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हादसा नहीं मर्डर! पटना पुलिस ने खोली ट्रिपल मर्डर की साजिश की पोल, एक को बचाने में चली गईं 2 जानें

बिहार की राजधानी पटना में हुई सड़क दुर्घटना की पुलिस ने पोल खोल दी. दरअसल, पटना में सोमवार रात एक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन जब पुलिस ने अपनी जांच के दायरे को आगे बढ़ाया तो सबकी आंखें खुली की खुली रह गईं. पुलिस ने पूरे मामले को 12 घंटे में ही सुलझा लेने का दावा किया.

पटना के बाढ़ अनुमंडल के अथमलगोला में सोमवार को देर रात सड़क हादसा हुआ था. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में पति-पत्नी शामिल थे. हादसे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी. पुलिस ने अपनी जांच के दायरे को बढ़ाना शुरू किया. पुलिस ने मौके पर डॉग स्क्वॉयड और एसएफएल की टीम को बुलाया था.

बचाव करने पर हत्या

इस घटना में एक शख्य नवीन घायल हो गया था. जब पुलिस ने उससे पूछताछ कि तब नवीन ने बताया कि हादसे में मृतक सुजीत की हत्या की साजिश रची गई थी. इस साजिश में अन्य लोग भी शामिल थे. नवीन और अन्य दोस्त पहले सुजीत को उसके घर से बुलाए और अपने साथ लेकर गए. वहां सभी ने सुजीत पर हमला कर दिया. इसी बीच में एक पति पत्नी बीच-बचाव करने पहुंचे. इस पर उनके उपर भी चाकू से हमला कर उनकी हत्या कर दी गई.

शव को सड़क पर छोड़ दिया था

इस घटना को अंजाम देने के बाद इन सभी ने शव को सड़क पर ही छोड़ दिया था, ताकि सब को यह प्रतीत हो कि तीनों की मौत सड़क हादसे में हो गई है, लेकिन पुलिस ने अपनी जांच में दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया. बहरहाल पुलिस ने एक आरोपी दोस्त को अपने गिरफ्त में ले लिया है और अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. पुलिस अभी भी मामले की आगे की जांच में जुटी हुई है.

पुलिस ने खोली पोल

इस पूरी घटना के बारे में जानकारी देते हुए एसडीपीओ अभिषेक सिंह ने बताया कि एक व्यक्ति सड़क मार्ग के द्वारा जा रहे थे. इसी क्रम में उन्होंने देखा कि सड़क पर चार लोग दो पुरुष, एक महिला और एक बच्चा गिरे हुए हैं. वहां दो बाइक भी गिरी हुई थी. उनको ऐसा लगा कि सड़क हादसा हो गया है. सड़क पर जाने वाले व्यक्ति हादसे में घायल मनीष नाम के युवक को पहचानते थे. उन्होंने तत्काल मनीष के परिजनों को इसकी सूचना दी. मनीष के परिजन मनीष और उनकी पत्नी को लेकर इलाज के लिए बख्तियारपुर लेकर गए, लेकिन उनकी मृत्यु हो गई.

जख्म नहीं दे रहे थे गवाही

एसडीपीओ ने बताया कि सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और अपनी जांच को शुरू की. शरीर के जख्म से स्पष्ट नहीं पा रहा था. इसलिए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. जब घटनास्थल की जांच की गई तो वहां बाइक नहीं मिली. जांच में सामने आया कि धनहा गांव के निवासी मृतक मनीष कुमार के घर में वह मोटरसाइकिल लगी हुई थी, जिस पर खून की धब्बे भी थे.

बाइक नहीं थी क्षतिग्रस्त

उन्होंने बताया कि जब मोटरसाइकिल की जांच की गई तो मोटरसाइकिल क्षतिग्रस्त नहीं पाई गई, जिसके बाद संदेह पैदा हुआ. इसी क्रम में जब जांच की गई तो अन्य जो दो घायल व्यक्ति थे, उनको बाढ़ अस्पताल से पीएमसीएच रेफर किया गया था. इस क्रम में एक घायल नवीन कुमार से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि चार-पांच लोग लूट साबित करने के लिए मेरे मोबाइल को छीन करके भाग गए.

इसी क्रम में घटना हुई. मौके से नवीन कुमार के मोबाइल को घटनास्थल से बरामद किया गया. उससे संदेह हुआ. जब आगे जांच की गई तब पता चला कि मृतक सुजीत कुमार को मारने की योजना से नवीन कुमार और अन्य लोग वहां गए हुए थे. सुजीत को साथ लेकर थम्हा वाली सड़क पर आए. इसी रोड पर मारपीट की जा रही थी.

ससुराल से लौट रहे थे पति-पत्नी

एसडीपीओ ने बताया कि मारपीट जब हो रही थी, इसी क्रम में मनीष कुमार और उनकी पत्नी अपने ससुराल से लौट रहे थे. वह सुजीत कुमार के पहचानते थे तो उन्होंने बचाव करने की कोशिश की. नवीन कुमार और अन्य के द्वारा चाकूबाजी की गई. इस क्रम में सभी लोग घायल हो गए, जिसमें नवीन को भी चाकू लगा है.

नवीन कुमार का इलाज पुलिस कस्टडी में कराया जा रहा है. एक अन्य को हिरासत में लिया गया है. उसकी संलिपतता पाई गई है. उनको पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया जाएगा. एसएफएल की टीम मौके का निरीक्षण कर रही है. साक्ष्य संकलन किया जा रहा है. अन्य लोगों के बारे में सत्यापन किया जा रहा है. उनकी भी गिरफ्तारी जल्द की जाएगी.

एक्शन में कानपुर DM, ऑफिस में नहीं मिले CMO और डॉक्टर; 34 लोगों का रोका वेतन

उत्तर प्रदेश के कानपुर सीएमओ समेत 34 स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. जिलाधिकारी सुबह अचानक जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर पहुंच गए. वहां सीएमओ, डॉक्टर और अन्य अधिकारी-कर्मचारी नदारद मिले. उन्होंने सभी का एक दिन का वेतन रोक दिया. साथ ही आगे लापरवाही बरतने पर विभागीय कार्रवाई की बात कही है. डीएम के औचक निरीक्षण से स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मच गया.

कानपुर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर सीएमओ ऑफिस पहुंचे. वहां समय पर अधिकतर अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित नहीं थे. हैरत तब हुई जब खुद मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने कार्यालय में मौजूद नहीं थे. उन्होंने रजिस्टर की जांच की. इस दौरान उन्हें मौके पर कुछ ही डॉक्टर और कर्मचारी मिले. इस दौरान डीएम ने अनुपस्थित मिले सभी अधिकारी और कर्मचारियों के एक दिन का वेतन रोके जाने का आदेश दिया.

स्वास्थ्य महकमे में मचा हड़कंप

जिलाधिकारी को ऑफिस में सीएमओ समेत 34 लोग अनुपस्थित मिले. इस बीच उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर की जांच पड़ताल भी की. जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने सीएमओ ऑफिस का औचक निरीक्षण के बाद सभी पर कार्रवाई करने की बात कही. उन्होंने सभी का एक दिन का वेतन रोकने के आदेश दे दिए. डीएम के अचानक सीएमओ ऑफिस पहुंचते ही कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. इस दौरान सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी समेत 34 लाेग उन्हें अनुपस्थित मिले.

CMO, 5 डॉक्टर और कर्मचारी थे अनुपस्थित

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अधिकारी सरकार के आदेशों को दरकिनार कर अपनी मनमानी कर रहे हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सीएमओ ऑफिस में निरीक्षण के दौरान उन्हें 10 से 5 डॉक्टर, 8 में से 7 कर्मचारी और 43 नियमित कर्मचारियों में से 13 अनुपस्थित मिले. उन्होंने बताया कि खुद इनके टीम लीडर सीएमओ 10 बजकर 20 मिनट तक मौजूद नहीं थे. उन्होंने बताया कि सुबह 10 बजे से 12 बजे तक सभी अधिकारी पब्लिक समस्याएं सुनने के लिए ऑफिस में मौजूद रहेंगे. इस दौरान अस्पताल के निरीक्षण में भी उन्होंने गंदगी पाए जाने पर कर्मचारियों को सीएमओ ऑफिस और कांशीराम अस्पताल में साफ-सफाई के लिए ध्यान रखने के लिए आदेश दिया.

सिर्फ गंगा में मिलता है ये तत्व, इसलिए खराब नहीं होता पानी; 12 साल चली रिसर्च में खुलासा

कई सालों से बहती आ रही गंगा नदी भारतीयों के लिए जितनी जीवनदायिनी है, उतना ही इस नदी का धार्मिक महत्व भी है. गंगा नदी का जिक्र कई धार्मिक ग्रंथों में मिलता है. गंगा जल हिंदुओं के लिए बहुत पवित्र है. गंगा का पानी कभी खराब नहीं होता, लेकिन सवाल ये है कि हर साल लाखों श्रद्धालुओं के गंगा में स्नान करने के बावजूद भी गंगा का पानी साफ कैसे रहता है?

हिमालय से निकलने वाली गंगा नदी हिंदुओं के लिए पूजा का स्थान है. गंगा के पानी को कई महीनों तक स्टोर कर रखा जा सकता है. वह खराब नहीं होता. इतना ही नहीं, धार्मिक त्योहारों के दौरान हर साल लाखों श्रद्धालु स्नान करते हैं, फिर भी इससे कोई महामारी या बीमारी नहीं फैलती. गंगा अपने अंदर मौजूद तीन तत्व की वजह से साफ रहती है.

खुद को साफ रखने का गुण

‘राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी एवं अनुसंधान संस्थान’ (national institute of environmental engineering and research) के वैज्ञानिकों ने गंगा के ऊपर रिसर्च किया. इसमें सामने आया कि गंगा के पानी में खुद को साफ रखने का गुण है. गंगा के पानी में भारी मात्रा में ‘बैक्टीरियोफेज’ मौजूद होता है, जो गंगा जल को प्रदूषित होने से बचाता है. यह रिसर्च केंद्र सरकार के ‘स्वच्छ गंगा मिशन’ के तहत NIRI के रिसर्चर डॉ. कृष्ण खैरनार के नेतृत्व में किया गया. इस रिसर्च के लिए गंगा को तीन चरणों में बांटा गया. इनमें पहला गोमुख से हरिद्वार, दूसरा हरिद्वार से पटना और तीसरा पटना से गंगासागर है.

50 अलग-अलग जगहों से सैंपल

NIRI के रिसर्चर डॉ. कृष्ण खैरनार ने जवाब दिया है. रिसर्चर्स ने 50 अलग-अलग जगहों से गंगा का पानी और नदी तल की रेत और मिट्टी के सैंपल लिए. उन्होंने कहा कि हमने पाया कि गंगा नदी में खुद को शुद्ध करने के गुण हैं. रिसर्चर ने पिछले कुंभ मेले के दौरान भी सैंपल इकट्ठा किए थे. हमने गंगा जल में बैक्टीरियोफेज पाए, जो पानी में मौजूद कीटाणुओं को नष्ट करते हैं.

ऑक्सीजन की मात्रा काफी ज्यादा

कृष्णा खैरनार ने आगे कहा कि इसके साथ ही रिसर्च से पता चला है कि गंगा के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा काफी ज्यादा है. गंगा जल में ऑक्सीजन का स्तर 20 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पाया गया. इसके साथ ही, टेरपिन नामक एक फाइटोकेमिकल भी पाया गया. ये तीन सिद्धांत गंगा के पानी को शुद्ध रखते हैं. खैरनार ने कहा कि गंगा का पानी कभी खराब नहीं होता.

सिर्फ गंगा नदी में ही मौजूद

यही नहीं रिसर्चर ने ये भी पता लगा लिया है कि क्या ये सिद्धांत सिर्फ गंगा नदी में ही मौजूद हैं, जो अपने पानी को शुद्ध करने का गुण रखती है, या फिर और नदियों में भी मौजूद हैं. इसके लिए यमुना और नर्मदा नदियों के पानी पर भी रिसर्च किया गया. हालांकि, यह बात सामने आई कि गंगा जल में मौजूद तत्व इन नदियों के पानी में बहुत कम मात्रा में मौजूद है.

12 साल चली गंगा पर रिसर्च

इस समय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन हो रहा है. महाकुंभ में पहुंचकर लाखों श्रद्धालु रोज गंगा में स्नान कर रहे हैं, लेकिन गंगा का पानी स्नान से पांच किलोमीटर दूर जाकर ही शुद्ध हो जाता है. गंगा नदी में खुद को शुद्ध करने का गुण है. इसलिए गंगा का पानी खराब नहीं होता. इस बात का पता नागपुर के रिसर्चर्स 12 सालों की कड़ी मेहनत और रिसर्च के जरिए लगाया है.

उत्तर प्रदेश: फतेहपुर में दो मालगाड़ियों की भिड़ंत, दो इंजन और गार्ड कोच बेपटरी; दो रेलवे अधिकारी घायल

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में दो मालगाड़ी आपस में टकरा गईं. एक मालगाड़ी ने दूसरी मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी, जिससे दो इंजन और एक गार्ड कोच बेपटरी हो गया. हादसे में एक लोको पायलट समेत दो रेलवे अधिकारी घायल हुए हैं. हादसे की जानकारी मिलते ही रेलवे विभाग मे हड़कंप मच गया. घटनास्थल पर रेलवे अधिकारी और कर्मचारी पहुंच गए हैं. हादसे से रेलवे ट्रैक बाधित जो गया, राहत कार्य कर उसे सुचारू किया जा रहा है. हादसा खागा के समीप डीएफसी रेलवे ट्रैक पर हुआ है.

दोनों मालगाड़ी की टक्कर से इलाके में कोहराम मच गया. बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए. मौके पर पहुंचे रेलवे अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं. हादसा उस दौरान हुआ जब एक ही ट्रैक पर आगे-पीछे मालगाड़ी आ गईं और उनमें टक्कर हो गई. हादसे के बाद डीएफसी की अपलाइन हावड़ा-दिल्ली ट्रैक बाधित हुआ है.

पीछे से टकराई मालगाड़ी

जानकारी के मुताबिक, जिले के खागा थाना क्षेत्र के गांव पांभीपुर इलाके के न्यू रसूलाबाद और न्यू सुजातपुर के बीच डेडीकेटेड फ्रेंट कॉरिडोर लाइन पर मंगलवार सुबह हादसा हो गया. यहां कोयला से लदी खड़ी मालगाड़ी के पीछे से प्रयागराज-कानपुर की ओर से आ रही दूसरी मालगाड़ी ट्रेन पीछे से जा टकराई. दूसरी मालगाड़ी ट्रेन में भी कोयला लदा था. जोरदार टक्कर से तेज आवाज गूंज उठी. हादसे से दो इंजन और गार्ड कोच बेपटरी होकर ट्रैक से नीच उतर गए.

लोको पायलट और को-पायलट घायल

हादसे से डीएफसी की हावड़ा-दिल्ली अपलाइन बाधित हो गई. हादसे की जानकरी मिलते ही घटनास्थल पर रेलवे अधिकारी पहुंच गए. घायल लोको पायलट और को-पायलट को अस्पताल ले जाया गया. हादसा सुबह करीब 5 बजे हुआ. पीछे से टकराने वाली मालगाड़ी प्रयागराज-कानपुर की ओर से आ रही थी. उसी ट्रैक पर दूसरी मालगाड़ी कोयले से लदी खड़ी थी, तभी वह आपस में टकरा गईं और हादसा हो गया. राहत दल द्वारा ट्रैक को सुचारू किया जा रहा है.

उत्तर प्रदेश: सहारनपुर मेडिकल कॉलेज में बड़ा घोटाला, एक रुपये के लिफाफे को खरीदा गया 246 रुपये में

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के मेडिकल कॉलेज में स्टेशनरी घोटाले में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. यहां मेडिकल कॉलेज में हुए एक स्टेशनरी घोटाले में जांच के बाद पता चला कि कॉलेज में स्टेशनरी खरीद के नाम पर लाखों का घोटाला किया गया. घोटाला भी ऐसा जिसे सुनकर कोई भी हैरान हो जाए. बाजार में जिस लिफाफे की कीमत मात्र 1 रुपए है. उस लिफाफे को 246 और 123 रुपए में खरीदा गया है. आप भी यही सोच रहे होंगे कि इतना मंहगा तो अमेरिका में भी नहीं होगा. अब इस मामले में एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है. उसके बाद ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

सहारनपुर के पिलखनी में शेख-उल हिंद मौलाना महमूद हसन मेडिकल कॉलेज है. यहां साल 2018 में टेंडर प्रक्रिया में बड़ी धांधली हुई, जिसके बाद स्टेशनरी घोटाले की खबर सामने आई थी. जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज में साल 2018 में स्टेशनरी और कंटीजेंसी के समान खरीदे गए थे और उन सभी समान का भुगतान कीमत से कई गुना ज्यादा किया गया था, जिस लिफाफे को बाजार से महज एक रुपये में खरीदा जा सकता था. उस लिफाफे को 123 रुपए से 246 रुपए तक खरीदा गया. इतना ही नहीं स्टेशनरी के अन्य समान को भी 30 प्रतिशत से ज्यादा कीमत देकर खरीदा गया.

जांच के लिए कमेटी का गठन

कॉलेज में हुए इस घोटाले की जांच फाइनेंस कंट्रोलर ने की. जांच में ये सारा गोलमाल देखकर वो भी चकरा गए, जिसके बाद एक रिपोर्ट बनाई गई और मेडिकल कॉलेज के आउटसोर्सिंग क्लर्क फैजान और जिग्नेश की तत्काल सेवाएं समाप्त कर दी गई. वहीं इस मामले में मेडिकल कालेज के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉक्टर अरविंद द्विवेदी भी जांच के घेरे में आ गए थे. तत्कालीन कमिश्नर संजय कुमार ने इस पूरे घोटाले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था, जिसके बाद कमेटी ने एक रिपोर्ट बनाकर कमिश्नर को भेजी और उस रिपोर्ट के आधार पर एक चार्जशीट बनाकर शासन को भेजी गई.

दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

अब उस चार्जशीट पर एक आरोप पत्र शासन से नए कमिश्नर अटल कुमार राय को मिला है. बताया जा रहा है कि आरोप पत्र में तत्कालीन प्रिंसिपल दोषी पाए गए हैं. अब इस आरोप पत्र के आधार पर सहारनपुर कमिश्नर अटल कुमार राय ने तत्कालीन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर द्विवेदी से सबूत मांगे हैं. उन्हें पेश होने का आदेश दिया है. सहारनपुर के कमिश्नर अटल कुमार राय का कहना है कि इस मामले की एक फाइनल रिपोर्ट बनाकर जल्दी ही शासन को भेजी जाएगी और जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

मुझे बिरयानी-चिकन फ्राई चाहिए…बच्चे के वायरल वीडियो पर मंत्री ने लिया बड़ा एक्शन

केरल के एक आंगनवाड़ी केंद्र में उपमा की जगह बिरयानी और चिकन फ्राई मांगने वाले एक बच्चे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद केरल के ऐसे बाल देखभाल केंद्रों की खाने के मेन्यू में बदलाव की संभावना है. राज्य की स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री वीना जॉर्ज ने सोमवार को अपने ‘फेसबुक’ पेज पर शंकु नामक एक बच्चे का वीडियो शेयर किया, जिसमें वह इस तरह का अनुरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी की खाने के मेन्यू में बदलाव किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि बच्चे ने मासूमियत में यह अनुरोध किया है और इस पर विचार किया जा रहा है. शंकु, उसकी मां और आंगनवाड़ी कर्मचारियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए मंत्री ने कहा कि शंकु के सुझाव को ध्यान में रखते हुए मेन्यू की समीक्षा की जाएगी.

‘मुझे बिरयानी और चिकन फ्राई चाहिए’

जॉर्ज ने बताया कि बच्चों को पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के लिए आंगनवाड़ियों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के भोजन उपलब्ध कराए जाते हैं. वीडियो में टोपी पहने हुए बच्चे को मासूमियत से अपनी मां से कहते हुए सुना जा सकता है, मुझे आंगनवाड़ी में उपमा की जगह ‘बिरनानी’ (बिरयानी) और ‘पोरिचा कोझी’ (चिकन फ्राई) चाहिए. उनकी मां ने बताया कि घर पर बिरयानी खाते समय उन्होंने यह वीडियो बनाया और फिर इसे सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम’ पर पोस्ट कर दिया जिसके बाद यह वायरल हो गया.

आंगनवाड़ी के मेन्यू में करेंगे बदलाव

दरअसल बाल कल्याण मंत्री वीना जॉर्ज ने अपने फेसबुक पेज पर शंकू नाम के एक बच्चे का ऐसा अनुरोध करते हुए वीडियो शेयर किया और कहा कि आंगनवाड़ी के मेन्यू में बदलाव किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बच्चे ने मासूमियत में यह अनुरोध किया है और इस पर विचार किया जा रहा है.

बच्चों के मिलते हैं अंडे और दूध

जॉर्ज ने कहा, इस सरकार के तहत, आंगनबाड़ियों के माध्यम से अंडे और दूध उपलब्ध कराने की योजना सफलतापूर्वक लागू की गई है. महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से, स्थानीय निकाय आंगनबाड़ियों में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराते हैं. वायरल वीडियो में, टोपी पहने हुए बच्चे को मासूमियत से अपनी मां से पूछते हुए सुना गया, मुझे आंगनवाड़ी में उपमा के बजाय ‘बिरनानी’ (बिरयानी) और ‘पोरिचा कोझी’ (चिकन फ्राई) चाहिए.

बिरयानी और चिकन फ्राई की पेशकश

बच्चे की मां ने कहा कि घर पर बिरयानी खाते समय जब उन्होंने अनुरोध किया तो उन्होंने वीडियो बनाया, फिर इसे इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, जहां यह वायरल हो गया. उन्होंने बताया कि वीडियो देखने के बाद, हमें कुछ लोगों के फोन आए जिन्होंने शंकू को बिरयानी और चिकन फ्राई की पेशकश की. नेटिज़न्स ने भी बच्चे के अनुरोध का समर्थन किया, कुछ लोगों ने सुझाव दिया कि सरकार को जेलों में दोषियों को दिए जाने वाले भोजन को कम करना चाहिए और आंगनबाड़ियों के माध्यम से बच्चों को बेहतर भोजन प्रदान करना चाहिए.

बिहार वालों के लिए खुशखबरी! शुरू होने वाली है पहली स्लीपर वंदे भारत, मिलेंगी ये सुविधाएं

बिहार में लोकल में सफर करने वाले यात्रियों को गर्मी और ठंड से राहत मिलने वाली है. राज्य को पहली पैसेंजर वंदे भारत ट्रेन मिलने वाली है. इसके अलावा बिहार में प्रथम फेज में चार नमो भारत ट्रेनें भी शुरू होने वाली हैं.

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बिहार में अभी 12 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं, जो 15 जिलों से होकर गुजरती हैं. उन्होंने कहा कि इस ट्रेन से कम दूरी वाले शहरों में आने जाने के लिए यात्रियों को सीधे सुविधा मिलेगी. साथ ही इससे 300 से 500 किमी का रोजाना सफर करने वाले लोगों को फायदा मिलेगा.

किया जा रहा है 90 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बिहार में रेलवे द्वारा लगभग 90 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया जा रहा है. चेयर कार कोच के बाद अब बिहार से स्लीपर कोच वाली वंदे भारत का परिचालन किया जाएगा. इस ट्रेन में 6 एसी कोच और 10 जनरल कोच हैं. साथ ही इसकी गति 140 किमी प्रतिघंटे होगी. रेलमंत्री ने कहा कि बिहार में सांस्कृतिक पर्यटन और औद्योगिक सुविधाएं बढ़ी हैं.

मिलेगी नमो भारत की सुविधा

रेल मंत्री ने कहा कि बिहार में वंदे भारत की सफलता के बाद अब नमो ट्रेन की सुविधा भी राज्य के लोगों को मिलेगी. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बजट 2025-26 में भारतीय रेल के विकास के लिए रिकॉर्ड 252200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

चल रहा है कवच लगाने का सिस्टम

यूपीए के कार्यकाल में 2009 से 2014 तक हर वर्ष बिहार में औसतन 1132 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे जो कि इस वर्ष 10 हजार 66 करोड़ कर दिया गया गया है. वहीं बिहार को इस बार 10,066 करोड़ रुपये मिले हैं, जो पिछली यूपीए सरकार के समय से 9 गुना है. 2014 से अब तक बिहार में 1832 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाई जा चुकी है, यह मलेशिया के पूरे रेल नेटवर्क के बराबर है. वहीं 1783 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर कवच सिस्टम लगाने का काम भी चल रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रैमी पुरस्कार विजेता चंद्रिका टंडन को दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय-अमेरिकी गायिका चंद्रिका टंडन को ग्रैमी पुरस्कार जीतने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह सराहनीय है कि वह भारतीय संस्कृति के प्रति इतनी जुनूनी हैं और इसे लोकप्रिय बनाने के लिए काम कर रही हैं. टंडन ने एल्बम ‘त्रिवेणी’ के लिए बेस्ट न्यू एज, एम्बिएंट या चैंट एल्बम श्रेणी में ग्रैमी पुरस्कार जीता है. रिकॉर्डिंग अकादमी के सबसे बड़े संगीत पुरस्कार समारोह का 67वां एडिशन रविवार को लॉस एंजिलिस में आयोजित किया गया.

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि एल्बम त्रिवेणी के लिए ग्रैमी जीतने पर चंद्रिका टंडन को बधाई. एक उद्यमी, परोपकारी और निश्चित रूप से संगीत के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों पर हमें बहुत गर्व है!

भारतीय संस्कृति के लिए जुनूनी

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सराहनीय है कि वह भारतीय संस्कृति के प्रति कितनी जुनूनी हैं और इसे लोकप्रिय बनाने के लिए काम कर रही हैं. वह कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे 2023 में न्यूयॉर्क में उनसे हुई मुलाकात याद है.

100 मिलियन डॉलर का दान

चंद्रिका टंडन एक प्रसिद्ध वैश्विक व्यापार नेता, परोपकारी और आईआईएम अहमदाबाद से स्नातक हैं, जिन्हें शिक्षा और कला में उनके प्रमुख योगदान के लिए जाना जाता है. 2015 में, उन्होंने और उनके पति ने न्यूयॉर्क स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग को 100 मिलियन डॉलर का दान दिया, जिसका नाम अब उनके नाम पर है.

कैपिटल एसोसिएट्स की स्थापना

संगीतकार टंडन को 2010 में उनके एल्बम ‘ओम नमो नारायण: सोल कॉल’ के लिए ग्रैमी के लिए नॉमिनेट किया गया था. उन्होंने मैकिन्जी में पहली भारतीय अमेरिकी महिला भागीदार के रूप में इतिहास बनाया और टंडन कैपिटल एसोसिएट्स की स्थापना की, जो संस्थागत पुनर्गठन में माहिर है. हाल ही में, उन्हें प्रमुख कलाकारों के साथ एक पुरस्कार के लिए नामांकन मिला, जबकि उनकी सौतेली बहन नोरा जोन्स ने सर्वश्रेष्ठ पारंपरिक पॉप वोकल एल्बम के लिए पुरस्कार जीता.

गाजीपुर का ‘गुलाबी मशरूम’, कैंसर से भी लड़ने में है कारगर; किसान कर रहे इसकी खेती

मशरूम का सेवन करने से शरीर को आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स मिलते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ढींगरी मशरूम की एक गुलाबी प्रजाति भी है, जो कैंसर जैसे रोगों के इलाज में सहायक हो सकती है? यह गुलाबी मशरूम, जिसे ‘प्लुरोटस जामोर’ के नाम से जाना जाता है.

कृषि विज्ञान केंद्र के पौध सुरक्षा वैज्ञानिक ओंकार सिंह ने बताया कि गुलाबी रंग का ढींगरी मशरूम जिसे प्रयोग के तौर पर गाजीपुर में उगाने का प्रयास किया गया है, यह प्रयास सफल रहा है. अब इसके बाद इसे उत्पादन के लिए किसानों को भी दिया जाएगा.

कैंसर जैसे रोगों से लड़ने में काफी सक्षम

ओंकार सिंह ने बताया कि बताया कि इस मशरूम की खासियत यह है कि यह कैंसर जैसे असाध्य रोगों से लड़ने में काफी सक्षम होता है. साथ ही यह बैड कोलेस्ट्रॉल की समस्या को भी शरीर से दूर करने में मदद करता है. गुलाबी ऑयस्टर मशरूम में बहुत अधिक पोषक तत्व होते हैं.

इसमें विभिन्न प्रकार के प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज आदि होते हैं, जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने, सूजन से लड़ने और हृदय रोगों को रोकने में मदद करते हैं. यानी कि गुलाबी रंग का मशरूम देखने में जितना खूबसूरत होता है, उतना ही यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभकारी होता है.

प्लुरोटस जामोर मूल रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया की प्रजाति है और यह प्लुरोटसी परिवार से संबंधित है. अभी तक गाजीपुर में इस प्रकार के मशरूम का उत्पादन नहीं हुआ था.

मशरूम की खेती काफी फायदेमंद

मशरूम की खेती हमेशा से किसानों के लिए काफी फायदेमंद रही है. इसकी खेती जिले के 25 से 30 किसान कर रहे हैं, जो जनपद के विभिन्न इलाकों में हैं. वहीं, बटन मशरूम की खेती भी जनपद के कई इलाकों में बड़े मात्रा में किसान कर रहे हैं और मालामाल हो रहे हैं.

इसे घर में भी लगा जा सकत हैं किसान

ओंकार सिंह ने बताया कि गुलाबी और सफेद रंग वाले ढींगरी मशरूम को आसानी से घर में भी लगाया जा सकता है. इसके लिए थोड़ा सा भूसा, प्लास्टिक बैग और एक छोटा सा कमरा चाहिए. इसके लिए धान का भूसा पानी में 15 से 20 घंटे भिगोने के बाद अतिरिक्त पानी निकालकर उसे प्लास्टिक बैग या गत्ते के डिब्बे में भरकर रखा जा सकता है.

प्रत्येक बैग में 5 ग्राम तक मशरूम के बीज डालने के बाद उसे अंधेरे कमरे में रखकर उचित तापमान में रखा जाता है, जिसकी आद्रता (Humidity) 85 से 90% होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि गुलाबी मशरूम मौजूदा समय में 200 से ₹300 प्रति 250 ग्राम बिकता है और सूखने के बाद इसका रेट ₹1000 किलो तक पहुंच जाता है.

मथुरा में उड़ने लगा अबीर-गुलाल, 40 दिन रंगों में सराबोर रहेंगे भक्त और भगवान

सब जग होरी ब्रज में होरा, कैसा यह देश निगोरा”… होली का त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन ब्रज में होली का उत्सव कुछ खास होता है. यहां होली सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि पूरे 40 दिनों तक मनाई जाती है. जी हां, ब्रज में होली का माहौल अद्भुत होता है. आज, बसंत पंचमी के दिन ब्रज में होली का शुभारंभ हुआ और अब यह उत्सव 40 दिनों तक निरंतर चलता रहेगा.

आज बसंत पंचमी के अवसर पर श्री कृष्ण की नगरी मथुरा के वृंदावन, जिसे संतों की नगरी कहा जाता है, में होली की धूम देखने को मिली. लाखों श्रद्धालु तीर्थ नदी वृंदावन पहुंचे और भगवान के साथ होली खेलने के लिए बहुत उत्साहित थे.

बांके बिहारी मंदिर में होली की शुरुआत

आज बसंत पंचमी के दिन विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में होली की शुरुआत हुई. यहां से गुलाल उड़ाने की परंपरा शुरू हो गई, जिसे सूखी होली के नाम से जाना जाता है. इस उत्सव के दौरान, ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत हर सुबह भक्तों पर गुलाल उड़ाएंगे. यह उत्सव आने वाले 40 दिनों तक चलता रहेगा.

आज के दिन बांके बिहारी महाराज ने बसंती रंग की पोशाक पहनी और भक्तों के साथ होली खेलते हुए गालों पर गुलाल चप्पे लगाए. जैसे ही मंदिर के द्वार खुले, भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा और सभी अपने आराध्य के साथ होली खेलने के लिए उत्साहित नजर आए.

भक्तों के बीच उल्लास और जयकारे

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में जैसे ही आरती समाप्त हुई, मंदिर के सेवायतों ने गुलाल उड़ाना शुरू कर दिया. इसके बाद भक्तों ने ठाकुर बांके बिहारी महाराज के जयकारे लगाते हुए मंदिर प्रांगण को गूंजायमान कर दिया. भक्तों ने खुशी-खुशी होली के गीत गाए और इस उत्सव का आनंद लिया.

वृंदावन के अन्य मंदिरों में भी होली की शुरुआत

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के साथ साथ वृंदावन के अन्य प्रमुख मंदिरों जैसे निधिवन, राधावल्लभ, राधा रमण आदि में भी होली की शुरुआत हो गई. यहां भी होली का उत्सव 40 दिनों तक चलता रहेगा और भक्त भगवान के साथ रंगों में सराबोर होकर इस पर्व का आनंद लेंगे.

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत आशीष गोस्वामी ने बताया कि आज से बृज की 40 दिन की होली की शुरुआत हो गई है. ठाकुर बांके बिहारी महाराज ने बसंती रंग की पोशाक पहनी है और भक्तों के साथ होली खेल रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आज ठाकुर बांके बिहारी महाराज को विशेष भोग भी अर्पित किया गया.

इस प्रकार, ब्रज में होली का उत्सव भक्तों के लिए एक अनमोल अनुभव होता है, जो 40 दिनों तक प्रेम, रंग और उल्लास का प्रतीक बनकर चलता रहता है