सैहार्द्र बढाना था. यह आयोजन पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया था, और किसी प्रकार की अवैध वसूली या दबाव डाल कर धन-संग्रह करने के लिए लौटरी सिस्टम का उपयोग नहीं किया गया है.

 यह मेला मुख्य रूप से स्थानीय निवासियों, कर्मचारियों और उनके परिवारों के मनोरंजन एवं सामाजिक सहभागिता के लिए आयोजित किया गया था. इसमें विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद और पारंपरिक उत्सव शामिल थे. इससे प्राप्त राशि समिति द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओ मे व्यय किया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि स्वर्ण रेखा महिला समिति सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था है,और इस संस्था द्वारा इसके स्थापना काल 

आस-पास के गांवो में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओ का संचालन करती आयी है.

पीवीयुएनएल के स्थापन के समय से यह समिति महिला सदस्यों द्वारा बाल भवन, आस-पास के ग्राम के बच्चों के सर्पूण विकास हेतू विविध कार्यक्रम, महिलाओ के सशक्तिकरण हेतू सिलाई प्रशिक्षण, ब्युटिशियन प्रशिक्षण मशरूम प्रशिक्षण, स्कूल बच्चियों के स्वास्थ्य एवं मानसिक जगरूगता कार्यक्रम, गरीब व असाहयो के मध्य सामाग्री का वितरन इत्यादि कार्य निरन्तर कार्य करती आ रही है. जिससे क्षेत्र के लोग बच्चें महिलाएं लाभान्वित होती रही है.

यह संस्था अपने उद्देश्य और कार्यक्रमों के द्वारा क्षेत्र में सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना जागृत करने के लिए प्रतिबद्ध है और आपसी सहभागिता से यह काम करती आयी है. करती रहेगी.